चारबाग रेलवे स्टेशन का एक सदी का सुनहरा सफ़र
1 अगस्त, 2025 को चारबाग रेलवे स्टेशन ने अपनी स्थापना के 100 वर्ष पूरे कर लिये हैं।
- जिस स्थान पर आज यह चारबाग स्टेशन है, उसी चारबाग का उपयोग सन् 1857 में स्वतंत्राता संग्राम सेनानियों ने शस्त्रगार के रूप में किया था।
- इसी स्थान से स्वतंत्राता सेनानी नानकमत्ता नाम की बड़ी तोप को 28 बैलों से खींचते हुए ले गए थे। बाद में अंग्रेजों ने इसी स्थान पर रेलवे स्टेशन बनाने का निर्णय लिया।
- ब्रिटिश वास्तुकार जे-एच- हार्निमन और भारतीय वास्तुकार इंजीनियर चौबे मुत्तफ़ा प्रसाद ने लखनऊ स्टेशन की भव्य बिल्डिंग की डिजाइन तैयार की।
- वहीं, 21 मार्च, 1914 को बिशप जार्ज हरवर्ट ने ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
इतिहास व कला एवं संस्कृति
- 1 वालेसियन होमिनिड्स की संभावित कलाकृतियां
- 2 हरियाणा के टोपरा कलाँ गाँव में 3,500 साल पुराने अतीत के संकेत
- 3 155 वर्ष पुरानी पातालपानी-कालाकुंड रेलवे लाइन पुनः प्रारंभ
- 4 काकोरी कांड की 100वीं वर्षगांठ
- 5 ”सारनाथ“ यूनेस्को विश्व धरोहर के लिए नामांकित
- 6 प्रथम बिम्सटेक पारंपरिक संगीत महोत्सव
- 7 महान दार्शनिक एवं विचारक: श्री अरबिंदो
- 8 गोवा की धीरियो बुल फाइटिंग
- 9 शारदा लिपि
- 10 विट्टलभाई पटेल

