लिविंग रूट ब्रिज के लिए यूनेस्को की विश्व धरोहर टैग की वकालत

मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड के. संगमा ने 21 जनवरी, 2022 को 50वें राज्य स्थापना दिवस पर ‘लिविंग रूट ब्रिज’ (Living Root Bridge) के लिए यूनेस्को की विश्व धरोहर टैग की वकालत की है।

  • ‘लिविंग रूट ब्रिज’ एक सस्पेंशन ब्रिज की तरह होता है, जो ‘रबड़ फिग ट्री’ (rubber fig tree) की लचीली जड़ों की बुनाई करके तैयार किया जाता है। रबड़ फिग ट्री को वैज्ञानिक रूप से ‘फिकस इलास्टिका’ (Ficus elsatica) के नाम से जाना जाता है।
  • मुख्यतः मेघालय की खासी और जयंतिया पहाडि़यों में सदियों से फैले 15 से 250 फीट के ये ब्रिज विश्व प्रसिद्ध पर्यटन के आकर्षण का केंद्र भी हैं।
  • इस तरह के पुल को स्थानीय रूप से ‘जिंगकिएंग जरी’ (jingkieng jri) कहा जाता है। सामान्यतः इन्हें धाराओं या नदियों को पार करने के लिये बनाया जाता है।
  • पारिस्थितिकीविदों के अनुसार यह लोगों और प्रकृति के बीच सहजीवी संबंधों को उजागर करता है।
  • भारतीय प्राणी सर्वेक्षण (SI)Z ने कहा कि वन्यजीव विविधता और स्वास्थ्य कार्ड तैयार करना मेघालय के ‘लिविंग रूट ब्रिज’ के लिए यूनेस्को टैग अर्जित करने के लिए आवश्यक शर्तें होंगी।

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