जैव-रासायनिक संकेतक

  • हाल ही में भारतीय शोधकर्ताओं द्वारा किए गए एक नए अध्ययन में मधुमेह (डायबिटीज़) रोगियों के रक्त में छिपे हुए जैव-रासायनिक संकेतक (Biochemical Markers) की पहचान की गई है।
  • ये संकेतक गुर्दे की जटिलताओं (Kidney Complications) का पता वर्तमान परीक्षणों की तुलना में काफी पहले लगा सकते हैं।
  • ये घटक हैं: एराबिटॉल, मायो-इनोसिटोल, राइबोथाइमिडीन, 2PY नामक एक विष जैसा यौगिक।
  • जैव-रासायनिक संकेतक वह पदार्थ है, जो रक्त, मूत्र, लार या अन्य जैविक तरल पदार्थों में पाया जाता है और किसी विशिष्ट रोग, अंग की कार्यक्षमता या चयापचय (Metabolism) में हो रहे परिवर्तन का संकेत देता है।
  • उदाहरण: ग्लूकोज़, क्रिएटिनिन, ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |

पूर्व सदस्य? लॉग इन करें


वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |

संबंधित सामग्री

पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी