ग्रामीण सूक्ष्म उद्यमों का सशक्तीकरण : समावेशी आर्थिक विकास की अनिवार्य शर्त

4 जून, 2025 को नीति आयोग के ग्रामीण विकास प्रभाग ने नई दिल्ली में ‘ग्रामीण सूक्ष्म उद्यमों के सुदृढ़ीकरण’ (Strengthening Rural Microenterprises) पर एक राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित की। संगोष्ठी में समावेशी आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और क्षेत्रीय असमानताओं को पाटने में ग्रामीण सूक्ष्म उद्यमों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया गया।

  • वर्तमान परिप्रेक्ष्य में ग्रामीण सूक्ष्म उद्यम केवल स्थानीय रोजगार और नवाचार के साधन भर नहीं हैं, बल्कि वे आत्मनिर्भर भारत की विकास प्रक्रिया में ‘केंद्रीय प्रेरक तत्त्व’ के रूप में उभर रहे हैं—जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था को स्थायित्व और गतिशीलता प्रदान करते हुए समावेशी, संतुलित और न्यायसंगत प्रगति के राष्ट्रीय ....
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