लोटस - एचआर परियोजना

14 अक्टूबर, 2019 को भारत तथा नीदरलैंड ने नई दिल्ली में शहरी सीवेज के पानी को पुनः प्रयोग में लाने के लिए स्थानीय उपचार संयंत्र परियोजना के दूसरे चरण को संयुक्त रूप से शुरू किया गया। इस परियोजना को लोकल ट्रीटमेंट ऑफ अर्बन सीवेज स्ट्रीम फॉर हेल्दी रीयुज अर्थात लोटस एचआर (Local Treatment of Urban Sewage streams for Healthy Reuse - LOTUS-HR) नाम दिया गया है। इसके लिए दिल्ली के बारापुल्ला ड्रेन के पास भारत-नीदरलैंड्स की जल प्रयोगशाला स्थापित की गयी है।

इसका उद्देश्यः सार्वभौमिक जल प्रबंधन एवं जोखिम मूल्यांकन रणनीतियों को विकसित करना, जिसे विश्व के किसी भी महानगर में लागू किया जा सकता है। बारापुल्ला ड्रेन में नई दिल्ली का 1.6 मिलियन लीटर अपशिष्ट जल प्रवाहित होता है, जो अंततः यमुना नदी को प्रदूषित करता है। अतः इस परियोजना द्वारा यमुना नदी के प्रदूषण को कम किया जा सकता है।

लोटस-एचआर परियोजना

  • 2017 में, नई दिल्ली के सन डायल पार्क में संयुक्त रूप से नीदरलैंड के वैज्ञानिक अनुसंधान केंद्र तथा केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा शुरू की गयी थी। IIT-DELHI एवं TERI (द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट) इस परियोजना में भागीदार हैं।