भारत में नदी पारिस्थितिक तंत्र पर रेत खनन के प्रभाव का परीक्षण कीजिए। पर्यावरण संरक्षण के साथ रेत की मांग को संतुलित करने के लिए कौन सी धारणीय प्रथाएं लागू की जा सकती हैं?

उत्तर: रेत खनन यानी जमीन से रेत और बजरी निकालने की प्रक्रिया, भारत में एक महत्वपूर्ण उद्योग है, जो बड़े पैमाने पर निर्माण गतिविधियों द्वारा संचालित है।

  • भारत में रेत का बाज़ार 2024 में 1006.22 मिलियन टन से बढ़कर 2034 तक 1888.81 मिलियन टन तक पहुंचने की संभावना है, जो 6.50% की वार्षिक संयुक्त वृद्धि दर (CAGR) से संचालित होगा ।

नदी पारिस्थितिक तंत्र पर रेत खनन का प्रभाव

  • नदी मार्ग में परिवर्तन: अत्यधिक रेत खनन, नदी तल में रेत और पत्थर जैसे प्राकृतिक अवरोधकों को हटा देता है, जिससे नदियों का प्रवाह मार्ग बदल सकता है।
  • भूजल में ....
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