आर्थिक सर्वेक्षण
पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन - (March 2023)
भारत ने वर्ष 2070 तक शून्य उत्सर्जन का लक्ष्य हासिल करने के लिए ‘नेट जीरो’ का संकल्प (Net Zero Pledge) व्यक्त किया है। भारत ने गैर-जीवाश्म ईंधनों से 40 प्रतिशत अधिष्ठापित बिजली क्षमता (Installed Electric Capacity) का अपना लक्ष्य वर्ष 2030 से पहले ही हासिल कर लिया। गैर-जीवाश्म ईंधनों से
सामाजिक अवसंरचना और रोजगार - (March 2023)
सामाजिक क्षेत्र (Social Sector) पर सरकारी खर्च में व्यापक वृद्धि देखने को मिली है। स्वास्थ्य क्षेत्र पर केन्द्र एवं राज्य सरकारों का अनुमानित व्यय बढ़कर वित्त वर्ष 2023 में जीडीपी का 2.1 प्रतिशत हो गयाद्य यह वित्त वर्ष 2022 में जीडीपी का 2.2 प्रतिशत ही था। सामाजिक क्षेत्र पर व्यय
भौतिक और डिजिटल अवसंरचना - (March 2023)
सार्वजनिक निजी भागीदारी (Public Private Partnerships) के माध्यम से परियोजनाओं के विकास का कार्य किया जा रहा है। वीजीएफ योजना (Viability Gap Funding) के माध्यम से अवसंरचना विकास को बढ़ावा दिया जा रहा है। 2014-15 से 2022-23 के दौरान वीजीएफ योजना के तहत 56 परियोजनाओं को सैद्धांतिक तौर पर मंजूरी (In-Principal
बाह्य क्षेत्र - (March 2023)
अप्रैल-दिसम्बर 2022 के दौरान व्यापार निर्यात 332.8 बिलियन डॉलर रहा। भारत ने अपने बाजार को विविधिकृत किया है। इसके परिणामस्वरूप ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका, सऊदी अरब को किए जाने वाले निर्यात में बढ़ोतरी हुई है। बाजार के विस्तार और बेहतर पहुंच सुनिश्चित करने के लिए भारत सरकार द्वारा विभिन्न प्रकार के समझौते
सेवा क्षेत्र - (March 2023)
वित्त वर्ष 2022 में 8.4 प्रतिशत (वर्ष दर वर्ष) की तुलना में वित्त वर्ष 2023 में सेवा क्षेत्र के 9.1 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है। विश्व वाणिज्यिक सेवाओं के निर्यात में भारत की हिस्सेदारी 2015 में 3 प्रतिशत से बढ़कर 2021 में 4 प्रतिशत हो गई। इस
उधोग एवं निवेश - (March 2023)
वित्तीय वर्ष 2022-23 की पहली छमाही में, औद्योगिक क्षेत्र द्वारा समग्र सकल मूल्य संवर्धन (Gross Value Added-GVA) में 3.7 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई है, जो पिछले दशक के पूर्वाद्ध के दौरान हासिल की गई 2.8 प्रतिशत की औसत वृद्धि से अधिक है। वर्ष की पहली छमाही के दौरान निजी
कृषि एवं खाद्य प्रबंधन - (March 2023)
कृषि और संबंधित क्षेत्र का प्रदर्शन पिछले कुछ वर्षों से मजबूत रहा है। इसका प्रमुख कारण निम्नलिखित पहल हैं- फसल एवं पशुओं उत्पादकता में वृद्धि, मूल्य समर्थन पहल के माध्यम से किसानों को निश्चित आय सुनिश्चित करना, फसलों में विविधता को बढ़ावा देना किसान उत्पादक संगठनों की स्थापना के
वस्तुओं के मूल्य एवं महंगाई - (March 2023)
विभिन्न वैश्विक बाधाओं (युद्द, वैश्विक आपूर्ति सृंखला में बाधा आदि) के समग्र प्रभाव से वैश्विक स्तर पर मुद्रास्फीति की दर में वृद्धि दर्ज की गई है। परन्तु भारत में मूल्यवृद्धि सरकार के प्रयासों से एक सीमा तक ही बढ़ी एवं पुनः सामान्य स्तर पर पहुँच गई। भारत में खुदरा मूल्यवृद्धि (Retail
मौद्रिक प्रबंधान और वित्तीय स्थिरता - (March 2023)
अप्रैल 2022 से आरबीआई ने अपनी मौद्रिक नीति को सख्त बनाना शुरू किया था। उस समय से लेकर अब तक रेपो रेट में 225 आधार बिन्दु की वृद्धि हुई है जिससे अधिशेष तरलता (Surplus Liquidity) में कमी आई है। वित्तीय संस्थानों के बैलेंस शीट की स्थिति में सुधार होने से
राजकोषीय स्थिति - (March 2023)
वित्त वर्ष 2023 के दौरान केन्द्र सरकार की वित्तीय स्थिति काफी सुदृढ़ हो गई है। इसका प्रमुख कारण आर्थिक गतिविधियों के बढ़ने के फलस्वरूप प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष करों के संग्रह में होने वाले तेज उछाल है। अप्रैल-नवम्बर 2022 के दौरान सकल कर राजस्व (Gross Tax Revenue) में 15.5 प्रतिशत की वार्षिक
2014-22 के दौरान विकास परिदृश्य - (March 2023)
2014-22 के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था में व्यापक ढांचागत एवं प्रशासनिक सुधार (Structural And Governance Reforms) लागू किए गए। इसके परिणामस्वरूप 2014-22 के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रकों को मजबूती मिली हैं। 2014 के बाद लागू किए गए सुधार से कार्यक्रमों द्वारा इज ऑफ लिविंग तथा कारोबार में सुगमता (Ease of