प्रारंभिक विशेष
कार्बन अवशोषण, उपयोग एवं भंडारण प्रौद्योगिकी - (February 2024)
कार्बन अवशोषण, उपयोग एवं भंडारण (Carbon Capture, Utilization and Storage - CCUS) से तात्पर्य है कि कार्बन अवशोषण तथा इसके पश्चात भंडारण या पुनः प्रयोग के माध्यम से कार्बन उत्सर्जन कम करने से है, ताकि अवशोषित कार्बन पुनः वातावरण में प्रवेश न कर सके। विद्युत उत्पादन एवं सीमेंट उत्पादन जैसी औद्योगिक प्रक्रियाओं में जीवाश्म ईंधन या बायोमास का उपयोग किया जाता
भारत की स्वदेशी बैलिस्टिक मिसाइल रक्षा प्रणाली - (February 2024)
बैलिस्टिक मिसाइल रक्षा प्रणाली भारत पर हमला करने के लिए आने वाले मिसाइल से रक्षा प्रदान करता है। भारतीय बैलिस्टिक मिसाइल रक्षा (BMD) कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है। इस पहल का उद्देश्य एक बहु-स्तरीय बैलिस्टिक मिसाइल रक्षा प्रणाली को विकसित और तैनात करना है। भारत द्वारा दुश्मन देश की मिसाइल से रक्षा के लिए पृथ्वी एयर डिफेंस सिस्टम (Prithvi
चंद्रयान-3: प्रौद्योगिकी एवं पेलोड - (February 2024)
14 जुलाई, 2023 को इसरो द्वारा श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (Satish Dhawan Space Center) से ‘लॉन्च व्हीकल मार्क- III’ (LVM-III) से चंद्रयान-3 को लॉन्च किया गया। 23 अगस्त, 2023 को चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) ने 40 दिनों की अपनी यात्रा के पश्चात चंद्रमा पर सॉफ्रट लैंडिंग की, इसके साथ ही भारत, चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग करने वाला विश्व
अंतरिक्ष मलबा: राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय प्रयास - (February 2024)
अंतरिक्ष मलबा, पृथ्वी की कक्षा में मानव निर्मित अनुपयोगी वस्तुएं अंतरिक्ष मलबे के रूप में जानी जाती हैं। इनमें प्रक्षेपण के समय उपयोग किए गए रॉकेट, निष्क्रिय उपग्रह, एंटी-सैटेलाइट सिस्टम (ASAT) से उत्पन्न पदार्थ तथा अन्य मानव निर्मित अवयव शामिल रहते हैं। वर्ष 2021 तक, यूनाइटेड स्टेट्स स्पेस सर्विलांस नेटवर्क द्वारा 10 सेमी (4 इंच) से बड़े अंतरिक्ष मलबे के 15,000
उपयोगी एवं हानिकारक सूक्ष्मजीव - (February 2024)
सूक्ष्मजीव (Micro Organisms) हमारे पारिस्थितिक तंत्र में संतुलन बनाए रखने में महत्वपूर्ण हैं। वे हमारे आसपास और सजीवों के शरीर के अंदर रहते हैं। सूक्ष्मजीवों को जीवाणु, कवक, शैवाल और प्रोटोजोआ चार प्रमुख समूहों में वर्गीकृत किया गया है। उपयोगी सूक्ष्मजीव सजीवों के स्वास्थ्य को बनाए रखते हैं और हमारे पर्यावरण को साफ करने में मदद करते हैं। इनके माध्यम
संश्लेषित जीव विज्ञान एवं इसके अनुप्रयोग - (February 2024)
संश्लेषित जीव विज्ञान (Synthetic Biology), आनुवंशिक अनुक्रमण (Genetic Sequencing), संपादन और संशोधन का उपयोग करके अप्राकृतिक जीवों (Unnatural Organisms) या कार्बनिक अणुओं (Organic Molecules) को बनाने के विज्ञान को संदर्भित करता है। जीव विज्ञान की यह शाखा वैज्ञानिकों को शून्य (Scratch) से डीएनए के नए अनुक्रमों को डिजाइन और संश्लेषित करने में सक्षम बनाता है। ‘सिंथेटिक बायोलॉजी’ (संश्लेषित जीव विज्ञान) शब्द
नैनो-सामग्रीः अनुप्रयोग - (February 2024)
कोई भी वस्तु नैनो-सामग्री (Nano-Materials) कही जाती है अगर उसका कोई भी बाहरी आयाम, आंतरिक संरचना या सतह संरचना नैनोस्केल (लगभग 1 - 100 एनएम) में हो। उदाहरण के लिए फुलरीन, ग्रैफीन के गुच्छे और 1 एनएम से कम, एक या अधिक बाहरी आयाम वाले एकल दीवार वाले कार्बन नैनोट्यूब को नैनोमैटेरियल के रूप में माना जाता है। नैनो-सामग्री, समान पदार्थों का
विटामिन और मिनरल की कमी से होने वाले रोग - (February 2024)
शरीर को स्वस्थ रखने के लिए शरीर में पर्याप्त मात्र में विटामिन और मिनरल का होना बहुत जरूरी है। शरीर को सुचारु रूप से चलाने के लिए कई तरह के विटामिन और मिनरल की जरूरत होती है, यदि उनमें से किसी की भी कमी होती है तो कई प्रकार के रोग हो सकते हैं। विटामिन की कमी से होने वाले
वन हेल्थ दृष्टिकोणः भारतीय पहलें - (February 2024)
वन हेल्थ दृष्टिकोण मानव स्वास्थ्य, पशु स्वास्थ्य तथा पर्यावरणीय स्वास्थ्य के बीच परस्पर समन्वय पर जोर देता है। पशुजन्य रोगों और अन्य संक्रामक रोगों के नियंत्रण में वन हेल्थ दृष्टिकोण महत्वपूर्ण है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, पशुजन्य रोगों को प्रभावी ढंग से रोकने में ‘वन हेल्थ’ दृष्टिकोण की आवश्यकता है। इस दृष्टिकोण का उद्देश्य मनुष्यों, जानवरों तथा उनके परिवेश के बीच
खाद्य संरक्षाः भारत में मानक तंत्र - (February 2024)
खाद्य संरक्षा (Food Safety) एक वैज्ञानिक विधि/अनुशासन है, जो भोजन को संभालने (handling), तैयार करने और भंडारण का वर्णन करता है, जिससे खाद्य जनित (विवकइवतदम) बीमारी को रोका जा सके। खाद्य-जनित बीमारी दूषित भोजन के सेवन से उत्पन्न होने वाली बीमारी के रूप में जाना जाता है। खाद्य संरक्षा से संबंधित मानक के अभाव में लोग अस्वास्थ्यकर भोजन खाने से बीमार
उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोग’’ - (February 2024)
उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोग (Neglected Tropical Diseases- NTD), संक्रमणों का एक समूह है, जो अफ्रीका, एशिया और अमेरिका के विकासशील क्षेत्रों में हाशिए पर रहने वाले समुदायों में सबसे आम है। यह विभिन्न प्रकार के रोगजनकों के कारण फैलते हैं, जैसे- वायरस, बैक्टीरिया, प्रोटोजोआ और परजीवी कीट। NTD विशेष रूप से उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में आम हैं, जहां लोगों के पास स्वच्छ
दुर्लभ रोग एवं भारत की नीति - (February 2024)
दुर्लभ रोग (Rare Diseases) को ‘अनाथ रोग’ (Orphan Diseases) भी कहा जाता है। यह एक ऐसी स्वास्थ्य स्थिति अथवा ऐसी बीमारियों के रूप में परिभाषित किया जाता है, जिनका प्रचलन लोगों में प्रायः कम पाया जाता है। दूसरे शब्दों में, सामान्य बीमारियों की तुलना में इन बीमारियों से बहुत कम लोग प्रभावित होते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) एक दुर्लभ
इंटरनेट ऑफ़ बिहेवियर (IoB) - (February 2024)
इंटरनेट ऑफ बिहेवियर (Internet of Behaviors - IoB) एक ऐसी अवधारणा है, जो मानव मनोविज्ञान के साथ-साथ डेटा विश्लेषण, व्यवहार विश्लेषण और प्रौद्योगिकी को एक साथ लाती है। यह समझने का प्रयास करता है कि मनुष्य क्रय निर्णय लेने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग कैसे, कब और क्यों करते हैं। इसके माध्यम से, सिस्टम मानव व्यवहार की भविष्यवाणी करने, उपलब्ध
साइबर सुरक्षा एवं भारत की प्रमुख पहलें - (February 2024)
साइबर सुरक्षा (Cyber Security) या सूचना प्रौद्योगिकी सुरक्षा (Information Technology Security) कंप्यूटर, नेटवर्क, प्रोग्राम और डेटा को अनधिकृत पहुंच या हमलों से बचाने की तकनीकें हैं, जो साइबर-भौतिक प्रणालियों (Cyber-Physical Systems) और महत्त्वपूर्ण सूचना अवसंरचना के दोहन पर लक्षित हैं। प्रौद्योगिकी उद्योग में विश्व में अग्रणी देश होने के बावजूद भारत में इंटरनेट तथा डिजिटल साक्षरता अत्यंत नगण्य है तथा यहां
आईसीटी: प्रौद्योगिकी एवं शब्दावली - (February 2024)
सूचना तथा संचार प्रौद्योगिकी (Information and communication technology - ICT), सूचना प्रौद्योगिकी का ही विस्तारित नाम है, जो एकीकृत संचार के महत्व को भी रेखांकित करता है। सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (ICT) एक व्यापक क्षेत्र है, जिसमें सूचना के संचार के लिये हर तरह की प्रौद्योगिकी समाहित है। यह वह प्रौद्योगिकी है जो कि सूचना के संचालन (रचना, भंडारण और उपयोग)
ओपन नेटवर्क फ़ॉर डिजिटल कॉमर्स - (February 2024)
ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (Open Network for Digital Commerce- ONDC) का विकास वाणिज्य मंत्रालय के उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (Department of Promotion of Industry and Internal Trade- DPIIT) द्वारा किया गया है। यह एक ओपन ई-कॉमर्स प्रोटोकॉल है। वैश्विक स्तर पर अपनी तरह की पहली पहल है, जिसका उद्देश्य डिजिटल कॉमर्स का लोकतंत्रीकरण करना है और इसे
सेमीकंडक्टरः प्रौद्योगिकी और पहलें - (February 2024)
सेमीकंडक्टर (Semiconductors) एक चालक तथा अचालक (insulator) के बीच की विद्युत चालकता वाले पदार्थ होते हैं। तापमान में वृद्धि के साथ सेमीकंडक्टर की चालकता में वृद्धि हो जाती है। सेमीकंडक्टर का निर्माण जर्मेनियम और सिलिकॉन जैसे तत्वों तथा एल्युमिनियम फॉस्फाइड जैसे यौगिकों से किया जाता है, जो तापमान में वृद्धि के साथ बिजली को अपने माध्यम से स्थानांतरित करने की अनुमति
बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली (BESS): प्रौद्योगिकी और उपयोग - (February 2024)
बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली (Battery Energy Storage Systems - BESS) ऐसे उपकरण होते हैं, जो नवीकरणीय संसाधन आदि से उत्पन्न ऊर्जा को संग्रहीत करने के लिए प्रयोग की जाती है। इसके द्वारा इस प्रकार की ऊर्जा को संग्रहीत किया जाता है तथा आवश्यकता होने पर जारी की जाती है। इन प्रणालियों का उपयोग आमतौर पर बिजली ग्रिड और अन्य अनुप्रयोगों जैसे
ऑर्गेनॉइड इंटेलिजेंस और बायो-कंप्यूटर - (February 2024)
‘ऑर्गेनाइड इंटेलिजेंस’ (Organoid Intelligence - OI), ‘ऑर्गेनॉइड’ की बुद्धिमत्ता क्षमता को संदर्भित करता है, जो समस्या को हल करना, सीऽना या बदलते परिवेशों को अपनाने आदि से संबन्धित होता है। ध्यान रहे कि ऑर्गेनाइड (Organoid) प्रयोगशाला में विकसित ऊतक होते हैं, जो वास्तविक अंगों के समान दिखाई देते हैं। दूसरे शब्दों में, यह त्रि-आयामी संरचनाएं होती हैं, जो स्टेम सेल
विस्तारित वास्तविकता - (February 2024)
विस्तारित वास्तविकता (Extended Reality - XR) एक अंब्रेला शब्द (Umbrella term) है, जो ऐसी किसी भी तकनीक के लिए प्रयुत्तफ़ किया जाता है, जो भौतिक या वास्तविक दुनिया के वातावरण में डिजिटल तत्वों को जोड़कर वास्तविकता को परिवर्तित (alters reality) कर देती है। विस्तारित वास्तविकता में आभासी वास्तविकता (Virtual reality-VR), संवर्द्धित वास्तविकता (Augmented reality-AR) और मिश्रित वास्तविकता (Mixed reality-MR) के साथ-साथ
प्रुफ-ऑफ-स्टेक तंत्र - (February 2024)
प्रूफ-ऑफ-स्टेक (Proof-of-stake) लेनदेन को संसाधित करने और ब्लॉकचेन में नए ब्लॉक बनाने के लिए एक क्रिप्टोकरेंसी सर्वसम्मति तंत्र (consensus mechanism) है। सर्वसम्मति तंत्र एक वितरित डेटाबेस (distributed database) में प्रविष्टियों को मान्य करने और डेटाबेस को सुरक्षित रखने की एक विधि है। क्रिप्टोकरेंसी के संदर्भ में, डेटाबेस को ब्लॉकचेन कहा जाता है, इसलिए सर्वसम्मति तंत्र ब्लॉकचेन को सुरक्षित करता है। ‘प्रूफ-ऑफ-स्टेक’ (PoS)
जनरेटिव प्री-ट्रेंड ट्रांसफार्मर (GPT) - (February 2024)
यह एक अत्याधुनिक तकनीकी उन्नति (Cutting-edge Technological Advancement) प्रकार की कृत्रिम बुद्धिमत्ता या एआई है, जिसमें मशीन लर्निंग एल्गोरिदम का उपयोग करके नई एवं मूल सामग्री का निर्माण किया जाता है।जीपीटी का उपयोग पाठ, चित्र, संगीत अथवा अन्य प्रकार की मीडिया सामग्री उत्पन्न करने के लिए किया जा सकता है।इस प्रकार के एआई के अंतर्गत सर्वप्रथम एक बड़े डेटासेट पर
क्वांटम कम्प्यूटिंग एवं भारत सरकार की पहलें - (February 2024)
क्वांटम कम्प्यूटिंग भौतिकी और इंजीनियरिंग का एक उभरता हुआ क्षेत्र है, जो क्वांटम भौतिकी (उप-परमाण्विक कणों की भौतिकी) के सिद्धांतों पर आधारित है। यह रोजमर्रा की तकनीक की एक विस्तृत श्रृंखला में सुधार करने में सक्षम है। आने वाले समय में स्वास्थ्य, शिक्षा, रक्षा, विनिर्माण आदि जैसे क्षेत्रों में क्वांटम कम्प्यूटिंग के विविध अनुप्रयोगों के कारण राष्ट्रों को अपनी आर्थिक, सामाजिक
सुपरकंप्यूटरः सरकार की पहलें एवं उपलब्धिायां - (February 2024)
यह एक प्रकार का उच्च दक्षता वाला कंप्यूटर होता है, जो उच्चतम परिचालन दर या अत्यधिक गति से कार्य करता है। आमतौर पर सुपरकंप्यूटर के प्रोसेसर के प्रदर्शन को मापने के लिये FLOPS (फ्रलोटिंग पॉइंट ऑपरेशंस प्रति सेकंड) का उपयोग किया जाता है। सुपरकंप्यूटर का उपयोग सामान्यतः ऐसे वैज्ञानिक तथा अभियांत्रिकी अनुप्रयोगों हेतु किया जाता है, जो वृहद डेटाबेस के
भारत में जैव-चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधान - (February 2024)
जैव-चिकित्सा अपशिष्ट कोई भी ऐसा अपशिष्ट है, जिसमें संक्रामक या संभावित संक्रामक सामग्री होती है। ये अपशिष्ट मनुष्यों एवं पशुओं के निदान, उपचार और टीकाकरण के दौरान उत्पन्न होते हैं। बायोमेडिकल अपशिष्ट ठोस और तरल दोनों रूपों में हो सकता है। बायोमेडिकल अपशिष्ट के उदाहरणों में शामिल हैं: बेकार नुकीले उपकरण जैसे सुई, लैंसेट, सीरिंज, स्केलपेल और टूटा हुआ कांच। मानव ऊतक या
भारत में चक्रवात की तैयारी और पूर्व चेतावनी प्रणाली - (February 2024)
चक्रवात कोई भी कम दबाव वाला क्षेत्र होता है, जिसके आस-पास तीव्र गति से केंद्र की तरफ वायु परिसंचरण होता हैं। चक्रवात उत्तरी गोलार्द्ध में वामावर्त तथा दक्षिणी गोलार्द्ध में दक्षिणावर्त घूमते हैं। चक्रवात बनने और तीव्र होने की प्रक्रिया को साइक्लोजेनेसिस कहा जाता है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने चक्रवात चेतावनी सेवाओं के लिए अत्याधुनिक उपकरण विकसित किए हैं
भारत में स्वच्छ शहरी गतिशीलता पहल - (February 2024)
भारत अपने तेजी से बढ़ते शहरी क्षेत्रों में भीड़भाड़, प्रदूषण और अस्थिर परिवहन प्रथाओं की चुनौतियों का समाधान करने के लिए स्वच्छ शहरी गतिशीलता पहल को लागू करने की दिशा में सक्रिय रूप से काम कर रहा है। परिवहन के टिकाऊ और स्वच्छ तरीकों को बढ़ावा देने के लिए कई पहल और परियोजनाएं शुरू की गई हैं। यहां कुछ प्रमुख
पर्यावरण शासनः भारत में संगठन - (February 2024)
भारत में पर्यावरण शासन में सरकारी एवं गैर-सरकारी दोनों तरह के विभिन्न संगठनों की एक जटिल परस्पर क्रिया शामिल है, जो प्राकृतिक संसाधनों के सतत प्रबंधन और पर्यावरण की सुरक्षा की दिशा में काम करते हैं। भारत में पर्यावरण शासन में शामिल कुछ प्रमुख संगठन इस प्रकार हैं: पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC): पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय
जलवायु प्रत्यास्थ कृषि: प्रमुख पहलें - (February 2024)
जलवायु प्रत्यास्थ कृषि को यदि हम सामान्य अर्थ में समझें, तो इसे जलवायु अनुकूल कृषि के रूप में समझा जा सकता है; अर्थात ऐसी कृषि जो परिवर्तनशील जलवायु के अनुसार स्वयं को अनुकुलित कर सके। जलवायु प्रत्यास्थ कृषि एक दृष्टिकोण है, जिसमें जलवायु परिवर्तनशीलता के तहत दीर्घकालिक उच्च उत्पादकता और कृषि आय प्राप्त करने के लिए फसल एवं पशुधन उत्पादन प्रणालियों
EIA : भारत में तंत्र और प्रक्रिया - (February 2024)
पर्यावरण प्रभाव आकलन (Environmental Impact Assessment-EIA) किसी प्रस्तावित परियोजना या विकास के संभावित पर्यावरणीय प्रभावों का मूल्यांकन करने की एक प्रक्रिया है। किसी भी गतिविधि या परियोजना के कारण पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव की भविष्यवाणी करने और उसे रोकने के लिए EIA एक आवश्यक उपकरण है। ईआईए लाभकारी और प्रतिकूल दोनों तरह के अंतर-संबंधित सामाजिक-आर्थिक, सांस्कृतिक और मानव-स्वास्थ्य प्रभावों को
आर्द्रभूमि संरक्षणः कानून, अभिसमय और अन्य पहल - (February 2024)
आर्द्रभूमि (Wetlands) ऐसे क्षेत्र हैं; जहां पानी, पौधों और जानवरों के जीवन के साथ-साथ आस-पास के पारिस्थितिक तंत्र को विनियमित करने में एक प्रमुख भूमिका निभाता है। रामसर कन्वेंशन आर्द्रभूमि को दलदल, पीटलैंड या पानी, चाहे वह प्राकृतिक हो या कृत्रिम, स्थायी या अस्थायी, पानी स्थिर हो या बह रहा हो, को आर्द्रभूमि क्षेत्र के रूप में परिभाषित करता है, जिसमें
भारत में भूमि निम्नीकरणः कारण, प्रभाव और पहल - (February 2024)
भूमि निम्नीकरण से तात्पर्य भौतिक, रासायनिक या जैविक कारकों के कारण भूमि की उत्पादकता के अस्थायी (Temporary) या स्थायी अधःपतन (Permanent Degeneration) होने से है। भूमि निम्नीकरण मानवीय एवं प्राकृतिक दोनों कारणों से होता है। यह मानवीय गतिविधियों में भूमि की अधारणीय उपयोगिता, कृषि रसायनों के अत्यधिक उपयोग आदि के कारण होता है। इसके प्राकृतिक कारणों में चरम मौसम की स्थिति, विशेष रूप
महासागरीय अम्लीकरणः कारण एवं प्रभाव - (February 2024)
महासागरीय अम्लीकरण (Ocean Acidification) एक गंभीर पर्यावरणीय समस्या है, जो समुद्री जीवन और उस पर निर्भर लोगों को प्रभावित करती है। यह वायुमंडल में अतिरिक्त कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) के कारण होता है, जो समुद्र में घुल जाता है, जिससे पानी अधिक अम्लीय हो जाता है। महासागरीय अम्लीकरण को ‘ग्लोबल वार्मिंग का अनिष्ट जुड़वां” (Evil Twin of Global Warming) कहा गया
भारत में प्लास्टिक प्रदूषण: रोकथाम के प्रयास - (February 2024)
प्लास्टिक प्रदूषण से तात्पर्य पर्यावरण में प्लास्टिक कचरे के संचय से है, जिससे पारिस्थितिकी तंत्र, वन्य जीवन, मानव स्वास्थ्य और समग्र पारिस्थितिक संतुलन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। प्लास्टिक प्रदूषण से निपटने के बदले में, भारत ने 2018 में एकल-उपयोग प्लास्टिक को खत्म करने के लिए ‘प्लास्टिक अपशिष्ट-मुक्त भारत’ अभियान शुरू किया। भारत में प्लास्टिक अपशिष्ट केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के
पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील क्षेत्रः निषिध्द, विनियमित और अनुमत गतिविधिायां - (February 2024)
इको-सेंसिटिव जोन (ESZ) भारत में संरक्षित क्षेत्रों, राष्ट्रीय उद्यान तथा वन्यजीव अभयारण्यों के आसपास के क्षेत्रों को पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 के तहत पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC), भारत सरकार द्वारा अधिसूचित किया जाता है। पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील क्षेत्र (ESZ) कुछ प्रजातियों के प्राकृतिक आवासों को संरक्षित करने और जैव विविधता संरक्षण के लिए एक आरक्षित स्थान हैं। इसका
समुद्री शैवाल - विशेषताएं, आवास और उपयोग - (February 2024)
समुद्री शैवाल, शैवाल का एक विविध समूह है, जो आमतौर पर महासागरों तथा खारे पानी के अन्य निकायों में पाए जाते हैं। वे वनस्पति जगत से संबंधित हैं और आकार, रूप एवं रंग में भिन्न हो सकते हैं। समुद्री शैवालों की हजारों विभिन्न प्रजातियां हैं और वे समुद्री पारिस्थितिक तंत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। विशेषताएं समुद्री शैवालों को उनके रंगद्रव्य और
प्रतिपूरक वनीकरणः भारत में पहलें - (February 2024)
प्रतिपूरक वनीकरण (CA) भारत में एक प्रथा है, जहां बुनियादी ढांचे के विकास, खनन या कृषि जैसे गैर-वन उद्देश्यों के लिए उपयोग की जाने वाली वन भूमि के नुकसान की भरपाई के लिए गैर-वन भूमि पर वनीकरण किया जाता है। इसका उद्देश्य वनों की कटाई के नकारात्मक पर्यावरणीय प्रभावों को कम करना और भारत के वनावरण को बनाए रखना है। वन
भारत में जैव विविधाता हॉटस्पॉटः स्थानिक प्रजातियां और खतरे - (February 2024)
‘हॉटस्पॉट’ शब्द, प्रचुर जैव विविधता, प्रजातियों की उच्च स्थानिकता और महत्वपूर्ण भेद्यता के कारण संरक्षण के लिए उच्च प्राथमिकता वाले क्षेत्रें का वर्णन करता है। जैव विविधता के हॉटस्पॉट वे स्थान हैं, जहां स्वदेशी प्रजातियों की उच्च सांद्रता होती है। हॉटस्पॉट को सबसे पहले कंजर्वेशन इंटरनेशनल द्वारा परिभाषित और प्रचारित किया गया था। कंजर्वेशन इंटरनेशनल की स्थापना 1989 में की गई
जैव विविधाता संरक्षणः विधिायां और रणनीतियां - (February 2024)
पारिस्थितिक संतुलन और विविधता को बनाए रखने के लिए प्राकृतिक संसाधनों के उचित प्रबंधन को जैव विविधता संरक्षण कहा जाता है। इसमें वर्तमान पीढ़ी की जरूरतों को पूरा करने के लिए प्राकृतिक संसाधनों का बुद्धिमानी से उपयोग करना शामिल है, जबकि भविष्य की पीढि़यों के लिए पर्याप्त संसाधनों को छोड़ना संसाधनों के सतत उपयोग के रूप में जाना जाता है। प्रजातियों
प्रवाल विरंजन: कारण एवं प्रभाव - (February 2024)
प्रवाल विरंजन एक ऐसी घटना है, जिसमें जूजेथेली नामक सहजीवी शैवाल के निष्कासन के कारण प्रवाल अपना जीवंत रंग खो देते हैं। ये शैवाल प्रकाश संश्लेषण के माध्यम से प्रवालों को पोषक तत्व प्रदान करते हैं तथा उन्हें उनका विशिष्ट रंग प्रदान करते हैं। प्रवाल, कठोर संरचना वाले चूना प्रधान जीव (सिलेन्ट्रेटा पोलिप्स) होते हैं, जो समूह में रहते हैं। चूना
भारत की विकार्बनीकरण पहल - (February 2024)
विकार्बनीकरण (Decarbonization) से तात्पर्य अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में कार्बन उत्सर्जन में कमी से है, जो जलवायु परिवर्तन को कम करने और सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक है। विकार्बनीकरण वायुमंडल में भेजे जाने वाले कार्बन, मुख्य रूप से कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) की मात्रा को कम करने की प्रक्रिया है। भारत, वैश्विक स्तर पर सबसे बड़े ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जकों
मीथेन उत्सर्जन: स्रोत, प्रभाव एवं पहल - (February 2024)
मीथेन (CH4) एक हाइड्रोकार्बन है तथा प्राकृतिक गैस का प्राथमिक घटक है। यह एक ग्रीनहाउस गैस (GHG) है, इसलिए वायुमंडल में इसकी उपस्थिति पृथ्वी के तापमान एवं जलवायु प्रणाली को प्रभावित करती है। मीथेन एक रंगहीन, गंधहीन तथा अत्यधिक ज्वलनशील गैस है। कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) के बाद मीथेन दूसरा सबसे प्रचुर मात्रा में मानवजनित हरित गृह गैस (GHG) है। मीथेन का
ओजोन क्षयकारी पदार्थ - (February 2024)
ओजोन परत क्षरण समतापमंडलीय ओजोन परत का रासायनिक विनाश है, जो प्राकृतिक प्रक्रियाओं के कारण नहीं होता है। प्राकृतिक चक्र लगातार समताप मंडल में ओजोन का निर्माण तथा क्षरण करते रहते हैं। हालाँकि, विभिन्न ओजोन क्षयकारी पदार्थ (ODS) विनाश प्रक्रिया को तेज कर देते हैं, जिसके परिणामस्वरूप ओजोन का स्तर सामान्य से कम हो जाता है। क्लोरोफ्रलोरोकार्बन (CFCs), ब्रोमीन युक्त हैलोन और
भारत में कार्बन क्रेडिट व्यापार - (February 2024)
कार्बन क्रेडिट किसी भी व्यापार योग्य प्रमाणपत्र या परमिट को संदर्भित करता है, जो एक विशिष्ट मात्रा में कार्बन डाइऑक्साइड या किसी अन्य ग्रीनहाउस गैस के बराबर मात्रा में उत्सर्जन करने के अधिकार का प्रतिनिधित्व करता है। कार्बन क्रेडिट एवं कार्बन बाजार ग्रीनहाउस गैस (GHGs) सांद्रता को कम करने के राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रयासों के घटक हैं। कार्बन क्रेडिट पर्यावरण में ग्रीनहाउस
समुद्री गर्म लहरें: कारण एवं प्रभाव - (February 2024)
समुद्री ताप तरंगें (Marine Heat Wave) एक चरम मौसमी घटना है। यह तब होता है, जब समुद्र के किसी विशेष क्षेत्र की सतह का तापमान कम से कम पांच दिनों के लिए औसत तापमान से 3 या 4 डिग्री सेल्सियस ऊपर बढ़ जाता है। यह हफ्रतों, महीनों या वर्षों तक भी चल सकता है। ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में वृद्धि के कारण,
शहरी ताप द्वीप: कारण, प्रभाव एवं समाधान - (February 2024)
शहरी ताप द्वीप (Urban Heat Island) वह स्थान है, जहां घनी आबादी वाले शहर में तापमान उपनगरीय या ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में 2 डिग्री सेंटीग्रेट अधिक होता है। ताप द्वीप वर्ष भर दिन अथवा रात के दौरान उत्पन्न हो सकते हैं। शहरी-ग्रामीण तापमान में अंतर अक्सर शांत, स्पष्ट तौर पर शाम के दौरान सबसे अधिक होता है। ऐसा इसलिए है,
भारत में नये राज्यों का गठन - (January 2024)
भारत में नए राज्यों का गठन संविधान के अनुच्छेद 2, 3 और 4 के प्रावधानों के तहत किया जाता है। ध्यान रहे कि संविधान भारत के किसी राज्य को नए राज्यों के गठन पर कोई अधिकार नहीं है। राज्य का विधान मण्डल एक प्रस्ताव पारित कर केवल संसद को अपने विचार से अवगत करा सकता है। अनुच्छेद 2: यह अनुच्छेद
लोकपाल और लोकायुक्तः शक्तियां, कार्य और सीमाएं - (January 2024)
भारत में केंद्र सरकार तथा राज्य स्तर पर क्रमशः लोकपाल और लोकायुक्त का प्रावधान लोकपाल तथा लोकायुक्त अधिनियम, 2013 (Lokpal and Lokayukta Act, 2013) के तहत की गई हैं। लोकपाल और लोकायुक्त अपने-अपने क्षेत्रधिकार में ‘ओमबुडसमैन’ (Ombudsman) की भूमिका निभाते हैं। वे कुछ निश्चित सार्वजनिक निकायों/संगठनों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों और अन्य संबंधित मामलों की जांच करते हैं। इनके
स्पीकर बनाम राज्यपालः शक्तियों से संबंधित संवैधानिक प्रावधान - (January 2024)
हाल के वर्षों में ऐसे अनेक मामले सामने आए हैं, जब सदन के स्पीकर तथा राज्य के राज्यपाल के बीच विभिन्न मामलों पर गतिरोध की स्थिति देखने को मिली है। राज्यपाल और स्पीकर के बीच सदन में सरकार के बहुमत साबित करने के संबंध में कानूनी-राजनीतिक विवाद बढ़ा है। परिणामस्वरूप सुप्रीम कोर्ट को हस्तक्षेप करना पड़ा है। इस सन्दर्भ में भारत
निर्वाचन आयोगः शक्तियां और सीमाएं - (January 2024)
भारतीय संविधान का भाग 15 मे अनुच्छेद 324 से 329 तक निर्वाचन आयोग से संबंधित विविध प्रावधान किए गए हैं। संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत देश में चुनावों के संचालन के लिये एक आयोग की स्थापना का प्रावधान किया गया है। इस प्रावधान का प्रयोग कर चुनाव आयोग की स्थापना 25 जनवरी, 1950 को की गई थी। अपने स्थापना के समय
केंद्रीय जांच एजेंसियां एवं इनके कार्य - (January 2024)
केंद्रीय जांच एजेंसियों की शक्तियां देश सुरक्षा में वृद्धि करके देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने में महत्वपूर्ण योगदान करते हैं। भारत में केन्द्रीय जांच एजेंसियों में राष्ट्रीय आतंकवाद-रोधी केंद्र (NCTC), राष्ट्रीय जांच एजेंसी (National Investigation Agency - NIA), नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (Narcotics Control Bureau - NCB), राजस्व खुफिया निदेशालय (Directorate of Revenue Intelligence - DRI), प्रवर्तन निदेशालय
उपभोक्ता विवाद निवारण तंत्र - (January 2024)
भारत सरकार द्वारा उपभोक्ता विवादों के तेजी से और सौहार्द्रपूर्ण तरीके से समाधान के लिए एक तंत्र की स्थापना की गई है। यह विवाद समाधान तंत्र उपभोक्ताओं से संबंधित विवादों को इस प्रकार से समाधान उपलब्ध कराता है कि दोनों पक्षों की सहमति हो सके। इससे न सिर्फ विवाद में शामिल पक्षों का समय और पैसा बचता है, बल्कि लंबित
भारत में किशोर न्याय प्रणाली - (January 2024)
भारत में किशोर न्याय प्रणाली 18 वर्ष से कम उम्र के वैसे बच्चों से संबंधित है, जिन्होंने किसी प्रकार से कानून का उल्लंघन किया है तथा उन्हें किसी भी प्रकार की देखभाल एवं सुरक्षा की आवश्यकता होती है। ध्यान रहे कि भारतीय दंड संहिता की धारा 82 के तहत 7 वर्ष से कम उम्र के किसी भी बच्चे को किसी भी
भारत में प्रमुख वित्तीय नियामक निकाय - (January 2024)
भारतीय अर्थव्यवस्था एक मजबूत वित्तीय प्रणाली और कार्यक्षमता के आधार पर तेजी से आगे बढ़ रही है। भारतीय आर्थिक प्रणाली में परिवर्तनशील निकाय हैं तथा ये नियामक निकाय अपने क्षेत्र से संबंधित विनियमन के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करते हैं। भारतीय विनियमन प्रणाली वित्तीय प्रणालियों को बनाए रखते हैं और वित्त संबंधी सभी गतिविधियों की देखरेख करते हैं। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय
संसद के प्रति कार्यपालिका का सामूहिक उत्तरदायित्व - (January 2024)
संसदीय प्रणालियों में एक संवैधानिक परंपरा है कि कार्यपालिका के सदस्यों को कैबिनेट में किए गए सभी सरकारी निर्णयों का सार्वजनिक रूप से समर्थन करना चाहिए, भले ही वे निजी तौर पर उनसे सहमत न हों। इस समर्थन में विधायिका में सरकार के लिए मतदान शामिल है। यदि मंत्रिमंडल का कोई सदस्य खुले तौर पर मंत्रिमंडल के फैसले पर आपत्ति
लोक सभा की विशिष्ट शक्तियां - (January 2024)
लोक सभा भारतीय संसद का निम्न सदन कहा जाता है, जिसमें लोगों द्वारा चुने गए प्रतिनिधि विधि निर्माण की प्रक्रिया में भाग लेते हैं। भारतीय संविधान में कुछ विशेष प्रकार के प्रावधान किए गए हैं, जो लोक सभा को अपने कार्यों के संचालन में सहायक होते हैं। इनमें से कुछ विशिष्ट शक्तियां निम्नलिखित हैं: विशिष्ट कार्यकारी शक्तियां भारतीय संविधान के अनुच्छेद 75(3)
संसदीय एवं विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन - (January 2024)
परिसीमन का शाब्दिक अर्थ है किसी देश या प्रांत में विधायी निकाय वाले क्षेत्रीय निर्वाचन क्षेत्रों की सीमा तय करने की क्रिया या प्रक्रिया। लोक सभा और राज्य विधानसभा सीटों परिसीमन का मुख्य उद्देश्य जनसंख्या के समान खंडों को समान प्रतिनिधित्व प्रदान करना है। इस प्रक्रिया का लक्ष्य भौगोलिक क्षेत्रों का उचित विभाजन करना भी है। परिसीमन का कार्यः भारतीय
भारत में निःशुल्क विधिक सहायता - (January 2024)
भारत के संविधान का अनुच्छेद 39 ए समान अवसर के आधार पर न्याय को बढ़ावा देने के लिए समाज के गरीबों और कमजोर वर्गों को मुफ्त कानूनी सहायता प्रदान करता है। संविधान के अनुच्छेद 14 और 22(1) भी राज्य के लिए कानून के समक्ष समानता सुनिश्चित करना अनिवार्य बनाते हैं। कानूनी सहायता प्राप्त करने का अधिकारभारतीय संविधान कहता है कि प्रत्येक
निवारक हिरासत व संवैधानिक सुरक्षा उपाय - (January 2024)
भारत में निवारक निरोध का तात्पर्य किसी व्यक्ति को बिना किसी मुकदमे या औपचारिक आरोप के हिरासत में लेने, उसे अपराध करने या सार्वजनिक व्यवस्था के लिए हानिकारक तरीके से कार्य करने से रोकने की राज्य की शक्ति से है। भारत का संविधान अनुच्छेद 22 के तहत कुछ प्रक्रियात्मक सुरक्षा उपायों के अधीन निवारक हिरासत का प्रावधान करता है। निवारक निरोध
वैकल्पिक विवाद निवारण तंत्र - (January 2024)
मध्यस्थता, सुलह अथवा बातचीत के माध्यम से अदालतों में जाए बिना विवादों को हल करने की प्रक्रिया को वैकल्पिक विवाद समाधान (ADR) के रूप में जाना जाता है। पक्षकारों के मध्य बातचीत के माध्यम से, एडीआर का लक्ष्य विवादों को हल करना है। भारत के मुख्य न्यायाधीश एन- वी- रमन्ना के अनुसार, वैकल्पिक विवाद समाधान तंत्र सभी हितधारकों के पर्याप्त सहयोग
संसदीय लोकतंत्रः भारतीय और ब्रिटिश मॉडल के बीच तुलना - (January 2024)
संसदीय लोकतंत्र (Parliamentary Democracy) सरकार का एक लोकतांत्रिक रूप है तथा सरकार का नेता प्रधानमंत्री को बनाया जाता है; जिसमें कोई एक दल अथवा कुछ दलों का गठबंधन संसद विधायिका में सर्वाधिक प्रतिनिधित्व की सहायता से सरकार बनाता है। एक संसदीय लोकतंत्र में, सरकार को सदैव संसद का विश्वास बनाए रखना अति आवश्यक होता है। संसदीय लोकतंत्र वह प्रणाली
भारत में डिजिटल मीडिया का विनियमन - (January 2024)
डिजिटल मीडिया एक मशीन-पठनीय (Machine-Readable) प्लेटफॉर्म के माध्यम से एन्क्रिप्टेड (encrypted) सामग्री को बनाने, वितरित करने, देखने और संगृहीत करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस पर ऑनलाइन स्पेस को संदर्भित करता है। डिजिटल मीडिया विभिन्न उत्पाद उपलब्ध कराता है। इसके विविध रूपों को वीडियो, एनीमेशन, ई-कॉमर्स, वेबसाइटों, मोबाइल एप्लिकेशन, डेटा विजुअलाइजेशन और इंटरैक्टिव स्टोरीटेलिंग (Interactive Storytelling) आदि में देखा जा सकता है।
भारत में एसडीजी का स्थानीयकरण - (January 2024)
2015 में अपनाए गए 17 सतत विकास लक्ष्यों (SDG's) ने विकास एजेंडे में एक आदर्श बदलाव को चिह्नित किया है। 2030 की समय सीमा नजदीक आने के साथ, एसडीजी के ‘स्थानीयकरण’ की दिशा में एक वैश्विक बदलाव आया है। सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) को आधिकारिक तौर से ‘ट्रांसफॉर्मिंग आवर वर्ल्ड: एजेंडा 2030 फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट’ के रूप में जाना जाता है।
गोपनीयता एवं डेटा सुरक्षा का अधिकार - (January 2024)
डेटा सुरक्षा के अधिकार में किसी की व्यक्तिगत सूचना के अनधिकृत उपयोग या प्रकटीकरण से मुक्त होने का अधिकार शामिल है। डेटा सुरक्षा के अधिकार में किसी की व्यक्तिगत जानकारी के संग्रह, उपयोग और प्रकटीकरण के बारे में सूचित होने का अधिकार भी शामिल है। साथ ही, निजता के अधिकार का दुरुपयोग को लेकर चिंताएं भी हैं। उदाहरण के लिए, कंपनियां
ई-गवर्नेंस: अनुप्रयोग एवं पहल - (January 2024)
सरकारी सेवाओं को प्रदान करने एवं सुविधाजनक बनाने तथा सूचनाओं के आदान-प्रदान, संचार लेनदेन और विभिन्न स्टैंडअलोन प्रणालियों एवं सेवाओं के एकीकरण के लिए सरकार द्वारा सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (ICT) के उपयोग को इलेक्ट्रॉनिक गवर्नेंस या ई-गवर्नेंस कहा जाता है। यह सरकार के कार्यों को पूरा करने और शासन के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए प्रौद्योगिकी के उपयोग को
व्यक्तिगत मानवाधिकार - (January 2024)
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग के अनुसार, मानवाधिकार वे अधिकार हैं, जो हमारे पास सिर्फ इसलिए हैं क्योंकि हम मानव के रूप में अस्तित्वान हैं। ये किसी भी राज्य द्वारा प्रदान नहीं किए जाते हैं। राष्ट्रीयता, लिंग, राष्ट्रीय या जातीय मूल, रंग, धर्म, भाषा या किसी अन्य स्थिति की परवाह किए बिना, ये सार्वभौमिक अधिकार सभी मानव के लिए अंतर्निहित हैं। इनमें सबसे
न्यायाधीशों का सुनवाई से खुद को अलग करना - (January 2024)
न्यायाधीशों द्वारा किसी न्यायिक मामले से अलगाव (Judicial Recusal) तब होता है, जब कोई न्यायाधीश हितों के टकराव या पूर्वाग्रह की उचित आशंका के कारण किसी मामले से स्वयं को अलग कर लेता है। ऐसा यह सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है कि मामले का निर्णय निष्पक्ष रूप से हो तथा परिणाम न्यायाधीश के व्यक्तिगत पूर्वाग्रहों से प्रभावित न
विधायी शक्ति का वितरण - (January 2024)
संविधान के अनुच्छेद-1 में भारत को राज्यों का संघ (Union of states) बताया गया है। संघीय संविधान की मुख्य विशेषता केंद्र एवं राज्यों के मध्य शक्तियों का वितरण है। भारतीय संविधान भारत की विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक नए प्रकार के संघवाद का प्रावधान करता है। विधायी शक्तियां संघ एवं राज्य विधानसभाओं के मध्य मौजूदा विधायी शक्ति के
एमिनेंट डोमेन का सिद्धांत - (January 2024)
एमिनेंट डोमेन सिद्धांत या ‘निजी संपत्ति के सार्वजनिक उपयोग हेतु रूपांतरण के सिद्धांत’ की उत्पत्ति लैटिन शब्द ‘एमिनेंशिया’ से हुई है, यह शब्द ‘श्रेष्ठ आधिपत्य’ को संदर्भित करता है, जिसे सरकार अपने अधिकार क्षेत्र के भीतर सभी संपत्तियों पर प्रयोग करती है। ‘निजी संपत्ति के सार्वजनिक उपयोग हेतु रूपांतरण का सिद्धांत’ (Doctrine of Eminent Domain), प्रशासनिक विधि का एक अभिन्न अंग
न्यायाधीशों की नियुक्ति एवं स्थानांतरण - (January 2024)
भारत में न्यायिक प्रणाली तीन स्तरों में व्यवस्थित है, यथा सर्वोच्च न्यायालय, उच्च न्यायालय एवं अधीनस्थ न्यायालय। भारतीय संविधान केंद्र एवं राज्यों के मध्य शक्तियों के पृथक्करण के साथ-साथ एक स्वतंत्र न्यायिक प्रणाली की गारंटी देता है। जिला न्यायालयों में न्यायाधीशों की नियुक्ति योग्यता: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 233 जिला न्यायाधीशों की नियुक्ति से संबंधित है। इसके अनुसार, किसी व्यक्ति को जिला
प्राकृतिक न्याय का सिद्धांत - (January 2024)
जस नेचुरल (Jus Naturale) प्राकृतिक न्याय (Natural Justice) के आधुनिक सिद्धांत के समतुल्य रोमन विधि है। हालांकि यह सामान्य विधि (Common Law) और कई नैतिक प्रथाओं (Moral Practices) के साथ निकटता से सम्बंधित है, लेकिन विधि की किसी भी शाखा द्वारा इसकी सटीक व्याख्या नहीं की गई है। प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत वे हैं, जो प्राकृतिक वातावरण में बहुत लंबे
भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन: संगठन और उनके नेता - (January 2024)
भारत के राष्ट्रीय आंदोलन उन उल्लेखनीय संघर्षों की जीवंत कहानी है, जिसने हमारे देश को ब्रिटिश शासन के खिलाफ एकजुट किया। ये आंदोलन स्वतंत्रता व समानता की अटूट भावना का उदाहरण है, जो स्वतंत्रता की दिशा में भारत के मार्ग को आकार देते हैं। आधुनिक भारत में विभिन्न संगठन एवं उनके नेता प्रमुख संगठन महत्वपूर्ण विवरण लैंडहोल्डर्स सोसायटी इसे जमींदारी एसोसिएशन के नाम से भी
भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में महिलाओं की भागीदारी - (January 2024)
ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता के लिए भारत के संघर्ष को कई महिला स्वतंत्रता सेनानियों के साहस और बलिदान से चिह्नित किया जा सकता है। इन महिलाओं ने सामाजिक मानदंडों को चुनौती देने के साथ-साथ, राष्ट्रीय आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। राष्ट्रीय आंदोलन में महिलाओं का योगदान असहयोग आंदोलन (1920): महिलाओं ने स्कूलों और कॉलेजों सहित ब्रिटिश वस्तुओं एवं संस्थानों के बहिष्कार
ब्रिटिश शासन के दौरान भारत में प्रेस का विकास - (January 2024)
16वीं शताब्दी के पश्चात भारत में प्रेस का विकास शुरू होता है। पुर्तगाली भारत में प्रेस मशीन की स्थापना करने वाले पहले यूरोपियन थे। अंग्रेजों ने 1684 में भारत में प्रिंटिंग प्रेस की स्थापना की। जेम्स ऑगस्टस हिक्की ने 1980 को द बंगाल गजट नाम से भारत का पहला अखबार शुरू किया। इसके पश्चात 1780 में ‘इंडियन गजट’, 1784 में कलकत्ता गजट,
ब्रिटिश काल में सामाजिक सुधार के लिए उठाए गए कदम - (January 2024)
19वीं सदी में भारत में देश के विभिन्न हिस्सों में सुधार आंदोलनों की एकश्रृंखला देखी गई। ये आंदोलन आधुनिक तर्ज पर भारतीय समाज के पुनर्गठन की ओर उन्मुख थे। बंगाल सती विनियमन, 1829इसे गवर्नर-जनरल की काउंसिल द्वारा पारित किया गया था। यह ब्रिटिश भारत में सती प्रथा पर रोक लगाने से सम्बंधित प्रथम विनियम था। पारित करने में योगदानः इस विनियम को
ब्रिटिश भू-राजस्व प्रणाली - (January 2024)
भारत में ब्रिटिश सत्ता की स्थापना के साथ ही अपने हितों के अनुकूल करने के लिए नई नीतियों की तत्काल आवश्यकता महसूस हुई। परिणामस्वरूप उन्होंने जमींदारी, रैयतवाड़ी और महालवाड़ी नामक भू-राजस्व की तीन प्रणालियों को देश मे लागू किया। जमींदारी प्रणालीः इस प्रणाली की शुरुआत लॉर्ड कार्नवालिस ने 1793 में बंगाल और बिहार में की गई थी। बाद में इसे
भारत में महिला आंदोलन - (January 2024)
भारत में महिला आंदोलन देश के प्रमुख सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक रुझानों के लिए चुनौती पेश करता है। भारत में रहने वाली महिलाओं की लगभग 150 वर्ष की यात्र तथा उनके सामूहिक लक्ष्य और असमान अनुभव, प्रेरणा तथा गतिरोध, विरोध और समझौते, उपलब्धियां और विफलताओं की एक झांकी है। इसने तीन वैचारिक चरणों के माध्यम से भारत में महिला आंदोलन के
ब्रिटिश भारत के गवर्नर जनरल और वायसराय: प्रमुख घटनाएं - (January 2024)
31 दिसंबर, 1600 को महारानी एलिजाबेथ प्रथम से रॉयल चार्टर प्राप्त होने के उपरांत ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत में एक व्यापारिक इकाई के रूप में प्रवेश किया और धीरे-धीरे ब्रिटिश उपनिवेश की स्थापना की। भारत 200 वर्षों से अधिक समय तक ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के अधीन था और इस अवधि के दौरान, यह गवर्नर-जनरल एवं वायसराय की एक श्रृंखला द्वारा
किसान एवं जनजातीय आंदोलन - (January 2024)
भारत में ब्रिटिश शासन की स्थापना के परिणामस्वरूप कृषकों तथा जनजातियों को विभिन्न प्रकार की नई परिस्थितियों का सामना करना पड़ा। इसके साथ ही कृषकों तथा जनजातियों पर विभिन्न प्रकार के कर आरोपित किए गए, जिसके परिणामस्वरूप इनके द्वारा विभिन्न विद्रोह किए गए। कोल विद्रोह (1831-32): कोल भारत में छोटानागपुर क्षेत्र के निवासी थे। अंग्रेजों के आगमन से पहले, वे
भारत में आधुनिक राष्ट"वाद का उदय - (January 2024)
भारतीय राष्ट्रवाद औपनिवेशिक नीतियों के परिणामस्वरूप और औपनिवेशिक नीतियों की प्रतिक्रिया के रूप में विकसित हुआ। वास्तव में, भारतीय राष्ट्रवाद को विभिन्न कारकों के संगम के परिणाम के रूप में देखना अधिक व्यावहारिक होगा। राष्ट्रवाद क्या है?राष्ट्रवाद एक विचार के प्रति समर्पण है, जिसमें यह विश्वास एवं आस्था होती है कि राष्ट्र और राज्य को एक समान होने चाहिए। राष्ट्रवाद, एक
भारत में महत्वपूर्ण सांस्कृतिक विश्व धारोहर स्थल: मुख्य विशेषताएं - (January 2024)
विरासत स्थल वे स्थान हैं, जिनका महत्वपूर्ण सांस्कृतिक, ऐतिहासिक या प्राकृतिक मूल्य है, जिसके कारण इन्हें भविष्य की पीढ़ियों के लिए संरक्षित किया जाता है। इन स्थलों में इमारतें, स्मारक, प्राकृतिक परिदृश्य और पुरातात्विक स्थल शामिल हैं, जो मानव इतिहास या संस्कृति के महत्वपूर्ण पहलुओं का प्रतिनिधित्व करते हैं। विरासत स्थलों को अक्सर राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय संगठनों, जैसे यूनेस्को (संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक,
भारत की प्रमुख युद्ध कलाएं - (January 2024)
प्राचीन काल से ही भारत में विभिन्न युद्ध कलाएं प्रचलित हैं तथा वर्तमान में ये भारतीय संस्कृति का एक अभिन्न अंग बन गई हैं। इनमें से कुछ कलाएं अप्रचलित हो गई हैं और कुछ लोगों के द्वारा ही इनके संरक्षण का कार्य किया जा रहा है। कलारीपयट्टू: यह केरल की एक पारंपरिक युद्ध कला है। इसे सबसे पुरानी युद्ध प्रणालियों
भारत की लोक चित्रकला - (January 2024)
लोक चित्रकला चित्रत्मक रूप में लोगों के एक विशिष्ट समूह द्वारा साझा की गई सांस्कृतिक अभिव्यक्ति है, इसमें उस संस्कृति, उपसंस्कृति या समूह की विशिष्ट परंपराएं शामिल होती हैं। सहस्राब्दियों से लोक चित्रकलाएं भारत की परंपराओं का अभिन्न अंग रही हैं। भारत की लोक चित्रकलाएंमधुबनी/मिथिला पेंटिंग मधुबनी पेंटिंग या मिथिला पेंटिंग बिहार राज्य के मिथिला क्षेत्र और नेपाल के तराई के आसपास
द्रविड़ मंदिर वास्तुकला - (January 2024)
द्रविड़ मंदिर वास्तुकला, एक हिंदू मंदिर वास्तुकला उदहारण है जिसकी उत्पत्ति दक्षिणी भारतीय उपमहाद्वीप, विशेष रूप से दक्षिण भारत और श्रीलंका में हुई तथा सोलहवीं शताब्दी में अपने शिखर पर पहुंची। वर्तमान निर्माणों का बड़ा हिस्सा दक्षिणी भारतीय राज्यों आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, तेलंगाना में पाया जाता है। द्रविड़ मंदिर वास्तुकला: विशेषताएंद्रविड़ वास्तुकला शैली की विशेषताएं निम्नलिखित हैं: मंदिर एक ऊंची
मराठा साम्राज्य: आर्थिक व प्रशासनिक व्यवस्था - (January 2024)
दक्कन के इतिहास की एक प्रमुख घटना मराठों के प्रभुत्व का विकास था। 18वीं शताब्दी के दौरान, मराठा साम्राज्य भारतीय उपमहाद्वीप के एक बड़े हिस्से को नियंत्रित करने के लिए विकसित हुआ। भोंसले राजवंश के शिवाजी का 1674 में छत्रपति के रूप में ताजपोशी हुआ, जो मराठा शक्ति की आधिकारिक शुरुआत का प्रतीक था। ‘मराठा प्रशासन’ का तात्पर्य एक राज्य पर
विजयनगर साम्राज्य: प्रशासन, सामाजिक-आर्थिक स्थितियां एवं सांस्कृतिक योगदान - (January 2024)
विजयनगर साम्राज्य, एक महत्वपूर्ण दक्षिण भारतीय साम्राज्य था, जिसकी स्थापना हरिहर प्रथम तथा उसके भाई बुक्का प्रथम द्वारा की गई थी। साम्राज्य की राजधानी विजयनगर (वर्तमान कर्नाटक में हम्पी) थी। विजयनगर साम्राज्य ने 1336 ई. से 1646 ई. तक शासन किया, हालांकि 1565 ई. में तालीकोटा (राक्षसतंगड़ी) की लड़ाई के बाद साम्राज्य बिखर गया। राजवंश विवरण संगम (1336-1485) संगम, विजयनगर साम्राज्य पर शासन करने
मुगल काल में दृश्य कला का विकास - (January 2024)
मुगल पेंटिंग की उत्पत्ति को भारत में चित्रकला के इतिहास में एक मील का पत्थर माना जाता है। मुगल साम्राज्य की स्थापना के साथ, 1560 ई. में अकबर के शासनकाल में मुगल चित्रकला शैली की शुरुआत हुई, जो चित्रकला और वास्तुकला की कला में गहरी रुचि रखता था। मुगल शैली, चित्रकला की स्वदेशी भारतीय शैली और फारसी चित्रकला के सफाविद्
मधयकालीन भारत में धार्मिक संप्रदाय/आंदोलन - (January 2024)
मध्यकाल में विभिन्न धर्म जैसे हिंदू धर्म, इस्लाम, बौद्ध धर्म, जैन धर्म, सिख धर्म, ईसाई धर्म और पारसी धर्म भारत में मौजूद थे। इस काल में मुस्लिम शासकों के आगमन ने धार्मिक क्षेत्र में नवीन तत्वों को जन्म दिया; जिसकी परिणति भक्ति आन्दोलन व सूफी आंदोलन में हुई। भक्ति आन्दोलन और सूफी आन्दोलन ने इन विभिन्न धर्मों के भेदों को समाप्त
भारतीय दर्शन: महत्वपूर्ण विचार एवं संप्रदाय - (January 2024)
प्राचीन भारतीय दर्शन का आरम्भ वेदों से होता है। वेद भारतीय धर्म, दर्शन, संस्कृति, साहित्य आदि सभी के मूल स्रोत हैं। वर्तमान में भी धार्मिक एवं सांस्कृतिक कृत्यों के अवसर पर वेद-मंत्रों का गायन होता है। अनेक दर्शन-संप्रदाय वेदों को अपना आधार और प्रमाण मानते हैं। उत्तर वैदिक काल में रचित उपनिषदों की रचना के साथ ही भारतीय दर्शन ने जन्म
प्राचीन भारत में वैज्ञानिक एवं तकनीकी विकास - (January 2024)
विज्ञान और प्रौद्योगिकी ने मानव समाज के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। ऐसा माना जाता है कि भारतीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मेहरगढ़ (अब पाकिस्तान में) से शुरू हुई और पूरे देश के इतिहास में जारी रही। प्राचीन काल में शल्य चिकित्सा एवं आयुर्वेद भारतीय चिकित्सा पद्धति के विषय में सर्वप्रथम लिखित ज्ञान ‘अथर्ववेद’ में मिलता है। आयुर्वेद में धन्वंतरि संप्रदाय और
प्राचीन काल के प्रमुख विद्वान एवं साहित्यिक कृतियां - (January 2024)
प्राचीन काल अपार ज्ञान और सांस्कृतिक विकास का समय था। प्राचीन साहित्य वैज्ञानिक और धार्मिक ग्रंथों, कहानियों, कविताओं, नाटकों, शाही उद्घोषणाओं तथा बहुत कुछ का एक विविध संग्रह था। प्राचीन काल की विभिन्न साहित्यिक कृतियां एवं उनके रचनाकारों का उल्लेख निम्नलिखित है- साहित्यिक कृतियां रचनाकार महाभाष्य पतंजलि
संगम युगः समाज, प्रशासन और साहित्य - (January 2024)
संगम युग दक्षिण भारत के इतिहास में सामान्यतः तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व से तीसरी शताब्दी ईस्वी के बीच की अवधि को संदर्भित करता है। इस अवधि के दौरान प्रमुख राजनीतिक इकाइयां राजाओं द्वारा शासित कई छोटे राज्य थे। चेर, चोल, पांडड्ढ सबसे महत्वपूर्ण शक्तियां थीं। इस युग की जानकारी का मुख्य स्रोत संगमकालीन साहित्य है। समाज संगमकालीन ग्रंथ पुरुनानरू के अनुसार, समाज
गुप्त साम्राज्य: अर्थव्यवस्था, समाज एवं धर्म - (January 2024)
प्राचीन भारत में गुप्त साम्राज्य को भारतीय सभ्यता के उच्च बिंदुओं में से एक माना जाता है। यह काल न केवल भारतीय इतिहास के महान साम्राज्य में से एक का काल था, बल्कि यह कला, साहित्य और विज्ञान में महान उपलब्धियों का भी काल था। यह भारतीय सभ्यता में परिवर्तन का दौर था, क्योंकि भारतीय सभ्यता अपने प्राचीन स्वरूप से निकलकर
प्राचीन भारत में गणराज्य - (January 2024)
वैदिक भारत के पितृसत्तात्मक-लोकतांत्रिक ‘मुकुटधारी गणराज्यों’, के साथ ही ऐतरेय ब्राह्मण में वर्णित वैराज्य या राजा रहित राज्यों के अतिरिक्त कुल-संघों और गणों को अर्थशास्त्र में एवं महाभारत में वर्णित राष्ट्रीयताओं को ‘समानता’ के सिद्धांत पर गठित होने के कारण ‘अजेय’ के रूप में संदर्भित किया गया है। प्राचीन भारत में गणतंत्र : साहित्यिक साक्ष्य वेद वेदों में कम से कम दो प्रकार
महाजनपद: महत्वपूर्ण साम्राज्य, अर्थव्यवस्था एवं प्रशासन - (January 2024)
महाजनपद काल (600 ईसा पूर्व) को दूसरे शहरीकरण का काल भी माना जाता है, क्योंकि महाजनपदों के विशाल विस्तार की स्थापना शहरी विकास और लौह उपकरणों के उपयोग द्वारा की गई थी। आर्थिक एवं राजनीतिक केंद्र भारत के उत्तर-पश्चिमी से पूर्वी प्रांतों (मुख्य रूप से बिहार) में स्थानांतरित हो गया था। महाजनपद, उनकी राजधानी एवं भौगोलिक क्षेत्र महाजनपद राजधानी वर्तमान भौगोलिक स्थिति 1. अंग चंपा भागलपुर/मुंगेर के
उत्तर वैदिक काल के दौरान धर्म और धार्मिक परंपराएं - (January 2024)
उत्तर वैदिक काल 1000 ईसा पूर्व से 600 ईसा पूर्व तक की अवधि को संदर्भित करता है, जब आर्यों का विस्तार पूर्व की ओर होना प्रारंभ हुआ तथा वर्तमान समय के पश्चिमी उत्तर प्रदेश एवं पूर्वी उत्तर प्रदेश के साथ-साथ बिहार तक का क्षेत्र इनकी परिधि में सम्मिलित हो गया। उत्तर वैदिक काल के दौरान, आर्यों ने गंगा, सदानीरा (गंडक) और
योजना एवं पहल - (December 2023)
24 मार्च, 2022 को मध्य प्रदेश किसान-कल्याण तथा कृषि विकास मंत्रालय द्वारा इजराइल के सहयोग से राज्य में माइक्रो इरीगेशन और हाईटेक एग्रीकल्चर को बढ़ावा देने के लिये किस स्थान पर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस खोले जाने पर सहमति बनी है? - हरदा में23 जुलाई, 2022 को केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय और मत्स्य, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से
पर्यावरण - (December 2023)
भारतीय वन स्थिति रिपोर्ट (India State of Forest Report - ISFR) 2021 के अनुसार, 925 वन ग्राम के साथ भारत का सबसे अधिक वन आच्छादित राज्य हैं। - मध्य प्रदेशमध्य प्रदेश में कुल वृक्षावरण (Forest Cover) कितना वर्ग किलोमीटर है? - 77,492.60 वर्ग किलोमीटर (राज्य के कुल क्षेत्रफल का 25-14 प्रतिशत)मध्य प्रदेश में अति सघन वन कितने वर्ग किलोमीटर है?
