इंडो-पेसिफि़क इकोनामिक फ्रेमवर्क फ़ॉर प्रोस्पेरिटी
हाल ही में, संयुक्त राज्य अमेरिका ने इंडो-पेसिफिक इकोनामिक फ्रेमवर्क फॉर प्रोस्पेरिटी (IPEF) के लिए टैरिफ में परिवर्तनों और निर्यात प्रतिबंधों के संबंध में अग्रिम नोटिस देने का प्रस्ताव प्रस्तुत किया है।
- भारत ने अमेरिका के इस कदम पर चिंता प्रकट की है। भारत का कहना है कि इस तरह की व्यवस्था से विश्व व्यापार संगठन के नियमों का उल्लंघन होगा, साथ ही इससे सरकार की नीति निर्माण के संप्रभुता और स्वायत्तता प्रभावित हो सकती है।
मुख्य बिंदु
- इंडो-पेसिफिक इकोनामिक फ्रेमवर्क फॉर प्रोस्पेरिटी अमेरिका के नेतृत्व वाला एक आर्थिक समूह है। इसमें भारत सहित 14 साझेदार देश शामिल हैं।
- ये देश ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 प्रधानमंत्री की सऊदी अरब की राजकीय यात्रा
- 2 भारतीय राष्ट्रपति की पुर्तगाल एवं स्लोवाकिया की यात्रा
- 3 प्रधानमंत्री की श्रीलंका की राजकीय यात्रा
- 4 भारत-थाईलैंड रणनीतिक साझेदारी की घोषणा
- 5 चिली के राष्ट्रपति की भारत यात्रा
- 6 भारत-चीन द्विपक्षीय संबंधों की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ
- 7 भारत ने बांग्लादेश के लिए ट्रांसशिपमेंट सुविधा समाप्त की
- 8 जैविक हथियार अभिसमय की 50वीं वर्षगांठ
- 9 15वां ब्रिक्स कृषि सम्मेलन
- 10 चीन द्वारा दुर्लभ मृदा तत्वों (REEs) के निर्यात पर प्रतिबंध

- 1 एससीओ में डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर पर भारत का प्रस्ताव
- 2 6वां अंतरराष्ट्रीय हिंद महासागर सम्मेलन
- 3 सीरिया अरब लीग में पुनः शामिल
- 4 क्वाड लीडर्स समिट 2023
- 5 वाशिंगटन घोषणा
- 6 फि़लिस्तीनियों के विस्थापन के 75 वर्ष
- 7 कलादान परियोजना
- 8 डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ़ कांगो
- 9 कोलंबो पोर्टः श्रीलंका
- 10 इथोपिया