कोविड-19 और नागरिक समाज

कोविड-19 महामारी से उत्पन्न समस्याओं को हल करने में नागरिक समाज संगठन महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन कर रही है। ये संगठन लोगों तक भोजन पहुचाने में, जल और स्वच्छता की सुविधा सुनिश्चित करने में तथा विशेष रूप से दूर-दराज के क्षेत्रों में सुरक्षात्मक उपकरण पहुंचाने में अग्रणी भूमिका का निर्वहन कर रही है।

  • नागरिक समाज संगठनों को परिभाषित करने का कार्य विश्व बैंक द्वारा किया गया, जिसमें सामुदायिक समूह, गैर-सरकारी संगठन, श्रमिक संघ, स्वदेशी समूह आदि को शामिल किया गया है।
  • सरकार द्वारा कोविड-19 जैसी वैश्विक महामारी की चुनौती से निपटने के लिए नागरिक समाज संगठन का लाभ प्राप्त करने के लिए नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी की अध्यक्षता में अधिकार प्राप्त समुह-6 का गठन किया

नागरिक समाज की भूमिका

तत्काल राहत प्रदान करनाः नागरिक समाज आपदा के स्थिति में लोगों तक भोजन तथा पानी पहुंचाने में अग्रीम भूमिका का निर्वहन करता है। कोविड-19 महामारी से उत्पन्न हुए आंतरिक प्रवास के समस्या के दौरन यह देखा गया कि देश के विभिन्न भागों में नागरिक समाज द्वारा जगह-जगह सिविर लगा कर लोगों को भोजन-पानी की व्यवस्था की गई।

  • केंद्र सरकार द्वारा 7 अप्रैल को उच्चतम न्यायालय में प्रस्तुत किए गए हलफनामें के अनुसार देश भर में शुरू हुए लॉकडाउन के पश्चात लगभग 84 लाख लोगों को भोजन कराया गया, जिसमें से 54.15 लाख लोगों को राज्य सरकार द्वारा तथा शेष 30.11 लाख लोगों को नागरिक समाज द्वारा भोजन कराया गया।

जागरूकता फैलाने में: नागरिक समाज लोगों के मध्य जागरूकता फैलाने में सक्रिय भूमिका का निर्वहन करता है। कोविड-19 महामारी के दौरान उन्होंने सामुदायिक स्तर पर जागरूकता उत्पन्न करने हेतु सक्रिय भागीदारी के साथ-साथ कम्युनिकेशन रणनीति को अलग-अलग स्थानीय भाषा में विकसित किया, जिससे कोविड-19 के प्रसार को प्रभावी तरिके से रोका जा सके।

सरकार को जवाबदेह बनाने में: कोविड-19 महामारी के समय भ्रष्टाचार का व्यापक जोखिम विद्यमान है। ऐसे में इस महामारी के दौरान लक्षित क्षेत्रों में धन का व्यय सुनिश्चित करने में नागरिक समाज की भूमिका महत्वपूर्ण है। कोविड-19 महामारी के दौरान लोगों द्वारा पीएम-केयर्स फंड में दान की गई राशियों का विभिन्न RTI याचिकाओं के माध्यम से यह जानकारी मांगी गई, कि इन राशियों का उपयोग किस प्रकार किया जा रहा है।

चुनौतियां

कोविड-19 महामारी के दौरन लॉकडाउन, सोशल डिस्टेंसिंग और क्वारंटाइन जैसे व्यवस्था के परिणामस्वरूप, नागरिक समाज को अपने कार्यों को करने में विभिन्न प्रकार के चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।

जवाबदेहीता सुनिश्चित करनाः विगत कुछ वर्षों में हजारों गैर- सरकारी संगठनों पर कार्यवाई से नागरिक समाज को प्रशासनिक विवेकाधिकार के अधिन ला दिया है। विगत कुछ वर्षों से गैर-सरकारी संगठनों का भ्रष्टाचार में लिप्त होने और विदेशी फंडिंग से संबंधित मामलों के कारण आलोचना की गई है, जिसके कारण इस महामारी में नागरिक समाज के लिए सरकार की जवाबदेही सुनिश्चित करना कठिन हो गया है।

स्थानीय समुदायों के साथ संबंध बनाने में कठिनाईयां: कोविड-19 महामारी कारण आवागमन पर आरोपित प्रतिबंध उन गतिविधियों को बाधित करता है, जिसके लिए प्रत्यक्ष संपर्क की आवश्यकता होती है। अधिकांश सामाजिक जवाबदेही कार्यक्रमों में भाग लेने हेतु स्थानीय समुदायों को शामिल करने की आवश्यकता होती है। किंतु, सोशल डिस्टेंसिंग के अनुपालन की स्थिति में यह संभव नहीं है।

निष्कर्ष

संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा नागरिक समाज को तृतीय क्षेत्र के रूप में वर्णन करता है। कोविड-19 जैसी महामारी के समय नागरिक समाज राहत पहुंचाने हेतु राज्य के लिए एक महत्वपूर्ण सहयोगी के रूप में उभर कर सामने आया हैं। उन्होंने राज्य की पहुंच को व्यापक बनाने में सहायता प्रदान की है। इस प्रकार नागरिक समाज की क्षमता को ध्यान में रखते हुए राज्य के साथ समन्वय स्थापित करने की आवश्यकता है। इससे न केवल उनकी वैधता बढेगी, बल्कि व्यापक और गहन सहयोग का मार्ग प्रशस्त होगा।