राजनीतिक परिदृश्य - (December 2023)
मध्य प्रदेश में प्रथम विधान सभा कब अस्तित्व में आई थी? - 1 नवंबर, 1956राज्य विधान सभा का पहला अधिवेशन किस समय संपन्न हुआ था? - 17 दिसम्बर, 1956 मध्य प्रदेश विधान सभा का अंतिम अधिवेशन किस अवधि को संपन्न हुआ? - 17 जनवरी, 1957 वर्तमान में मध्य प्रदेश के राज्यपाल किसे नियुक्त किया गया है? - मंगुभाई
अर्थव्यवस्था - (December 2023)
राज्य के सकल मूल्य वर्द्धित (जीवीए) में प्राथमिक क्षेत्र का योगदान 2011-12 में 33.85% से बढ़कर 2020-21 में कितना प्रतिशत हो गया है? - 46.98%2015-16 और 2021-22 के बीच, जीएसडीपी 2015-16 से 2021-22 तक कितने प्रतिशत के सीएजीआर (रुपये में) से बढ़ा है? – 13.09%किस संस्था को राज्य में औद्योगिक विकास के लिए नोडल एजेंसी के रूप में नामित
भूगोल - (December 2023)
मध्य प्रदेश क्षेत्रफल के मामले में देश का दूसरा सबसे बड़ा राज्य है, इसका कुल भौगोलिक क्षेत्रफल है? - 3,08,252 वर्ग किलोमीटर मध्य प्रदेश के निचले हिस्से से नर्मदा घाटी स्थित है, इसकी औसत ऊंचाई औसत समुद्र तल से कितने मीटर है? - 300 मीटरमध्य प्रदेश में कौन-सी दो प्रमुख पर्वत श्रेणियां पाई जाती हैं? - विध्यांचल पर्वत श्रेणी
इतिहास एवं संस्कृति - (December 2023)
मध्य प्रदेश में स्थित भीमबेटका, आदमगढ़, जावरा, रायसेन, पचमढ़ी स्थानों को किस काल के स्थलों के रूप में जाना जाता हैं? - प्रागैतिहासिक कालीन मौर्य साम्राज्य के काल में कौन से दो स्थान काफी प्रसिद्ध थे, जो वर्तमान में मध्य प्रदेश स्थित हैं? - मालवा और अवंती ई. पू. पहली शताब्दी में उज्जैन किसके रूप में ख्याति प्राप्त स्थल था? -
भारत में औद्योगिक अवस्थिति को प्रभावित करने वाले कारक - (December 2023)
उद्योग, लागत कम करके मुनाफा अधिकतम करते हैं। इसलिए, उद्योगों को ऐसे स्थानों पर स्थापित किया जाना चाहिए, जहां उत्पादन लागत न्यूनतम हो। औद्योगिक स्थानों को प्रभावित करने वाले कुछ कारक इस प्रकार हैं- कच्चे माल तक पहुंच उद्योगों द्वारा उपयोग किया जाने वाला कच्चा माल सस्ता और परिवहन में आसान होना चाहिए। विनिर्माण उद्योग के लिए कच्चा माल मूलभूत आवश्यकताएं हैं।
भारत के कोयला संसाधन - (December 2023)
कोयला एक प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला पारंपरिक ऊर्जा संसाधन है, जो लगभग 300 मिलियन वर्ष पूर्व कार्बोनिफेरस काल के दौरान मृत पौधे एवं पदार्थों के संघनन और अवसादन के कारण बना था। यह भारत में सबसे महत्वपूर्ण और प्रचुर जीवाश्म ईंधन है। यह देश की 55 प्रतिशत ऊर्जा आवश्यकताओं की पूर्ति करता है। कोयले के भंडार, जो 27 प्रमुख
शहरीकरणः कारक और प्राकृतिक संसाधनों पर प्रभाव - (December 2023)
शहरीकरण से तात्पर्य उस प्रक्रिया से है, जिसके द्वारा जनसंख्या का बढ़ता हुआ हिस्सा शहरी क्षेत्रों में रहने लगता है। यह एक वैश्विक घटना है, जो आर्थिक विकास, तकनीकी परिवर्तन और जनसंख्या वृद्धि सहित विभिन्न कारकों से प्रेरित है। भारत में, हाल के दशकों में शहरीकरण तेजी से बढ़ने वाली प्रवृत्ति रही है। भारत के शहरों और कस्बों की आबादी ग्रामीण
मरुस्थलीकरण रोकथाम: प्रमुख पहल - (December 2023)
मरुस्थलीकरण भूमि क्षरण का एक रूप है, जिसके द्वारा उपजाऊ भूमि रेगिस्तान बन जाती है। इससे रेगिस्तान से निकटवर्ती क्षेत्रों तक रेत का विकास होता है। रेत उपजाऊ मृदा को ढक लेती है और उसकी उर्वरता को प्रभावित करती है। बढ़ती निम्नीकृत भूमि मरुस्थलीकरण और भूमि क्षरण एटलस 2021 के अनुसार, भारत के कुल भौगोलिक क्षेत्र का कम से कम 30% ‘निम्नीकृत
भारत में भूजल प्रदूषण - (December 2023)
भूजल में पीने के पानी के लिए निर्धारित सीमा से अधिक विशिष्ट प्रदूषकों की उपस्थिति को भूजल संदूषण कहा जाता है। भूजल की कमी भी प्रदूषण का एक प्रमुख कारण है। सामान्य भूजल संदूषक सबसे आम भूजल संदूषण घुलित नाइट्रेट है। इसकी अधिक मात्रा सतही जल में यूट्रोफिकेशन को तेज कर सकती है और बच्चे में ‘ब्लू बेबी रोग’ (मेटेमोग्लोबिनेमिया) की स्थिति
प्रायद्वीपीय भारत की संरचना एवं उच्चावाचीय (Relief) विशेषताएं - (December 2023)
प्रायद्वीपीय पठार को उत्तर.पश्चिम में दिल्ली पर्वत श्रृंखला (अरावली का विस्तार), पूर्व में राजमहल पहाड़ियां, पश्चिम में गिर पर्वत श्रृंखला और दक्षिण में इलायची पहाड़ियां द्वारा परिभाषित किया गया है। प्रायद्वीपीय ब्लॉक की उत्तरी सीमा एक अनियमित रेखा है, जो दिल्ली के पास कच्छ से अरावली रेंज के पश्चिमी ढलान तक चलती है, फिर राजमहल पहाड़ियों और गंगा डेल्टा तक लगभग
भूस्खलनः परिभाषा, प्रकार और कारण - (December 2023)
भूस्खलन गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव के तहत ढलान से चट्टान, मिट्टी और वनस्पति का तीव्र गति से नीचे खिसकना है। यह प्राकृतिक कारणों से प्रेरित हो सकता है; जैसे, भारी बारिश, भूकंप या यह ढलान.स्थिरता में मानवीय अति.हस्तक्षेप के कारण हो सकता है। मनुष्य सड़क, रेलवे, भवन, सुरंग आदि बनाने के लिए चट्टानों को तोड़ता है। ऐसे में चट्टानें ढीली हो जाती
समुद्री प्रदूषण के कारण और परिणाम - (December 2023)
समुद्री प्रदूषण से तात्पर्य उन कूड़े.कचरे और प्रदूषकों से है, जो भूमि स्रोतों से आते हैं और अंततः समुद्र में मिल जाते हैं। यह प्रदूषण समुद्री जीवन के साथ-साथ उन आर्थिक संरचनाओं को भी व्यापक नुकसान पहुंचाता है, जो समुद्री बुनियादी ढांचे पर निर्भर हैं। समुद्री प्रदूषण तब होता है, जब औद्योगिक, कृषि, आवासीय अपशिष्ट आदि समुद्र में प्रवेश करते हैं।
भारत में कृषि उत्पादकता को प्रभावित करने वाले कारक - (December 2023)
कृषि उत्पादकता फसल उपज के संबंध में भूमि की क्षमता का मात्रत्मक माप है। कृषि उत्पादकता किसी दिए गए भू.खंड से कुल उत्पादन को दर्शाती है। उत्पादकता केवल प्रति हेक्टेयर अधिक उपज प्रदान करने के लिए भूमि की भौतिक गुणवत्ता नहीं है, यह भौतिक और तकनीकी दोनों कारकों का उत्पाद है। हालांकि, उत्पादकता मापने का सबसे सरल तरीका प्रति हेक्टेयर उपज
पृथ्वी की आंतरिक संरचना के अधययन में भूकंपीय तरंगों की भूमिका - (December 2023)
भूकंपीय तरंगें ऊर्जा की तरंगें हैं, जो भूकंप के परिणामस्वरूप पृथ्वी से होकर गुजरती हैं और पृथ्वी की आंतरिक संरचना के बारे में जानकारी प्रदान करने में सहायक होती हैं, क्योंकि ये तरंगें विभिन्न माध्यमों में अलग.अलग गति से यात्रा करती हैं। पृथ्वी से दो प्रकार की तरंगें गुजरती हैं: पी-तरंगें और एस-तरंगें। पी-तरंगें तीव्र होती हैं, वे ठोस तरल दोनों में
भारत के भूकंपीय क्षेत्र - (December 2023)
भूकंपीय क्षेत्र का उपयोग उस क्षेत्र का वर्णन करने के लिए किया जाता है, जहां भूकंप केंद्रित होते हैं; उदाहरण के लिए, मध्य संयुक्त राज्य अमेरिका में न्यू मैड्रिड भूकंपीय क्षेत्र। भूकंपीय जोखिम क्षेत्र भूकंप के कारण एक विशेष स्तर के खतरे वाले क्षेत्र का वर्णन करता है। प्राकृतिक खतरों की रोकथाम और शमन के लिए इंटरनेशनल सोसायटी के जर्नल के
पूर्वी घाट की भौगोलिक विशेषताएं - (December 2023)
पूर्वी घाट अनियमित आकार की निचली श्रेणियों का एक संग्रह है, जो उत्तर-पूर्व से दक्षिण-पश्चिम तक बंगाल की खाड़ी की तटरेखा के समानांतर विस्तृत हैं। दक्कन के पठार और तटीय मैदान के पूर्वी किनारे पर पृथक पहाड़ी श्रृंखलाओं के साथ पूर्वी घाट भूवैज्ञानिक पुरातनता के ‘टोर’ हैं। महानदी और गोदावरी नदियों के बीच का दंडकारण्य क्षेत्र एक पुरानी पर्वत श्रृंखला का अवशेष
महासागरीय लवणता को प्रभावित करने वाले कारक - (December 2023)
लवणता शब्द का प्रयोग समुद्री जल में घुले हुए लवणों की कुल मात्र को परिभाषित करने के लिए किया जाता है। इसकी गणना 1,000 ग्राम (1 किग्रा) समुद्री जल में घुले नमक की मात्र (ग्राम में) के रूप में की जाती है। इसे आम तौर पर प्रति हजार भाग के रूप में व्यक्त किया जाता है। 24.7 (24.7 o@oo) की लवणता को ‘खारे
श्रमिकों का ग्रामीण-शहरी प्रवासन - (December 2023)
प्रवासन का आशय बेहतर अवसरों और बेहतर जीवन की तलाश में परिवारों के एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने से है। ग्रामीण क्षेत्रों में अक्सर शैक्षणिक संस्थानों, स्वास्थ्य सेवाओं, वित्तीय स्वतंत्रता और अन्य कारकों जैसी बुनियादी जीवन आवश्यकताओं का अभाव होता है। दूसरी ओर, शहरी स्थानों में ज्यादातर नौकरियों के लिए एक समृद्ध क्षेत्र होता है और माना जाता है
भारत में बाढ़ प्रबंधन - (December 2023)
बाढ़ उस भूमि पर पानी का अतिप्रवाह है, जो सामान्यतः शुष्क होती है। भारत में बाढ़ प्रबंधन एक आवश्यकता है, क्योंकि सामाजिक-आर्थिक भेद्यता के साथ इसकी अद्वितीय भू-जलवायु स्थिति भारत को एक बाढ़ प्रवण राष्ट्र बनाती है। भारत के 3,290 लाख हेक्टेयर भौगोलिक क्षेत्र में से 400 लाख हेक्टेयर क्षेत्र बाढ़ की चपेट में है, जो भारत के कुल भूमि क्षेत्र
भारतीय मानसून और वर्षा का वितरण - (December 2023)
मानसून शब्द की उत्पत्ति अरबी शब्द मौसिन या मलायी शब्द मोनसिन से हुई है। जिसका अर्थ है ‘मौसम’। मानसून, मौसमी हवाएं हैं, जो मौसम के बदलाव के साथ अपनी दिशा बदल देती हैं। मानसून मौसमी हवाओं की एक दोहरी प्रणाली है - वे गर्मियों के दौरान समुद्र से स्थल की ओर और सर्दियों के दौरान स्थल से समुद्र की ओर चलती
कृषि पारिस्थितिकीय क्षेत्र - (December 2023)
एक कृषि पारिस्थितिकीय क्षेत्र या जोन भूमि का एक क्षेत्र है, जिसमें भूमि उपयुक्तता, संभावित उत्पादन और पर्यावरणीय प्रभाव से संबंधित सजातीय विशेषताएं होती हैं। खाद्य और कृषि संगठन (FAO) के अनुसार, एक ‘कृषि- पारिस्थितिकीय क्षेत्र’ प्रमुख जलवायु के संदर्भ में एक भूमि इकाई है, जो फसलों और किस्मों की एक निश्चितश्रृंखला के लिए उपयुक्त है। इसमें समान फसल संयोजन, फसल चक्र,
भारत में दुर्लभ पृथ्वी तत्व (आरईई) - (December 2023)
दुर्लभ पृथ्वी तत्व (आरईई) आवर्त सारणी में रासायनिक रूप से समान 17 धात्विक तत्वों का एक समूह है। इसमें 15 लैंथेनाइड्स तत्व (लैंथेनम, सेरियम, प्रेजोडायमियम, नियोडिमियम, प्रोमेथियम, समैरियम, यूरोपियम, गैडोलीनियम, टर्बियम, डिस्प्रोसियम, होल्मियम, एरबियम, थ्यूलियम, यटरबियम और ल्यूटेटियम), प्लस स्कैंडियम और यट्रियम शामिल हैं। आरईई की विशेषता उच्च घनत्व, उच्च गलनांक और उच्च तापीय चालकता है। आरईई को भारी आरईई और
समुद्री जैविक संसाधान - (December 2023)
समुद्री संसाधन, वे संसाधन हैं, जो हम महासागरों से प्राप्त करते हैं। ग्रह पर सबसे मूल्यवान प्राकृतिक संसाधनों में से एक महासागर है। महासागर पृथ्वी की सतह का 70-8 प्रतिशत भाग आच्छादित करते हैं। समुद्री जैविक संसाधन महासागरों में रहने वाले जीवों को संदर्भित करते हैं, जिनमें मछली, क्रस्टेशियंस और मोलस्क शामिल हैं। ये संसाधन मानव और प्राकृतिक प्रणालियों का समर्थन
भारतीय जलवायु पर हिंद महासागर डाइपोल एवं ईएनएसओ का प्रभाव - (December 2023)
हिंद महासागर द्विध्रुव (IOD), हिंद महासागर में एक वायुमंडल-महासागर युग्मित घटना है, जो समुद्र की सतह के तापमान में अंतर की विशेषता है। आईओडी पूर्वी (बंगाल की खाड़ी) और पश्चिमी हिंद महासागर (अरब सागर) के तापमान के बीच का अंतर है। भारतीय मानसून न केवल एल नीनो, ला नीना; बल्कि आईओडी और ऐसी अन्य समुद्री घटनाओं पर भी निर्भर करता है। हिंद
अरब सागर में उष्णकटिबंधीय चक्रवातों के कारण - (December 2023)
बंगाल की खाड़ी की तुलना में अरब सागर में चक्रवाती तूफानों का खतरा अपेक्षाकृत कम रहा है। सामान्य तौर पर, अरब सागर में हर चार-पांच साल में एक अत्यंत गंभीर चक्रवात की घटना होती थी। 1891-2000 की अवधि के दौरान, लगभग 308 उष्णकटिबंधीय चक्रवात पूर्वी तट पर आए, जिनमें से 103 की तीव्रता गंभीर थी। इसी अवधि में 48 चक्रवात पश्चिमी
पश्चिमी विक्षोभ - (December 2023)
पश्चिमी विक्षोभ भूमध्यसागरीय क्षेत्र में उत्पन्न होने वाला एक बहिरूष्ण कटिबंधीय चक्रवात है जो भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तर-पश्चिमी भागों में अचानक शीतकालीन वर्षा लाता है। पश्चिमी विक्षोभ भूमध्य सागर में बहिरुष्ण कटिबंधीय चक्रवात के रूप में उत्पन्न होता है। जिससे यूक्रेन और आस-पास के क्षेत्र के ऊपर एक उच्च दबाव का क्षेत्र समेकित हो जाता है। इससे ध्रुवीय क्षेत्रों से ठंडी
मेघ प्रस्फ़ुटनः कारण और परिणाम - (December 2023)
मेघ प्रस्फुटन (Cloudburst) से तात्पर्य बहुत कम समय में होने वाली भारी मात्र में वर्षा से है, जो कभी-कभी ओलावृष्टि और गरज के साथ होती है। मेघ प्रस्फुटन की घटना विशेष रूप से तब होती है, जब उच्च आर्द्रता वाली वायु राशि विभिन्न कारणों से एक स्थान पर टकराती है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) इसे लगभग 20 से 30 वर्ग किमी
पृथ्वी का ऊष्मा बजट - (December 2023)
पृथ्वी एक निश्चित मात्रा में लघु तरंगों के रूप में सूर्यातप प्राप्त करती है और दीर्घ तरंगों के रूप में स्थलीय या पार्थिव विकिरण द्वारा अंतरिक्ष में ऊष्मा वापस भेजती है। इस आदान-प्रदान या ताप बजट के माध्यम से, पृथ्वी एक स्थिर तापमान बनाए रखती है। सूर्यातप और स्थलीय विकिरण के मध्य जो संतुलन होता है, उसे पृथ्वी का ऊष्मा
नदी एवं वायु द्वारा निर्मित स्थलाकृतियां - (December 2023)
अपरदनात्मक स्थलाकृतियां अपरदन की प्रक्रिया के कारण निर्मित होती हैं। इसके विपरीत, निक्षेपणात्मक स्थलाकृतियों का निर्माण निक्षेपण प्रक्रियाओं के कारण होता है। अपरदनात्मक स्थलाकृतियों में, अपरदित सामग्री को जल, वायु, ग्लेशियर आदि द्वारा दूर ले जाया जाता है तथा किसी अन्य स्थान पर उनका अवसादन हो जाता है। नदी द्वारा निर्मित अपरदनात्मक स्थलाकृतियां ‘V’ आकार की घाटीः युवावस्था में नदियां, उर्ध्वाधर अपरदन
कृषि ऋण और फ़सल बीमा के माध्यम से वित्तीय समावेशन - (December 2023)
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय भारत के कृषि क्षेत्र में क्रांति लाने के लिए कृषि ऋण और फसल बीमा से संबंधित पहलों की शुरुआत की है। इन पहलों का उद्देश्य कृषि क्षेत्र के लिए वित्त सुनिश्चित करना, आगतों के लिए वित्तीय प्रवाह को बनाए रखना, फसल हानि से सुरक्षा आदि है। केंद्र सरकार द्वारा प्रारंभ कि गई प्रमुख पहलें निम्नलिखित
डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना - (December 2023)
यह डिजिटल पहचान, भुगतान अवसंरचना और डेटा विनिमय समाधान से संबंधित डिजिटल समाधान को संदर्भित कराता है, जो देशों को अपने लोगों को आवश्यक सेवाएं प्रदान करने, नागरिकों को सशक्त बनाने और डिजिटल समावेशन को सक्षम करके जीवन में सुधार करने में मदद करता है। डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (DPI), डिजिटल सूचना के प्रवाह में मध्यस्थता करते हैं। भारत, इंडिया स्टैक के
आत्मनिर्भर भारत: दृष्टिकोण एवं क्षेत्रवार लक्ष्य - (December 2023)
आत्मनिर्भर भारत अभियान भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा परिकल्पित नए भारत का दृष्टिकोण है। 12 मई, 2020 को पीएम ने राष्ट्र को आत्मनिर्भर भारत अभियान की शुरुआत किया और भारत में COVID-19 महामारी से लड़ने के लिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद के 10% के बराबर 20 लाख करोड़ रुपये के विशेष आर्थिक और व्यापक पैकेज की घोषणा
मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क - (December 2023)
मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क (Multimodal Logistics Park - MMLP) भारत सरकार की एक प्रमुख नीतिगत पहल है, जिसका नेतृत्व राष्ट्रीय राजमार्ग लॉजिस्टिक्स प्रबंधन लिमिटेड (National Highways Logistics Management Limited) द्वारा किया जाता है। राष्ट्रीय राजमार्ग लॉजिस्टिक्स प्रबंधन लिमिटेड, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (Ministry of Road Transport and Highways - MoRTH) और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (National Highways Authority of India -
श्री अन्न प्रजातियां: संरक्षण एवं संवर्द्धन - (December 2023)
बजट 2023-24 में भारत सरकार ने मोटे अनाजों को ‘श्री अन्न’ (Shree Anna) की संज्ञा दी है, इसके अलावा मोटे अनाजों को कदन्न (Millets) भी कहा जाता है। मोटे अनाजों के महत्व को पहचानते हुए, भारत सरकार ने 2018 को कदन्न वर्ष (Year of Millets) के रूप में मनाया था। मोटे अनाजों के अंतर्गत ज्वार (Jowar), बाजरा (Pearl Millet), रागी या
भारत के नए औद्योगिक क्षेत्र - (December 2023)
किसी भी देश के आर्थिक विकास में उसके उद्योग क्षेत्र का स्थान काफी महत्वपूर्ण होता है। इसी तथ्य को ध्यान में रखते हुए, भारत सरकार द्वारा विभिन्न औधोगिक क्षेत्रों की स्थापना की गई है। इनमें से प्रमुख निम्नलिखित हैं: विशेष आर्थिक क्षेत्र (Special Economic Zone): यह किसी देश के भीतर ऐसे क्षेत्र होते हैं, जो प्रायः शुल्क मुक्त (राजकोषीय रियायत) होते
अंतरराष्ट्रीय मुक्त व्यापार समझौते - (December 2023)
मुक्त व्यापार समझौते, दो या दो से अधिक देशों या व्यापारिक समूहों के बीच की व्यवस्था है, जो मुख्य रूप से उनके बीच व्यापार पर सीमा शुल्क और गैर टैरिफ बाधाओं को कम करने या समाप्त करने पर सहमति को दर्शाता है। आमतौर एफटीए के अंतर्गत वस्तुओं में व्यापार (जैसे कृषि या औद्योगिक उत्पाद) या सेवाओं में व्यापार (जैसे बैंकिंग, निर्माण,
कर प्राधिकरण और न्यायाधिकरण - (December 2023)
केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्डः यह केंद्रीय राजस्व बोर्ड अधिनियम, 1963 (Central Board of Revenue Act, 1963) के तहत कार्यरत एक सांविधिक प्राधिकरण (Statutory Authority) है। यह बोर्ड वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग के एक प्रभाग के रूप में भी कार्य करते हैं। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड में एक अध्यक्ष और छः सदस्य शामिल होते हैं। इसके द्वारा प्रत्यक्ष कर लगाने और
सब्सिडी एवं इसके प्रकार - (December 2023)
सब्सिडी, केंद्र या राज्य सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली एक वित्तीय लाभ या सहायता है, जो किसी संस्था या व्यक्तियों को दी जाती है। यह प्रत्यक्ष (जैसे नकद हस्तांतरण) या अप्रत्यक्ष (जैसे ऋण, कर छूट, आदि) हो सकता है। सब्सिडी आमतौर पर किसी आर्थिक समस्या को दूर करने और व्यक्तियों के जीवन की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए प्रदान की जाती
सरकारी व्यय के क्षेत्र - (December 2023)
सरकार द्वारा अपने विभिन्न कार्यों के संचालन के लिए अलग.अलग मदों में व्यय करना पड़ता हैं। आमतौर पर सरकार संसद में वार्षिक बजट पेश करते समय इसका लेखा.जोखा प्रस्तुत करती है। परन्तु समय.समय पर विभिन्न प्रकार की आकस्मिक खर्च भी उत्पन्न हो जाते हैं, जिनका उल्लेख वार्षिक बजट में नहीं किया गया होता है। संपत्ति और देनदारियों पर उनके प्रभाव के
सरकारी राजस्व के स्रोत - (December 2023)
सरकारी राजस्व, वह धन है, जो सरकार को करों और गैर.कर स्रोतों से प्राप्त होता है; ताकि वह सार्वजनिक व्यय करने में सक्षम हो सके। सरकारी राजस्व के स्रोतः प्रत्यक्ष कर (Direct tax): प्रत्यक्ष कर वह कर है, जिसे जिस व्यक्ति पर लगाया जाता है, उसी से वसूला जाता है; अर्थात् इसे किसी भी स्थिति में अन्य व्यक्ति को स्थानांतरित नहीं
आर्थिक विकास का मापनः प्रमुख संकेतक - (December 2023)
आर्थिक विकास एक व्यापक शब्द है, जो आमतौर पर किसी देश में जीवन स्तर और आर्थिक स्थिति को बढ़ावा देने के लिए नीति निर्माताओं और समुदाय के निरंतर, ठोस प्रयास को संदर्भित करता है। आर्थिक विकास एक नीतिगत हस्तक्षेप प्रयास है, जिसका उद्देश्य लोगों के आर्थिक और सामाजिक कल्याण को बढ़ाना है। इसके मापन हेतु निम्नलिखित प्रमुख संकेतकों का प्रयोग किया
वैश्विक संदर्भ में भारतीय अर्थव्यवस्था - (December 2023)
भारतीय अर्थव्यवस्था क्रय-शक्ति समता (Purchasing Power Parity-PPP) के मामले में विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। बाजार विनिमय दर के मामले में भारत विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। विश्व वाणिज्यिक सेवाओं के निर्यात में भारत की हिस्सेदारी 2015 में 3 प्रतिशत से बढ़कर 2021 में 4 प्रतिशत हो गई। इस प्रकार भारत 2021 में शीर्ष दस सेवा निर्यात
सड़क एवं जल परिवहन नेटवर्क एवं अवसंरचना - (December 2023)
भारत सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जारी वार्षिक रिपोर्ट 2022-23 के अनुसार, भारत में लगभग 63.32 लाख किमी सड़क की कुल लंबाई है। यह संयुक्त राज्य अमेरिका के बाद विश्व का दूसरा सबसे बड़ा सड़क नेटवर्क है। यह परिवहन का सबसे सस्ता और सबसे पुराना साधन है। जल परिवहन के संचालन की लागत भी बहुत कम है। इसकी
स्वदेशी बीजः बुनियादी ढांचा एवं प्रबंधन - (December 2023)
स्वदेशी बीजों (Indigenous seeds) का अर्थ उन पौधों के बीज से है, जो प्राकृतिक रूप से उस क्षेत्र विशेष के लिए अनुकूलित होते हैं, जहां उनका उपयोग किया जाता है। इनमें खाद्य फसलों से प्राप्त बीज से लेकर घास, कंटीली झाड़ियां आदि शामिल होते हैं। ‘भारत की स्वदेशी फसलों पर हरित क्रांति का प्रभाव’ शीर्षक वाले 2019 में प्रकाशित एक शोध
भारत में करों के प्रकार - (December 2023)
कर (Tax) आमतौर पर सरकारी गतिविधियों को वित्तपोषित करने के लिए सरकार द्वारा व्यक्तियों और निगमों पर लगाया जाने वाला एक अनैच्छिक शुल्क है। कर राज्य के राजस्व में एक अनिवार्य योगदान है, जो भारत सरकार श्रमिकों की आय और कॉर्पोरेट लाभ पर लगाती है, साथ ही कुछ लेनदेन, वस्तुओं और सेवाओं की लागत में भी जोड़ा जाता है। सरकार व्यावसायिक उद्यमों
भारत का पशुधन संसाधन - (December 2023)
पशुपालन से तात्पर्य, पशुधन पालन और चयनात्मक प्रजनन से है। यह जानवरों का प्रबंधन और देखभाल है जिसमें लाभ के लिए जानवरों के आनुवंशिक गुणों और व्यवहार को विकसित किया जाता है। पशुधन उत्पादन और कृषि एक-दूसरे पर निर्भर हैं और दोनों ही देश की समग्र खाद्य सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण हैं। पशुधन क्षेत्र भारतीय कृषि अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण उप-क्षेत्र
गरीबीः मापन एवं उन्मूलन कार्यक्रम - (December 2023)
विश्व बैंक के अनुसार, गरीबी का तात्पर्य खुशहाली से वंचित होना है और इसमें कई आयाम शामिल हैं। इसमें कम आय और गरिमा के साथ जीवित रहने के लिए आवश्यक बुनियादी वस्तुओं और सेवाओं को प्राप्त करने में असमर्थता शामिल है। गरीबी में स्वास्थ्य और शिक्षा का निम्न स्तर, स्वच्छ पानी और स्वच्छता की खराब पहुंच, अपर्याप्त शारीरिक सुरक्षा, आवाज की
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग: कृषि के विकास में भूमिका - (December 2023)
खाद्य प्रसंस्करण से तात्पर्य, विभिन्न तरीकों और तकनीकों के माध्यम से कच्चे कृषि उत्पादों या सामग्रियों को प्रसंस्कृत या मूल्य वर्धित खाद्य उत्पादों में परिवर्तित करना है। इसमें ऑपरेशनों की एक श्रृंखला शामिल है, जो खाद्य सामग्रियों के भौतिक, रासायनिक या जैविक गुणों को बदलकर उन्हें उपभोग के लिए अधिक उपयुक्त बनाती है, उनके शेल्फ जीवन को बढ़ाती है, उनके स्वाद
विदेशी प्रत्यक्ष निवेश - (December 2023)
विदेशी प्रत्यक्ष निवेश उन स्थितियों को संदर्भित करता है, जब कोई कंपनी या निवेशक किसी अन्य देश में किसी व्यावसायिक इकाई का स्वामित्व लेता है और संचालन को नियंत्रित करता है। एफडीआई के साथ, विदेशी कंपनियां दूसरे देश में दिन-प्रतिदिन के कार्यों से सीधे तौर पर जुड़ी होती हैं, जिसका अर्थ है कि वे पैसा लाने के साथ-साथ ज्ञान, कौशल और
सूक्ष्म, लघु और मधयम उद्योग: रोजगार वृद्धि में भूमिका - (December 2023)
एमएसएमई का आशय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम है। भारतीय अर्थव्यवस्था में यह क्षेत्र तेजी से उभरा है। एमएसएमई को बड़े पैमाने के उद्योगों के पूरक के रूप में देखा जा सकता है और यह भारतीय अर्थव्यवस्था और सामाजिक आर्थिक विकास में एक बड़ा योगदान देता है। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम भारतीय सकल घरेलू उत्पाद में 29%, विनिर्माण उत्पादन में
भारत में कुटीर उद्योग - (December 2023)
भारत में कुटीर उद्योग रोजगार और आजीविका का एक प्रमुख स्रोत हैं। ये उद्योग भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ भी हैं। घरेलू, ग्रामीण और पारंपरिक उद्योग कुटीर उद्योग या कुटीर विनिर्माण के अन्य नाम हैं। कुटीर उद्योग एक ऐसा उद्योग है, जो लघु-स्तरीय और अनौपचारिक है। भारत में कुटीर उद्योगों के उदाहरणों में शामिल हैं: बुनाई, मिट्टी के बर्तन, चांदी के बर्तन
सैटेलाइट शहर: अवसंरचना विकास कार्यक्रम - (December 2023)
सैटेलाइट शहर (Satellite Towns) शहरी नियोजन में एक अवधारणा है, जो अनिवार्य रूप से छोटे महानगरीय क्षेत्रों को संदर्भित करती है। सैटेलाइट शहर स्व-निहित और आकार में सीमित होते हैं, जो एक बड़े मेट्रो शहर के आसपास बनाए जाते हैं। ये शहर कार्यात्मक रूप से एक बड़े शहर के साथ एकीकृत होते हैं और एक प्रमुख परिवहन लाइन के माध्यम से
भारत में कृषि आधारित उद्योग - (December 2023)
कृषि आधारित उद्योग (Agro-based Industries) वे उद्योग हैं, जो विनिर्माण के लिए कच्चे माल के रूप में कृषि उपज का उपयोग करते हैं। ये उद्योग उपभोक्ता-आधारित हैं, जिसका अर्थ है कि इन उद्योगों द्वारा निर्मित उत्पाद सीधे ग्राहकों को बेचे जाते हैं। भारत में कृषि आधारित उद्योग में कपड़ा, चीनी, समाचार पत्र और वनस्पति तेल उद्योग शामिल हैं। इन व्यवसायों
मुद्रास्फ़ीतिः माप एवं नियंत्रण के उपाय - (December 2023)
मुद्रास्फीति एक ऐसा शब्द है, जो एक निश्चित अवधि में किसी अर्थव्यवस्था में वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों में सामान्य वृद्धि को संदर्भित करता है। मुद्रास्फीति किसी देश की मुद्रा की एक इकाई की क्रय शक्ति में कमी का सूचक है। इसका आशय मुद्रा की क्रय शक्ति में गिरावट से है, क्योंकि समान मुद्रा से कम सामान और सेवाएं खरीदी
महत्वपूर्ण वनलाइनर तथ्य - (November 2023)
किस संचार नेटवर्क में इंटरनेट ऑफ थिंग्स, एज कंप्यूटिंग और नेटवर्क स्लाइसिंग जैसी प्रौद्योगिकियों को सक्षम करने की क्षमता है? - 5जी वेरिटास (VERITAS) किस ग्रह पर एक ऑर्बिटर भेजने के लिए नासा का प्रस्तावित मिशन है - शुक्र चन्द्रमा की सतह पर पहली महिला और पहले ‘मैन ऑफ कलर’ को भेजने के लिए नासा का प्रस्तावित मिशन है -
भारत की स्वदेशी मिसाइल तकनीक - (November 2023)
भारत की मिसाइलें बहु-उद्देश्यों के लिए अनुकूलित विविध वर्गों में आती हैं। इन्हें सतह से हवा, सतह से सतह, हवा से सतह, हवा से हवा एवं उपग्रह रोधी मिसाइलों के रूप में लॉन्च किया गया है। भारत में मिसाइल प्रौद्योगिकी का इतिहास स्वतंत्रता पूर्वः भारत में कई साम्राज्य अपनी युद्ध प्रौद्योगिकियों के हिस्से के रूप में रॉकेट का उपयोग कर रहे थे। 18वीं
कृषि में उभरती प्रौद्योगिकियों के अनुप्रयोग - (November 2023)
भारतीय कृषि गरीबी उन्मूलन के साथ-साथ खाद्य सुरक्षा एवं सतत विकास के लिए एक प्रमुख क्षेत्र है। भारतीय कृषि क्षेत्र में छोटे और सीमांत किसानों की अधिकता है तथा उनकी उत्पादकता एवं आय में वृद्धि भूख और गरीबी को कम करने के साथ-साथ आर्थिक उन्नति में बड़ा योगदान दे सकती है। भारतीय कृषि की विशेषता आगत (Input) उपयोग (उर्वरक, पानी) की
ब्रह्मांडीय पिंड एवं परिघटनाएं - (November 2023)
अंतरिक्ष विज्ञान उन वाहनों से किया जाने वाला यात्रा विज्ञान है, जो पृथ्वी के ऊपरी वायुमंडल या उससे परे यात्रा करते हैं। इसमें मौसम विज्ञान, भूविज्ञान, चंद्र, सौर एवं ग्रह विज्ञान, खगोल विज्ञान तथा खगोल भौतिकी और जीवन विज्ञान सहित विषयों की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है। कुइपर बेल्ट (Kuiper Belt): अरोकोथ (Arrokoth) और प्लूटो दोनों कुइपर बेल्ट में हैं। नेप्च्यून
पर्यावरण एवं जैव-विविधताःमहत्वपूर्ण शब्दावली - (November 2023)
बायोब्लिट्ज (Bioblitz): लघु अवधि (आमतौर पर 24 से 48 घंटे) की घटना, जो किसी विशेष क्षेत्र में जैव विविधता का नमूना लेने के लिए पेशेवर प्रजाति विशेषज्ञों और जनता को एक साथ लाती है। सिन्कोलॉजी (Synecology): यह विभिन्न प्रजातियों का अध्ययन करता है, जो एक समुदाय में रहती हैं और परिस्थितियों के साथ बातचीत करती हैं। सिन्कोलॉजी को आगे स्थलीय
वैकल्पिक ईंधन - (November 2023)
वैकल्पिक ईंधन पेट्रोलियम के अतिरिक्त अन्य स्रोतों से प्राप्त होते हैं। इसको नवीकरणीय स्रोतों से प्राप्त किया जाता है तथा उत्पादन घरेलू स्तर पर किया जाता है, जिससे आयातित तेल पर निर्भरता कम हो जाती है। यह गैसोलीन या डीजल की अपेक्षा कम प्रदूषण उत्पन्न करता है। वैकल्पिक ईंधन के उपयोग को सरकार निरंतर प्रोत्साहित करती रहती है, जिसके प्रमुख कारण
भारत एवं विश्व में प्रवाल भित्तियां - (November 2023)
प्रवाल वास्तव में एक जीवित प्राणी है। प्रवाल का ‘जूजैन्थेला’ के साथ सहजीवी संबंध है। अपनी प्रकाश संश्लेषक गतिविधियों के माध्यम से, जूजैन्थेला पोषक तत्व उत्पादन में प्रवाल की सहायता करते हैं। ये गतिविधियां प्रवाल को ऊर्जा के लिए निश्चित कार्बनिक यौगिक प्रदान करती हैं, कैल्सीफिकेशन को बढ़ावा देती हैं तथा मौलिक पोषक प्रवाह में मध्यस्थता करती हैं। प्रवाल ऊतक स्वयं
प्रमुख वायु एवं जल प्रदूषक - (November 2023)
प्रदूषण, पर्यावरण में हानिकारक सामग्रियों का प्रवेश है। इन हानिकारक सामग्रियों को प्रदूषक कहा जाता है। प्रदूषक प्राकृतिक जैसे ज्वालामुखी की राख एवं मानवीय जैसे कारखानों द्वारा उत्पादित कचरा या अपवाह हो सकते हैं। प्रदूषक वायु, जल एवं भूमि की गुणवत्ता को नुकसान पहुंचाते हैं। वायु प्रदूषक (Air pollutants) रू वायु प्रदूषक हवा में ऐसे यौगिक हैं, जो पर्याप्त उच्च सांद्रता
जैव-विविधता तथा वन्यजीव संरक्षण: अंतरराष्ट्रीय कानून एवं अभिसमय - (November 2023)
इस ग्रह पर स्वस्थ पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने के लिए जानवर, पौधे एवं समुद्री प्रजातियां, मनुष्य महत्वपूर्ण हैं। इस ग्रह पर प्रत्येक जीव, खाद्यश्रृंखला में एक विशिष्ट स्थान रखता है और अपने अनूठे तरीके से पारिस्थितिक तंत्र में योगदान देता है। दुर्भाग्य से, आज कई पशु और पक्षी लुप्तप्राय हो गए हैं। मनुष्य भूमि विकास और खेती के लिए जानवरों और
विरासत पर्यटनः भारत में थीम आधारित सर्किट - (November 2023)
भारत में विरासत पर्यटन, पर्यटन उद्योग का एक जीवंत एवं लोकप्रिय खंड है। विरासत पर्यटन को बढ़ावा देने तथा सुविधाजनक बनाने के लिए, भारत सरकार ने विभिन्न थीम-आधारित सर्किट विकसित किए हैं। यह देश की समृद्ध सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और स्थापत्य विरासत को प्रदर्शित करते हैं। ये सर्किट विशिष्ट रुचियों और प्राथमिकताओं वाले पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए डिजाइन किए गए
महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थान - (November 2023)
अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थान सदस्यों के मध्य औपचारिक राजनीतिक समझौतों द्वारा गठित विधिक संस्थाएं हैं, जिन्हें अंतरराष्ट्रीय संधियों का दर्जा प्राप्त है।उनके अस्तित्व को उनके सदस्य देशों में कानून द्वारा मान्यता प्राप्त है। वे इसके सदस्य देशों के बीच गठबंधन के निर्माण के लिए उत्प्रेरक के रूप में कार्य करते हैं। वे सदस्य देशों के लिए सहयोग और समन्वय करना आसान
भुगतान संतुलन - (November 2023)
भुगतान संतुलन (Balance of Payment), एक वित्तीय वर्ष में एक देश के निवासियों के साथ दूसरे देश के निवासियों के बीच सभी आर्थिक लेनदेन का एक व्यवस्थित विवरण है। आर्थिक लेनदेन में किसी दिए गए वित्तीय वर्ष के दौरान किसी देश द्वारा की गई सभी विदेशी प्राप्तियां तथा भुगतान शामिल होते हैं। विवरण में सभी अंतरराष्ट्रीय लेनदेन, जिनमें व्यक्तिगत, कॉर्पोरेट और
भारत की कनेक्टिविटी परियोजनाएं: घरेलू एवं अंतरराष्ट्रीय - (November 2023)
आपूर्ति श्रृंखला एवं कनेक्टिविटी 21वीं सदी में मानवता के संगठनात्मक सिद्धांतों के रूप में संप्रभुता एवं सीमाओं पर विश्वसनीयता प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण बन गई है। कनेक्टिविटी आधुनिक वैश्विक समाज की नींव है। भारत ने अपने पड़ोसियों के साथ कई संपर्क परियोजनाओं को स्थापित किया है, जो भारत की विदेश नीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। कनेक्टिविटी दो व्यापक श्रेणियों की
न्यूनतम समर्थन मूल्य: कवरेज एवं तंत्र - (November 2023)
कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (CACP) की सिफारिशों के आधार पर कुछ फसलों के लिए बुवाई के मौसम की शुरुआत में भारत सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्यों (MSP) की घोषणा की जाती है। एमएसपी भारत सरकार द्वारा अधिशेष उत्पादन की स्थिति में कीमतों में अत्यधिक गिरावट के विरुद्ध उत्पादक किसानों की रक्षा के लिए तय की गई कीमत है। न्यूनतम समर्थन
अनुसूचित क्षेत्र और जनजातीय क्षेत्र: मानदंड एवं प्रशासन - (November 2023)
भारतीय संविधान के भाग 10 में अनुच्छेद 244 (1) से 244 (क) के अंतर्गत अनुसूचित और जनजातीय क्षेत्रों से संबंधित प्रावधान शामिल हैं। भारत की संविधान सभा द्वारा सितंबर 1949 में पांचवीं और छठी अनुसूचियों पर विचार किया गया और उन्हें अनुमोदित किया गया। अनुसूचित क्षेत्र उन क्षेत्रों को संदर्भित करते हैं, जिन्हें भारतीय संविधान द्वारा वहां रहने वाले स्वदेशी समुदायों
भारत में न्यायिक समीक्षा - (November 2023)
न्यायिक समीक्षा एक अदालती कार्यवाही है, जिसमें न्यायालय किसी प्राधिकारी के निर्णय या कार्रवाई की वैधता की जांच करता है। भारत में इस प्रणाली को ‘कानून द्वारा स्थापित प्रक्रिया’ के सिद्धांत द्वारा निर्देशित किया गया है। न्यायिक समीक्षा की शक्ति महत्वपूर्ण रूप से भारत के उच्च न्यायालयों और सर्वोच्च न्यायालय में निहित है। न्यायिक समीक्षा विधायी अधिनियमों तथा कार्यपालिका के आदेशों
लोक सभा: अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष - (November 2023)
संसद के निचले सदन लोक सभा के कार्य संचालन के लिए अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष की नियुक्ति की जाती है। भारत के संविधान का अनुच्छेद 93 अध्यक्ष और उपाध्यक्ष दोनों के चुनाव का प्रावधान करता है। लोकसभा अध्यक्षभारतीय संसद के निचले सदन को लोक सभा के रूप में जाना जाता है। लोक सभा में सर्वोच्च शक्ति लोक सभा अध्यक्ष (स्पीकर) के
भारत में अभियुक्त व्यक्तियों के अधिकार - (November 2023)
गिरफ्तारी का अर्थ गिरफ्तार किए गए व्यक्ति की स्वतंत्रता को प्रतिबंधित करना है, अतएव यह मानव के स्वतंत्रता के मूलभूत अधिकार का उल्लंघन है। तथापि भारतीय संविधान के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई देश अपनी प्राथमिक भूमिका के एक हिस्से के रूप में कानून-व्यवस्था बनाए रखने हेतु किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार करने के लिए राज्य की शक्तियों को मान्यता
महत्वपूर्ण संवैधानिक निकाय - (November 2023)
संवैधानिक निकाय, भारत के वे महत्वपूर्ण निकाय हैं, जो अपनी शक्तियां और अधिकार भारतीय संविधान से प्राप्त करते हैं। संविधान में इनका विशेष रूप से उल्लेख किया गया है तथा इन निकायों की कार्यप्रणाली में किसी भी बदलाव के लिए संवैधानिक संशोधन की आवश्यकता होती है। भारत में चुनाव आयोग, वित्त आयोग, संघ लोक सेवा आयोग, नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक, राष्ट्रीय अनुसूचित
भारत के राष्ट्रपति: निर्वाचन एवं शक्तियां - (November 2023)
भारत के राष्ट्रपति, भारत गणराज्य के कार्यपालक अध्यक्ष होते हैं। संघ के सभी कार्यपालक कार्य उनके नाम से किये जाते हैं। भारत का राष्ट्रपति देश के प्रथम नागरिक होता है। किसी व्यक्ति के भारत के राष्ट्रपति के रूप में निर्वाचित होने के लिए उसका भारतीय नागरिक होना आवश्यक है। भारत के राष्ट्रपति का चुनाव राष्ट्रपति के चुनाव के संबंध में संविधान के
भारत में पर्वत श्रंखलाएं एवं दर्रे - (November 2023)
भारत एक विविध भौगोलिक विशेषताओं वाला देश है, जिसमें कई पर्वतश्रृंखलाएं और दर्रे शामिल हैं। भारत विशाल प्राकृतिक विविधता वाला देश है। बर्फ से ढके पहाड़ों से लेकर सूखे रेगिस्तानों एवं रेतीले तटों तक, प्राकृतिक परिदृश्य देश की संस्कृति एवं परंपरा की तरह ही विविध है। भारत में कई पर्वतश्रृंखलाएं हैं, जिनमें विश्व की सबसे लंबी एवं साथ ही सबसे पुरानी
भारत में जनजातियों का वितरण - (November 2023)
जनजाति एक पारंपरिक समाज में एक सामाजिक विभाजन है, जिसमें एक समान संस्कृति और बोली के साथ सामाजिक, आर्थिक, धार्मिक या रक्त संबंधों से जुड़े परिवार शामिल होते हैं। एक जनजाति में कुछ गुण और विशेषताएं होती हैं, जो इसे एक अद्वितीय सांस्कृतिक, सामाजिक और राजनीतिक इकाई बनाती हैं। भारत में जनजातियों को ‘आदिवासी’ नाम से भी जाना जाता है। संविधान की ‘पांचवीं
भारत की मृदाएं: वर्गीकरण एवं विशेषताएं - (November 2023)
मृदा को छोटे चट्टानी कणों अथवा मलबे एवं कार्बनिक पदार्थों अर्थात ह्यूमस के मिश्रण के रूप में परिभाषित किया जा सकता है, जो पृथ्वी की सतह पर विकसित होते हैं तथा पौधों के विकास में सहायता करते हैं। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) ने भारत में मृदा को आठ श्रेणियों में विभाजित किया है। आईसीएआर ने भारत को निम्नलिखित मृदा समूहों
प्रमुख महासागरीय धाराएं - (November 2023)
महासागरीय धाराएं एक निश्चित पथ एवं दिशा में चलते हुए समुद्र के जल की एक नियमित मात्र का प्रतिनिधित्व करती हैं। ये धाराएं मुख्य रूप से बड़ी दूरी तय करने वाली क्षैतिज जल की हलचलें हैं। एक साथ संयुक्त होने पर, महासागरीय धाराएं एक वैश्विक वाहक पट्टी (Conveyor Belt) बनाती हैं, जो विश्व के कई क्षेत्रों की जलवायु को निर्धारित करने
खनिजों के भंडार तथा उत्पादन: भारत एवं विश्व - (November 2023)
भारत अपनी विविध भूवैज्ञानिक संरचना के कारण विविध प्रकार के खनिज संसाधनों से संपन्न है। अधिकांश मूल्यवान खनिज पूर्व-पुरापाषाण युग (Pre-PalaezoicAge) के उत्पाद हैं तथा मुख्य रूप से प्रायद्वीपीय भारत की रूपांतरित और आग्नेय चट्टानों से जुड़े हैं। उत्तर भारत का विशाल जलोढ़ मैदानी क्षेत्र आर्थिक उपयोग के खनिजों से रहित है। खनिज संसाधन देश को औद्योगिक विकास के लिए आवश्यक
प्राथमिक, माधयमिक और तृतीयक पवन प्रणालियां - (November 2023)
वायुमंडल में वायुदाब में अंतर के कारण होने वाली गति को पवन कहते हैं। वायु उच्च वायुदाब से निम्न वायु दाब वाले क्षेत्रों की ओर चलती है तथा वायु दाब में असमानताओं को संतुलित करती है। दबाव का अंतर सीधे हवा की गति के समानुपाती होता है, जिसका अर्थ है कि दबाव का अंतर जितना अधिक होगा, हवा उतनी ही तेज
भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन के दौरान ब्रिटिश प्रस्ताव एवं मिशन - (November 2023)
भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन ने भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण युग के दौरान विविध सामाजिक समूहों और लोगों को एकजुट राष्ट्र में एक साथ लाकर एक एकीकृत शक्ति के रूप में कार्य किया। जागरूकता के बीज 19वीं शताब्दी के अंत में, मुख्य रूप से कलकत्ता, मद्रास और बॉम्बे जैसे प्रमुख शहरी केंद्रों में अंग्रेजी शिक्षा के विस्तार के साथ बोए गए
मुगल काल में कला, वास्तुकला एवं साहित्य का विकास - (November 2023)
1526 में पानीपत के युद्ध में बाबर की जीत के बाद मुगल वंश की स्थापना हुई। 16वीं से 18वीं शताब्दी तक मुगल राजवंश का शासन बड़े पैमाने पर कला रूपों, स्थापत्य शैलियों को प्रदर्शित करता है, जो तत्कालीन समय में तेजी से विकसित हुए थे। मुगल वास्तुकला उत्तर भारत में दिल्ली सल्तनत के पश्चात मुगलों ने शासन किया था। मुगल काल को
मुगलकालीन भू-राजस्व प्रणाली - (November 2023)
मुगल साम्राज्य के राजस्व को दो भागों में बांटा जा सकता है- केंद्रीय अथवा शाही तथा स्थानीय अथवा प्रान्तीय। कृषकों से उनकी अधिशेष उपज को भू-राजस्व के रूप में अलग करना मुगलों के अधीन कृषि व्यवस्था की केंद्रीय विशेषता थी। अबुल फजल ने अपनी ‘आईन-ए-अकबरी’ में राज्य द्वारा लगाए गए कर को संप्रभुता का पारिश्रमिक कहा है, जो सुरक्षा एवं न्याय
प्राचीन एवं मधयकालीन भारत की सिक्का प्रणाली - (November 2023)
ऐसा माना जाता है कि सिक्कों का पहला ज्ञात उपयोग, चीन एवं यूनान में लगभग 700 ईसा पूर्व तथा भारत में छठी शताब्दी ईसा पूर्व में हुआ था। इतिहास में सिक्कों के अध्ययन को मुद्राशास्त्र (Numismatics) कहा जाता है। प्राचीन भारत में सिक्का प्रणालीसिंधु घाटी सभ्यता सिंधु घाटी सभ्यता का काल 2500 ईसा पूर्व से 1750 ईसा पूर्व के मध्य का है।
अशोक के शिलालेख - (November 2023)
भारत में मौर्य साम्राज्य (322-185 ईसा पूर्व) के तीसरे राजा, अशोक महान (268-232 ईसा पूर्व) द्वारा स्तंभों, बड़े पत्थरों और गुफा की दीवारों पर उत्कीर्ण 33 शिलालेख प्राप्त हुए हैं। अशोक के शिलालेखों पर सुसंगत संदेश के रूप में लोगों को धम्म की अवधारणा का पालन करना; जिसमे ‘सही व्यवहार’, ‘अच्छा आचरण’ तथा ‘दूसरों के प्रति शालीनता’ के रूप में
वैदिक सभ्यताः सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक व्यवस्था - (November 2023)
वैदिक युग भारत के इतिहास में 1500 से 600 ईसा पूर्व के बीच की अवधि को संदर्भित करता है, जब उत्तर भारतीय उपमहाद्वीप में वेदों सहित समस्त वैदिक साहित्य लिखा गया था। यह सिंधु घाटी सभ्यता के शहरी चरण के अंत और द्वितीय शहरीकरण की शुरुआत के बीच अस्तित्व में था। द्वितीय शहरीकरण सिंधु-गंगा के मैदान के केंद्र में लगभग 600
खेल आयोजन - (October 2023)
5 से 11 जून, 2023 के दौरान कजाकिस्तान के अस्ताना में एशियन सैम्बो प्रतियोगिता आयोजित की गई थी। इस प्रतियोगिता में बिहार के भोरिक सिंह यादव ने रजत पदक जीता है, जबकि कांस्य पदक जीता है - अभिलाषा ने 15 अप्रैल, 2023 को बंगलुरु में आयोजित इंडिया ग्रांड प्रीक्स-4 2023 प्रतिस्पर्द्धा के भाला फेंक स्पर्द्धा में किस खिलाड़ी ने
पुरस्कार एवं सम्मान - (October 2023)
हाल ही में, साहित्य अकादमी के सचिव डॉ. के. श्रीनिवासन द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, मैथिली भाषा के युवा साहित्यकार अक्षय आनंद सन्नी को साहित्य अकादमी बाल पुरस्कार के लिए चयन किया गया है। अक्षय को यह पुरस्कार उनकी किस रचना के लिए दिया जा रहा है? - “ओल कतरा झोल कतरा” 17 जून, 2023 को जल शक्ति मंत्रलय
प्रमुख नियुक्तियां - (October 2023)
बिहार के आरा के मूल निवासी रवि सिन्हा जो छत्तीसगढ़ कैडर में सेवारत 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। हाल ही में इन्हें किस खुफिया एजेंसी का प्रमुख नियुक्त किया गया है? - खुफिया एजेंसी रॉ का 12 जून, 2023 को बिहार सरकार द्वारा जारी की गई अधिसूचना के अनुसार बिहार के गृह सचिव के रूप ने नियुक्त किया गया
रिपोर्ट एवं सूचकांक - (October 2023)
17 जुलाई, 2023 को नीति आयोग की मल्टीडायमेंशनल पॉवर्टी इंडेक्स-2023 जारी की गई। इस इंडेक्स के अनुसार, बिहार राज्य का गरीबी प्रतिशत वर्ष 2015-16 के 51.89 प्रतिशत से घटकर हो गई है - 33.76 प्रतिशत गया स्थित दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय (Central University of South Bihar - CUSB) को राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद (National Assessment and Accreditation Council -
प्रौद्योगिकी विकास - (October 2023)
भारत में किसके उत्पादन प्रोत्साहित करने के लिए चिप टू स्टार्टअप (सी2एस) योजना के तहत बिहार के आईआईटी पटना, एनआईटी पटना और आईआईआईटी भागलपुर को देश के 103 संस्थानों में शामिल किया गया है? - सेमीकंडक्टर के उत्पादन 2 मई, 2023 को आईआईटी पटना में सुपर कंप्यूटर स्थापित करने के लिये आईआईटी पटना और सी-डैक के बीच एक एमओयू पर
पर्यावरण संरक्षण - (October 2023)
वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में पिछले 10 सालों की तुलना में छः गुना से अधिक बाघों की आबादी बढ़ी है। 2010 में वीटीआर में 8 बाघ थे, जबकि 2023 में बाघों की आबादी हो गई है - 52 से अधिक 22 जुलाई, 2023 को पटना स्थित संजय गांधी जैविक उद्यान द्वारा अपनी स्थापना की 50वीं वर्षगाठ मनाया गया। इसे केंद्रीय चिड़ियाघर
शिक्षा एवं स्वास्थ्य - (October 2023)
हाल ही में, राज्य सभा में केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी द्वारा प्रदान की गई जानकारी के अनुसार, माध्यमिक विद्यालय स्तर पर पढाई बीच में छोड़ने वाले छात्रों (Student Dropout Rate At The Secondary School Level) के प्रतिशत के मामले में बिहार (20.5 फीसदी) का स्थान तीसरा है। प्रथम एवं द्वितीय स्थान पर क्रमशः हैं - ओडिशा और मेघालय
आधारभूत संरचना - (October 2023)
631वां नेशनल हाइवे बिहार से होकर गुजरने वाला प्रथम ग्रीनफील्ड नेशनल हाइवे (6 लेन) होगा, जो कि 386 किलोमीटर लंबा होगा, यह बिहार सहित अन्य किन राज्यों से गुजरेगा - यूपी, झारखंड और पश्चिम बंगाल बिहार में 265 कि.मी. लम्बे 6 नए स्टेट हाईवे के निर्माण के लिए एशियाई विकास बैंक और भारत सरकार के बीच कितनी राशि के कर्ज
कृषि एवं संबद्ध गतिविधियां - (October 2023)
बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर (भागलपुर) के वैज्ञानिकों द्वारा खोजी गई 25 प्रतिशत तक कम पानी, कम खाद और 110 से 115 दिनों में तैयार होने वाली धान की किस्म है - सबौर कुंवर 3 अप्रैल, 2023 को बिहार के सहकारिता विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार राज्य के कितने प्राथमिक कृषि साख समितियों (PACS) को सामान्य सेवा केंद्रों (सीएससी)
सांस्कृतिक परिदृश्य - (October 2023)
हाजीपुर के रंजन कुमार की शॉर्ट फिल्म ‘चंपारण मटन’ ऑस्कर स्टूडेंट एकेडमी अवार्ड्स (Oscar Student Academy Awards) के सेमीफाइनल में पहुँचने वाली प्रथम फिल्म बन गई है। इस फिल्म का निर्माण किस बोली में किया गया है? - वज्जिका बोली में 20 जून, 2023 को पूर्वी चंपारण के कैथवलिया में विश्व के सबसे बड़े 540 फुट चौड़े और 1080 फुट
नीति, कार्यक्रम एवं पहल - (October 2023)
4 जुलाई, 2023 को इथेनॉल तथा अपशिष्ट से संपीडित बायोगैस (Compressed Biogas - CBG) उत्पादन के लिए किस नीति को मंजूरी प्रदान की गई - बिहार बायोफ्यूल्स उत्पादन प्रोत्साहन नीति-2023 आम जनता को अवैध जमा योजनाओं और धोखाधड़ी से बचाने के लिए बिहार अविनियमित निक्षेप स्कीम पाबंदी नियमावली 2023 को कैबिनेट से मंजूरी कब मिली? - 4 जुलाई, 2023 को
जूनोटिक रोग - (October 2023)
मनुष्य, जानवर एवं पर्यावरण विभिन्न संक्रामक रोगों के उद्भव तथा संचरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। मनुष्यों को प्रभावित करने वाले अधिकांश संक्रामक रोग पशु मूल के हैं। ‘उभरती बीमारियों के लिए एशिया प्रशांत रणनीति 2010’ रिपोर्ट के अनुमान के अनुसार, उभरते मानव संक्रमणों में से लगभग 60% प्रकृति में पशुजन्य (Zoonotic) है तथा इन रोगजनकों में से 70% से अधिक
दुर्लभ मृदा तत्वों का अनुप्रयोग - (October 2023)
