मिशन गगन

यह भारत का पहला मानव युक्त अंतरिक्ष कार्यक्रम (Human Space Flight Programme - HSP) है, जिसके अंतर्गत पृथ्वी की निचली कक्षा (300-400 किमी.) में 3 भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को 2022 (स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में) तक भेजने का लक्ष्य है।

  • उनकी यह अंतरिक्ष यात्रा 7,000 किग्रा. वजनी क्रू कैप्सूल (crew capsule) के जरिये संपन्न की जाएगी। भारत का सामरिक साझेदार रूस, भविष्य के अंतरिक्ष कार्यक्रमों में संयुक्त सहयोग के अलावा गगनयान परियोजना के लिए महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी हस्तांतरित करेगा।
  • 11 जुलाई, 2019 को भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल तथा रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रॉस्कोस्मॉस (Roscosmos) के महानिदेशक दिमित्री रोगोजिन के मध्य वार्ता के दौरान इस पर सहमति बनी।
  • 27 जून, 2019 को इसरो ने ‘गगनयान’ मिशन के लिए भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों के चयन, चिकित्सा परीक्षण तथा अंतरिक्ष प्रशिक्षण हेतु सहयोग के लिए रूसी कंपनी- ग्लावकॉसमोस (Glavkosmos) के साथ एक अनुबंध पर भी हस्ताक्षर किए।
  • विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवोन्मेष नीति 2013 के अनुसार गगनयान का भी मुख्य उद्देश्य ‘जीवन में सुगमता’ (Esae of Living) लाना है।