केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण (कारा)

‘केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्रालय’के तहत एक सांविधिक प्राधिकरण है। इसे किशोर न्याय अधिनियम, 2015 के तहत 2015 में स्थापित किया गया था। यह भारतीय बच्चों को गोद लेने के लिए एक नोडल निकाय के रूप में कार्य करता है, जो गोद लेने से सम्बंधित मामलों की निगरानी और विनियमन करता है (हेग कन्वेंशन 1993 के प्रावधानों या 2003 में भारत द्वारा 2003 में अंतर-देश गोद लेने के प्रावधानों के अनुसार)। यह पात्रता के मानदंड, गोद लेने के लिए दिशा-निर्देश, आवश्यक दस्तावेज, पंजीकरण के लिए निर्देश आदि को निर्धारित करता है।

  • यह राज्य सरकारों और संघ राज्य क्षेत्र प्रशासनों के साथ नियमित प्रशिक्षण और अभिविन्यास (orientation) कार्यक्रमों का आयोजन करता है।
  • यह दत्तक ग्रहण विनियम, 2017 के अनुसार बच्चों को गोद लेना सुनिश्चित करता है। यह मुख्य रूप से अनाथ, परित्यक्त और आत्म-समर्पित बच्चों को अपनी संबद्ध / मान्यता प्राप्त एजेंसियों के माध्यम से गोद लेने से संबंधित मामलों को हल करता है।