दुर्लभ मृदा तत्व (Rare Earth Elements) 17 रासायनिक तत्वों का एक समूह है, जो आवर्त सारणी में एक साथ पाए जाते हैं। इस समूह में इट्रियम और 15 लैंथेनाइड्स तत्व (लैंथेनम, सेरियम, प्रेजोडायमियम, नियोडायमियम, प्रोमेथियम, समैरियम, यूरोपियम, गैडोलीनियम, टरबियम, डिस्प्रोसियम, होल्मियम, एर्बियम, थ्यूलियम, टरबियम तथा ल्यूटेटियम) शामिल हैं। स्कैंडियम दुर्लभ मृदा तत्व भंडारों में पाया जाता है; इस कारण से कभी-कभी
आर्टिफि़शियल इंटेलिजेंस के अनुप्रयोग - (October 2023)
1956 में पहली बार कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence) शब्द, जॉन मैक्कार्थी ने दिया गया था। कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), कंप्यूटर सॉफ्रटवेयर या कंप्यूटर-नियंत्रित रोबोट द्वारा मानव सदृश कार्य करने की क्षमता है। यह मशीनों की सोचने, समझने, सीखने, समस्या-समाधान और निर्णय लेने जैसे संज्ञानात्मक कार्यों को करने की क्षमता को संदर्भित करता है। यह उन कार्यों को पूरा करने वाली मशीनों की
अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में भारत की प्रगति - (October 2023)
भारत में अंतरिक्ष अनुसंधान गतिविधियां 1960 के दशक की प्रारंभ में शुरू हो गईं थी। पहले कदम के रूप में परमाणु ऊर्जा विभाग ने 1962 में डॉ. विक्रम साराभाई एवं डॉ. रामनाथन के नेतृत्व में अंतरिक्ष अनुसंधान के लिए भारतीय राष्ट्रीय समिति (INCOSPAR) का गठन किया। 15 अगस्त, 1969 को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का गठन किया गया। यह विश्व
वायु गुणवत्ता दिशा-निर्देश एवं तंत्र - (October 2023)
वायु प्रदूषण वायुमंडल में ऐसे पदार्थों की उपस्थिति है, जो मनुष्यों तथा अन्य जीवित प्राणियों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं एवं जलवायु को क्षति पहुंचाते हैं। विभिन्न प्रकार के वायु प्रदूषकों में शामिल हैं- नाइट्रोजन डाइऑक्साइडः यह प्रमुख प्रदूषकों में से एक है तथा NOx के प्रमुख उत्सर्जक स्रोतों में मोटर वाहन, उद्योग एवं रासायनिक सॉल्वैंट्स से उत्सर्जन शामिल है। अमोनिया (NH3)
भारत की संकटग्रस्त एवं सुभेद्य जैव-प्रजातियां - (October 2023)
इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर (IUCN) संकटग्रस्त प्रजातियों की रेड लिस्ट जारी करती है; इसे IUCN रेड लिस्ट या रेड डेटा बुक के रूप में भी जाना जाता है। यह 1964 में स्थापित, वैश्विक संरक्षण स्थिति एवं जैविक प्रजातियों के विलुप्त होने के जोखिम की एक सूची है। देशों और संगठनों द्वारा क्षेत्रीय रेड सूचियों की एकश्रृंखला तैयार की जाती
भारत में जैव विविधता संरक्षण: संस्थागत रूपरेखा - (October 2023)
भारत वन्यजीवों के संरक्षण एवं प्रबंधन से संबंधित कई प्रमुख अंतरराष्ट्रीय अभिसमयों (Conventions) का हस्ताक्षरकर्ता है, जिनमें जैविक विविधता पर कन्वेंशन (CBD), वन्यजीवों और वनस्पतियों की लुप्तप्राय प्रजातियों में अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर कन्वेंशन (CITES), जंगली जानवरों की प्रवासी प्रजातियों के संरक्षण पर कन्वेंशन [Convention on the Conservation of Migratory Species of Wild Animals (Bonn Convention)] आदि हैं। जैव विविधाता संरक्षण: दायित्वभारत
भारत में ई-अपशिष्ट प्रबंधान - (October 2023)
ई.वेस्ट, इलेक्ट्रॉनिक-वेस्ट का संक्षिप्त रूप है तथा यह पुराने, अप्रचलित या परित्यक्त इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को संदर्भित करता है। इसमें उनके हिस्से, उपभोग्य वस्तुएं एवं स्पेयर शामिल हैं। इसे 21 प्रकारों में विभाजित किया गया है, जिन्हें दो बुनियादी श्रेणियों में विभाजित किया गया हैः सूचना प्रौद्योगिकी और संचार उपकरण। इलेक्ट्रिकल अथवा इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, सीसा, पारा, कैडमियम, क्रोमियम, पॉलीब्रोमिनेटेड बाइफिनाइल और पॉलीब्रोमिनेटेड डाइफेनिल
जलवायु परिवर्तन: वैश्विक पहल - (October 2023)
तापमान एवं मौसम के पैटर्न में दीर्घकालिक परिवर्तन को जलवायु परिवर्तन कहा जाता है। जलवायु परिवर्तन एक वास्तविकता है, यह अतीत में परिवर्तित हुआ है, वर्तमान में परिवर्तित हो रहा है और भविष्य में भी परिवर्तित होगा। जलवायु परिवर्तन पृथ्वी की जलवायु में एक आवधिक संशोधन है, जो वायुमंडल में परिवर्तन के साथ-साथ वायुमंडल और पृथ्वी की प्रणाली के भीतर विभिन्न
भारत में ऋण प्रबंधान - (October 2023)
ऋण प्रबंधन (Debt Management) अत्यधिक जोखिम से बचते हुए मध्यम या लंबी अवधि में कम लागत पर सरकार की फंडिंग को सुरक्षित करने के लिए किए गए विभिन्न उपायों का एक संयोजन है। ऋण प्रबंधन, तीन बुनियादी तत्वों कम लागत, जोखिम न्यूनीकरण और बाजार विकास पर आधारित है। यह सरकार के ऋण को विनियमित करने के लिए एक विधि स्थापित करने और
भारत में बुनियादी ढांचे का वित्तपोषण - (October 2023)
बुनियादी ढांचे का वित्तपोषण (Infrastructure Financing) से तात्पर्य, बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को निधि प्रदान करने के लिए निर्मित किए गए तंत्रों के समुच्चय से है। बुनियादी ढांचे के निर्माण में वित्तपोषण सबसे महत्वपूर्ण पहलू है। बुनियादी ढांचे के वित्तपोषण के तंत्रसरकारी अनुदान (Government Funding) सरकार बुनियादी ढांचे के विकास के लिए बजटीय प्रावधान करती है। वित्त मंत्रालय के तहत आर्थिक मामलों का
भारत की राजकोषीय नीति - (October 2023)
राजकोषीय नीति व्यापक आर्थिक स्थितियों को प्रभावित करने के लिए सरकार की व्यय एवं कर नीति के उपयोग को संदर्भित करती है, जिसमें वस्तुओं एवं सेवाओं की कुल मांग, रोजगार, मुद्रास्फीति और आर्थिक विकास को लक्षित किया जाता है। अर्थव्यवस्था में स्थिरता लाना एवं व्यापक आर्थिक विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए मौद्रिक नीति के साथ-साथ राजकोषीय नीति का भी
सरकारी प्रतिभूतियां या बॉन्ड - (October 2023)
सरकारी प्रतिभूतियां (Government Securities) सरकार द्वारा जारी किए गए बॉन्ड हैं। सरकारी प्रतिभूति शब्द का प्रयोग सामूहिक रूप से ट्रेजरी बिल (Treasury Bills) और सरकारी बॉन्ड (Government Bonds) के लिए किया जाता है। बॉन्ड एक ऋण साधन है, जिसमें एक निवेशक किसी इकाई (सामान्यतः कॉर्पोरेट या सरकार) को पैसा उधार देता है, जो एक निर्धारित अवधि के लिए एक चर या
आरबीआई की कार्यप्रणाली एवं मौद्रिक नीति - (October 2023)
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI), देश का केंद्रीय बैंक है, जो भारतीय बैंकिंग प्रणाली के विनियमन के लिए उत्तरदायी है। आरबीआई की स्थापना ‘हिल्टन यंग कमीशन’ की सिफारिश पर की गई थी। भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम 1934 के तहत RBI की स्थापना 1 अप्रैल, 1935 को की गई थी। भारत के विभाजन के बाद, RBI ने जून 1948 तक पाकिस्तान के सेंट्रल बैंक के
सर्वोच्च न्यायालय का क्षेत्रधिकार और शक्तियां - (October 2023)
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 124 में कहा गया है कि भारत में एक सर्वोच्च न्यायालय होगा। सर्वोच्च न्यायालय का कोई भी निर्णय सभी अधीनस्थ न्यायालयों पर बाध्यकारी होगा। एक तरफ जहां, अमेरिका के सर्वोच्च न्यायालय की तरह भारतीय सर्वोच्च न्यायालय परिसंघीय न्यायालय, मूल अधिकारों का संरक्षण तथा संविधान का अंतिम व्याख्याकार है। वहीं दूसरी तरफ, इंग्लैंड के हाउस ऑफ लॉर्ड्स की
राज्यपाल का पद तथा उसकी शक्तियां - (October 2023)
भारत का संविधान राज्यों में केंद्र के समान सरकार के प्रतिरूप, यानी संसदीय प्रणाली की परिकल्पना करता है। राज्यपाल राज्य का संवैधानिक प्रमुख है तथा राज्य की कार्यकारी शक्ति राज्यपाल में निहित होती है। भाग VI (राज्य) के अनुच्छेद 153 से अनुच्छेद 167 राज्य कार्यकारिणी से संबंधित हैं। राज्यों में राज्यपाल नाममात्र का प्रमुख होता है और मुख्यमंत्री जो मंत्रिपरिषद का
संसदीय शासन प्रणाली - (October 2023)
कार्यपालिका और विधायिका के बीच संबंधों के आधार पर, लोकतांत्रिक सरकार की दो प्रमुख प्रणालियां विकसित की गई हैं- संसदीय प्रणाली और राष्ट्रपति प्रणाली। भारत ने ब्रिटिश वेस्टमिंस्टर मॉडल की तर्ज पर सरकार के संसदीय स्वरूप को अपनाया है। संसदीय प्रणाली को कैबिनेट प्रणाली या जिम्मेदार सरकार या प्रधानमंत्री मॉडल के रूप में भी जाना जाता है। संसदीय शासन व्यवस्था से
संवैधानिक संशोधान प्रक्रिया - (October 2023)
भारत के संविधान में संशोधन करने का उद्देश्य देश के मौलिक कानून या सर्वोच्च कानून को बदलावों के माध्यम से और मजबूत करना है। संविधान के भाग XX में अनुच्छेद 368 संविधान और इसकी प्रक्रियाओं में संशोधन करने की संसद की शक्ति से संबंधित है। संविधान संशोधन की प्रक्रिया न तो ब्रिटेन के समान लचीली है और न ही यूएसए के समान
संसद सदस्यों की अयोग्यता - (October 2023)
अनुच्छेद 102भारत के संविधान में (अनुच्छेद 102 में) प्रावधान किया गया है कि संसद का कोई सदस्य सदस्यता के लिए अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा, यदिः वह केंद्र या राज्य सरकार के अधीन कोई लाभ का पद धारण करता है (संसद द्वारा छूट प्राप्त किसी मंत्री या अन्य पद को छोड़कर)। वह मानसिक रूप से विक्षिप्त है और अदालत द्वारा उसे ऐसा
संसद से संबंधित विभिन्न प्रस्ताव - (October 2023)
भारतीय संसद देश में लोक महत्व के किसी भी मामले पर विचार-विमर्श करने या विधि निर्माण का सर्वोच्च मंच है। इसके सदस्य विभिन्न विषयों पर अपना मत या निर्णय किसी मंत्री या गैर-सरकारी सदस्य द्वारा लाए गए प्रस्ताव को स्वीकृत या अस्वीकृत करके देते हैं। ध्यान रहे कि संसद में किसी मंत्री द्वारा पेश किया गया विधेयक सरकारी विधेयक कहा जाता
स्थानीय स्वशासन - (October 2023)
भारत में स्थानीय स्वशासन का प्रारंभ लोकतांत्रिक विकेंद्रीकरण के उद्देश्य से प्रारंभ की गई है। इनके द्वारा जमीनी स्तर पर कार्य किया जाता है तथा नागरिकों की अधिक से अधिक भागीदारी के माध्यम से लोकतांत्रिक मूल्यों की स्थापना की जाती है। इन संस्थानों के द्वारा समाज के निचले स्तर पर कार्य किया जाता है। इनसे संबद्ध संस्थान, राज्य सरकार तथा स्थानीय
भारतीय मानसून को प्रभावित करने वाले कारक - (October 2023)
मानसून, हवा की दिशा का एक मौसमी उलटफेर है, भारत एवं विश्व में अधिकांश वर्षा के लिए उत्तरदायी है। गर्मियों में, थार रेगिस्तान तथा उत्तरी एवं मध्य भारतीय उपमहाद्वीप गर्म हो जाते हैं। तेज सौर तापन के परिणामस्वरूप उपमहाद्वीप पर एक निम्न दबाव क्षेत्र बनता है। हिंद महासागर उच्च दाब के कारण समुद्री पवने भारतीय भूमि पर स्थित निम्न दाब को भरने
भारत में प्रमुख फ़सलों का उत्पादन - (October 2023)
भारत के विभिन्न राज्यों में विविध प्रकार के फसलों की खेती होती है। चावल, गेहूं, बाजरा, दालें, चाय, कॉफी, गन्ना, तिलहन, कपास, जूट आदि भारत की कुछ प्रमुख फसलें हैं। भारत में तीन मौसमों में फसलों की खेती होती है, इसके आधार पर फसलों के 3 प्रकार हैं: रीफ फसलें: भारत में खरीफ फसलों की कृषि जून से सितंबर माह के मध्य
भारत की प्रमुख आर्द्रभूमियां - (October 2023)
आर्द्रभूमि वे क्षेत्र हैं, जहां पानी मिट्टी को आच्छादित कर लेता है अथवा वर्ष भर मिट्टी की सतह पर या उसके निकट जल मौजूद रहता है। जल संतृप्ति महत्वपूर्ण रूप से यह निर्धारित करती है कि मिट्टी कैसे विकसित होगी तथा मिट्टी में एवं उस पर रहने वाले पौधों और पशु समुदायों के प्रकार कैसे होंगे। आर्द्रभूमियां जलीय एवं स्थलीय दोनों
भारत की पर्वतीय वनस्पति - (October 2023)
पर्वतीय वन (मोंटेन वन) पहाड़ों में पाया जाने वाला पारिस्थितिक तंत्र है। भारत में पर्वतीय वन देश की प्राकृतिक वनस्पति का एक अभिन्न अंग हैं। ये वन मुख्य रूप से पहाड़ों में काफी ऊंचाई पर स्थित हैं तथा ऊंचाई के साथ इनमें विविधता पाई जाती है। शिवालिक पर्वतमाला के गिरिपाद में भाबर एवं तराई क्षेत्र से 1000 मीटर की ऊंचाई तक,
भारत का अपवाह तंत्र - (October 2023)
निश्चित वाहिकाओं के माध्यम से हो रहे जलप्रवाह को ‘अपवाह’ कहते हैं। इन वाहिकाओं के जाल को ‘अपवाह तंत्र’ कहा जाता है। किसी क्षेत्र का अपवाह तंत्र वहां के भू-वैज्ञानिक समयावधि, चट्टानों की प्रकृति एवं संरचना, स्थलाकृति, ढाल, बहते जल की मात्र और बहाव की अवधि का परिणाम है। भारत के अपवाह तंत्र को मुख्यतः हिमालयी अपवाह तंत्र एवं प्रायद्वीपीय अपवाह
भारत में भक्ति एवं सफ़ूी आंदोलन: स्वरूप एवं व्यक्तित्व - (October 2023)
भक्ति एवं सूफी आंदोलन मध्यकालीन भारत के दो महत्वपूर्ण धार्मिक आंदोलन थे। जहां हिंदू धर्म में भक्ति का अर्थ, ईश्वर के प्रति प्रेम है, वहीं सूफीवाद इस्लाम का रहस्यवादी परंपरा है, जिसमें ईश्वर की आंतरिक खोज एवं परमात्मा के साथ मिलन पर बल दिया जाता है। भक्ति आन्दोलनएक धार्मिक सुधार आंदोलन था, जिसमें ईश्वर के प्रति एकनिष्ठ भक्ति पर बल दिया
भारत में ब्रिटिश शिक्षा प्रणाली - (October 2023)
प्राचीन एवं मध्यकालीन भारत में ‘गुरुकुल’ शिक्षा प्रणाली प्रचलित थी। इस प्रणाली में छात्र शिक्षक या ‘गुरु’ के साथ रहकर शिक्षा ग्रहण करते थे। औपनिवेशिक शासन के आरंभिक साठ वर्षों तक ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने शिक्षा पर कोई ध्यान नहीं दिया। कंपनी का क्षेत्र विस्तार एवं राजस्व में वृद्धि के साथ प्रशासन पर नियंत्रण के लिए एक ऐसा भारतीयों का दल
पूर्व-मध्यकालीन राजवंश (800-1200 ई.) - (October 2023)
प्राचीन एवं मध्ययुगीन के मध्यवर्ती संक्रमण काल को ‘पूर्व-मध्यकाल’ कहा जाता है। 600-1200 ईसवी के मध्य की अवधि के प्रत्येक चरण में उत्तर तथा दक्षिण भारत में क्षेत्रीय स्तर पर अलग-अलग राजवंशों का उदय हुआ। थानेश्वर के पुष्यभूति (लगभग 500 ई. से लगभग 647 ई. तक)उत्तरी भारत में, पुष्यभूति राजवंश ने लगभग 500 ईसा पूर्व से 647 ईसा पूर्व तक शासन
बौद्ध धर्मः प्रमुख स्थल, स्तूप, ग्रंथ एवं विद्वान - (October 2023)
छठी शताब्दी ई. पू. में मध्य गंगा घाटी में अनेक धार्मिक सम्प्रदायों का उद्भव हुआ, इनमें जैन तथा बौद्ध प्रमुख हैं। इन धार्मिक सम्प्रदायों ने उपनिषदों द्वारा तैयार पृष्ठभूमि के आधार पर ब्राह्मण धर्म के अनेक दोषों को उजागर किया। बौद्ध धर्म: मूल सिद्धांत त्रिरत्नः बुद्ध, धम्म, संघ। बौद्ध धर्म का मूलाधारः चार आर्य सत्य - (1) दुःख, (2) दुःख समुदय, (3) दुःख
प्राचीन भारतीय बंदरगाह एवं व्यापार केंद्र - (October 2023)
प्राचीन समय से ही वाणिज्यिक क्षेत्र के रूप में भारतीय उपमहाद्वीप को अत्यधिक महत्व प्राप्त था। ‘पेरिप्लस ऑफ एरिथ्रीयन सी’ एवं अन्य यात्र वृत्तान्तों के ऐतिहासिक साक्ष्य इसे प्रमाणित करते हैं। ‘हमारे जहाज पृथ्वी के सभी हिस्सों में जाएं’- यह ऋगवैदिक युग के समुद्री नाविकों के आदर्श वाक्य के रूप में उल्लिखित है। प्राचीन भारत के प्रमुख व्यापार केंद्र पाटलिपुत्र: पाटलिपुत्र (पटना), वाणिज्यिक
प्राचीन भारतीय पुरातत्व स्थल - (October 2023)
प्राचीन भारत के रहस्य को उजागर करने में पुरातात्विक प्रयास अत्यधिक महत्व रखते हैं। सावधानीपूर्वक उत्खनन, गहन विश्लेषण और व्यावहारिक व्याख्या के साथ, निपुण पुरातत्वविदों ने विशाल उपमहाद्वीप की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को रोशन करते हुए, इतिहास में जान डाल दी है। पाषाण काल पाषाण युग मानव के विकास से संबंधित एक व्यापक प्रागैतिहासिक काल है। इसका काल लगभग 2.6 मिलियन वर्ष
यूपीपीसीएस प्रारंभिक परीक्षा - 2023 - (July 2023)
व्याख्यात्मक हल: सामान्य अधययन-Iइस अंक में हम उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा 14 मई, 2023 को आयोजित यूपीपीसीएस प्रारंभिक परीक्षा, 2023 के सामान्य अध्ययन-1 (सीरीज-।) का व्याख्यात्मक हल प्रस्तुत कर रहे हैं। यह व्याख्यात्मक हल आयोग द्वारा जारी आधिकारिक उत्तर कुंजी पर आधारित है। इस व्याख्यात्मक हल में संभावित आपत्तियों वाले प्रश्नों को भी चिन्हित किया गया है। अभ्यर्थी
सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा 2023 - (July 2023)
व्याख्यात्मक हल: सामान्य अधययन-Iइस अंक में हम संघ लोक सेवा आयोग द्वारा 28 मई, 2023 को आयोजित सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा, 2023 के सामान्य अध्ययन-1 (सीरीज-B) का व्याख्यात्मक हल प्रस्तुत कर रहे हैं। इस प्रश्न-पत्र की प्रकृति को ध्यान में रखते हुए हमने जहां तक संभव हो व्याख्याओं को संक्षिप्त एवं त्रुटिरहित बनाने का प्रयास किया है। यह व्याख्यात्मक हल
चर्चित स्थल - (June 2023)
ईस्टर द्वीप वैज्ञानिकों ने ईस्टर द्वीप की एक सूखी हुई झील के तल में मोई (Moai) की प्रतिमा की खोज की है। 'मोई' एकाश्म पत्थर से निर्मित मानव आकृतियां हैं। इन्हें 'रापा नुई' नामक मूल निवासियों द्वारा निर्मित किया गया है। ईस्टर द्वीप दक्षिण-पूर्वी प्रशांत महासागर में स्थित है। यह चिली देश का एक भाग
प्रमुख युद्धाभ्यास - (June 2023)
युद्धाभ्यास तिथि देश/सैन्य बल आयोजन स्थल फ्रिंजेक्स-2023 7-8 मार्च, 2023 भारतीय थल सेना और फ्रांसीसी सेना केरल में तिरुवनंतपुरम में तरकस का छठा संस्करण 16 जनवरी 2023 से 14 फरवरी 2023
संक्षिप्त समसामयिक तथ्य - (June 2023)
दार-एस-सलाम घोषणा-पत्र 1 फरवरी, 2023 को वर्ष 2030 तक बच्चों में एड्स को समाप्त करने की योजनाओं पर चर्चा करने के लिए विश्व समुदाय के प्रतिनिधि सदस्य तंजानिया के दार एस सलाम में एकत्र हुए, जहां दार-एस-सलाम घोषणा-पत्र पर हस्ताक्षर किये गए। इस घोषणा-पत्र का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि एचआईवी से
विस्तारित फंड सुविधा - (June 2023)
14 जुलाई, 2022 को पाकिस्तान और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के बीच विस्तारित फंड सुविधा (Extended Fund Facility-EFF) के संदर्भ में सातवीं और आठवीं समीक्षा हेतु स्टाफ-स्तरीय वार्ता संपन्न हुई। विस्तारित फंड सुविधा (EFF) आईएमएफ की एक ऋण सुविधा है, जो भुगतान संतुलन की समस्या का सामना करने वाले सदस्य देशों को स्टैंडबाई व्यवस्था के तहत ऋण प्रदान करती है। EFF की
हिंद-प्रशांत क्षेत्रीय संवाद का चौथा संस्करण - (June 2023)
23 से 25 नवंबर, 2022 के मध्य राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हिंद-प्रशांत क्षेत्रीय संवाद (Indo-Pacific Regional Dialogue-IPRD) का चौथा संस्करण संपन्न हुआ। वर्ष 2022 हेतु थीम: हिंद-प्रशांत महासागर पहल का संचालन [Operationalising the Indo-Pacific Oceans Initiative (IPOI)] इस संवाद के प्रत्येक संस्करण का आयोजन नेशनल मैरीटाइम फाउंडेशन (National Maritime Foundation-NMF) द्वारा किया जाता है। नेशनल मैरीटाइम फाउंडेशन (NMF) एक स्वायत्त थिंक टैंक है,
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर वैश्विक भागीदारी तथा भारत - (June 2023)
21 नवंबर, 2022 को भारत ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर वैश्विक भागीदारी [Global Partnership on Artificial Intelligence (GPAI)] की अध्यक्षता ग्रहण की। भारत वर्ष 2022-23 के लिए इस समूह का अध्यक्ष होगा। GPAI समूह मानव केन्द्रित विकास और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के दायित्वपूर्ण उपयोग में सहायता के लिए अंतरराष्ट्रीय पहल है। भारत इस समूह का संस्थापक सदस्य है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर वैश्विक
यूरोज़ोन तथा शेंगेन क्षेत्र में शामिल हुआ क्रोएशिया - (June 2023)
1 जनवरी, 2023 से क्रोएशिया यूरोपीय मुद्रा-यूरो (€) को अपनाकर यूरोजोन के देशों में शामिल हो गया; साथ ही वह यूरोप के सीमा-मुक्त ‘शेंगेन क्षेत्र’ (SCHENGEN ZONE) में भी शामिल हुआ। क्रोएशिया ने वर्ष 2013 में यूरोपीय संघ की सदस्यता ग्रहण की थी। यह शेंगेन क्षेत्र में शामिल होने वाला 27वां और यूरो मुद्रा अपनाने वाला 20वां देश बन गया
भारत-अमेरिका वाणिज्यिक संवाद - (June 2023)
10 मार्च, 2023 को नई दिल्ली के वाणिज्य भवन में 5वीं भारत-अमेरिका वाणिज्यिक संवाद बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में दोनों पक्षों ने भारत-अमेरिका वाणिज्यिक ढांचे के अंतर्गत सेमीकंडक्टर आपूर्ति शृंखला और नवाचार साझेदारी स्थापित करने के लिए समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए। दोनों पक्षों द्वारा 'टैलेंट इनोवेशन एवं इंक्लूसिव ग्रोथ' पर एक नए कार्य समूह के गठन
संक्षिप्त समसामयिक तथ्य - (June 2023)
प्रतिसूक्ष्मजीवी-प्रतिरोधी संक्रमण ‘गोनोरिया’ जनवरी 2023 में केन्या में प्रतिसूक्ष्मजीवी-प्रतिरोधी गोनोरिया (Gonorrhea) का प्रकोप देखा गया। यह एक यौन संचारित संक्रमण (STI) है, यह संक्रमण मुख्य रूप से नीसेरिया गोनोरिया नामक जीवाणु (Neisseria Gonorrhoeae Bacteria) के कारण होता है।WHO के अनुसार वैश्विक स्तर पर यह क्लैमाइडिया (Chlamydia) के बाद दूसरी सबसे आम यौन संचरित बीमारी
मंकीपॉक्स : सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल - (June 2023)
जुलाई 2022 में ‘विश्व स्वास्थ्य संगठन’ ने मंकीपॉक्स को ‘अंतरराष्ट्रीय चिंता का सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल’ (PHEIC) घोषित कर दिया। अंतरराष्ट्रीय चिंता का सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल, WHO द्वारा जारी किया जाने वाला उच्चतम स्तर का अलर्ट है। मंकीपॉक्स से पहले केवल पोलियो और SARS-CoV-2 को PHEIC घोषित किया गया था।मंकीपॉक्स वायरस, पॉक्सविरिडे फैमिली (Poxviridae Family) में ऑर्थोपॉक्सवायरस जीनस (Orthopoxvirus Genus) का
प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान - (June 2023)
9 सितंबर, 2022 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु द्वारा प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान (PM TbMBA) प्रारंभ किया गया। वर्ष 2025 तक तपेदिक (टीबी) को खत्म करने के लक्ष्य को ध्यान में रखकर इस पहल को प्रारंभ किया गया है। यह स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW) की एक पहल है, जिसका उद्देश्य टीबी रोगियों के उपचार परिणामों में सुधार के
दुर्लभ आनुवंशिक रोग : सेरेब्रोटेंडिनस ज़ैंथोमैटोसिस - (June 2023)
नवंबर 2022 मेंहैदराबाद के शोधकर्ताओं ने दुर्लभ आनुवंशिक रोग सेरेब्रोटेंडिनस ज़ैंथोमैटोसिस (Cerebrotendinous xanthomatosis - CTX) की प्रगति को रोकने के लिए एक उपाय की खोज की। सीटीएक्स एक लिपिड-स्टोरेज त्वचा रोग (Lipid-Storage Skin Disease) है जिसका वर्तमान समय तक कोई ज्ञात चिकित्सा इलाज नहीं है, लेकिन इसकी प्रगति को रोका जा सकता है।यह एक दुर्लभ ऑटोसोमल रिसेसिव आनुवंशिक विकार (Autosomal
हाइब्रिड इम्यूनिटी - (June 2023)
जनवरी 2023 में दलांसेट इन्फेक्शियस डिज़ीज़ नामक जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन में यहपाया गया कि 'हाइब्रिड इम्युनिटी' (Hybrid Immunity) गंभीर कोविड-19 संक्रमणके खिलाफ बेहतर सुरक्षा प्रदान करती है। प्रतिरक्षा, रोगज़नक़ों (जैसे बैक्टीरिया और वायरस) के आक्रमण को रोकने के लिए शरीर की क्षमता को दर्शाती है। वैक्सीन द्वारा प्रदत्त प्रतिरक्षा के साथ प्राकृतिक सुरक्षा के संयोजन को हाइब्रिड इम्यूनिटी
लसीका फाइलेरिया - (June 2023)
10 फरवरी, 2023 को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने लसीका फाइलेरिया (Lymphatic Filariasis-LF) कोखत्म करने केलिए एक राष्ट्रव्यापी 'सर्व दवा सेवन' (Mass Drug Administration-MDA) अभियान शुरू किया। अभियान के तहत विशेष रूप से 10 फाइलेरिया प्रभावित राज्यों (बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, ओडिशा, मध्य प्रदेश और आंध्र प्रदेश) में घर-घर जाकर फाइलेरिया रोधी दवाएं दी
सिकल सेल एनीमिया - (June 2023)
वित्त मंत्री द्वारा केंद्रीय बजट 2023-24 के प्रस्तुतीकरण के दौरान यह घोषणा की गईकि सरकार वर्ष 2047 तक सिकल सेल एनीमिया (Sickle Cell Anaemia) कोखत्म करने केलिए 'मिशन मोड' में काम करेगी। सिकल सेल एनीमिया एकव्यक्ति को विरासत (Inheritance) में प्राप्त रक्त विकार अथवा लाल रक्त कोशिका (RBC) विकार है।लाल रक्त कोशिकाओं में हीमोग्लोबिन (एक प्रकार का प्रोटीन) होता है,
संक्षिप्त समसामयिक तथ्य - (June 2023)
INS विक्रांत पर लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट की लैंडिंग 6 फरवरी, 2023 को एक महत्वपूर्ण सफलता हासिल करते हुए स्वदेशी 'लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट' (Light Combat Aircraft-LCA) के नौसेना संस्करण ने देश के प्रथम स्वदेशी विमान वाहक (Indigenous Aircraft Carrier-IAC) आईएनएस विक्रांत (INS Vikrant) पर अपनी पहली लैंडिंग की।आईएनएस विक्रांत को सितंबर 2022 में भारतीय नौसेना
स्टेल्थ फ्रीगेट ‘तारागिरि’ - (June 2023)
11 सितंबर, 2022 को भारतीय नौसेना के लिए 3,510 टन के अनुमानित भार के साथ तारागिरी नामक फ्रीगेट का जलावतरण किया गया। यह प्रोजेक्ट 17ए (Project 17A) के तहत निर्मित फ्रीगेट है, जिसे रडार-शोषक कोटिंग्स के माध्यम से ‘स्टेल्थ’ क्षमताओं से युक्त बनाया गया है। इसे मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (MDL) द्वारा निर्मित किया गया है तथा भारतीय नौसेना के इन-हाउस
टैंक-रोधी गाइडेड मिसाइल : हेलीना - (June 2023)
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने 11 अप्रैल, 2022 को राजस्थान के थार रेगिस्तान में स्थित पोखरण रेंज में स्वदेशी रूप से विकसित एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल सिस्टम ‘हेलीना’ (HELINA) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। हेलीना (Helicopter-launched Nag) एक तीसरी पीढ़ी की 'दागो और भूल जाओ' सिद्धांत पर आधारित टैंक रोधी मिसाइल (ATGM) प्रणाली है, जिसे आधुनिक हल्के हेलीकॉप्टर (ALH) पर स्थापित
आईएनएस मोरमुगाओ भारतीय नौसेना में शामिल - (June 2023)
18 दिसंबर, 2022 को परियोजना 15बी (Project 15B) वर्ग के दूसरे युद्धपोत आईएनएस मोरमुगाओ (INS Mormugao) को मुंबई में नौसेना डॉकयार्ड में कमीशन किया गया। इस श्रेणी के पहले जहाज आईएनएस विशाखापट्टनम (INS Visakhapatnam) को नवंबर 2021 में नौसेना में शामिल किया गया था। आईएनएस मोरमुगाओ एक स्टील्थ गाइडेड-मिसाइल विध्वंसक युद्धपोत है, जो 163 मीटर लंबा और 17 मीटर चौड़ा है। यह
अग्नि-5 का सफल परीक्षण - (June 2023)
15 दिसंबर, 2022 को भारत द्वारा ओडिशा के एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से सबसे लंबी दूरी की परमाणु-सक्षम बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-5 (Agni-5) का रात्रि परीक्षण (Night Trials) सफलतापूर्वक किया गया। अग्नि-5 एकीकृत निर्देशित मिसाइल विकास कार्यक्रम (IGMDP) के तहत विकसित सतह-से-सतह पर मार करने वाली उन्नत बैलिस्टिक मिसाइल है। यह दागो और भूल जाओ सिद्धांत पर कार्य करती है, जिसे इंटरसेप्टर मिसाइल
पृथ्वी-II मिसाइल - (June 2023)
10 जनवरी, 2023 को भारत ने ओडिशा के तट पर स्थित चांदीपुर के एकीकृत परीक्षण रेंज (ITR) से सामरिक बैलिस्टिक मिसाइल पृथ्वी-II (Prithvi-II) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। परीक्षण के पश्चात मिसाइल के सभी परिचालन और तकनीकी मापदंडों को मान्यता प्रदान की गई, जो कि भारत की परमाणु प्रतिरोधक क्षमताओं का एक अभिन्न अंग है। पृथ्वी मिसाइल प्रणाली में सतह-से-सतह पर
आईएनएस वागीर पनडुब्बी - (June 2023)
23 जनवरी, 2023 को स्कॉर्पीन श्रेणी की 5वीं स्टील्थ सबमरीन आईएनएस वागीर (INS Vagir) को नौसेना में शामिल किया गया। सैंड शार्क (Sand Shark) के नाम से भी जानी जाने वाली इस पनडुब्बी का जलावतरण 12 नवंबर, 2020 को किया गया था। । आईएनएस वागीर का निर्माण मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (MDL) द्वारा फ्रांसीसी नेवल ग्रुप (French Naval Group) के
ब्रह्मोस मिसाइल - (June 2023)
5 मार्च, 2023 को भारतीय नौसेना ने रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा डिजाइन किए गए स्वदेशी सीकर और बूस्टर के साथ जहाज से लॉन्च की गई ब्रह्मोस मिसाइल का सफल परीक्षण किया। इससे पूर्व भारतीय वायुसेना ने भी SU-30 MKI विमान से ब्रह्मोस मिसाइल का सफल परीक्षण किया था।ब्रह्मोस रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) तथा रूस के
संक्षिप्त समसामयिक तथ्य - (June 2023)
इंटरनेशनल लिक्विड मिरर टेलीस्कोप (ILMT) 21 मार्च, 2023 को उत्तराखंड के देवस्थल में एशिया के सबसे बड़े 4-मीटर अंतरराष्ट्रीय लिक्विड मिरर टेलीस्कोप (ILMT) का उद्घाटन किया गया। यह टेलीस्कोप विशेष खगोलीय उद्देश्यों के लिए डिज़ाइन की गई है तथा यह विश्व की अपनी तरह पहली तरल दर्पण दूरबीन है। इसे बेल्जियम में एडवांस्ड मेकैनिकल एंड
NSIL का प्रथम एवं द्वितीय वाणिज्यिक मिशन - (June 2023)
23 जून, 2022 को जीसैट-24 उपग्रह को फ्रेंच गुयाना के कौरू से एरियन-5 वीए257 (Ariane-V VA257) नामक यान से सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया गया। इसके पश्चात 30 जून, 2022 को पी.एस.एल.वी.-सी53/डी.एस.-ई.ओ. (PSLV-C53/DS-EO) मिशन को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से प्रमोचित किया गया। जीसैट-24 उपग्रह का प्रक्षेपण न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (NewSpace India Limited -NSIL) का प्रथम वाणिज्यिक मिशन है, वहीं
भारत का पहला निजी प्रक्षेपण यान : विक्रम-एस - (June 2023)
18 नवंबर, 2022 को श्रीहरिकोटा स्थित इसरो के स्पेसपोर्ट से स्काईरूट एरोस्पेस के विक्रम-एस (Vikram-S) यान ने अपनी पहली उड़ान भरी। यह निजी क्षेत्र द्वारा विकसित भारत का पहला प्रक्षेपण यान है। स्काईरूट एयरोस्पेस के इस पहले मिशन को ‘प्रारंभ’ नाम दिया गया है। विक्रम-एस प्रमोचन वाहन की लंबाई 6 मीटर है तथा यह एक एकल-चरण ठोस ईंधन उप-कक्षीय
हानले डार्क स्काई रिजर्व - (June 2023)
केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख ने हाल ही में पूर्वी लद्दाख के हानले गांव में भारत के पहले 'डार्क स्काई रिजर्व' (Dark Sky Reserve) स्थापित करने की अधिसूचना जारी की; इसे हानले डार्क स्काई रिजर्व (HDSR) के रूप में जाना जाएगा। देश के प्रथम 'डार्क स्काई रिजर्व' की स्थापना भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST) के सहयोग से की जा
पीएसएलवी-सी54/ईओएस-06 मिशन - (June 2023)
26 नवंबर, 2022 को इसरो ने पीएसएलवी-सी54 से ईओएस-06 (EOS-06) उपग्रह तथा 8 नैनो-उपग्रहों को प्रक्षेपित किया गया। यह पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (PSLV) की 56वीं उड़ान तथा PSLV-XL संस्करण की 24वीं उड़ान थी। EOS-06 उपग्रह को ओशनसैट-3.0 (Oceansat-3) का नाम भी दिया गया है, जो एक भू-प्रेक्षण उपग्रह (EOS) है। ईओएस-06 के अतिरिक्त 8 अन्य उपग्रहों में अमेरिकी कंपनी स्पेसफ्लाइट के
विश्व के पहले 3डी-मुद्रित रॉकेट इंजन का सफल परीक्षण - (June 2023)
नवंबर 2022 में भारतीय स्टार्टअप 'अग्निकुल कॉसमॉस' (Agnikul Cosmos) द्वारा बनाए गए, विश्व के पहले सिंगल-पीस 3डी-प्रिंटेड रॉकेट इंजन (3D-Printed Rocket Engine) का सफल परीक्षण किया गया। यह परीक्षण तिरुवनंतपुरम के विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर (VSSC) के थुम्बा इक्वेटोरियल रॉकेट लॉन्चिंग स्टेशन की 'वर्टिकल टेस्ट फैसिलिटी' में किया गया। इस इंजन परीक्षण की सफलता से अग्निकुल कॉसमॉस के लॉन्च व्हीकल 'अग्निबाण' (Agnibaan)
लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान (SSLV) डी-2 की सफल उड़ान - (June 2023)
10 फरवरी, 2023 को इसरो के लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान (SSLV) ने तीन उपग्रहों को सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया। SSLV की यह दूसरी विकासात्मक उड़ान थी तथा इसे एसएसएलवी-डी2 (SSLV D-2) का नाम दिया गया है। SSLV D-2 के माध्यम से ईओएस-07 (EOS-07), जेनस-1 (Janus-1) और आजादीसैट-2 (AzaadiSAT-2) उपग्रहों को 37 डिग्री के झुकाव के साथ उनकी लक्षित 450 किलोमीटर की
वनवेब इंडिया-2 मिशन - (June 2023)
26 मार्च, 2023 को इसरो द्वारा ‘वनवेब इंडिया-2 मिशन’ के अंतर्गत LVM3 प्रक्षेपण रॉकेट से वनवेब के 36 उपग्रहों को निम्न-भू कक्षा में स्थापित किया गया। यह LVM3 की छठी उड़ान थी। LVM3 रॉकेट भारत का सबसे भारी प्रक्षेपण यान है, इसे पहले GSLV मार्क- III के नाम से जाना जाता था। LVM3 इसरो द्वारा विकसित प्रक्षेपण यान है,
संक्षिप्त समसामयिक तथ्य - (June 2023)
लिक्विड नैनो-डाई अमोनियम फास्फेट उर्वरक 4 मार्च, 2023 को केंद्र सरकार ने नैनो–डाई अमोनियम फास्फेट (DAP) उर्वरक को बाजार में लाने की मंजूरी दी।नैनो–डाई अमोनियम फास्फेट (नैनो-DAP) उर्वरक एक अगली पीढ़ी का उर्वरक है। इसे नाइट्रोजन और फास्फोरस के नैनोकणों से उत्पादित किया जाता है।वर्ष 2021 में इफको (IFFCO) ने नैनो-यूरिया (Nano-Urea) लॉन्च किया
रक्त कैंसर के इलाज के लिए CAR-T प्रौद्योगिकी - (June 2023)
सितंबर 2022 में टाटा मेमोरियल सेंटर (टीएमसी) द्वारा ‘शिमेरिक एंटीजेन रिसेप्टर टी-सेल थेरेपी’ [Chimeric Antigen Receptor T-cell (CAR-T) therapy] का प्रयोग कर रक्त कैंसर की चिकित्सा से संबंधित नैदानिक परीक्षण का प्रथम चरण पूरा कर लिया गया। ‘शिमेरिक एंटीजेन रिसेप्टर टी-सेल थेरेपी’ (CAR-T therapy) एक तरह की जीन थेरेपी है। इसे आईआईटी-बॉम्बे के जैव-विज्ञान एवं जैव-इंजीनियरिंग विभाग में डिजाइन और
कैंसर थेरेपी का एक नया रूप : बेस एडिटिंग - (June 2023)
दिसंबर 2022 में यूनाइटेड किंगडम केवैज्ञानिकों ने टी-सेल एक्यूट लिम्फोब्लास्टिक ल्यूकेमिया (T-ALL) सेपीड़ित मरीज़ में कैंसर थेरेपी के एकनए रूप 'बेस एडिटिंग' (Base Editing) का पहली बार सफल परीक्षण किया। टी-सेल एक्यूट लिम्फोब्लास्टिक ल्यूकेमिया कोकैंसर का एक रूप माना जाता है। टी-सेल एक्यूट लिम्फोब्लास्टिक ल्यूकेमिया (T-ALL) एक तीव्र और प्रगतिशील प्रकार का रक्त कैंसर है। इसके अंतर्गत टी-सेल, प्रतिरक्षा में
बायो-कंप्यूटर - (June 2023)
फरवरी 2023 में जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी (JHU) के वैज्ञानिकों ने "ऑर्गेनाइड इंटेलिजेंस" (Organoid Intelligence) नामक अनुसंधान के एक नए संभावित क्षेत्र के लिए एक योजना की रूपरेखा तैयार की है, जिसका उद्देश्य बायो-कंप्यूटर का निर्माण करना है। बायो-कंप्यूटर के अंतर्गत प्रयोगशाला में विकसित ‘मस्तिष्क संवर्धन’ (Brain Cultures) को वास्तविक दुनिया के सेंसर और इनपुट/आउटपुट उपकरणों से जोड़ा जाएगा। बायोकंप्यूटर एकप्रकार का कंप्यूटर
संक्षिप्त समसामयिक तथ्य - (June 2023)
6G टेस्ट बेड का शुभारंभ 22 मार्च, 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीने हाई-स्पीड 6G संचार सेवाओं को शुरू करने के लिये 6G अनुसंधान एवं विकास टेस्ट बेड (6G R&D Test Bed) का शुभारंभ किया। भारत 6G प्रोजेक्ट (Bharat 6G project) को दो चरणों- पहला चरण वर्ष 2023 से 2025 तक और दूसरा चरण
सैन्य निर्माण में 3डी प्रिंटिंग - (June 2023)
मार्च 2022 में भारत की रक्षा अवसंरचना विकास एजेंसी ‘सैन्य इंजीनियरिंग सेवा’ (MES) ने गांधीनगर और जैसलमेर में 3डी रैपिड निर्माण तकनीक (3D Rapid Construction Technology) का प्रयोग कर दो घर बनाए हैं। इस निर्माण में चेन्नई स्थित स्टार्टअप त्वास्टा (Tvasta) का सहयोग लिया गया है। त्वास्टा एक मंजिला 3डी प्रिंटेड घर को सफलतापूर्वक विकसित करने वाले पहले संगठनों
क्रायस एक्सपीपी : एआई-असिस्टेड मशीन लर्निंग - (June 2023)
आईआईटी खड़गपुर के शोधकर्ताओं ने भारत-कोरिया विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी केंद्र (IKST) के सहयोग से क्रायस एक्सपीपी (CrysXPP) नामक एक विधि विकसित की है, जो एआई-असिस्टेड मशीन लर्निंग के माध्यम से क्रिस्टलीय सामग्री के गुणों के विषय में जानकारी दे सकती है। क्रायस एक्सपीपी उच्च परिशुद्धता के साथ विभिन्न भौतिक गुणों की तेजी से भविष्यवाणी करने में सक्षम है। अब तक
क्वांटम कुंजी वितरण तकनीक - (June 2023)
अगस्त 2022 में भारतीय सेना द्वारा बेंगलुरू स्थित साइबर सुरक्षा कंपनी से क्वांटम कुंजी वितरण (QKD) तकनीक की खरीद की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। क्वांटम क्रिप्टोग्राफी या क्वांटम कुंजी वितरण (QKD) एक तकनीक है जो सुरक्षित संचार के लिये सममित कूटबद्ध कुंजी (Symmetric Encoded Key) के वितरण को सुरक्षित करती है। इस तकनीक में संचार के लिये फोटॉन
चौथी औद्योगिक क्रांति का केंद्र : हैदराबाद - (June 2023)
विश्व आर्थिक मंच (WEF) द्वारा चौथी औद्योगिक क्रांति हेतु केंद्र (C4IR) की स्थापना करने के लिए हैदराबाद का चयन किया गया है। चौथी औद्योगिक क्रांति का यह केंद्र (C4IR Telangana) विश्व आर्थिक मंच द्वारा चार महाद्वीपों में स्थापित किए गए चौथी औद्योगिक क्रांति (4IR) के नेटवर्क में शामिल होने वाला 18वां केंद्र होगा। चतुर्थ औद्योगिक क्रांति (4IR) या इंडस्ट्री
विस्तारित वास्तविकता (XR) स्टार्टअप प्रोग्राम - (June 2023)
जनवरी 2023 मेंइलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) तथा टेक कंपनी ‘मेटा’ (Meta) द्वारा 'विस्तारित वास्तविकता स्टार्टअप प्रोग्राम' (XRSP) के लिए 120 स्टार्टअप कीसूची की घोषणा की गई। विस्तारित वास्तविकता (XR) एक अंब्रेला शब्द है, जो ऐसी किसी भी तकनीक के लिए प्रयुक्त किया जाता है जो भौतिक या वास्तविक दुनिया के वातावरण में डिजिटल तत्वों को जोड़कर वास्तविकता को
संक्षिप्त समसामयिक तथ्य - (June 2023)
सितरंग चक्रवात अक्टूबर 2022 में बंगाल की खाड़ी में सितरंग चक्रवात उत्पन्न हुआ, जिससे भारत और बांग्लादेश प्रभावित हुए। इस चक्रवात के कारण ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटीय जिलों में भारी वर्षा हुई तथा असम, मेघालय में मध्यम से भारी वर्षा देखी गई। सितरंग नामकरण थाईलैंड द्वारा किया गया था तथा यह वर्ष
अंतरराष्ट्रीय सूखा प्रतिरोध गठबंधन - (June 2023)
नवंबर 2022 के दौरान मिस्र के शर्म अल-शेख में UNFCCC के COP27 सम्मेलन के दौरान स्पेन और सेनेगल के नेतृत्व में 30 देशों और 20 संगठनों द्वारा अंतरराष्ट्रीय सूखा प्रतिरोध गठबंधन (International Drought Resilience Alliance - IDRA) नामक पहल को प्रारंभ किया गया है। यह गठबंधन भविष्य के सूखे की समस्या से बेहतर तरीके से निपटने तथा वैश्विक स्तर पर
आपदा रोधी अवसंरचना पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन - (June 2023)
4 मई, 2022 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘आपदा अवरोधी अवसंरचना पर चौथे अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन’ के उद्घाटन सत्र को सम्बोधित किया। आपदा अनुकूलित अवसंरचना पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन ‘अंतरराष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अवसंरचना गठबंधन’ (ICDRI) द्वारा वार्षिक रूप से आयोजित किया जाने वाला अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन है। इसका उद्देश्य आपदा एवं जलवायु प्रत्यास्थ बुनियादी ढांचे पर वैश्विक विमर्श को मजबूत करना है। ध्यातव्य है कि
जोशीमठ भू-धंसाव - (June 2023)
जनवरी 2023 के दौरान उत्तराखंड के जोशीमठ में भू-धंसाव (Land Subsidence) की परिघटना बड़े पैमाने पर दर्ज की गई है तथा जोशीमठ को भूस्खलन-धंसाव क्षेत्र (land subsidence zone) घोषित किया गया। जोशीमठ में भू-धंसाव के निम्नलिखित कारण हैं-नाजुक पारिस्थितिकी: जोशीमठ शहर की भूगर्भिक संरचना भूस्खलन प्रवण है। यह रेत और पत्थर के जमाव पर टिका है, जिसकी भार वहन क्षमता
ग्लेशियल लेक आउटबर्स्ट फ्लड पर रिपोर्ट - (June 2023)
7 फरवरी, 2023 को नेचर कम्युनिकेशंस नामक जर्नल में ग्लेशियल लेक आउटबर्स्ट फ्लड (Glacial Lake Outburst Floods - GLOF) पर एक अध्ययन रिपोर्ट प्रकाशित की गई। इस रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक स्तर पर 15 मिलियन लोग हिमनद झीलों (glacial lakes) में आने वाले बाढ़ के कारण खतरे में हैं। 1.5 करोड़ लोग ग्लेशियल झीलों के 50 किमी के खतरे वाले
तुर्की और सीरिया में भूकंप - (June 2023)
फरवरी 2023 में तुर्की और सीरिया में रिक्टर पैमाने पर 6 से 7.8 तीव्रता के भूकंप की परिघटनाएं दर्ज की गईं। इस भूकंप की उत्पत्ति पूर्वी एनातोलियाई फॉल्ट पर लगभग 18 किमी. की गहराई पर हुई। भूकंप का अधिकेंद्र (epicentre) तुर्की के नूरदगी शहर से लगभग 26 किमी पूर्व में था। भूकंप, पृथ्वी की सतह (surface) का कंपन है
भारत का भू-स्खलन एटलस - (June 2023)
मार्च 2023 में हैदराबाद स्थित इसरो के नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर (NRSC) द्वारा भारत का एक भू-स्खलन एटलस जारी किया गया है। उल्लेखनीय है कि भारत वैश्विक स्तर पर शीर्ष पांच भूस्खलन-प्रवण देशों में से एक है। इस एटलस को तैयार करने में हिमालय और पश्चिमी घाट क्षेत्र में आने वाले भू-स्खलन को मुख्यतः आधार बनाया गया है। इसरो ने
आपदा जोखिम न्यूनीकरण हेतु राष्ट्रीय मंच की बैठक - (June 2023)
10-11 मार्च, 2023 के मध्य नई दिल्ली के विज्ञान भवन में 'आपदा जोखिम न्यूनीकरण के लिए राष्ट्रीय मंच' [NPDRR] के तीसरे सत्र की बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक का आयोजन गृह मंत्रालय, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA), राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) तथा राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान (NIDM) द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। आपदा जोखिम न्यूनीकरण के लिए राष्ट्रीय
संक्षिप्त समसामयिक तथ्य - (June 2023)
दो भारतीय समुद्र तटों को 'ब्लू फ्लैग' प्रमाणन अक्टूबर 2022 में लक्षद्वीप में दो और समुद्र तटों को प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय इको-लेबल 'ब्लू फ्लैग' प्रदान किया गया है। इनमें मिनिकॉय थुंडी समुद्र तट (Minicoy Thundi beach) और कदमत समुद्र तट (Kadmat beach) शामिल हैं। इस प्रकार भारत में ब्लू फ्लैग प्रमाणित समुद्र तटों की
इको सेंसिटिव ज़ोन का सीमा निर्धारण - (June 2023)
3 जून, 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश में कहा कि देश में स्थित प्रत्येक संरक्षित वन, राष्ट्रीय उद्यान (National Parks) और वन्यजीव अभयारण्य (Wildlife Sanctuaries) में उनकी सीमांकित सीमाओं से कम-से-कम एक किमी. दायरे में अनिवार्य इको सेंसिटिव ज़ोन (ESZ) का निर्माण किया जाना चाहिए। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) ने राष्ट्रीय वन्यजीव कार्ययोजना-2002 (National Wildlife
वन (संरक्षण) नियम, 2022 - (June 2023)
28 जून, 2022 को पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) द्वारा ‘वन (संरक्षण) नियम, 2022’ [Forest (conservation) Rules 2022] को अधिसूचित किया गया। इस नियम को ‘वन (संरक्षण) अधिनियम’, 1980 के तहत अधिसूचित किया गया है। यह नियम राज्य/संघ राज्य क्षेत्र में एक सलाहकार समिति, एक क्षेत्रीय अधिकार प्राप्त समिति और एक स्क्रीनिंग समिति के गठन का प्रावधान करता
ग्रेट बैरियर रीफ में बढ़ोत्तरी - (June 2023)
ऑस्ट्रेलियन इंस्टीट्यूट ऑफ मरीन साइंस (AIMS) द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 36 वर्षों में ग्रेट बैरियर रीफ के उत्तरी और मध्य भागों में ‘कोरल कवर’ का उच्चतम स्तर दर्ज किया गया है। कोरल वास्तव में जीवित जीव होते हैं। प्रवाल भित्तियां या प्रवाल शैल-श्रेणियां समुद्र के भीतर स्थित चट्टानें हैं, जो प्रवालों द्वारा छोड़े गए कैल्सियम कार्बोनेट से
देश में अब 75 रामसर स्थल - (June 2023)
अगस्त 2022 में भारत के 11 नए आर्द्रभूमियों को रामसर स्थल (Ramsar sites) के रूप में नामित किया गया है। इस प्रकार देश में कुल रामसर स्थलों की संख्या 75 हो गई है। भारत में इन आर्द्रभूमियों द्वारा 13,26,677 हेक्टेयर क्षेत्र को कवर किया गया हैं। 11 नए स्थलों में तमिलनाडु में 4, ओडिशा में 3, जम्मू एवं कश्मीर में
स्थायी कार्बनिक प्रदूषकों पर स्टॉकहोम कन्वेंशन - (June 2023)
26 से 30 सितंबर, 2022 के दौरान इटली के रोम में ‘स्टॉकहोम कन्वेंशन की स्थायी कार्बनिक प्रदूषक समीक्षा समिति की 18वीं बैठक’ (POPRC-18) आयोजित की गई। इस बैठक में स्थायी कार्बनिक प्रदूषकों [Persistent Organic Pollutants (POP)] की विभिन्न श्रेणियों पर विचार किया गया। स्थायी कार्बनिक प्रदूषक (POPs) वे जैविक रासायनिक पदार्थ हैं, जो मानव और वन्यजीव दोनों के लिए विषाक्त होते हैं। स्थायी
मैंग्रोव एलायंस फॉर क्लाइमेट - (June 2023)
8 नवंबर, 2022 को भारत, ‘जलवायु के लिये मैंग्रोव गठबंधन’ (Mangrove Alliance for Climate- MAC) में शामिल हो गया। इस पहल को संयुक्त अरब अमीरात और इंडोनेशिया द्वारा यूएनएफसीसीसी के COP-27 सम्मेलन में प्रस्तावित किया गया।इस पहल में यूएई, इंडोनेशिया, भारत, श्रीलंका, ऑस्ट्रेलिया, जापान और स्पेन शामिल हैं। यह पहल विभिन्न देशों में मैंग्रोव वनों को संरक्षित और पुनर्स्थापित करने
ग्रेट बैरियर रीफ - (June 2023)
दिसंबर 2022 में आईयूसीएन (IUCN) तथा यूनेस्को (UNESCO) के वर्ल्ड हेरिटेज सेंटर की एक संयुक्त रिपोर्ट में सिफारिश की गई है कि ग्रेट बैरियर रीफ (Great Barrier Reef) को वर्ल्ड हेरिटेज ऑफ डेंजर की सूची में शामिल किया जाना चाहिए। ग्रेट बैरियर रीफ को वर्ष 1981 में विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल किया गया था। ग्रेट बैरियर
मैंग्रोव पारिस्थितिक तंत्र में सतत जलीय कृषि पहल - (June 2023)
हाल ही में 'मैंग्रोव पारिस्थितिक तंत्र में सतत जलीय कृषि' (Sustainable Aquaculture In Mangrove Ecosystem- SAIME) नामक पहल चर्चा में रही। सतत झींगा पालन हेतु समुदाय-आधारित यह नई पहल सुंदरबन क्षेत्र में मैंग्रोव बहाली की आशा प्रदान करती है। वर्ष 2019 में नेचर एन्वायरनमेंट एंड वाइल्डलाइफ सोसाइटी (NEWS), ग्लोबल नेचर फंड (GNF), नेचरलैंड, बांग्लादेश एनवायरनमेंट एंड डेवलपमेंट सोसाइटी (BEDS) द्वारा सतत
समुद्री स्थानिक योजना फ्रेमवर्क - (June 2023)
13 फ़रवरी, 2023 को पुडुचेरी में भारत का प्रथम समुद्री स्थानिक योजना (Marine Spatial Planning - MSP) फ्रेमवर्क प्रारंभ किया गया। इसके माध्यम से समुद्र संसाधनों सतत प्रबंधन और तटीय पर्यावरण संरक्षण का प्रावधान किया गया है। समुद्री स्थानिक योजना फ्रेमवर्क को भारत-नॉर्वे एकीकृत महासागर पहल के तहत शुरू किया गया है। समुद्री स्थानिक योजना (MSP) के अंतर्गत राजनीतिक प्रक्रिया
संक्षिप्त समसामयिक तथ्य - (June 2023)
मृदा कार्बन पृथक्करण द्वारा जलवायु परिवर्तन का न्यूनीकरण नवंबर 2022 में इंटरनेशनल क्रॉप्स रिसर्च इंस्टीट्यूट फॉर द सेमी-एरिड ट्रॉपिक्स (ICRISAT) द्वारा प्रकाशित किये गए एक मॉडलिंग अध्ययन के अनुसार जलवायु परिवर्तन को कम करने में मृदा कार्बन पृथक्करण (Soil Carbon Sequestration) मददगार हो सकता है।कार्बन पृथक्करण वायुमंडलीय कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित और संग्रहीत करने
यूएनसीसीडी कॉप-15 का आयोजन - (June 2023)
9-20 मई 2022 के मध्य कोटे डी आइवर के आबिदजानमें संयुक्त राष्ट्र मरुस्थलीकरण रोकथाम अभिसमय (UNCCD) के पक्षकारों के 15वें सम्मेलन (CoP15) काआयोजन किया गया। मरुस्थलीकरण का मुकाबला करने के लिए UNCCD का चौदहवां सम्मेलन (COP-14) नई दिल्ली में आयोजित किया गया था। COP-15 सम्मेलन का मुख्य विषय (Theme) 'भूमि. जीवन. विरासत: अभाव से समृद्धि की ओर (Land. Life.
