यू.के. सिन्हा समिति

सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग (MSMEs) पर यू.के. सिन्हा समिति ने 18 जून, 2019 को RBI को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की। इसे MSME क्षेत्र के आर्थिक और वित्तीय स्थिरता के लिए दीर्घकालिक उपायों का सुझाव देने हेतु जनवरी, 2019 में स्थापित किया गया था।

प्रमुख सिफारिशें

इक्विटी निवेश करने के लिए 5,000 करोड़ रुपये का संकटग्रस्त फंड स्थापित करना, जो ऋण को शुरू करने या बीमार इकाइयों को पुनर्जीवित करने में मदद करेगा।

  • विशेष रूप से MSMEs के लिए अनुकूल व्यापार पारिस्थितिकी तंत्र का मार्ग प्रशस्त करने के लिए क्राउड-फंडिंग का समर्थन करने के लिए एक गैर-लाभकारी विशेष प्रयोजन वाहन (SPV) की स्थापना।
  • बैंकों के लिए 20 लाख रुपये तक का जमानत मुक्त ऋण की सीमा दोगुनी करना।
  • MSMEs के स्वैच्छिक प्रमाणीकरण को शुरू करना, जो निर्धारित आंतरिक शासन मानकों का अनुपालन करता है।
  • नीतियों के अभिसरण और प्रचार पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण हेतु प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में शीर्ष स्तर पर MSMEs के लिए एक राष्ट्रीय परिषद की स्थापना करना।
  • लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) नोडल एजेंसी के रूप में आदर्श रूप से एक मंच बनाने में सहायक की भूमिका निभानी चाहिए, जिसमें विभिन्न उद्यम पूंजी कोष भाग ले सकें और बदले में, एमएसएमई को इक्विटी समर्थन प्रदान करने के लिए एक गुणक प्रभाव पैदा कर सकें।
  • 'PSBLoansIn59Minutes' पोर्टल, जो केवल मौजूदा उद्यमियों के लिए था, को नए उद्यमियों को भी सेवा प्रदान करने के लिए बनाया जाना चाहिये, जिनमें प्रधानमंत्री मुद्रा योजना और स्टैंड-अप इंडिया के तहत ऋण के लिए आवेदन करना भी शामिल है।
  • सभी क्रेडिट गारंटी स्कीम; जैसे कि क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट फॉर माइक्रो एंड स्मॉल एंटरप्राइजेज और नेशनल क्रेडिट गारंटी ट्रस्ट कंपनी, RBI के विनियमन एवं पर्यवेक्षण के अधीन होनी चाहिए।