कृत्रिम बुद्धिमत्ताः एक विघटनकारी प्रौद्योगिकी

एआई पूरे प्रौद्योगिकी परिदृश्य पर हावी हो रहा है और व्यवसायों को बदल रहा है; विशेष रूप से उपभोक्ता केंद्रित कंपनियों को। एआई के बढ़ते प्रसार के साथ, इसका प्रभाव अन्य उद्योगों में भी देखा जा सकता है।

2017 में संचालित पीडब्ल्यूसी के एक अध्ययनानुसार, एआई को अपनाने से वैश्विक अर्थव्यवस्था 2030 तक 14 प्रतिशत बढ़ जाएगी। यह वैश्विक अर्थव्यवस्था में 15.7 ट्रिलियन डॉलर को जोड़ेगी।

  • इकोनॉमिस्ट इंटेलिजेंस यूनिट नेइंटेलिजेंट इकोनॉमीजः एआई ऑफ इंडस्ट्रीज एंड सोसाइटीज,’ शीर्षक से रिपोर्ट प्रकाशित की, जिसके अनुसार 90 प्रतिशत वैश्विक व्यवसाय पर एआई के विकास का सकारात्मक प्रभाव पड़ने की उम्मीद है। 86 प्रतिशत को उम्मीद है कि एआई उत्पादकता को बढ़ावा देगा।
  • कृत्रिम बुद्धिमता के व्यापक अनुप्रयोग उद्योगों के लिए प्रासंगिक हैं। एआई के प्रभाव को सभी उद्योगों में महसूस किया जा सकता है। मगर, हेल्थकेयर, बैंकिंग, रिटेल, उपभोक्ता सेवा जैसे कुछ क्षेत्र हैं, जिनमें इस प्रौद्योगिकी के विकास से सबसे अधिक बदलाव होने वाला है।

कृत्रिम बुद्धिमत्ता और हेल्थकेयर

कृत्रिम बुद्धिमत्ता की स्वास्थ्य देखभाल उद्योग के हर पहलू में क्रांति लाने की क्षमता है, अस्पताल की देखभाल से लेकर नैदानिक अनुसंधान, दवा विकास से लेकर बीमा तक। भारी मात्रा में उत्पन्न डेटा को संसाधित और विश्लेषण करने में इसका उपयोग किया जा सकता है, जिससे डॉक्टरों को उपचार के बारे में अधिक सही निर्णय लेने में मदद मिलेगी।

  • उदाहरण के लिए डॉक्सपर (Doxper) एक हेल्थकेयर क्षेत्र में काम करने वाला भारतीय एआई स्टार्टअप है और यह डॉक्टर-मरीज के बीच संवाद में सुधार करता है। यह रिकॉर्ड को सुरक्षित रखने में मदद करता है और रोगी के साथ सरल संवाद करता है। यह स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र को अपने रोगियों के रिकॉर्ड को डिजिटल बनाने में मदद करता है।
  • एआई, रोगियों के लिए एक आभासी निजी सहायक के रूप में कार्य कर सकता है और 24/7 निगरानी कर सकता है। यह लागत में कटौती करने में मदद कर सकता है। इसके अलावा, वर्चुअल बॉट मरीजों के सबसे अधिक पूछे जाने वाले सवालों का जवाब दे सकता है। वर्चुअल रिकमेंडेशन सिस्टम मरीज के इतिहास के आधार पर सही डॉक्टरों की सिफारिश कर सकता है।
  • दूसरे शब्दों में एआई व्यापक पैमाने पर सभी सरल कार्यों को कर लेगा तथा डॉक्टरों और नर्सों को रोगी के निदान एवं उपचार पर ध्यान केंद्रित करने में सहायता करेगा।
  • उदाहरण के लिए, NIRAMAI (Non-Invasive Risk Assessment with Machine Intelligence) एक नया स्तन कैंसर स्क्रीनिंग समाधान है। यह स्तन कैंसर का पता लगाने के लिए एक लागत-प्रभावी तरीका प्रदान करता है। यह मैमोग्राफी की मौजूदा पद्धति का एक बेहतर विकल्प है, जिसके लिए अधिक पैसे की आवश्यकता होती है।

