गोवा की धीरियो बुल फाइटिंग
- अगस्त 2025 में राज्य विधानसभा में हुई एक चर्चा के दौरान, सभी दलों के विधायकों ने गोवा में सांडों की लड़ाई (जिसे स्थानीय तौर पर धीरियो या धीरी कहा जाता है) को वैध बनाने की माँग की।
- ये सांडों की लड़ाई पारंपरिक रूप से गोवा के धान के खेतों और फुटबॉल मैदानों में होती रही है।
- यह परंपरा फसल कटाई के बाद होती है।
- वर्ष 1996 में बॉम्बे हाईकोर्ट (गोवा पीठ) ने पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 के अंतर्गत इसे प्रतिबंधित कर दिया था।
- इसके बाद वर्ष 2014 में सर्वोच्च न्यायालय ने सभी पशु दौड़ और लड़ाइयों पर रोक लगाने का आदेश दिया ....
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