स्टॉकहोम में उद्योग संक्रमण वार्ता तथा स्टॉकहोम+50 - (June 2023)
1 जून, 2022 को भारत और स्वीडन ने अपनी संयुक्त पहल ‘लीडरशिप फॉर इंडस्ट्री ट्रांजिशन’ (Leadership for Industry Transition-LeadIT) के एकहिस्से के रूप में स्टॉकहोम में ‘उद्योग संक्रमण वार्ता’ (Industry Transition Dialogue) की मेजबानी की। इसके पश्चात 2 जून से 3 जून, 2022 तक स्टॉकहोम में हीस्टॉकहोम+50 (Stockholm + 50) काआयोजन किया गया। लीडआईटी (LeadIT) पहल: लीडरशिप ग्रुप फॉर
हिंद महासागर द्विध्रुव और वर्षा - (June 2023)
अगस्त 2022 में ऑस्ट्रेलिया के मौसम विज्ञानियों ने नकारात्मक हिंद महासागर द्विध्रुवीय (Negative Indian Ocean Dipole - IOD) परिघटना की घोषणा की। हिंद महासागरीय द्विध्रुव (Indian Ocean Dipole- IOD) पश्चिमी एवं पूर्वी हिंद महासागर में ‘तापमान प्रवणता’ को व्यक्त करता है। इस तापमान-भिन्नता के परिणामस्वरूप वायुमंडलीय दबाव में अंतर उत्पन्न होता है, जिसके परिणामस्वरूप हिंद महासागर के पूर्वी और पश्चिमी
ओजोन क्षरण का वैज्ञानिक आकलन 2022 - (June 2023)
9 जनवरी, 2023 को समतापमंडलीय ओजोन परत (Stratospheric Ozone Layer) पर ओजोन क्षरण का वैज्ञानिक आकलन 2022 नामक प्रस्तुत की गई। रिपोर्ट के अनुसार, यदि वैश्विक स्तर पर ओजोन क्षयकारी पदार्थों को कम करना जारी रखा जाता है, तो अंटार्कटिका के ऊपर स्थित विशाल ओजोन छिद्र 2066 तक ठीक हो सकता है। ओजोन परत को नुकसान पहुँचाने वाले विभिन्न
ला नीना के कारण अधिक ठंड - (June 2023)
जनवरी-फरवरी 2023 के दौरानला नीना की मौसमी परिघटना द्वारा उत्प्रेरित उत्तर-दक्षिण सर्दियों के प्रवाह (North-South Winter Flow) के कारण भारत में सामान्य से अधिक ठंड महसूस की गई। ला-नीना (La Nina) एक मौसमी परिघटना है, जिसके दौरान मध्य और पूर्वी भूमध्यरेखीय प्रशांत महासागर के सतहीय तापमान में असामन्य रूप से कमी आती है और इसके साथ ही उष्णकटिबंधीय वायुमंडलीय परिसंचरण
संक्षिप्त समसामयिक तथ्य - (June 2023)
पीएम-कुसुम योजना फरवरी 2023 में सरकार ने नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के तहत चलाई जाने वाली 'पीएम-कुसुम योजना' को मार्च 2026 तक विस्तारित कर दिया। प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (PM-KUSUM) योजना को वर्ष 2019 में लॉन्च किया गया था। इस योजना में 3 घटक शामिल हैं- 2 मेगावाट तक की क्षमता
हरित हाइड्रोजन तथा विकार्बनीकरण - (June 2023)
जून 2022 में नीति आयोग द्वारा ‘हार्नेसिंग ग्रीन हाइड्रोजन : अपरचुनिटीज फॉर डीप डीकार्बोनाइजेशन इन इंडिया’ नामक रिपोर्ट जारी की गई। रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2050 तक भारत में हाइड्रोजन की मांग चार गुना से अधिक बढ़ सकती है जो वैश्विक मांग का लगभग 10 प्रतिशत है। ग्रीन हाइड्रोजन वर्ष 2050 तक कुल 3.6 गीगाटन कार्बन डाईऑक्साइड के उत्सर्जन
संपीडित जैव गैस - (June 2023)
18 अक्टूबर, 2022 को केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप एस. पुरी द्वारा पंजाब के संगरूर में एशिया के सबसे बड़े संपीडित बायो गैस (Compressed Bio Gas - CBG) प्लांट का उद्घाटन किया गया। इस संयंत्र को जर्मनी की वर्बियो एजी (Verbio AG) द्वारा 220 करोड़ रुपये (लगभग) के निवेश से निर्मित किया गया है। बायोगैस, नवीकरणीय ऊर्जा का
भारत में सौर ऊर्जा परियोजनाओं की स्थिति - (June 2023)
दिसंबर 2022 में केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री ने राज्य सभा में कहा किसरकार ने अबतक लगभग 39,000 मेगावाट की क्षमता वाली सौर परियोजनाओं केविकास को मंज़ूरी प्रदान कीहै, किंतु अधिकांश परियोजनाओं कीवास्तविक क्षमता कोअधिकृत नहीं किया जा सका है। सरकार द्वारा इन सौर परियोजनाओं को 'सोलर पार्क और अल्ट्रा मेगा सौर ऊर्जा परियोजनाओं के विकास हेतु योजना' (Scheme
एशियाई मंत्रिस्तरीय ऊर्जा गोलमेज सत्र - (June 2023)
7 फरवरी, 2023 को बेंगलुरू में 9वें एशियाई मंत्रिस्तरीय ऊर्जा गोलमेज (AMER9) सत्र का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन का आयोजन भारत द्वारा अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा मंच (IEF) के सहयोग से किया गया है। इस सम्मेलन की थीम- “ऊर्जा सुरक्षा, समावेशी विकास और ऊर्जा परिवर्तन के लिए नए मार्गों का मानचित्रण करना।“ एशियाई मंत्रिस्तरीय ऊर्जा गोलमेज बैठक, उत्पादकों, उपभोक्ताओं और
वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन - (June 2023)
11 फरवरी, 2023 को पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस तथा आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप एस पुरी ने भारत ऊर्जा सप्ताह 2023 के दौरान वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन (Global Biofuel Alliance) के निर्माण की घोषणा की। भारत, अमेरिका, ब्राजील विश्व के प्रमुख जैव ईंधन उत्पाद और उपभोक्ता देश हैं। ये अन्य इच्छुक देशों के साथ मिलकर वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन
ई-20 ईंधन - (June 2023)
6 से 8 फरवरी, 2023 के दौरान बेंगलुरू में भारत ऊर्जा सप्ताह (India Energy Week - IEW) 2023 का आयोजन किया गया। इस सत्र में भारतीय प्रधानमंत्री के द्वारा तेल विपणन कंपनियों के 84 खुदरा दुकानों पर ई-20 ईंधन लॉन्च किया गया। ई-20 ईंधन को 11 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में लॉन्च किया गया है, जो इथेनॉल सम्मिश्रण रोडमैप (Ethanol Blending Roadmap)
ऊर्जा संक्रमण रणनीति पर IEA रिपोर्ट - (June 2023)
मार्च 2023 में अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) द्वारा "भारत से जीवन के सबक" (Life Lessons from India) नामक शीर्षक से एक रिपोर्ट जारी की गई। रिपोर्ट में भारत सरकार की पहल मिशन लाइफ पर समग्र रूप से विचार किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार मिशन लाइफ को वैश्विक स्तर पर अपनाने से प्रत्येक वर्ष CO2 उत्सर्जन में 2 बिलियन टन से
संक्षिप्त समसामयिक तथ्य - (June 2023)
इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस मार्च 2023 में भारत ने 100 मिलियन डॉलर के निवेश के साथ इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस (International Big Cat Alliance) नामक वैश्विक गठबंधन शुरू करने का प्रस्ताव दिया है।प्रस्तावित गठबंधन 800 करोड़ रुपये से अधिक की गारंटीकृत धनराशि के साथ पांच वर्षों तक सुनिश्चित समर्थन प्रदान करेगा। इस वैश्विक पहल
रामगढ़ विषधारी अभयारण्य - (June 2023)
16 मई, 2022 को रामगढ़ विषधारी अभयारण्य (Ramgarh Poisonous Sanctuary) को देश का 52वां टाइगर रिज़र्व घोषित किया गया। राजस्थान में पहले सेही सवाई माधोपुर में रणथंभौर (Ranthambore), अलवर में सरिस्का (Sariska) और कोटा में मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिज़र्व (Mukundra Hills Tiger Reserve) स्थित हैं।रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व लगभग 1,501.89 वर्ग किमी. के क्षेत्र में विस्तृत है। इसका अधिकांश हिस्सा
विश्व की पहली फिशिंग कैट गणना - (June 2023)
जून 2022 में चिल्का विकास प्राधिकरण द्वारा आयोजित फिशिंग कैट गणना (Fishing Cat Census) केअनुमानों को प्रकाशित किया गया, जिसके अनुसार चिल्का झील में 176 फिशिंग कैट्स की मौजूदगी है। फिशिंग कैट्स के संदर्भ में यह विश्व की पहली गणना है, जिसे 'द फिशिंग कैट प्रोजेक्ट' (TFCP) के सहयोग से आयोजित किया गया था। प्रियोनैलुरस विवरिनस (Prionailurus Viverinus) नामक
14वां असम राइनो अनुमान - (June 2023)
जून 2022 में जारी किए गए 14वें असम राइनो अनुमान (14th Assam Rhino Estimate) के अनुसार मानस राष्ट्रीय उद्यान में राइनो की आबादी लगभग 40 है। एशिया में राइनो की तीन प्रजातियां पाई जाती हैं: ग्रेटर वन-हॉर्न्ड (Greater one-horned), जावन (Javan) और सुमात्रा (Sumatran)। विश्व में गैंडो की कुल 5 प्रजातियों में से उपर्युक्त 3 के अलावा ब्लैक राइनो (Black rhino)
अरिट्टापट्टी जैव विविधता विरासत स्थल - (June 2023)
22 नवंबर, 2022 को तमिलनाडु सरकार द्वारा एक अधिसूचना जारी कर मदुरै जिले के अरिट्टापट्टी और मीनाक्षीपुरम गांवों को राज्य का पहला जैव विविधता विरासत स्थल (Biodiversity Heritage Site) घोषित किया गया। यह तमिलनाडु का पहला और भारत का 35वाँ जैव विविधता विरासत स्थल है। इसे अरिट्टापट्टी जैव विविधता विरासत स्थल (Arittapatti Biodiversity Heritage site) के रूप में जाना जाएगा।
गंगा नदी डॉल्फिन - (June 2023)
अक्टूबर 2022 में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रदान की गई जानकारी के अनुसार, नमामि गंगे कार्यक्रम के माध्यम से गंगा नदी के जल की गुणवत्ता में सुधार हुआ है तथा गंगा नदी में पाए जाने वाले डॉल्फ़िन की आबादी में बढ़त दर्ज की गई है। उत्तर प्रदेश सरकार के अनुसार, 2014 में शुरू नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत 23 परियोजनाओं
3 हिमालयी औषधीय पौधे IUCN रेड लिस्ट में शामिल - (June 2023)
दिसंबर 2022 में हिमालय में पाए जाने वाली तीन औषधीय पादप प्रजातियों (मेइज़ोट्रोपिस पेलिटा, फ्रिटिलारिया सिरोसाएवं डैक्टाइलोरिज़ा हैटागिरिया) को ‘संकटग्रस्त प्रजातियों की IUCN रेड लिस्ट’ में शामिल किया गया है। मेइज़ोट्रोपिस पेलिटा: यह वर्ष भर हरी-भरी रहने वाली एक प्रकार की झाड़ी (shrub) है जो मुख्य रूप से उत्तराखंड राज्य में पाई जाती है।IUCN स्थिति: 'गंभीर रूप से
स्पॉट बेलीड ईगल आउल - (June 2023)
7 जनवरी, 2023 को वन्यजीवों की एक टीम द्वारा शेषाचलम वन के तालकोना क्षेत्र में 'स्पॉट बेलीड ईगल आउल' (Spot Bellied Eagle Owl) को पहली बार में देखा गया। ये अधिकतर घने, सदाबहार वन या नम पर्णपाती वनों में सम्पूर्ण भारतीय उपमहाद्वीप और दक्षिण पूर्व एशिया में पाए जाते हैं। स्पॉट बेलीड ईगल आउल (वैज्ञानिक नाम: बुबो निपलेंसिस) गहरे भूरे रंग का
ग्रेट इंडियन बस्टर्ड संरक्षण - (June 2023)
सुप्रीम कोर्ट द्वारा ग्रेट इंडियन बस्टर्ड की रक्षा के लिए नियुक्त एक समिति ने जनवरी 2023 में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की। ग्रेट इंडियन बस्टर्ड, विश्व के सबसे भारी उड़ने वाले पक्षियों में से एक है। इसका वैज्ञानिक नाम आर्डियोटिस निग्रिसेप्स (Ardeotis Nigriceps) है। ग्रेट इंडियन बस्टर्ड को गोडावण भी कहा जाता है और यह राजस्थान का राज्य पक्षी है। भारत
भारत में पैंगोलिन की तस्करी - (June 2023)
ट्रैफिक (TRAFFIC) तथा वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर इंडिया (WWF-India) द्वारा भारत में पैंगोलिन की तस्करी पर एक रिपोर्ट (India’s Pangolins Buried in Illegal Wildlife Trade) जारी की गई। इसके अनुसार 2018-2022 की अवधि के दौरान अवैध वन्यजीव व्यापार के लिए 1,203 पैंगोलिन का शिकार और तस्करी की गई। पैंगोलिन के शरीर पर शल्क (Scales) होते हैं। इस जीव
ग्रेट सीहॉर्स - (June 2023)
फरवरी 2023 में जर्नल ऑफ थ्रेटेंड टैक्सा (Journal of Threatened Taxa) में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार कोरोमंडल तट पर बड़े पैमाने पर मछली पकड़ने से ग्रेट सीहॉर्स (Great Seahorse) या समुद्री घोड़े को ओडिशा तट की ओर पलायन होने पर मजबूर होना पड़ा है। यह अध्ययन ओडिशा के बेरहामपुर विश्वविद्यालय के समुद्री विज्ञान विभाग और बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी
मोरे ईल की नई प्रजाति की खोज - (June 2023)
23 मार्च 2023 को "ज़ूसिस्टमैटिक्स एंड इवोल्यूशन" (Zoosystematics and Evolution) नामक जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार तमिलनाडु के जलीय क्षेत्र से मोरे ईल (Moray Eel) की एक नई प्रजाति की खोज की गई है। इस ईल की खोज तमिलनाडु के कुड्डालोर तट के निकट मुदासलोदाई मत्स्य लैंडिंग सेंटर (Mudasalodai fish landing centre) में की गई है। इस
संक्षिप्त समसामयिक तथ्य - (June 2023)
स्टार्टअप इंडिया इनोवेशन वीक वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के तहत उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) द्वारा 10-16 जनवरी, 2023 तक स्टार्टअप इंडिया इनोवेशन वीक (Startup India Innovation Week) का आयोजन किया गया। इसका उद्देश्य देश भर में स्टार्टअप इकोसिस्टम के हितधारकों को शामिल करके भारत में उद्यमिता और नवाचार की भावना को
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की व्यापक निकासी - (June 2023)
जून 2022 में मार्च 2020 के बाद से सबसे अधिक विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (Foreign Portfolio Investment-FPI) की बिक्री दर्ज की गई। एफपीआई भारतीय बाजार में सबसे बड़े गैर-प्रवर्तक शेयरधारक हैं और उनके निवेश निर्णयों का शेयर की कीमतों और बाजार की समग्र दिशा पर भारी असर पड़ता है। विदेशी पोर्टफोलियो निवेश एक निवेशक द्वारा किसी अन्य देश में शेयर, म्यूचुअल फंड, एक्सचेंज
राष्ट्रीय सिंगल विंडो प्रणाली - (June 2023)
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल ने 5 दिसंबर, 2022 को नई दिल्ली में ‘राष्ट्रीय सिंगल विंडो प्रणाली’ (National Single Window System- NSWS) पर आयोजित समीक्षा बैठक में भाग लिया।राष्ट्रीय सिंगल विंडो प्रणाली (NSWS) एक महत्वाकांक्षी पहल है, जो देश में निवेश बढ़ाने तथा 'अनुपालन बोझ' (Compliance Burden) को कम करने के लिए
चीन के साथ भारत के व्यापार घाटे में वृद्धि - (June 2023)
13 जनवरी, 2023 को चीन के सीमा शुल्क विभाग द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2022 में भारत और चीन के बीच व्यापार 8.4 प्रतिशत बढ़कर 135.98 अरब डॉलर के अब तक के सबसे उच्च स्तर पर पहुंच गया। वर्ष 2022 में भारत में चीन से आयात 118.9 अरब अमेरिकी डॉलर रहा, वहीं दूसरी तरफ, भारत से 2022
वोस्त्रो अकाउंट - (June 2023)
रोसबैंक, टिंकॉफ बैंक, सेंट्रो क्रेडिट बैंक तथा क्रेडिट बैंक ऑफ मॉस्को सहित 20 रूसी बैंकों द्वारा भारत में भागीदार बैंकों के साथ 'विशेष रुपया वोस्त्रो खाते' (Special Rupee Vostro Accounts-SRVA) खोले गए हैं। जुलाई 2022 में भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने वैश्विक व्यापार विकास को बढ़ावा देने हेतु रुपए में अंतरराष्ट्रीय लेन-देन के निपटान हेतु एक तंत्र आरंभ किया था। भारतीय रिज़र्व
संक्षिप्त समसामयिक तथ्य - (June 2023)
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम 15 दिसंबर, 2022 को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम 2022-23 (सीरीज III) की घोषणा की।सरकार ने सोने की मांग को कम करने और घरेलू बचत के एक हिस्से (जिसका उपयोग स्वर्ण की खरीद के लिये किया जाता है) को वित्तीय बचत में बदलने के उद्देश्य से
सामान्य कर परिवर्जन रोधी नियम (GAAR) - (June 2023)
मई 2022 में राजस्व विभाग ने टैक्स से बचने के नवीन तरीकों का प्रयोग करने वाली कंपनियों और संस्थाओं में ‘जनरल एंटी-अवॉइडेंस रूल’ (GAAR) के तहत जांच शुरू की है। जनरल एंटी-अवॉइडेंस रूल (GAAR) भारत में एक कर-परिहार रोधी कानून है, जो टैक्स चोरी पर अंकुश लगाने और टैक्स लीक से बचने के लिए बनाया गया है। गार नियमों का
अल्प बचत योजनाएं - (June 2023)
जुलाई 2022 में केंद्र सरकार ने पिछले तीन महीनों में सरकारी प्रतिभूतियों (G-sec) के प्रतिफल में तीव्र वृद्धि, उच्च मुद्रास्फीति और बढ़ती ब्याज दर के बावजूद सार्वजनिक भविष्य निधि (PPF) और राष्ट्रीय बचत प्रमाण-पत्र (NSC) जैसी अल्प बचत योजनाओं पर ब्याज दरों को अपरिवर्तित रखा। अल्प बचत योजनाएं केंद्र सरकार द्वारा प्रबंधित बचत साधनों का एक समूह हैं, जिनका उद्देश्य
जीरो कूपन जीरो प्रिंसिपल इंस्ट्रूमेंट - (June 2023)
जुलाई 2022 में वित्त मंत्रालय ने ‘प्रतिभूति अनुबंध (विनियमन) अधिनियम’, 1956 के प्रयोजनों के लिए जीरो कूपन जीरो प्रिंसिपल इंस्ट्रूमेंट (Zero Coupon Zero Principal Instruments) को प्रतिभूतियों के रूप में घोषित किया। जीरो कूपन-जीरो प्रिंसिपल इंस्ट्रूमेंट का अर्थ एक गैर-लाभकारी संगठन द्वारा जारी किया गया एक उपकरण है, जो किसी मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंज के सोशल स्टॉक एक्सचेंज खंड के साथ
धारणीय वित्त के एक मोड के रूप में ब्लू बॉन्ड - (June 2023)
अगस्त 2022 में सेबी ने ‘धारणीय वित्त’ (Sustainable Finance) के एक मोड के रूप में ब्लू बॉन्ड (Blue Bonds) की अवधारणा का प्रस्ताव रखा। सेबी के अनुसार ऐसी प्रतिभूतियों का उपयोग ब्लू इकोनॉमी से संबंधित विभिन्न गतिविधियों के लिए किया जा सकता है, जिसमें समुद्री संसाधन खनन और टिकाऊ मत्स्यपालन आदि शामिल है। ब्लू बॉन्ड अग्रणी वित्तीय साधन हैं, जिन्हें
शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह में वृद्धि - (June 2023)
9 अक्टूबर, 2022 को वित्त मंत्रालय ने कहा कि वर्ष 2022-23 में भारत का ‘शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह’ (Net Direct Tax Collections) बढ़कर 7.45 लाख करोड़ रूपए हो गया है। अंतिम आंकड़ों के आधार पर, शुद्ध व्यक्तिगत आयकर संग्रह में 17.35% की वृद्धि हुई, जो कॉर्पोरेट आयकर संग्रह की तुलना में तेजी से बढ़ रहा है। प्रत्यक्ष कर (Direct Tax): प्रत्यक्ष कर
नगरपालिका बांड पर सूचना डेटाबेस : सेबी - (June 2023)
20-21 जनवरी, 2023 को बाजार नियामक सेबी द्वारा नगरपालिका बांड (Municipal Bonds) और नगरपालिका वित्त (Municipal Finance) पर एक आउटरीच कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में SEBI ने म्यूनिसिपल बॉन्ड्स पर एक सूचना डेटाबेस लॉन्च किया। म्यूनिसिपल बॉन्ड या मुनि बॉन्ड (Municipal bond or muni bond) भारत में नगर निगमों या संबद्ध निकायों द्वारा जारी किया गया एक ऋण
क्रेडिट डिफॉल्ट स्वैप - (June 2023)
जनवरी 2023 में सेबी ने घरेलू कॉरपोरेट बॉन्ड सेगमेंट को मजबूत करने के लिए वैकल्पिक निवेश कोष (Alternative investment funds-AIFs) को सुरक्षा खरीदारों और विक्रेताओं के रूप में क्रेडिट डिफॉल्ट स्वैप (Credit Default Swaps-CDS) बाजार में भाग लेने की अनुमति दी। क्रेडिट डिफ़ॉल्ट स्वैप किसी विशेष कंपनी द्वारा डिफ़ॉल्ट जोखिम (Default risk) के खिलाफ कराया गया एक प्रकार का बीमा
सेबी के ग्रीन बॉन्ड पर नवीन परिचालन दिशानिर्देश - (June 2023)
6 फरवरी, 2023 को भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) द्वारा जारी एक परिपत्र में उन मानदंडों को रेखांकित किया गया, जिन्हें ग्रीन ऋण प्रतिभूतियों के जारीकर्ताओं को ग्रीनवाशिंग (Greenwashing) से बचने के लिए पालन करना अनिवार्य है। ग्रीन बांड, निगमों, सरकारों अथवा अन्य संस्थाओं द्वारा पर्यावरण के अनुकूल परियोजनाओं को वित्तपोषित करने के लिए जारी ऋण प्रतिभूतियां होती हैं। पूंजी बाजार
संक्षिप्त समसामयिक तथ्य - (June 2023)
उत्कर्ष 2.0 30 दिसंबर, 2022 को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा नियामक एवं पर्यवेक्षी तंत्र (Regulatory and supervisory machinery) को मजबूत करने के लिये केंद्रीय बैंक की मध्यम अवधि की रणनीति के दूसरे चरण 'उत्कर्ष 2.0' (Utkarsh 2.0) की शुरुआत की गई है। 'उत्कर्ष', बैंकों के विनियमन एवं पर्यवेक्षण में सुधार के लिये भारतीय
सार्वजनिक बैंक सुधार एजेंडा : ईज 5.0 - (June 2023)
वित्त एवं कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने 8 जून, 2022 को 'ईज 5.0' (EASE 5.0 : Enhanced Access and Service Excellence 5.0) नामक सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSB) का सामान्य सुधार एजेंडा जारी किया। यह सुधार एजेंडा सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के सुधार से संबंधित 'ईज नेक्स्ट कार्यक्रम' (EASENext program) के तहत जारी किया गया। EASE 5.0 सुधार
75 डिजिटल बैंकिंग इकाइयां - (June 2023)
16 अक्टूबर, 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 75 डिजिटल बैंकिंग इकाइयों (Digital Banking Units) को राष्ट्र को समर्पित किया। इन 75 डिजिटल बैंकिंग इकाइयों की स्थापना देश की आजादी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में देश के 75 जिलों में की गई है। डिजिटल बैंकिंग इकाइयां, लोगों को बचत खाते खोलने, बैलेंस-चेक, प्रिंटिंग पासबुक, फंड ट्रांसफर, निवेश जैसी कई
क्रेडिट-डिपॉजिट अनुपात - (June 2023)
नवंबर 2022 में भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा देश के विभिन्न क्षेत्रों के लिए अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों के क्रेडिट-डिपॉजिट अनुपात के संबंध में नवीनतम आंकड़े जारी किये गए। इनके अनुसार 2022 में हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों में सुधार देखा गया है, जबकि पंजाब, चंडीगढ़ और दिल्ली जैसे केंद्रशासित प्रदेश एवं राज्यों में गिरावट देखी गई है।क्रेडिट-डिपॉजिट अनुपात
केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा - (June 2023)
भारतीय रिज़र्व बैंक ने 29 नवंबर, 2022 को जारी आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति में 1 दिसंबर, 2022 से खुदरा डिजिटल रुपये [Retail Digital Rupee (e₹-R)] के लिए पहला पायलट प्रोजेक्ट लॉन्च करने की घोषणा की। इसे केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (Central bank digital currency) भी कहा जाता है। इसके पूर्व 1 नवंबर, 2022 को रिजर्व बैंक द्वारा सरकारी प्रतिभूतियों के
एकीकृत लोकपाल योजना : आरबीआई - (June 2023)
4 जनवरी, 2023 को भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने 1 अप्रैल, 2021 – 31 मार्च, 2022 के लिए लोकपाल योजनाओं (Ombudsman Schemes) की वार्षिक रिपोर्ट जारी की। एकीकृत लोकपाल योजना रिज़र्व बैंक द्वारा बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35ए (Section 35A) के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए तैयार की गई थी।यह योजना रिज़र्व बैंक द्वारा विनियमित संस्थाओं
आरबीआई द्वारा रेपो रेट में वृद्धि - (June 2023)
8 फरवरी, 2023 को भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने बेंचमार्क उधार दर ‘रेपो रेट’ को 25 आधार अंक बढ़ाकर 6.5% कर दिया। आरबीआई अधिनियम, 1934 की धारा 45ZB के तहत केंद्र सरकार को छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (MPC) का गठन करने का अधिकार है। मौद्रिक नीति समिति का गठन 27 जून, 2016 को किया गया
संक्षिप्त समसामयिक तथ्य - (June 2023)
सिंगरेनी ताप विद्युत संयंत्र हाल ही में तेलंगाना स्थित सिंगरेनी ताप विद्युत संयंत्र (Singareni Thermal Power Plant-STPP) दक्षिण भारत में पहला सार्वजनिक क्षेत्र का कोयला आधारित विद्युत उत्पादन स्टेशन बनने हेतु तैयार है। यह देश के सार्वजनिक उपक्रमों में पहला फ्लू गैस डिसल्फराइज़ेशन (Flue Gas Desulfurization-FGD) संयंत्र है। FGD संयंत्र, वायुमंडल में छोड़े जाने से पहले फ्लू गैस से सल्फर डाइऑक्साइड
क्रिटिकल इन्फॉर्मेशन इंफ्रास्ट्रक्चर - (June 2023)
जून 2022 में केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक तथा यूपीआई की प्रबंध इकाई ‘नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया’ (NPCI) के आईटी संसाधनों को 'महत्वपूर्ण सूचना अवसंरचना' (Critical Information Infrastructure) के रूप में घोषित किया। वर्ष 2000 का सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम "महत्वपूर्ण सूचना अवसंरचना" (CII) को एक ऐसे कंप्यूटर संसाधन के रूप में परिभाषित
राष्ट्रीय राजमार्ग इंफ्रा ट्रस्ट - (June 2023)
अक्टूबर 2022 में राष्ट्रीय राजमार्ग इंफ्रा ट्रस्ट (NHAI InvIT) ने अपनी सड़क परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिए घरेलू और अंतरराष्ट्रीय निवेशकों से 1,430 करोड़ रुपये की राशि जुटाई है। इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट्स (InvIT), म्यूचुअल फंड के समान संस्थान होते हैं, जो निवेशकों की विभिन्न श्रेणियों से निवेश एकत्र करते हैं और उन्हें पूर्ण एवं राजस्व उत्पन्न करने वाली बुनियादी ढांचा परियोजनाओं
4500 मेगावाट बिजली की खरीद हेतु योजना - (June 2023)
28 नवंबर, 2022 को ऊर्जा मंत्रालय ने शक्ति (SHAKTI- Scheme for Harnessing and Allocating Koyala Transparently in India) नीति के तहत 5 साल के लिए प्रतिस्पर्धी आधार पर ‘4500 मेगावाट की कुल बिजली की खरीद’ (Procurement of Aggregate Power of 4500 MW) नामक योजना का शुभारंभ किया। इस योजना के लिए पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी
केन-बेतवा लिंक परियोजना - (June 2023)
18 जनवरी, 2023 को नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में ‘केन-बेतवा लिंक परियोजना की संचालन समिति’ [SC-KBLP] की तीसरी बैठक आयोजित की गई। केन-बेतवा लिंक परियोजना को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दिसंबर 2021 में 44,605 करोड़ रुपये की कुल लागत से मंजूरी दी थी। इस परियोजना में 77 मीटर लंबा और 2 किमी. चौड़ा दौधन बांध (Dhaudhan Dam) और 230 किलोमीटर
भारत करेगा उपग्रह स्पेक्ट्रम की नीलामी - (June 2023)
दिसंबर 2022 में भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) के अध्यक्ष पीडी वाघेला ने उपग्रह संचार पर इंडिया फोरम सम्मेलन (SatCom) में कहा कि भारत उपग्रह संचार के लिए स्पेक्ट्रम की नीलामी करने वाला पहला देश होगा। पृथ्वी पर विभिन्न बिंदुओं के मध्य संचार लिंक प्रदान करने के लिए कृत्रिम उपग्रहों के उपयोग को उपग्रह संचार (Satellite Communication) कहा जाता है।
विश्व का सबसे लंबा रिवर क्रूज ‘गंगा विलास’ - (June 2023)
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 13 जनवरी, 2023 को वाराणसी में एमवी गंगा विलास (MV Ganga Vilas) के रूप में विश्व के सबसे लंबे रिवर क्रूज का शुभारंभ किया। जहाज़रानी, बंदरगाह और जलमार्ग मंत्रालय (MoPSW) के अंतर्गत भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (IWAI) द्वारा समर्थित इस क्रूज़ का प्रबंधन निजी ऑपरेटरों द्वारा किया जाएगा। यह क्रूज़ गंगा नदी के तट पर स्थित
दक्षिण भारत की पहली औद्योगिक गलियारा परियोजना - (June 2023)
6 फरवरी, 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र ने चेन्नई-बंगलूरू औद्योगिक गलियारे (CBIC) के अंतर्गत 8500 एकड़ भूमि में विस्तृत तुमकुरु में कार्यान्वित होने वाली दक्षिण भारत की पहली औद्योगिक कॉरिडोर परियोजना (Industrial Corridor Project) की आधारशिला रखी। इसे तुमकुरु इंडस्ट्रियल टाउनशिप (Tumakuru Industrial Township) के नाम से भी जाना जाता है। राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास (NICD) कार्यक्रम के तहत भारत
संक्षिप्त समसामयिक तथ्य - (June 2023)
विवाद से विश्वास-II योजना का मसौदा 8 फरवरी, 2023 को वित्त मंत्रालय ने अनुबंध संबंधी विवादों के एकमुश्त निपटान हेतु हितधारकों के परामर्श के लिए विवाद से विश्वास-2 (Vivad se Vishwas 2) नामक योजना का मसौदा जारी किया।प्रस्तावित योजना का उद्देश्य कुछ ऐसे संविदात्मक या अनुबंध संबंधी विवादों को त्वरित रूप से अंतिम रूप
फ्रंट-ऑफ-पैक लेबलिंग - (June 2023)
अप्रैल 2022 में भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने कहा है कि वह शीघ्र ही स्वास्थ्य स्टार रेटिंग (HSR) के साथ पैकेज्ड खाद्य उत्पादों पर लेबल लगाना शुरू करेगा। अनेक विशेषज्ञ समितियों की सिफारिशों के बावजूद देश में वर्तमान समय तक किसी भी स्पष्ट लेबलिंग अथवा फ्रंट-ऑफ-पैक (Front-of-Pack, FoP) लेबलिंग सिस्टम को लागू नहीं किया जा सका है। विश्व
जीईएम पर सहकारी समितियों को खरीद की अनुमति - (June 2023)
1 जून, 2022 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने सहकारी संस्थाओं से खरीद की अनुमति देने के लिए 'गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस' (GeM) के अधिदेश के विस्तार को मंजूरी दी। गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (GeM) एक ऑनलाइन मार्केटप्लेस है, जिसे वाणिज्य मंत्रालय के तहत आने वाले विभाग 'आपूर्ति एवं निपटान महानिदेशालय' (DGS&D) ने विकसित किया है। सरकारी खरीददारों के
व्यवसाय सुधार कार्य योजना 2020 - (June 2023)
30 जून, 2022 को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने व्यवसाय सुधार कार्य योजना (Business Reforms Action Plan) 2020 के अंतर्गत राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की आकलन रिपोर्ट जारी की। यह व्यवसाय सुधार कार्य योजना अभ्यास का 5वां संस्करण है। व्यापार सुधार कार्य योजना के कार्यान्वयन के आधार पर आंध्र प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, पंजाब, तमिलनाडु और तेलंगाना को टॉप अचीवर्स
आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 - (June 2023)
जुलाई 2022 में उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने अरहर दाल की कीमतों में वृद्धि को रोकने के लिए आवश्यक वस्तु अधिनियम (Essential Commodities Act) 1955 को लागू किया। आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 की मदद से सरकार ‘आवश्यक वस्तुओं’ का उत्पादन, आपूर्ति और वितरण को नियंत्रित करती है, ताकि आवश्यक वस्तुओं को उपभोक्ताओं को उचित मूल्य पर उपलब्ध
समतुल्य लेवी - (June 2023)
फरवरी 2023 में, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने ‘समतुल्य लेवी’ (Equalisation Levy-EL) की प्रोसेसिंग के लिए नए मानदंड जारी किए हैं। ये प्रावधान 'समतुल्य लेवी विवरण संबधी केंद्रीकृत प्रसंस्करण योजना-2023 के तहत जारी किए गए हैं। आयकर विभाग का केंद्रीकृत प्रोसेसिंग केंद्र (Centralized Processing Center) 'समतुल्य लेवी' विवरणों की इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्रोसेसिंग करेगा। समतुल्य लेवी (EL) एक प्रत्यक्ष
संक्षिप्त समसामयिक तथ्य - (June 2023)
ब्लू फूड फरवरी 2023 में प्रकाशित एक नवीन अध्ययन से पता चला है कि जलीय क्षेत्रों से प्राप्त ब्लू फूड (Blue Food) पोषक तत्त्वों की कमी को कम करने में मदद कर सकता है। इससे भारत में रोज़गार एवं निर्यात राजस्व में भी बढ़ोतरी हो सकती है। अध्ययन के अनुसार, ब्लू फूड स्थलीय मांस
ई-नैम के तहत प्लेटफॉर्म ऑफ प्लेटफॉर्म - (June 2023)
14 जुलाई, 2022 को केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कर्नाटक के बेंगलुरू में राज्य कृषि तथा बागवानी मंत्रियों के सम्मेलन में राष्ट्रीय कृषि बाजार (eNAM) के तहत ‘प्लेटफॉर्म ऑफ प्लेटफॉर्म्स’ (PoP) का शुभारंभ किया। प्लेटफॉर्म ऑफ प्लेटफॉर्म के कारण किसानों को राज्य की सीमाओं के बाहर अपने उत्पादों को बेचने की सुविधा होगी। राष्ट्रीय
रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि - (June 2023)
अक्टूबर 2022 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने विपणन सीजन 2023-24 के लिए सभी अनिवार्य रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में वृद्धि को मंजूरी दी। मसूर के लिए 500 रुपये प्रति क्विंटल तथा रेपसीड एवं सरसों के लिए 400 रुपये प्रति क्विंटल की उच्चतम वृद्धि की गई है। न्यूनतम समर्थन
चाय उद्योग के लिए वित्तीय सहायता की मांग - (June 2023)
नवंबर 2022 में भारतीय चाय बोर्ड (Tea Board of India) द्वारा केंद्र सरकार से वर्ष 2022-23 से लेकर अगले 5 वर्षों में चाय उद्योग के लिए 1,000 करोड़ रुपये की सहायता मांगी गई है। वर्ष 2018 के सर्वेक्षण के अनुसार, भारत में कुल 6.37 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में चाय की खेती की जाती थी। वर्तमान में भारत चीन के बाद विश्व
फॉस्फेटिक और पोटाश उर्वरकों हेतु सब्सिडी - (June 2023)
2 नवंबर, 2022 को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने वर्ष 2022-23 की दूसरी छमाही के लिए फॉस्फेटिक और पोटाश उर्वरकों के लिए सब्सिडी को मंजूरी दी। सब्सिडी का कुल परिव्यय 51,875 करोड़ रुपये होगा। आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने इन उर्वरकों पर सब्सिडी को मंजूरी दी है- नाइट्रोजन के लिए 98.02 रुपये प्रति किलोग्राम,
सागर परिक्रमा चरण-III - (June 2023)
19 फरवरी, 2023 को गुजरात के सूरत में मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय तथा राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड द्वारा सागर परिक्रमा चरण-III (Sagar Parikrama Phase-III) कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। सागर परिक्रमा के अंतर्गत, सभी मछुआरों, मछली किसानों एवं संबंधित हितधारकों के साथ एकजुटता प्रदर्शित करते हुए भारत के तटीय क्षेत्रों के संतुलित विकास को बढ़ावा देने का प्रयास किया
बांस क्षेत्र के विकास पर राष्ट्रीय कार्यशाला - (June 2023)
9-10 मार्च, 2023 के दौरान नई दिल्ली में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, इन्वेस्ट इंडिया और केरल राज्य बांस मिशन द्वारा ‘बांस क्षेत्र के विकास पर राष्ट्रीय कार्यशाला’ आयोजित की गई। राष्ट्रीय बांस मिशन (National Bamboo Mission - NBM) सतत कृषि के लिये राष्ट्रीय मिशन (National Mission for Sustainable Agriculture - NMSA) के अंतर्गत प्रारंभ किया गया केंद्र प्रायोजित कार्यक्रम
संक्षिप्त समसामयिक तथ्य - (June 2023)
नागालैंड एवं अरुणाचल में अफस्पा का विस्तार 24 मार्च, 2023 को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में सशस्त्र बल (विशेषाधिकार) अधिनियम, 1958 के तहत "अशांत क्षेत्र" का दर्जा 6 महीने के लिए बढ़ा दिया। 1958 का AFSPA क़ानून अशांत क्षेत्रों में भारतीय सशस्त्र बलों को विशेष अधिकार प्रदान
रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया 2020 में संशोधन - (June 2023)
केंद्र सरकार ने 25 अप्रैल, 2022 को रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया 2020 (Defence Acquisition Procedure 2020) में संशोधन की घोषणा की। अब रक्षा सेवाओं और भारतीय तटरक्षक बल की सभी आधुनिकीकरण जरूरतों को स्वदेशी रूप से सोर्स किया जाएगा। रक्षा उपकरणों का आयात तथा विदेशी उद्योग से पूंजी अधिग्रहण की प्राप्ति अब एक अपवाद के रूप में होगा और इसे केवल रक्षा अधिग्रहण
वॉरगेम रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर - (June 2023)
सेना प्रशिक्षण कमान ने 13 मई, 2022 को नई दिल्ली में 'वारगेम रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर' (Wargame Research and Development Centre) विकसित करने के लिए गांधीनगर स्थित राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय (RRU) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। इस परियोजना का प्रोटोटाइप नाम 'वारडेक' (WARDEC) दिया गया है। वारगेम रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर, भारत में अपनी तरह का पहला
नेशनल इंटेलिजेंस ग्रिड के परिसर का उद्घाटन - (June 2023)
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने 3 मई, 2022 को बेंगलुरू में नेशनल इंटेलिजेंस ग्रिड (NATGRID) परिसर का उद्घाटन किया। राष्ट्रीय खुफिया ग्रिड (NATGRID), जिसकी अवधारणा सबसे पहले वर्ष 2009 में प्रस्तुत की गई थी, सूचनाओं के बिखरे टुकड़ों को समेटने तथा उन्हें एक मंच पर उपलब्ध कराने से संबंधित एक ऑनलाइन डेटाबेस है। यह खुफिया और जांच
राष्ट्रीय स्वचालित फ़िंगरप्रिंट पहचान प्रणाली (NAFIS) - (June 2023)
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नई दिल्ली में आयोजित दो दिवसीय 'राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति सम्मेलन 2022' के दौरान 17 अगस्त, 2022 को राष्ट्रीय स्वचालित फ़िंगरप्रिंट पहचान प्रणाली (NAFIS) का उद्घाटन किया। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) द्वारा विकसित NAFIS प्रणाली, एक केंद्रीकृत फिंगरप्रिंट डेटाबेस की मदद से मामलों के त्वरित और आसान निपटान में मददगार होगी। अवगत करा दें
यूएपीए के तहत दो संगठन आतंकी संगठन नामित - (June 2023)
17 फरवरी, 2023 को केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने खालिस्तान टाइगर फोर्स (KTF) तथा जम्मू एवं कश्मीर गजनवी फोर्स (JKGF) को गैर-कानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम, 1967 के तहत आतंकवादी संगठन के रूप में नामित किया। इसी प्रकार पाकिस्तान के लाहौर में रहने वाले हरविंदर सिंह संधू को भी UAPA के तहत "व्यक्तिगत आतंकवादी" के रूप में नामित किया गया है। इस प्रकार
संक्षिप्त समसामयिक तथ्य - (June 2023)
महाराष्ट्र का लावणी लोकनृत्य फरवरी 2023 में महाराष्ट्र राज्य में लावणी नृत्य (Lavani dance) को लेकर एक विवाद देखने को मिला, जहां महिला नर्तकियों की युवा पीढ़ी पर इस पारंपरिक लोक कला रूप को अश्लील बनाने का आरोप लगाया गया। 'लावण्य' या सुंदरता से व्युत्पन्न, लावणी एक पारंपरिक लोक कला रूप है, जिसमें महिला
पट्टचित्र पेंटिंग - (June 2023)
22 जून, 2022 को ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने वेटिकन सिटी में संत पोप फ्रांसिस को एक पट्टचित्र पेंटिंग (Pattachitra painting) भेंट की। पट्टचित्र शैली की पेंटिंग ओडिशा के सबसे पुराने और सबसे लोकप्रिय कला रूपों में से एक है। ऐसा माना जाता है कि इस चित्रशैली की उत्पत्ति 12वीं शताब्दी में हुई थी| पट्टचित्र कपड़े के एक टुकड़े
चंदन की लकड़ी पर बनी बुद्ध प्रतिमा - (June 2023)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मार्च 2023 में जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा की भारत यात्रा के दौरान उन्हें 'चंदन की लकड़ी से बनी बुद्ध प्रतिमा' (Sandalwood Buddha Statue) भेंट की। इस मूर्ति में महात्मा बुद्ध को बोधि वृक्ष के नीचे 'ध्यान मुद्रा' में बैठे दर्शाया गया है तथा इसमें हाथ की नक्काशी का इस्तेमाल किया गया है। चंदन की नक्काशी की
26 बौद्ध गुफाओं की खोज - (June 2023)
28 सितंबर, 2022 को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 26 बौद्ध गुफाओं की खोज की सूचना दी। खोजी गई गुफाएं दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व से 5वीं शताब्दी ईस्वी के मध्य की हैं और बौद्ध धर्म के महायान संप्रदाय से संबंधित हैं। गुफाओं के अलावा 26 मंदिरों, 2 मठों, 2 स्तूपों, 46 मूर्तियों और 19 जल
प्रागैतिहासिक शैल कला ‘ज्योग्लिफ्स’ - (June 2023)
दिसंबर 2022 में पुरातत्व संरक्षणवादियों ने महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले के बारसू (Barsu) गांव में एक मेगा ऑयल रिफाइनरी की प्रस्तावित अवस्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यह इस क्षेत्र में पाए जाने वाले प्रागैतिहासिक ज्योग्लिफ्स (Prehistoric Geoglyphs) को नुकसान पहुंचा सकती है। ज्योग्लिफ्स (Geoglyphs) प्रागैतिहासिक शैल कला (Prehistoric Rock Art) का एक रूप हैं, जिन्हें लेटराइट पठारों की
तेलंगाना का पेरिनी शिवतांडवम नृत्य - (June 2023)
26 फरवरी, 2023 को 'मन की बात' के 98वें संस्करण के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काकतीय युग के तेलंगाना के प्राचीन पेरिनी नृत्य (Perini dance) के बारे में बात की। पेरिनी शिवतांडवम (Perini Sivathandavam) तेलंगाना का एक प्राचीन नृत्य रूप है, जिसे हाल के दिनों में पुनर्जीवित किया गया है। यह ‘संहार के हिंदू देवता’ भगवान शिव के सम्मान में किया
खंडगिरि और उदयगिरि की गुफाएं - (June 2023)
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) द्वारा हाल ही में यह जानकारी दी गई कि ओडिशा के भुबनेश्वर में स्थित खंडगिरि और उदयगिरि की गुफाओं को प्रदूषण के कारण नुकसान पहुंच रहा है। उदयगिरि और खंडगिरि की गुफाओं का निर्माण कलिंग राजा खारवेल (Kharavela) के शासनकाल के दौरान पहली और दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व में आधुनिक भुबनेश्वर के पास हुआ था। इन प्राचीन
संक्षिप्त समसामयिक तथ्य - (June 2023)
साजिबु नोंगमा पानबा 22 मार्च, 2023 को मणिपुर में साजिबु नोंगमा पानबा (Sajibu Nongma Panba) नामक उत्सव मनाया गया। इसे साजिबु चिराओबा (Sajibu Cheiraoba) के नाम से भी जाना जाता है। मणिपुर में नए वर्ष का यह वार्षिक उत्सव सनमाही (Sanamahism) धर्म का पालन करने वाले लोगों द्वारा मनाया जाता है। सनमाही
परशुराम कुंड महोत्सव 2023 - (June 2023)
12 से 16 जनवरी, 2023 के मध्य पूर्वोत्तर राज्य अरुणाचल प्रदेश में वार्षिक परशुराम कुंड महोत्सव 2023 (Parshuram Kund Festival 2023) का आयोजन किया गया। इस महोत्सव का मुख्य अंग- ‘परशुम कुंड मेला’, परशुराम कुंड के पास मनाया जाता है। इसे पूर्वोत्तर का कुंभ (Kumbh of Northeast) भी कहा जाता है। यह केंद्र सरकार की 'प्रसाद योजना' (PRASAD scheme) के अंतर्गत आता है। प्रसाद
असम का काटी बिहू पर्व - (June 2023)
देश के पूर्वोत्तर राज्य असम में 18 अक्टूबर, 2022 को काटी बिहू (Kongali Bihu) पर्व मनाया गया। यह त्यौहार धान के पौधे के स्थान परिवर्तन (relocation) के समय मनाया जाता है। काटी बिहू या कोंगाली बिहू (Kati Bihu) असमिया कैलेंडर में काटी माह के पहले दिन मनाया जाता है और आमतौर पर अक्टूबर के मध्य में पड़ता है। काटी बिहू को कोंगाली
वांगला महोत्सव - (June 2023)
10-12 नवंबर, 2022 के मध्य पूर्वोत्तर राज्य मेघालय में वांगला महोत्सव (Wangala Festival) का आयोजन किया गया। वांगला महोत्सव मेघालय में गारो समुदाय (Garo Community) का एक लोकप्रिय त्योहार है। इसे 100 ड्रम फेस्टिवल (100 drums festival) के रूप में भी जाना जाता है। यह एक फसल उत्सव है जो गारो जनजाति के मुख्य देवता 'सालजोंग' (Saljong) के सम्मान में आयोजित
नागालैंड का हॉर्नबिल फेस्टिवल - (June 2023)
1-10 दिसंबर, 2022 के मध्य नागालैंड में हॉर्नबिल महोत्सव (Hornbill Festival) के 23वें संस्करण का आयोजन किया गया। महोत्सव का उद्देश्य: नागालैंड की समृद्ध संस्कृति को पुनर्जीवित करना व उसकी रक्षा करना तथा इसकी परंपराओं को प्रदर्शित करना।हॉर्नबिल फेस्टिवल, कोहिमा से लगभग 12 किमी. दूर स्थित किसामा (Kisama) के नागा हेरिटेज विलेज (Naga Heritage Village) में आयोजित किया जाता है।
सिक्किम का बुमचू महोत्सव - (June 2023)
मार्च 2023 में सिक्किम राज्य में स्थित ताशीदिंग मठ (Tashiding Monastery) में बुमचू महोत्सव (Bumchu Festival) का आयोजन किया गया। ताशीदिंग मठ में मनाया जाने वाला बुमचू महोत्सव सिक्किम के प्रसिद्ध उत्सवों में से एक है, जो चंद्र कैलेंडर के पहले माह के 15वें दिन (फरवरी/मार्च के महीने में) मनाया जाता है। बुमचू उत्सव में ताशीदिंग मठ में स्थित एक कलश की
संक्षिप्त समसामयिक तथ्य - (June 2023)
पेरिस क्लब फरवरी 2023 में कर्जदाता (Creditor) देशों के अनौपचारिक समूह-पेरिस क्लब (Paris Club) ने प्रतिबद्धता जताई कि वह श्रीलंका को दिये जाने वाले ऋण पर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) को वित्तीय गारंटी प्रदान करेगा। पेरिस क्लब अधिकांश पश्चिमी लेनदार देशों (Mostly Western Creditor Countries) का एक अनौपचारिक समूह है। इस समूह
न्यू डेवलपमेंट बैंक का क्षेत्रीय कार्यालय - (June 2023)
मई 2022 में ब्रिक्स देशों के न्यू डेवलपमेंट बैंक (New Development Bank) ने देश के बुनियादी ढांचे और सतत विकास की आवश्यकताओं को पूरा करने हेतु गुजरात स्थित इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी (International Finance Tec-City) या गिफ्ट सिटी में भारत में अपना क्षेत्रीय कार्यालय खोलने की योजना की घोषणा की। न्यू डेवलपमेंट बैंक ब्रिक्स देशों (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण
I2U2 समूह - (June 2023)
14 जुलाई, 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रथम I2U2 शिखर सम्मेलन में भाग लिया, जिसमें इजराइल, संयुक्त अरब अमीरात तथा संयुक्त राज्य अमेरिका के शासनाध्यक्ष भी शामिल हुए। इस शिखर सम्मेलन में संयुक्त अरब अमीरात ने अमेरिका और इजराइल के निजी क्षेत्रों की सहायता से भारत में ‘एकीकृत खाद्य पार्कों’ की एक श्रृंखला विकसित करने के लिए 2 बिलियन
जैव-विविधता पर अंतरराष्ट्रीय आदिवासी मंच - (June 2023)
दिसंबर 2022 में कनाडा के मॉन्ट्रियल में आयोजित जैव विविधता के कॉप-15 सम्मेलन में 'जैव-विविधता पर अंतरराष्ट्रीय आदिवासी मंच' (ITFB) ने जोर देकर कहा कि 'पोस्ट-2020 ग्लोबल बायोडायवर्सिटी फ्रेमवर्क' को आदिवासी लोगों एवं स्थानीय समुदायों के अधिकारों का सम्मान, संवर्द्धन तथा समर्थन करने की दिशा में कार्य करना चाहिए। जैव-विविधता पर अंतरराष्ट्रीय आदिवासी मंच (ITFB) का गठन नवंबर 1996
भारत द्वारा वासेनार व्यवस्था (WA) की अध्यक्षता - (June 2023)
1 जनवरी, 2023 से भारत ने एक वर्ष के लिये वासेनार व्यवस्था (Wassenaar Arrangement) की अध्यक्षता ग्रहण की। वासेनार अरेंजमेंट की स्थापना जुलाई, 1996 में हुई थी। इसका सचिवालय ऑस्ट्रिया के वियना में स्थित है। वर्तमान समय में इस व्यवस्था में 42 सदस्य हैं। भारत इस व्यवस्था में दिसंबर 2017 में 42वें सदस्य देश के रूप में शामिल हुआ
संयुक्त राष्ट्र सामाजिक विकास आयोग - (June 2023)
15 फरवरी, 2023 को भारत को 62वें सत्र के लिए 'संयुक्त राष्ट्र सामाजिक विकास आयोग' (UN Commission for Social Development) के अध्यक्ष के रूप में निर्वाचित किया गया। 1975 के पश्चात यह प्रथम अवसर है जब भारत सामाजिक विकास आयोग का अध्यक्ष बना है। संयुक्त राष्ट्र सामाजिक विकास आयोग (UN-CSocD) की स्थापना 'संयुक्त राष्ट्र आर्थिक एवं सामाजिक परिषद' (UN-ECOSOC) द्वारा वर्ष
संक्षिप्त समसामयिक तथ्य - (June 2023)
बाल अधिकार संरक्षण आयोग 2 मार्च 2023 को नई दिल्ली स्थित प्रधानमंत्री संग्रहालय में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने "बालिकाओं को सशक्त बनाना" नामक थीम के साथ अपना 18वां स्थापना दिवस मनाया।राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) 0 से 18 वर्ष की आयु वर्ग के सभी बच्चों के संरक्षण को समान महत्व
जम्मू एवं कश्मीर परिसीमन आयोग - (June 2023)
सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता वाले जम्मू-कश्मीर परिसीमन आयोग के आदेश के अनुसार जम्मू-कश्मीर के लिए नई सीमाएं, विधानसभा क्षेत्रों के नाम और उनकी संख्या का पुनर्निर्धारण 20 मई, 2022 से लागू हो गया। इस आदेश के अनुसार क्षेत्र के 90 विधानसभा क्षेत्रों में से 43 जम्मू क्षेत्र का हिस्सा होंगे और 47 कश्मीर क्षेत्र के तहत होंगे।
अंतरराज्यीय परिषद का पुनर्गठन - (June 2023)
केंद्र सरकार ने 19 मई, 2022 को जारी अधिसूचना के माध्यम से देश में सहकारी संघवाद को बढ़ावा देने के लिए काम करने वाली अंतरराज्यीय परिषद (Inter-State Council) का पुनर्गठन किया। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अध्यक्ष के रूप में तथा सभी राज्यों के मुख्यमंत्री व 6 केंद्रीय मंत्री सदस्य के रूप में शामिल हैं। सरकार ने अंतरराज्यीय परिषद (ISC)
राष्ट्रीय स्टार्टअप सलाहकार परिषद की बैठक - (June 2023)
17 मई, 2022 को वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने नई दिल्ली में राष्ट्रीय स्टार्टअप सलाहकार परिषद (NSAC) की चौथी बैठक की अध्यक्षता की। उन्होने इस बैठक में नाविक ग्रांड चैलेंज (NAVIC Grand Challenge) का शुभारंभ किया। इसका उद्देश्य जियो-पोजिशनिंग समाधान के तौर पर नाविक (NAVIC) को बढ़ावा देना है। राष्ट्रीय स्टार्टअप सलाहकार परिषद (NSAC) का गठन ‘उद्योग
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की पहली बैठक - (June 2023)
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 30 जुलाई, 2022 को ‘जिला विधिक सेवा प्राधिकरण’ (District Legal Services Authorities) की पहली अखिल भारतीय बैठक के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया।जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (DLSAs) की यह बैठक 30-31 जुलाई 2022 तक नई दिल्ली के विज्ञान भवन में ‘राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण’ (NALSA) द्वारा आयोजित की गई। जिले में कानूनी सहायता कार्यक्रमों और योजनाओं
वित्तीय स्थिरता एवं विकास परिषद की 26वीं बैठक - (June 2023)
15 सितंबर, 2022 को वित्तीय स्थिरता एवं विकास परिषद (Financial Stability and Development Council) की 26वीं बैठक मुंबई में आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता केन्द्रीय वित्त और कॉर्पोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने की। बैठक के दौरान मौजूदा वित्तीय/ऋण सूचना प्रणाली (existing Financial/Credit Information Systems) की दक्षता में सुधार पर भी चर्चा की गई। वित्तीय स्थिरता एवं विकास
भारतीय दिवाला एवं शोधन अक्षमता बोर्ड - (June 2023)
1 अक्टूबर, 2022 को भारतीय दिवाला और शोधन अक्षमता बोर्ड (Insolvency and Bankruptcy Board of India) की छठी वर्षगांठ मनाई गई। दिवाला और दिवालियापन संहिता (IBC) को 2016 में संसद के एक अधिनियम के माध्यम से लागू किया गया था तथा इसे मई 2016 में राष्ट्रपति की मंजूरी मिली थी। यह दिवालियेपन की समस्या को हल करने के लिए
सशस्त्र बल न्यायाधिकरण के 23 सदस्यों की नियुक्ति - (June 2023)
नवंबर 2022 में मंत्रिमंडलीय नियुक्ति समिति (ACC) ने सशस्त्र बल न्यायाधिकरण (Armed Forces Tribunal) के 23 सदस्यों की नियुक्ति को मंजूरी दी। इनमें 11 न्यायिक सदस्य और 12 प्रशासनिक सदस्य शामिल हैं। सशस्त्र बल न्यायाधिकरण (AFT) एक सैन्य न्यायाधिकरण (Military Tribunal) है, जिसके पास नियुक्तियों, नामांकन और सेवा की शर्तों से संबंधित विवादों और शिकायतों के न्यायनिर्णयन या परीक्षण की
भारत के 22वें विधि आयोग का गठन - (June 2023)
7 नवंबर, 2022 को केंद्र सरकार ने कर्नाटक उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रितु राज अवस्थी की अध्यक्षता में भारत के 22वें विधि आयोग का गठन किया। केंद्र सरकार द्वारा विधि आयोग के सदस्यों की भी नियुक्ति की गई। भारत का विधि आयोग महत्वपूर्ण विधायी सुधारों की सिफारिश करने वाली सरकार की शीर्ष संस्था है तथा यह कार्यकारी
राष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग प्राधिकरण - (June 2023)
16 जनवरी, 2023 को राष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग प्राधिकरण (NFRA) ने एक मसौदा अधिसूचना जारी करते हुए कहा कि भारत में 1,000 बड़ी सूचीबद्ध कंपनियों के लेखा परीक्षकों को प्राधिकरण (NFRA) के समक्ष पारदर्शिता रिपोर्ट दर्ज करनी होगी। भारत सरकार द्वारा NFRA का गठन वर्ष 2018 में कंपनी अधिनियम-2013 की धारा 132 के तहत किया गया था। यह एक लेखांकन/ऑडिट नियामक
भारत के सीएजी ILO के बाह्य लेखा परीक्षक नियुक्त - (June 2023)
भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) गिरीश चंद्र मुर्मू को वर्ष 2024 से 2027 तक चार साल की अवधि के लिए जिनेवा स्थित अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) के बाह्य लेखा परीक्षक के रूप में चुना गया है। CAG भारत के संविधान के तहत एक स्वतंत्र प्राधिकरण है, जिसकी नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। भारतीय संविधान के भाग V
चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति पर सुप्रीम कोर्ट का निर्णय - (June 2023)
2 मार्च, 2023 को सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने एक ऐतिहासिक फैसले (अनूप बरनवाल बनाम भारत संघ) में निर्देश दिया कि राष्ट्रपति द्वारा मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) तथा अन्य चुनाव आयुक्तों (ECs) की नियुक्ति 3 सदस्यीय उच्च-स्तरीय समिति की सलाह पर की जाएगी। उच्च-स्तरीय समिति: इस समिति में प्रधानमंत्री, लोक सभा में विपक्ष के नेता [विपक्ष के नेता के उपलब्ध
संक्षिप्त समसामयिक तथ्य - (June 2023)
वैश्विक आतंकवाद सूचकांक 2023 इंस्टीट्यूट फॉर इकोनॉमिक्स एंड पीस (IEP) द्वारा मार्च 2023 में जारी किए गए 'वैश्विक आतंकवाद सूचकांक' (Global Terrorism Index-GTI) में भारत को 13वां स्थान प्राप्त हुआ।सूचकांक के अनुसार, हमलों और मृत्यु में कमी के बावजूद अफगानिस्तान लगातार चौथे वर्ष भी आतंकवाद से सबसे ज़्यादा प्रभावित देश बना हुआ है।
वैश्विक लैंगिक अंतराल रिपोर्ट-2022 - (June 2023)
जुलाई 2022 में विश्व आर्थिक मंच (WEF) द्वारा जारी किए गए वैश्विक लैंगिक अंतराल सूचकांक-2022 में भारत कुल 146 देशों में 135वें स्थान पर है। रिपोर्ट में वैश्विक स्तर पर, 146 देशों में आइसलैंड ने विश्व के सबसे अधिक लैंगिक समानता (Gender-Equality) वाले देश के रूप में अपना स्थान बरकरार रखा है। रिपोर्ट में अफगानिस्तान (146) को सबसे खराब प्रदर्शन करने
सतत विकास लक्ष्य सूचकांक 2022 - (June 2023)
7 जुलाई, 2022 को संयुक्त राष्ट्र ‘सतत विकास लक्ष्य सूचकांक 2022 (SDG Index 2022) जारी किया गया। सूचकांक में शीर्ष 10 देशों में सभी देश यूरोपीय हैं। इसमें फिनलैंड, डेनमार्क और स्वीडन (नॉर्डिक देश) ने शीर्ष तीन स्थान प्राप्त किया है। सतत विकास लक्ष्य सूचकांक 2022 में भारत ने 121वां स्थान प्राप्त किया है। सतत विकास लक्ष्य 13 (जलवायु कार्रवाई)
मानव विकास रिपोर्ट 2021-2022 - (June 2023)
संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) द्वारा 8 सितंबर, 2022 को मानव विकास रिपोर्ट 2021-2022 (HDR 2021-2022) जारी की गई। रिपोर्ट की थीम- “अनिश्चित समय, अस्थिर जीवन : एक बदलती दुनिया में हमारे भविष्य को आकार देना” थी।रिपोर्ट के अंतर्गत जारी मानव विकास सूचकांक (HDI) 2021 में भारत ने कुल 191 देशों में से 132वां स्थान प्राप्त किया, जबकि वर्ष 2020
वैश्विक नवाचार सूचकांक 2022 - (June 2023)
सितंबर 2022 में विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (WIPO) द्वारा वैश्विक नवाचार सूचकांक 2022 (Global Innovation Index 2022) जारी किया गया। इस सूचकांक में भारत को 40वें स्थान पर रखा गया है। यह पहली बार है जब भारत ने शीर्ष 40 में प्रवेश किया है। वर्ष 2021 के इस सूचकांक में भारत 46वें स्थान पर था। इस रिपोर्ट में स्विट्जरलैंड ने 132 देशों
उत्सर्जन अंतराल रिपोर्ट 2022 - (June 2023)
अक्टूबर 2022 में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) ने 'उत्सर्जन अंतराल रिपोर्ट 2022' (Emissions Gap Report 2022) जारी की। रिपोर्ट के अनुसार चीन, यूरोपीय संघ, भारत, इंडोनेशिया, ब्राजील, रूसी संघ और संयुक्त राज्य अमेरिका संयुक्त रूप से विश्व के शीर्ष सात उत्सर्जक हैं। 2020 में इन देशों तथा अंतरराष्ट्रीय परिवहन द्वारा कुल वैश्विक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन का 55 प्रतिशत उत्सर्जित किया
वैश्विक बहुआयामी गरीबी सूचकांक-2022 - (June 2023)
