निष्पक्ष सुनाई का अधिकार
4 फरवरी, 2025 को सर्वोच्च न्यायालय ने एक मुकदमे में कई खामियों को देखते हुए अपनी पत्नी और 12 वर्षीय बेटी की हत्या के एक आरोपी के मृत्युदंड को रद्द कर दिया और कहा कि आरोपी को संविधान के अनुच्छेद-21 के तहत गारंटीकृत ‘निष्पक्ष सुनवाई का अधिकार’ (Right to Fair Trial) प्राप्त नहीं हो सका।
- वाद का शीर्षकः सोवरन सिंह प्रजापति बनाम उत्तर प्रदेश राज्य।
निर्णय के मुख्य बिंदु
- सर्वोच्च न्यायालय ने अनोखीलाल बनाम मध्य प्रदेश राज्य (2019) मामले का उल्लेख करते हुए स्पष्ट किया कि आरोपी का प्रभावी, सक्षम और सार्थक कानूनी प्रतिनिधित्त्व सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
- साथ ही, न्यायालय ने ....
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