बहु-विषयक साइबर-फि़जिकल प्रणालियों पर राष्ट्रीय मिशन

6 दिसंबर 2018 को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली मंत्रिमंडल ने बहु विषयक साइबर-फिजिकल प्रणालियों पर राष्ट्रीय मिशन (NM-ICPS) पांच साल की अवधि के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा लागू किया गया। मिशन के सफल कार्यान्वयन से टेक्नोलॉजी इनोवेशन हब (TIH), एप्लीकेशन इनोवेशन हब (AIH) और टेक्नोलॉजी ट्रांसलेशन रिसर्च पार्क (TTRP) की स्थापना होगी, जो भारतीय समाज में उभरती तकनीकों को अपनाने और आर्थिक एवं सामाजिक प्रगति में मदद करेगी।

उद्देश्य

  • देश में साइबर फिजिकल सिस्टम (CPS) और संबंधित तकनीकों का विकास करना।
  • भारत द्वारा विशिष्ट राष्ट्रीय और क्षेत्रीय मुद्दों के समाधान के लिए सीपीएस प्रौद्योगिकियों को अपनाना।
  • सीपीएस में अगली पीढ़ी के कुशल जनशक्ति का प्रशिक्षित करना।
  • साइबर फिजिकल सिस्टम में उद्यमशीलता और स्टार्ट-अप पारिस्थितिकी तंत्र के विकास में तेजी लाना।
  • साइबर फिजिकल सिस्टम, प्रौद्योगिकी विकास एवं विज्ञान, प्रौद्योगिकी और इंजीनियरिंग विषयों में उन्नत शोध को प्रोत्साहन देना।
  • शोध एवं विकास में भारत को अन्य उन्नत देशों के बराबर रखना और कई प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष लाभों को प्राप्त करना।

साइबर फिजिकल सिस्टम

  • साइबर फिजिकल सिस्टम (CPS) वे सिस्टम हैं, जो भौतिक दुनिया (उदाहरण, सेंसर या एक्चुएटर) को सूचना प्रसंस्करण की आभासी दुनिया से जोड़ते हैं। यह भौतिक वस्तुओं और बुनियादी ढांचे में संवेदन, अभिकलन, नियंत्रण तथा नेटवर्किंग को एकीकृत करते हैं एवं इंटरनेट के माध्यम से एक-दूसरे से जोड़ता है। यह एक अंतःविषय क्षेत्र है, जो स्मार्ट ग्रिड, रोबोट सिस्टम और स्वायत्त ऑटोमोबाइल सिस्टम जैसे विभिन्न क्षेत्रों में कंप्यूटर-आधारित प्रणालियों के उपयोग से संबंधित है।

साइबर फिजिकल सिस्टम की ओर स्थानांतरण के लाभ

घरों व कार्यालयों के दक्षता और सुरक्षा में सुधार।

  • सार्वजनिक परिवहन प्रणाली या सड़क नेटवर्क पर वाहनों की सुरक्षा और यात्रियों की गतिविधियों की निगरानी करना।
  • फसल की उपज का अनुकूलन और कीटनाशक/उर्वरक का उपयोग कम करना।
  • कुशल उत्पादन प्रणाली और विनिर्माण को स्थापित करना।
  • पशुओं के स्वास्थ्य और बीमारियों या चोटों की स्वचालित चेतावनी देना।
  • निगरानी और शिपमेंट की ट्रैकिंग के माध्यम से इष्टतम रसद एवं स्टॉक नियंत्रित करना।
  • वनाग्नि, भूकंप या ज्वालामुखी विस्फोट जैसे पर्यावरणीय संकट की पूर्व चेतावनी प्रदान करने के लिए पर्यावरणीय डाटा एकत्र करना।
  • मानव स्वास्थ्य और फिटनेस की निगरानी करना।