17 अक्टूबर, 2022 को संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) और ऑक्सफोर्ड गरीबी एवं मानव विकास पहल (OPHI) द्वारा तैयार किए गए वैश्विक बहुआयामी गरीबी सूचकांक (Global Multidimensional Poverty Index-MPI) को जारी किया गया। सूचकांक के अनुसार विश्व भर में लगभग 1.2 अरब लोग बहुआयामी गरीबी से पीड़ित हैं। गरीब लोगों की संख्या सबसे अधिक उप सहारा अफ्रीका (579 मिलियन) में
वैश्विक गुणवत्ता अवसंरचना सूचकांक - (June 2023)
फरवरी 2023 में भारतीय गुणवत्ता परिषद (QCI) के तहत ‘भारत की राष्ट्रीय प्रत्यायन प्रणाली’ (India's National Accreditation System) कोवैश्विक गुणवत्ता अवसंरचना सूचकांक-2021 (GQII-2021) में विश्व में 5वां स्थान प्राप्त हुआ है। वैश्विक गुणवत्ता अवसंरचना सूचकांक, स्वतंत्र कंसल्टिंग फर्म मेसोपार्टनर और एनालिटिकर की एक पहल है, जो क्वालिटी इन्फ्रास्ट्रक्चर पर डेटा का शोध और प्रसार करती है। यह गुणवत्ता अवसंरचना (QI) के आधार
विश्व प्रसन्नता रिपोर्ट-2023 - (June 2023)
मार्च 2023 में यूएन सस्टेनेबल डेवलपमेंट सॉल्यूशंस नेटवर्क द्वारा 'वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट-2023' जारी की गई। इस सूचकांक में फिनलैंड, लगातार छठी बार शीर्ष पर है, डेनमार्क दूसरे स्थान पर तथा आइसलैंड तीसरे स्थान पर है। अफगानिस्तान सबसे खराब प्रदर्शनकर्त्ता रहा। 137 देशों में भारत 126वें स्थान पर है। वर्ष 2022 में भारत 146 देशों में 136वें स्थान पर था। विश्व प्रसन्नता
संक्षिप्त समसामयिक तथ्य - (June 2023)
बहु संकेतक सर्वेक्षण, 2020-21 मार्च 2023 में सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने बहु संकेतक सर्वेक्षण, 2020-21 (Multiple Indicator Survey, 2020-21) नामक रिपोर्ट जारी की। ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग 95.0% व्यक्ति और शहरी क्षेत्रों में लगभग 97.2% व्यक्ति 'पेयजल के उन्नत स्रोत' का प्रयोग करते हैं। समग्र देश के लिए यह आंकड़ा 95.7% है।
राज्य खाद्य सुरक्षा सूचकांक 2021-22 - (June 2023)
7 जून, 2022 को केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने चौथे राज्य खाद्य सुरक्षा सूचकांक (4th State Food Safety Index) को जारी किया। सूचकांक में 20 बड़े राज्यों की श्रेणी में, तमिलनाडु ने प्रथम स्थान प्राप्त किया है, जबकि आंध्र प्रदेश को सबसे नीचे स्थान दिया गया है। 8 छोटे राज्यों में, गोवा को शीर्ष
आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण 2020-21 - (June 2023)
14 जून, 2022 को राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) ने जुलाई 2020 से जून 2021 के मध्य आयोजित 'आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (PLFS) की वार्षिक रिपोर्ट जारी की। रिपोर्ट के अनुसार भारत में बेरोजगारी की दर (UR) वर्ष 2020-21 में गिरकर 4.2% हो गई। ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी दर 3.3% दर्ज की गई, जबकि शहरी क्षेत्रों में 6.7% की बेरोजगारी दर दर्ज
भारत नवाचार सूचकांक 2021 - (June 2023)
21 जुलाई, 2022 को नीति आयोग ने भारत नवाचार सूचकांक (India Innovation Index) का तीसरा संस्करण जारी किया।भारत नवाचार सूचकांक 2021 में ‘बड़े राज्यों की श्रेणी’ (Major States) में कर्नाटक 17 प्रमुख राज्यों में लगातार तीसरी बार शीर्ष स्थान पर बरकरार रहा है। उसके बाद तेलंगाना और हरियाणा का स्थान है।‘पूर्वोत्तर क्षेत्र और पहाड़ी राज्यों की श्रेणी’ में मणिपुर प्रथम
एनआईआरएफ इंडिया रैंकिंग 2022 - (June 2023)
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने 15 जुलाई, 2022 को 'राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क' (NIRF) द्वारा विकसित ‘इंडिया रैंकिंग 2022’ (India Rankings 2022) जारी की। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास ने लगातार चौथे वर्ष समग्र श्रेणी में प्रथम स्थान पर और लगातार सातवें वर्ष इंजीनियरिंग (Engineering) में अपना शीर्ष (प्रथम) स्थान बरकरार रखा है। भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc), बेंगलुरू लगातार 7वें
SRS सांख्यिकी रिपोर्ट 2020 - (June 2023)
रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया (RGI) द्वारा 22 सितंबर, 2022 को नमूना पंजीकरण प्रणाली सांख्यिकी रिपोर्ट 2020 जारी की गई। रिपोर्ट के अनुसार देश में शिशु मृत्यु दर (IMR) वर्ष 2020 में प्रति 1000 जीवित जन्मों में 28 हो गई है। अधिकतम आईएमआर मध्य प्रदेश में (43) और न्यूनतम केरल (6) में देखा गया। नवजात मृत्यु दर (NMR) में भी गिरावट आई है;
स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 - (June 2023)
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 1 अक्टूबर, 2022 को स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 के परिणामों की घोषणा की। 1 लाख से अधिक आबादी की श्रेणी में इंदौर शहर लगातार छठे वर्ष भारत का सबसे स्वच्छ शहर बना हुआ है तथा यह भारत का पहला 7-सितारा कचरा मुक्त शहर भी है। 1 लाख से कम की जनसंख्या की श्रेणी में महाराष्ट्र के पंचगनी (Panchgani)
गतिशील भू-जल संसाधन आकलन रिपोर्ट, 2022 - (June 2023)
केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने 9 नवंबर, 2022 को नई दिल्ली में ‘गतिशील भू-जल संसाधन आकलन रिपोर्ट, 2022’ जारी की। यह मूल्यांकन केंद्रीय भू-जल बोर्ड (CGWB) तथा राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा संयुक्त रूप से किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार पूरे देश के लिए कुल वार्षिक भू-जल पुनर्भरण 437.60 अरब क्यूबिक मीटर (BCM), जबकि वार्षिक भूजल निकासी 239.16
सामाजिक प्रगति सूचकांक - (June 2023)
20 दिसंबर, 2022 को प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (EAC-PM) के अध्यक्ष डॉ. बिबेक देबरॉय द्वारा ‘सामाजिक प्रगति सूचकांक : भारत के राज्य एवं जिले’ नामक रिपोर्ट जारी की गई। रिपोर्ट के अनुसार पुडुचेरी का देश में उच्चतम एसपीआई स्कोर 65.99 है, जिसके बाद लक्षद्वीप और गोवा क्रमशः 65.89 और 65.53 के स्कोर के साथ दूसरे एवं तीसरे स्थान पर
शिक्षा की वार्षिक स्थिति रिपोर्ट (ASER) 2022 - (June 2023)
18 जनवरी, 2023 को ‘प्रथम’ (Pratham) नामक गैर-सरकारी संगठन द्वारा 17वीं एनुअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट-2022 (ASER-2022) जारी की गई। रिपोर्ट के अनुसार 6 से 14 आयु वर्ग के बच्चों का नामांकन 2018 में 97.2 प्रतिशत से 2022 में बढ़कर 98.4 प्रतिशत हो गया है। सरकारी विद्यालयों में नामांकित बच्चों (6 से 14 वर्ष) का अनुपात 2018 के 65.6% से
विमेन एंड मेन इन इंडिया रिपोर्ट 2022 - (June 2023)
सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) ने 15 मार्च, 2023 को "भारत में महिला एवं पुरुष 2022" नामक रिपोर्ट जारी की। यह रिपोर्ट शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और राजनीतिक भागीदारी जैसे विषयों की एक विस्तृत श्रृंखला पर डेटा प्रदान करता है। रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2020 में भारत में विवाह के समय महिलाओं की औसत आयु 22.7 वर्ष थी। साथ ही
संक्षिप्त समसामयिक तथ्य - (June 2023)
अल्प विकसित देशों पर 5वां संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन 5-9 मार्च, 2023 के मध्य दोहा (कतर) में ‘अल्प विकसित देशों पर 5वां संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन' (LDC5) आयोजित किया गया। सम्मेलन में वैश्विक नेताओं द्वारा 'दोहा राजनीतिक घोषणा-पत्र' (Doha Political Declaration) को अपनाया गया। 'दोहा कार्ययोजना' (Doha Programme of Action) विश्व के 46 सबसे कमज़ोर देशों के लिये 'सतत् विकास लक्ष्यों' (SDG) को
14वां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन - (June 2023)
23-24 जून, 2022 के मध्य चीन की अध्यक्षता में 14वें ब्रिक्स सम्मेलन को वर्चुअल रूप (Virtual Mode) में आयोजित किया गया। सम्मेलन की थीम:“उच्च गुणवत्ता वाली ब्रिक्स साझेदारी को बढ़ावा, वैश्विक विकास के लिए एक नए युग में प्रवेश”। बीजिंग घोषणा-पत्र (Beijing Declaration) में ई-कॉमर्स वर्किंग ग्रुप का उन्नयन करके डिजिटल इकॉनमी वर्किंग ग्रुप (Digital Economy Working Group) की स्थापना का
48वां G7 शिखर सम्मेलन - (June 2023)
26-28 जून, 2022 के मध्य जर्मनी के बवेरियन आल्प्स के श्लॉस एल्मौ (Bavarian Alps, Schloss Elmau) में 48वां G7 शिखर सम्मेलन आयोजित किया गया। सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने '2022 लोचशील लोकतंत्र वक्तव्य' (2022 Resilient Democracies Statement) पर हस्ताक्षर किए। इस वक्तव्य में 'नागरिक समाज की स्वतंत्रता एवं विविधता की रक्षा' तथा 'ऑनलाइन एवं ऑफलाइन अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा' का
एससीओ शिखर सम्मेलन 2022 - (June 2023)
15-16 सितंबर, 2022 के मध्य उज्बेकिस्तान के समरकंद में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन, 2022 आयोजित किया गया। शिखर सम्मेलन में सदस्य देशों द्वारा समरकंद घोषणा (Samarkand declaration) पर हस्ताक्षर किया गया। उज़्बेक राष्ट्रपति ने इस एससीओ शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता की। भारत वर्ष 2023 में संगठन के अध्यक्ष के रूप में अगले एससीओ शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा। समरकंद
17वां G-20 शिखर सम्मेलन - (June 2023)
15-16 नवंबर, 2022 को इंडोनेशिया के बाली में जी-20 राष्ट्राध्यक्षों और शासनाध्यक्षों का 17वां शिखर सम्मेलन आयोजित किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस शिखर सम्मेलन में भारत का नेतृत्व किया। सम्मेलन में भारत को वर्ष 2023 के लिए समूह की अध्यक्षता भी सौंपी गई। थीम: इस वर्ष G-20 बैठक की थीम 'रिकवर टुगेदर, रिकवर स्ट्रॉन्गर' (Recover Together, Recover Stronger) थी। निर्धारित
CITES की कॉप 19 बैठक - (June 2023)
14 से 25 नवंबर, 2022 के मध्य वन्य जीवों और वनस्पतियों की लुप्तप्राय प्रजातियों के अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर अभिसमय (CITES) के पक्षकारों की 19वीं बैठक (COP19) पनामा में आयोजित की गई। भारत द्वारा इस सम्मेलन में सॉफ्टशेल कछुए, जेपोर हिल गेको तथा रेड-क्राउन्ड रूफ्ड टर्टल को CITES के परिशिष्ट II से परिशिष्ट I में स्थानांतरित करने का प्रस्ताव रखा गया था।
कॉप 27 सम्मेलन - (June 2023)
6 से 20 नवंबर, 2022 के मध्य जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ़्रेमवर्क संधि (UNFCCC) के पक्षकारों का 27वां सम्मेलन (CoP27) मिस्र के शर्म अल-शेख (Sharm El-Sheikh) में आयोजित किया गया। इस सम्मेलन में जलवायु परिवर्तन से संबंधित हानि को सहन करने वाले देशों को सहायता प्रदान करने हेतु एक हानि एवं क्षति कोष (Loss and Damage Fund) स्थापित करने
ओपेक+ की बैठक - (June 2023)
1 दिसंबर, 2022 को एक बैठक में ओपेक+ समूह ने अपने तेल उत्पादन लक्ष्यों पर बने रहने पर सहमति व्यक्त की। OPEC (1960): एक स्थायी एवं अंतर-सरकारी संगठन है। इसकी स्थापना ईरान, इराक, कुवैत, सऊदी अरब और वेनेज़ुएला द्वारा की गई थी।उद्देश्य: पेट्रोलियम उत्पादक देशों के लिए उचित और स्थिर मूल्य सुनिश्चित करना तथा उनके मध्य पेट्रोलियम नीतियों का समन्वय
विश्व आर्थिक मंच की वार्षिक बैठक - (June 2023)
16-20 जनवरी, 2023 के मध्य स्विट्जरलैंड के दावोस में विश्व आर्थिक मंच (WEF) की वार्षिक बैठक (53वां संस्करण) आयोजित की गई। थीम: 'खंडित विश्व में सहयोग' (Cooperation in a Fragmented World)। विश्व आर्थिक मंच की इस वार्षिक बैठक में निम्नलिखित पहलें आरंभ की गईं- गिविंग टू एम्प्लीफाई अर्थ एक्शन (GAEA): 45 से अधिक भागीदार देशों के समर्थन के साथ शुरू की
कॉप-15 जैव-विविधता सम्मेलन - (June 2023)
7 से 19 दिसंबर, 2022 के मध्य कनाडा के मॉन्ट्रियल शहर में संयुक्त राष्ट्र जैव विविधता सम्मेलन (COP 15) आयोजित किया गया। मॉन्ट्रियल में आयोजित कॉप 15 सम्मेलन में कुनमिंग-मॉन्ट्रियल वैश्विकजैवविविधता फ्रेमवर्क को अपनाया गया। यह फ्रेमवर्क वैश्विक समुदाय को ‘23 विशिष्ट लक्ष्यों’ और 4 ‘व्यापक वैश्विक उद्देश्यों’ के रूप में प्रकृति की रक्षा करने, उसे पुनर्स्थापित करने तथा प्रदूषण को
वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट- 2023 - (June 2023)
12 जनवरी, 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक, पर्यावरणीय, सांस्कृतिक एवं तकनीकी विषयों पर सहयोग करने केलिए राष्ट्रों केएक महत्वपूर्ण समूह के रूप में 'वॉयस ऑफग्लोबल साउथ समिट- 2023' (Voice of Global South Summit–2023) का उद्घाटन किया। आयोजन: 12-13 जनवरी, 2023 तक वर्चुअल रूप में। थीम: 'आवाज़ की एकता, उद्देश्य की एकता’ (Unity of Voice, Unity of
5वां आसियान-भारत व्यापार सम्मेलन - (June 2023)
6 मार्च, 2023 को 5वां आसियान-भारत व्यापार शिखर सम्मेलन कुआलालंपुर के 'बेर्जया टाइम्स स्क्वायर होटल' (Berjaya Times Square Hotel) में आयोजित किया गया। थीम: 'रणनीतिक व्यापार साझेदारी के लिए आसियान-भारत आर्थिक संबंधों को मजबूत करना और आगे बढ़ाना'। एसोसिएशन ऑफ साउथ ईस्ट एशियन नेशंस (ASEAN) एक क्षेत्रीय संगठन है जिसे 1967 में आसियान घोषणा (बैंकॉक घोषणा) पर हस्ताक्षर के
संक्षिप्त समसामयिक तथ्य - (June 2023)
मैस्मेराइज 2023 6 मार्च, 2023 को नई दिल्ली में मैस्मेराइज 2023 (Massmerize 2023) वार्ता का आयोजन किया गया। इसके उद्घाटन सत्र को वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने संबोधित किया। इस वार्ता में खुदरा, ई-कॉमर्स क्षेत्र, वित्तीय संस्था आदि से संबंधित विभिन्न पदाधिकारी शामिल हुए। मैस्मराइज, सरकार तथा खुदरा (retail sector), एफएमसीजी और ई-कॉमर्स क्षेत्रों (e-Commerce sector) के बीच विशेष बातचीत
प्लास्टिक पुनर्चक्रण एवं अपशिष्ट प्रबंधन पर सम्मेलन - (June 2023)
4-5 मार्च, 2022 को केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) मंत्रालय द्वारा द्वारा अखिल भारतीय प्लास्टिक निर्माता संघ (AIPMA) के सहयोग से नई दिल्ली में प्लास्टिक पुनर्चक्रण एवं अपशिष्ट प्रबंधन पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। उपरोक्त सम्मेलन में संपूर्ण देश के लिए विशेष रूप से आकांक्षी ज़िलों में युवाओं के मध्य उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिये
'नो मनी फॉर टेरर' (NMFT) मंत्रिस्तरीय सम्मेलन - (June 2023)
18-19 नवंबर, 2022 तक नई दिल्ली में तीसरा 'नो मनी फॉर टेरर' (NMFT) मंत्रिस्तरीय सम्मेलन आयोजित किया गया। इस सम्मेलन की मेजबानी भारत के केन्द्रीय गृह मंत्रालय द्वारा की गई।सम्मेलन का उद्देश्य: आतंकवादी संगठनों को गैर-कानूनी ढंग से दी जाने वाली वित्तीय मदद को रोकने पर मौजूदा अंतरराष्ट्रीय शासन की प्रभावशीलता और उभरती चुनौतियों का समाधान करने के लिए आवश्यक
इंडिया इंटरनेट गवर्नेंस फोरम - (June 2023)
11 दिसंबर, 2022 को इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी तथा कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्य मंत्री ने 'इंडिया इंटरनेट गवर्नेंस फोरम-2022' (IIGF-2022) के समापन समारोह को संबोधित किया। इंडिया इंटरनेट गवर्नेंस फोरम-2022 की बैठक 9-11 दिसंबर, 2022 के मध्य आयोजित की गई। बैठक की थीम: “भारत के सशक्तीकरण के लिये प्रौद्योगिकी के दशक का उपयोग” (Leveraging Techade for Empowering Bharat)। IIGF के संदर्भ
108वीं भारतीय विज्ञान कांग्रेस - (June 2023)
3-7 जनवरी, 2023 के मध्य महाराष्ट्र के नागपुर में स्थित राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज विश्वविद्यालय (RTMU) में 108वीं भारतीय विज्ञान कांग्रेस (108th Indian Science Congress) का आयोजन किया गया। उद्घाटन: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा। मुख्य विषय-वस्तु (Theme): 'महिला सशक्तीकरण के साथ सतत विकास के लिये विज्ञान और प्रौद्योगिकी' (Science and Technology for Sustainable Development with Women Empowerment) भारतीय विज्ञान कॉन्ग्रेस आरंभ: वर्ष 1914 (प्रथम
धारा 2023 बैठक - (June 2023)
13-14 फरवरी, 2023 तक महाराष्ट्र के पुणे में रिवर सिटीज एलायंस (RCA) के सदस्यों की वार्षिक बैठक 'धारा 2023' (DHARA 2023) का आयोजन किया गया। 'धारा' (DHARA- Driving Holistic Action for Urban Rivers) शहरी नदियों व जल निकायों के प्रबंधन हेतु आयोजित वार्षिक बैठक है। आयोजनकर्ता: इस बैठक का आयोजन 'नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा' (NMCG) द्वारा 'नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ अर्बन अफेयर्स'
भूमि संवाद-IV सम्मेलन - (June 2023)
17 मार्च, 2023 को नई दिल्ली में विशिष्ट भूमि पार्सल पहचान संख्या (ULPIN) अथवा भू-आधार परियोजना के कार्यान्वयन पर भूमि संवाद-IV (Bhumi Samvaad-IV) नामक राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। यह देश में 'भूमि शासन एवं प्रशासन' पर संवाद हेतु भूमि-संवाद शृंखला के तहत आयोजित चौथा सम्मेलन था। सम्मेलन की थीम: भू-आधार (ULPIN) की सहायता से भारत का डिजिटलीकरण और भू-संदर्भीकरण [Digitizing
संक्षिप्त समसामयिक तथ्य - (June 2023)
कुदुम्बश्री मिशन 17 मार्च, 2023 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने केरल राज्य गरीबी उन्मूलन मिशन 'कुदुम्बश्री' (Kudumbashree) के रजत जयंती समारोह का उद्घाटन किया। कुदुम्बश्री मिशन का शुभारंभ 17 मई 1998 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी द्वारा केरल के मलप्पुरम (Malappuram) में किया गया था। यह विश्व में महिलाओं के सबसे बड़े स्वयं सहायता नेटवर्क में से एक है, जो जीवन
भारत की आर्कटिक नीति - (June 2023)
17 मार्च, 2022 को केंद्र सरकार द्वारा ‘भारत की आर्कटिक नीति’ (India’s Arctic Policy) जारी की गई| यह नीति आर्कटिक क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करने और पर्यावरण की रक्षा करने का भी प्रयास करती है| लक्ष्य: संसाधन संपन्न और तेजी से बदलते आर्कटिक क्षेत्र के साथ देश के सहयोग को बढ़ाना| भारत की आर्कटिक नीति को लागू करने में अकादमिक,
डोनेट-अ-पेंशन योजना - (June 2023)
7 मार्च, 2022 को केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने किसी भी नागरिक को एक असंगठित श्रमिक की ओर से प्रीमियम राशि का भुगतान करने की अनुमति देने वाली ‘डोनेट-अ-पेंशन’ योजना(‘Donate a Pension’ Scheme) आरंभ की। यह योजना प्रधानमंत्री श्रम योगी मान-धन योजना के तहत आरंभ की गई है। यह योजना एक नागरिक को "अपने घर या प्रतिष्ठान में घरेलू कामगारों,
स्वनिधि से समृद्धि योजना - (June 2023)
12 अप्रैल 2022 को आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय (MoHUA) द्वारा भारत के 14 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के अतिरिक्त 126 शहरों में ‘स्वनिधि से समृद्धि’ (SVANidhi se Samriddhi) योजना का शुभारंभ किया। 'स्वनिधि से समृद्धि योजना', पीएमस्वनिधि (PMSVANidhi) की एक अतिरिक्त योजना है जो 4 जनवरी 2021 को चरण-1 तहत 125 शहरों के लिए शुरू की गई थी,
निपुण परियोजना - (June 2023)
केन्द्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने 20 जून, 2022 को निर्माण श्रमिकों के कौशल प्रशिक्षण के लिए 'निपुण' (NIPUN) नामक एक अभिनव परियोजना का शुभारंभ किया। निपुण (NIPUN- National Initiative for Promoting Upskilling of Nirman workers) परियोजना 'दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन' (DAY-NULM) के तहत आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय की एक पहल है।
अग्निपथ योजना - (June 2023)
14 जून, 2022 को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ‘अग्निपथ’ (AGNIPATH) योजना को मंजूरी प्रदान की। यह योजना युवाओं को 4 वर्षों की अवधि के लिए सशस्त्र बलों में सेवा करने की अनुमति देती है।योजना के तहत लगभग 45,000 से 50,000 सैनिकों की सालाना भर्ती की जाएगी तथा अधिकांश सैनिक अपने 4 वर्षीय कार्यकाल के बाद सेना में अपनी सेवाएं जारी नहीं
राष्ट्रीय वायु खेल नीति 2022 - (June 2023)
7 जून, 2022 को केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने एरोबेटिक्स, हॉट-एयर बैलूनिंग और पैराग्लाइडिंग जैसे खेलों को बढ़ावा देने के लिए 'राष्ट्रीय वायु खेल नीति 2022' [National Air Sports Policy (NASP) 2022] का अनावरण किया। इस वायु खेल नीति का लक्ष्य वर्ष 2030 तक भारत को शीर्ष एयरोस्पोर्ट्स देशों में से एक बनाना है।चार स्तरीय शासन संरचना: नई
आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना - (June 2023)
17 अगस्त, 2022 को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ‘आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना’ (Emergency Credit Line Guarantee Scheme- ECLGS) की सीमा को 50,000 करोड़ रुपये बढ़ाकर 5 लाख करोड़ रुपये करने को मंजूरी दे दी| यह मंजूरी आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना के 5वें चरण के तहत दी गई|केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 20 मई, 2020 को योग्य एमएसएमई और इच्छुक मुद्रा कर्जदारों
नमस्ते योजना - (June 2023)
अगस्त 2022 में 'मशीनीकृत स्वच्छता इकोसिस्टम के लिए राष्ट्रीय कार्यवाही' (National Action for Mechanised Sanitation Ecosystem- NAMASTE) योजना को वर्ष 2022-23 से 2025-26 तक 4 वर्ष के लिए 360 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ मंजूरी प्रदान की गई। नमस्ते, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय (MoSJE) की एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है, जिसे आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय
पीएम श्री स्कूल योजना - (June 2023)
7 सितंबर, 2022 को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2022 के तहत मौजूदा सरकारी स्कूलों को आदर्श स्कूलों में बदलने के लिए प्रधानमंत्री स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया (पीएम-श्री) योजना [PM ScHools for Rising India (PM SHRI) Scheme] को मंजूरी दी। इस योजना की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 सितंबर, 2022 को की थी। उद्देश्य: स्कूलों के एक
WEST पहल - (June 2023)
भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के कार्यालय द्वारा 5 सितंबर, 2022 को "विमेन इन इंजीनियरिंग, साइंस एंड टेक्नोलॉजी- वेस्ट” (WEST) नामक एक नई आई-स्टेम (I-STEM- Indian Science Technology and Engineering facilities Map) पहल का शुभारंभ किया गया। WEST (Women in Engineering, Science, and Technology) कार्यक्रम 'स्टेम' [Science, Technology, Engineering and Mathematics (STEM)] पृष्ठभूमि वाली महिलाओं की जरूरतों को पूरा करेगा
मिशन लाइफ का शुभारंभ - (June 2023)
20 अक्टूबर, 2022 को गुजरात के एकता नगर मेंप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मिशन लाइफ [Mission LiFE (Lifestyle For Environment)] का शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरस भी उपस्थिति थे। 2021 के संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मिशन लाइफ की घोषणा की गई थी। मिशन लाइफ वैश्विक जलवायु परिवर्तन से संबंधित
दूरसंचार प्रौद्योगिकी विकास कोष (TTDF) योजना - (June 2023)
1 अक्टूबर, 2022 को यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन फंड (Universal Service Obligation Fund) ने आधिकारिक तौर पर दूरसंचार प्रौद्योगिकी विकास कोष (Telecom Technology Development Fund- TTDF) नामक योजना शुरू की। उद्देश्य: ग्रामीण-विशिष्ट संचार प्रौद्योगिकी अनुप्रयोगों में अनुसंधान एवं विकास को निधि देना और दूरसंचार पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण एवं विकास के लिए अकादमिक, स्टार्ट-अप, अनुसंधान संस्थानों और उद्योग के बीच तालमेल बनाना; प्रौद्योगिकी
स्वदेश दर्शन 2.0 - (June 2023)
अक्टूबर 2022 में सरकार ने एक पर्यटन तथा गंतव्य केंद्रित दृष्टिकोण के साथ धारणीय एवं भरोसेमंद स्थलों को विकसित करने के लिए स्वदेश दर्शन 2.0 (Swadesh Darshan 2.0) के रूप में स्वदेश दर्शन योजना को नया रूप दिया। प्रयागराज, चित्रकूट और ग्वालियर देश भर के 15 राज्यों में पहचाने जाने वाले शहरों में से हैं, जिन्हें भारत की नई घरेलू पर्यटन
डिजिटल शक्ति 4.0 का शुभारंभ - (June 2023)
राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने 15 नवंबर, 2022 को डिजिटल शक्ति अभियान के चौथे चरण- डिजिटल शक्ति 4.0 (Digital Shakti 4.0) का शुभारंभ किया। यह महिलाओं और लड़कियों के लिए एक सुरक्षित ऑनलाइन स्पेस का निर्माण करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। डिजिटल शक्ति 4.0, साइबर स्पेस में महिलाओं और लड़कियों को डिजिटल रूप से सशक्त बनाने और कौशल
राष्ट्रीय भू-स्थानिक नीति 2022 - (June 2023)
28 दिसंबर, 2022 को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय भू-स्थानिक नीति 2022 (National Geospatial Policy 2022) अधिसूचित की गई। इस नीति को 16 दिसंबर, 2022 को कैबिनेट की मंजूरी प्राप्त हुई थी। यह एक 13-वर्षीय दिशानिर्देश है, जिसका उद्देश्य देश के भू-स्थानिक डेटा उद्योग को बढ़ावा देना और नागरिक सेवाओं में सुधार एवं उपयोग हेतु एक राष्ट्रीय ढांचे (National
अमृत भारत स्टेशन योजना - (June 2023)
27 दिसंबर, 2022 को रेल मंत्रालय ने स्टेशनों के आधुनिकीकरण के लिए एक नई नीति की घोषणा की, इसे ‘अमृत भारत स्टेशन योजना’ (Amrit Bharat Station Scheme) का नाम दिया गया है। विजन: अमृत भारत स्टेशन योजना में दीर्घकालिक दृष्टिकोण के साथ निरंतर आधार पर स्टेशनों के विकास की परिकल्पना की गई है। क्रियान्वयन का आधार: यह स्टेशन की आवश्यकताओं और
राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन - (June 2023)
4 जनवरी, 2023 को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 20,000 करोड़ रुपये की लागत वाले 'राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन (National Green Hydrogen Mission-NGHM) को मंजूरी दी। NGHM राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन (NHM) का एक भाग है, जिसकी घोषणा वित्त मंत्री ने केंद्रीय बजट 2021-22 में की थी।नोडल मंत्रालय: नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय। उद्देश्य: भारत को हरित हाइड्रोजन के
आकांक्षी ब्लॉक कार्यक्रम का शुभारंभ - (June 2023)
7 जनवरी, 2023 को प्रधानमंत्री आकांक्षी ब्लॉक कार्यक्रम (Aspirational Block Programme) का शुभारंभ किया। सरकार द्वारा केंद्रीय बजट 2022-23 में इस पहल को शुरू करने की घोषणा की गई थी। उद्देश्य: विभिन्न विकास मानकों पर पिछड़े ब्लॉकों के प्रदर्शन में सुधार करना तथा ब्लॉक स्तर पर शासन एवं अंतिम छोर तक सेवा वितरण में सुधार करके विभिन्न असमानताओं को दूर करना। कवरेज:
प्रधानमंत्री पीवीटीजी विकास मिशन - (June 2023)
केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी, 2023 को केंद्रीय बजट 2023-24 के तहत 'प्रधानमंत्री पीवीटीजी विकास मिशन' (Pradhan Mantri PVTG Development Mission) की घोषणा की। लक्ष्य: विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (PVTGs) की सामाजिक-आर्थिक स्थितियों में सुधार करना। उद्देश्य: पीवीटीजी के परिवारों और बस्तियों को सुरक्षित आवास, स्वच्छ पेयजल व स्वच्छता, शिक्षा, स्वास्थ्य व पोषण, सड़क व दूरसंचार कनेक्टिविटी
वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम को मंजूरी - (June 2023)
15 फरवरी, 2023 को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वित्त वर्ष 2022-23 से 2025-26 तक की अवधि के लिए 'वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम' (Vibrant Villages Programme- VVP) नामक केंद्र प्रायोजित योजना को मंजूरी दी। मुख्य उद्देश्य: भारत के सीमावर्ती गांवों का अवसंरचनात्मक रूपांतरण करना। यह योजना देश की उत्तरी भूमि सीमा (Northern Land Border) से लगे 4 राज्यों व 1 केंद्र शासित प्रदेश
कैप्टिव एम्प्लॉयमेंट पहल - (June 2023)
28 मार्च, 2023 को केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह ने ग्रामीण गरीब युवाओं को कुशल बनाने में उद्योग समुदाय की भागीदारी का मार्ग प्रशस्त करते हुए दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना (DDU-GKY) के तहत 'कैप्टिव रोजगार पहल' (Captive Employment initiative) की शुरुआत की। इस पहल के तहत 19 कैप्टिव नियोक्ताओं ने ग्रामीण विकास मंत्रालय के साथ एक समझौता
विदेश व्यापार नीति 2023 - (June 2023)
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने 31 मार्च, 2023 को विदेश व्यापार नीति 2023 [Foreign Trade Policy (FTP) 2023] का अनावरण किया। यह नई नीति विदेश व्यापार नीति 2015 के स्थान पर लागू की गई है। उद्देश्य: प्रोत्साहन के बजाए 'छूट और पात्रता आधारित व्यवस्था' (remission and entitlement based' regime) को अपनाकर देश के निर्यात को वर्ष 2030
संक्षिप्त समसामयिक तथ्य - (June 2023)
जन विश्वास विधेयक, 2022 वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने 22 दिसंबर, 2022 को लोक सभा में ‘जन विश्वास (प्रावधानों का संशोधन) विधेयक, 2022’ प्रस्तुत किया संयुक्त समिति के विचारार्थ भेज दिया गया। व्यापार सुगमता को बढ़ावा देने की दृष्टि से यह विधेयक छोटे अपराधों को अपराध की श्रेणी से बाहर करने का प्रयास
दिल्ली नगर निगम (संशोधन) अधिनियम, 2022 - (June 2023)
18 अप्रैल, 2022 को राष्ट्रपति द्वारा 'दिल्ली नगर निगम (संशोधन) अधिनियम, 2022' [Delhi Municipal Corporation (Amendment) Act, 2022] को हस्ताक्षरित किया गया। यह अधिनियम दिल्ली के तीन नगर निगमों का एक इकाई [दिल्ली नगर निगम] में विलय करने का प्रावधान करता है, ताकि समन्वित और रणनीतिक योजना तथा संसाधनों के इष्टतम उपयोग के लिए एक मजबूत तंत्र सुनिश्चित किया जा सके। अधिनियम
भारतीय अंटार्कटिक अधिनियम 2022 - (June 2023)
6 अगस्त, 2022 को राष्ट्रपति द्वारा 'भारतीय अंटार्कटिक अधिनियम, 2022' (Indian Antarctic Act, 2022) को मंजूरी दी गई। यह अंटार्कटिका के कुछ हिस्सों में भारतीय नागरिकों द्वारा किए गए अपराधों और विवादों से निपटने के लिए भारतीय अदालतों के अधिकार क्षेत्र का विस्तार करता है। यह अधिनियम अंटार्कटिक निधि (Antarctic Fund) नामक कोष के गठन का प्रावधान करता है, जिसे अंटार्कटिक अनुसंधान
परिवार न्यायालय (संशोधन) अधिनियम 2022 - (June 2023)
12 अगस्त, 2022 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा ‘परिवार न्यायालय (संशोधन) अधिनियम 2022’ को मंजूरी प्रदान की गई। यह फैमिली कोर्ट एक्ट, 1984 में संशोधन करता है। संशोधन अधिनियम का उद्देश्य 15 फरवरी, 2019 से हिमाचल प्रदेश में स्थापित तथा 12 सितंबर, 2008 से नागालैंड में स्थापित परिवार न्यायालयों को कानूनी मान्यता प्रदान करना है। नागालैंड के दीमापुर और कोहिमा तथा हिमाचल
आपराधिक प्रक्रिया (पहचान) अधिनियम, 2022 - (June 2023)
आपराधिक प्रक्रिया (पहचान) अधिनियम, 2022 [Criminal Procedure (Identification) Act, 2022] जिसे 18 अप्रैल, 2022 को राष्ट्रपति द्वारा हस्ताक्षरित किया गया था, 4 अगस्त, 2022 से प्रभावी हो गया। यह कैदियों की पहचान अधिनियम 1920 को निरस्त करता है।यह अधिनियम उंगलियों के निशान, हथेली व पैरों के निशान, फोटोग्राफ, आईरिस और रेटिना स्कैन, भौतिक व जैविक नमूने तथा उनके विश्लेषण आदि
नेशनल एंटी-डोपिंग ऐक्ट, 2022 - (June 2023)
12 अगस्त, 2022 को राष्ट्रीय डोपिंग-रोधी अधिनियम, 2022 को राष्ट्रपति ने अपनी मंजूरी प्रदान की। यह अधिनियम घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों स्तर पर, खेल स्पर्धाओं में भाग लेने और तैयारी करते समय सत्यनिष्ठा के उच्चतम मानकों को सुनिश्चित करेगा। यह अधिनियम राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी, राष्ट्रीय डोप परीक्षण प्रयोगशाला के संचालन के लिए एक वैधानिक रूपरेखा प्रदान करता है। साथ ही यह
नई दिल्ली अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र (संशोधन) अधिनियम, 2022 - (June 2023)
30 दिसंबर, 2022 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नई दिल्ली अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र (संशोधन) अधिनियम, 2022 को मंजूरी प्रदान की। यह नई दिल्ली अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र अधिनियम, 2019 में संशोधन करता है। यह अधिनियम नई दिल्ली अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र का नाम बदलकर "भारत अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र" (India International Arbitration Centre) करने का प्रावधान करता है। मूल अधिनियम के तहत, नई
वन्य जीव (संरक्षण) संशोधन अधिनियम, 2022 - (June 2023)
19 दिसंबर, 2022 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा वन्य जीव (संरक्षण) संशोधन अधिनियम, 2022 [Wild Life (Protection) Amendment Act, 2022] को हस्ताक्षित किया गया। इस संशोधन अधिनियम के माध्यम से वन्य जीवन (संरक्षण) अधिनियम, 1972 में लगभग 50 संशोधन प्रस्तावित किए गए हैं। संशोधन अधिनियम के द्वारा 1972 के अधिनियम में वर्णित वन्यजीवों से संबंधित 6 अनुसूचियों को कम
ऊर्जा संरक्षण (संशोधन) अधिनियम, 2022 - (June 2023)
19 दिसंबर, 2022 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा ऊर्जा संरक्षण (संशोधन) अधिनियम, 2022 को मंजूरी प्रदान की गई। यह ऊर्जा संरक्षण अधिनियम-2001 में संशोधन करता है। उद्देश्य: भारत को जलवायु परिवर्तन पर अपनी अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं को पूरा करने में सहायता करना। अधिनियम में प्रावधान किया गया है कि सरकार किसी निर्दिष्ट उपभोक्ता (विशेषकर कंपनी) से ऊर्जा खपत का एक न्यूनतम
मैरीटाइम एंटी पायरेसी ऐक्ट, 2022 - (June 2023)
31 जनवरी, 2023 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ‘समुद्री जल दस्युता रोधी अधिनियम, 2022’ (Maritime Anti-Piracy Act, 2022) को मंजूरी प्रदान की। इसे दिसंबर 2022 में संसद द्वारा पारित किया गया था। यह अधिनियम भारतीय अधिकारियों को सुदूर समुद्र (high seas) में समुद्री डकैती के विरुद्ध कार्रवाई करने में सक्षम बनाता है। प्रभाविता: यह भारत के समुद्र तट से 200 समुद्री
अंतर-सेवा संगठन विधेयक, 2023 - (June 2023)
15 मार्च, 2023 को लोक सभा में 'अंतर-सेवा संगठन (कमांड, नियंत्रण एवं अनुशासन) विधेयक, 2023' प्रस्तुत किया गया। यह विधेयक देश में एकीकृत थिएटर कमांड गठित करने की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। विधेयक में अंतर-सेवा संगठनों के कमांडर-इन-चीफ या ऑफिसर-इन-कमांड को उन रक्षाकर्मियों के संबंध में निर्णय लेने का अधिकार दिया गया है, जो अभी वायुसेना अधिनियम 1950, थल सेना अधिनियम 1950
संक्षिप्त समसामयिक तथ्य - (June 2023)
चुनाव चिह्न का आवंटन भारत के चुनाव आयोग ने 17 फरवरी, 2023 को एकनाथ शिंदे गुट को शिवसेना के प्रतीक 'धनुष एवं तीर' के उपयोग की अनुमति दी। चुनाव चिह्न (आरक्षण और आवंटन) आदेश, 1968 चुनाव आयोग को राजनीतिक दलों को मान्यता देने और प्रतीकों को आवंटित करने का अधिकार देता है। आईपीसी की धारा 153 ए हाल ही में भारतीय दंड संहिता
सतलज यमुना लिंक नहर विवाद - (June 2023)
अप्रैल 2022 में हरियाणा विधानसभा ने सतलुज यमुना लिंक (SYL) नहर को पूरा करने की मांग करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया। सतलज यमुना लिंक नहर 214 किलोमीटर लंबी एक निर्माणाधीन नहर है, जो सतलज और यमुना नदियों को जोड़ती है। हालांकि पंजाब व हरियाणा के मध्य विवाद के चलते यह परियोजना लंबित है। भारत में नदी जल विवाद का समाधान,
कैदियों की कुछ श्रेणियों को विशेष परिहार - (June 2023)
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने स्वतंत्रता के 75वें वर्ष के उपलक्ष्य में कैदियों को विशेष छूट/परिहार (Special Remission) देने के संबंध में 13 जून, 2022 को राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को दिशा-निर्देश जारी किए। परिहार का अर्थ है किसी दंड या सजा के चरित्र को बदले बिना उसकी अवधि को कम करना। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 72 और 161
पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल - (June 2023)
चुनाव आयोग ने 20 जून, 2022 को गैर-मौजूद पाए गए 111 ‘पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों’ को निर्वाचन आयोग के रजिस्टर की सूची से हटाने का निर्णय लिया। गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल या तो नए पंजीकृत दल हैं या उन्हें राज्य दल (State Party) बनने के लिए विधानसभा या आम चुनाव में पर्याप्त प्रतिशत वोट नहीं मिले हैं। चुनाव आयोग
4 राज्यों की 16 राज्य सभा सीटों के लिए चुनाव - (June 2023)
देश के 4 राज्यों- महाराष्ट्र, हरियाणा, राजस्थान और कर्नाटक की 16 राज्य सभा सीटों के लिए 10 जून, 2022 को संपन्न हुए चुनावों में भाजपा ने 8 पर तथा कांग्रेस ने पांच सीटों पर जीत हासिल की। संविधान की चौथी अनुसूची राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को प्रत्येक राज्य की जनसंख्या के आधार पर राज्य सभा सीटों के आवंटन
भारत के 14वें उपराष्ट्रपति : जगदीप धनखड़ - (June 2023)
पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) ने 11 अगस्त, 2022 को राष्ट्रपति भवन में भारत के 14वें उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। उपराष्ट्रपति, देश में दूसरा सर्वोच्च संवैधानिक पद है तथा वह राज्य सभा का पदेन सभापति भी होता है। 'राष्ट्रपति एवं उप-राष्ट्रपति चुनाव अधिनियम, 1952' तथा 'राष्ट्रपति एवं उप-राष्ट्रपति चुनाव नियम, 1974' के साथ पठित संविधान का
22 संसदीय स्थायी समितियों का पुनर्गठन - (June 2023)
4 अक्टूबर, 2022 को संसद में विभागों से संबंधित 22 स्थायी समितियों (Department Related Standing Committees) का पुनर्गठन किया गया। विधान निर्माण की प्रक्रिया के काफी जटिल होने के कारण संसद का बहुत सा काम विभिन्न समितियों द्वारा निपटाया जाता है, जिन्हें संसदीय समितियां कहते हैं। संसदीय समिति सदन के अध्यक्ष (स्पीकर) के निर्देशन में ही काम करती है तथा अपनी रिपोर्ट
कानूनों को 9वीं अनुसूची में शामिल करना - (June 2023)
झारखंड विधानसभा द्वारा 11 नवंबर, 2022 को 'स्थानीय निवासियों' की अधिवास स्थिति के निर्धारण तथा सरकारी पदों में आरक्षण की सीमा बढ़ाने से संबंधित दो विधेयकों को मंजूरी दी गई। इन दोनों विधेयकों में यह प्रावधान किया गया है कि ये तभी लागू होंगे जब केंद्र द्वारा इन्हें संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल किया जाएगा। नौवीं अनुसूची ऐसे केंद्रीय
तदर्थ न्यायाधीशों की नियुक्ति - (June 2023)
8 दिसंबर, 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उच्च न्यायालयों में तदर्थ न्यायाधीशों (Ad-hoc Judges) की नियुक्ति के लिए सरल प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए, ताकि इन नियुक्तियों का वास्तविक उद्देश्य विफल न हो। सर्वोच्च न्यायालय में: संविधान के अनुच्छेद 127 के तहत, भारत के मुख्य न्यायाधीश निर्दिष्ट समय के लिए किसी उच्च न्यायालय के न्यायाधीश को सर्वोच्च न्यायालय
असम में परिसीमन अभ्यास की शुरुआत - (June 2023)
चुनाव आयोग ने 27 दिसंबर, 2022 को कहा कि उसने असम राज्य में विधानसभा एवं संसदीय क्षेत्रों का 'परिसीमन' (Delimitation) अभ्यास शुरू कर दिया है। इसके लिए 2001 की जनगणना के आंकड़ों का उपयोग किया जाएगा। परिसीमन अधिनियम, 1972 के प्रावधानों के तहत, असम में निर्वाचन क्षेत्रों का अंतिम परिसीमन 1971 की जनगणना के आंकड़ों के आधार पर 1976 में तत्कालीन
घरेलू प्रवासी मतदाताओं हेतु रिमोट वोटिंग प्रणाली - (June 2023)
29 दिसंबर, 2022 को चुनाव आयोग ने यह घोषणा की कि उसने घरेलू प्रवासी मतदाताओं के लिए 'रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन' (RVM) का एक प्रोटोटाइप विकसित किया है। मल्टी-कंस्टीट्यूएंसी रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (RVM) एक दूरस्थ स्थित (रिमोट) पोलिंग बूथ से ही 72 तक निर्वाचन क्षेत्रों का मतदान करा सकती है। यह विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों में सूचीबद्ध मतदाताओं को एक ही मशीन
ग्राम पंचायतों में सतत विकास लक्ष्यों का स्थानीयकरण - (June 2023)
17-19 फरवरी, 2023 के दौरान ओडिशा के भुवनेश्वर में 'ग्राम पंचायतों में सतत विकास लक्ष्यों के स्थानीयकरण' (Localization of SDGs in Gram Panchayats) नामक विषय पर एक राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।17 सतत विकास लक्ष्य तथा 169 उद्देश्य सतत् विकास हेतु 2030 एजेंडा के अंग हैं, जो 1 जनवरी 2016 को लागू हुआ था। भारत सरकार 2030 एजेंडे के
डिप्टी स्पीकर की नियुक्ति - (June 2023)
13 फरवरी, 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र तथा 5 राज्यों- राजस्थान, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और झारखंड को डिप्टी स्पीकर (Deputy Speaker) का चुनाव करने में विफल रहने पर नोटिस जारी किया। संविधान के अनुच्छेद 93 में कहा गया है कि लोक सभा, जितनी जल्दी हो सके, दो सदस्यों का अध्यक्ष (स्पीकर) और उपाध्यक्ष (डिप्टी स्पीकर) के रूप
7वीं अनुसूची के मूल्यांकन पर रिपोर्ट - (June 2023)
मार्च 2023 में प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद ने "संविधान की 7वीं अनुसूची के मूल्यांकन" पर एक वर्किंग पेपर जारी किया। 7वीं अनुसूची का गठन अनुच्छेद 246 के तहत किया गया है। यह संघ और राज्यों के बीच शक्तियों और कार्यों के आवंटन को परिभाषित और निर्दिष्ट करती है। इसके अंतर्गत निम्नलिखित तीन सूचियां हैं- संघ सूची (97 विषय): इसमें
देश में अब 6 राष्ट्रीय राजनीतिक दल - (June 2023)
10 अप्रैल, 2023 को भारतीय निर्वाचन आयोग (ECI) ने आम आदमी पार्टी (AAP) को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा प्रदान किया तथा तृणमूल कांग्रेस, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) तथा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) से यह दर्जा वापस ले लिया। इस प्रकार देश में अब केवल 6 राष्ट्रीय दल हैं, भाजपा, कांग्रेस, नेशनल पीपुल्स पार्टी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPM), बहुजन समाज पार्टी
विविध - (May 2023)
14 फरवरी, 2023 को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल के इस्लामनगर को जगदीशपुर के नाम से जाने जाने की घोषणा की है। 4 अगस्त, 2022 को 600 मेगावाट की ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सौर परियोजना से संबंधित अनुबंध पर हस्ताक्षर किया गया है। 16 अक्टूबर, 2022 को केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह द्वारा ग्वालियर के जयविलास
खेल घटनाक्रम - (May 2023)
खेलो इंडिया यूथ गेम्स-2022 में मध्य प्रदेश पुरुष हॉकी टीम ने फाइनल मुकाबले में ओडिशा को 3-2 से मात देकर गोल्ड मेडल प्राप्त किया है। 31 जनवरी से 11 फरवरी, 2023 तक मध्य प्रदेश में आयोजित खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 का आयोजन किया गया, जिसमें मध्य प्रदेश ने 39 स्वर्ण पदक, 30 रजत एवं 27 काँस्य पदक सहित कुल
रिपोर्ट एवं रैंकिंग - (May 2023)
जल जीवन मिशन के तहत हर घर में नल से शुद्ध पेयजल पहुँचाने की अभूतपूर्व और गौरवपूर्ण उपलब्धि प्राप्त करते हुए बुरहानपुर ज़िला देश का पहला ‘हर घर जल’ सर्टिफाइड ज़िला बन गया है। 21 जुलाई, 2022 को नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी द्वारा जारी इंडिया इनोवेशन इंडेक्स- 2021 में 17 प्रमुख राज्यों की श्रेणी में मध्य प्रदेश को
पुरस्कार एवं सम्मान - (May 2023)
मध्य प्रदेश की संस्कृति विभाग की दत्तात्रेय दामोदर देवलालीकर पुरस्कार धार के प्रेम कुमार सिंह को ‘अनटाईटल-1’ के लिये प्रदान किया गया है। जगदीश स्वामीनाथन पुरस्कार भोपाल के मान सिंह व्याम को उनकी कृति ‘जिंदगी एक सफर के लिये’ प्रदान किया गया है। इसके साथ ही विष्णु चिंचालकर पुरस्कार इंदौर के उपेंद्र उपाध्याय को ‘सेमल की बहार’ के लिये प्रदान
संस्थान एवं निकाय - (May 2023)
24 मार्च, 2022 को मध्य प्रदेश किसान-कल्याण तथा कृषि विकास मंत्रालय और इज़राइल द्वारा राज्य में माइक्रो इरीगेशन और हाईटेक एग्रीकल्चर को बढ़ावा देने के लिये हरदा में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस खोले जाने पर सहमति बनी। राज्य सरकार द्वारा मिशन वात्सल्य की निगरानी, मूल्यांकन एवं समीक्षा के लिये राज्य बाल कल्याण एवं संरक्षण समिति गठित की गई है। 10 अगस्त,
बैठक एवं सम्मेलन - (May 2023)
66वीं अखिल भारतीय पुलिस ड्यूटी मीट 2022-23 का आयोजन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में की गई। इस मीट में अलग–अलग प्रदेशों के 24 दल शामिल हुए। 22 फरवरी, 2023 को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के छतरपुर ज़िले के खजुराहो में जी-20 संस्कृति कार्यसमूह की बैठक का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मध्य प्रदेश
पर्यावरण संरक्षण संबंधी पहलें - (May 2023)
12 सितंबर, 2022 को राज्य शासन द्वारा ज़िला कलेक्टर्स की अध्यक्षता में वेटलैंड संरक्षण समितियों का गठन किया गया। 15 जुलाई, 2022 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिपरिषद द्वारा एप्लीकेशंस/डाटा की सुरक्षा के लिये सुरक्षा संचालन केंद्र (Security Operations Centre) स्थापित करने का निर्णय लिया गया। 26 जुलाई, 2022 को राज्य शासन द्वारा पेंच टाइगर रिज़र्व
स्वास्थ्य एवं पोषण - (May 2023)
राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के 2021-22 के प्रतिवेदन के अनुसार, ‘आयुष्मान भारत’ योजना में शिकायतों के निवारण को लेकर देश में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। पश्चिम मध्य रेल भोपाल मंडल के रानी कमलापति रेलवे स्टेशन को भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण द्वारा ‘फाइव स्टार ईट राइट स्टेशन (Five Star Eat Right Station)’ प्रमाणित किया गया है। 12 मई, 2022
शिक्षा एवं कौशल विकास - (May 2023)
22 जनवरी, 2023 को सिंगरौली जिले में 248.27 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले शासकीय मेडिकल कॉलेज का शिलान्यास किया गया। इसके साथ ही 60.30 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाले माइनिंग इंजीनियरिंग कॉलेज की भी स्थापना की जा रही है। मध्य प्रदेश सरकार के चिकित्सा शिक्षा नवाचार ‘मेडिकल नॉलेज शेयरिंग मिशन’ के अंतर्गत अमेरिकन एसोसिएशन ऑफ
सामाजिक सुरक्षा - (May 2023)
28 जनवरी, 2023 को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नर्मदापुरम (होशंगाबाद) ज़िले में ‘लाडली बहना योजना’ शुरू किये जाने की घोषणा की। 9 नवंबर, 2022 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में सार्वजनिक वितरण प्रणाली एवं अन्य कल्याणकारी योजनाओं में ‘मुख्यमंत्री युवा अन्नदूत’ योजना लागू करने का निर्णय लिया गया है।
आधारभूत संरचना - (May 2023)
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने सेतु बंधन योजना के अंतर्गत मध्य प्रदेश के भोपाल, सिवनी और ग्वालियर ज़िलों में चार महत्त्वपूर्ण विकास परियोजनाओं को मंज़ूरी दी है। 15 नवंबर, 2022 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की रातापानी-औबेदुल्लागंज-इटारसी फोरलेन परियोजना (एनएच-46) शिलान्यास किया। 9 अक्टूबर, 2022 को राज्य सरकार द्वारा प्रदान की गई
उद्योग - (May 2023)
वित्तीय कार्य-प्रणाली को और सरल, सुदृढ़ एवं हितग्राही मूलक बनाने के उद्देश्य से आधार आधारित भुगतान की नयी व्यवस्था 16 जनवरी, 2023 से प्रदेश के सभी कोषालयों (treasuries) में लागू हो गई है। मध्य प्रदेश सरकार के द्वारा देवास, हरदा और रीवा तीन ज़िलों को ‘एक ज़िला-एक उत्पाद’योजना में बाँस उत्पादन के लिये चयनित किया गया है। 10 फरवरी,
कृषि एवं संबंधित क्षेत्र - (May 2023)
किसान-कल्याण तथा कृषि विकास मंत्रालय (Department of Agriculture & Farmers Welfare) के अनुसार, कृषि अधो-संरचना मद (Agriculture Infrastructure Fund) के क्रियान्वयन में मध्य प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है। 19 फरवरी, 2023 को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा प्रदान की गई जानकारी के अनुसार, मध्य प्रदेश को केंद्रीय सिंचाई एवं ऊर्जा ब्यूरो (Central Bureau of Irrigation and Power) द्वारा
विविध - (May 2023)
16 नवंबर, 2022 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता से हुई कैबिनेट बैठक में राज्य की नई पर्यटन नीति-2022 को मंज़ूरी मिली। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा गोरखपुर के मुंडेरा बाज़ार नगर पंचायत का नाम जल्द ही चौरीचौरा रखा जाना है।केंद्रीय गृह मंत्रालय ने नाम परिवर्तन को लेकर अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) जारी कर दिया है। उत्तर प्रदेश
खेल घटनाक्रम - (May 2023)
9 नवंबर, 2022 को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रदान की गई जानकारी के अनुसार,नेशनल यूनिवर्सिटी गेम्स का आयोजन प्रदेश के चार शहरों लखनऊ, गोरखपुर, वाराणसी तथा नोएडा में होगा। इसमें रोईंग, बास्केटबाल, जूडो, कबड्डी, कुश्ती, स्वीमिंग, बॉक्सिंग सहित लगभग 20 खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन होगा। 18 जनवरी, 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उत्तर प्रदेश
रिपोर्ट एवं रैंकिंग - (May 2023)
1 अक्टूबर, 2022 को जारी स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 की रैंकिंग में 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में उत्तर प्रदेश के गाज़ियाबाद ने प्रदेश में पहला और देश में 12वाँ स्थान प्राप्त किया है। स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 की एक लाख से 10 लाख की आबादी वाले शहर में नोएडा देश में पाँचवे और प्रदेश में पहले नंबर पर है।
पुरस्कार एवं सम्मान - (May 2023)
22 जनवरी, 2023 को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रदान की गई जानकारी के अनुसार, राज्य सरकार देश-विदेश में प्रदेश का नाम रोशन करने वाली विभूतियों को ‘उत्तर प्रदेश गौरव सम्मान’ से सम्मानित करेगी। इस नई सम्मान योजना के लिये 50 लाख रुपए की धनराशि की प्रशासकीय और वित्तीय स्वीकृति प्रदान की गई है। प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी-पीएम) ने
संस्थान एवं निकाय - (May 2023)
14 नवंबर, 2022 को उत्तर प्रदेश डीजीपी मुख्यालय ने लखनऊ, कानपुर नगर और वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट के पुनर्गठन को मंज़ूरी दे दी। कानपुर नगर और वाराणसी में एक-एक नए ज़ोन गठित किये गये है, जबकि लखनऊ ग्रामीण के थानों को लखनऊ में समायोजित कर दिया गया है। 1 नवंबर, 2022 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के
बैठक एवं सम्मेलन - (May 2023)
10 फरवरी 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लखनऊ में उत्तर प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 के दौरान सबसे युवा मोटरबाइक रेसर श्रेयश हरीश को सम्मानित किया। ये विश्व रेस में क्वालीफाई करने वाले पहले भारतीय हैं। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 (यूपी जीआईएस-2023) का आयोजन किया गया था। 8 से 11 अक्टूबर, 2022
पर्यावरण एवं जैव विविधता संरक्षण - (May 2023)
उत्तर प्रदेश में स्वच्छ, हरित और नियोजित शहरों को सुनिश्चित करने के लिये, राज्य सरकार द्वारा शहरी निकायों में इंदौर के ठोस अपशिष्ट प्रबंधन (SWM) मॉडल को लागू की जाएगी। 16 नवंबर, 2022 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में उत्तर प्रदेश सौर ऊर्जा नीति-2022 को मंज़ूरी दी गई, यह नीति पाँच
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण - (May 2023)
9 नवंबर, 2022 को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रदान की गई जानकारी के अनुसार, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) को नेशनल हेल्थ मिशन द्वारा राज्य के शहरी क्षेत्र में संचालन को मंज़ूरी प्रदान कर दी गई है। पहले चरण में प्रदेश के 15 ज़िलों में तथा दूसरे चरण में 16 ज़िलों में योजना लागू की जाएगी। 26 दिसंबर, 2022 को
शिक्षा एवं कौशल विकास - (May 2023)
राज्य के मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस पाठ्यक्रमों के लिये हिन्दी भाषा की पाठ्य-पुस्तक पेश करने हेतु सरकार ने तीन सदस्यीय पैनल का गठन किया है। 18 दिसंबर, 2022 को अमेरिका के आस्टिन यूनिवर्सिटी और उत्तर प्रदेश के प्रतिनिधिमंडल के मध्य उत्तर प्रदेश में नॉलेज स्मार्ट सिटी के लिये 35 हज़ार करोड़ रुपए के निवेश से संबंधित एमओयू पर साइन किया
सामाजिक सुरक्षा - (May 2023)
उत्तर प्रदेश सरकार राज्य की महिलाओं को आर्थिक रूप से और सक्षम बनाने के लिये ‘लखपति महिला कार्यक्रम’ शुरू की गई है। इसके माध्यम से प्रारंभिक तीन वर्षों में 15 लाख महिलाओं को लखपति बनाए जाने की योजना है। 23 सितंबर, 2022 को उत्तर प्रदेश विधानसभा ने महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराधों पर अंकुश लगाने के लिये दंड प्रक्रिया
आधारभूत संरचना - (May 2023)
20 नवंबर, 2022 को उत्तर प्रदेश के महराजगंज ज़िले के सोनौली में एयरपोर्ट की तर्ज पर इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट (आईसीपी) लैंडपोर्ट बनेगा। 10 नवंबर, 2022 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में तीन हज़ार से पाँच हज़ार सीट क्षमता वाले एक बड़ा कन्वेंशन सेंटर बनाने का निर्देश दिया है। केंद्र सरकार की नवरत्न कंपनी सतलुज जल विद्युत
औधोगिक क्षेत्र - (May 2023)
फरवरी, 2023 में जारी एक अधिसूचना के अनुसार, उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर और खुर्जा विकास प्राधिकरण के 55 गांव अब यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) में शामिल हो गए हैं। पूर्व में, यमुना प्राधिकरण के अधिसूचित क्षेत्र में गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़, हाथरस, मथुरा और आगरा ज़िले आते हैं। अभी तक बुलंदशहर ज़िले के 40 गाँव प्राधिकरण के
कृषि एवं संबंधित क्षेत्र - (May 2023)
14 फरवरी, 2023 को केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने उत्तर प्रदेश के आँवला (बरेली) और फूलपुर (प्रयागराज) में इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोआपरेटिव लिमिटेड (Indian Farmers Fertilizer Cooperative Limited -IFFCO) के नैनो यूरिया तरल (Nano Urea Liquid plants) संयंत्रों का उद्घाटन किया। 13 अक्टूबर, 2022 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल की
