आपदा प्रतिरोधी अवसंरचना

सितंबर, 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका के न्यूयॉर्क में जलवायु कार्रवाई शिखर सम्मेलन (Climate Action Summit) में ‘आपदा प्रतिरोधी अवसंरचना’ (Disater-Resilient Infrsatructure - CDRI) योजना को आरंभ किया।

  • इससे केंद्रीय सरकारें, संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियों एवं कार्यक्रमों, बहुपक्षीय विकास बैंक (multilateral development bank), वित्तपोषण तंत्र, निजी क्षेत्र और ज्ञान के संस्थान, आपदा जोखिमों से निपटने के लिए नई एवं मौजूदा आधारभूत अवसंरचनाओं के लचीलेपन को बढ़ावा देगी। इस योजना से सतत विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद मिलेगी।

प्रमुख तथ्य

‘आपदा प्रतिरोधी अवसंरचना’ योजना को 35 से अधिक देशों के साथ परामर्श कर विकसित किया गया है। इस योजना के अंतर्गत आपदाओं व जलवायु परिवर्तन के कारण आधारभूत अवसंरचनाओं को होने वाले नुकसान में कमी करने की परिकल्पना की गयी है।

  • समन्वित प्रयास का उद्देश्य 2-3 वर्षों में सदस्य देशों के नीतिगत फ्रेमवर्क तथा भविष्य की आधारभूत अवसंरचनाओं के निवेश में बदलाव करना और पूरे क्षेत्र में प्राकृतिक आपदाओं के प्रभाव को 3 गुणा कम करना है।
  • ‘आपदा प्रतिरोधी अवसंरचना’ आपदाग्रस्त एवं लचीले बुनियादी ढांचे के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए विकसित एवं विकासशील देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा देती है। इस योजना के 12 संस्थापक सदस्य हैं: ऑस्ट्रेलिया, भूटान, फिजी, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मालदीव, मैक्सिको, मंगोलिया, रवांडा, श्रीलंका और यूनाइटेड किंगडम।