फ्रलोरा ऑफ़ सिक्किम

भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण (बीएसआई) द्वारा 7 जुलाई, 2021 को जारी ‘फ्रलोरा ऑफ सिक्किम - ए पिक्टोरियल गाइड’ (Flora of Sikkim - A Pictorial Guide) के अनुसार देश में सभी पुष्पीय पौधों का 27% भारत के 1% से कम भू-भाग वाले राज्य सिक्किम में पाए जाते हैं।

महत्वपूर्ण तथ्यः 4,912 प्रजातियों के साथ, सिक्किम में 7,096 वर्ग किमी. के क्षेत्र में फैले पुष्पीय पौधों की विविधता बहुत ही अनोखी है।

  • देश में प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले पुष्पीय पौधों की कुल लगभग 18,004 प्रजातियां हैं।
  • सिक्किम, जो कंचनजंगा बायोस्फीयर परिदृश्य का एक हिस्सा है, में विभिन्न ऊंचाई वाले पारिस्थितिक तंत्र हैं, जो जड़ी-बूटियों और पेड़ों को बढ़ने और पनपने का अवसर प्रदान करते हैं।
  • इस प्रकाशन में जंगली ऑर्किड (wild orchids) की 532 प्रजातियों (जो भारत में पाई जाने वाली सभी आर्किड प्रजातियों का 40% से अधिक है), बुरांस या रोडोडेंड्रोन की 36 प्रजातियो, बांज या ओक की 20 प्रजातियों और उच्च मूल्य वाले औषधीय पौधों की 30 से अधिक प्रजातियों का विवरण है।
  • सिक्किम फॉरेस्ट ट्री (एमिटी एंड रेवरेंस) नियम, 2017 Sikkim Forest Tree (Amity - Reverence) Rules, 2017, के अनुसार, ‘राज्य सरकार किसी भी व्यत्तिफ़ को उसकी निजी भूमि या किसी सार्वजनिक भूमि पर खड़े पेड़ों के साथ स्थानीय रूप से ‘मिथ / मित या मितिनी’ (Mith/Mit or Mitini) के रूप में प्रसिद्ध प्रथा के माध्यम से भाईचारा संबंध स्थापित करने की अनुमति देगी, जिस से लोगों को एक पेड़ को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा’।

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