पोर्नोग्राफिक सामग्री पर सुप्रीम कोर्ट का निर्णय
23 सितंबर, 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने एक निर्णय में कहा कि बच्चों से संबंधित पोर्नोग्राफिक कृत्यों को निजी तौर पर देखना, डाउनलोड करना, संगृहीत करना, रखना, वितरित करना या प्रदर्शित करना 'यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम' (POCSO) तथा 'सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम' के तहत आपराधिक दायित्व को आकर्षित करता है।
- यह फैसला मद्रास उच्च न्यायालय के जनवरी 2024 के उस आदेश को खारिज करता है, जिसमें कहा गया था कि आईटी अधिनियम की धारा 67-बी के तहत बाल पोर्नोग्राफी का "महज स्वामित्व" (mere possession) या भंडारण (storage) अपराध नहीं है।
- सर्वोच्च न्यायालय ने संसद से आग्रह किया कि वह POCSO ....
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