चौथा आम समीक्षा मिशन (सीआरएम)

ग्रामीण विकास मंत्रालय (MoRD) और पंचायती राज मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से सीआरएम को लागू किया जाता है। चौथी सीआरएम के द्वारा प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना - ग्रामीण, मनरेगा आदि कार्यक्रमों की समीक्षा की गयी।

इन योजनाओं को अधिक प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए निम्नलिखित उपायों की सिफारिश की गई है-

  • योजनाओं के अभिसरण के लिए ग्राम पंचायतों के क्षमता का विकास करना।
  • ग्राम पंचायतों के लिए पर्याप्त धन उपलब्ध कराने के साथ-साथ पर्याप्त संख्या में कर्मचारी उपलब्ध कराना चाहिए, ताकि जमीनी स्तर पर योजनाओं का आयोजन, रिपोर्टिंग और निगरानी हो सके।
  • गृह निर्माण के लिए पात्र भूमिहीन पीएमएवाई लाभार्थियों को भूमि पट्टों के आवंटन में तेजी लाने की आवश्यकता है। ग्रामीण आवास योजनाओं के तहत सभी अधूरे मकानों को पूरा करने पर जोर देने की जरूरत है।
  • सभी ग्रामीण विकास और पंचायती राज से सम्बंधित योजनाओं के लिए एकीकृत सामाजिक लेखा परीक्षा ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा किया जाना चाहिए।
  • एनएसएपी में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए, पेंशनरों की सूची और प्रतीक्षा सूची वाले लोगों को ग्राम पंचायत कार्यालयों में प्रदर्शित किया जा सकता है।
  • विभिन्न योजनाओं खासकर पीएमएवाई(जी) के तहत निर्माण के लिए स्थानीय डिजाइनों और सामग्रियों के उपयोग को प्रोत्साहित करना चाहिए। इसके लिए ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा संशोधित दिशा-निर्देश जारी किया जा सकता है।
  • बाहरी विशेषज्ञता/गैर सरकारी संगठनों के माध्यम से प्रशिक्षण और आदान-प्रदान करके उच्चतर क्रम आर्थिक गतिविधियों को करने के लिए DAY-NRLM में SHG की क्षमताओं को मजबूत करने के लिए ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा लाभ उठाया जा सकता है। समय पर और पर्याप्त बैंक क्रेडिट के लिए स्वयं सहायता समूह की पहुंच को सुगम बनाने की आवश्यकता है।
  • सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना सूची समय के साथ पुरानी हो जाती है। बहिष्कृत और वंचित को विभिन्न ग्रामीण विकास योजनाओं का लाभ प्रदान करने की लिए डवत्क् को एक तंत्र विकसित करने की आवश्यकता है।
  • ग्रामीण विकास मंत्रालय को एक सामान्य शिकायत निवारण तंत्र स्थापित करने पर विचार करने की आवश्यकता है। इसके अंतर्गत आईवीआरएस (इंटरएक्टिव वॉयस रिस्पांस सिस्टम), क्राउड-सोर्सिंग, हेल्प लाइन आदि जैसी तकनीकों का उपयोग कर वास्तविक समय के फीडबैक के साथ-साथ शिकायतों के उत्तरदायी निवारण किया जा सकता है।