बाघ आंकलन रिपोर्ट-2018

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्व बाघ दिवस के अवसर पर 29 जुलाई, 2019 को नई दिल्ली में ‘बाघ आंकलन रिपोर्ट 2018’ जारी की। इसके अनुसार भारत में बाघों की संख्या बढ़कर 2,967 हो गई है, जो वर्ष 2014 में 2,226 थी। यह पिछले 4 वर्षों में 741 बाघों अथवा 33% की वृद्धि दर्शाता है।

  • यह वर्ष 2006 के बाद से संख्या और प्रतिशत दोनों के संदर्भ में बाघों की संख्या में सबसे बड़ी वृद्धि है। वर्ष 2006 में बाघों की संख्या 1,411 थी; 2010 में यह 21% बढ़कर 1,706 हो गई; तथा 2014 में यह 30% बढ़कर 2,226 हो गई।

प्रमुख तथ्य

बाघ आंकलन रिपोर्ट 2018 के अनुसार भारत दुनिया में बाघों के लिये सबसे सुरक्षित और सबड़े बड़े पर्यावास क्षेत्रों में से एक के रूप में उभर कर सामने आया है।

  • बाघों की संख्या में सर्वाधिक वृद्धि मध्य प्रदेश में हुई है, जो वर्ष 2014 में 308 से 71% बढ़कर 526 हो गई।
  • महाराष्ट्र में यह वृद्धि 64% (वर्ष 2014 में 190 से बढ़कर 312) तथा कर्नाटक में 29% वृद्धि (वर्ष 2014 में 406 से बढ़कर 524) दर्ज की गई। वहीं उत्तराखंड में यह वृद्धि 30% हुई, जहां वर्ष 2018 में 442 बाघ दर्ज किये गए।
  • बाघों की मौजूदगी वाले 20 राज्यों में से केवल एक छत्तीसगढ़ में ही इनकी आबादी में गिरावट देखी गई है, जहां बाघों की जनसंख्या 2014 के 46 से घटकर 2018 में 19 रह गई।
  • इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्ष 2014 में भारत में संरक्षित क्षेत्रों की संख्या 692 थी, जो 2019 में बढ़कर अब 860 से ज्यादा हो गई है। साथ ही साथ कम्यूनिटी रिजर्व की संख्या भी साल 2014 के 43 से बढ़कर अब 100 से ज्यादा हो गई है।
  • प्रधानमंत्री मोदी ने ‘सत्यमंगलम टाइगर रिजर्व’ को बेहतरीन प्रबंधन और निर्धारण के लिए पुरस्कार भी प्रदान किया।