‘भारत नेट’ परियोजना

भारत नेट परियोजना (ठींतंज छमज च्तवरमबज) नेशनल ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क (NOFN) का नया ब्रांड नाम है जिसे सभी 2.5 लाख ग्राम पंचायतों को ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए अक्टूबर, 2011 में लॉन्च किया गया था। 2015 में इसका नाम बदलकर भारत नेट रखा गया था। इसका उद्देश्य देश के 2.5 लाख ग्राम पंचायतों को 100 एमबीपीएस कनेक्टिविटी की गति से जोड़ना है।

  • भारत नेट विश्व का सबसे बड़ा ग्रामीण ब्रॉडबैंड संपर्क करने का कार्यक्रम है- इसको मेक इन इंडिया के तहत कार्यान्वित किया जा रहा है। यानी कि इसमें कोई भी विदेशी कंपनी का सहयोग नहीं लिया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट का प्रथम उद्देश्य था की मौजूदा ओप्टिकल फाइबर नेटवर्क को ग्राम पंचायत स्तर तक पहुंचाना।
  • इस परियोजना के तहत ब्रॉडबैंड को ऑप्टिकल फाइबर के जरिये पहुँचाया जाएगा, लेकिन जहाँ ऑप्टिकल फाइबर पहुँचाना संभव नहीं हो, वहाँ वायरलैस एवं सैटेलाइट नेटवर्क का इस्तेमाल किया जाएगा। गाँवों में इंटरनेट पहुँचाने के बाद निजी सेवा प्रदाताओं को भी मौके दिये जाएंगे ताकि वे विभिन्न प्रकार की सेवाएँ मुहैया करा सकें।
  • स्कूलों, स्वास्थ्य केंद्रों एवं कौशल विकास केंद्रों में इंटरनेट कनेक्शन निःशुल्क प्रदान किये जाएंगे। भारत नेट के पहले चरण में देश के कई राज्यों की एक लाख से अधिक ग्राम पंचायतों में ऑप्टिकल फाइबर कनेक्टिविटी उपलब्ध कराई गई है। भारतनेट परियोजना के दूसरे चरण के तहत मार्च 2019 तक 2.5 लाख ग्राम पंचायतों में हाई स्पीड ब्रॉड बैंड का लक्ष्य है।

चरण-1: भारत नेट चरण-1 के अंतर्गत 1,00,000 ग्राम पंचायतों को कवर करने का काम दिसंबर, 2017 में पूरा कर लिया गया।

चरण-2: भारत नेट चरण-2 में शेष 1,50,000 ग्राम पंचायतों को 31 मार्च, 2019 तक विभिन्न मीडिया का इस्तेमाल करते हुए जोड़ा जाएगा। चरण-2 तीन मॉडलों राज्य सरकार मॉडल, सार्वजनिक प्रतिष्ठान मॉडल और निजी क्षेत्र मॉडल के माध्यम से लागू किया जा रहा है।

सभी 2,50,000 ग्राम पंचायतों में व्यवहारिकता अंतर कोष के माध्यम से अंतिम स्थान की कनेक्टविटी के लिए प्रावधान किए गए हैं। प्रत्येक ग्राम पंचायत में औसतन पांच वाई-फाई एक्सेस प्वाइंट (एपी) होंगे। इनमें औसत रूप से तीन एक्सेस प्वाइंट शिक्षा केन्द्रों, स्वास्थ्य केन्द्रों, डाकघरों, थानों आदि के लिए होंगे। भारत नेट का उपयोग बीएसएनएल, सीएसबी, एसपीवी, टीएसपी तथा आईएसपी द्वारा ग्राम पंचायतों में सेवा प्रदान करने के लिए किया जा रहा है।