कोटरावई मूर्तिकला
हाल ही में, पुरातात्विक शोधकर्ताओं की एक टीम ने तमिलनाडु के कल्लाकुरिची के पिलरामपट्टू गांव में आठवीं शताब्दी की कोटरावई मूर्तिकला (Kotravai sculpture) की खोज की शोधकर्ताओं के अनुसार, यह 1,200 साल पुराना है और इसका इस्तेमाल पूजा के लिए किया जाता था।
- कोटरवाई मूर्तिकला 5 फीट ऊंचाई और 4 फीट चौड़ाई के स्लैब पत्थर में बनाई गई है। खोजी गई मूर्ति के दाहिने हाथों में चक्र, तलवार, घंटी है। इसके साथ ही देवता को अभय मुद्रा में बैठा हुआ दर्शाया गया है। अन्य हाथों में शंख, धनुष, ढाल धारण किए गए दर्शाया गया है।
- मूर्ति को आठ हाथों से ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 माता कर्मा की 1009वीं जयंती पर डाक टिकट जारी
- 2 लाला हरदयाल: क्रांतिकारी विचारक और स्वतंत्रता सेनानी
- 3 भारत की 6 संपत्तियां यूनेस्को की अस्थायी सूची में शामिल
- 4 पेप्सू मुजारा आंदोलन
- 5 कम्ब रामायण संरक्षण एवं संवर्धन पहल
- 6 सूफ़ी संगीत महोत्सव : जहान-ए-ख़ुसरो
- 7 सोमनाथ मंदिर: आस्था एवं पुनर्जागरण का प्रतीक
- 8 श्री लंकामल्लेश्वर अभयारण्य में प्राचीन शिलालेख एवं शैलचित्रों की खोज
- 9 ढोकरा शिल्पकला
- 10 विजय दुर्ग