कॉलेजियम प्रणाली के संबंधा में विवाद

सितंबर 2019 में मद्रास उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश विजय कमलेश ताहिलरमानी के मेघालय उच्च न्यायालय में असामान्य स्थानांतरण के कारण कॉलेजियम प्रणाली के संबंध में विवाद उत्पन्न कर दिया है। न्यायमूर्ति ताहिलरमानी को देश के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाले कॉलेजियम व्यावस्था द्वारा मेघालय उच्च न्यायालय में स्थानांतरित करने की अनुशंसा की गई, जिसे फ्दंडात्मकय् हस्तांतरण के रूप में माना गया। मद्रास उच्च न्यायालय 75 न्यायाधीशों की स्वीकृत संख्या के साथ चौथा सबसे बड़ा उच्च न्यायालय है, जबकि मेघालय चार न्यायाधीशों (तीन स्थायी और एक अपर न्यायाधीश) की स्वीकृति संख्या के साथ देश में मौजूद कुल लघु उच्च न्यायालयों में से एक है।

  • न्यायाधीश ताहिलरमानी के स्थानांतरण प्रस्ताव पर पुनर्विचार करने संबंधी अनुरोध को कॉलेजियम द्वारा अस्वीकृत कर दिया गया था, जिसके प्रत्युत्तर में न्यायाधीश ताहिलरमानी ने अपने पद से त्याग-पत्र दे दिया।
  • भारतीय संविधान के अनुच्छेद 222(1) के अनुसार राष्ट्रपति, भारत के मुख्य न्यायाधीश से परामर्श करने के पश्चात किसी न्यायाधीश का एक उच्च न्यायालय से दूसरे उच्च न्यायालय में स्थानांतरण कर सकता है; परंतु अनुच्छेद 217(1) यह प्रावधान करता है कि भारत के मुख्य न्यायमूर्ति से, उस राज्य के राज्यपाल से और मुख्य न्यायमूर्ति से भिन्न किसी न्यायाधीश की नियुक्ति की दशा में उस उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायमूर्ति से परामर्श करने के पश्चात राष्ट्रपति द्वारा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की नियुक्ति की जाएगी।
  • उच्चतम न्यायालय वस्तुतः न्यायाधीशों के चयन, नियुक्ति और स्थानांतरण संबंधी शक्ति को तीन न्यायाधीश वादों (Three Judges Csaes) में दिए गए अपने निर्णयों से ग्रहण करता है।