अध्याय 6: जलवायु परिवर्तन और ऊर्जा स्रोतों में बदलाव को अपनाना
- अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम की एक रिपोर्ट में जलवायु लक्ष्यों को हासिल करने में भारत के प्रयासों का उल्लेख किया गया है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत जी-20 समूह का एकमात्र ऐसा देश है, जहां 2 डिग्री सेंटीग्रेड ताप वृद्धि की संभावना है।
 - नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को बढ़ाने तथा ऊर्जा दक्षता में सुधार करने के संदर्भ में भारत ने महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
 - 31 मई, 2024 तक स्थापित विद्युत उत्पादन क्षमता में गैर-जीवाश्म स्रोतों की हिस्सेदारी 45.4 हो गई है।
 - इसके अलावा देश ने अपने जीडीपी की उत्सर्जन तीव्रता को कम किया है, जिसमें 2005 के स्तर पर 2019 में 33 ....
 
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						  - 1 एआई के युग में श्रम की स्थिति
 - 2 रोजगार और कौशल विकास
 - 3 सामाजिक क्षेत्र
 - 4 जलवायु और पर्यावरण: अनुकूलन की अनिवार्यता
 - 5 कृषि और खाद्य प्रबंधन
 - 6 सेवा क्षेत्र
 - 7 उद्योग एवं व्यापार सुधार
 - 8 निवेश और अवसंरचना
 - 9 मध्य अवधि दृष्टिः विनियमन में कमी से विकास को गति
 - 10 मूल्य और मुद्रा स्फीति
 - 11 बाह्य क्षेत्र : एफडीआई में सुधार
 - 12 मौद्रिक और वित्तीय क्षेत्र
 - 13 अर्थव्यवस्था की स्थिति
 - 14 अध्याय 13:जलवायु परिवर्तन और भारत
 - 15 अध्याय 12:अवसंरचना
 - 16 अध्याय 11: सेवाएं
 - 17 अध्याय 10: मध्यम एवं लघु उद्योग
 - 18 अध्याय 9: कृषि और खाद्य प्रबंधन
 - 19 अध्याय 8: रोजगार और कौशल विकास
 - 20 अध्याय 7: सामाजिक क्षेत्र
 - 21 अध्याय 5: मध्य अवधि दृष्टिकोण- न्यू इंडिया के लिए विकास रणनीति
 - 22 अध्याय 4: बाह्य क्षेत्र
 - 23 अध्याय 3: कीमतें और मुद्रास्फीति
 - 24 अध्याय 2: मौद्रिक प्रबंधन और वित्तीय मध्यस्थता
 - 25 अध्याय 1: आर्थिक स्थिति – स्थिर
 - 26 पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन
 - 27 सामाजिक अवसंरचना और रोजगार
 - 28 भौतिक और डिजिटल अवसंरचना
 - 29 बाह्य क्षेत्र
 - 30 सेवा क्षेत्र
 - 31 उधोग एवं निवेश
 - 32 कृषि एवं खाद्य प्रबंधन
 - 33 वस्तुओं के मूल्य एवं महंगाई
 - 34 मौद्रिक प्रबंधान और वित्तीय स्थिरता
 - 35 राजकोषीय स्थिति
 - 36 2014-22 के दौरान विकास परिदृश्य
 - 37 आर्थिक सर्वेक्षण 2021-22
 

