भारत द्वारा विकसित किया गया स्वदेशी माइक्रोप्रोसेसर

आईआईटी मद्रास के शोधकर्ताओं ने भारत के पहले स्वदेशी माइक्रोप्रोसेसर को विकसित किया है, जिसका नाम ‘शक्ति’ रखा गया है। इसका उद्देश्य औद्योगिक ग्रेड माइक्रोप्रोसेसरों और माइक्रोप्रोसेसर प्रणाली के अन्य घटकों को विकसित करना है। इसे आईआईटी मद्रास द्वारा डिजाइन, विकसित और बूट किया गया है; जबकि इसके माइक्रोचिप का निर्माण चंडीगढ़ स्थित इसरो के सेमी-कंडक्टर लेबोरेटरी द्वारा किया गया है। यह वस्तुतः स्वदेशी माइक्रोप्रोसेसरों को विकसित करने के दो दशक पुराने प्रयासों के हिस्से के रूप में आंशिक रूप से इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (मीटवाई) द्वारा वित्त पोषित परियोजना के तहत विकसित किया गया है। भारत में बना माइक्रोप्रोसेसर 180 एनएम का है, जबकि अमेरिका में बना प्रोसेसर 20 एनएम का है।

उद्देश्यः माइक्रोप्रोसेसर विशेष रूप से संचार और रक्षा क्षेत्रों में आयातित माइक्रोचिप्स पर निर्भरता को कम करेगा और इस प्रकार साइबर हमलों के जोखिम को कम कर देगा। इसका उपयोग मोबाइल कंप्यूटिंग, वायरलेस और नेटवर्किंग सिस्टम में किया जा सकता है। यह मोबाइल फोन, स्मार्ट मीटर और सर्विलांस कैमरों को भी पावर प्रदान कर सकता है।

माइक्रोप्रोसेसर

  • माइक्रोप्रोसेसर एक ऐसी डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक युक्ति है, जिसमें लाखों ट्रांजिस्टरों को एकीकृत परिपथ (इंटीग्रेटेड सर्किट या आईसी) के रूप में प्रयोग कर तैयार किया जाता है।
  • इससे कंप्यूटर के सीपीयू (CPU) की तरह भी काम लिया जाता है। इंटीग्रेटेड सर्किट के आविष्कार से ही आगे चलकर माइक्रोप्रोसेसर का निर्माण संभव हुआ।
  • माइक्रोप्रोसेस के अस्तित्व में आने के पूर्व सीपीयू अलग-अलग इलेक्ट्रॉनिक अवयवों को जोड़कर बनाए जाते थे या फिर लघुस्तरीय एकीकरण वाले परिपथों से। पहला माइक्रोप्रोसेसर वर्ष 1970 में बना था।