ऑपरेशन ग्रीन्स

वर्ष 2018-19 के बजट में ऑपरेशन ग्रीन्स की शुरुआत की गई, ताकि देश में साल भर बिना मूल्य अस्थिरता के TOPO (टमाटर, प्याज और आलू) फसलों की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके। इस योजना का उद्देश्य TOP फसलों का उत्पादन बढ़ाना और इसकी मूल्य श्रृंखला का संवर्द्धन है।

रणनीति

लघु अवधि मूल्य स्थिरीकरण उपायः मूल्य स्थिरीकरण उपाय को लागू करने के लिए नेफेड शीर्ष एजेंसी होगा। निम्नलिखित दो घटकों पर खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय 50 प्रतिशत सब्सिडी देगाः

  1. उत्पादन से भंडारण तक टमाटर, प्याज और आलू (TOP) का परिवहन का किराया।
  2. टमाटर, प्याज और आलू फसलों के लिए समुचित भंडार सुविधाओं का किराया।
  • राज्य कृषि और विपणन संघ, किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ), सहकारी समितियां, कंपनियां, स्वयं सहायता समूह (एसएचजी), फूड प्रोसेसर, लॉजिस्टिक्स ऑपरेटर, सप्लाई चेन ऑपरेटर आदि ‘ऑपरेशन ग्रीन्स’ के तहत वित्तीय सहायता का लाभ उठा सकते हैं।

उद्देश्य

टीओपी फसल उत्पादक किसानों के उचित मूल्य प्राप्ति को संभव बनाना और लक्षित हस्तक्षेपों द्वारा शीर्ष उत्पादन क्लस्टरों और उनके एफपीओ को मजबूत कर उन्हें बाजार के साथ जोड़ना।

  • उत्पादकों और उपभोक्ताओं के लिए मूल्य स्थिरीकरण सुनिश्चित करना, जिसमें उचित उत्पादन योजना और दोहरे उपयोग किस्मों की शुरूआत करना शामिल है।
  • उपयुत्तफ़ आधारभूत सुविधाओं एवं कृषि-लॉजिस्टिक का विकास कर पोस्ट-हार्वेस्ट नुकसान में कमी करना।
  • टीओपी फसलों के खाद्य प्रसंस्करण क्षमता में वृद्धि करना और उत्पादन समूहों के साथ फर्म लिंकेज के साथ टॉप वैल्यू चेन में मूल्यवर्द्धन।
  • टीओपी फसलों की मांग-आपूर्ति और कीमत से सम्बंधित डेटा को वास्तविक समय में इकट्टा करने के लिए एक तंत्र की स्थापना करना।