वैश्विक आतंकवाद सूचकांक, 2018

‘इंस्टीट्यूट फॉर इकोनॉमिक्स एंड पीस’ वैश्विक आतंकवाद सूचकांक जारी करता है। यह सूचकांक का 12वां संस्करण था।

वैश्विक आतंकवाद सूचकांक 163 देशों और जो दुनिया की 99.7 प्रतिशत आबादी को शामिल करता है, यह आतंकवाद के प्रभाव का विश्लेषण करने वाला एक व्यापक अध्ययन है।

सूचकांक में शीर्ष देश इराक है और भारत 7वें स्थान पर है। सूचकांक प्रत्येक देश को 0 से 10 तक पैमाने पर स्कोर प्रदान करता है; जहां 0 आतंकवाद से कोई प्रभाव नहीं दर्शाता है और 10 आतंकवाद के उच्चतम मापनीय प्रभाव को दर्शाता है।

आतंकवादी समूह

1. इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड द लेवेंट (ISIL): इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड द लेवेंट, को अक्सर ISIL, ISIS या Daesh कहा जाता है, 2017 में सबसे सक्रिय आतंकवादी संगठन था। जिन देशों में इसने स्वायत्त इस्लामवादी राज्य बनाने की मांग की थी, मुख्य रूप से इराक और सीरिया 2017 में इन देशों में ISIL की उपस्थिति और प्रभाव में काफी कमी आई। ISIL के हमलों की घातकता, या प्रति हमले मौतें भी आठ से गिरकर 4.9 हो गई हैं। इतनी गिरावट के बावजूद, ISIL 2017 में दस देशों में सक्रिय था। इस्लामिक स्टेट द्वारा किए गए हमलों में से 69 प्रतिशत हमले बम विस्फोट या विस्फोटक द्वारा थे।

2. तालिबानः तालिबान, अफगानिस्तान में 1994 में एक प्रतिक्रियावादी समूह के रूप में उभरा यह जो 1979 के सोवियत आक्रमण के खिलाफ लड़े दोनों मुजाहिदीन और पश्तून आदिवासियों के समूहों के मिलन का परिणाम था। तालिबान ने 1996 में अफगानिस्तान पर नियंत्रण कर लिया था। समूह ने देश को इस्लामी साम्राज्य घोषित किया और इसके नेता को राज्य के प्रमुख की भूमिका के लिए प्रचारित किया। 2001 में नाटो ने अफगानिस्तान पर आक्रमण कर तालिबान को हटा दिया। यह तब से लगातार अपने खोए हुए क्षेत्र पर नियंत्रण हासिल कर रहा है। यह 70 प्रतिशत से अधिक अफगानी प्रांत में अत्यधिक सक्रिय उपस्थिति बनाए हुए है। 2002 से तालिबान द्वारा किए गए आतंकवादी हमलों द्वारा कुल मौतों में से 82 प्रतिशत मौतें पिछले पाँच वर्षों में हुई हैं। 2017 में तालिबान ने नागरिकों पर हमलों से ध्यान हटाकर पुलिस और सैन्य कर्मियों पर हमलों को बढ़ाया है।

3. अल-शबाबः अल-शबाब, पूर्वी अफ्रीका में सक्रिय एक सलाफी आतंकवादी समूह है। यह संगठन 2006 में सोमालिया की राजधानी में एक लड़ाई के बाद उभरा। सोमालिया में स्थित अल-कायदा से संबद्ध यह आतंकवादी समूह केन्या और सोमालिया में इस्लामवादी राज्य की आकांक्षा रखता है।

अफ्रीकी संघ की शांति रक्षा सेना (The African Union Mission in Somalia-AMISOM) 2007 से अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र की सहायता से अल-शबाब के खिलाफ लड़ रही हैं। 2017 में अल-शबाब के खिलाफ सोमालिया में अमेरिकी सैनिकों को तैनात किया गया था और हवाई हमले किए गए। सोमालिया की राजनीतिक और सुरक्षा संस्थानों की कमजोरी ने अल-शबाब को अत्यधिक विनाशकारी आतंकवादी हमलों के लिए प्रोत्साहित किया। 2017 में बीस सबसे बड़े आतंकवादी हमलों में से दो को अल-शबाब ने अंजाम दिया।

4. बोको हरमः जमातु अहलिस सुन्ना लिद्दावती वाल-जिहाद (Jama'tu Ahlis Sunna Lidda'awati wal-Jihad) या इसे दुनिया के सबसे घातक आतंकी समूह बोको हरम के नाम से भी जाना जाता है। इसके हमलों में 2014 के मुकाबले 2017 में महत्वपूर्ण गिरावट आई है। हालांकि, समूह 2017 तक नाइजीरिया में सबसे सक्रिय आतंकवादी संगठन रहा।

मूल रूप से बोको हराम का गठन पूर्वोत्तर नाइजीरिया में चाड झील की सीमा क्षेत्र में किया गया था, लेकिन ये अब चाड, कैमरून और नाइजर में फैल गया है।

2014 और 2016 के बीच गतिविधि में महत्वपूर्ण गिरावट के बाद, बोको हरम ने 2017 में अपनी गतिविधि में वृद्धि की। इसने 2017 में 40 प्रतिशत अधिक हमले किए और 15 प्रतिशत अधिक मौतों के लिए जिम्मेदार है।