मिड-मॉनसून 2019 लाइटनिंग रिपोर्ट

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के साथ मिलकर काम करने वाले गैर-लाभकारी संगठन- ‘जलवायु प्रत्यास्थ अवलोकन प्रणाली संवर्द्धन परिषद (Climate Resilient Observing Systems Promotion Council) ने हाल ही में ‘मिड-मॉनसून 2019 लाइटनिंग रिपोर्ट’ (Mid-Monsoon 2019 Lightning Report) जारी की।

  • रिपोर्ट के अनुसार अप्रैल से जुलाई 2019 के दौरान ओडिशा में आकाशीय बिजली गिरने की अधिकतम घटनाएं तथा उत्तर प्रदेश में बिजली गिरने से अधिकतम मौतें दर्ज की गईं।
  • यह भारत में आकाशीय बिजली की घटनाओं और इसके तप्तस्थलों के बारे में जानकारी देने वाली अपनी तरह की पहली रिपोर्ट है।
  • रिपोर्ट में पाया गया है कि जलवायु परिवर्तन, आकाशीय बिजली के साथ निकटता से संबंधित है। हीटवेव (Heat wave) प्रवण क्षेत्र भी आकाशीय बिजली से प्रभावित है, क्योंकि प्रदूषण बढ़ने के कारण बिजली गिरने का खतरा बढ़ जाता है।

मुख्य तथ्य

रिपोर्ट तैयार करने के लिए उपयोग किए गए आंकड़े आईएमडी के बिजली पूर्वानुमान, पुणे स्थित भारतीय उष्णकटिबंधीय प्रबंधन संस्थान (IITM) के बिजली नेटवर्क डेटा, इसरो के इनपुट तथा लाइटनिंग रेजिलिएंट इंडिया कैम्पेन से संबंधित अन्य उपग्रह डेटा पर आधारित हैं।

आकाशीय बिजली की घटनाएं: अप्रैल से जुलाई 2019 के दौरान भारत के किसी भी अन्य राज्य की तुलना में ओडिशा में सबसे अधिक बिजली गिरने की घटनाएं दर्ज की गईं, वहीं इस संबंध में महाराष्ट्र और कर्नाटक क्रमशः दूसरे व तीसरे स्थान पर हैं।

आकाशीय बिजली के कारण मृत्युः इसी अवधि के दौरान उत्तर प्रदेश में आकाशीय बिजली के कारण सबसे अधिक मृत्यु की घटनाएं हुईं, जिसके बाद सर्वाधिक मृत्यु क्रमशः बिहार और ओडिशा में देखी गईं।