वन जैव विविधता आंकलन रिपोर्ट

विश्व वन्यजीव कोष (NBSAP-National Biodiversity Strategy and Action Plan) द्वारा 13 अगस्त, 2019 को वन जैव-विविधता से संबंधित ‘बिलो द कैनोपी’ (Below The Canopy) नामक रिपोर्ट जारी की गई। वन जैव विविधता से संबंधित यह पहला वैश्विक आंकलन है।

  • रिपोर्ट के अनुसार 1970 के बाद से विश्व भर की वनों में रहने वाली वन्यजीव आबादी 53% तक कम हो गई हैं। वन्यजीव आबादी में यह गिरावट इनके अस्तित्व के लिए आवश्यक वनों के मनुष्यों द्वारा नष्ट करने के कारण उपजी है।

प्रमुख तथ्य

इस रिपोर्ट के लिए डब्ल्यूडब्ल्यूएफ, संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (न्छम्च्) और जूलॉजिकल सोसायटी ऑफ लंदन ने संयुक्त रूप से 268 कशेरुकी प्रजातियों (अमतजमइतंजम ेचमबपमे) के 455 जनसंख्या समूहों का अध्ययन किया।

  • 1970 और 2014 के बीच वन विशेष प्रजातियों के 455 जनसंख्या समूहों में से आधे से अधिक में औसतन 1.7 प्रतिशत की वार्षिक दर से गिरावट दर्ज की गई।
  • जलवायु परिवर्तन के कारण 43 प्रतिशत उभयचर आबादी, 37 प्रतिशत सरीसृप आबादी, 21 प्रतिशत पक्षी आबादी तथा 3 प्रतिशत स्तनपायी आबादी जोखिम की स्थिति में हैं।
  • रिपोर्ट में कहा गया है कि 60 प्रतिशत से अधिक ‘वन विशेषज्ञ जंतु प्रजातियों’ को एक से अधिक खतरों का सामना करना पड़ता है।
  • इस रिपोर्ट में जंगल में रहने वाले वन्यजीवों के लिए सबसे बड़ा खतरा उनके वास-स्थान के नुकसान को बताया गया है; जो मुख्य रूप से मनुष्यों द्वारा की जाने वाली वनों की कटाई, कृषि विस्तार तथा वनाग्नि का एक परिणाम है।
  • इन जानवरों को बीमारी, शिकार, अत्यधिक दोहन, आक्रामक प्रजातियों और जलवायु परिवर्तन से भी खतरों का सामना करना पड़ता है। वनों की कटाई के कारण वन्य आवास में कमी, कृषि विस्तार, खनन, शिकार एवं बीमारियां इन वन्यजीवों के समक्ष कुल खतरों में से लगभग 60 प्रतिशत खतरों के लिए जिम्मेदार हैं। वन्यजीवों के समक्ष लगभग 20 प्रतिशत खतरे वनों के अतिदोहन के कारण थे।
  • वैज्ञानिकों के अनुसार वन्यजीवों में सबसे अधिक जनसंख्या गिरावट उष्णकटिबंधीय जंगलों (जैसे-अमेजन) में दर्ज की गई है।

वन्यजीव संरक्षण के उपाय

रिपोर्ट में वन्यजीवों की रक्षा और पर्यावरण के ह्रास को रोकने के लिए तत्काल वैश्विक कार्रवाई की आवश्यकता पर जोर दिया गया है।

  • इसके लिए वन प्रबंधन एवं जीवित पारिस्थितिक प्रणालियों की रक्षा सहित सामंजस्यपूर्ण भूमि उपयोग को संरक्षित करने की जरूरत है।
  • इसके अतिरिक्त प्राकृतिक पर्यावरण को बचाने, बहाल करने तथा जंगलों को पुनः समृद्ध करने के लिए तुरंत कार्यवाही हेतु वैश्विक नेताओं की भी आवश्यकता है।

विश्व वन्यजीव कोष

वर्ल्ड वाइल्डलाइफ फण्ड (WWF), जिसे अधिकारिक रूप से ‘वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर’ (World Wide Fund for Nature) के नाम से जाना जाता है। यह एक अंतरराष्ट्रीय गैर-सरकारी संगठन है, जिसकी स्थापना 1961 में हुई थी।

  • यह वन संरक्षण एवं पर्यावरण पर मानवजनित प्रभाव को कम करने के क्षेत्र में काम करता है। इसका मुख्यालय स्विट्जरलैंड के ‘ग्लैंड’ (Gland) शहर में है।
  • डब्ल्यूडब्ल्यूएफ दुनिया का सबसे बड़ा संरक्षण संगठन है, जिसके दुनिया भर में 5 मिलियन (50 लाख) से अधिक समर्थक हैं। यह संगठन 100 से अधिक देशों में लगभग 1,300 संरक्षण व पर्यावरण परियोजनाओं का संचालन कर रहा है।
  • डब्ल्यूडब्ल्यूएफ ने 1995 से अभी तक 12,000 से अधिक संरक्षण पहलों में 1 अरब डॉलर से अधिक का निवेश किया है।
  • इसका उद्देश्य ‘धरती के प्राकृतिक पर्यावरण के क्षरण को रोकना और एक ऐसे भविष्य का निर्माण करना है, जिसमें मनुष्य प्रकृति के साथ सामंजस्य बैठा सके।’