अजन्मे बच्चे का अधिकार
16 अक्टूबर, 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने एक विवाहित महिला की 26 सप्ताह से अधिक की गर्भावस्था को चिकित्सकीय रूप से समाप्त करने की याचिका को ख़ारिज करते हुए अजन्मे बच्चे (Unborn Child) के अधिकारों को बरकरार रखा।
- यह आदेश सीजेआई डी.वाई. चंद्रचूड़, जस्टिस जे.बी. पारदीवाला तथा जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ द्वारा दिया गया।
- सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि गर्भावस्था की अवधि 24 सप्ताह से अधिक हो गई है, अतः याचिकाकर्ता को गर्भावस्था को समाप्त करने की अनुमति देना मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी (Medical Termination of Pregnancy - MTP) एक्ट ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 नियंत्रक सम्मेलन 2025
- 2 उत्तर क्षेत्र नागरिक उड्डयन मंत्रियों का सम्मेलन 2025
- 3 भारतीय ज्ञान प्रणालियों (IKS) पर पहला शैक्षणिक सम्मेलन
- 4 राष्ट्रपतीय संदर्भ पर केंद्र व राज्यों को नोटिस जारी
- 5 स्टैटैथॉन - विकसित भारत की ओर एक डेटा यात्रा
- 6 भारत विकास परिषद् (BVP) का स्थापना दिवस समारोह
- 7 अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के दुरुपयोग में वृद्धि: सुप्रीम कोर्ट
- 8 'सुशासन प्रथाओं' पर राष्ट्रीय सम्मेलन
- 9 मैनेज्ड एक्विफर रिचार्ज (MAR)
- 10 आदि अन्वेषण: राष्ट्रीय सम्मेलन