सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम (बीएडीपी)

बीएडीपी की शुरुआत वर्ष 1986-87 में पाकिस्तान लगे राज्यों के सीमावर्ती क्षेत्रों के संतुलित विकास के लिए की गई थी, जिसके अंतर्गत जम्मू और कश्मीर, पंजाब, गुजरात और राजस्थान शामिल थे। बाद में इसे सभी सीमवर्ती राज्यों तक बढ़ा दिया गया था। बीएडीपी का मुख्य उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास स्थित दूरदराज और दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की विशेष विकासात्मक जरूरतों और कल्याण को पूरा करना है। यह केंद्रीय / राज्य / बीएडीपी / स्थानीय योजनाओं और भागीदारी दृष्टिकोण के माध्यम से पूरे सीमावर्ती क्षेत्रों को आवश्यक बुनियादी ढांचे के निर्माण को प्रोत्साहित करता है।

  • गृह मंत्रालय (MHA) के सीमा प्रबंधन विभाग ने भारत सरकार के संबंधित मंत्रालयों / विभागों के परामर्श से संशोधित सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम (BADP) दिशा-निर्देश जारी किए हैं। संशोधित दिशा-निर्देश निम्नलिखित हैं:
  • बीएडीपी का कवरेज 17 राज्यों के उन सभी गाँवों तक बढ़ाया गया है, जो अंतरराष्ट्रीय सीमा से 10 किलोमीटर के दायरे में स्थित हैं।
  • ग्रामीण विकास मंत्रालय, खेल और युवा मामलों के मंत्रालय, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय और मानव संसाधन मंत्रालय के प्रतिनिधियों को बीएडीपी पर अधिकार प्राप्त समिति (ईसी) का सदस्य बनाया गया है। यह बॉर्डर प्रबंधन विभाग के सचिव की अध्यक्षता में गठित है। गृह मंत्रालय बीएडीपी योजनाओं के साथ इन मंत्रालयों की योजनाओं के एकीकरण सुनिश्चित करता है।
  • बीएडीपी के तहत अनुमान योजनाओं की सूची का विस्तार किया गया है; जिसमें स्वछता अभियान, कौशल विकास कार्यक्रम, ग्रामीण पर्यटन / सीमा पर्यटन को बढ़ावा देना, धरोहर स्थलों का संरक्षण, दूरस्थ और दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों में हेलीपैड का निर्माण, जैविक खेती से संबंधित योजनाएँ / गतिविधियाँ आदि शामिल हैं।
  • एक स्वतंत्र राष्ट्रीय गुणवत्ता नियंत्रण तंत्र की स्थापना करना, जिसकी परिधि में बीएडीपी योजनाओं के तहत संचालित कार्यक्रमों को तीसरे पक्ष से निरीक्षण करवाना शामिल है।
  • विशिष्ट क्षेत्र की योजनाएँ जैसे कि सीमा से सटे पाँच या अधिक गाँवों से घिरे कम आबादी वाले गाँव को आदर्श गाँव के रूप में समग्र विकास करना।

नोटः पहले बीएडीपी 100% केंद्र प्रायोजित कार्यक्रम था। 2015-16 से इसे कोर सेंट्रली स्पॉन्स्ड स्कीम (CSS) के रूप में वर्गीकृत किया गया है और अब यह राष्ट्रीय विकास एजेंडा का हिस्सा है। 8 उत्तर-पूर्वी राज्यों और 3 हिमालयी राज्यों के संबंध में बीएडीपी का नया वित्त पोषण स्वरूप 90:10 (केंद्र साझाः राज्य साझा) और 6 अन्य राज्यों (बिहार, गुजरात, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल) के संबंध में यह 60:40 के अनुपात में है।