कृत्रिम बुद्धिमत्ता और बैंकिंग

  • बैंकिंग क्षेत्र में कृत्रिम बुद्धिमत्ता के उपयोग की व्यापक संभावनाएँ है, इसका प्रयोग ग्राहक अनुभव से लेकर कोर बैंकिंग समाधान प्रदान करने में किया जा सकता है। कृत्रिम बुद्धिमत्ता दस्तावेज समीक्षा जैसे क्षेत्रों में थकाऊ मैनुअल हस्तक्षेप की आवश्यकता को समाप्त करते हुए, रोबोट प्रक्रिया स्वचालन या प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण के माध्यम से व्यावसायिक प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने में मदद कर सकता है।
  • चौटबॉट जैसे आभासी सहायक ग्राहक अनुभव को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं, जिससे कर्मचारियों को उच्च-महत्व वाले कार्यों पर ध्यान केंद्रित करने में सहायता मिलेगी।
  • क्रेडिट जोखिम प्रबंधन प्रणाली और धोखाधड़ी का पता लगाने में कृत्रिम बुद्धिमत्ता का प्रयोग किया जा सकता है। यह डिफॉल्टर जोखिम की गणना और डिफॉल्ट मॉडल के कारण होने वाले नुकसान की भी गणना कर सकता है। यह जोखिम की अधिक सटीक भविष्यवाणी करने में सक्षम है।
  • उदाहरण के लिए रुबिक (Rubique) एक फिनटेक स्टार्टअप है, जो पूर्वानुमान करके वित्त उद्योग में क्रांति लाना चाहता है। यह अपने उपयोगकर्ताओं को एआई-आधारित अनुशंसा इंजन और वित्तीय मिलान मंच की सेवा उपलब्ध कराता है।
  • रुबिका बहु-पक्षीय ऋण देने वाला मंच है, जो ई-केवाईसी, बैंक स्टेटमेंट विश्लेषण, क्रेडिट ब्यूरो चेक, क्रेडिट मेमो जनरेशन जैसी सुविधाएँ प्रदान करता है।

कृत्रिम बुद्धिमत्ता और ई-कॉमर्स

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रयोग कर आपूर्ति शृंखला को अधिक कुशल और अनुकूलित बनाया जा सकता है।

  • अनुमानित विश्लेषण के माध्यम से खुदरा विक्रेता अपेक्षित बिक्री पर अधिक सटीक पूर्वानुमान प्राप्त कर सकते हैं, जिससे बेहतर इन्वेंट्री प्रबंधन में मदद मिलती है।
  • एआई बेहतर लक्ष्यीकरण के माध्यम से विपणन प्रयासों को कारगर बनाने में भी मदद कर सकता है।
  • यह ऑनलाइन धोखाधड़ी के उदाहरणों का पता लगाने में भी मदद कर सकता है। उदाहरण के लिए, एआई तकनीक लॉन्च करते समय, मास्टरकार्ड ने उल्लेख किया कि धोखाधड़ी की तुलना में ‘फाल्स डिक्लाइन’ 13 गुना अधिक राजस्व में कमी का कारण बनता है। एआई का उपयोग करके ग्राहक की खरीदारी आदतों को समझा जा सकता है।

कृत्रिम बुद्धिमत्ता और विनिर्माण

अन्य क्षेत्रों के साथ, विनिर्माण भी एआई द्वारा प्रभावित हुआ है, विशेष रूप से औद्योगिक स्वचालन के विकास में।

  • एआई द्वारा संचालित मशीनें कई लाभ प्रदान करती हैं। उदाहरण के लिए एआई-पावर्ड रोबोट सीएडी मॉडल की व्याख्या कर सकते हैं, जो उनके मूवमेंट और प्रक्रियाओं को प्रोग्राम करने की आवश्यकता को समाप्त करते हैं। 2017 में सीमेंस ने एक रोबोट विकसित किया, जो बिना प्रोग्राम किए उत्पादों का निर्माण कर सकता है।
  • एआई, उद्योग 4.0 का मुख्य तत्व बनने के साथ, विनिर्माण कंपनियों के मशीन डाउन टाइम्स, यानि मशीन के कार्य न करने वाले समय को कम करने में सहायक है।
  • इसके अलावा, तकनीकी प्रगति के साथ, विनिर्माण में मानव-रोबोट सहयोग में वृद्धि हुई है। रोबोट अधिक संज्ञानात्मक हो रहे हैं, जो ‘रियल टाइम में’ निर्णय लेने में सक्षम है।

