प्रशियन ब्लू कैप्सूल
- हाल ही में भारत ने सीज़ियम-137 संदूषण के प्रभावों को कम करने के लिए इंडोनेशिया को महत्वपूर्ण प्रशियन ब्लू कैप्सूल (Prussian Blue Capsule) उपहार में दिए हैं।
- प्रशियन ब्लू कैप्सूल का उपयोग रेडियोधर्मी सीज़ियम और थैलियम विषाक्तता के उपचार के लिए किया जाता है।
- यह परमाणु आपात स्थितियों या दुर्घटनाओं के दौरान महत्वपूर्ण हो सकती है, जब लोग इन रेडियोधर्मी पदार्थों के संपर्क में आते हैं।
- सीज़ियम-137 एक रेडियोएक्टिव समस्थानिक है, यह परमाणु विखंडन के समय उत्पन्न होता है।
- इसका उपयोग चिकित्सा उपकरणों और औद्योगिक गेजों में किया जाता है, इसके प्रभाव में आने पर जलन, रेडिएशन जनित बीमारी और यहाँ तक कि मृत्यु ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 मैक्रोस्कोपिक क्वांटम मेकैनिकल टनलिंग एंड एनर्जी क्वांटाइज़ेशन
- 2 मेटल-ऑर्गेनिक फ्रेमवर्क
- 3 पेरीफेरल इम्यून टॉलरेन्स
- 4 यादृच्छिक संख्याएं
- 5 मरुस्थलीय “मृदा-निर्माण” प्रौद्योगिकी
- 6 रोटावैक
- 7 क्वांटम इकोज़ एल्गोरिद्म
- 8 भारतीय रेडियो सॉफ्टवेयर आर्किटेक्चर मानक 1.0
- 9 ब्राउन ड्वार्फ के वायुमंडल में फॉस्फीन गैस
- 10 वैश्विक एंटीबायोटिक प्रतिरोध निगरानी
- 11 दिल्ली में क्लाउड सीडिंग का सफल परीक्षण
- 12 साइफन-संचालित थर्मल विलवणीकरण प्रणाली
- 13 चर्चा में रहे रक्षा उपकरण
- 14 पहला स्वदेशी ‘रक्षा-IBR’ टीका
- 15 बुरेवेस्तनिक मिसाइल
- 16 C2S-स्केल
- 17 सक्षम
- 18 सुपर मून