वस्तुनिष्ठ मॉडल प्रश्न - (May 2023)
सामान्य अध्ययन पर आधारित इस खंड के अंतर्गत हम सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा हेतु महत्वपूर्ण 50 वस्तुनिष्ठ मॉडल प्रश्न प्रस्तुत कर रहे हैं, जिसमें सामान्य अध्ययन के सभी विषयों को कवर किया गया है। इन प्रश्नों के उत्तर व्याख्यात्मक रूप में प्रस्तुत किये गए हैं तथा व्याख्या में प्रश्न से संबंधित अतिरिक्त अध्ययन सामग्री को भी समाहित किया गया है, जो
ग्रेफीन - (May 2023)
सेंटर फॉर नैनो एंड सॉफ्ट साइंसेज (CeNS) की एक टीम ने 'ग्रेफीन स्टेबलाइज्ड ट्यूनीबल फोटोनिक क्रिस्टल' विकसित किया है। इससे अत्यधिक टिकाऊ और बेहतर परावर्तक डिस्प्ले तथा लेजा डिवाइस बनाया जा सकता है। फोटोनिक क्रिस्टल प्रकाशीय (Optical) नैनो संरचनाएं होती हैं। इनमें अपवर्तक सूचकांक समय-समय पर बदलता रहता है। ग्रेफीन कार्बन का एक अपरूप है, इसमें परमाणुओं की एकल परत
मंथन प्लेटफार्म - (May 2023)
हाल ही में, भारत सरकार (गवर्नमेंट ऑफ इंडिया) के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार द्वारा मंथन प्लेटफॉर्म के शुभारंभ की घोषणा की गई। इस प्लेटफार्म का उद्देश्य उद्योग और वैज्ञानिक अनुसंधान तथा विकास पारिस्थितिक तंत्र के मध्य बड़े पैमाने पर सहयोग को बढ़ावा देना है। इससे संयुक्त राष्ट्र द्वारा परिभाषित सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) के चार्टर के अनुरूप भारत के सतत विकास
क्रेस्कोग्राफ - (May 2023)
क्रेस्कोग्राफ (Crescograph) पौधों की वृद्धि को मापने वाला एक यन्त्र है। इसका विकास वर्ष 1928 में जगदीश चन्द्र बोस ने किया था। इस यंत्र का विकास बाह्य उत्प्रेरको के अधीन पौधों के सूक्ष्म विकास एवं परिवर्तन को प्रदर्शित करने के लिए किया गया था। इस यंत्र की मदद से पौधों में 1 इंच के 1/100000 जितनी छोटी वृद्धि का पता
लार्ज हैड्रॉन कोलाइडर - (May 2023)
लार्ज हैड्रॉन कोलाइडर एक विशाल, जटिल मशीन है जिसे उन कणों का अध्ययन करने के लिये बनाया गया है जो सभी चीज़ों के सबसे छोटे ज्ञात मूलभूत अंग हैं। अपनी परिचालन अवस्था में यह सुपरकंडक्टिंग इलेक्ट्रोमैग्नेट्स (Superconducting Electromagnets) की एक रिंग के अंदर विपरीत दिशाओं में प्रकाश की गति से लगभग दो प्रोटॉनों को फायर करता है। सुपरकंडक्टिंग इलेक्ट्रोमैग्नेट्स द्वारा
क्वांटम टेलिपोर्टेशन - (May 2023)
यह वस्तुतः अज्ञात क्वांटम अवस्था को एक कण से दूसरे में स्थानांतरित करने की एक विधि है। दूसरे शब्दों में, क्वांटम टेलिपोर्टेशन वह तकनीक है जिसके द्वारा किसी पदार्थ की सूचना को दूर हेलो स्थित किसी अन्य स्थान पर भेजा जा सकता है। प्राप्त सूचना के आधार पर उस स्थान पर उस पदार्थ को पुनर्गठित किया जा सकता है जिसकी
क्लिक केमिस्ट्री - (May 2023)
क्लिक केमिस्ट्री शब्द वर्ष 2001 में केबी शार्पलेस ने प्रस्तुत किया था। इसका प्रयोग उन अभिक्रियाओं का वर्णन करने के लिये किया जाता है जिनमें अधिक मात्रा में केवल उप-उत्पाद निर्मित होते हैं तथा जिन्हें क्रोमैटोग्राफी के बिना हटाया जा सकता है। यह दवा सदृश्य अणुओं के संश्लेषण के लिये एक नया दृष्टिकोण है जो कुछ व्यावहारिक और विश्वसनीय अभिक्रियाओं
रोशनी - (May 2023)
रोशनी (Roshini) भारत की पहली खारे पानी से जलने वाली लालटेन है। इसमें लगे एल.ई.डी. लेंप (LED Lamp) में विद्युत आपूर्ति के लिये विशेष प्रकार से डिज़ाइन इलेक्ट्रोड में इलेक्ट्रोलाइट के रूप में समुद्र के खारे जल का उपयोग किया गया है। इसे राष्ट्रीय महासागर प्रौद्योगिकी संस्थान (NIOT), चेन्नई द्वारा विकसित किया गया है। इस प्रौद्योगिकी का उपयोग देश के
हाइड्रोजन फ्यूल सेल - (May 2023)
हाइड्रोजन फ्यूल सेल उच्च गुणवत्ता वाली विद्युत शक्ति का एक स्वच्छ, विश्वसनीय, निर्बाध और कुशल स्रोत है। स्वच्छ वैकल्पिक ईंधन विकल्प के लिये हाइड्रोजन पृथ्वी पर उपलब्ध सबसे प्रचुर तत्त्वों में से एक है। हाइड्रोजन फ्यूल सेल में एक विद्युत रासायनिक प्रक्रिया के परिचालन हेतु फ्यूल के रूप में हाइड्रोजन का उपयोग किया जाता है। इस रासायनिक प्रक्रिया में विद्युत
फ्लेक्स फ्यूल व्हीकल्स - (May 2023)
फ्लेक्स फ्यूल व्हीकल्स (Flex Fuel Vehicles-FFV) वाहनों का एक संशोधित संस्करण है, जिसे विभिन्न स्तर के इथेनॉल मिश्रण के साथ गैसोलीन तथा मिश्रित पेट्रोल दोनों का उपयोग कर चलाया जा सकता है। वर्तमान में ब्राजील में इसका सफलतापूर्वक प्रयोग किया जा रहा है, जिससे लोगों को वाहनों में ईंधन को स्विच करने का विकल्प मिला है। इससे चालित वाहनों में
लिथियम-आयन बैटरी - (May 2023)
लिथियम एक रासायनिक तत्व है जिसका प्रतीक Li और परमाणु संख्या 3 है। यह एक नरम, चांदी के समान सफेद धातु है जो तत्वों के क्षार धातु समूह (Alkali Metal Group) से संबंधित है। अपने कम परमाणु भार, उच्च तापीय चालकता और कम प्रतिक्रियाशीलता के कारण, लिथियम का उपयोग औद्योगिक और उपभोक्ता अनुप्रयोगों की एक विस्तृत श्रृंखला में किया जाता
हाइपरलूप प्रौद्योगिकी - (May 2023)
'हाइपरलूप' (Hyperloop) यात्री और कार्गो के लिए 'अल्ट्रा-हाई-स्पीड' जमीनी यातायात सिस्टम (Ground transportation system) है, जिसकी अवधारणा सर्वप्रथम 2013 में टेस्ला और स्पेसएक्स के सीईओ (Tesla and SpaceX CEO) एलोन मस्क द्वारा प्रस्तुत की गयी थी । सिस्टम में सीलबंद और आंशिक रूप से खाली ट्यूब होते हैं, जो बड़े महानगरीय क्षेत्रों में गतिशीलकेंद्रों (मोबिलिटी सेंटर) को जोड़ते हैं, और
स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर - (May 2023)
स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर (SMR) ऐसे परमाणु रिएक्टर होते हैं जो केवल 10 से 300 मेगावाट बिजली उत्पादित करते हैं। इनके मॉड्यूलर डिजाइन और छोटे आकार के चलते ज़रूरत के मुताबिक एक ही साइट पर इनकी कई यूनिट्स लगाई जा सकती हैं। इनकी विविधता और साधारण डिजाइन के चलते इन्हें उन स्थानों पर भी लगाया जा सकता है जो पारंपरिक तौर
प्रायोगिक उन्नत सुपरकंडक्टिंग टोकामक रिएक्टर - (May 2023)
प्रायोगिक उन्नत सुपरकंडक्टिंग टोकामक (EAST) रिएक्टर चीन के हेफेई में 'चीनी विज्ञान अकादमी' (ASIPP) के प्लाज्मा भौतिकी संस्थान में स्थित एक उन्नत परमाणु संलयन प्रयोगात्मक अनुसंधान उपकरण है। चीन ने इस प्रोजेक्ट की शुरुआत वर्ष 2006 में की थी। चीन ने कृत्रिम सूरज को एचएल-2एम (HL-2M) नाम दिया है, इसे चाइना नेशनल न्यूक्लियर कॉर्पोरेशन के साथ साउथवेस्टर्न इंस्टीटड्ढूट ऑफ फिजिक्स
अंतरराष्ट्रीय थर्मोन्यूक्लियर प्रायोगिक रिएक्टर - (May 2023)
अंतरराष्ट्रीय थर्मोन्यूक्लियर प्रायोगिक रिएक्टर (ITER) एक बड़े पैमाने का वैज्ञानिक प्रयोग है जिसका उद्देश्य ऊर्जा स्रोत के रूप में संलयन की व्यवहार्यता को सिद्ध करना है। यह दक्षिणी फ़्रांस के सेंट पॉल लेज़ ड्यूरेंस में निर्माणाधीन है। इस परियोजना में 35 देश भागीदार हैं, जिनमें 27 यूरोपीय संघ के देश, स्विट्जरलैंड, यूनाइटेड किंगडम, चीन, भारत, जापान, दक्षिण कोरिया, रूस और
नाभिकीय विखंडन और नाभिकीय संलयन - (May 2023)
विखंडन एक भारी तत्त्व (उच्च परमाणु द्रव्यमान संख्या के साथ) को टुकड़ों में विभाजित करता है, जबकि संलयन दो हल्के तत्त्वों (कम परमाणु द्रव्यमान संख्या के साथ) को जोड़ता है, जिससे एक भारी तत्त्व बनता है। किसी ईंधन के प्रति ग्राम नाभिकीय विखंडन से उत्पादित ऊर्जा की अपेक्षा नाभिकीय संलयन की अभिक्रिया में चार गुना अधिक ऊर्जा उत्पादित होती है।
मारबर्ग वायरस रोग - (May 2023)
मारबर्ग वायरस रोग (MVD) अत्यधिक संक्रामक वायरल रक्तस्रावी बुखार है। इसमें मृत्यु दर लगभग 88% तक पाई गई है। यह रोग 'इबोला वायरस' के वंश से संबंधित है। टैरोपोडिडे कुल के फलाहारी चमगादड़ (Fruit Bats) इसरो के प्रमुख वाहक हैं। यह लोग इन चमगादड़ों से लोगों में फैलता है। फिर यह मानव से मानव संचरण के माध्यम से अन्य मनुष्य
लंपी त्वचा रोग - (May 2023)
लंपी त्वचा रोग (Lumpy Skin Disease- LSD) एक व्यक्ति जनित चेचक रोग है, जो 'कैप्री पॉक्सवायरस' (Capri Poxvirus) के कारण होता है। यह रोग अनुवांशिक रूप से 'गोट पॉक्स' और 'शीप पॉक्स' परिवार से संबंधित है। LSD मुख्य रूप से रक्त पर आश्रित कीटों जैसे वाहको के माध्यम से मवेशियों और जल भैंस को संक्रमित करता है। यह 'जूनोटिक रोग'
वाइट स्पॉट सिंड्रोम वायरस - (May 2023)
यह 'क्रष्टेशियाई जीवों' का डीएनए (DNA) आधारित अत्यधिक संक्रामक रोग है। यह संवर्धित (Cultured) झींगो में उच्च मृत्यु दर का कारण बन सकता है। यह वायरस केवल 'क्रष्टेशियाई जीवों' (झींगे, लोबस्टर एवं केकड़े) को संक्रमित करता है। अब तक किसी अन्य ज्ञात वायरस से इसका संबंध प्रकट नहीं हुआ है। वर्तमान समय में इस बीमारी को अनियंत्रित होने और फैलने
कैनाइन डिस्टेंपर - (May 2023)
हाल ही में गुजरात बायोटेक्नोलॉजी रिसर्च सेंटर द्वारा एशियाई शेरों के लिए 'कैनाइन डिस्टेंपर वायरस' (CDV) वैक्सीन का विकास किया गया है। कैनाइन डिस्टेंपर 'पैरामाएक्सो वायरस' नामक विषाणु के कारण होता है। यह शरीर के तरल पदार्थों यथा- संक्रमित मूत्र, रक्त और लार से प्रसारित होता है। यह वायरस मुख्य रूप से कुत्तों के बच्चों और वयस्क कुत्तों के श्वसन,
काला अजार - (May 2023)
काला अजार को ब्लैक फीवर या विसरल लिशमैनियशिस के रूप में भी जाना जाता है। यह मलेरिया के पश्चात दुनिया का दूसरा सबसे घातक परजीवी रोग है। यह प्रोटोजोआ परजीवी जनित रोग है, जो सैंडफ्लाई के काटने से फैलता है। ये सैंडफ्लाई 'लिशमैनिया डोनोंवानी' नामक परजीवी से संक्रमित होती है। इस रोग का संबंध मुख्य रूप से कुपोषण, आवास की
ट्रेकोमा - (May 2023)
ट्रेकोमा (Trachoma) एक आंख का संक्रमण है। यह रोग 'क्लैमाइडिया ट्रेकोमैटिस' नामक जीवाणु के कारण होता है। मलावी देश, ट्रेकोमा का उन्मूलन करने वाला पहला दक्षिण अफ्रीकी देश बन गया है। भारत ने वर्ष 2017 में ट्रेकोमा का उन्मूलन कर दिया था। विश्व स्वास्थ संगठन के अनुसार सक्रिय ट्रेकोमा को उस स्थिति में समाप्त मान लिया जाता है, जब 10
शिगेला जीवाणु - (May 2023)
शिगेला जीवाणुओं का एक वंश है। यह शिगेलोसिस नामक संक्रमण का कारण बनता है। शिगेलोसिस एक जठरांत्र (Gastrointestinal) संक्रमण है। यह विश्व भर में जीवाणु जनित डायरिया का दूसरा प्रमुख कारण है। यह 5 वर्ष से कम आयु के बच्चों में मृत्यु का तीसरा प्रमुख कारण है। यह जीवाणु अधिकांश निम्न अथवा मध्यम आय वाले देशों (LMICs) में स्थानीय महामारी
सिकल सेल एनीमिया - (May 2023)
सिकल सेल एनीमिया (Sickle Cell Anaemia) रोग अनुवांशिक उत्परिवर्तन के कारण होता है। इसके कारण लाल रक्त कोशिकाओं (RBCs) में हिमोग्लोबिन आपस में आबद्ध हो जाते हैं। यह रोग RBCs के आकार को प्रभावित करता है। RBCs आमतौर पर गोल और लचीली होती है इसलिए वे रक्त वाहिकाओं के माध्यम से आसानी से गतिशील हो जाती हैं। सिकल सेल एनीमिया
इनकोवैक - (May 2023)
भारत बायोटेक द्वारा विकसित कोविड-19 के लिए विश्व की पहली नेजल वैक्सीन 'इनकोवैक' (INCOVACC) को भारत में आपातकालीन उपयोग के लिए स्वीकृति प्रदान की गई है। यह एक रिकांबिनेंट एप्लीकेशन डिफिशिएंसी एडिनोवायरस वेक्टर्ड वैक्सीन (RADAVV) है। इसमें प्रीफ्यूजन स्टेबलाइज़्ड स्पाइक प्रोटीन होता है। यह वैक्सीन एंटीबॉडी का उत्पादन करने के साथ संक्रमण फैलने की दर के जोखिम को भी कम
पेन प्लस स्ट्रेटजी - (May 2023)
अफ्रीका ने टाइप 1 मधुमेह (T1D), रूमेटिक हृदय रोग (RHD) और सिकल सेल रोग जैसे गंभीर गैर संचारी रोगों (NCD) के निदान हेतु 'पेन प्लस स्ट्रेटजी' नामक रणनीति अपनाई है। पेन प्लस स्ट्रेटजी (PEN Plus Strategy) प्राथमिक स्तर पर देखभाल सेवाओं के विकेंद्रीकरण का समर्थन करती है। इसे विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा वर्ष 2010 में अपनाया गया
ह्यूमन पपिलोमा वायरस - (May 2023)
सरकार ने सिरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा विकसित देश की पहली क्वाड्रीवैलेंट ह्यूमन पपिलोमा वायरस वैक्सीन (qHPV) 'सर्वावैक' (Cervavac) को बाजार में बेचने के लिए मंजूरी प्रदान कर दी है। ह्यूमन पपिलोमा वायरस (HPV) एक यौन संचारित वायरस है। यह सर्वाइकल कैंसर का कारण बन सकता है। इससे सर्वाइकल कैंसर को ठीक किया जा सकता है। इसके लिए विश्व स्तर
मंकीपॉक्स - (May 2023)
हाल ही में, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मंकीपॉक्स (Monkeypox) रोग के लिए नए नाम 'mpox' की सिफारिश की है क्योंकि वर्तमान नाम को नक्सलवादी और कलंकित माना जाता है। मंकीपॉक्स एक पशुजन्य (जूनोटिक) रोग है। यह ऑर्थोपॉक्सवायरस जीनस से संबंधित वायरस के कारण होता है। ऑर्थोपॉक्सवायरस जीनस में वेरीयोला वायरस (जो चेचक का कारण है), वैक्सीनिया वायरस (चेचक के टीके
ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन - (May 2023)
ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन (ORS) इलेक्ट्रोलाइट्स (लवण) और कार्बोहाइड्रेट (चीनी के रूप में) का मिश्रण होता है। यह जल में घुलनशील होता है। ORS का उपयोग गैस्ट्रोएन्टराइटिस Gastroenteritis), अतिसार या उल्टी होने के कारण होने वाले डिहाइड्रेशन के दौरान शरीर से निकले लवण और जल की भरपाई के लिए किया जाता है। इसमें इलेक्ट्रोलाइट्स के रूप में पोटैशियम और सोडियम होते
राइस फोर्टिफिकेशन - (May 2023)
राइस फोर्टिफिकेशन के तहत चावल में आयरन, फोलिक एसिड तथा विटामिन B12 जैसे सूक्ष्म पोषक तत्वों को मिलाया जाता है। फोर्टीफाइड चावल में खाद्य सुरक्षा मानक (खाद्य पदार्थों का सुदृढ़ीकरण) विनियमन 2018 द्वारा निर्दिष्ट स्तरों के अनुसार अनिवार्य सूक्ष्म पोषक तत्व (आयरन, फोलिक एसिड तथा विटामिन B12) अथवा वैकल्पिक घटक (जस्ता, विटामिन ए, थायमिन, नियासिन, पायरीडॉक्सीन तथा राइबोफ्लेविन) शामिल होने
फूड फोर्टिफिकेशन - (May 2023)
फूड फोर्टिफिकेशन का आशय आहार/खाद्य पदार्थों में आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्वों की मात्रा में वृद्धि करने से है। इसका उद्देश्य भोजन की गुणवत्ता में सुधार करना और स्वास्थ्य के समक्ष न्यूनतम जोखिम के साथ लोक स्वास्थ्य लाभ प्रदान करना है। फूड फोर्टिफिकेशन को खाद्य सुरक्षा और मानक (खाद्य उत्पाद मानक और खाद्य सहयोज्य) विनियम, 2018 के तहत विनियमित किया जाता
वन हेल्थ - (May 2023)
हाल ही में संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO), संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP), विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) तथा विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन (WOAH) नामक चार बहुपक्षीय एजेंसियों द्वारा 'वन हेल्थ संयुक्त कार्य योजना (OHJPA) 2022-2026' की शुरुआत की गई है। इस योजना का लक्ष्य क्षमता और प्रणालियों को एकत्रित करने के लिए एक फ्रेमवर्क तैयार करना है। इसका
सेल्फ एम्पलीफायिंग मैसेंजर आरएनए वैक्सीन - (May 2023)
पारंपरिक वैक्सीन के अंतर्गत शरीर में वायरस या बैक्टीरिया के कमजोर रूप को इंजेक्ट किया जाता है। वहीं दूसरी तरफ, सेल्फ एम्पलीफायिंग मैसेंजर आरएनए (mRNA) वैक्सीन प्रतिरक्षा प्रणाली को सक्रिय करने के लिए वायरस के जीन के हिस्से का उपयोग करती है। mRNA वैक्सीन कोशिकाओं को स्पाइक प्रोटीन की प्रतियां निर्मित करने में मदद करती है। इससे वास्तविक संक्रमण होने
प्रतिसूक्ष्मजीवी/रोगाणुरोधी प्रतिरोध - (May 2023)
रोगाणुरोधी प्रतिरोध (AMR) किसी सूक्ष्मजीव (जैसे-जीवाणु, कवक विषाणु और कुछ परजीवियों) की वह क्षमता है, जिसके कारण यह किसी एंटीमाइक्रोबॉयल औषधि (जैसे- एंटीबायोटिक, एंटीफंगल, एंटीवायरल आदि) को अपने विरुद्ध कार्य करने से प्रतिबंधित करते हैं। दुनिया के सभी क्षेत्रों में रोगाणुरोधी प्रतिरोध देखने को मिलता है। विश्व स्वास्थ संगठन ने रोगाणुरोधी प्रतिरोध को मानवता के समक्ष मौजूद शीर्ष 10 वैश्विक
बीपीएल - (May 2023)
बीपीएल (BPaL) छह महीने की खुराक वाला क्षय रोग का एक उपचार है। तीन दवाओं वाली यह खुराक पूर्ण रूप से मुख द्वारा ली जाती है। इसका उपयोग क्षय रोग के अत्यधिक दवा प्रतिरोधी रूपों से पीड़ित मरीजों के इलाज के लिए किया जाता है। BPaL तीन नई एंटीबायोटिक दवाओं का संयोजन है। इस संयोजन में बेडाक्विलाइन, प्रीटोमेनिड तथा लाइनजोलिड
पारंपरिक ज्ञान डिजिटल लाइब्रेरी - (May 2023)
वर्ष 2001 में स्थापित 'पारंपरिक ज्ञान डिजिटल लाइब्रेरी' (TKDL) भारतीय पारंपरिक ज्ञान का डेटाबेस है। इसे वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद तथा आयुष मंत्रालय के सहयोग से स्थापित किया गया है। पारंपरिक ज्ञान पर यह विश्व में अपनी तरह का पहला डेटाबेस है। यह पेटेंट के माध्यम से दुनिया भर में भारत के पारंपरिक औषधीय ज्ञान के दुरुपयोग को रोकने
ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडीशनल मेडिसिन - (May 2023)
हाल ही में, गुजरात के जामनगर में दुनिया के प्रथम और एकमात्र ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडीशनल मेडिसिन (GCTM) को आरंभ किया गया है। यह सेंटर पारंपरिक ज्ञान प्रणालियों के डेटाबेस को तैयार करने तथा अनुसंधान के लिए धन जुटाने के साथ परीक्षण और प्रमाणन हेतु अंतरराष्ट्रीय मानक तैयार करेगा। इसे एक ऐसे मंच के रूप में विकसित किया जाएगा जहां
जैविक अनुसंधान विनियामक अनुमोदन पोर्टल - (May 2023)
हाल ही में, जैव-प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा एक ही पोर्टल पर जैविक अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों के विनियामक अनुमोदन की मांगों को पूरा करने के लिए जैविक अनुसंधान विनियामक अनुमोदन पोर्टल अथवा 'BioRRAP' पोर्टल को विकसित किया गया है। इस पोर्टल के माध्यम से उत्पन्न BioRRAP आई.डी. को अनेक विनियामक एजेंसियों के पोर्टल से जोड़ा गया है। इससे जैविक अनुसंधान कार्यों
भारतीय जैविक डेटा केंद्र - (May 2023)
हाल ही में, राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC) के सहयोग से फरीदाबाद स्थित 'क्षेत्रीय जैव प्रौद्योगिकी' केंद्र (RCB) में 'भारतीय जैविक डेटा केंद्र' (IBDC) की स्थापना की गई है। IBDC भारत में जीवन विज्ञान संबंधी डेटा के लिए पहला राष्ट्रीय भंडार (रिपोजिटरी) है। यह सार्वजनिक रूप से वित्त-पोषित अनुसंधान से प्राप्त जीवन विज्ञान संबंधी सभी प्रकार के डेटा के संग्रह
धारा मस्टर्ड हाइब्रिड-11 - (May 2023)
धारा मस्टर्ड हाइब्रिड-11 (DMH-11) ट्रांसजेनिक हाइब्रिड सरसों की एक किस्म है। अनुवांशिक इंजीनियरिंग मूल्यांकन समिति (GEAC) ने इसकी खेती के लिए पर्यावरणीय मंजूरी देने की सिफारिश की है। DMH-11 का विकास दिल्ली विश्वविद्यालय के 'सेंटर फॉर जेनेटिक मैनिपुलेशन ऑफ क्रॉप प्लांट्स' (CGMCP) द्वारा किया गया है। इसे सरसों की पूर्वी यूरोपीय किस्म 'अर्ली हीरा' म्युटेंट (बारस्टार) और भारतीय किस्म 'वरुण'
बीजी-2 आरआरएफ - (May 2023)
बीजी-2 आरआरएफ (BG-2 RRF) बीटी कपास की एक शाकनाशी, सहिष्णु एवं कीट प्रतिरोधी किस्म है। इस फसल के फील्ड ट्रायल हेतु इसके लिए हरियाणा सरकार ने अनापत्ति-प्रमाण पत्र (NOC) जारी किया है। भारत में केवल BG-1 और BG-2 जीएम कपास के व्यवसायिक उपयोग की अनुमति प्राप्त है। BG-2 RRF फसल अनुमोदन के अलग-अलग चरणों में लंबित है। वर्तमान में उपलब्धBG-2
डीएनए प्रोफाइलिंग - (May 2023)
किसी व्यक्ति अथवा शारीरिक ऊतक के नमूने से एक विशिष्ट 'DNA पैटर्न' (जिसे प्रोफाइल कहा जाता है) प्राप्त करने की प्रक्रिया को डीएनए प्रोफाइलिंग (DNA Profiling) कहा जाता है। इसका उपयोग आपराधिक जांच प्रक्रिया में एक फोरेंसिक तकनीक के रूप में किया जाता है, जिसमें संदिग्ध अपराधियों के प्रोफाइल की डीएनए साक्ष्य (DNA evidence) से तुलना की जाती है जिससे
यामानाका जीन - (May 2023)
वैज्ञानिकों द्वारा इंटरल्यूकिन-6 (IL-6) नामक एक 'तनाव कारक’ (Stress Factor) की खोज की गई है, जो एक प्रो-इन्फ्लेमेटरी अणु (Pro-Inflammatory Molecule) होता है तथा यामानाका जीन (Yamanaka Genes) की क्षमता को कम करने के के लिए उत्तरदायी हो सकता है। यामानाका जीन मानव शरीर के ऐसे चार आवश्यक जीन हैं, जो हमारे शरीर में कोशिकाओं को रीप्रोग्राम कर सकते हैं।
थ्री पैरंट बेबी टेक्नोलॉजी/माइटोकांड्रियल रिप्लेसमेंट थेरेपी - (May 2023)
थ्री बेबी टेक्नोलॉजी को आईवीएफ टेक्नोलॉजी (IVF Technology) का ही विकसित रूप माना जाता है। इसके अंतर्गत संतान की उत्पत्ति के लिए पिता के शुक्राणु के साथ माता के अंडाणु एवं एक अन्य प्रदाता महिला के अंडाणु को शामिल किया जाता है। इस तकनीक के अंतर्गत माता के खराब माइटोकॉन्ड्रिया (Disordered mitochondria) को दाता (Doner) महिला के स्वस्थ माइटोकॉन्ड्रिया द्वारा
आणविक मोटर - (May 2023)
वैज्ञानिकों द्वारा 'डीएनए ओरिगामी' (DNA Origami) विधि का उपयोग करके एक आणविक पैमाने पर मोटर का निर्माण किया गया है। ओरिगामी विधि में नैनो स्तर पर 2D और 3D ऑब्जेक्ट बनाने के लिए DNA को मोड़ा जाता है। आणविक मोटर (Molecular motor) प्रोटीन का एक वर्ग है। यह रासायनिक ऊर्जा को यांत्रिक कार्य में परिवर्तित करके अन्तर्कोशिकीय गति को संचालित
क्लोनिंग - (May 2023)
किसी जैविक इकाई की आनुवांशिक रूप से पूर्णतः समरूप इकाई बनाने की प्रक्रिया को क्लोनिंग कहा जाता है। इन जैविक इकाइयों में जीन, कोशिका, ऊतक और यहां तक कि एक संपूर्ण जीव भी शामिल हो सकता है। समान आनुवांशिक सामग्री होने के बावजूद क्लोन हमेशा मूल जीव जैसे नहीं दिखते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि किसी जीव की शारीरिक
T और B कोशिकाएं - (May 2023)
इन कोशिकाओं को लिम्फोसाइट्स भी कहा जाता है। लिम्फोसाइट्स एक प्रकार की श्वेत रक्त कोशिकाएं होती हैं, जो प्रतिरक्षा प्रणाली का हिस्सा मानी जाती हैं। B कोशिकाएं एंटीबॉडी का उत्पादन करती हैं, जिनका उपयोग हमलावर बैक्टीरिया, वायरस और विषाक्त पदार्थों का मुकाबला करने के लिए किया जाता है। T कोशिकाएं बाहरी संक्रमण के विरुद्ध प्रत्यक्ष रूप से लड़ती हैं। यह
जीनोम संपादन प्रौद्योगिकी एवं ट्रांसजेनिक प्रौद्योगिकी - (May 2023)
दोनों प्रौद्योगिकियों के तहत किसी भी जीव के जीनोम में परिवर्तन किया जा सकता है। हालांकि, दोनों के मध्य अंतर भी स्पष्ट हैं। जीनोम संपादन, जीव के जीनोम में लक्षित जीन को हटाने अथवा उसमें परिवर्तन करने की तकनीक है। इसके परिणामस्वरूप निर्धारित उद्देश्य के तहत चयनित और वांछित लक्षणों वाले सजीव निर्मित होते हैं। दूसरी तरफ, ट्रांसजेनिक प्रौद्योगिकी में
जीनोमिक निगरानी - (May 2023)
जीनोमिक निगरानी (Genomic Surveillance) रोगजनकों (Pathogens) की निरंतर निगरानी और उनकी आनुवंशिक समानताओं एवं अंतरों का विश्लेषण करने की प्रक्रिया है। विभिन्न सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों (इबोला, हैजा एवं कोविड-19 आदि) में रोगज़नक़ को आणविक स्तर पर समझने के लिए जीनोमिक निगरानी का उपयोग किया जाता है। जीनोमिक निगरानी इस आधार पर कार्य करती है कि जीनोम (मनुष्यों, जानवरों, पौधों, बैक्टीरिया,
जीनोम अनुक्रमण - (May 2023)
सभी जीवों (सूक्ष्मजीवों, पौधों, स्तनधारियों) का एक अद्वितीय आनुवंशिक कोड या जीनोम होता है, जो न्यूक्लियोटाइड बेस (आधार) से बना होता है। इसके अंतर्गत एडेनिन, थाइमिन, साइटोसिन, गुआनिन (A, T, C और G) होते हैं। इन्हीं आधारों (Bases) के क्रम को क्रमबद्ध करना जीनोम अनुक्रमण (Genome Sequencing) कहलाता है। यह प्रयोगशाला में होने वाली एक प्रक्रिया है जो एक ही
टी-सेल एक्यूट लिम्फोब्लास्टिक ल्यूकेमिया - (May 2023)
टी-सेल एक्यूट लिम्फोब्लास्टिक ल्यूकेमिया (T-ALL) एक प्रकार का रक्त कैंसर है, जो अस्थि मज्जा में स्टेम कोशिकाओं को प्रभावित करता है। ये स्टेम कोशिकाएँ विशेष प्रकार की श्वेत रक्त कोशिकाओं (WBC) का उत्पादन करती हैं, जिन्हें टी- लिम्फोसाइट्स (T- Lymphocytes) या टी-कोशिकाएँ (T-Cells) कहा जाता है। इस रोग में कम से कम 20% डब्ल्यू.बी.सी. (WBC) असामान्य हो जाती हैं। ये
शिमेरिक एंटीजेन रिसेप्टर टी-सेल थेरेपी - (May 2023)
शिमेरिक एंटीजेन रिसेप्टर टी-सेल थेरेपी (CAR-T cell therapy) कैंसर के इलाज की एक आधुनिक विधि है। कीमोथेरेपी एवं इम्यूनोथेरेपी जैसी विधियों (जिनमें दवाइयों का उपयोग किया जाता है) के विपरीत CAR T-सेल थेरेपी के अंतर्गत रोगी की कोशिकाओं का उपयोग किया जाता है। उन्हें टी-कोशिकाओं को सक्रिय करने और ट्यूमर कोशिकाओं को लक्षित करने हेतु इनको प्रयोगशाला में संशोधित किया
क्रिस्पर-कैस 9 - (May 2023)
क्रिस्पर-कैस 9 (CRISPR-Cas 9) जीनोम एडिटिंग की एक पद्धति है जो वैज्ञानिकों को विशिष्ट जीन स्थान को लक्षित करने और डीएनए अनुक्रमों को बदलने और संपादित करने में मदद करती है। इस प्रणाली में मुख्यतः दो अणु सम्मिलित होते हैं जो डीएनए में परिवर्तन के कारक होते हैं-Cas 9 एवं गाइड आरएनए। Cas 9: यह एक एंजाइम है जो कि
साइट-डायरेक्टेड न्यूक्लियस तकनीक - (May 2023)
एडिटिंग की प्रकृति के आधार पर जीन एडिटिंग की संपूर्ण प्रक्रिया को तीन श्रेणियों में बाँटा गया है- साइट डायरेक्टेड न्यूक्लीज-1 (SDN1), साइट डायरेक्टेड न्यूक्लीज-2 (SDN2) और साइट डायरेक्टेड न्यूक्लीज-3 (SDN3)। साइट डायरेक्टेड न्यूक्लीज-1 (SDN-1) बाह्य या विदेशी आनुवंशिक सामग्री के प्रवेश के बिना ही छोटे सम्मिलन/विलोपन (Insertion/Deletion) के माध्यम से मेज़बान जीनोम के DNA में परिवर्तन का सूत्रपात करता
जीनोम एडिटिंग - (May 2023)
जीन संपादन या जीन एडिटिंग (Gene Editing) एक ऐसी तकनीक है जिसके द्वारा किसी जीव के डीएनए (DNA) को बदला जा सकता है। जीन एडिटिंग (Gene Editing in Hindi) वैज्ञानिकों को एक विशिष्ट डीएनए अनुक्रम (DNA Sequence) को लक्षित करने के लिए इंजीनियर किए गए एंजाइमों का उपयोग करके एक जीवित जीव के डीएनए में अत्यधिक विशिष्ट परिवर्तन करने की
तियागोंग - (May 2023)
चीन द्वारा हाल ही में 'तियागोंग' के लिए अंतिम मॉड्यूल को सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया है। तियागोंग वस्तुतः एक अंतरिक्ष स्टेशन है। इसे चीनी मानव युक्त अंतरिक्ष एजेंसी (CMSA) द्वारा निम्न भू-कक्षा (LEO) में स्थापित किया जा रहा है। यह नासा के नेतृत्व वाले अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के पश्चात, LEO में स्थापित दूसरा स्थाई मानव युक्त स्टेशन
डार्क स्काई रिजर्व - (May 2023)
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने लद्दाख के हनले में भारत के प्रथम 'डार्क स्काई रिजर्व' (Dark SKY Reserve) स्थापित करने की घोषणा की है। यह रिजर्व 'चांगथांग वन्यजीव अभ्यारण' का हिस्सा होगा। हनले में स्थापित किया जाने वाला यह डार्क स्काई रिजर्व ऑप्टिकल, इंफ्रारेड और गामा रे दूरबीनों की स्थापना के लिए दुनिया के सबसे ऊंचे स्थानों में से एक
क्षुद्रग्रह 2022 AP7 - (May 2023)
अंतरिक्ष वैज्ञानिकों द्वारा '2022 AP7' नामक एक नए 'संभावित रूप से खतरनाक क्षुद्रग्रह' (PHA) की खोज की गई है। पिछले 8 वर्षों में खोजा जाने वाला यह सबसे बड़ा खगोलीय पिंड है जो पृथ्वी के लिए संभावित रूप से खतरनाक है। इसकी चौड़ाई 1.5 किलोमीटर है। 1 किलोमीटर से अधिक आकार के किसी भी छुद्रग्रह को 'प्लेनेट किलर' माना जाता
बेटेल्गेयूज़ - (May 2023)
बेटेल्गेयूज़ (Betelgeuse) ओरायन तारामंडल का एक चमकदार 'लाल विशालकाय' (Red Gaint) तारा है। तारों के विकास की प्रक्रिया के अंतिम चरण में मरते हुए तारे को 'रेड जायंट' कहा जाता है। खगोलविदों के अनुसार वर्ष 2019 में बेटेल्गेयूज़ को एक विशाल 'सरफेस मास इंजेक्शन' (SME) से होकर गुजरना पड़ा था। इस प्रक्रिया के दौरान इसके द्वारा अन्य तारों की तुलना
गामा रे प्रस्फोट - (May 2023)
ऊर्जावान ब्रह्मांड विस्फोटों से उत्पन्न चमक युक्त एवं उच्च ऊर्जा युक्त विवरण गामा रे प्रस्फोट (Gamma Ray Burst- GRB) कहलाता है। गामा रे प्रस्फोट बिग बैंग की घटना के पश्चात से ब्रह्मांड में देखे गए सबसे शक्तिशाली विस्फोट माने जाते हैं। इन विस्फोटों से इतनी ऊर्जा उत्पन्न होती है, जितनी सूर्य अपने पूरे 10 बिलियन वर्ष के अस्तित्व के दौरान
तीव्र रेडियो प्रस्फोट - (May 2023)
तीव्र रेडियो प्रस्फोट (Fast Radio Bursts: FRBs) रेडियो तरंगों के चमकीले प्रस्फोट होते हैं। इनकी अवधि मिलीसेकंड-स्केल में होती है। इसी कारण इनका पता लगाना और आकाश में इनकी अवस्थित का निर्धारण करना अत्यंत कठिन है। FRBs की उत्पत्ति का कारण अज्ञात है। साथ ही, इनकी उत्पत्ति एवं उपस्थिति का पूर्वानुमान भी नहीं लगाया जा सकता
कोरोनल होल्स - (May 2023)
कोरोनल होल्स (Coronal Holes) सूर्य की सतह पर ऐसे क्षेत्र होते हैं जहां से तेज सौर पवने अंतरिक्ष में प्रवेश करती हैं। इन क्षेत्रों में सौर पदार्थ के कम होने से अन्य क्षेत्रों की तुलना में इनका तापमान कम होता है। ऐसी स्थिति में अपने चारों ओर के परिवेश की तुलना में अधिक गहरे रंग के दिखाई देते हैं। कोरोनल
भू-चुंबकीय तूफान - (May 2023)
पृथ्वी के मैग्नेटोस्फीयर में उत्पन्न विक्षोभ (Disturbance) को भू-चुंबकीय तूफान (Geomagnetic Storm) कहा जाता है। मैग्नेटोस्फीयर पृथ्वी के चारों ओर का वह क्षेत्र है जो पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र द्वारा नियंत्रित होता है। सूर्य के कोरोना से प्लाज्मा और चुंबकीय क्षेत्र के व्यापक रूप से बाहर निकलने को 'कोरोनल मास इंजेक्शन' (CME) के रूप में जाना जाता है। जब कोरोनल
स्पेसटेक इनोवेशन नेटवर्क - (May 2023)
इसरो ने 'स्पेसटेक इनोवेशन नेटवर्क' (Spacetech Innovation Network: SpIN) को लॉन्च करने के लिए 'सोशल अल्फा' के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। SpIN अंतरिक्ष क्षेत्र में उद्यमशीलता तंत्र हेतु नवाचार, क्यूरेशन और उद्यम विकास के लिए भारत का पहला समर्थित मंच होगा। इस सहयोग से चयनित स्टार्टअप्स और नवोन्मेषक सोशल अल्फा एवं इसरो के बुनियादी ढांचे एवं
साउंडिंग रॉकेट - (May 2023)
इसरो द्वारा हाल ही में RH-200 साउंडिंग रॉकेट (रोहणी साउंडिंग रॉकेट) का प्रक्षेपण किया गया है। साउंडिंग रॉकेट एक अथवा दो चरण वाले ठोस प्रणोदक रॉकेट होते हैं। इनका उपयोग ऊपरी वायुमंडलीय क्षेत्रों में अन्वेषण और अंतरिक्ष अनुसंधान के लिए किया जाता है। रोहणी साउंडिंग रॉकेट दो चरणीय रॉकेट है। यह किसी पेलोड को 70 किलोमीटर की ऊंचाई तक ले
इनफ्लेटेबल एयरोडायनेमिक डिसेलेरेटर - (May 2023)
इनफ्लेटेबल एयरोडायनेमिक डिसेलेरेटर (IAD) तकनीक वायुगतिकीय रूप से यान की गति को कम करने पर आधारित है। इसका उपयोग वायुमंडल में यान के पुनः प्रवेश के दौरान उसकी गति को कम करने के लिए किया जाता है। हाल ही में, इसरो द्वारा शुक्र एवं मंगल ग्रह पर लैंडिंग के लिए IAD तकनीक का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया
सोफिया मिशन - (May 2023)
स्ट्रेटोस्फेरिक ऑब्जर्वेटरी फॉर इंफ्रारेड एस्ट्रोनॉमी मिशन (Stratospheric Observatory for Infrared Astronomy Mission: SOFIA Mission) नासा और जर्मन स्पेस एजेंसी (DLR) के संयुक्त सहयोग से संचालित एक टेलीस्कोप है। SOFIA बोइंग विमान के भीतर स्थापित अवरक्त (Infrared) टेलिस्कोप के रूप में जाना जाता है, जो सतह से लगभग 40 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ान भरता है। इसके द्वारा चंद्रमा पर
चैंडलर वॉबल - (May 2023)
चैंडलर वॉबल (Chandler Wobble) पृथ्वी की अपनी धुरी पर घूर्णन में होने वाले विचलन को संदर्भित करता है। इसकी खोज 1990 के दशक में कार्लो चैंडलर द्वारा की गई थी। एक वॉबल को पूरा करने में लगभग 433 दिन की समय अवधि की आवश्यकता होती है। तापमान एवं लवणता में परिवर्तन के कारण समुद्र तल पर दबाव में उतार-चढ़ाव तथा
डार्क मैटर - (May 2023)
ब्रह्मांड में दृश्यमान पदार्थ को बेरियोनिक पदार्थ (Baryonic Matter) अथवा ऑर्डिनरी (साधारण) मैटर कहा जाता है। यह पदार्थ ब्रह्मांड के द्रव्यमान के 5% से भी कम हैं। शेष ब्रह्मांड एक रहस्यमय अदृश्य पदार्थ से बना हुआ है। इस अदृश्य पदार्थ को ही डार्क मैटर कहा जाता है। डार्क मैटर से ब्रह्मांड का 25% भाग निर्मित है। ब्रह्मांड में गुरुत्वाकर्षण को
लक्स-ज़ेप्लिन डिटेक्टर - (May 2023)
लक्स-ज़ेप्लिन (LUX-ZEPLIN- LZ) एक भूमिगत डिटेक्टर है। इसे कमजोर रूप से अंतर-क्रिया करने वाले विशालकाय कणों (WIMPs) के रूप में डार्क मैटर का पता लगाने के लिए डिजाइन किया गया है। इस डिटेक्टर के विकास में संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, पुर्तगाल और कोरिया के वैज्ञानिक एवं संस्थान सहयोग कर रहे हैं। डिटेक्टर में एक विशाल टाइटेनियम टैंक है, जिसमें
बायनरी सुपरमैसिव ब्लैक होल - (May 2023)
निकट कक्षा वाले दो ब्लैक होल्स से युक्त प्रणाली को बायनरी सुपरमैसिव ब्लैक होल (BSMBH) कहा जाता है। BSMBH प्रणाली की खोज गुरुत्वीय दृष्टि से लेंसीकृत ब्लेजर (Lensed Blazer) में की गई है। ब्लेजर ब्रह्मांड में सर्वाधिक चमकदार और ऊर्जावान पिंडो में से एक माने जाते हैं। बायनरी सुपरमैसिव ब्लैक होल की खोज से भविष्य में गुरुत्वाकर्षण तरंगों का पता
ज्वारीय विघटन घटनाएं (TDEs) - (May 2023)
जब एक ब्लैक होल विनाशक रूप से अपने समीप आए तारों को नष्ट करने लगता है तो इस घटना को ज्वारीय विघटन घटना (Tidal Disruption Events: TDEs) कहते हैं। जब कोई तारा किसी ब्लैक होल के समीप आता है तो ब्लैक होल अपने गुरुत्वाकर्षण बल से तारे को अपनी ओर आकर्षित करके उसे स्पेगेटीफाई (Spaghettify) करता है। स्पेगेटीफाई की प्रक्रिया
सैजिटेरियस ए - (May 2023)
हाल ही में खगोलविदों ने मिल्की वे आकाशगंगा के विशाल ब्लैक होल की तस्वीर जारी की गई है। इस ब्लैक होल को सैजिटेरियस ए* (Sagittarius A* या SgrA*) के नाम से जाना जाता है। यह पृथ्वी से लगभग 26000 प्रकाश वर्ष दूर और आकाशगंगा के केंद्र में स्थित है। इस ब्लैक होल की तस्वीर इवेंट होराइजन टेलीस्कोप का उपयोग करके
ब्लैक होल - (May 2023)
ब्लैक होल अंतरिक्ष में स्थित ऐसे स्थान होते हैं जिनका गुरुत्वाकर्षण का खिंचाव इतना अधिक होता है कि प्रकाश भी इससे बाहर नहीं जा सकता है। ब्लैक होल के आसपास का वह बिंदु/क्षेत्र जहाँ से किसी भी चीज का वापस आ पाना लगभग असंभव होता है, उसे इवेंट होराइजन कहा जाता है। ब्लैक होल का निर्माण तारे की मृत्यु होने
अंतरिक्ष पर्यटन - (May 2023)
अंतरिक्ष पर्यटन, अंतरिक्ष यात्रा का ही एक रूप है। यह आम लोगों को मनोरंजन, रोमांच या व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए अंतरिक्ष की यात्रा करने का अवसर प्रदान करता है। वर्तमान समय तक किसी भी अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष कानून के अंतर्गत अंतरिक्ष पर्यटकों को परिभाषित नहीं किया गया है। बाह्य अंतरिक्ष संधि, रेस्क्यू एग्रीमेंट आदि जैसी वर्तमान अंतरिक्ष संधियां केवल एस्ट्रोनॉट्स तथा
अंतरिक्ष स्थितजन्य जागरूकता - (May 2023)
अंतरिक्ष स्थितजन्य जागरूकता Space Situational Awareness: SSA) अंतरिक्ष और स्थलीय पर्यावरण के व्यापक ज्ञान एवं समाज से संबंधित है। यह अंतरिक्ष परिसंपत्तियों की संपूर्ण सुरक्षा सुनिश्चित करने के क्रम में प्रासंगिक एवं बेहतर निर्णय लेने तथा सटीक आकलन को सक्षम बनाता है। मानव निर्मित ऑब्जेक्ट्स की अंतरिक्ष निगरानी एवं ट्रैकिंग (SST), अंतरिक्ष मौसम निगरानी एवं पूर्वानुमान तथा नियर अर्थ ऑब्जेक्ट
अंतरिक्ष संधारणीयता - (May 2023)
अंतरिक्ष संधारणीयता (Space Sustainability) की अवधारणा बाह्य अंतरिक्ष के उपयोग पर केंद्रित है। यह शांतिपूर्ण उद्देश्यों और सामाजिक आर्थिक लाभ हेतु बाह्य अंतरिक्ष के उपयोग को बढ़ावा देती है। बाह्य अंतरिक्ष मामलों के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय की स्थापना, निरस्त्रीकरण पर सम्मेलन, अंतरिक्ष संधारणीयता पर दिशा-निर्देश (2019) तथा स्पेस सस्टेनेबिलिटी रेटिंग (SSR) अंतरिक्ष संधारणीयता को बढ़ावा देने के लिए किए
भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र - (May 2023)
भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र (IN-SPACE) एक स्वायत्त, सिंगल विंडो वाली नोडल एजेंसी है। इसे भारत में गैर-सरकारी निजी संस्थाओं (NGPES) की अंतरिक्ष गतिविधियों को बढ़ावा देने, उन्हें अधिकृत करने तथा उनकी निगरानी एवं पर्यवेक्षण करने के लिए गठित किया गया है। IN-SPACE के अंतर्गत एक अध्यक्ष, अंतरिक्ष गतिविधियों के लिए तकनीकी विशेषज्ञ, सुरक्षा विशेषज्ञ, शिक्षा एवं उद्योग
एक्सो-मून्स - (May 2023)
एक्सोप्लैनेट (Exoplanets) की परिक्रमा करने वाले प्राकृतिक उपग्रहों को एक्सो-मून्स (Exo-Moons) कहा जाता है। एक्सोप्लैनेट सूर्य के अलावा अन्य तारों की परिक्रमा करने वाले ग्रह होते हैं। वर्तमान समय तक अनेक टेलीस्कोप (कैपलर हबल टेलिस्कोप आदि) की सहायता से 5000 से अधिक एक्सोप्लैनेट की खोज की जा चुकी है। किंतु, अभी तक इनमें से किसी भी ग्रह के आसपास प्राकृतिक
पिलर्स ऑफ क्रिएशन - (May 2023)
नासा के जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप द्वारा पिलर्स ऑफ क्रिएशन (PoC) की तस्वीर ली गई है। PoC गैस एवं धूल के सघन बादलों वाले क्षेत्र होते हैं जहां नए तारों का निर्माण होता है। PoC पृथ्वी से 6500 प्रकाश वर्ष की दूरी पर 'मिल्की वे आकाशगंगा' के 'ईगल नेबुला' में स्थित हैं। इन त्रि-आयामी पिलर्स का निर्माण ठंडी अंतरतारकीय गैस
ग्रेविटेशनल लेंसिंग - (May 2023)
किसी बड़े पिंड का प्रबल गुरुत्वाकर्षण दूर स्थित आकाशगंगाओं से आने वाले प्रकाश को मोड़ देता है। इस घटना को ग्रेविटेशनल लेंसिंग कहा जाता है। इसके कारण पृथ्वी तक इन दूर स्थित आकाशगंगाओं का भी प्रकाश पहुंच जाता है। इस परिघटना का प्रभाव एक विशाल मैग्नीफाइंग लेंस की तरह कार्य करता
जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप - (May 2023)
यह नासा की सबसे बड़ी और सबसे शक्तिशाली अंतरिक्ष विज्ञान संबंधी दूरबीन है। हाल ही में इस टेलीस्कोप की मदद से खगोलविदों ने एक तस्वीर के माध्यम से प्रारंभिक ब्रह्मांड की एक झलक प्रदान की है। यह टेलीस्कोप परियोजना नासा, यूरोपीयन स्पेस एजेंसी तथा कनाडिया स्पेस एजेंसी के मध्य अंतरराष्ट्रीय सहयोग पर आधारित है। इसे पहले 'नेक्स्ट जेनरेशन स्पेस टेलीस्कोप'
आर्टेमिस I - (May 2023)
यह नासा का एक मिशन है, जिसका उद्देश्य आगामी दशकों में चंद्रमा पर मानव की लंबे समय तक मौजूदगी को संभव बनाना है। बिना चालक दल यह मिशन नासा की अंतरिक्ष में अत्यधिक दूरी तक अन्वेषण करने वाली प्रणालियों का पहला एकीकृत मिशन है। हाल ही में प्रक्षेपित किए गए आर्टेमिस 1 मिशन के पश्चात वर्ष 2024 में आर्टेमिस II
जीपीएस एडेड जिओ ऑगमेंटेड नेविगेशन-गगन - (May 2023)
गगन (GAGAN) एक भारतीय उपग्रह आधारित संवर्धन प्रणाली (SBAS) है। इसका विकास भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) द्वारा संयुक्त रूप से किया गया है। गगन को भारत और भूमध्य रेखीय क्षेत्र में इसके पड़ोसी देशों के लिए विकसित किया गया है। यह विश्व में उपलब्ध केवल 4 उपग्रह आधारित संवर्धन प्रणालियों में से एक है। अन्य
नेविगेशन विद इंडियन कॉन्स्टेलशन-नाविक - (May 2023)
नाविक (NAVIC) भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) द्वारा विकसित एक स्वतंत्र स्टैंड-अलोन नेविगेशन उपग्रह प्रणाली है। जिसे पहले भारतीय क्षेत्रीय नेविगेशन उपग्रह प्रणाली (IRNSS) के नाम से जाना जाता था। यह प्रणाली सात उपग्रहों से मिलकर निर्मित है। इसके द्वारा भारत के संपूर्ण विभाग के अलावा इसकी सीमाओं से 15000 किलोमीटर तक के क्षेत्र को कवर किया जाता है। इस
निर्देशित ऊर्जा हथियार - (May 2023)
'निर्देशित ऊर्जा हथियार' (DEW) एक व्यापक शब्दावली के रूप में जानी जाती है। इसका उपयोग उन सभी प्रौद्योगिकियों को इंगित करने के लिए किया जाता है जो 'केंद्रित विद्युत चुंबकीय ऊर्जा' या 'परमाणु' या 'उप-परमाणु कणों का एक बीम उत्पन्न कर सकते हैं। भारत में DEW क्षेत्र में हथियार विकसित करने वाली प्रमुख परियोजना को 'डायरेक्शनली अनरिस्ट्रिक्टेड रे-गन ऐरे' (DURGA)
हाई एनर्जी लेजर सिस्टम - (May 2023)
हाई एनर्जी लेजर सिस्टम (HELS) एक लेजर हथियार प्रणाली है। इसका संबंध 'निर्देशित ऊर्जा हथियार' (DEW) श्रेणी से है। HELS हथियार पर्याप्त तापीय ऊर्जा का उत्सर्जन करते हैं। यह ऊर्जा एक पारंपरिक युद्ध सामग्री का उपयोग किया बिना एक लक्ष्य को सीधे अप्रभावी बना सकती है। ये हथियार हवा, जमीन, समुद्र और अंतरिक्ष में लक्ष्य को प्रभावित करने में सक्षम
अभ्यास - (May 2023)
अभ्यास (Abhyas) अर्थात हाई स्पीड एक्सपेंडेबल एरियल टारगेट (HEAT) एक स्वदेशी एवं मानव रहित एरिया टारगेट प्रणाली है। यह हवाई खतरों से निपटने में भारतीय सशस्त्र बलों की आवश्यकता को पूरा करती है। इस प्रणाली में 'ट्विन अंडर स्लंग बूस्टर' का उपयोग किया जाता है, जो प्रारंभिक त्वरण (Initial Acceleration) प्रदान करते हैं। इसे रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO)
पिनाका मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर सिस्टम - (May 2023)
पिनाका मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर सिस्टम (PMBRLS) भारत की स्वदेशी राकेट प्रणाली है। यह एक मोबाइल रॉकेट लॉन्चिंग सिस्टम (टाटा ट्रक पर तैनात) है। इसे रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) के आयुध अनुसंधान और विकास प्रतिष्ठान (ARDE) ने डिजाइन व विकसित किया है। इसकी अधिकतम सीमा 40 किलोमीटर (पिनाका MK-1) से 75 किलोमीटर (पिनाका ER या विस्तारित रेंज) तक
कार्ल-गुस्ताफ M4 - (May 2023)
स्वीडन ने घोषणा की है कि वह भारत में अपनी 'कार्ल-गुस्ताफ M4' (Carl-Gustaf M4) हथियार प्रणाली का निर्माण करेगा। भारतीय सेना वर्ष 1976 से कार्ल-गुस्ताफ का उपयोग कर रही है। वर्तमान में, सेना द्वारा इसके MK2 तथा MK3 संस्करणों का परिचालन किया जा रहा है। कार्ल-गुस्ताफ रेकोईललेस राइफल एक 'मैन पोर्टेबल मल्टीरोल हथियार प्रणाली' है। कार्ल-गुस्ताफ M4 हथियार प्रणाली विभिन्न
डर्टी बम - (May 2023)
डर्टी बम (Dirty Bomb) में रेडियोधर्मी पदार्थ का उपयोग किया जाता है। इसके विस्फोट के पश्चात हवा के जरिए रेडियोधर्मी सामग्री दूर-दूर तक फैल जाती है। इस बम में परमाणु बम के समान अत्यधिक संवर्धित रेडियोधर्मी सामग्री का उपयोग नहीं किया जाता है। यही कारण है कि इन्हें परमाणु बम की तुलना में बहुत सस्ते और तेज गति से विकसित
कमिकेज़ ड्रोन्स - (May 2023)
कमिकेज़ ड्रोन्स (Kamikaze Drones) छोटे आकार के मानवरहित विमान हैं। ये विस्फोटक पदार्थों से लैस होते हैं। ये ड्रोन किसी टैंक अथवा सैन्य टुकड़ी के ऊपर उड़ान भर सकते हैं। इनसे टकराने के बाद इनमें विस्फोट होता है तथा विस्फोट के बाद ये काफी क्षति पहुंचाते हैं। इन्हें स्विचब्लेड ड्रोन भी कहा जाता है, क्योंकि इन्हें लांच करने पर इनके
चिनूक हेलीकॉप्टर - (May 2023)
अमेरिकी सेना ने CH-7 चिनूक हेलीकॉप्टर की उड़ान पर रोक लगा दी है। यह फैसला चिनूक हेलीकॉप्टरों के इंजन में आग लगने के खतरे को देखते हुए लिया गया है। चिनूक एक मल्टीरोल और वर्टिकल लिफ्ट प्लेटफार्म है। इसका उपयोग सैनिकों, तोपखाने, उपकरण और ईंधन के परिवहन के लिए किया जाता है। इसका उपयोग मानवीय और राहत कार्यों में भी
स्वदेशी स्टेल्थ ड्रोन - (May 2023)
स्वदेशी स्टेल्थ ड्रोन (Indigenous Stealth Drone) को मानि रहित लड़ाकू विमान (UCAV) भी कहा जाता है। UCAV स्वायत्त मानव रहित अनुसंधान विमान (AURA) नामक सशस्त्र स्टेल्थ ड्रोन कार्यक्रम 'घातक' का एक पूर्वर्ती संस्करण है। AURA को एक हथियार दागने की क्षमता से युक्त आत्मरक्षा, उच्च गति वाले टोही UAAV के रूप में विकसित किया गया है। इसे वैमानिकी विकास प्रतिष्ठान
आईएनएस वागशीर (INS Vagsheer) - (May 2023)
हाल ही में प्रोजेक्ट-75 की छठी और अंतिम पनडुब्बी वागशीर का समुद्र में अवतरण किया गया है। यह एक डीजल आधारित पनडुब्बी है। इसे सी-डिनायल (Sea Denial) के साथ-साथ एक से एक्सेस डिनायल वाले युद्धपोत हेतु डिजाइन किया गया है। यह प्रोजेक्ट 75 पनडुब्बियों की दो श्रेणियों में से एक है। अन्य श्रेणी प्रोजेक्ट 75I (Project 75I) है। प्रोजेक्ट 75
प्रोजेक्ट 75 (I) - (May 2023)
प्रोजेक्ट 75 (I) [Project 75 (I)] के तहत 06 आधुनिक पारंपरिक पनडुब्बियों के स्वदेशी निर्माण की परिकल्पना की गई है। ये पनडुब्बियां फ्यूल सेल आधारित 'वायु स्वतंत्र प्रणोदन संयंत्र' (AIP), उन्नत टारपीडो आदि सहित समकालीन उपकरण, हथियार और सेंसर से युक्त होंगी। इस प्रोजेक्ट को रणनीतिक साझेदारी मॉडल के तहत मंजूरी प्रदान की गई है। यह मॉडल 'मेक इन इंडिया'
प्रोजेक्ट 17A - (May 2023)
हाल ही में, प्रोजेक्ट 17A (Project 17A) फ्रिगेट्स के तहत पांचवें युद्धपोत 'तारागिरी' को लांच किया गया है। ये P17 फ्रिगेट्स (शिवालिक श्रेणी) के उन्नत संस्करण हैं। प्रोजेक्ट 17A पोतों को भारतीय नौसेना के 'युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो' ने घरेलू रूप से डिजाइन किया है। प्रोजेक्ट 17A पोतों के उपकरण और सिस्टम के लिए 75% आर्डर MSMEs सहित स्वदेशी कंपनियों को
प्रोजेक्ट 15B - (May 2023)
यह परियोजना कोलकाता श्रेणी के विध्वंसक पोतों के निर्माण का अगले चरण को इंगित करती है, जो पिछले दशक में आरंभ किया गया प्रोजेक्ट 15A का हिस्सा थे। इसका निर्माण 'मजगांव डॉकयार्ड शिवबिल्डर्स लिमिटेड' द्वारा किया जा रहा है। इसके तहत निर्मित किए जा रहे चार पोतों में विशाखापट्टनम, मोरमूगाओ, इंफाल तथा सूरत शामिल है। ये सभी पोत स्टेल्थ गाइडेड
आईएनएस विक्रांत - (May 2023)
भारत के प्रथम स्वदेशी विमान वाहक पोत आई एन एस विक्रांत (INS Vikrant) को हाल ही में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया है। इसका निर्माण सार्वजनिक क्षेत्र के शिपयार्ड 'कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड' (CSL) में किया गया है। CSL पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के अधीन है। यह 'शार्ट टेक ऑफ बट असिस्टेड रिकवरी' (STOBAR) एयरक्राफ्ट ऑपरेशन मोड का
डीजल इलेक्ट्रिक अटैक सबमरीन - (May 2023)
इस पनडुब्बी में डीजल इंजन का प्रयोग किया जाता है। इसकी बैटरी की एक निश्चित क्षमता के कारण यह सीमित समय के लिए ही जल के भीतर रह सकती है। इस कारण से बार-बार जल की सतह आना पड़ता है। भारत के SSK में शिशुमार श्रेणी (जर्मनी से), किलो श्रेणी या सिंधुघोष श्रेणी (रूस से) तथा कलवरी श्रेणी की स्कॉर्पीन
न्यूक्लियर पावर अटैक सबमरीन - (May 2023)
न्यूक्लियर पावर अटैक सबमरीन (SSN) गैर-परमाणु हथियारों से लैस किंतु परमाणु संचालित लड़ाकू पनडुब्बी है। इसे माइंस युद्ध में शामिल होने, दुश्मनों के जहाजों की खोज करने और उन्हें नष्ट करने तथा युद्धक समूह (Battle Group) के परिचालनों का समर्थन करने के लिए डिजाइन किया गया है। वर्तमान में केवल 06 देशों के पास परमाणु ऊर्जा से चलने वाली पनडुब्बी
समर्सिबल शिप बैलिस्टिक न्यूक्लियर - (May 2023)
समर्सिबल शिप बैलिस्टिक न्यूक्लियर (SSBN) पनडुब्बी अंतर-महाद्वीपीय मिसाइलों के लिए ऐसे लांचिंग प्लेटफार्म के रूप में कार्य करती है, जिसका पता नहीं लगाया जा सकता है। इसे विशेष रूप से परमाणु हथियारों के सटीक डिलीवरी के लिए डिजाइन किया गया है। भारत में आईएनएस अरिहंत (INS Arihant) को 'समर्सिबल शिप बैलिस्टिक न्यूक्लियर' पनडुब्बी के रूप में जाना जाता
हेलिना - (May 2023)
हेलिना (HELINA) एक स्वदेशी रूप से विकसित 'एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल' है। इसे हेलीकॉप्टर से लांच किया जा सकता है। यह तीसरी पीढ़ी की 'दागो और भूल जाओ' श्रेणी की टैंक रोधी निर्देशित मिसाइल (ATGM) प्रणाली है। इसे एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर (ALH) पर स्थापित किया गया है। यह मिसाइल प्रणाली दिन और रात तथा सभी मौसमों में कार्य करने में
क्विक रिएक्शन सरफेस टू एयर मिसाइल - (May 2023)
QRSAM रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित एक कम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली है। यह प्रणाली शत्रु के हवाई हमलों के दौरान सेना की सशक्त टुकड़ी को आगे बढ़ाने के लिए एक सुरक्षा कवच प्रदान करती है। इसकी मारक क्षमता 25-30 किलोमीटर है। DRDO एवं भारतीय
मैन पोर्टेबल एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल - (May 2023)
हाल ही में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा मैन पोर्टेबल एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल (MPATGM) के अंतिम संस्करण का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया है। यह स्वदेश में विकसित टैंक रोधी कम वजन वाली मिसाइल है, जो दागो और भूल जाओ (Fire and Forget) के सिद्धांत पर कार्य करती है। थर्मल साइटिंग की विशेषता से युक्त इस मिसाइल को
एस-400 - (May 2023)
एस-400 (S-400) रूस द्वारा निर्मित एक लंबी दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (LR-SAM) प्रणाली है। यह शत्रु के विमानों, बैलिस्टिक मिसाइलों और एयरबोर्न वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम (AWACS) विमानों को 400 किलोमीटर, 250 किलोमीटर, मध्यम दूरी के 120 किलोमीटर और कम दूरी के 40 किलोमीटर तक मार कर सकती है। यह प्रणाली चार अलग-अलग मिसाइलों
बैलिस्टिक मिसाइल - (May 2023)
यह अपने उड़ान पथ में अधिकांशतः 'बैलिस्टिक प्रक्षेप वक्र' का पालन करती है। इसे आरंभिक चरण में रॉकेट बूस्टर के माध्यम से एक निश्चित ऊंचाई तक पहुंचाया जाता है। इसके बाद बूस्टर अलग हो जाते हैं और मिसाइल गुरुत्वाकर्षण बल के कारण पृथ्वी की ओर तेजी से गिरते हुए लक्ष्य पर हमला करती है। यह मिसाइल लॉन्च मोड, रेंज एवं
क्रूज मिसाइल - (May 2023)
यह मानव रहित स्वचालित (लक्ष्य को भेदने तक) निर्देशित मिसाइल है। यह अपने उड़ान पत्र के अधिकांश समय वायु-गतिकीय लिफ्ट के माध्यम से उड़ान भरती है। क्रूज मिसाइल में जेट इंजन प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जाता है। यह पृथ्वी के वायुमंडल के भीतर भी उड़ान भरने में सक्षम है। ब्रह्मोस, हार्पून (USA) तथा एक्सोसेट (फ्रांस) इसके प्रमुख उदाहरण हैं। क्रूज
ब्रह्मोस - (May 2023)
ब्रह्मोस (BRAHMos), लंबी दूरी की मारक क्षमता वाली एक सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल प्रणाली है। इसे भूमि स्थित और समुद्र आधारित लक्ष्यों के विरुद्ध भूमि, समुद्र और हवा से दागा जा सकता है। इसका विकास संयुक्त सहयोग के आधार पर भारत के रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (DRDO) तथा रूस के एनपीओ मशीनों इस्टोनिया (NPO Machines Estonia) द्वारा विकसित किया गया है।
जीसैट-7 श्रृंखला के उपग्रह - (May 2023)
जीसैट-7 (GSAT-7) श्रृंखला के उपग्रह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन द्वारा विकसित उन्नत उपग्रह हैं, यह रक्षा सेवाओं की संचार आवश्यकताओं को पूरा करने पर केंद्रित हैं। जीसैट-7 उपग्रह को वर्ष 2013 में प्रक्षेपित किया गया था। इसका उपयोग मुख्य रूप से भारतीय नौसेना अपनी संचार आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए करती है। यह नौसेना को एक सुरक्षित और रियल
डूअल मोड रैमजेट - (May 2023)
डूअल मोड रैमजेट (Dual Mode Ramjet-DMRJ), रैमजेट और स्क्रैमजेट इंजनों की श्रृंखला में तीसरा एयर ब्रीदिंग इंजन है। इंजन की प्रणालियों का विभिन्न अंतरिक्ष एजेंसियों द्वारा विकास किया जा रहा है। DMRJ इंजन मैक 4-8 की रेंज पर स्क्रैमजेट में बदल जाता है। डूअल मोड का अर्थ यह है कि यह सब-सोनिक और सुपर-सोनिक दहनशील मोड, दोनों में कुशलता से
स्क्रैमजेट - (May 2023)
स्क्रैमजेट (Scramjet) इंजन हाइपरसोनिक गति पर कुशलतापूर्वक कार्य करने में सक्षम है और सुपरसोनिक दहन को संभव बनाता है। यह ईंधन के रूप में हाइड्रोजन और ऑक्सीकारक के रूप में वायुमंडलीय हवा से ऑक्सीजन का उपयोग करता है। रैमजेट इंजन की भांति इसमें भी कोई मूविंग पार्ट्स नहीं होते
रैमजेट - (May 2023)
रैमजेट (Ramjet) इंजन में बिना घूमने वाले कंप्रेसर का उपयोग करके सामने से आ रही हवा को दहन करने के लिए संपीड़ित करने हेतु यान के फॉरवर्ड मोशन का उपयोग किया जाता है। यह लगभग मैक 3 की सुपरसोनिक गति (ध्वनि की गति से 3 गुना) पर सबसे अधिक कुशलता से काम करता है और यह मैक 6 की गति
सॉलि़ड फ्यूल डक्टेड रैमजेट तकनीक - (May 2023)
सॉलि़ड फ्यूल डक्टेड रैमजेट (SFDR) तकनीक एक ऐसी मिसाइल प्रणोदन प्रणाली है, जिसमें रिड्यूस्ड स्मोक नोजल लेस मिसाइल बूस्टर के साथ थ्रस्ट मॉड्युलेटेड डक्टेड रॉकेट शामिल होता है। भारत-रूस की संयुक्त अनुसंधान एवं विकास परियोजना के तहत विकसित SFDR की उड़ान का पहला परीक्षण वर्ष 2018 में किया गया था। इस दौरान इसने मैक 3 की गति हासिल की थी।
नेशनल डेटा एंड एनालिटिक्स प्लेटफॉर्म - (May 2023)
नीति आयोग द्वारा, मुक्त सार्वजनिक उपयोग हेतु नेशनल डेटा एंड एनालिटिक्स प्लेटफॉर्म (NDAP) लॉन्च किया गया एक 'वेब प्लेटफॉर्म' है। यह प्लेटफार्म सभी उपयोगकर्ताओं के लिए सुलभ है। इस प्लेटफार्म पर अलग-अलग सरकारी एजेंसियों के मूलभूत डेटासेट उपलब्ध कराए गए हैं। यह डेटा को सुसंगत तरीके से प्रस्तुत करता है। साथ ही, यह एनालिटिक्स और विजुलाइजेशन (Analytics and Visualization) के
भारतीय डेटासेट प्लेटफॉर्म - (May 2023)
यह इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की 'राष्ट्रीय डाटा गवर्नेंस फ्रेमवर्क नीति' (NDGFP) के तहत एक वन स्टॉप प्लेटफार्म है। यहां सभी सरकारी संस्थाओं द्वारा एकत्र किए गए अनामीकृत या अनामित गैर- व्यक्तिगत डेटा सेट (Anonymised or Anonymized Non-Personal Data Sets) को संग्रहित किया जाता है। यह प्लेटफार्म अनुरोधों को संशोधित कर भारतीय शोधकर्ताओं और स्टार्टअप्स को डेटासेट तक पहुंच
तिहान - (May 2023)
भारत के पहले स्वायत्त नेविगेशन सुविधा केंद्र 'तिहान' (Technology Innovation Hub on Autonomous Navigation-TiHAN) को IIT हैदराबाद में आरंभ किया गया है। 'तिहान' को मानव रहित जमीनी और हवाई वाहन परीक्षण दोनों के लिए विकसित किया गया है। यह विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय की एक 'बहु-विषयक पहल' है। इसका उद्देश्य भारत को भविष्य और अगली पीढ़ी की 'स्मार्ट मोबिलिटी' तकनीक
ट्रू रेंडम नंबर जेनरेटर - (May 2023)
भारतीय विज्ञान संस्थान द्वारा 'ट्रू रेंडम नंबर जेनरेटर' (True Random Number Generator-TRNG) को विकसित किया गया है। यह डेटा इंक्रिप्शन में सुधार करने के साथ संवेदनशील डिजिटल डेटा (डेबिट/क्रेडिट कार्ड विवरण एवं पासवर्ड आदि) के लिए बेहतर सुरक्षा प्रदान कर सकता है। इंक्रिप्टेड सूचना को केवल अधिकृत उपयोगकर्ताओं द्वारा ही डिकोड किया जा सकता है। इन अधिकृत उपयोगकर्ताओं की 'क्रिप्टोग्राफिक
परम पोरूल - (May 2023)
