रिजर्व बैंक का मणि ऐप

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने 1 जनवरी, 2020 को ‘मोबाइल एडेड नोट आइडेंटिफायर- मणि’ (MANI) नामक एक मोबाइल एप्लिकेशन का शुभारम्भ किया। यह ऐप मुद्रा नोटों के मूल्यवर्ग की पहचान करने में दृष्टिबाधित व्यक्तियों को सक्षम बनाता है। हालांकि यह मोबाइल एप्लिकेशन किसी नोट के वास्तविक या नकली होने के प्रमाणन हेतु नहीं है।

यह एप्लिकेशन महात्मा गांधी श्रृंखला तथा महात्मा गांधी की नईश्रृंखला के नोटों के फ्रंट या रिवर्स साइड या आधे मुड़े हुए नोट के हिस्से की पहचान करने में सक्षम है।

आवश्यकता

केंद्रीय बैंक ने नवंबर 2016 में विमुद्रीकरण के बाद आकार और डिजाइन में महत्वपूर्ण बदलावों के साथ, ‘महात्मा गांधी की नई सीरीज’ के तहत कई मुद्रा नोट जारी किए।

नई श्रृंखला के तहत, पिछले कुछ वर्षों में ₹10, ₹20, ₹50, ₹100, ₹200, ₹500 तथा ₹2,000 के नए बैंक नोट जारी किए गए हैं। हालांकि इन नए करेंसी नोटों की पहचान करने में दृष्टिबाधित लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था।

मुख्य बिंदु

  • यह हिंदी और अंग्रेजी में एक ऑडियो नॉटिफिकेशन के माध्यम से मूल्यवर्ग की पहचान करने तथा दृष्टि और श्रवण हानि वाले लोगों के लिए गैर-ध्वनि मोड जैसे कंपन (vibration) के माध्यम से नोटों की पहचान की भी क्षमता रखता है।
  • इंस्टॉल करने के बाद इसके उपयोग के लिए इंटरनेट की आवश्यकता नहीं है तथा यह ऑफलाइन मोड में काम करता है।
  • यह एप्लिकेशन सुविधाओं तक पहुंच के लिए ध्वनि नियंत्रण (voice controls) के माध्यम से मोबाइल एप्लिकेशन को नेविगेट करने की भी क्षमता रखता है।
  • उल्लेखनीय है कि भारतीय बैंकनोट्स में कई विशेषताएं होती हैं, जो नेत्रहीनों (वर्णान्धता, आंशिक रूप से दृष्टिहीन व नेत्रहीन) को इनकी पहचान में सक्षम बनाती हैं।
  • इन विशेषताओं में ‘इंटैग्लियो प्रिंटिंग व स्पर्श चिह्न’ (Intaglio Printing and Tactile Mark), बैंकनोट का परिवर्तनीय आकार, बड़े अंक, परिवर्तनशील रंग, एकवर्णीय रंग व प्रतिरूप (monochromatic hues and patterns) शामिल हैं।