कृत्रिम बुद्धिमत्ता एवं तकनीक

प्रौद्योगिकी क्षेत्र एआई की स्वचालित क्षमता से काफी लाभ प्राप्त करने के लिए तत्पर है, जिससे अनुकूलतम बुनियादी ढांचे के माध्यम से बड़े पैमाने पर धन की बचत हो सकती है। इसके अलावा, साइबर खतरों की आशंका को देखते हुए, साइबर सुरक्षा को बनाए रखने में एआई की बड़ी भूमिका है।

  • एआई का उपयोग करके परीक्षण और गुणवत्ता आश्वासन को अधिक प्रभावी बनाया जा सकता है। एआई कार्यों के संचालन करने में एक अच्छे सहायक की भूमिका निभा सकता है।
  • स्मार्ट व्यक्तिगत सहायकः अब वॉइस-टू-टेक्स्ट तकनीक बुनियादी तौर पर अधिक भरोसेमंद एवं सटीक हो चुकी है। इसके प्रथम उदाहरण एप्पल का सिरी (Siri) और गूगल नाउ (अब अधिक परिष्कृत गूगल असिस्टेंट द्वारा सफल) जैसे सामान्य फोन हैं, जिसे इंटरनेट पर आसानी से खोजा जा सकता है और अपने दैनिक जीवन में शामिल कर सकते हैं।
  • अमेजॅन ने इस मॉडल के आधार पर हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर घटकों की घोषणा कीः
  1. एलेक्साः यह एक एआई-तकनीक से बना असिस्टेंट है, जो वॉयस कमांड पर लिस्ट तैयार करने, ऑनलाइन सामानों को ऑर्डर करने, रिमाइंडर सेट करने और सवालों के जवाब देने (इंटरनेट सर्च के जरिए) का कार्य करती है।
  2. इको (डॉट): यह एक स्मार्ट स्पीकर है, जो लिविंग रूम के साथ एलेक्सा को एकीकृत करने और सामान्य बोलचाल की भाषा में प्रश्न पूछने, संगीत बजाने, पिज्जा ऑर्डर करने और स्मार्ट होम उपकरणों के साथ एकीकृत करने के लिए वॉयस कमांड का उपयोग करने की अनुमति देते हैं। माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft) ने अपने एआई सहायक कार्टीना (Cortana) के साथ इसे शुरू किया है, जो विनडोंस कंप्यूटर और माइक्रोफोन स्मार्टफोन के साथ प्री-लोडेड आता है।

कृत्रिम बुद्धिमत्ता एवं परिवहन

दुनिया भर में परिवहन से सम्बंधित समस्या बढ़ रही है और एआई इस क्षेत्र में व्यापक बदलाव ला सकता है।

  • आवागमन में लगने वाले समय को कम करना एक जटिल समस्या है। यात्रा में परिवहन के कई साधनों का उपयोग शामिल हो सकता है; जैसे स्टेशन तक गाड़ी से जान, फिर ट्रेन पर चढ़ना और फिर उससे उतरकर अंतिम गंतव्य तक पहुँचने के लिए चलकर या अन्य सवारी सेवा का उपयोग करना।
  • इसमें अप्रत्याशित परिस्थितियाँ भी शामिल हो सकती हैं; जैसेः निर्माण, दुर्घटनाएं, सड़क या ट्रैक रख-रखाव या प्रतिकूल मौसम की स्थिति।
  • एआई का आरंभ से ही परिवहन की जटिलताओं से निपटने में प्रयोग किया जा रहा है, वे हैं। कुछ उदाहरण है; गूगल का एआई संचालित भविष्यवाणियां, Uber और स्लजि जैसे राइडशेयरिंग एप्लिकेशन और वाणिज्यिक उड़ानों में AI ऑटोपायलट का उपयोग।
  • गूगल मैप्स एआई तकनीक की सहायता से किसी भी समय यात्रा हेतु सही दिशा का विश्लेषण कर सकते हैं।
  • वाणिज्यिक उड़ानों में एआई ऑटोपायलट का उपयोगः वाणिज्यिक एयरलाइंस में एक नए एआई ऑटोपायलट एआई तकनीक का उपयोग किया जा रहा है। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, बोइंग विमान की औसत उड़ानों में मानव-स्टीयरिंग उड़ान के केवल सात मिनट शामिल हैं, जो आमतौर पर केवल टेकऑफ और लैंडिंग में लगने वाला समय है।

प्रभाव और एआई के साथ जुड़ी चुनौतियां

अगर इन क्षेत्रों को संयुक्त कर दिया जाए और विश्व अर्थव्यवस्था को समग्र रूप से देखा जाए, तो एआई का प्रभाव विश्व आर्थिक विकास को महत्वपूर्ण रूप से बदलने वाला है।

