डिजिटल और नवीन कृषि तकनीकें
- डिजिटल कृषि क्रांति के माध्यम से खाध पदार्थों की बढ़ती मांग एवं संसाधन आवंटन से संबंधित समस्याओं का समाधान किया जा सकता है।
- संयुक्त राष्ट्र के ‘सतत विकास लक्ष्यों’ (SDGs) के तहत ‘शून्य भूख वाली दुनिया’ के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए वर्तमान कृषि प्रणाली को अधिक उत्पादक, टिकाऊ, कुशल एवं अनुकूल कृषि प्रणाली में बदलने की आवश्यकता है।
- भारत जूट, दूध एवं दालों के संदर्भ में प्रथम स्थान पर तथा गेहूं, चावल, मूंगफली, सब्जियां, फल, कपास एवं गन्ना उत्पादन में द्वितीय स्थान पर है।
- ‘प्रिसीजन फार्मिंग’ के अंतर्गत अस्थाई, स्थानिक और व्यक्तिगत डेटा का संग्रह, ....
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पत्रिका सार
- 1 डिजिटल युग में पारंपरिक कला के स्वरूप
- 2 भारत में लोकप्रिय संगीत
- 3 आधुनिक तकनीक और संदर्भों के जरिये लोक कला की पुनर्कल्पना
- 4 कला, उपचार और अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम
- 5 कला संग्रहालयों पर डिजिटल प्रौद्योगिकी और सोशल मीडिया का प्रभाव
- 6 बुद्धिमत्ता के साथ कला से कृत्रिम मेधा तक
- 7 हरा सोनाः बांस की खेती
- 8 मशरूम की खेतीः एक फलदायी और लाभदायक उद्योग
- 9 पोषण और आजीविका सुरक्षा के लिए मधुमक्खी पालन
- 10 भारत में फूलों की खेतीः आय का नया साधन
- 11 जैविक कृषिः वर्तमान स्थिति और भविष्य की संभावनाएं
- 12 भारत में डेयरी और मत्स्यपालन क्षेत्र में अवसर
- 13 भविष्य की खाद्य सुरक्षा हेतु हाइड्रोपोनिक्स और वर्टिकल खेती
- 14 वनों के कटाव तथा जलवायु परिवर्तन से पर्वतीय पक्षियों को खतरा
- 15 कीटभक्षी या मांसाहारी पौधो
- 16 भूमध्य सागर में आक्रामक पौधों का उपनिवेशीकरण
- 17 भारत में वन्यजीव संरक्षण के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग
- 18 शहरी क्षेत्र विकास और वन्यजीव संरक्षण
- 19 सीमा पार पशु रोगः भारतीय परिप्रेक्ष्य
- 20 इसरो के युवा वैज्ञानिक कार्यक्रम: युविका
- 21 विज्ञान साहित्य महोत्सव: विज्ञानिका