सतत विकास के लिये नीतिगत पहल

पहली बार आर्थिक समीक्षा 2018-19 में एसडीजी अर्जित करने की दिशा में भारत सरकार की नीतियों का उल्लेख किया गया। इन नीतियों में स्वच्छ भारत मिशन, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, प्रधानमंत्री आवास योजना, स्मार्ट सिटीज, प्रधानमंत्री जनधन योजना, दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना और प्रधानमंत्री उज्जवला योजना तथा अन्य योजनाओं को शामिल किया गया।

नमामि गंगे मिशनः एसडीजी 6 अर्जित करने के लिए एक प्रमुख नीतिगत प्राथमिकता की शुरूआत 2015-2020 अवधि के लिए बीस हजार करोड़ रुपये के बजट व्यय के साथ गई थी।

  • इसके प्रमुख घटकों में सीवर परियोजना प्रबंधन, शहरी और ग्रामीण साफ-सफाई, औद्योगिक प्रदूषण से निपटना, जल उपयोग निपुणता तथा गुणवत्ता सुधार, पारिस्थितिकी संरक्षण एवं स्वच्छ गंगा निधि शामिल है।
  • देश मेंबढ़ते हुए वायु प्रदूषण से व्यापक रूप से निपटने के लिये भारत सरकार ने देश में वायु गुणवत्ता निगरानी नेटवर्क बढ़ाने के अलावा वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिये पैन इंडिया राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम की शुरुआत की।

भारत के समक्ष सतत विकास से जुड़ी चुनौतियां

संकेतकों को परिभाषित करनाः हमारी नीति निर्धारण प्रक्रिया की एक बड़ी कमी यह रही है कि सतत विकास से संबंधित परिणामों के आंकलन के लिये प्रासंगिक संकेतकों को ठीक प्रकार से परिभाषित नहीं किया गया है।

वित्त मुहैया करानाः केंद्र सरकार द्वारा सामाजिक क्षेत्र के खर्च में कटौती किये जाने के बाद अब राज्यों पर इसे पूरा करने की जिम्मेदारी आ गई है और राज्यों के पास वित्त की अपर्याप्तता के कारण इन लक्ष्यों को पूरा करना एक चुनौतिपूर्ण कार्य होगा।

प्रगति मापनः आँकड़ों एवं सूचना की अपर्याप्त उपलब्धता, प्रशासनिक लचरता एवं राजनीतिक इच्छा शक्ति की कमी के कारण इन लक्ष्यों में प्रगति का मापन उचित रूप से नहीं हो पा रहा है।

निगरानी और जिम्मेदारीः इन लक्ष्यों को पूरा करने की दिशा में प्रगति की निगरानी का जिम्मा नीति आयोग पर है, लेकिन इस संबंध में उचित संरचनात्मक तंत्र का अब तक विकास नहीं हो पाया है।

सतत विकास लक्ष्यों को हासिल करने की दिशा में किये जा रहे प्रयास भारत सरकार ने सतत विकास लक्ष्यों के कार्यान्वयन पर निगरानी रखने तथा इनके समन्वय की जिम्मेदारी नीति आयोग को सौंपी है; जिसने सभी लक्ष्यों का अध्ययन कर उन्हें सबंधित मंत्रालयों में बाँट कर उनकी जवाबदेहिता सुनिश्चित की।

  • सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MSPI) को संबंधित राष्ट्रीय संकेतक तैयार करने का कार्य सौंपा गया।
  • भारतीय संसद द्वारा ‘अध्यक्षीय शोध पहल’ (Spekaer's Research Initiative) नामक एक मंच स्थापित किया गया है, जो सतत विकास लक्ष्यों से संबंधित मुद्दों पर सांसदों द्वारा इस क्षेत्र के विशेषज्ञों के साथ परामर्श को सुविधाजनक बनाता है।
  • UNDP से संबंधित सभी कार्यक्रम सतत विकास लक्ष्यों को ध्यान में रखकर ही बनाए जाते हैं।
  • संघीय ढाँचे में सतत विकास लक्ष्यों की संपूर्ण सफलता के लिये राज्यों की भूमिका भी महत्वपूर्ण है। अतः सभी राज्यों से कहा गया है कि वे सतत विकास लक्ष्यों पर अपने दृष्टि-पत्र तैयार करें।