रोटावैक
भारत में स्वदेशी रोटावायरस वैक्सीन “रोटावैक” के प्रभाव पर हाल ही में किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि देश भर में रोटावायरस-आधारित गैस्ट्रोएंटेराइटिस (डायरिया) के मामलों में देशभर के विभिन्न स्थलों पर उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गयी है।
- रोटावैक, एक ओरल, लाइव एटेनुएटेड (जीवित लेकिन क्षीण वायरस), मोनोवैलेंट लिक्विड वैक्सीन है, जो 6, 10 और 14 सप्ताह की आयु के शिशुओं दी जाती है।
- इसे भारत सरकार के जैव प्रौद्योगिकी विभाग, भारत बायोटेक, यू.एस. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ आदि के बीच सार्वजनिक-निजी भागीदारी के रूप में विकसित किया गया है।
- रोटावायरस, एक ऐसा वायरस है, जो छोटी आंत ....
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