परम पोरूल (Param Porul) एक अत्याधुनिक सुपरकंप्यूटर है। इसे 'राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन' (NSM) के द्वितीय चरण के तहत NIT तिरुचिरापल्ली में स्थापित किया गया है। यह उच्च शक्ति आधारित उपयोग में प्रभावशीलता प्राप्त करने के लिए 'डायरेक्ट कांटेक्ट लिक्विड कूलिंग तकनीक' पर आधारित है। इससे परिचालन लागत में कमी आती है। NSM के तहत अब तक 24 पेटाफ्लॉप्स की कंप्यूटर
हर्मिट - (May 2023)
हर्मिट (Hermit) एक नया वाणिज्यिक स्पाइवेयर है। इसमें एंड्रॉयड और आईफोन ऑपरेटिंग सिस्टम (iOS) दोनों उपकरणों को प्रभावित करने की क्षमता है। हाल ही में इसका उपयोग कजाकिस्तान, इटली और उत्तरी सीरिया की सरकारों ने अपने नागरिकों पर किया है। स्पाइवेयर यह दुर्भावनापूर्ण सॉफ़्टवेयर या मैलवेयर होता है। इसे गुप्त डेटा ट्रांसमिशन के माध्यम से संवेदनशील जानकारी चुराने के लिए
ब्लूबगिंग - (May 2023)
ब्लूबगिंग (Bluebugging) हैकिंग का एक रूप है। यह फाइबर हमलावरों को अपने खोज योग्य ब्लूटूथ कनेक्शन के माध्यम से यह डिवाइस तक पहुंचने में सक्षम बनाता है। इसके अंतर्गत, एक बार ब्लूटूथ कनेक्शन स्थापित हो जाने के बाद हैकर प्रमाणीकरण को बाईपास करने के लिए 'ब्रूट फोर्स हमलों' का उपयोग करते हैं। किसी डिवाइस में एक बार 'ब्लू बग' आने
एंबेडेड सिम (ई-सिम) - (May 2023)
ई-सिम एक फॉर्म फैक्टर है, जो कि प्रोग्रामेबल सिम कार्ड का एक रूप होता है। इसे सोल्डरिंग द्वारा डिवाइस (फोन) प्रिंटेड सर्किट बोर्ड (PCB) में स्थाई रूप से लगा दिया जाता है। इसे हटाया नहीं जा सकता है। इसमें सिम कार्ड को बहुत ही ग्रुप से बदले बिना ही रिमोट प्रोविजनिंग के द्वारा सिम प्रोफाइल में परिवर्तन किया जा सकता
ग्लोबल लाइटहाउस नेटवर्क - (May 2023)
ग्लोबल लाइटहाउस नेटवर्क (GLN) मैकिन्से एंड कंपनी के सहयोग से विश्व आर्थिक मंच द्वारा संचालित एक पहल है। यह 100 से अधिक विनिर्माताओं का एक समुदाय है। यह समुदाय कृत्रिम बुद्धिमत्ता, 3D प्रिंटिंग और बिग डेटा एनालिसिस जैसी चौथी औद्योगिक क्रांति प्रौद्योगिकियों के कार्यान्वयन की दिशा में महत्वपूर्ण नेतृत्व प्रदान करता है। हाल ही में, विश्व आर्थिक मंच ने अपने
इंडिया स्टैक - (May 2023)
इंडिया स्टैक (India Stack) ओपन 'एप्लीकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस' (APIs) और 'डिजिटल पब्लिक गुड्स' (DPG) का एक संग्रह है। इंडिया स्टैक में आधार (एकीकृत भुगतान इंटरफेस:UPI), को-विन, डिजिलॉकर, आरोग्य सेतु, ईसंजीवनी, उमंग एप तथा दीक्षा पोर्टल आदि के APIs शामिल हैं। इंडिया स्टैक का उद्देश्य जनसंख्या के अधिकांश हिस्से के लिए पहचान, डेटा और भुगतान के आर्थिक अवसरों को उपलब्ध कराना
नियर फील्ड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी - (May 2023)
नियर फील्ड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी (NFCT) एक अल्प दूरी की वायरलेस कनेक्टिविटी तकनीक है। यह नियर फील्ड कम्युनिकेशन (NFC)-सक्षम उपकरणों को एक दूसरे के साथ संचार करने और सिग्नल टच के साथ सूचना को शीघ्र एवं आसानी से प्रेषित करने में सक्षम बनाती है। डाटा ट्रांसफर के लिए NFC-सक्षम उपकरणों द्वारा एक दूसरे को या तो भौतिक रूप से टच करना
क्विक रिस्पांस कोड - (May 2023)
क्विक रिस्पांस कोड (QR Code) बारकोड का द्वियामी संस्करण है। इसे डिजिटल डिवाइस द्वारा आसानी से पढ़ा जा सकता है। इसमें आदर्श स्कैनिंग की स्थिति आकार से दूरी (Size-to-Distance) अनुपात 1:10 होती है। स्कैन करने के लिए लाइन ऑफ साइट (Line of Sight) में होना अनिवार्य होता है। इसकी रियल टाइम ट्रैकिंग नहीं होती
सेटेलाइट अर्थ स्टेशन गेटवे - (May 2023)
भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (TRAI) द्वारा 'सेटेलाइट अर्थ स्टेशन गेटवे' (SESG) की स्थापना एवं संचालन हेतु लाइसेंसिंग फ्रेमवर्क पर सिफारिशें जारी की गई हैं। SESG को गेटवे हब के रूप में भी जाना जाता है। यह अंतरिक्ष आधारित नेटवर्क (Space based network) और जमीनी संचार नेटवर्क (Ground communication network) के मध्य एक सेतु के रूप में कार्य करता है। इसमें
वाईफाई - (May 2023)
वाईफाई (WiFi) अथवा वॉयरलैस फिडेलिटी एक वायरलेस नेटवर्किंग तकनीक है। यह डेस्कटॉप कंप्यूटर, लैपटॉप मोबाइल फोन तथा स्मार्ट टीवी आदि जैसे उपकरणों को इंटरनेट एक्सेस प्रदान करती है। यह अलग-अलग उपकरणों के मध्य संचार स्थापित करने के लिए 2.4 से 5G आवृत्ति बैंड में रेडियो फ्रीक्वेंसी (Radio-frequency) अथवा रेडियो वेव्स (Radio Waves) का उपयोग करता है। सार्वजनिक वाईफाई हॉटस्पॉट प्रदाताओं
5G एयरवेव हस्तक्षेप - (May 2023)
नागर विमानन महानिदेशालय द्वारा विमान रेडियो अल्टीमीटर (Radio Altimeter) के साथ 5G सी-बैंड स्पेक्ट्रम (5G C-band spectrum) के संभावित हस्तक्षेप (Interference) पर चिंता व्यक्त की है। इसका कारण है कि ये दोनों मध्य सी-बैंड स्पेक्ट्रम (Mid C-band spectrum) में कार्य करते हैं। रेडियो अल्टीमीटर विमानों में उपयोग किया जाने वाला एक महत्वपूर्ण उपकरण है। इससे परिवहन के समय विमान के
5जी टेस्ट बेड - (May 2023)
हाल ही में, आईआईटी मद्रास (IIT Madras) के नेतृत्व में विकसित किए गए '5जी टेस्ट बेड' (5G Test Bed) का उद्घाटन किया गया। यह देश का प्रथम '5जी टेस्ट बेड' है। इसकी मदद से स्टार्टअप्स और उद्योग जगत के प्रतिभागी स्थानीय स्तर पर अपने उत्पादों का परीक्षण एवं सत्यापन कर सकेंगे। सेल्यूलर नेटवर्क की 5वीं पीढ़ी को 5G के नाम
योट्टा डी1 - (May 2023)
देश के सबसे बड़े तथा उत्तर भारत के प्रथम हाइपरस्केल डेटा सेंटर 'योट्टा डी1' (Yotta D1) को ग्रेटर नोएडा में स्थापित किया गया है। इसके द्वारा सर्वर को अंतिम उपयोगकर्ता स्थल से जोड़ने के साथ-साथ डेटा के संग्रहण एवं प्रसंस्करण जैसे कार्य किए जाते हैं। डेटा सेंटर किसी एकीकृत स्थान पर ऐसे सुरक्षित परिवेश होते हैं, जो कंप्यूटिंग और नेटवर्किंग
डेटा एंपावरमेंट प्रोटेक्शन आर्किटेक्चर - (May 2023)
डेटा एंपावरमेंट प्रोटेक्शन आर्किटेक्चर (DEPA) बेहतर डेटा गवर्नेंस दृष्टिकोण के लिए एक संयुक्त सार्वजनिक-निजी प्रयास है। इसके द्वारा डिजिटल ढांचा तैयार किया जाता है तथा यह उपयोगकर्ताओं को अपनी शर्तों पर डेटा साझा करने की अनुमति देता है। DEPA इंडिया स्टैक (India Stack) की अंतिम परत निर्मित की गई है। इंडिया स्टैक 'एप्लीकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस' (APIs) का एक सेट है।
क्वांटम इंटरनेट - (May 2023)
क्वांटम इंटरनेट एक नए प्रकार के नेटवर्क के निर्माण हेतु क्वांटम कंप्यूटरों के सैद्धांतिक उपयोग पर आधारित एक विचार है। यह परंपरागत इंटरनेट के विपरीत है। परंपरागत इंटरनेट बायनरी सिग्नल (0 अथवा 1 के द्वारा दर्शाए गए) के उपयोग के माध्यम से संचालित होता है। दूसरी तरफ, क्वांटम इंटरनेट के अंतर्गत एक ही समय पर 0 अथवा 1 अथवा दोनों
क्वांटम की डिस्ट्रीब्यूशन - (May 2023)
यह एक सुरक्षित संचार प्रौद्योगिकी है। इसके तहत क्रिप्टोग्राफी प्रोटोकॉल (Cryptography protocol) के निर्माण हेतु क्वांटम भौतिकी (Quantum Physics) का उपयोग किया जाता है। पारंपरिक क्रिप्टोग्राफी में सुरक्षा आमतौर पर स्थित इस तथ्य पर आधारित होती है कि, संभावित हैकर/हमलावर एक निश्चित गणितीय समस्या को हल करने में असमर्थ होता है। जबकि क्वांटम की डिस्ट्रीब्यूशन (QKD) में क्वांटम भौतिकी के
फाइबराइजेशन - (May 2023)
ऑप्टिकल फाइबर केबल के माध्यम से रेडियो टावरों को एक-दूसरे से जोड़ने की प्रक्रिया फाइबराइजेशन (Fiberisation) कहलाती है। फाइबराइजेशन नेटवर्क के उस हिस्से को इंगित करता है, जो 5G सेवाओं में उपयोग किए जाने वाले डाटा की बड़ी मात्रा के संचार हेतु नेटवर्क के कोर को एक छोर से जोड़ता (Connecting core at one end) है। भारत में, वर्तमान में
नेटवर्क स्लाइसिंग - (May 2023)
नेटवर्क स्लाइसिंग (Network Slicing) एक नेटवर्क कॉन्फ़िगरेशन (Network Configuration) है। यह एक सामान्य भौतिक बुनियादी ढांचे के शीर्ष पर अनेक नेटवर्क (वर्चुअल एवं स्वतंत्र) निर्मित करने में मदद करता है। यह कॉन्फ़िगरेशन 5जी संरचना का एक अनिवार्य घटक बन गया है। नेटवर्क के प्रत्येक 'स्लाइस' अथवा हिस्से को एप्लीकेशन, उपयोग मामले या ग्राहक की विशेष आवश्यकताओं के आधार पर आवंटित
स्प्लिंटरनेट - (May 2023)
स्प्लिंटरनेट (Splinternet) का अर्थ 'देशों द्वारा राजनीतिक उद्देश्यों से कंटेंट को फिल्टर करने या पूरी तरह से अवरुद्ध करने के कारण इंटरनेट का तेजी से खंडित होना है।' रूस ने वर्ष 2019 में संप्रभु इंटरनेट कानून अथवा डिजिटल आयरन कर्टन नामक क़ानून पारित किया गया था। इस कानून में विशिष्ट परिस्थितियों में देश को शेष विश्व से अपना इंटरनेट डिस्कनेक्ट
डार्कनेट - (May 2023)
डार्क वेब के रूप में जाना जाने वाला इंटरनेट का वह हिस्सा, जिसे गूगल जैसे पारंपरिक सर्च इंजनों तथा क्रोम एवं सफारी जैसे सामान्य ब्राउज़र्स के माध्यम से एक्सेस नहीं किया जा सकता है, डार्कनेट कहलाता है। डार्कनेट डीप वेब का केवल एक हिस्सा है। डीप वेब एक व्यापक अवधारणा है जिसमें पासवर्ड द्वारा सुरक्षित साइट्स होती हैं। जनसामान्य के
गीगामेश - (May 2023)
गीगामेश (GigaMesh) एक अभिनव वायरलेस नेटवर्क समाधान है। यह उपनगरीय और ग्रामीण क्षेत्रों में फाइबर जैसी बैंडविथ इंटरनेट सेवाएं प्रदान कर सकता है। इसे डीप टेक स्टार्टअप (Deep Tech Startup) एस्ट्रोम (Astrom) द्वारा विकसित किया गया है। इस स्टार्टअप को भारतीय विज्ञान संस्थान के अंतर्गत टेक्नोलॉजी इन्नोवेशन हब (TIH)-आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड रोबोटिक्स टेक्नोलॉजी पार्क (ARTPARK) ने समर्थन प्रदान किया है।
क्रिप्टोजैकिंग - (May 2023)
क्रिप्टोजैकिंग (Cryptojacking) एक प्रकार का साइबर हमला है। इसका पता लगाना मुश्किल होता है। इसमें एक कंप्यूटिंग डिवाइस को हमलावर हैक कर लेता है। तत्पश्चात, वह अवैध रूप से क्रिप्टोकरंसी के 'कॉइन माइनिंग' के लिए इसके संसाधनों का उपयोग करता है। कॉइन माइनिंग एक वैध व प्रतिस्पर्धी प्रक्रिया है। इसका योग नए क्रिप्टो कॉइन को प्रचलन में लाने या नए
रेडियो फ्रिकवेंसी आईडेंटिफिकेशन - (May 2023)
रेडियो फ्रिकवेंसी आईडेंटिफिकेशन (RFID) एक वायरलेस सिस्टम है। इसमें 'टैग' और 'रीडर' नामक दो घटक होते हैं। RFID टैग को रीड करने की दूरी उपयोग की जाने वाली आवृत्ति (300 गीगाहर्ट से 9 किलोहर्ट तक) पर निर्भर करती है। RFID टैग को रीड करने के लिए लाइन ऑफ साइट (Line of Sight) में होना अनिवार्य नहीं होता है। RFID टैग
विस्तारित वास्तविकता - (May 2023)
विस्तारित वास्तविकता (Extended Reality-XR) कंप्यूटर प्रौद्योगिकी द्वारा विकसित वास्तविक एवं आभासी वातावरण के संयुक्त रूप तथा मानव-मशीन परस्पर क्रिया को संदर्भित करता है। यह पद आभासी वास्तविकता (VR), संवर्धित वास्तविकता (AR) व मिश्रित वास्तविकता (MR) आदि को कवर करता है। इस तकनीक का उद्देश्य भौतिक दुनिया को डिजिटल ट्विन वर्ल्ड (Digital Twin World) के साथ जोड़ना या प्रतिबिंबित करना है
फेसियल रिकॉग्निशन प्रणाली - (May 2023)
फेसियल रिकॉग्निशन प्रणाली (FRS) किसी व्यक्ति के चेहरे के माध्यम से उसकी पहचान करने या पहचान की पुष्टि करने का एक तरीका है। इसका उपयोग फोटो, वीडियो अथवा रियल टाइम में लोगों की पहचान करने के लिए दिया जा सकता है। सत्यापन की पहचान हेतु सिस्टम द्वारा फेसप्रिंट्स के एक व्यापक मौजूदा डेटाबेस के साथ नए फेसप्रिंट की तुलना की
नॉन फंजीबल टोकन - (May 2023)
नॉन फंजीबल टोकन (Non Fungible Token-NFT) एक डिजिटल ऑब्जेक्ट है जो ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी द्वारा निर्धारित प्रमाणिकता के प्रमाण पत्र के साथ एक ड्राइंग, एनिमेशन, संगीत का खंड, फोटो अथवा वीडियो हो सकता है। NFT डिजिटल रूप से दुर्लभ माने जाते हैं। एक NFT का मूल्य किसी भी अन्य सामान टोकन के मूल्य से भिन्न होता है। इन्हें केवल संपूर्ण रूप
बिटकॉइन माइनिंग - (May 2023)
बिटकॉइन माइनिंग जटिल पहेलियों को हल करके नए बिटकॉइन बनाने की प्रक्रिया है। इसमें गणितीय पहेलियों को हल करने के लिए प्रतिस्पर्धा करने वाले विशेष चिप्स से लैस कंप्यूटिंग सिस्टम का उपयोग किया जाता है। माइनिंग के कार्य को सामान्यतया बिजली की सस्ती दरों एवं ठंडे मौसम वाले देशों (जैसे- चीन, अमेरिका, रूस तथा कजाकिस्तान) में अधिक किया जाता
4D प्रिंटिंग - (May 2023)
यह 3D प्रिंटिंग का ही विकसित एवं नवीन रूप है। इसमें विशेष सामग्रियों का उपयोग करके उत्पादन के बाद आकार बदलने में सक्षम वस्तुओं को प्रिंट किया जाता है। इस तकनीक में उत्पादन के पश्चात रूपांतरण शुरू करने के लिए नमी, तापमान, प्रकाश, विद्युत प्रवाह, तनाव, पी.एच जैसे उत्प्रेरकों की आवश्यकता होती है। इसके अंतर्गत हाइड्रोजेल, थर्मोरेस्पॉन्सिव, फोटो एवं मैग्नेटो
3D प्रिंटिंग - (May 2023)
योगात्मक निर्माण या 3D प्रिंटिंग एक ऐसी प्रौद्योगिकी है, जिसमें डिजिटल 3D मॉडल या कंप्यूटर ऐडेड डिजाइन (CAD) मॉडल की मदद से सामग्री को परत दर परत जोड़ने की क्रिया द्वारा त्रिविमीय(Three-Dimensional) वस्तु निर्मित की जाती है। त्रिविमीय वस्तु तैयार करने के लिए निक्षेपण एवं घनीकरण (Deposition and Solidification) की प्रक्रिया को कंप्यूटर द्वारा नियंत्रित किया जाता है। यह वस्तुएं
लैम्डा - (May 2023)
'लैम्डा' अथवा संवाद अनुप्रयोगों के लिए भाषा मॉडल (Language Models for Dialog Applications: LaMDA) एक मशीन लर्निंग भाषा है। इसे गूगल ने चैटबॉट के रूप में निर्मित किया है। यह संवाद करते समय मनुष्यों की नकल करने में सक्षम है। इसे विभिन्न विषयों से संबंधित मुक्त वार्तालाप में संलग्न होने में सक्षम होने के लिए डिजाइन किया गया है। BERT',
जेनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस - (May 2023)
यह एक ऐसा एल्गोरिदम है जिसका उपयोग ऑडियो, कोड, चित्र, टेक्स्ट, सिमुलेशन और वीडियो जैसे नए कंटेंट बनाने के लिए किया जा सकता है। इस एल्गोरिदम को न्यूरल नेटवर्क का उपयोग करके, मशीन लर्निंग मॉडल को बड़ी मात्रा में डाटा के साथ प्रशिक्षित करके प्राप्त किया जाता है। तत्पश्चात, इन मॉडल्स का उपयोग नए सिंथेटिक डेटा उत्पन्न करने के लिए
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस - (May 2023)
कंप्यूटर विज्ञान का वह क्षेत्र जो बुद्धिमान मशीनों के निर्माण पर केंद्रित है, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कहलाता है। इन मशीनों द्वारा ऐसे कार्य किए जा सकते हैं, जिनमें आमतौर पर दृश्यात्मक अनुभूति, आवाज की पहचान और भाषा के अनुवाद जैसी मानव बुद्धिमत्ता की आवश्यकता होती है। यह प्रौद्योगिकी कंप्यूटर को अनुभव से सीखने, नए इनपुट को समायोजित करने तथा मानव जैसे कार्य करने
हेडक्वार्टर एग्रीमेंट - (May 2023)
हाल ही में भारत ने 'आपदा रोधी अवसंरचना के लिए गठबंधन' (CDRI) के साथ 'हेडक्वार्टर एग्रीमेंट' पर हस्ताक्षर किए हैं।इससे CDRI को स्वतंत्र और अंतरराष्ट्रीय कानूनी संस्था का दर्जा मिल गया है। हेडक्वार्टर एग्रीमेंट किसी अंतरराष्ट्रीय संगठन और मेजबान देश के बीच किया गया एक समझौता होता है। यह समझौता संगठन के सुचारु संचालन के लिए आवश्यक विशेषाधिकारों और उन्मुक्तियों
एज़ोरेस हाई - (May 2023)
एज़ोरेस हाई (Azores High) उपोष्ण-कटिबंधीय उच्च वायुदाब प्रणाली है। इसका विस्तार सर्दियों के दौरान पूर्वी-उपोष्ण कटिबंधीय उत्तरी अटलांटिक और पश्चिमी यूरोप तक होता है। एज़ोरेस हाई (Azores High) की उत्पत्ति उपोष्ण-कटिबंधीय क्षेत्र में शुष्क वायु के नीचे की ओर आने से होती है। यह हैडली परिसंचरण की निचली शाखा के साथ मिल जाती है। इसका संबंध उपोष्ण-कटिबंधीय उत्तरी अटलांटिक
मेई यू फ्रंट तथा मैडन जूलियन ऑसिलेशन - (May 2023)
वर्ष 2021 में जून माह में होने वाली वर्षा का औसत 152.3 मिलीमीटर दर्ज किया गया। यह पिछले वर्षों (1971-2020 के आंकड़ों के आधार पर) की औसत वर्षा 165.3 मिली मीटर की तुलना में कम थी। वर्षा में इस कमी के लिए 'मेई यू फ्रंट' तथा'मैडन जूलियन ऑसिलेशन' जैसी घटनाओं को उत्तरदायी माना जा रहा है। पश्चिमी प्रशांत क्षेत्रों (पूर्वी
क्लाइमेट ट्रेस कोलिएशन - (May 2023)
अमेरिका के पूर्व उपराष्ट्रपति अल गोर के नेतृत्व में क्लाइमेट ट्रेस (TRACE) कोलिएशन आरंभ किया गया है। यह एक वैश्विक गैर-लाभकारी संगठन है। इसके द्वारा सेटेलाइट इमेजरी और रिमोट सेंसिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तथा कलेक्टिव डाटा साइंस के अन्य रूपों का उपयोग किया जाता है। इसका उद्देश्य अभूतपूर्व विस्तार और गति के साथ ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को ट्रैक करने के
मीथेन अलर्ट एंड रिस्पांस सिस्टम - (May 2023)
संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) की अंतरराष्ट्रीय मीथेन उत्सर्जन वेधशाला (IMEO) द्वारा मीथेन अलर्ट एंड रिस्पांस सिस्टम (MARS) आरंभ किया गया है। यह एक नई उपग्रह आधारित प्रणाली है। यह प्रणाली तेजी से शमन कार्यवाही को बढ़ावा देने के लिए बड़े मीथेन स्रोतों के बारे में सरकारों, कंपनियों और ऑपरेटर्स को सतर्क करेगी। यह प्रणाली प्रमुख मीथेन उत्सर्जन स्रोतों का
हाइड्रोलिक फ्रेकिंग - (May 2023)
हाल ही में इंग्लैंड द्वारा हाइड्रोलिक फ्रेकिंग अथवा फैक्चरिंग से प्रतिबंध हटाया गया है। फ्रेकिंग शेल चट्टान से गैस और तेल निकालने की एक तकनीक है। इस तकनीक का विरोध इसलिए किया जाता है, क्योंकि चट्टान में उच्च दबाव पर तरल पदार्थ को इंजेक्ट करने से पृथ्वी की सतह पर कंपन उत्पन्न होने का खतरा रहता है। चट्टान की
मेघालयन युग - (May 2023)
यह होलोसीन युग का एक सबसे नवीनतम कालखंड है। इसका निर्माण लगभग 4200 वर्ष पूर्व आरंभ हुआ था। इस दौरान दुनिया भर के कृषक समाजों को आकस्मिक गंभीर सूखे और शीतलन का सामना करना पड़ा था। भूगर्भीय कालक्रम के विभिन्न अंतरालों के मध्य मेघालय युग को अद्वितीय माना जाता है। यह अपने आरंभ से ही वैश्विक जलवायु परिघटनाओं द्वारा जनित
मावम्लुह गुफा - (May 2023)
मावम्लुह गुफा को 'क्रेम मावम्लुह' के नाम से भी जाना जाता है। यह भारतीय उपमहाद्वीप की चौथी सबसे लंबी गुफा है, इसकी लंबाई लगभग 7 किलोमीटर है। यह गुफा मेघालय के पूर्वी खासी हिल्स जिले के सोहरा में स्थित है। इसकी खोज वर्ष 1844 में लेफ्टिनेंट यूएल नामक एक ब्रिटिश अधिकारी द्वारा की गई थी। लगभग 4,503 मीटर की ऊंचाई
दामिनी एप - (May 2023)
हाल ही में, गृह मंत्रालय द्वारा सूचना दी गई है कि दामिनी आपको सभी स्थानीय भाषाओं में उपलब्ध कराया जाएगा। यह ऐप भारत में आकाशीय बिजली की सभी घटनाओं की निगरानी करता है। यह 20 किलोमीटर से 40 किलोमीटर के दायरे में बिजली गिरने पर GPS अधिसूचना के माध्यम से व्यक्ति को सचेत करता है। इस ऐप का विकास
दक्षिण एशिया सूखा निगरानी प्रणाली - (May 2023)
दक्षिण एशिया सूखा निगरानी प्रणाली (SADMS) को अंतरराष्ट्रीय जल प्रबंधन संस्थान (IWMI) और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) द्वारा विकसित किया गया है। इसका उद्देश्य सूखा प्रबंधन के समक्ष मौजूद और संभावित चुनौतियों का समाधान करना है। साथ ही, दक्षिण एशिया के देशों में अग्र-सक्रिय सूखा शमन उपायों के लिए एक रूपरेखा भी प्रदान करना है। यह सूखे की
हिमस्खलन निगरानी रडार - (May 2023)
हाल ही में उत्तरी सिक्किम में हिमस्खलन निगरानी रडार (Avalanche Monitoring Radar:AMR) स्थापित किया गया है। यह भारत में अपनी तरह का पहला रडार है। यह हिमस्खलन के सक्रिय होने के तीन सेकंड के भीतर उसका पता लगाने में सक्षम है। इसका संचालन सेना तथा रक्षा भू सूचना विज्ञान अनुसंधान प्रतिष्ठान (DGRE) द्वारा किया जा रहा है। DGRE, रक्षा
डेरेचो - (May 2023)
संयुक्त राज्य अमेरिका के कई राज्य डेरेचो (Derecho) नामक तूफान से प्रभावित हुए हैं। इस तूफान के कारण संबंधित क्षेत्रों में आकाश का रंग हरा हो गया था। यह हरा रंग बड़ी मात्रा में जल धारण करने वाले इस प्रकार के तूफानों के साथ प्रकाश की परस्पर क्रिया के कारण होता है। डेरेचो एक व्यापक, लंबे समय तक रहने वाला
भूकंप वेधशाला - (May 2023)
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने जम्मू और कश्मीर के उधमपुर में एक भूकंपीय वेधशाला स्थापित की है। यह भारत का 153वां भूकंपीय स्टेशन है। उधमपुर जनपद दो प्रमुख भूकंपीय भ्रंशो अर्थात 'मेन फ्रंटल थ्रस्ट' (MFT) और 'मेन बाउंड्री थ्रस्ट'(MBT) के मध्य स्थित है। यह भ्रंश जम्मू कश्मीर क्षेत्र में भूकंप उत्पन्न होने के संभावित कारकों में से एक हैं। उधमपुर
बम चक्रवात - (May 2023)
बम चक्रवात को विस्फोटक उत्पत्ति वाले चक्रवात (Cyclogenesis) के रूप में भी जाना जाता है। यह एक मौसमी परिघटना है जो तब घटित होती है जब निम्न दाब वाली प्रणाली के तहत वायुमंडलीय दाब में तीव्र और अत्यधिक गिरावट होती है। इस तीव्र गिरावट के दौरान तेज पवन प्रवाह होता है। बम चक्रवात की उत्पत्ति आमतौर पर सर्दियों के महीनों
ड्वोरक तकनीक - (May 2023)
ड्वोरक तकनीक (Dvorak Technique) का विकास करने वाले अमेरिकी मौसम विज्ञानी बर्नोन ड्वोरक का हाल ही में निधन हो गया। ड्वोरक तकनीक एक सांख्यिकीय पद्धति है। इसके अंतर्गत उष्णकटिबंधीय चक्रवातों की तीव्रता का आकलन किया जाता है। इसके लिए उपग्रह इमेजरी पर आधारित 'क्लाउड पैटर्न' का उपयोग किया जाता है। इस तकनीक में चक्रवातों की तीव्रता का अनुमान
फुजिवारा इफेक्ट - (May 2023)
जब एक ही महासागर क्षेत्र में लगभग एक ही समय में दो से अधिक चक्रवातों का निर्माण होता है, दोनों चक्रवात एक दूसरे से 1400 किलोमीटर से कम दूरी पर स्थित होते हैं तथा उनकी तीव्रता एक 'अवदाब' (वायु की गति 63 किमी. प्रति घंटे से कम) और एक 'सुपर टायफून' (वायु की गति 209 किमी. प्रति घंटे से अधिक)
चक्रवात 'असानी' - (May 2023)
हाल ही में बंगाल की खाड़ी के दक्षिणी-पूर्वी क्षेत्रों में विकसित चक्रवात को 'असानी' नाम प्रदान किया गया था। यह वर्ष 2022 में उत्तरी हिंद महासागर क्षेत्र में निर्मित होने वाला पहला चक्रवाती तूफान था। इस चक्रवात को 'असानी' नाम श्रीलंका द्वारा दिया गया था। सिंधी भाषा में इसका अर्थ 'क्रोध' होता है। 'असानी' के बाद बनने वाले चक्रवात को
भू-धंसाव - (May 2023)
पृथ्वी की उप-सतह से भू-सामग्रियों को हटाने या उनके विस्थापन के कारण पृथ्वी की सतह का क्रमिक रूप से धंसना या अचानक धंसाव को भू-धंसाव कहते हैं। भू-धंसाव की स्थिति भू-स्खलन से भिन्न होती है। भू-धंसाव में किसी क्षेत्र का भूभाग लंबवत रूप में नीचे की ओर हो सकता है। वहीं दूसरी तरफ भूस्खलन में पहाड़ी अथवा किसी पर्वतीय ढाल
प्राण पोर्टल - (May 2023)
केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (NCAP) के तहत 'गैर-प्राप्ति शहरों में वायु प्रदूषण के नियमन' के लिए 'प्राण' (Portal for Regulation of Air-pollution in Non-Attainment cities: PRANA) नामक एक पोर्टल का आरंभ किया गया है। गैर-प्राप्ति वाले शहर (Non-Attainment cities) वे शहर हैं, जो पिछले 5 वर्षों की अवधि में 'राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता
पूर्व सूचित सहमति - (May 2023)
पूर्व सूचित सहमति (Prior Informed Consent-PIC) एक प्रक्रिया है जो रॉटरडम कन्वेंशन (Rotterdam Convention) का एक अभिन्न प्रावधान माना जाता है। इस प्रक्रिया द्वारा खतरनाक रसायनों के भावी शिपमेंट की प्राप्ति के इच्छुक आयातक पक्षकारों की औपचारिक प्राप्ति एवं प्रसार के लिए एक तंत्र निर्मित किया जाता है। इसके तहत कन्वेंशन के अनुबंध-III में सूचीबद्ध खतरनाक रसायनों और निर्यातक
परसिस्टेंट ऑर्गेनिक पोल्यूटेंट्स - (May 2023)
परसिस्टेंट ऑर्गेनिक पोल्यूटेंट्स (PoPs) ऐसे रासायनिक पदार्थ होते हैं जो लंबे समय तक पर्यावरण में बने रहते हैं तथा सजीवों में जैव-संचित होते रहते हैं। PoPs मानव स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं तथा स्रोत से काफी दूर तक यात्रा कर पर्यावरणीय प्रभाव उत्पन्न करते हैं। PoPs को नियंत्रित करने के लिए 'स्टॉकहोम अभिसमय' एक वैश्विक एवं कानूनी रूप से
ई-अपशिष्ट - (May 2023)
अपशिष्ट के रूप में परित्यक्त किए गए विद्युत एवं इलेक्ट्रॉनिक उपकरण अथवा उनके अंश को ई-अपशिष्ट कहा जाता है। सामान्य रूप से यह उपकरण विनिर्माण, नवीनीकरण और मरम्मत की प्रक्रिया में अस्वीकृत कर दिया जाते हैं। पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा ई-अपशिष्ट (प्रबंधन) नियम, 2022 को अधिसूचित किया गया है। इन नियमों में ई-उत्पादकों के लिए अनिवार्य रूप
प्रकाश प्रदूषण - (May 2023)
अत्यधिक व गलत दिशा में अथवा बाधा डालने वाले कृत्रिम प्रकाश को प्रकाश प्रदूषण की श्रेणी में रखा जाता है। 'इंटरनेशनल डार्क स्काई एसोसिएशन' (IDA) द्वारा वार्षिक रूप से आयोजित किए जाने वाले 'इंटरनेशनल डार्क स्काई वीक' कार्यक्रम के माध्यम से प्रकाश प्रदूषण को कम करने के लिए लोगों को जागरूक किया जाता है। प्रदर्शनों और रोशनी के लिए
स्वच्छ सुजल प्रदेश - (May 2023)
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह भारत का पहला स्वच्छ सुजल प्रदेश बन गया है। इस द्वीप समूह के सभी गांवों को 'हर घर जल प्रमाण पत्र' प्राप्त हुआ है। स्वच्छ सुजल प्रदेश संबंधी प्रमाण पत्र जल शक्ति मंत्रालय द्वारा प्रदान किया जाता है। यह प्रमाण पत्र स्वच्छ एवं सुरक्षित पेयजल आपूर्ति, खुले में शौच मुक्त प्लस (ODF+) तथा अभिसरण, सूचना,
जलदूत ऐप - (May 2023)
इस ऐप का विकास ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा किया गया है। इससे चयनित गांवों में भूजल-स्तर की पहचान करने में मदद मिलेगी। यह ग्राम रोजगार सहायक (GRS) को वर्ष में दो बार (मानसून से पहले और मानसून के बाद) चयनित जल स्तर को मापने में सक्षम बनाएगा। इस ऐप द्वारा एकत्र किए गए आंकड़ों का उपयोग करके ग्राम पंचायत
भारत टैप - (May 2023)
भारत टैप (Bharat Tap) आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा आरंभ की गई एक पहल है। इस पहल का उद्देश्य कम जल प्रवाह वाले सेनेटरी-वेयर बड़े पैमाने पर उपलब्ध कराना है। इससे स्रोत पर ही जल की खपत को लगभग 40% तक कम किया जा सकेगा। भारत टैप को कायाकल्प और शहरी परिवर्तन के लिए अटल मिशन 2.0 (अमृत
अर्थ गंगा - (May 2023)
इस अवधारणा को वर्ष 2019 में कानपुर में आयोजित 'राष्ट्रीय गंगा परिषद' की बैठक के दौरान प्रधानमंत्री द्वारा प्रस्तुत किया गया था। यह अवधारणा 'नमामि गंगे कार्यक्रम' के अंतर्गत गतिविधियों को जारी रखने के लिए आजीविका के अवसर पैदा करने पर केंद्रित है। 'नमामि गंगे कार्यक्रम' गंगा और उसकी सहायक नदियों को साफ करने के लिए सरकार का प्रमुख कार्यक्रम
माइक्रो प्लास्टिक एवं नैनो प्लास्टिक - (May 2023)
5 मिली मीटर से कम आकार वाले प्लास्टिक को माइक्रो प्लास्टिक की संज्ञा दी जाती है। इनमें माइक्रो फाइबर (सबसे प्रचुर मात्रा में), टुकड़े, छर्रे, फ्लेक्स एवं शीट शामिल होते हैं। नैनो प्लास्टिक के कणों का आकार 1000 नैनोमीटर से भी कम होता है। दूसरे शब्दों में, एक नैनोमीटर एकमीटर के एक अरबवें हिस्से के बराबर होता है। माइक्रो
क्लोरपायरीफॉस, फिप्रोनिल, एट्राजिन और पैराक्वाट कीटनाशक - (May 2023)
क्लोरपायरीफॉस (Chlorpyrifos) कीटनाशक का उपयोग पत्ते और मिट्टी से उत्पन्न कीटों को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है। फिप्रोनिल (Fipronil) का उपयोग करके चीटियों, भृगों, तिलचट्टे तथा पिस्सू आदि को नियंत्रित किया जाता है। एट्राजिन (Atrazine) वार्षिक घास (Annual Grass) तथा चौड़ी पत्ती वाले खरपतवारों को उगने से पहले उन्हें चयनित रूप से नियंत्रित करता है। पैराक्वाट (Paraquat)
एंडोसल्फान - (May 2023)
यह एक ऑर्गेनोक्लोरीन बायोसाइट है। इसका उपयोग न्यूरोटॉक्सिक प्रभाव उत्पन्न करके कीटों और घुनों (Mites) को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है। कीटों और घुनों से सुरक्षा हेतु कपास, काजू, चाय धान तथा तंबाकू जैसी फसलों पर इसका छिड़काव किया जाता है। यह वर्ष 2001 में हस्ताक्षरित तथा 2004 से लागू 'दीर्घस्थाई कार्बनिक प्रदूषको पर स्टॉकहोम अभिसमय' के
नोनिल्फेनॉल - (May 2023)
यह एक विषाक्त रासायनिक जल प्रदूषक है। इसका उपयोग सामान्य रूप से नोनिल्फेनॉल एथोक्सिलेट्स (NPE) के उत्पादन में किया जाता है। नोनिल्फेनॉल एथोक्सिलेट्स (NPE) का प्रयोग पृष्ठक्रियाकारक (Surfactants) के रूप में किया जाता है, साथ ही इसे दिन-प्रतिदिन के उपभोक्ता उत्पादों जैसे डिटर्जेंट, वेटिंग एजेंट और डिस्पर्सेंट के निर्माण में भी प्रयुक्त किया जाता है। नोनिल्फेनॉल एक अंतःस्रावी विघटनकारी
पर एंड पॉली-फ्लोरो अल्काईल पदार्थ - (May 2023)
पर एंड पॉली-फ्लोरो अल्काईल पदार्थ (Per and polyfluoroalkyl substances:PFAS) एक प्रकार के रसायन होते हैं जिनमें आंशिक या पूर्णतः फ्लोरीन युक्त कार्बन श्रृंखला में मौजूद होती हैं। इन श्रृंखलाओं की लंबाई भिन्न-भिन्न हो सकती है। कार्बन-फ्लोरीन के इन मजबूत बांड के कारण, यह पदार्थ पर्यावरण में दीर्घ काल तक बने रह सकते हैं। इनके निम्नीकरण में अधिक समय लगता है।
सीसा - (May 2023)
सीसा अर्थात लेड (Pb) भू-पर्पटी में प्राकृतिक रूप से पाई जाने वाली विषाक्त धातु है। खनन, प्रगलन तथा शोधन उद्योग इस धातु के प्राथमिक स्रोत माने जाते हैं। सीसा विषाक्तता की स्थिति लोगों को सिरदर्द, जी मिचलाना, चिड़चिड़ापन, थकान तथा पेट दर्द जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। सीसा विषाक्तता से मनुष्य में हीमोग्लोबिन के निर्माण में रुकावट
भारी धातुएं - (May 2023)
भारी धातुएं (Heavy Metals) प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले खनिज तत्व हैं। इनका परमाणु भार अधिक होता था, साथ ही इनका घनत्व जल के घनत्व कम से कम 5 गुना अधिक होता है। भारी धातुओं में सीसा, लोहा, निकल, कैडमियम, आर्सेनिक, क्रोमियम एवं तांबा शामिल है। इन धातुओं के संपर्क में आने से मनुष्य में शारीरिक, मांसपेशीय और
ग्रेवाटर - (May 2023)
ग्रेवाटर (Graywater) को अपशिष्ट जल के रूप में परिभाषित किया जाता है। इसमें स्नान, शावर, हैंड वॉश बेसिन, वाशिंग मशीन, डिशवॉशर और किचन सिंक आदि का अपशिष्ट जल शामिल रहता है। ध्यान रहे कि, ग्रेवाटर में शौचालयों से निष्कासित जल को शामिल नहीं किया जाता है। ग्रेवाटर में नाइट्रोजन और फास्फोरस की मात्रा अधिक होती है। कृषि सिंचाई में
अपरंपरागत/गैर-परंपरागत जल संसाधन - (May 2023)
सामान्य रूप से लवण युक्त जल, खारा जल, कृषि सिंचाई के लिए अपवाहित जल, उपचारित या अनुपचारिक अपशिष्ट जल प्रवाह को गैर-परंपरागत जल संसाधन में शामिल किया जाता है। इस जल के उपयोग के लिए अधिक जटिल प्रबंधन पद्धतियों और कड़ी निगरानी प्रक्रियाओं को अपनाने की आवश्यकता होती है। अलवणीकरण (Desalination) एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें मानव उपभोग के
भूजल दोहन - (May 2023)
एक वर्ष में भूजल का जितना पुनर्भरण होता है, उससे अधिक जल की निकासी को 'अति-दोहन' कहा जाता है। वार्षिक आधार पर उपलब्ध भूजल संसाधन के 90% से 100% उपभोग की स्थिति 'गंभीर-दोहन' की श्रेणी में आती है। जब भूजल का इसके पुनर्भरण के 70% से कम उपभोग किया जाता है तो इसे दोहन की 'सुरक्षित' स्थिति माना जाता
ब्रीथलाइफ कैंपेन - (May 2023)
वर्ष 2016 में शुरू किया गया यह वैश्विक अभियान शहरों एवं लोगों को हमारे स्वास्थ्य एवं जलवायु रक्षा के लिए वर्ष 2030 तक वायु प्रदूषण को सुरक्षित स्तर पर लाने के लिए कार्यवाई हेतु प्रेरित करता है। वैश्विक स्तर पर इसका नेतृत्व विश्व स्वास्थ संगठन (WHO), संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) तथा क्लाइमेट एंड क्लीन एयर कोएलिशन द्वारा किया जा
ग्रीन क्रैकर्स - (May 2023)
पारंपरिक पटाखों की तुलना में हरित पटाखों (Green Crackers) से वायु प्रदूषण में 30% की कमी आती है। ये पटाखे उत्सर्जन में कमी के साथ धूल को अवशोषित करते हैं। इनमें बेरियम नाइट्रेट जैसे खतरनाक तत्व भी नहीं होते हैं। इनका उत्पादन वैज्ञानिक तथा अनुसंधान औद्योगिक परिषद (CSIR) द्वारा अनुमोदित लाइसेंस प्राप्त निर्माता कर सकते हैं। पेट्रोलियम और विस्फोटक
पेलेटाइजेशन और टॉरफेक्शन - (May 2023)
केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने पराली जलाने संबंधी गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) केंद्र दिशानिर्देशों को जारी करते हुए पेलेटाइजेशन और टॉरफेक्शन (Pelletisation and Torrefaction) संयंत्रों की स्थापना को बढ़ावा देने पर बल दिया है। पेलेटाइजेशन की प्रक्रिया में पराली को कतरने, सुखाने, पीसने और गोले बनाने की प्रक्रिया शामिल है।
भारत स्टेज VI मानदंड - (May 2023)
दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए BS-III पेट्रोल वाहनों और BS-IV डीजल वाहनों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। भारत स्टेज (BS) मानदंड मोटर वाहनों सहित आंतरिक दहन (IC) इंजन उपकरणों से वायु प्रदूषण के उत्सर्जन को नियंत्रित करते हैं। ये मानदंड यूरोपीय उत्सर्जन मानकों पर आधारित हैं। इन्हें पहली बार वर्ष 2000 में प्रस्तुत
बायो डी-कंपोजर - (May 2023)
हाल ही में, दिल्ली सरकार द्वारा पराली जलाने पर रोक लगाने के लिए खेतों में बायो डी-कंपोजर का छिड़काव किया गया है। बायो डी-कंपोजर लाभकारी सूक्ष्म जीवों के समूह से निर्मित एक कैप्सूल है जिसे भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (ICAR) द्वारा विकसित किया गया है। यह कैप्सूल 15-20 दिनों की अवधि में पराली को खाद में बदलकर इसके अपघटन
राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम - (May 2023)
वर्ष 2019 में आरंभ किए गए इस कार्यक्रम का उद्देश्य वायु प्रदूषण की रोकथाम नियंत्रण और निवारण हेतु एक व्यापक शमन (Mitigation) कार्य योजना तैयार करना है। आरंभ में, इस कार्यक्रम के तहत देशभर के चयनित शहरों में PM10 एवं PM2.5 की सांद्रता में वर्ष 2024 तक 20% से 30% की कमी करने का (आधार वर्ष 2017) लक्ष्य निर्धारित किया
सामान्य लेकिन विभेदित जिम्मेदारियों और संबंधित क्षमताओं का सिद्धांत - (May 2023)
सामान्य लेकिन विभेदित जिम्मेदारियों और संबंधित क्षमताओं (CBDR-RC) का सिद्धांत जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (UNFCCC) के अंतर्गत एक सिद्धांत है, जो जलवायु परिवर्तन को संबोधित करने में अलग-अलग देशों की अलग-अलग क्षमताओं और अलग-अलग जिम्मेदारियों को स्वीकार करता है। इस सिद्धांत को 1997 के क्योटो प्रोटोकॉल में संहिताबद्ध किया गया था।
उत्सर्जन व्यापार प्रणाली - (May 2023)
उत्सर्जन व्यापार प्रणाली एक बाजार आधारित प्रणाली है जहां सरकार उत्सर्जन सीमा निर्धारित करती है और उद्योगों को उत्सर्जन सीमा से नीचे रहने के लिए परमिट खरीदने और बेचने की अनुमति देती है। उत्सर्जन व्यापार प्रणाली (या पर्यावरण कराधान) का व्यापक उपयोग हरित विकास को बढ़ावा देने के सबसे कुशल और प्रभावी तरीकों में से एक होगा। उत्सर्जन व्यापार प्रणालियाँ
प्रदूषक भुगतान सिद्धांत - (May 2023)
प्रदूषक भुगतान सिद्धांत विश्व भर में सतत विकास को निर्देशित करने के लिए व्यापक सिद्धांतों के एक सेट का हिस्सा है। यह 1992 के रियो घोषणा का हिस्सा है जो विश्व भर में सतत विकास को निर्देशित करने के लिए व्यापक सिद्धांत प्रदान करता है। प्रदूषक भुगतान सिद्धांत आम तौर पर स्वीकृत प्रथा है, कि जो लोग प्रदूषण पैदा करते
फर्स्ट मूवर्स गठबंधन - (May 2023)
फर्स्ट मूवर्स गठबंधन को स्कॉटलैंड के ग्लासगो में आयोजित कोप 26 में अमेरिका और विश्व आर्थिक मंच द्वारा लॉन्च किया गया था। इसका नेतृत्व विश्व आर्थिक मंच और अमेरिकी सरकार कर रही है। इसका उद्देश्य नीतिगत उपायों और निजी क्षेत्र की व्यस्तताओं के माध्यम से स्वच्छ प्रौद्योगिकियों के लिए शुरुआती बाजार तैयार करना। यह 30 प्रतिशत वैश्विक उत्सर्जन के लिए
वैश्विक जलवायु लचीलापन निधि - (May 2023)
वैश्विक जलवायु लचीलापन निधि जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिए महिलाओं और समुदायों को सशक्त करने के साथ-साथ नए आजीविका के संसाधन और शिक्षा प्रदान करने में भी मदद करता है। इस फंड का मुख्य रूप से अधिक तापमान वाले क्षेत्रों में गर्मी की लहरों से लड़ने के लिए उपयोग किया जाता है। इसका उद्देश्य धूप में काम करने वाली
वैश्विक पर्यावरण सुविधा लघु अनुदान कार्यक्रम - (May 2023)
वैश्विक पर्यावरण सुविधा लघु अनुदान कार्यक्रम वैश्विक पर्यावरण सुविधा का एक कॉर्पोरेट कार्यक्रम है, जो स्थानीय नागरिक समाज और समुदाय-आधारित संगठनों को वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान करता है। लघु अनुदान कार्यक्रम को 1992 के रिओ सम्मेलन में शुरू किया गया था। ये अपनी स्थापना के बाद से 136 देशों का समर्थन करते हुए अन्य जीईएफ परियोजनाओं और कार्यक्रमों के
अल्प विकसित देशों हेतु फंड - (May 2023)
2001 में, यूनाइटेड नेशंस फ्रेमवर्क कन्वेंशन ऑन क्लाइमेट चेंज (UNFCCC) के 194 देशों ने अल्प विकसित देशों हेतु फंड (Least Developed Countries Fund) की स्थापना की थी। एलडीसीएफ को वैश्विक पर्यावरण सुविधा द्वारा प्रशासित किया जाता है। विश्व बैंक अल्प विकसित देशों हेतु फंड का स्थायी ट्रस्टी है। इसका मुख्य उद्देश्य जलवायु परिवर्तन अनुकूलन के लिए नवाचार एवं प्रौद्योगिकी
विशेष जलवायु परिवर्तन कोष - (May 2023)
विशेष जलवायु परिवर्तन कोष, विश्व के पहले बहुपक्षीय जलवायु अनुकूलन वित्त उपकरणों में से एक है| इसकी स्थापना जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन के तहत नवंबर 2001 में जलवायु परिवर्तन से संबंधित गतिविधियों, कार्यक्रमों और उपायों के लिए की गई थी। विशेष जलवायु परिवर्तन कोष का प्रबंधन वैश्विक पर्यावरण सुविधा द्वारा किया जाता है और यह सबसे कम
इंफ्रास्ट्रक्चर रेजिलिएशन एक्सेलेरेटर फंड - (May 2023)
कोएलिशन फॉर डिजास्टर रेजिलिएंट इन्फ्रास्ट्रक्चर ने मिस्रके शर्म अल शेख में आयोजित COP27 में इंफ्रास्ट्रक्चर रेजिलिएशन एक्सेलेरेटर फंड की घोषणा की थी। इन्फ्रास्ट्रक्चर रेजिलिएंस एक्सीलरेटर फंड, एक मल्टी-डोनर ट्रस्ट फंड है, जिसे यूएनडीपी और 'आपदा जोखिम न्यूनीकरण के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय' (UNDRR) के समर्थन से स्थापित किया गया है। इसका प्रबंधन यूनाइटेड नेशन मल्टी-पार्टनर ट्रस्ट फंड ऑफिस, न्यूयॉर्क द्वारा
ग्रीन फिन्स हब - (May 2023)
हाल ही में, संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम ने यूके स्थित चैरिटी रीफ-वर्ल्ड फाउंडेशन के साथ ग्रीन फिन्स हब (Green Fins Hub) लॉन्च किया है। इसे संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम के साथ साझेदारी में द रीफ-वर्ल्ड फाउंडेशन द्वारा विकसित किया गया था। ग्रीन फिन्स हब विश्व भर में डाइविंग और स्नॉर्केलिंग (snorkelling) ऑपरेटरों के लिए एक वैश्विक डिजिटल प्लेटफॉर्म है।
कार्बन बजट - (May 2023)
कार्बन बजट, कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन की एक संचयी मात्रा है, जिसे एक निश्चित तापमान सीमा के भीतर रखने के लिए समय की अवधि में अनुमति दी जाती है। यह कार्बन डाइऑक्साइड की अधिकतम मात्रा है, जिसे उत्सर्जित किया जा सकता है। इसका मुख्य उद्देश्य शुद्ध-शून्य उत्सर्जन की संकल्पना को बढ़ावा देना है। कार्बन बजट का निर्माण इस आधार पर किया
अनुकूलन निधि - (May 2023)
अनुकूलन निधि की स्थापना 2001 में क्योटो प्रोटोकॉल के विकासशील देशों में ठोस अनुकूलन परियोजनाओं और कार्यक्रमों के वित्तपोषण के लिए की गई थी। अनुकूलन निधि का पर्यवेक्षण और प्रबंधन अनुकूलन निधि बोर्ड द्वारा किया जाता है। यह उन परियोजनाओं और कार्यक्रमों के लिए वित्त पोषण प्रदान करता है जो विकासशील देशों में जलवायु परिवर्तन के अनुकूल होने में कमजोर
ग्रीनवाशिंग - (May 2023)
ग्रीनवाशिंग से तात्पर्य जलवायु कार्रवाई में अनुचित व्यवहार के प्रयोग से है। निजी कंपनियां, निगम और कभी-कभी देश भी, जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिये किये जा रहे कार्यों और इन कार्यों के प्रभावों को बढ़ा-चढ़ाकर प्रस्तुत करने का प्रयास करते हैं। इस प्रक्रिया में, वे भ्रामक जानकारी प्रदान करते हैं, असत्यापित दावे करते हैं और कभी-कभी अपने उत्पादों या प्रक्रियाओं
कार्बन ट्रेडिंग - (May 2023)
कार्बन ट्रेडिंग एक बाजार-आधारित प्रणाली है, जिसका उद्देश्य उद्यमों को उनके पर्यावरण पदचिह्न को कम करने हेतु राजी करने के लिए वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करना तथा ग्लोबल वार्मिंग में योगदान देने वाली ग्रीनहाउस गैसों को कम करना है। कार्बन ट्रेडिंग परमिट धारक को कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन करने की अनुमति देती है। ये एक कानूनी रूप से बाध्यकारी योजना है।
ग्रीन इवेंट टूल - (May 2023)
अनुसंधान एवं विकास खाड़ी संगठन (GORD), जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र रूपरेखा अभिसमय (UNFCCC) सचिवालय और संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) ने एक ऑनलाइन ग्रीन इवेंट्स टूल (GET) विकसित किया है।इसका उद्देश्य कार्बन फुटप्रिंट सहित नियोजन एवं कार्यान्वयन स्तर पर आयोजनों से होने वाले नकारात्मक प्रभावों कम करने वाली गतिविधियों को प्रोत्साहित करना है।यह मंच आयोजकों को नियोजन स्तर पर
सोलर फैसिलिटी - (May 2023)
अक्टूबर, 2022 में अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (International Solar Alliance) ने अपनी 5वीं बैठक में 'सोलर फैसिलिटी (Solar Facility)' को मंजूरी प्रदान की। सोलर फैसिलिटी ISA फ्रेमवर्क के तहत भुगतान गारंटी तंत्र है। यह पहल सौर ऊर्जा क्षेत्र में निवेश को आकर्षित करने के लिए 2030 तक सौर ऊर्जा निवेश में $ 1 ट्रिलियन को अनलॉक करने के ISA लक्ष्य के
कार्बन बॉर्डर एडजेस्टमेंट मेकैनिज्म - (May 2023)
वर्ष 2021 में, यूरोपीय संघ ने 'कार्बन बॉर्डर एडजस्टमेंट मैकेनिज्म' (CBAM) का प्रस्ताव रखा, जिसके अंतर्गत 2026 से सीमेंट और स्टील जैसी कार्बन-गहन वस्तुओं के यूरोपीय संघ में निर्यात पर कर लगाया जायेगा। योजना के अनुसार, यूरोपीय संघ के आयातकों को उस कार्बन मूल्य के अनुरूप कार्बन प्रमाण पत्र खरीदना होगा, जिस मूल्य पर उत्पाद के स्थानीय रूप से उत्पादित
ओजोन-क्षयकारी पदार्थ - (May 2023)
ओज़ोन परत में हो रहे क्षरण के लिये क्लोरो फ्लोरो कार्बन गैस प्रमुख रूप से उत्तरदायी है। इसके अलावा हैलोजन, मिथाइल क्लोरोफॉर्म, कार्बन टेट्राक्लोराइड आदि रासायनिक पदार्थ भी ओज़ोन को नष्ट करने में योगदान दे रहे हैं। क्लोरो फ्लोरो कार्बन गैस का उपयोग हम मुख्यत: अपनी दैनिक सुख सुविधाओं के उपकरणों में करते हैं, जिनमें एयर कंडीशनर, रेफ्रिजरेटर, फोम, रंग,
'इन अवर लाइफटाइम' अभियान - (May 2023)
पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय और संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) ने संयुक्त रूप से 14 नवंबर 2022 को मिस्र में COP-27 के एक कार्यक्रम में 'इन अवर लाइफटाइम' ('In Our LiFEtime' Campaign) अभियान शुरू किया। अभियान का उद्देश्य 18 से 23 वर्ष के बीच के युवाओं को स्थायी जीवन शैली के संदेश वाहक बनने के लिए प्रोत्साहित करना
ज़ोंबी आइस - (May 2023)
ज़ोंबी आइस (Zombie Ice) को मृत या नष्टप्राय बर्फ के रूप में भी जाना जाता है। मूल हिम चादर का भाग होने के बावजूद इस पर ताजा बर्फ जमा नहीं हो रही है। इसके लगातार पिघलने से समुद्र के जलस्तर में वृद्धि का खतरा बना रहता है। यह पूर्व वैश्विक तापन का परिणाम है। हाल के अध्ययन के अनुसार, वैश्विक
आर्कटिक प्रवर्धन - (May 2023)
सतही वायु तापमान और शुद्ध विकिरण संतुलन में कोई भी परिवर्तन उत्तरी और दक्षिणी ध्रुवों पर बड़े परिवर्तन उत्पन्न करता है। इस घटना को ‘ध्रुवीय प्रवर्धन’ (Polar Amplification) कहा जाता है। ये परिवर्तन उत्तरी अक्षांशों पर अधिक स्पष्टतः देखे जाते हैं, जो आर्कटिक प्रवर्धन (Arctic Amplification) के रूप में जाने जाते हैं। इस प्रवर्धन के लिये कई ग्लोबल वार्मिंग प्रेरित
महासागर अम्लीकरण - (May 2023)
महासागरीय अम्लीकरण (Ocean Acidification) को समुद्री जल की pH में होने वाली निरंतर कमी के रूप में परिभाषित किया जाता है।महासागरों में प्रवेश करने के बाद कार्बन डाइऑक्साइड जल के साथ संयुक्त होकर कार्बोनिक अम्ल का निर्माण करती है जिससे महासागर की अम्लता बढ़ जाती है और समुद्र के पानी की pH कम हो जाती है। महासागरीय अम्लीकरण प्रवाल जीवों
ग्लोबल मीथेन प्लेज - (May 2023)
वर्ष 2021 में ग्लासगो में संपन्न हुए संयुक्त राष्ट्र कोप-26 (CoP-26) जलवायु सम्मेलन में वैश्विक मीथेन संकल्प (Global Methane Pledge) का शुभारंभ किया गया था, जिस पर 90 से अधिक देशों (वर्तमान में 100 से अधिक देश) ने हस्ताक्षर किये थे। हाल ही में इसमें ऑस्ट्रेलिया भी शामिल हुआ है। यह संयुक्त राज्य अमेरिका एवं यूरोपीय संघ के संयुक्त नेतृत्व
वैश्विक मीथेन पहल (GMI) - (May 2023)
यह एक अंतरराष्ट्रीय सार्वजनिक-निजी भागीदारी है, जो स्वच्छ ऊर्जा स्रोत के रूप में मीथेन की वसूली और उपयोग के लिये बाधाओं को कम करने पर केंद्रित है। GMI विश्व भर में मीथेन से ऊर्जा परियोजनाओं को प्रसारित करने के लिये तकनीकी सहायता प्रदान करता है, इससे भागीदार देशों को मीथेन वसूली शुरू करने और परियोजनाओं का उपयोग करने में सक्षम
मीथेन गैस - (May 2023)
मीथेन एक रंगहीन और गंधहीन गैस है जो प्रकृति में बहुतायत में और कुछ मानवीय गतिविधियों के उत्पाद के रूप में उत्पन्न होती है। मीथेन हाइड्रोकार्बन की पैराफिन शृंखला का सबसे सरल सदस्य है और प्रबल ग्रीनहाउस गैसों में से एक है। छह मुख्य ग्रीनहाउस गैसों में दूसरी सबसे अधिक प्रचलित गैस है। वर्तमान समय में यह वैश्विक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन के
इलेक्ट्रिक हाईवे - (May 2023)
एक इलेक्ट्रिक हाईवे आम तौर पर उस सड़क को संदर्भित करता है जो उस पर चलने वाले वाहनों को बिजली की आपूर्ति करता है। भारत सरकार द्वारा विकसित किए जाने वाले विद्युत राजमार्ग सौर ऊर्जा द्वारा संचालित होंगे। इससे हेवी-ड्यूटी ट्रकों और बसों को चलते समय चार्ज करने में सुविधा होगी। भारत सरकार द्वारा दिल्ली और मुंबई के बीच एक
स्वच्छ ऊर्जा मंत्रिस्तरीय मंच - (May 2023)
स्वच्छ ऊर्जा मंत्रिस्तरीय (सीईएम), स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकी को आगे बढ़ाने वाली नीतियों और कार्यक्रमों को बढ़ावा देने के लिए एक उच्च स्तरीय वैश्विक मंच है। यह स्वच्छ ऊर्जा नीति और प्रौद्योगिकी गतिविधियों की एक विस्तृत श्रृंखला का समर्थन करता है जो एक साथ ऊर्जा दक्षता में सुधार करते हैं, स्वच्छ ऊर्जा आपूर्ति का विस्तार करते हैं। सितंबर 2021 में संयुक्त
जलवायु और ऊर्जा पर प्रमुख अर्थव्यवस्था मंच - (May 2023)
जलवायु और ऊर्जा पर प्रमुख अर्थव्यवस्था मंच 2009 में अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा लॉन्च किया गया था। इसका उद्देश्य जलवायु परिवर्तन के खिलाफ प्रयासों को आगे बढ़ाने के लिए विकसित और विकासशील दोनों प्रमुख उत्सर्जक देशों के बीच संवाद को सुगम बनाना है। जून 2022 में हुई बैठक का उद्देश्य रूस-यूक्रेन युद्ध से उत्पन्न होने वाली तत्काल ऊर्जा और खाद्य
काराकोरम विसंगति - (May 2023)
मध्य काराकोरम में हिमनदों के स्थिर रहने या उनमें असामान्य वृद्धि की स्थिति काराकोरम विसंगति कहलाती है। यह हिमालय की नजदीकी पर्वत श्रृंखलाओं और विश्व की अन्य पर्वत श्रृंखलाओं में हिमनदों के पीछे हटने की घटना के विपरीत है। पश्चिमी विक्षोभ (Western disturbances) की सक्रियता को इस विसंगति को पैदा करने और बनाए रखने के लिए उत्तरदायी माना जाता है।
ला-नीना - (May 2023)
ला-नीना प्रशांत महासागर में उत्पन्न होने वाली एक मौसमी घटना है। इसे 'लिटिल गर्ल' के रूप में भी जाना जाता है। यह परिघटना तब प्रकट होती है, जब पूर्वी-भूमध्य रेखीय प्रशांत महासागर (EEP) में समुद्री सतह का तापमान (SSTs) सामान्य से अधिक ठंडा हो जाता है। इस घटना की वजह से पूर्वी-भूमध्य रेखीय प्रशांत महासागर (EEP) यानी दक्षिण अमेरिका
समुद्र तल प्रसार - (May 2023)
यह एक भूवैज्ञानिक प्रक्रिया है, इससे पृथ्वी की सबसे बाहरी परत अर्थात भूपर्पटी का निर्माण होता है। दो विवर्तनिक प्लेटों के प्रसार (विपरीत दिशा में गति) के कारण मध्य महासागरीय कटक के सहारे रिक्त स्थान का निर्माण होता है। पृथ्वी के आंतरिक भाग से मैग्मा निकलकर इस रिक्त स्थान को भर देता है। मैग्मा के ठंडे होने से एक
दुर्लभ खनिजों के प्रकार - (May 2023)
'ठोस आयरन ऑक्सी हाइड्रोक्साइड' और 'मैंगनीज ऑक्साइड' के रूप में उपलब्ध 'पॉली मैटेलिक नोड्यूल्स' लगभग 3500-6000 मीटर गहरे जल के तल पर तलछट से प्राप्त होते हैं। टेक्टोनिक प्लेट सीमाओं और ज्वालामुखी क्षेत्र के साथ 500-5000 मीटर की गहराई में 'सीफ्लोर मैसिव सल्फाइड या पॉलीमटैलिक सल्फाइड' पाए जाते हैं। कोबाल्ट समृद्ध फेरो मैंगनीज क्रस्ट 400-7000 मीटर की गहराई पर समुद्री
रूल कर्व - (May 2023)
तमिलनाडु जल संसाधन संगठन के अनुसार, मुल्लापेरियार बांध देश का पहला जिला बन गया है जिसके लिए 'रूल कर्व' (Rule Curve) लागू किया गया है। रूल कर्व एक सारणी है। यह 35 वर्षों के वर्षा आंकड़ों के आधार पर 1 वर्ष में भिन्न-भिन्न समय अवधि के दौरान जलाशय में भंडारण के लिए जल या रिक्त स्थान की मात्रा को निर्दिष्ट
मुल्लापेरियार बांध - (May 2023)
126 वर्ष पुराने इस बांध के स्वामित्व, संचालन तथा रखरखाव की जिम्मेदारी तमिलनाडु सरकार की है। यह पेरियार नदी के ऊपरी भाग में स्थित है। यह नदी तमिलनाडु में उद्भव होने के पश्चात केरल से प्रवाहित होती है। बाढ़ द्वारा निर्मित इसका जलाशय पेरियार टाइगर रिजर्व के भीतर स्थित है।
राइट टू रिपेयर पोर्टल - (May 2023)
उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने 24 दिसंबर को राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस के अवसर पर 'राइट टू रिपेयर' पोर्टल लांच किया है। पोर्टल पर उत्पादक विनिर्माता ग्राहकों के साथ उत्पाद विवरण के मैनुअल को साझा कर सकेंगे। इससे ग्राहक किसी उत्पाद को मूल विनिर्माताओं पर निर्भर रहने की बजाए तीसरे पक्ष द्वारा या स्वयं रिपेयर कर सकेंगे।
प्रत्यक्ष धान बीजारोपण - (May 2023)
प्रत्यक्ष धान बीजारोपण (DSR) नर्सरी से रोपाई के बजाय खेत में बोले गए बीजों से धान की फसल तैयार करने की प्रक्रिया है। पंजाब में किसानों ने धान की रोपाई के लिए प्रत्यक्ष धान बीजारोपण (DSR) तकनीक को अपनाने से मना कर दिया है। यह पानी बचाने वाली धान की बुवाई की तकनीक है। DSR को बीज बिखराव तकनीक (ब्रॉडकास्टिंग
मोटे अनाज - (May 2023)
मोटे अनाजों को लोकप्रिय रूप से 'पोषक अनाज' (Nutri-cereals) कहा जाता है। इनके द्वारा मानव शरीर के सामान्य कामकाज हेतु आवश्यक पोषक तत्व प्रदान किए जाते हैं। इन अनाजों में लगभग 7-12% प्रोटीन, 2-5% वसा, 65-75% कार्बोहाइड्रेट और 15-20% आहार युक्त फाइबर होता है। हरित क्रांति से पूर्व मोटे अनाज भारत में सर्वाधिक उगाए जाने वाले अनाजों में से
जैविक कृषि और प्राकृतिक कृषि के मध्य अंतर - (May 2023)
जैविक कृषि में खेत के बाहर (ऑफ-फार्म) के ऑर्गेनिक और जैविक आदानों का उपयोग किया जा सकता है। दूसरी तरफ, प्राकृतिक क्रश में किसी भी बाहरी इनपुट का उपयोग नहीं होता है। जैविक कृषि में हल, जुदाई, खाद मिश्रण, निराई और अन्य मूलभूत कृषि गतिविधियों का सहारा लिया जाता है। जबकि, प्राकृतिक कृषि में खाद/वर्मीकंपोस्ट और खनिजों के उपयोग की
जैविक कृषि और प्राकृतिक कृषि के मध्य समानता - (May 2023)
दोनों प्रकार की कृषि पद्धतियों में गैर-रासायनिक विधियों का उपयोग किया जाता है। दोनों प्रकार की कृषि पद्धतियां कृषि विविधता पर आधारित है। इनमें खेत पर ही बायोमास का प्रबंधन और जैविक पोषक का पुनर्चक्रण किया जाता है। इन दोनों में फसल विविधता, बहुफसली चक्रीकरण और संसाधन का पुनर्चक्रण शामिल है।
प्राकृतिक कृषि - (May 2023)
यह एक पारिस्थितिक कृषि दृष्टिकोण है। इसमें कृषि प्रणाली प्राकृतिक जैव विविधता के साथ कार्य करती है। यह रसायन मुक्त और पशुधन आधारित कृषि प्रणाली है। यह मृदा की जैविक गतिविधियों को प्रोत्साहित करती है तथा खाद्य उत्पादन प्रणाली के साथ जीवित-जीवों की जटिलता का प्रबंधन करती है। भारत में प्राकृतिक कृषि को 'परंपरागत कृषि विकास योजना' (PKVY) के अंतर्गत
कार्बन क्रेडिट व्यापार - (May 2023)
हाल ही में, ऊर्जा संरक्षण (संशोधन) अधिनियम, 2022 में कार्बन क्रेडिट व्यापार को शामिल किया गया है। यह केंद्र सरकार को कार्बन क्रेडिट व्यापार संबंधी योजनाएं बनाने का अधिकार प्रदान करता है। कार्बन क्रेडिट एक व्यापार योग्य परमिट होता है। यह इसके खरीददार या धारक को एक निश्चित मात्रा में कार्बन डाइऑक्साइड अथवा अन्य ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन करने
संपीडित बायोगैस - (May 2023)
संपीडित बायोगैस (Compressed Bio-Gas- CBG) शुद्ध बायोगैस होती है। इसे अपशिष्ट बायोमास स्रोतों (जैसे कृषि अवशेष, मवेशियों के गोबर आदि) से उत्पादित किया जाता है। वर्ष 2018 में, केंद्र सरकार ने संपीडित बायोगैस उत्पादन इकोसिस्टम स्थापित करने के लिए 'सस्टेनेबल अल्टरनेटिव टुवर्ड्स अफॉर्डेबल ट्रांसपोर्टेशन' (सतत/SATAT) योजना आरंभ की थी। हाल ही में, केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा
ग्रीन मेथेनॉल - (May 2023)
ग्रीन मेथेनॉल को एक ऐसी प्रक्रिया के माध्यम से उत्पादित मेथेनॉल के रूप में परिभाषित किया जाता है, जिससे ग्रीन हाउस गैसों की शून्य या न्यूनतम मात्रा का उत्सर्जन होता है। इसे धारणीय बायोमास या कार्बन डाइऑक्साइड और नवीकरणीय ऊर्जा से उत्पादित हाइड्रोजन द्वारा उत्पादित किया जाता है। यह नवीकरणीय बिजली के भंडारण, परिवहन ईंधन, रासायनिक उद्योग में उपयोगी तथा
बायोमास को-फायरिंग - (May 2023)
कोयले से संचालित विद्युत संयंत्रों में कोयले के साथ-साथ बायोमास का भी दहन करना 'को-फायरिंग' (सह-दहन) कहलाता है। प्रत्यक्ष को-फायरिंग, अप्रत्यक्ष को-फायरिंग तथा समानांतर को-फायरिंग इसकी तीन अलग-अलग अवधारणाएं हैं। कम पूंजीगत लागत, उच्च दक्षता, आर्थिक लाभ प्रदाता, बड़े आकार और पारंपरिक कोयला विद्युत संयंत्रों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन के कारण अल्प विद्युत लागत बायोमास को-फायरिंग के महत्वपूर्ण
भू-तापीय ऊर्जा - (May 2023)
भू-तापीय विद्युत संयंत्र बिजली उत्पादन के लिए जलतापीय (हाइड्रोथर्मल) संसाधनों का उपयोग करते हैं। इन संसाधनों में जल (हाइड्रो) और ऊष्मा (थर्मल) दोनों शामिल होते हैं। जमीन के नीचे अधिक गहराई से गरम पानी और भाप को भूमिगत कुओं से पाइप द्वारा प्राप्त किया जा सकता है। तत्पश्चात, इनका उपयोग विद्युत संयंत्र में बिजली उत्पन्न करने के लिए किया जा
कोल-बेड मिथेन - (May 2023)
