आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण वार्षिक रिपोर्ट 2019-20

23 जुलाई, 2021 को राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) द्वारा जुलाई, 2019 से जून 2020 के लिए ‘तीसरी आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण वार्षिक रिपोर्ट’ जारी की गई।

उद्देश्यः प्रति वर्ष ग्रामीण और शहरी दोनों ही क्षेत्रें में सामान्य स्थिति (प्रमुख कार्यकलाप की स्थिति + सहायक आर्थिक कार्यकलाप की स्थिति) तथा वर्तमान साप्ताहिक स्थिति (CWS) दोनों में रोजगार और बेरोजगारी संकेतकों का अनुमान लगाना।

  • रोजगार और बेरोजगारी संबंधी प्रमुख संकेतक
  1. श्रम बल भागीदारी दर (LFPR): श्रम बल भागीदारी दर देश की कुल आबादी में श्रम बल (अर्थात कहीं कार्यरत या काम की तलाश में या काम के लिए उपलब्ध) का प्रतिशत है।
  2. कामगार जनसंख्या अनुपात (WPR): WPR को कुल जनसंख्या में नियोजित व्यक्तियों के प्रतिशत के रूप में परिभाषित किया जाता है।
  3. बेरोजगारी दर (UR): बेरोजगारी दर को श्रम बल के बीच बेरोजगार व्यक्तियों के प्रतिशत के रूप में परिभाषित किया जाता है।।
  • तीसरी रिपोर्ट की मुख्य बातें: 2019-20 में श्रम बल भागीदारी दर बढ़कर 40-1% हो गई है, जो पिछले दो वर्षों में क्रमशः 37-5% (2018-19) और 36-9% (2017-18) थी।
  • कामगार जनसंख्या अनुपात 2017-18 में 34-7% और 2018-19 में 35-3% की तुलना में 2019-20 में बढ़कर 38-2% हो गया है।
  • 2019-20 में बेरोजगारी दर गिरकर 4-8% हो गई। 2018-19 में यह 5-8% और 2017-18 में 6-1% थी।

NSO ने अप्रैल 2017 में आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (PLFS) का शुभारंभ किया था। प्रथम वार्षिक (जुलाई 2017 जून 2018) रिपोर्ट मई 2019 में जारी की गई थी।

आर्थिक परिदृश्य