  • आर्थिक उत्पादन में वृद्धिः मैकिन्से ग्लोबल इंस्टीट्यूट की एक 2018 रिपोर्ट के अनुसार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में वर्तमान वैश्विक आर्थिक उत्पादन में 2030 तक 16 प्रतिशत वृद्धि करने की क्षमता है। इसमें प्रमुख योगदान उत्पादों और सेवाओं में नवाचार और श्रम का स्वचालन है।
  • विभिन्न क्षेत्रों में व्यवधानः हालांकि, इसके आर्थिक लाभों के अलावा, एआई श्रमिकों, कंपनियों और अर्थव्यवस्थाओं के लिए महत्वपूर्ण व्यवधान भी पैदा करेगा। विशेष रूप से श्रम-बाजार संक्रमणों को प्रबंधित करने से जुड़ी लागतें काफी होने की संभावना है, जो एआई के सकल प्रभाव को कम कर सकता है।
  • असमानताः यह भी खतरा है कि एआई अपनाने से देशों, कंपनियों तथा श्रमिकों के बीच की दूरी और बढ़ सकती है।
  • श्रमिकों के बीच कौशल अंतरः इसके अलावा, एआई कौशल की मांग में बड़ा बदलाव करेगा, जो संभवतः श्रमिकों के बीच अंतराल को विस्तृत करेगा। कुछ श्रमिकों को मशीनों द्वारा प्रतिस्थापित किए जाने का खतरा है साथ ही ऐसे श्रमिकों की कमी हो सकती है, जिनका मूल्य मशीनों के साथ काम करने से बहुत बढ़ जाता है।
  • डेटा गोपनीयता और सुरक्षाः अधिकांश एआई अनुप्रयोग बुद्धिमतापूर्ण निर्णय लेने और सीखने के लिए डेटा पर निर्भर करते हैं। मशीन लर्निंग सिस्टम सीखने और खुद को बेहतर बनाने के लिए डेटा पर आधारित होते हैं। यह डेटा और आइडेंटिटी चोरी जैसे गंभीर मुद्दों का कारण बन सकता है।
  • एल्गोरिदम पूर्वाग्रहः एआई सिस्टम के साथ एक अंतर्निहित समस्या यह है कि वे केवल अच्छे हो सकते हैं या बुरे हो सकते है और ये सब उस डेटा पर निर्भर करता है, जो उन्हें प्रदान किया जाता है। खराब डेटा को अक्सर नस्लीय, लिंग, सांप्रदायिक या जातीय पूर्वाग्रहों से जोड़ा जाता है।

सुझाव

कुल मिलाकर, जो तस्वीर उभरती है, वह बढ़ती वेतन और रोजगार के अवसर की असमानता दर्शाती है। बेहतर कौशल से युक्त समूह एआई को अपनाने से उत्पन्न अवसर का अपेक्षाकृत अधिक लाभ प्राप्त करेंगे। इसलिए सरकार को एआई अनुसंधान, कुशल बल और बुनियादी ढाँचे में निवेश करना चाहिए।

  • विश्व के नेताओं और अंतरराष्ट्रीय निकायों को इस विघटनकारी प्रौद्योगिकी को मानवीय बनाने की कोशिश करनी चाहिए।
  • व्यापार में व्यवधान और राष्ट्रों में असमानता वृद्धि को रोकने के लिए नियम बनाये जाने चाहिए।
  • वैकल्पिक क्षेत्रों में स्थानांतरित करने के लिए कार्य बल को प्रशिक्षित किया जाना चाहिए, जहां मशीनें मानव कार्य को प्रतिस्थापित नहीं कर सकती हैं और मजदूरी समता सुनिश्चित कर सकती हैं।
  • एआई के बारे में जागरुकता बढ़ाना और संबद्ध संशयवाद को दूर करना चाहिए।
  • निजी डेटा को बचाने के लिए विश्वसनीय डेटा सुरक्षा कानून तैयार करना चाहिए। उदाहरण के लिए व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा सुनिश्चित करने से सम्बंधित यूरोपीय संघ (ईयू) का सामान्य डेटा संरक्षण विनियमन (जीडीपीआर)।
  • भविष्य में किसी भी भेदभावपूर्ण परिणाम को समाप्त करने के लिए किसी भी नस्लीय या सांस्कृतिक पूर्वाग्रह के बिना विश्वसनीय डेटा संग्रहित करना चाहिए।