राष्ट्रीय डिजिटल संचार नीति - 2018

एनडीसीपी-2018 का उद्देश्य भारत को डिजिटल रूप से सशक्त अर्थव्यवस्था और समाज बनाना है। यह कार्य सर्वव्यापी, लचीला और किफायती डिजिटल संचार अवसंरचना तथा सेवाओं की स्थापना से नागरिकों तथा उद्यमों की सूचना और संचार आवश्यकताओं को पूरा करके किया जाएगा। उपभोक्ता केंद्रित और एप्लीकेशन प्रेरित एनडीसीपी-2018 हमें 5जी, आईओटी, एम2एम जैसी अग्रणी टेक्नॉलोजी लांच होने के बाद नए विचारों और नवाचार की ओर ले जाएगी।

उद्देश्यः युवाओं के लिए ब्रॉडबैंड, डिजिटल संचार क्षेत्र में चार मिलियन अतिरिक्त रोजगार सृजन, भारत के जीडीपी में डिजिटल संचार क्षेत्र के योगदान को 2017 के 6 प्रतिशत से बढ़ाकर 8 प्रतिशत करना।

  • आईटीयू के आईसीटी विकास सूचकांक में भारत को आगे बढ़ाकर 2017 के 134वें स्थान से शीर्ष 50 देशों में पहुंचाना।
  • वैश्विक मूल्यश्रृंखला में भारत का योगदान बढ़ाना तथा डिजिटल संप्रभुता सुनिश्चित करना। यह उद्देश्य 2022 तक हासिल किए जाएंगे। प्रत्येक नागरिक को 50 एमबीपीएस की गति से सार्वभौमिक ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी प्रदान करना।
  • सभी ग्राम पंचायतों को 2020 तक 1 जीबीपीएस की कनेक्टिविटी प्रदान करना और 2022 तक 10 जीबीपीएस की कनेक्टिविटी देना। कवर नहीं किए गए सभी क्षेत्रों की कनेक्टिविटी सुनिश्चित करना।
  • डिजिटल संचार क्षेत्र में 100 बिलियन डॉलर का निवेश आकर्षित करना।
  • नए युग के कौशल निर्माण के लिए एक मिलियन मानव शक्ति को प्रशिक्षित करना।
  • आईओटी प्रणाली का विस्तार 5 बिलियन आपस में जुड़े उपकरणों तक करना।
  • व्यक्ति की निजता, स्वायत्तता तथा पसंद को सुरक्षित रखने वाले डिजिटल संचार के लिए व्यापक डाटा संरक्षण व्यवस्था बनाना।
  • वैश्विक डिजिटल अर्थव्यवस्था में भारत की सक्रिय भागीदारी में सहायता देना।
  • नागरिकों को सुरक्षा आश्वासन देने के लिए उचित संस्थागत व्यवस्था के माध्यम से दायित्व लागू करना तथा डिजिटल संचार अवसंरचना तथा सेवाओं को सुरक्षित रखना।