बाबा कल्याणी समिति

बाबा कल्याणी के नेतृत्व में समिति का गठन वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा जून, 2018 में भारत की मौजूदा सेज (ैमर््) नीति का आंकलन करने के लिए किया गया था। हाल ही में समिति ने केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री को अपनी रिपोर्ट सौंपी। समिति द्वारा निम्नलिखित सिफारिशें की गई हैं

  • निर्यात वृद्धि आधारित फ्रेमवर्क को रोजगार और आर्थिक विकास (Employment and Economic Enclaves- 3-ई) से स्थानांतरित करना।
  • राज्य के साथ सामंजस्य बैठाकर 3-ई (Employment and Economic Enclaves) में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के लिए सक्षम ढांचा बनाना।
  • 3-ई विकास के लिए क्षेत्र में मौजूदा इन्वेंट्री स्तर पर कुछ उद्योगों के निवेश की दक्षता में सुधार हेतु आपूर्ति से खपत दृष्टिकोण की ओर बढ़ना।
  • मध्यस्थता और वाणिज्यिक अदालतों के माध्यम से विवाद का शीघ्र समाधान।
  • एसईजेड के निर्माण और सेवा के लिए अलग-अलग नियमों और प्रक्रियाओं का गठन।
  • प्रतिस्पर्द्धा में वृद्धि करने के लिए उच्च गति वाले मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी, व्यावसायिक सेवाओं और उपयोगिता संरचना के वित्तपोषण द्वारा पारिस्थितिकी तंत्र के विकास को सक्षम बनाना। उच्च गुणवत्ता वाले बुनियादी ढाँचे को सक्षम बनाने के लिए समर्थन प्रदान करना महत्वपूर्ण है अर्थात क्षेत्रों से जुड़ा हुआ होना जरूरी है, उदाहरण के लिए- हाई स्पीड रेल, एक्सप्रेस वे, पैसेंजर/ कार्गो एयरपोर्ट, शिपिंग पोर्ट, वेयरहाउस आदि।
  • एकीकृत औद्योगिक और शहरी विकास-कार्य क्षेत्रों को बढ़ावा देना
  • ढांचागत विकास के सभी पहलों को क्रियान्वित करने के लिए केंद्र और राज्यों के बीच व्यापक समन्वय होना चाहिए।