कोलंबो प्रक्रिया और भारत: श्रम प्रवास की चुनौतियां और आगे की राह
कोलंबो प्रक्रिया (Colombo Process) में 12 एशियाई देश शामिल हैं, यह एक क्षेत्रीय परामर्श मंच के रूप में कार्य करता है। भारत2024-26 की अवधि के लिए इस क्षेत्रीय समूह का अध्यक्ष बना है।
- इसका उद्देश्य दक्षिण एवं दक्षिण-पूर्व एशिया के उन देशों के लिये विदेशी रोज़गार से संबंधित सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करना है जो प्रवासी श्रमिकों को विदेश भेजते हैं।
- इसके 12 सदस्य देशों में अफगानिस्तान, बांग्लादेश, कंबोडिया, चीन, भारत, इंडोनेशिया, नेपाल, पाकिस्तान, फिलीपींस, श्रीलंका, थाईलैंड और वियतनाम शामिल हैं।
श्रम प्रवास की चुनौतियां
- शोषण और अमानवीय परिस्थितियां:कई प्रवासी श्रमिकों को स्थानीय श्रमिकों की तुलना में कम वेतन मिलता है। उन्हें ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 वैश्विक प्रौद्योगिकी शिखर सम्मेलन 2025
- 2 वैश्विक मृदा सम्मेलन 2024
- 3 12वां क्षेत्रीय 3R और सर्कुलर इकोनॉमी फोरम
- 4 आपदा जोखिम न्यूनीकरण पर एशिया-प्रशांत मंत्रिस्तरीय सम्मेलन
- 5 तीसरा वॉयस ऑफ द ग्लोबल साउथ शिखर सम्मेलन
- 6 वर्ल्ड फ्यूचर एनर्जी समिट 2024
- 7 यूएनसीसीडी: 16वां कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज (CoP16)
- 8 यूएनसीबीडी: 16वां कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज (CoP16)
- 9 11वीं ब्रिक्स पर्यावरण मंत्रियों की बैठक
- 10 विश्व धरोहर समिति का 46वां सत्र