इलाहाबाद उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश को पद से हटाने संबंधी प्रस्ताव

हाल ही में, भारत के मुख्य न्यायाधीश ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर इलाहाबाद उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश एस.एन. शुक्ला को पद से हटाने से संबंधित एक प्रस्ताव आरंभ करने का अनुरोध किया है, जिसकी जांच तीन न्यायाधीश (इंदिरा बनर्जी, एस.के. अग्निहोत्री तथा पी.के. जयसवाल) वाली जांच समिति ने की थी।

  • अनुच्छेद 217 के अंतर्गत यह प्रावधान किया गया है कि किसी उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश को हटाने के लिए अनुच्छेद 124 के खंड (4) में उपबंधित रीति से उसके पद से राष्ट्रपति द्वारा हटाया जा सकता है।
  • संविधान के अनुच्छेद 124(4) के तहत यह प्रावधान किया गया है कि उच्चतम न्यायालय के किसी न्यायाधीश को संसद के दोनों सदनों द्वारा विशेष बहुमत से उसकी पदमुक्ति के संदर्भ में प्रस्ताव पारित करने के उपरांत राष्ट्रपति द्वारा केवल ‘साबित कदाचार’ या ‘असमर्थता’ के आधार पर हटाया जा सकता है।
  • संविधान द्वारा यह अपेक्षित है कि ‘साबित कदाचार’ या ‘असमर्थता’ का निर्धारण किसी निष्पक्ष न्यायाधिकरण द्वारा किया जाना चाहिए। ऐसे न्यायाधिकरण की संरचना न्यायाधीश जांच अधिनियम, 1968 के तहत निर्धारित की गई है।