भारत में डीपफेक वीडियो और एआई-जनित गलत सूचनाओं की खबरें लगातार बढ़ रही हैं, जिसके परिणामस्वरूप कभी-कभी लोगों की प्रतिष्ठा को ठेस पहुँचती है और मानसिक तनाव होता है। ऐसे घटनाक्रमों के आलोक में, डिजिटल जगत में मानवीय आचरण के नैतिक आयाम क्या हैं? परिवार और शैक्षणिक संस्थान युवाओं में डिजिटल ज़िम्मेदारी और समानुभूति को बढ़ावा देने में कैसे योगदान दे सकते हैं?

उत्तर: डीपफेक और एआई-जनित गलत सूचनाओं के प्रसार के साथ, डिजिटल विश्व में नैतिक चिंताएँ तीव्र हो गई हैं। अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस की घटना का वायरल प्रैंक वीडियो कई नैतिक आयामों को दर्शाता है।

डिजिटल जगत में नैतिक आयाम

  • इरादा बनाम परिणाम: भले ही मजाक के तौर पर ऐसा किया गया हो, मनोवैज्ञानिक नुकसान पहुंचाना गैर-हानिकारकता (भारतीय चिकित्सा परिषद विनियम, 2002) और मानसिक स्वास्थ्य पर सर्वोच्च न्यायालय के दृष्टिकोण का उल्लंघन है (श्रेया सिंघल बनाम भारत संघ, 2015)।
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