जल गुणवत्ता का अदृश्य संकट

अगस्त, 2019 को विश्व बैंक द्वारा ‘अज्ञात गुणवत्ता अदृश्य जल संकट’ (Quality Unknown: The Invisible Water Crisis) नामक रिपोर्ट प्रकाशित की गई। रिपोर्ट के अनुसार, भारी जल प्रदूषित क्षेत्रों में संभावित आर्थिक विकास का एक-तिहाई भाग प्रभावित होगा। यह रिपोर्ट निगरानी स्टेशनों, उपग्रह डेटा और मशीन लर्निंग मॉडल का उपयोग करके वैश्विक पानी की गुणवत्ता पर एकत्रित किया जाने वाला सबसे बड़ा डेटाबेस है।

प्रमुख तथ्य

रिपोर्ट के अनुसार कुछ क्षेत्रों में नदियों और झीलों में प्रदूषण का स्तर इतना अधिक है, जिससे ऐसा प्रतीत होता है कि उनमें आग लगने से धुंआ निकल रहा है। उदाहरण के तौर पर भारत के बेंगलुरु महानगर की बेलंदूर झील का जिक्र किया गया है, जहां से 6 मील दूर स्थित इमारतों में इसका प्रभाव देखा गया है।

  • रिपोर्ट के अनुसार कीटाणुओं, सीवर, रसायनों और प्लास्टिक के मिश्रण से नदियों, झीलों और जलाशयों में ऑक्सीजन खत्म हो रही है और पानी जहर में तब्दील हो रहा है।
  • तत्काल कार्यवाही के अभाव में जल की गुणवत्ता का बिगड़ना जारी रहेगा, जिससे मानवीय स्वास्थ्य पर असर पड़ने के साथ-साथ खाद्य उत्पादन में भी भारी कमी आएगी और वैश्विक आर्थिक प्रगति में अवरोध खड़े हो जाएंगे।