राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स नीति (NEP - 2019)

राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स नीति चिपसेटों सहित भारत को ‘इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिजाइन एंड मैन्युफैक्चरिंग (ईएसडीएम)’ के एक वैश्विक केन्द्र के रूप में स्थापित करने की परिकल्पना की गई है।

  • वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्द्धी ईएसडीएम सेक्टर के लिए अनुकूल माहौल बनाया जाएगा।
  • ईएसडीएम की समूची मूल्यश्रृंखला (वैल्यू चेन) में घरेलू विनिर्माण और निर्यात को बढ़ावा दिया जाएगा। प्रमुख इलेक्ट्रॉनिक कलपुर्जो के विनिर्माण के लिए प्रोत्साहन एवं सहायता दी जाएगी।
  • नई यूनिटों को बढ़ावा देने और वर्तमान यूनिटों के विस्तारीकरण के लिए उपयुक्त योजनाएं और प्रोत्साहन देने से जुड़ी व्यवस्थाएं बनाई जाएंगी।
  • इलेक्ट्रॉनिक्स के सभी उप-क्षेत्रों में उद्योग की अगुवाई में अनुसंधान एवं विकास और नवाचार को बढ़ावा दिया जाएगा। इनमें बुनियादी या जमीन स्तर के नवाचार और उभरते प्रौद्योगिकी क्षेत्रों जैसे कि 5जी, आईओटी/सेंसर, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), मशीन लर्निंग, वर्चुअल रियल्टी (वीआर), ड्रोन, रोबोटिक्स, एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग, फोटोनिक्स, नैनो आधारित उपकरणों इत्यादि के क्षेत्र में प्रारंभिक चरण वाले स्टार्ट-अप्स भी शामिल हैं।
  • कुशल श्रमबल की उपलब्धता में उल्लेखनीय वृद्धि के लिए प्रोत्साहन और सहायता दी जाएगी। इसमें कामगारों का कौशल फिर से सुनिश्चित करना भी शामिल है।
  • फैबलेस चिप डिजाइन उद्योग, मेडिकल इलेक्ट्रॉनिक उपकरण उद्योग, ऑटोमोटिव इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग और मोबिलिटी एवं रणनीतिक इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग के लिए पावर इलेक्ट्रॉनिक्स पर विशेष जोर दिया जाएगा।
  • ईएसडीएम क्षेत्र में आईपी के विकास एवं अधिग्रहण को बढ़ावा देने के लिए सॉवरेन पेटेंट फंड (एसपीएफ) बनाया जाएगा।
  • राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा व्यवस्था को बेहतर करने के लिए विश्वसनीय इलेक्ट्रॉनिक्स मूल्यश्रृंखला (वैल्यू चेन) से जुड़ी पहलों को बढ़ावा दिया जाएगा।

उद्देश्यः वर्ष 2025 तक 400 अरब अमेरिकी डॉलर का व्यापार हासिल करने हेतु आर्थिक विकास के लिए ईएसडीएम की समूची वैल्यू चेन में घरेलू विनिर्माण और निर्यात को बढ़ावा दिया जाएगा। इसमें वर्ष 2025 तक 190 अरब अमेरिकी डॉलर (लगभग 13,00,000 करोड़ रुपये) मूल्य के एक अरब (100 करोड़) मोबाइल हैंडसेटों का लक्षित उत्पादन शामिल होगा। इसमें निर्यात के लिए 100 अरब अमेरिकी डॉलर (लगभग 7,00,000 करोड़ रुपये) मूल्य के 600 मिलियन (60 करोड़) मोबाइल हैंडसेटों का उत्पादन करना भी शामिल है।

प्रभावः एनपीई 2019 को कार्यान्वित करने पर संबंधित मंत्रालयों/विभागों के परामर्श से देश में ईएसडीएम सेक्टर के विकास के लिए अनेक योजनाओं, पहलों, परियोजनाओं इत्यादि को मूर्त रूप देने का मार्ग प्रशस्त होगा। इससे भारत में निवेश एवं प्रौद्योगिकी का प्रवाह सुनिश्चित होगा, जिससे देश में ही निर्मित इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों के ज्यादा मूल्यवर्द्धन और देश में इलेक्ट्रॉनिक्स हार्डवेयर के अधिक उत्पादन के साथ-साथ उनके निर्यात का मार्ग भी प्रशस्त होगा। इसके अलावा बड़ी संख्या में रोजगार अवसर भी सृजित होंगे।