अंतरिक्ष विज्ञान इनक्यूबेशन सेंटर एवं क्षेत्रीय अकादमिक केंद्र

तमिलनाडु के थोथुकुडी जिले में खासतौर से छोटे उपग्रहों को ले जाने वाले उपग्रह प्रक्षेपण यानों के लिए अलग से एक दूसरा प्रक्षेपण केन्द्र बनाने की योजना बनायी गयी है। इसके साथ ही प्रक्षेपणों की संख्या बढ़ाने के लिए श्री हरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र में एक दूसरा यान असेम्बली केन्द्र बनाया गया है।

  • इसरो (ISRO) द्वारा समानांतर स्तर की गतिविधियों को बढ़ाने के प्रयासों के तहत अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी प्रकोष्ठ, अंतरिक्ष विज्ञान इनक्यूबेशन सेंटर और क्षेत्रीय अकादमिक केन्द्र, स्थापित किए गए। स्कूली बच्चों को अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष विज्ञान और अंतरिक्ष में इस्तेसमाल होने वाली तकनीकों की जानकारी देने के लिए युवा विज्ञानी कार्यक्रम शुरू किया गया है।
  • अंतरिक्ष प्रणालियों के औद्योगिक उत्पादन को आगे बढ़ाने के लिए, इसरो की ओर से अंतरिक्ष विभाग के तहत न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड एनएसआईएल का गठन किया गया। भविष्य के कार्यक्रमों में चंद्रमा से जुड़े चंद्रयान-3 मिशन के साथ एक लैंडर और एक रोवर को शामिल करने की सरकार ने मंजूरी दे दी है और इस दिशा में काम हो रहा है।
  • भारत के पहले मानव युक्त अंतरिक्ष उड़ान मिशन-गगनयान मिशन के लिए अंतरिक्ष यात्रियों के चयन की प्रक्रिया पूरी हो गई है।

SSLV:

  • आगामी योजनाओं में एसएसएलव (Small Space Launch Vehicle - SSLV), जीएसएलवी में 4एम, ऑगिव पेलोड फेयरिंग अर्थात यान के बाहरी कवच के तौर पर लगाए जाने वाली ताप रोधी टाइलों, स्वदेशी परमाणु घड़ियां युक्त एनएवीआईसी, जी- सैट-20 उपग्रह जैसी भारतीय उपग्रहों के जरिए डेटा प्रेषण प्रणाली, आदिल्यक एन-वन तथा एक्सजपोसैट से जुड़ी परियोजनाएं शामिल हैं।
  • पहली बार आर्बिटल प्लैटफार्म पर प्रयोग के तौर पर पीएसएलवी के प्रक्षेपण के चौथे चरण को सफलतापूर्वक प्रदर्शित किया गया। सेमी कंडक्ट पर प्रयोगशाला द्वारा स्वोदेशी तकनीक से विकसित विक्रम प्रोसेसर का भी उड़ान परीक्षण किया गया।
  • 2019 में इसरो द्वारा छः प्रक्षेपण यानों का इस्तेमाल किया गया और सात उपग्रह अभियान पूरे किए गए। साथ ही इसरो के ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान पीएसएलवी ने अपनी 50वीं उड़ान भी पूरी की।