उत्तर प्रदेश की वीरांगनाओं ने 1857 के विद्रोह में न केवल सशस्त्र प्रतिरोध किया, बल्कि सामाजिक चेतना को भी जागृत करने में अहम योगदान दिया। उपयुक्त उदाहरणों सहित विश्लेषण कीजिए।

उत्तर: 1857 का विद्रोह केवल सैन्य संघर्ष नहीं था, बल्कि यह राष्ट्रीय चेतना और सामाजिक जागृति का प्रतीक था। भारत के इस स्वाधीनता संग्राम में पुरुषों के साथ महिलाओं ने भी कन्धे से कन्धा मिलाकर बराबर का सहयोग दिया था।

इस संग्राम में उत्तर प्रदेश की वीरांगनाओं ने अद्भुत साहस दिखाते हुए न केवल शस्त्र उठाए और रणभूमि में वीरता का परिचय दिया, बल्कि उन्होंने सामाजिक चेतना और स्वाभिमान की भावना को भी प्रज्वलित किया और ब्रिटिश सत्ता को चुनौती देकर समाज के विभिन्न वर्गों को आंदोलित और प्रेरित किया।

सैन्य प्रतिरोध में वीरांगनाओं की भूमिका

  • झाँसी की रानी ....
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