गहरे समुद्र में अपशिष्ट निपटान पाइपलाइन परियोजना

जनवरी 2022 में साबरमती नदी में प्रदूषण के बारे में एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान गुजरात सरकार ने उच्च न्यायालय को सूचित किया है, कि वह ‘गहरे समुद्र में अपशिष्ट निपटान पाइपलाइन परियोजना’ (deep-sea fefluent disposal pipeline project) पर काम कर रहा है।

  • औद्योगीकरण के कारण नदियों में प्रदूषण में बढ़ोतरी के बावजूद राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी 2,300 करोड़ रुपए की यह परियोजना वर्ष 2020 में निविदा जारी किए जाने के बाद आगे नहीं बढ़ पाई है।
  • 2020 में, सरकार गंभीर रूप से प्रदूषित हो चुके साबरमती, महिसागर, विश्वामित्र और भादर को बचाने के लिए औद्योगिक अपशिष्टों को सीधे गहरे समुद्र में ले जाने के लिए पाइपलाइन नेटवर्क बिछाने के लिए एक विशाल योजना लेकर आई थी।
  • परियोजना के तहत, अहमदाबाद के 11 सामान्य अपशिष्ट उपचार संयंत्र और खेड़ा, वडोदरा और जेतपुर से एक-एक अपशिष्ट उपचार संयंत्र से उपचरित जल को समुद्र के भीतर कई किलोमीटर में बिछायी गई पाइपलाइनों के माध्यम से समुद्र में छोड़ा जाएगा।

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