कोल-बेड मिथेन प्राकृतिक गैस का एक का अपरंपरागत रूप है। यह कोयले के भंडार या कोयला संस्तरों में पाया जाता है। इसका निर्माण कोयला बनने और वनस्पति पादपो के कोयले में बदलने (रूपांतरण) की प्रक्रिया के दौरान होता है। रूपांतरण प्रक्रिया के दौरान कोयला जल से संतृप्त हो जाता है और मीथेन कोयला संस्तरों में अवरुद्ध हो जाती है। इस
ग्रीन एनर्जी ओपन एक्सेस पोर्टल - (May 2023)
केंद्रीय विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा 'ग्रीन एनर्जी ओपन एक्सेस पोर्टल' का शुभारंभ किया गया है। यह पोर्टल उपभोक्ताओं को पारदर्शी और सुव्यवस्थित प्रक्रिया के माध्यम से आसानी से हरित ऊर्जा का उपयोग करने में सक्षम बनाएगा। ओपन एक्सेस का अर्थ पात्र उपभोक्ताओं, उत्पादकों और राज्य वितरण कंपनियों (DISCOMS) को विद्युत पारेषण तथा वितरण प्रणाली तक
ऑर्गेनिक सौर सेल - (May 2023)
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर (IIT Kanpur) द्वारा इस्पात के ऊपर कार्बनिक पदार्थों की परत चढ़ाकर कार्बनिक सोलर सेल(OSCs) का विकास किया गया है। यह OSC इस्पात की छड़ को एक ऊर्जा उत्पादन उपकरण में परिवर्तित कर सकता है। OSCs उभरती हुई फोटोवोल्टिक (PV) तकनीकों में से एक है। इन्हें तीसरी पीढ़ी के सौर सेल के रूप में वर्गीकृत किया गया
जैव ईंधन के उत्पादन पर आधारित श्रेणियां - (May 2023)
पहली पीढ़ी के जैव ईंधन (1जी): ये खाद्य फसलों (मकई, सोया, गन्ना आदि) के भंडार पर निर्भर करते हैं। जैव इथेनॉल और बायोडीजल इसके उदाहरण हैं। दूसरी पीढ़ी के जैव ईंधन (2जी): इसे उन्नत जैव ईंधन के रूप में भी जाना जाता है; इसके निर्माण में सूखे पौधों, लकड़ी आदि के बायोमास का उपयोग किया जाता है। इसमें इथेनॉल एवं
जैव ईंधन या बायोफ्यूल - (May 2023)
बायोफ्यूल बायोमास से प्राप्त ईंधन है। बायोमास को 'कार्बनिक पदार्थ- विशेष रूप से पादप पदार्थ' के रूप में परिभाषित किया जात जाता है, इसे ईंधन में परिवर्तित किया जा सकता है और यह प्रमुख संभावित ऊर्जा स्रोत माना जाता है। बायोमास के स्रोतों में पेड़, ऊर्जा फसलें, कृषि अवशेष और खाद्य और अपशिष्ट अवशेष शामिल हैं। इसमें सल्फर का तत्व
कोयला गैसीकरण - (May 2023)
कोयले को संश्लेषण गैस (सिनगैस) में परिवर्तित करने की प्रक्रिया को कोयला गैसीकरण (Coal Gasification) कहा जाता है। सिनगैस वस्तुतः हाइड्रोजन (H2), कार्बन मोनोऑक्साइड (CO) और कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) का मिश्रण होती है। कोयला गैसीकरण संयंत्र से किसी भी प्रकार का स्क्रबर स्लज (Scrubber Sludge) पैदा नहीं होता है, साथ ही इसके तहत प्रयुक्त अधिकांश जल का पुनर्चक्रण कर लिया
सिंधुजा-I - (May 2023)
आईआईटी मद्रास (IIT Madras) ने समुद्री तरंगों से बिजली उत्पन्न करने के लिए 'ओशेन वेव एनर्जी कन्वर्टर' का विकास किया है, इसे सिंधुजा-I (Sindhuja-I) नाम दिया गया है। इस कनवर्टर में तैरता हुआ बोया (Buoy), स्पर (Spar) तथा इलेक्ट्रिकल मॉडल शामिल है। गुब्बारे जैसे तैरते हुए बोए (Buoy) विभाग में एक छिद्र होता है जिससे होकर स्पर (Spar) अर्थात छड़
महासागर आधारित ऊर्जा के रूप - (May 2023)
समुद्री लहरों द्वारा उत्पन्न होने वाले बल से समुद्र की सतह पर तैरते हुए या समुद्र तल पर स्थापित उपकरण में संचरण के माध्यम से उत्पन्न की जाने वाली ऊर्जा तरंग ऊर्जा (Wave Energy) कहलाती है। महासागरीय जल धाराओं की गतिज ऊर्जा का संग्रहण करके जलमग्न टरबाइन से जलधारा ऊर्जा (Current Energy) उत्पन्न की जाती है। निम्न ज्वार और
महासागर तापीय ऊर्जा रूपांतरण - (May 2023)
महासागर तापीय ऊर्जा रूपांतरण (OTEC), समुद्री सतही जल और गहरे समुद्री जल के बीच तापमान में अंतर (ताप प्रवणता) का उपयोग करके ऊर्जा उत्पादन की प्रक्रिया है। OTEC प्रणाली के तहत तापांतर (कम से कम 20 डिग्री सेल्सियस) द्वारा टरबाइन को चलाकर बिजली पैदा की जाती है। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अधीन एक स्वायत्त संस्थान के रूप में कार्यरत
क्लाउड फॉरेस्ट - (May 2023)
आमतौर पर 10% से अधिक वनावरण वाले क्षेत्र जहां 70% से अधिक समय कोहरा मौजूद रहता है, क्लाउड फॉरेस्ट कहलाते हैं। ऐसे वन मुख्य रूप से नदियों के उद्गम क्षेत्र में उष्णकटिबंधीय भागों में पाए जाते हैं। ये वन अधिकांश समय बादलों से ढके रहते हैं। ये वन अन्य फलों की तुलना में ठंडे और आर्द्र होते हैं। ये समुदायों,
पर्यावरण मंजूरी - (May 2023)
सर्वप्रथम 'पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986' के तहत 'पर्यावरण मंजूरी' को अनिवार्य बनाया गया था। भारत में पर्यावरण प्रभाव आकलन अधिसूचना की अनुसूची 1 में सूचीबद्ध किसी भी गतिविधि के विस्तार या आधुनिकीकरण या नई परियोजनाओं की स्थापना के लिए पर्यावरण मंजूरी को अनिवार्य किया गया है। वर्तमान में, भारत में पर्यावरण प्रभाव आकलन (EIA) प्रक्रिया को पर्यावरण प्रभाव आकलन अधिसूचना,
ब्लू बॉन्ड्स - (May 2023)
सेबी (SEBI) द्वारा ब्लू बांड की अवधारणा प्रस्तुत की गई है। इसे धारणीय वित्त की एक विधा के रूप में प्रस्तावित किया गया है। ब्लू बॉन्ड ऋण लिखित (Loan Instrument) का एक नया रूप है। इसे स्वस्थ महासागरों और नीली अर्थव्यवस्थाओं के लिए निवेश का समर्थन करने हेतु जारी किया जाएगा। भारत, नीली अर्थव्यवस्था के विभिन्न पहलुओं जैसे समुद्री
म्यूनिसिपल ग्रीन बॉन्ड - (May 2023)
सेबी (SEBI) द्वारा घोषणा की गई है कि नगरपालिका ऋण प्रतिभूतियों के जारीकर्ता ग्रीन बांड जारी कर सकते हैं। इन बॉन्ड्स को गैर-परिवर्तनीय डिवेंचर जारी करने और सूचीबद्ध करने से संबंधित दिशा-निर्देशों का पालन करके जारी किया जा सकता है। इसके अंतर्गत पात्र परियोजनाओं में नवीकरणीय ऊर्जा, स्वच्छ परिवहन, जल और अपशिष्ट प्रबंधन, हरित भवन निर्माण आदि शामिल हैं।
सॉवरेन ग्रीन बांड - (May 2023)
ग्रीन बांड एक निश्चित आय वाला लिखित (Instrument) है। इसे विशेष रूप से जलवायु संबंधी या पर्यावरणीय परियोजनाओं का समर्थन करने के लिए डिजाइन किया गया है। सॉवरेन ग्रीन बांड सरकार द्वारा जारी किए जाते हैं। भारत का पहला ग्रीन बॉन्ड यस बैंक लिमिटेड द्वारा वर्ष 2015 में जारी किया गया था। वर्ष 2017 में, भारतीय प्रतिभूति और विनियम बोर्ड
गृह-ग्रीन रेटिंग फॉर इंटीग्रेटेड हैबिटेट एसेसमेंट - (May 2023)
नई दिल्ली स्थित 'भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण' प्रयवधकरण (UIDAI) मुख्यालय ने 'गृह' (GRIHA) अनुकरणीय प्रदर्शन पुरस्कार 2022 प्राप्त किया है। 'गृह' (GRIHA) का विकास एक निजी संस्थान 'द एनर्जी रिसोर्सेज इंस्टिट्यूट' (TERI) द्वारा किया गया था। वर्ष 2007 में इसे भारत सरकार द्वारा 'हरित भवनों' के लिए 'राष्ट्रीय रेटिंग प्रणाली' के रूप में अपनाया गया था। इस रेटिंग प्रणाली
11वां वर्ल्ड अर्बन फोरम - (May 2023)
11वें वर्ल्ड अर्बन फोरम का आयोजन पोलैंड के कैटोविश शहर में किया गया था। यह वर्ल्ड अर्बन फोरम (WUF), यूएन हैबिटेट द्वारा सह-आयोजित सतत शहरीकरण पर प्रमुख वैश्विक सम्मेलन है। WUF की स्थापना वर्ष 2001 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा की गई थी। इसका उद्देश्य तीव्र शहरीकरण और समुदायों, शहरों, अर्थव्यवस्थाओं, जलवायु परिवर्तन और नीतियों पर इसके प्रभाव का परीक्षण करना
सतत शहर समेकित दृष्टिकोण प्रायोगिक परियोजना - (May 2023)
यह परियोजना भारत सरकार के आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय की साझेदारी में यू.एन. हैबिटेट और संयुक्त राष्ट्र औद्योगिक विकास संगठन (UNIDO) द्वारा कार्यान्वित की जा रही है। इसका वित्तपोषण वैश्विक पर्यावरण सुविधा (GEF) द्वारा किया जाता है। इसे भारत के 5 शहरों में लागू किया जा रहा है- जयपुर (राजस्थान), भोपाल (मध्य प्रदेश), विजयवाड़ा और गुंटुर (आंध्र प्रदेश) तथा
ग्रेट बैरियर रीफ - (May 2023)
यह ऑस्ट्रेलिया के उत्तरी-पूर्वी तट के कोरल सागर में स्थित विश्व का सबसे बड़ा बैरियर रीफ (अवरोधक भित्ति) है। वर्ष 1981 में इसके 'उत्कृष्ट सार्वभौमिक महत्व' के कारण इसे 'विश्व धरोहर क्षेत्र' घोषित किया गया था। कोरल अकशेरुकी (Invertebrate) प्राणी होते हैं। इनका संबंध 'नाइडेएरिया' (Cnidaria) नामक रंगीन प्राणियों की विशाल समूह से है। प्रत्येक कोरल को पॉलिप
ब्लू फ्लैग प्रमाणन वाले समुद्री तट - (May 2023)
'ब्लू फ्लैग प्रमाणन' संबंधी प्रमाण पत्र डेनमार्क स्थित एक गैर-लाभकारी संस्था 'फाउंडेशन फॉर एनवायरमेंटल एजुकेशन' (FEE) द्वारा प्रदान किया जाता है। यह प्रमाण पत्र समुद्री तट (Beaches), मनोरंजक गतिविधियों के लिए तैयार तटों तथा धारणीय पर्यटन के रूप में बोटिंग गतिविधियों के संचालकों को प्रदान किया जाता है। इस प्रकार के प्रमाणन का उद्देश्य पर्यावरणीय शिक्षा, पर्यावरण संरक्षण और अन्य
लोकटक झील - (May 2023)
मणिपुर राज्य में स्थित लोकटक झील में केंद्रीय संचार ब्यूरो द्वारा हाल ही में फोटो प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। यह झील इंफाल के समीप एक घाटी में स्थित है। यह पूर्वोत्तर भारत की ताजे पानी की सबसे बड़ी झील है। इस झील पर कई पादप प्रजातियों से युक्त फुमुदी नामक सैकड़ों तैरते हुए बायोमास पाए जाते हैं। केबुल
सुंदरबन आर्द्रभूमि - (May 2023)
सुंदरबन आर्द्रभूमि गंगा और ब्रह्मपुत्र नदियों के डेल्टा में विश्व के सबसे बड़े मैंग्रोव वन के भीतर स्थित है। यह बाघों (सुंदरबन टाइगर रिजर्व) और कई अन्य दुर्लभ एवं संकटापन्न प्रजातियों जैसे इरावदी डॉल्फिन, फिशिंग कैट आदि का पर्यावास स्थल है। तटीय विनियमन क्षेत्र (CRZ) अधिसूचना, 2011 के तहत सुंदरबन को 'अति गंभीर सुभेद्य तटीय क्षेत्र' (CVCA) घोषित किया गया
ट्री सिटी ऑफ द वर्ल्ड - (May 2023)
मुंबई और हैदराबाद को संयुक्त रूप से 'ट्री सिटी ऑफ द वर्ल्ड-2021' (2021 TWC) के रूप में मान्यता दी गई है। TWC कार्यक्रम को संयुक्त राष्ट्र के 'खाद्य और कृषि संगठन' तथा एक अमेरिकी गैर-लाभकारी संगठन 'आर्बर डे फाउंडेशन' ने आरंभ किया है। इसके तहत किसी शहर का मूल्यांकन 5 मानकों के आधार पर किया जाता है- उत्तरदायित्व स्थापित
कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान - (May 2023)
इस राष्ट्रीय उद्यान का नामकरण इसके मध्य से प्रवाहित होने वाली 'कांगेर नदी' के नाम पर किया गया है। कुटुमसर, कैलाश और दंडक नामक यहां तीन असाधारण गुफाएं पाई जाती हैं। ये गुफाएं स्टैलेक्टाइट और स्टैलेग्माइट संरचनाओं से युक्त हैं। तीरथगढ़ जलप्रपात इसी राष्ट्रीय उद्यान में स्थित है। छत्तीसगढ़ राज्य का राजकीय पक्षी 'बस्तर मैना' इस क्षेत्र की सबसे
सामुदायिक वन अधिकार - (May 2023)
सामुदायिक वन संसाधन क्षेत्र साझी वन भूमि होते हैं। इसे किसी विशेष समुदाय द्वारा सतत उपयोग के लिए पारंपरिक रूप से सुरक्षित और संरक्षित किया जाता है। भारत में सामुदायिक वन अधिकारों को अनुसूचित जनजाति और अन्य परंपरागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम (FRA), 2006 के तहत मान्यता दी गई है। इन अधिकारों में अनुसूचित जनजातियों और अन्य
महत्वपूर्ण पक्षी क्षेत्र - (May 2023)
महत्वपूर्ण पक्षी क्षेत्रों के स्थापना की घोषणा वर्ल्ड लाइफ इंटरनेशनल के 'महत्वपूर्ण पक्षी क्षेत्र (IBA) कार्यक्रम' के तहत की गई थी। इसका उद्देश्य विश्व में पक्षियों और उनसे संबंधित जैव-विविधता के संरक्षण हेतु महत्वपूर्ण पक्षी क्षेत्रों (IBAs) के वैश्विक नेटवर्क की पहचान करना, निगरानी करना और इनकी सुरक्षा करना है। 'बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी' और 'बर्ड लाइफ इंटरनेशनल' ने
बायोस्फीयर रिजर्व - (May 2023)
बायोस्फीयर रिजर्व यूनेस्को (UNESCO) द्वारा प्रदत्त एक अंतरराष्ट्रीय पदनाम है, जिसमें स्थलीय, समुद्री और तटीय पारिस्थितिक तंत्र शामिल होते हैं। एक बायोस्फीयर रिजर्व को संरक्षण के अनुसार कोर, बफर और संक्रमण क्षेत्र में विभाजित किया जाता है। वर्तमान समय में भारत में 18 बायोस्फीयर रिजर्व हैं, जिनमें से 12 'यूनेस्को मैन एंड बायोस्फीयर (MAB) प्रोग्राम' के तहत 'वर्ल्ड नेटवर्क
क्रिटिकल टाइगर हैबिटेट - (May 2023)
क्रिटिकल टाइगर हैबिटेट को राज्य सरकारों द्वारा वन्य जीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत अधिसूचित किया जाता है। इसे टाइगर रिजर्व के 'कोर क्षेत्र' के रूप में भी जाना जाता है। भारत में क्रिटिकल टाइगर हैबिटेट के तहत सबसे बड़ा क्षेत्र 'श्रीशैलम टाइगर रिजर्व' का 'नागार्जुनसागर' क्षेत्र है। यह राष्ट्रीय उद्यान और अभयारण्यों के सीमांत क्षेत्र होते हैं। इन्हें वनस्पतियों
टाइगर रिजर्व - (May 2023)
इनकी अधिसूचना वन्य जीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत की जाती है। वर्तमान समय में भारत में 53 टाइगर रिजर्व क्षेत्र हैं। टाइगर रिजर्व को प्रोजेक्ट टाइगर द्वारा नियंत्रित किया जाता है, प्रोजेक्ट टाइगर का प्रबंधन 'राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण' (NTCA) द्वारा किया जाता है। टाइगर रिजर्व में एक 'कोर' या 'क्रिटिकल टाइगर हैबिटेट' होता है, जिसे अनुल्लंघनीय क्षेत्र
सामुदायिक रिजर्व या संरक्षण रिजर्व - (May 2023)
इन्हें केंद्र सरकार और स्थानीय समुदायों के साथ परामर्श के पश्चात राज्य सरकारों द्वारा वन्य जीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के अंतर्गत अधिसूचित किया जाता है। यह एक अधिवासित क्षेत्र होता है, जो सामान्यतः देश के स्थापित राष्ट्रीय उद्यानों, वन्यजीव अभयारण्य और आरक्षित तथा संरक्षित वनों के मध्य बफर जोन या संयोजक एवं प्रवास गलियारे के रूप में कार्य करता है।
वन्यजीव अभयारण्य - (May 2023)
वन्यजीव अभयारण्य को 1972 के वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत राज्य सरकारों द्वारा अधिसूचित किया जाता है। कोई भी क्षेत्र (किसी भी आरक्षित वन या प्रादेशिक जल में शामिल क्षेत्र के अलावा) यदि पर्याप्त पारिस्थितिक, जीव, वनस्पति, भू-आकृति विज्ञान, प्राकृतिक या प्राणी संबंधी महत्व का है तो उसे राज्य सरकार 'वन्यजीव अभयारण्य' के रूप में अधिसूचित कर सकती है।
राष्ट्रीय उद्यान - (May 2023)
इन्हें वन्य जीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के प्रावधानों के आधार पर केंद्र और राज्य सरकार दोनों द्वारा अधिसूचित किया जा सकता है। राष्ट्रीय उद्यान वन्य जीव अभयारण्यो की सुरक्षा की तुलना में अधिक संरक्षित माने जाते हैं। वन्य जीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के अनुसार राज्य के मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक द्वारा अनुमत लोगों को छोड़कर राष्ट्रीय उद्यान में किसी भी
भारतीय हाथी - (May 2023)
भारतीय हाथी को IUCN की रेड लिस्ट में एंडेंजर्ड (EN), CITES के परिशिष्ट-I तथा 'वन्य जीव संरक्षण अधिनियम' की अनुसूची-I तथा अनुसूची-IV में शामिल किया गया है। इनकी गर्भधारण अवधि अन्य सभी स्तनधारियों में सबसे लंबी (18-22 महीने) होती है। वर्ष 2017 की गणना के अनुसार भारत में कुल 29,964 हाथी पाए जाते हैं। इनकी सर्वाधिक संख्या कर्नाटक (6,049)
भारत का 33वां हाथी रिजर्व - (May 2023)
पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने उत्तर प्रदेश के दुधवा- पीलीभीत क्षेत्र में 'तराई हाथी रिजर्व' (TER) को मंजूरी प्रदान की है। इस हाथी रिजर्व का विस्तार 3000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में होगा। सरकार द्वारा 'हाथी रिजर्व' को एक प्रशासनिक श्रेणी के रूप में घोषित किया गया है। इसके तहत हाथियों और उनके आवागमन वाले विशाल भू-भागों का सीमांकन
रानीपुर टाइगर रिजर्व - (May 2023)
उत्तर प्रदेश सरकार ने 'रानीपुर वन्य जीव अभ्यारण को राज्य के चौथे और भारत के 53वें 'टाइगर रिजर्व' के रूप में अधिसूचित किया है। उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित अन्य तीन टाइगर रिजर्व- दुधवा, पीलीभीत और अमनगढ़ हैं। यह टाइगर रिजर्व उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जनपद में स्थित है, यहां उष्णकटिबंधीय शुष्क पर्णपाती वन पाए जाते हैं।
रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व - (May 2023)
राजस्थान सरकार ने 'रामगढ़ विषधारी वन्य जीव अभयारण्य' को 'टाइगर रिजर्व' के रूप में अधिसूचित किया है। यह रणथंभौर, सरिस्का और मुकुंदरा के पश्चात राजस्थान का चौथा टाइगर रिजर्व जबकि देश का 52वां टाइगर रिजर्व बन गया है। इसका विस्तार बूंदी, भीलवाड़ा और कोटा जनपदों के कुछ भागों में है। यह 'रणथंभौर टाइगर रिजर्व' और 'मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व' के
भारतीय बाघ या रॉयल बंगाल टाइगर (पैंथेरा टाइग्रेस) - (May 2023)
यह भारत की देशज एवं फ्लैगशिप बाघ प्रजाति है। इसे भारत का राष्ट्रीय पशु घोषित किया गया है। बाघों की सबसे बड़ी आबादी (वैश्विक आबादी का 70% से अधिक) भारत में है। हालांकि, इनकी पर्याप्त संख्या बांग्लादेश, नेपाल, भूटान, म्यांमार तथा चीन में भी पाई जाती है। भारत में लगभग 35% बाघ 'टाइगर रिजर्व क्षेत्रों' के बाहर पाए जाते
कूनो राष्ट्रीय उद्यान - (May 2023)
यह मध्य भारत की विंध्य पहाड़ियों में राजस्थान की सीमा के साथ मध्यप्रदेश के उत्तर-पश्चिम में कूनो नदी पर अवस्थित है। यह अपने दक्षिणी-पूर्वी भाग में शिवपुरी वन क्षेत्र से होते हुए 'पन्ना टाइगर रिजर्व' के प्राकृतिक क्षेत्रों के माध्यम से जुड़ा हुआ है, इस प्रकार यह एक 'सतत फॉरेस्ट लैंडस्केप' का निर्माण करता है। कूनो राष्ट्रीय उद्यान अपने
प्रोजेक्ट चीता - (May 2023)
यह विश्व की पहली अंतर-महाद्वीपीय चीता पुनर्वास परियोजना है। इसके तहत एक बड़े मांसाहारी जीव को एक महाद्वीप से दूसरे महाद्वीप में लाया जा रहा है। यह परियोजना केंद्र प्रायोजित योजना 'प्रोजेक्ट टाइगर' का एक भाग है। इसका उद्देश्य भारत में अफ्रीकी चीतों को बसाना है। इसका वित्तपोषण 'प्रोजेक्ट टाइगर' तथा 'प्रतिपूरक वनीकरण कोष प्रबंधन और योजना प्राधिकरण' (CAMPA) द्वारा किया जा
एसिक्लोफेनाक - (May 2023)
यह पशुओं के लिए एक दर्द निवारक दवा है। भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान ने मवेशियों में 'एसिक्लोफेनाक' (Aceclofenac) के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। यह मांग इसलिए की गई है क्योंकि विभिन्न अध्ययनों में यह पता चला है कि 'एसिक्लोफेनाक' दवा के उपयोग से जलीय भैंसों तथा गायों में 'डाईक्लोफेनाक' के रूप में चयापचय (Metabolise) हो
ओरण भूमि - (May 2023)
जैसलमेर (राजस्थान) के लोग ओरण भूमि को समुदाय द्वारा संरक्षित 'पवित्र स्थान' घोषित करने की मांग कर रहे हैं। यह मांग वर्तमान में इसके बंजर भूमि के दर्जे के विरोध में की जा रही है। ओरण भूमि पवित्र स्थल माने जाते हैं जो जैव-विविधता से समृद्ध होते हैं। स्थलों पर आमतौर पर एक जल निकाय भी पाया जाता है। ओरण
काला मूंगा - (May 2023)
वैज्ञानिकों ने ऑस्ट्रेलिया में काले मूगों (Black Corals) की नई प्रजातियों की खोज की है। ये नई प्रजातियां ग्रेट बैरियर रीफ के तट की सतह से 2500 फीट नीचे पाई गई हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार ये संपूर्ण विश्व और सभी गहराइयों में पाए जाते हैं। इन्हें सामान्य तौर पर गहरे समुद्र के प्रवाल के रूप में जाना जाता है।
इरावदी डॉल्फिन - (May 2023)
हाल ही में चिल्का झील में इरावदी डॉल्फिन की संख्या में गिरावट दर्ज की गई है। इरावदी डॉल्फिन तटीय डॉल्फिन है जो दक्षिणी और दक्षिण-पूर्व एशिया के निकटवर्ती समुद्री क्षेत्रों में पाई जाती है। इरावदी डॉल्फिन को IUCN की रेट लिस्ट में एंडेंजर्ड (EN) श्रेणी में शामिल किया गया है। इसकी मुख्य आबादी कंबोडिया, इंडोनेशिया और म्यांमार की तीन नदियों
संयुक्त राष्ट्र पारितंत्र पुनरुद्धार दशक - (May 2023)
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 2021-2030 के दशक को 'संयुक्त राष्ट्र पारितंत्र पुनरुद्धार दशक' के रूप में घोषित किया है। इसे विश्व भर में पारितंत्र की हानि और गिरावट का निवारण करने तथा उसका पुनः ध्यान करने के लिए डिजाइन किया गया है। इसका उद्देश्य स्थलीय और जलीय पारितंत्र को शामिल करते हुए अरबों हेक्टेयर क्षेत्र का पुनरुद्धार करना है।
डिजिटल अनुक्रम जानकारी - (May 2023)
आनुवांशिक संसाधनों से प्राप्त अथवा उससे संबंधित डेटा को डिजिटल अनुक्रम जानकारी (DSI) कहा जाता है। यह आनुवांशिक जानकारी, जैव जानकारी, अनुक्रम जानकारी, प्राकृतिक जानकारी, आनुवांशिक अनुक्रम डेटा, न्यूक्लियोटाइड अनुक्रम डेटा या आनुवांशिक संसाधनों को संदर्भित करता है। इससे टीको का निर्माण करने, आक्रामक प्रजातियों को विनियमित करने, पारिस्थितिक तंत्र अनुसंधान, पादप कीटों की पहचान करने, जीन संबंधी दोषों
जैव विविधता विरासत स्थल - (May 2023)
ये अद्वितीय एवं सुभेद्य पारिस्थितिक तंत्र वाले सुपरिभाषित क्षेत्र होते हैं। इनका विस्तार स्थलीय, तटीय, समृद्ध जैव विविधता वाले अंतः-स्थलीय (Inland) तथा समुद्री जल में होता है। जैव विविधता विरासत स्थलों की पहचान 'जैव विविधता अधिनियम' की धारा 37 के तहत करके उन्हें अधिसूचित किया जाता है। राज्य सरकारें स्थानीय निकायों के परामर्श से समय-समय पर जैव विविधता अधिनियम
पारिस्थितिक संवेदनशील क्षेत्र - (May 2023)
पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 के तहत संरक्षित क्षेत्रों के चारों ओर मौजूद पारिस्थितिक रूप से महत्वपूर्ण व संवेदनशील क्षेत्रों को 'पारिस्थितिक संवेदनशील क्षेत्रों' (ESZs) के रूप में जाना जाता है। इन्हें केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 के तहत अधिसूचित किया जाता है। इनका निर्धारण 'संरक्षित क्षेत्रों' को औद्योगिक प्रदूषण और अनियंत्रित विकास से
विलायती कीकर - (May 2023)
दिल्ली सरकार, दिल्ली के मध्य कटक (Central Ridge) की पारिस्थितिक बहाली के लिए कार्य कर रही है। इसके अंतर्गत सरकार की योजना आक्रामक 'विलायती कीकर' स्थान पर स्वदेशी प्रजातियों को उगाए जाने की है। कीकर, दक्षिण और मध्य अमेरिका का स्थानिक वृक्ष है। इसे भारत में अंग्रेजों द्वारा लाया गया था। भारत में इस लाने का उद्देश्य ग्रामीण निर्धनों की
आक्रामक प्रजातियां - (May 2023)
एक ऐसी प्रजाति जो नए परिवेश (जहां यह मूलनिवासी नहीं होती) में पारिस्थितिक या आर्थिक नुकसान का कारण बनती है, उसे आक्रामक प्रजाति कहा जाता है। वन्य जीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत आक्रामक प्रजातियों को प्रायोगिक तौर पर समाप्त करने, काटने, छांटने, उखाड़ने और घेरने की अनुमति प्रदान की जाती है। शाकाहारी जानवर आमतौर पर आक्रामक पादप प्रजातियों
शीशम वृक्ष - (May 2023)
यह 20-25 मीटर की लंबाई तक बढ़ने वाला एक पर्णपाती वृक्ष है। यह भारतीय उपमहाद्वीप और दक्षिणी ईरान की मूल प्रजाति है। भारत में इसका विस्तार रावी नदी से असम तक संपूर्ण उप हिमालयी क्षेत्र में दिखाई देता है। शीशम पंजाब राज्य का राजकीय वृक्ष भी है। वन्य जीवों और वनस्पतियों की संकटग्रस्त प्रजातियों के अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर अभिसमय (CITES)
समुद्री सीमाएं - (May 2023)
किसी देश के 'संप्रभु क्षेत्र' में आने वाला समुद्री भाग 'प्रादेशिक सागर' (Territorial Sea) कहलाता है। विदेशी असैन्य एवं सैन्य जलयानों को कुछ शर्तों के तहत इस क्षेत्र में प्रवेश करने की अनुमति होती है। सन्निहित क्षेत्र (Contiguous Area) में कोई देश अपने प्रशुल्क, राजकोषीय, आव्रजन अथवा संरक्षण संबंधी कानूनों के उल्लंघन को रोकने के लिए आवश्यक नियंत्रण लागू कर
राष्ट्रीय क्षेत्राधिकार से परे जैव विविधता - (May 2023)
राष्ट्रीय क्षेत्राधिकार से परे जैव विविधता (BBNJ) वाले क्षेत्रों में महासागरीय क्षेत्रों का लगभग 95% भाग शामिल है। BBNJ को राष्ट्रीय क्षेत्राधिकार से परे जैव विविधता संधि (Biodiversity Convention Beyond National Jurisdiction) द्वारा विनियमित किया जाता है। यह संधि वर्ष 1982 के संयुक्त राष्ट्र समुद्री कानूनी अभिसमय (UNCLOS) व्यवस्था के तहत एक अंतरराष्ट्रीय समझौता है। संयुक्त राष्ट्र समुद्री
राष्ट्रीय जीन बैंक - (May 2023)
राष्ट्रीय जीन बैंक (NGB) की स्थापना वर्ष 1996 में बीज, जीनोमिक संसाधन, पराग आदि के रूप में भविष्य की पीढ़ियों के लिए पादप आनुवंशिक संसाधनों (PGR) के संरक्षण के लिए की गई थी। यह 'भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद' (ICAR) के अंतर्गत आने वाले 'नेशनल ब्यूरो ऑफ प्लांट जेनेटिक रिसोर्सेज' (NBPGR) के तहत कार्य करता है। राष्ट्रीय जीन बैंक के
खाद्य एवं कृषि पादप आनुवांशिक संसाधन - (May 2023)
पादप आनुवांशिक संसाधनों में पादपो को उगाने में सक्षम बीज, फल, कलम, पराग एवं अन्य भाग तथा ऊतक शामिल होते हैं। खाद्य एवं कृषि पादप आनुवांशिक संसाधनों (PGRFA) में पादपो से संबंधित विविध आनुवांशिक सामग्रियां शामिल की जाती है। इसमें फसलों की पारंपरिक और उनकी वन्य किस्मों, अधिक उपज देने वाली आधुनिक फसलों तथा ब्रीडिंग लाइन की किस्मों आदि की
पहुंच और लाभ साझाकरण की बहुपक्षीय प्रणाली - (May 2023)
पहुंच और लाभ साझाकरण की बहुपक्षीय प्रणाली (Multilateral System of Access and Benefit Sharing-MLS) एक वैश्विक प्रणाली है। यह देशों के मध्य पादपो के अनुवांशिक सामग्री के आदान-प्रदान को संभव बनाती है। लाभ-साझाकरण के अंतर्गत वित्तीय और गैर वित्तीय दोनों प्रकार की सहायता शामिल की जाती है। इसके द्वारा दुनिया भर में 'खाद्य एवं कृषि पादप आनुवांशिक संसाधनों' (PGRFA)
डुगोंग - (May 2023)
इसे समुद्री गाय के रूप में भी जाना जाता है। यह एकमात्र समुद्री शाकाहारी स्तनधारी जीव है। समुद्री घास इसका प्रमुख आहार है। यह साइरेनिया समूह (Order Sirenia) का एकमात्र सदस्य है जो भारत में पाया जाता है। यह प्रजाति समूह में रहती है। इनमें स्तन ग्रंथियां पाई जाती हैं। पूर्वी अफ्रीका और न्यूकेलेडोनिया में डुगोंग की आबादी क्रमशः
ग्रेट इंडियन बस्टर्ड - (May 2023)
शुतुरमुर्ग जैसे दिखने वाले 'ग्रेट इंडियन बस्टर्ड' पक्षी को मध्यप्रदेश में 'सोन चिड़िया' राजस्थान में 'गोडावन' तथा महाराष्ट्र में 'मलदोक' कहा जाता है। अपने भारी वजन के बावजूद ये पक्षी आसानी से उड़ सकते हैं। यह भारतीय उपमहाद्वीप की स्थानीय प्रजाति है, भारत के राजस्थान में इसकी सर्वाधिक संख्या पाई जाती है। इस प्रजाति के भारत में प्रमुख आवासीय
व्हाइट चीक्ड डांसिंग फ्रॉग - (May 2023)
यह कर्नाटक के पश्चिमी घाट में केवल 167 वर्ग किलोमीटर के छोटे से क्षेत्र में पाया जाता है। पर्यावास के नष्ट होने, प्रदूषण, तापमान में परिवर्तन, रोगों, कीटनाशकों और आक्रामक प्रजातियों से इस प्रजाति को खतरा उत्पन्न हुआ है। पश्चिमी घाट विश्व के जैव विविधता हॉटस्पॉट क्षेत्रों में शामिल है।
यलो हिमालयन फ्रिटिलेरी - (May 2023)
यह पौधा मुख्य रूप से भूटान, चीन, भारत, म्यांमार, नेपाल और पाकिस्तान के हिमालयी क्षेत्रों में पाया जाता है। यह प्रजाति अकुशल हार्वेस्ट, अत्यधिक दोहन तथा इसके कंदों (Bulbs) की असंधारणीय एवं समय पूर्व प्राप्ति तथा अवैध बाजारों में बिक्री के कारण खतरे का सामना कर रही है। यह दमा रोधी, एंटीह्यूमेटिक, ज्वरनाशक, गैलेक्टागाग, हेमोस्टेटिक, आप्थाल्मिक तथा ऑक्सीटॉसिक में
मियावाकी पद्धति - (May 2023)
पंजाब का फाजिल्का जिला मियावाकी पद्धति को लागू करके वन क्षेत्र के विस्तार में एक पथ प्रदर्शक बन गया है। मियावाकी पद्धति भूमि के छोटे खंडों पर सूक्ष्म वन लगाकर शहरी वनरोपण की एक तकनीक है। इस पद्धति को 1989 के दशक में जापानी वनस्पति शास्त्री 'अकीरा मियावाकी' द्वारा तैयार किया गया था। यह पद्धति पौधे की 10
अपडेटेड रेट लिस्ट ऑफ थ्रेटेन्ड स्पीशीज - (May 2023)
हाल ही में आयोजित 'जैविक विविधता पर सम्मेलन' (CBD) के COP-15 के दौरान 'प्रकृति संरक्षण के लिए अंतरराष्ट्रीय संघ' (IUCN) द्वारा थ्रेटेन्ड स्पीशीज की अपडेटेड रेट लिस्ट जारी की गई। नए आंकड़ों के अनुसार IUCN की रेड लिस्ट में अब 1,50,388 प्रजातियां शामिल हैं। इनमें से 42,108 प्रजातियों के विलुप्त होने का खतरा (Threatened With Extinction) है। नई जानकारी
सेन्ना स्पेक्टिबिलिस - (May 2023)
मुदुमलाई टाइगर रिजर्व (MTR) के बफर जोन में लगभग 800-1200 हेक्टेयर क्षेत्र पर सेन्ना स्पेक्टिबिलिस नामक आक्रामक प्रजाति का विस्तार देखा गया है। यह चमकीले फूलों वाला एक विदेशी वृक्ष है। इस वृक्ष को दक्षिण और मध्य अमेरिका से एक सजावटी प्रजाति तथा जलाऊ लकड़ी के रूप में इस्तेमाल करने के लिए भारत लाया गया था। मुदुमलाई टाइगर रिजर्व
मध्य प्रदेश का पर्यावरणीय परिदृश्य - (April 2023)
वनावरण भारतीय वन स्थिति रिपोर्ट (India State of Forest Report- ISFR) 2021 के अनुसार, मध्य प्रदेश भारत का सबसे अधिक वन आच्छादित राज्य हैं जिसके 29 जिलों में 925 वन ग्राम हैं| मध्य प्रदेश में कुल वृक्षावरण (Forest Cover) 77492.60 वर्ग किलोमीटर है जो राज्य के कुल क्षेत्रफल का 25.14 प्रतिशत है| मध्य प्रदेश में अति सघन वन
मध्य प्रदेश का आर्थिक परिदृश्य - (April 2023)
मध्य प्रदेश एक कृषि प्रधान राज्य है। राज्य के सकल मूल्य वर्धित (जीवीए) में प्राथमिक क्षेत्र का योगदान 2011-12 में 33.85% से बढ़कर 2020-21 में 46.98% हो गया। 2015-16 और 2021-22 के बीच, जीएसडीपी 2015-16 से 2021-22 तक 13.09% के सीएजीआर (रुपये में) से बढ़ा। मध्य प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम लिमिटेड (Madhya Pradesh State Industrial Development Corporation Limited - MPSIDC)
मध्य प्रदेश का भौगोलिक परिदृश्य - (April 2023)
3,08,252 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र के साथ मध्य प्रदेश, राजस्थान के बाद, भारत का दूसरा सबसे बड़ा राज्य है। इसकी उत्तरी सीमा पर गंगा-यमुना के मैदानी इलाके हैं, पश्चिम में अरावली, पूर्व में छत्तीसगढ़ मैदानी इलाके तथा दक्षिण में ताप्ती घाटी और महाराष्ट्र के पठार हैं। यह भारत के उत्तर-मध्य हिस्से में बसा प्रायद्वीपीय पठार का एक हिस्सा है। मध्य प्रदेश में
वस्तुनिष्ठ मॉडल प्रश्न - (April 2023)
सामान्य अध्ययन पर आधारित इस खंड के अंतर्गत हम सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा हेतु महत्वपूर्ण 50 वस्तुनिष्ठ मॉडल प्रश्न प्रस्तुत कर रहे हैं, जिसमें सामान्य अध्ययन के सभी विषयों को कवर किया गया है। इन प्रश्नों के उत्तर व्याख्यात्मक रूप में प्रस्तुत किये गए हैं तथा व्याख्या में प्रश्न से संबंधित अतिरिक्त अध्ययन सामग्री को भी समाहित किया गया है, जो
पर्यटन - (April 2023)
भारत ने अतीत में अपने प्रसिद्ध संपदा के कारण बहुत से यात्रियों को आकर्षित किया। चीनी बौद्ध ह्वेनसांग की यात्रा इसका एक उदाहरण है। तीर्थयात्रियों की यात्रा को बढ़ावा तब मिला जब अशोक और हर्ष जैसे सम्राटों ने तीर्थयात्रियों के लिए विश्राम गृह बनाने शुरू किए। आजादी के बाद, पर्यटन लगातार पंचवर्षीय योजनाओं का हिस्सा बना रहा। सातवीं पंचवर्षीय योजना के बाद भारत
भारत में प्रवाल भित्ति - (April 2023)
प्रवाल, कठोर संरचना वाले चूना प्रधान जीव (सिलेन्ट्रेटा पोलिप्स) होते हैं। यह समूह में रहते हैं। चूना पत्थर (कैल्शियम कार्बोनेट) से निर्मित इसका निचला हिस्सा काफी कठोर होता है। प्रवाल भित्तियाँ या मूंगे की चट्टानें समुद्र के भीतर स्थित प्रवाल जीवों द्वारा छोड़े गए कैल्शियम कार्बोनेट से बनी होती हैं। कोरल रीफ़ हेतु आवश्यक दशाएं: प्रायः उष्णकटिबंधीय या उपोष्णकटिबंधीय समुद्रों
आर्द्रभूमि - (April 2023)
वेटलैंड्स ऐसे क्षेत्र हैं जहां पानी पौधों और जानवरों के जीवन के साथ-साथ आस-पास के पारिस्थितिक तंत्र को विनियमित करने में एक प्रमुख भूमिका निभाता है। रामसर कन्वेंशन आर्द्रभूमि को दलदल, पीटलैंड या पानी, चाहे वह प्राकृतिक हो या कृत्रिम, स्थायी या अस्थायी, पानी स्थिर हो या बह रहा हो, को आर्द्र भूमि क्षेत्र के रूप में परिभाषित करता है, जिसमें
वन्यजीव संरक्षण - (April 2023)
भौगोलिक, जलवायु विविधताओं के साथ, भारतीय वन व्यापक प्रकार के निवास स्थान प्रदान करते हैं जो भारत में वन्यजीवों की एक बड़ी विविधता के लिए जिम्मेदार हैं। भारत में जानवरों की लगभग 80,000 से अधिक प्रजातियां पाई जाती है, जो विश्व की कुल प्रजातियों का लगभग 6.5% है। भारत में 998 संरक्षित क्षेत्रों का नेटवर्क है, जिसमें 106 राष्ट्रीय
वन संरक्षण - (April 2023)
वन नीति: भारत की राष्ट्रीय वन नीति, 1988 में देश के 33% भौगोलिक क्षेत्र को वन और वृक्ष आच्छादित क्षेत्र के अन्तर्गत रखने के लक्ष्य की परिकल्पना की गई है।वन नीति के निम्न उद्देश्य हैं:पर्यावरण संतुलन बनाए रखना तथा पारिस्थितिक असंतुलन क्षेत्रों में वन लगाना।देश की प्राकृतिक धरोहर, जैव विविधता तथा आनुवांशिक पूल का संरक्षण।मृदा अपरदन और मरुस्थलीकरण रोकना तथा
वनों के प्रकार - (April 2023)
भारत में पाए जाने वाले वनों को निम्नलिखित श्रेणी में वर्गीकृत किया जा सकता है: 1. उष्णकटिबंधीय सदाबहार वन: इस प्रकार के वन भारत के पश्चिमी घाट, अंडमान-निकोबार द्वीप समूह और उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के साथ दक्षिणी भारत में पाए जाते हैं। इन क्षेत्रों में औसत वार्षिक वर्षा 200 सेमी. से अधिक तथा औसत तापमान 22 डिग्री सेल्सियस से अधिक रहता है। इन वनों
भारत में वन एवं वन्यजीव - (April 2023)
देश का कुल वन और वृक्षावरण 80.9 मिलियन हेक्टेयर है जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का 24.62% है। देश के कुल वन और वृक्षावरण में 2,261 वर्ग किमी की वृद्धि हुई है। इसमें से, वन आवरण में वृद्धि 1,540 वर्ग किमी और वृक्षावरण में 721 वर्ग किमी के रूप में देखी गई है। 2021 में, भारत में कुल वन और
जनसांख्यिकी - (April 2023)
भारत में पहली बार आंशिक जनगणना तात्कालीन गवर्नर लार्ड मेयो के काल में 1872 में हुई थी। आगे चलकर, पहली व्यवस्थित जनगणना 1881 में लार्ड रिपिन द्वारा करवाई गई। भारत के पहले जनगणना आयुक्त हेनरी प्लाउडेन थे। भारत में जनगणना का कार्य गृह मंत्रालय के आधीन महापंजीयक या जनगणना आयुक्त के निर्देश अनुसार होता है। वर्तमान समय में वर्ष 2011 में हुई
मानव संसाधन - (April 2023)
मानव संसाधन, वह अवधारणा है जो जनसंख्या को अर्थव्यवस्था पर दायित्व से अधिक परिसंपत्ति के रूप में देखती है। शिक्षा प्रशिक्षण और चिकित्सा सेवाओं में निवेश के परिणाम स्वरूप जनसंख्या मानव संसाधन के रूप में बदल जाती है। मानव संसाधन उत्पादन में प्रयुक्त हो सकने वाली पूँजी है। यह मानव पूँजी कौशल और उनमें निहित उत्पादन के ज्ञान का भंडार
अक्षय ऊर्जा - (April 2023)
नवीकरणीय संसाधनों से प्राप्त ऊर्जा को ऊर्जा का स्थायी स्रोत माना जाता है। इस प्रकार के ऊर्जा कभी भी समाप्त नहीं होते हैं या उनके खत्म होने की संभावना लगभग शून्य होती है। वहीं दूसरी ओर जीवाश्म ईंधन, गैस और कोयला जैसे ऊर्जा के स्रोतों को सीमित संसाधन माना जाता है और इस बात की प्रबल संभावना होती है कि
ताप विद्युत क्षेत्र - (April 2023)
ताप विद्युत क्षेत्र भारत में विद्युत उत्पादन का प्रमुख स्रोत रहा है, जो देश की कुल स्थापित विद्युत क्षमता का लगभग 75% है। मई 2022 तक भारत में ताप विद्युत की कुल स्थापित क्षमता 236.1 गीगावाट है, जिसमें से 58.6% कोयले से और बाकी लिग्नाइट, डीज़ल तथा गैस से प्राप्त होती है। थर्मल पावर प्लांट ईंधन स्रोत से गर्मी का उपयोग करके
बहुउद्देशीय परियोजनाएं - (April 2023)
देश में जल संसाधनों का वैज्ञानिक प्रबंधन है। एक बहुउद्देश्यीय परियोजना जो विभिन्न उद्देश्यों जैसे बाढ़ नियंत्रण, मछली प्रजनन, सिंचाई, बिजली उत्पादन, मिट्टी संरक्षण आदि को पूरा करती है। उदाहरण के लिए, सतलुज-ब्यास नदी बेसिन में, भाखड़ा नांगल परियोजना के पानी का उपयोग पनबिजली उत्पादन और सिंचाई दोनों के लिए किया जा रहा है। भाखड़ा नांगल परियोजना भारत की सबसे
विशेष आर्थिक क्षेत्र - (April 2023)
विशेष आर्थिक क्षेत्र स्पष्ट रूप से परिभाषित उस भौगोलिक क्षेत्र को कहते हैं, जहाँ से आर्थिक क्रियाकलाप, व्यापार तथा अन्य व्यावसायिक गतिविधियों को संचालित किया जाता है। विशेष आर्थिक क्षेत्रों को आर्थिक नियम-विनियमों को ध्यान में रखते हुए व्यावसायिक गतिविधियों के प्रोत्साहन के उद्देश्य से देश की सीमा के अंतर्गत विकसित किया जाता है।इसके तहत व्यवसायों को किसी विशेष क्षेत्र
तेल एवं गैस पाइपलाइन - (April 2023)
लंबी दूरी के लिए बड़ी मात्रा में पेट्रोलियम उत्पादों और गैसों के परिवहन के लिए पाइपलाइन सबसे सुविधाजनक और उपयुक्त साधन हैं। जिन उत्पादों को पाइपलाइनों के माध्यम से ले जाया जा सकता है वे निम्न हैं पेट्रोलियम उत्पाद: कच्चा तेल, जेट ईंधन तरल उत्पाद:पानी, निर्जल अमोनिया गैसें: प्राकृतिक गैस, एलपीजी, ब्यूटेन ठोस उत्पाद: कोयला, खनिज, ठोस अपशिष्ट आदि। भारत में विद्यमान महत्वपूर्ण पाइपलाइन निम्नलिखित है: नाहरकटिया-नुनमती-बरौनी
नागरिक उड्डयन - (April 2023)
विकास: भारत में विमानन क्षेत्र की शुरुआत 1911 में हुई जब इलाहाबाद और नैनी के बीच हवाई डाक का संचालन शुरू हुआ। इंडियन नेशनल एयरवेज की स्थापना 1933 में हुई थी। द्वितीय विश्व युद्ध के अंत तक प्रमुख शहर हवाई सेवाओं से जुड़ गए थे। 1953 में इंडियन एयरलाइंस कॉर्पोरेशन का गठन घरेलू विमानन सेवाओं के लिए किया गया था। वायुदूत की
भारत में बन्दरगाह - (April 2023)
भारत की तटरेखा लगभग 7,500 किलोमीटर लंबी है। भारत में बंदरगाह के माध्यम से मात्रा के हिसाब से लगभग 95%और 75% मूल्य के हिसाब से बाहरी व्यापार होता हैं। बंदरगाह के प्रकार औद्योगिक बंदरगाह: औद्योगिक बंदरगाह अनाज, चीनी, खनिज, तेल, रसायन और थोक सामानों के व्यापार में महत्वपूर्ण होते हैं। वाणिज्यिक बंदरगाह: ये बंदरगाह सामान्य कार्गो के व्यापार से संबंधित होते हैं, जिसमें
आन्तरिक जल परिवहन - (April 2023)
आन्तरिक जलमार्ग के अन्तर्गत नहरों, नदियों, संकरी घाटियों आदि को सम्मिलित किया जाता है। इसके द्वारा यात्रियों और सामानों का परिवहन किया जाता है। देश में आन्तरिक जल परिवहन के तहत गंगा, ब्रह्मपुत्र, महानदी, गोदावरी, ताप्ती, नर्मदा व कृष्णा आदि नदियों का उपयोग किया जाता है। भारत में लगभग 14500 किलोमीटर नौगम्य जलमार्ग हैं, हालांकि वे देश के परिवहन में
रेल परिवहन - (April 2023)
रेलवे के लिए 2.40 लाख करोड़ रुपये की पूंजीगत निधि का प्रावधान किए गए हैं, जो 2013-14 में उपलब्ध कराई गई धनराशि से 9 गुना अधिक और अब तक की सर्वाधिक राशि है। भारत में पहली यात्री ट्रेन मुंबई से ठाणे तक लगभग 1.6 किलोमीटर की यात्रा के लिए चलाई गई थी। लम्बाई: भारतीय रेलवे विश्व के सबसे बड़े रेल
परिवहन क्षेत्र - (April 2023)
भारत के सतत आर्थिक विकास समन्वित और सुचारु संपर्क में परिवहन की प्रणाली की महत्वपूर्ण भूमिका है। वर्तमान में परिवहन प्रणाली के अन्तर्गत रेल, सड़क, तटवर्ती नौ-वहन और हवाई परिवहन को सम्मिलित किया जाता है। सड़क परिवहन भारत में सड़कों के निर्माण की परम्परा सिंधु घाटी सभ्यता से विद्यमान रही है। सड़क नेटवर्क एवं लंबाई: भारत में लगभग 63.73 लाख किलोमीटर सड़क नेटवर्क
भारत के 8 प्रमुख उद्योग - (April 2023)
कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, स्टील, सीमेंट और बिजली 8 प्रमुख उद्योग है। 8 प्रमुख उद्योगों में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक में शामिल वस्तुओं के भार का 40.27% शामिल है। कोयला: कोयला उत्पादन (भारांक: 10.33%) सितंबर, 2022 में सितंबर, 2021 की तुलना में 12.0% बढ़ गया। कच्चा तेल: कच्चे तेल का उत्पादन (भारांक: 8.98%) सितंबर, 2022 में सितंबर,
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम - (April 2023)
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था का एक महत्त्वपूर्ण स्तंभ है, जो भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में व्यापक योगदान देता है। ये विनिर्माण उत्पादन में लगभग 45% की हिस्सेदारी रखता है। राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण के 73वें दौर के अनुसार MSME क्षेत्र में 633.88 लाख इकाइयां हैं। वित्तीय वर्ष 2016 में भारत में एमएसएमई की कुल संख्या 63 मिलियन
औद्योगिक प्रदेश - (April 2023)
विभिन्न प्रकार के उद्योगों के अनेक कारखानों के संकेन्द्रण से एक वृहद क्षेत्र में औद्योगिक भूदृश्य के विकास को औद्योगिक प्रदेश कहते हैं। भारत में पाए जाने वाले वृहद औद्योगिक प्रदेश निम्न है:मुंबई और पुणे औद्योगिक प्रदेश: यह देश का सबसे महत्वपूर्ण औद्योगिक क्षेत्र है।इस औद्योगिक क्षेत्र के विकास के मुख्य कारकआर्द्र जलवायु, प्राकृतिक बंदरगाह सुविधाएं, पनबिजली की उपलब्धता, कुशल
उर्वरक उधोग - (April 2023)
उत्पादन: देश के आठ प्रमुख उद्योगों में से एक के रूप में, उर्वरक उत्पादन में 2014 से 2021 तक सकारात्मक वृद्धि हुई है। उपभोक्ता: चीन के बाद भारत यूरिया उर्वरकों का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है। भारत नाइट्रोजनयुक्त उर्वरकों के उत्पादन में दूसरे स्थान पर और फॉस्फेटिक उर्वरकों में तीसरे स्थान पर है। विकास: देश में पहली सुपरफॉस्फेट फैक्ट्री
कागज उधोग - (April 2023)
वृद्धि और निर्यात: वित्त वर्ष 2021-22 में भारत से पेपर और पेपरबोर्ड का निर्यात लगभग 80% वृद्धि के साथ रिकॉर्ड 13,963 करोड़ रुपये पहुँच गया।भारत संयुक्त अरब अमीरात, चीन, सऊदी अरब, बांग्लादेश, वियतनाम और श्रीलंका को कागज निर्यात कर रहा है। विकास: देश में पहली पेपर मिल 1812 में सेरामपुर (बंगाल) में स्थापित की गई थी। पुनः 1870 में,
सीमेंट उधोग - (April 2023)
उत्पादक: भारत विश्व में सीमेंट का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है, जो वैश्विक स्थापित क्षमता के 7% से अधिक के लिए जिम्मेदार है। वित्त वर्ष 2022 में सीमेंट का घरेलू उत्पादन वित्त वर्ष 2021 के 296 मिलियन टन से बढ़कर 356 मिलियन टन हो गया।मध्य प्रदेश भारत का सबसे बड़ा सीमेंट उत्पादक राज्य है और इसके बाद क्रमशः आंध्र प्रदेश
चीनी उधोग - (April 2023)
उत्पादक एवं निर्यात: भारत 5000 लाख मीट्रिक टन से अधिक गन्ने का उत्पादन करके विश्व का सबसे बड़ा चीनी उत्पादक और चीनी का उपभोक्ता होने के साथ-साथ विश्व का दूसरा सबसे बड़ा चीनी निर्यातक बन गया है।उत्तर प्रदेश भारत में गन्ने का सबसे बड़ा उत्पादक है, इसके बाद महाराष्ट्र और कर्नाटक का स्थान है। विकास: भारत में आधुनिक चीनी
जूट उधोग - (April 2023)
उत्पादन: पश्चिम बंगाल, बिहार और असम भारत के कुल उत्पादन का लगभग 99% हिस्सा हैं।कुल उत्पादन का 90% घरेलू खपत हो जाता है। उत्पादक राज्य: जूट उद्योग भारत के सबसे पुराने और सबसे प्रमुख उद्योगों में से एक है। भारत में प्रमुख जूट उत्पादक राज्य पश्चिम बंगाल, असम, बिहार, ओडिशा और आंध्र प्रदेश हैं।भारत जूट का सबसे बड़ा उत्पादक
सूती वस्त्र उधोग - (April 2023)
जीडीपी में योगदान: भारत में घरेलू परिधान और कपड़ा उद्योग देश के सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 2% योगदान देता है। निर्यात: 2020-21 में भारत के कुल निर्यात में कपड़ा, परिधान और हस्तशिल्प की हिस्सेदारी 11.4% थी। उत्पादक: भारत विश्व में कपास और जूट के सबसे बड़े उत्पादकों में से एक है। भारत विश्व में रेशम का दूसरा सबसे
एल्युमीनियम उधोग - (April 2023)
उत्पादन: वर्ल्ड ब्यूरो ऑफ मेटल स्टैटिस्टिक्स के अनुसार, भारत में 2021 में रिफाइंड एल्युमीनियम का उत्पादन लगभग 3.96 मिलियन मीट्रिक टन था।एल्यूमिनियम के उत्पादन के दृष्टिकोण से भारत का विश्व में आठवां स्थान है।भारत, एशिया में परिष्कृत एल्यूमीनियम का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक था। उत्पादन केंद्र: प्रमुख एल्यूमिनियम उत्पादक केंद्रः कोरबा (छत्तीसगढ़), कोयना (महाराष्ट्र), दामनजोड़ी (ओडिशा), रेणुकूट (उत्तर
लौह एवं इस्पात उधोग - (April 2023)
उत्पादक: अप्रैल 2022 तक, भारत कच्चे इस्पात का विश्व का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक था।वित्तीय वर्ष 2022 में, कच्चे इस्पात और तैयार इस्पात का उत्पादन क्रमशः 133.596 मीट्रिक टन और 120.01 मीट्रिक टन था।भारत जापान को पीछे छोड़कर कच्चे इस्पात का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक बन गया है। सबसे बड़ा इस्पात उत्पादक देश वर्तमान में चीन है, जिसका विश्व इस्पात
उधोग - (April 2023)
हाल ही में भारत यूनाइटेड किंगडम को पीछे छोड़ते हुए विश्व की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। वर्तमान में संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन, जापान और जर्मनी की ही अर्थव्यवस्था भारत से बड़ी है। अर्थव्यवस्था में उद्योग प्राथमिक, द्वितीयक, तृतीयक, चतुर्थ और पंचम गतिविधियों के रूप में जानी जाने वाली आर्थिक गतिविधियों के आधार पर स्थापित किए जाते हैं। प्राथमिक गतिविधियाँ: ये
हीरा - (April 2023)
हीरा पृथ्वी पर प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला सबसे कठोर पदार्थ है। हीरा मुख्य रूप से बुनियादी या अल्ट्राबेसिक संरचना की आग्नेय चट्टानों में और प्राथमिक स्रोतों से प्राप्त जलोढ़ निक्षेपों में पाया जाता है। इसकी संरचना शुद्ध कार्बन के रूप में होती है और इसमें एक क्यूबिक क्रिस्टल सिस्टम और सामान्य रूप में ऑक्टाहेड्रॉन होते है। वित्त वर्ष
जस्ता - (April 2023)
ये सीसा और चाँदी के साथ पाया जाता है। जस्ता आमतौर पर गैल्वनाइजिंग उद्देश्य के लिए प्रयोग किया जाता है, जो स्टील और लोहे के क्षरण को रोकने में मदद करता है। इसका उपयोग मिश्रधातु के लिए और जस्ती चादरों के निर्माण के लिए किया जाता है।ड्राई-बैटरी, सफेद पिगमेंट, इलेक्ट्रोड, टेक्सटाइल, डाई-कास्टिंग, रबर उद्योग आदि के लिए भी उपयोग किया
चूना पत्थर - (April 2023)
चूना पत्थर, कैल्शियम कार्बोनेट या कैल्शियम और मैग्नीशियम कार्बोनेट चट्टानों के संयोजन में पाया जाता है।यह अधिकांश भूवैज्ञानिक संरचनाओं की तलछटी चट्टानों में पाया जाता है। चूना पत्थर सीमेंट उद्योग के लिए एक बुनियादी कच्चा माल है और लौह अयस्क को गलाने के लिए भी इसका उपयोग किया जाता है। भारत के कुल चूना पत्थर का एक बड़ा हिस्सा
लिथियम - (April 2023)
लिथियम एक नरम और चांदी के समान सफेद धातु है, जिसे रिचार्जेबल बैटरी की उच्च मांग के कारण 'व्हाइट गोल्ड' भी कहा जाता है। लिथियम धातु को लिथियम क्लोराइड और पोटेशियम क्लोराइड के मिश्रण से विद्युत माध्यम से पृथक किया जाता है। लिथियम अपने अद्वितीय रासायनिक और भौतिक गुणों के कारण विभिन्न प्रकार के अनुप्रयोगों में व्यापक रूप से उपयोग
यूरेनियम - (April 2023)
भारत में यूरेनियम क्रिस्टलीय चट्टानों में पाया जाता है। यूरेनियम, प्राकृतिक रूप से कम सांद्रता में मिट्टी, चट्टान और जल में पाया जाता है। यह एक कठोर, सघन, लचीली, चांदी के समान सफेद एक रेडियोधर्मी धातुहै। झारखंड के सिंहभूम और हजारीबाग जिलों, बिहार के गया जिले और उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में तलछटी चट्टानों में यूरेनियम के निक्षेप पाए
सोना - (April 2023)
धारवाड़ शैल, सोने के खनिजीकरण के लिए सबसे महत्वपूर्ण भूवैज्ञानिक संरचना माना जाता है। अर्थात भारत के धारवाड़ शैल में सोना पाया जाता है। राष्ट्रीय खनिज सूची डेटा के अनुसार, देश में स्वर्ण अयस्क (प्राथमिक) के कुल भंडार/संसाधन 2015 तक 501.83 मिलियन टन होने का अनुमान लगाया गया है। सोने के अयस्कों का सबसे बड़ा भंडार बिहार, राजस्थान, कर्नाटक, पश्चिम
पेट्रोलियम - (April 2023)
पेट्रोलियम तलछटी घाटियों, उथले अवसादों और समुद्रों में पाई जाती है। भारत में अधिकांश पेट्रोलियम भंडार लगभग 3 मिलियन वर्ष पूर्व तृतीयक काल के तलछटी रॉक संरचनाओं से जुड़े हैं। कच्चे पेट्रोलियम में तरल और गैसीय अवस्था के हाइड्रोकार्बन होते हैं, जो रासायनिक संरचना, रंग और विशिष्ट गुरुत्व में भिन्न होते हैं। यह ऑटोमोबाइल, रेलवे और विमान में सभी
कोयला - (April 2023)
कोयला मुख्य रूप से दो भूवैज्ञानिक युगों, अर्थात् गोंडवाना और तृतीयक निक्षेपों के रॉक अनुक्रमों में पाया जाता है। भारत में लगभग 80% कोयले का भंडार बिटुमिनस प्रकार का है। तमिलनाडु में 90% लिग्नाइट भंडार और भारत में लिग्नाइट के उत्पादन का लगभग 71% हिस्सा है। गोंडवाना कोयला भारत में कुल कोयला भंडार का 98% तथा कुल कोयला उत्पादन
अभ्रक - (April 2023)
अभ्रक एक प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला गैर-धात्विक खनिज है। अभ्रक, रूपांतरित चट्टान, आग्नेय और कायांतरित चट्टानों की शिराओं में पाया जाता है। अभ्रक का उपयोग ड्राईवॉल, पेंट, फिलर्स जैसे उत्पादों में और ऑटोमोबाइल एवं इलेक्ट्रॉनिक्स में भी किया जाता है। भारत में अभ्रक मुख्य रूप से आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, झारखंड, ओडिशा, राजस्थान आदि राज्यों में पाए जाता हैं।
क्रोमाइट - (April 2023)
क्रोमाइट मुख्य रूप से खनिज क्रोमाइट से बनी आग्नेय चट्टान है। क्रोमाइट एवं निकिल का उपयोग लोहा इस्पात उद्योग में स्टेनलेस स्टील (stainless steel) बनाने के लिए किया जाता है, भारत में क्रोमाइट के भंडार का लगभग 203 मीट्रिक टन है। 93% से अधिक क्रोमियम संसाधन ओडिशा (कटक और जाजापुर में सुकिंदा घाटी) में हैं।अन्य निक्षेप मणिपुर, नागालैंड, कर्नाटक, झारखंड,
ताँबा - (April 2023)
कॉपर अयस्क प्राचीन और साथ ही नई रॉक संरचनाओं में पाया जाता है। कॉपर का मुख्य उपयोग हरित ऊर्जा संक्रमण उद्योग जैसे इलेक्ट्रिक वाहन, सौर और पवन ऊर्जा संयंत्र आदि में होता हैं। अधिकांश तांबे का उपयोग बिजली के उपकरणों जैसे वायरिंग और मोटर्स में किया जाता है। 2021 में भारत में तांबे का उत्पादन कुल 41.8 हजार मीट्रिक
बॉक्साइट - (April 2023)
बॉक्साइट मुख्य रूप से तृतीयक निक्षेपों में पाया जाता है और प्रायद्वीपीय भारत के पठार या पहाड़ी श्रृंखलाओं और लेटराइट चट्टानों में भी पाया जाता है। बॉक्साइट एक अयस्क है, जिसका उपयोग एल्यूमीनियम के निर्माण में किया जाता है। ओडिशा बॉक्साइट का सबसे बड़ा उत्पादक है। ओडिशा में देश के बॉक्साइट संसाधनों का 52% हिस्सा है, इसके बाद आंध्र
मैंगनीज - (April 2023)
भारत में मैंगनीज निक्षेप लगभग सभी भूवैज्ञानिक संरचनाओं में पाए जाते हैं, तथापि, यह मुख्य रूप से धारवाड़ प्रणाली से संबंधित है। वर्तमान में मध्य प्रदेश मैंगनीज का प्रमुख उत्पादक है। मैंगनीज का उपयोग लोहा और इस्पात बनाने में किया जाता है। इसका उपयोग ब्लीचिंग पाउडर, कीटनाशक, पेंट, बैटरी, चीनी मिट्टी बनाने में भी किया जाता है।
लौह अयस्क - (April 2023)
भारत में लौह अयस्क का विशाल भंडार है। यहां लौह अयस्क की प्राप्ति धारवाड़ क्रम या कुडप्पा क्रम की आग्नेय चट्टानों से होती है। भारत में पाए जाने वाले दो मुख्य प्रकार के लौह अयस्क हेमेटाइट और मैग्नेटाइट हैं। लौह अयस्क के प्रकार हेमेटाइट: इसे आयरन का ऑक्साइड भी कहा जाता है। इसमें धातु सामग्री 60 से 70 प्रतिशत के बीच भिन्न होती है। ये
खनिज संसाधन - (April 2023)
भारत अपनी विविध भूगर्भीय संरचना के कारण विविध प्रकार के खनिज संसाधनों से संपन्न है। भारत में मूल्यवान खनिजों का बड़ा हिस्सा पूर्व-पैलेज़ोइक युग (Pre-Palaezoic Age) के उत्पाद हैं, जो मुख्य रूप से प्रायद्वीपीय भारत के कायांतरित और आग्नेय चट्टानों से जुड़े हैं। उत्तर का विशाल जलोढ़ मैदानी क्षेत्र आर्थिक उपयोग से संबंधित खनिजों से रहित है। भारत
भारत में मृदाएं - (April 2023)
पृथ्वी की ऊपरी सतह पर मिलने वाले मोटे, मध्यम और बारिक कार्बनिक तथा अकार्बनिक मिश्रित कणों को मृदा कहते हैं। मृदा के घटक खनिज कण, मृदा ह्यूमस, जल तथा वायु होते हैं, इनमें से प्रत्येक की वास्तविक मात्र मृदा के प्रकार पर निर्भर करती है। भारतीय मिट्टियों को 8 प्रमुख मिट्टियों में विभाजित किया गया है, जो निम्नलिखित है:जलोढ़
कृषि-जलवायु क्षेत्र - (April 2023)
भारत भौगोलिक विविधता वाला देश है। इसके इलाके, तापमान, वर्षा और मिट्टी में भिन्नता ने फसल पैटर्न और अन्य कृषि गतिविधियों को प्रभावित किया है। 1989 में योजना आयोग द्वारा कृषि-जलवायु क्षेत्रों को तैयार किया गया था। यह भूमि सर्वेक्षण, मिट्टी सर्वेक्षण और ग्रामीण भारत के कृषि सर्वेक्षण पर आधारित था।एक कृषि-जलवायु क्षेत्र प्रमुख जलवायु के संदर्भ में एक भूमि
बीज - (April 2023)
बीज देश की खाद्य और पोषण सुरक्षा की आवश्यकता को पूरा करने में मदद करते हैं। विभिन्न कृषि-जलवायु क्षेत्रों में कृषि उत्पादन एवं उत्पादकता बढ़ाने के लिए बीज एक महत्वपूर्ण और बुनियादी इनपुट हैं। देश में बीज उत्पादन में सार्वजनिक क्षेत्र की हिस्सेदारी 2017-18 में 42.72 प्रतिशत से घटकर 2020-21 में 35.54 प्रतिशत हो गई, जबकि इसी अवधि में निजी क्षेत्र की
उर्वरक - (April 2023)
उर्वरक वे पदार्थ हैं जो पौधों की वृद्धि के लिए आवश्यक रसायन प्रदान करते हैं। उर्वरक जैविक और अकार्बनिक दोनों हो सकते हैं। भारतीय मृदा में मुख्यतः नाइट्रोजन और कार्बनिक तत्वों की कमी होती है। इस कमी को पूरा करने के लिए कृत्रिम उर्वरकों का उपयोग किया जाता है। प्राचीन काल से ही मृदा की उर्वरता बढ़ाने के लिए जैविक
सिंचाई के साधन - (April 2023)
कृत्रिम साधनों जैसे नहर, कुएँ, नलकूप, तालाब आदि से जल के स्रोत जैसे संसाधनों से फसलों को जल आपूर्ति करने की प्रक्रिया सिंचाई कहलाती है। भारत में कुल फसल क्षेत्र के दो तिहाई भाग को सिंचाई की आवश्यकता होती है। भारत में मानसून वर्षा की प्रकृति अनिश्चित, अविश्वसनीय, अनियमित, मौसमी और असमान होती है। इस कारण भारत में कृषि के विकास
भूमि उपयोग - (April 2023)
भूमि उपयोग कई कारकों द्वारा निर्धारित किया जाता है, जैसे जलवायु, मिट्टी, जनसंख्या का घनत्व, तकनीकी और सामाजिक-आर्थिक कारक। जहां उत्तर-पूर्व के राज्यों में वर्षा की अधिकता के कारण वन क्षेत्रों की प्रधानता है वहीं गुजरात, राजस्थान में वर्षा की कमी के कारण बंजर और मरुस्थल के रूप में पाया जाता है। कृषि योग्य भूमि की दृष्टि से भारत का विश्व में
मत्स्यन क्षेत्र - (April 2023)
भारत की तटरेखा लगभग 7516.6 किमी है जो 13 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में फैली हुई है। हिंद महासागर का मछली पकड़ने के मामले में विश्व के सभी महासागरों में सबसे कम दोहन किया गया। भारत में वैश्विक मछली जैव विविधता का 10% से अधिक पाया जाता है और ये 17 मेगा जैव विविधता समृद्ध देशों में से एक
सेरीकल्चर - (April 2023)
भारत चीन के बाद विश्व में रेशम का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है। देश का रेशम उत्पादन उद्योग ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में लगभग 9.76 मिलियन लोगों को रोजगार देता है। भारत 4 प्रकार के प्राकृतिक रेशम का उत्पादन करता है; शहतूत, एरी, तसर और मूंगा। भारत कच्चे माल के माध्यम से रेशमी वस्त्र, मेड-अप, कपड़े, धागे, कालीन, शॉल, स्कार्फ, कुशन कवर
पशुधन क्षेत्र - (April 2023)
भारत में 20वीं पशुधन जनगणना के अनुसार, देश में कुल पशुधन आबादी 535.78 मिलियन है। भारत में पशुधन क्षेत्र का कुल कृषि GVA (स्थिर कीमतों पर) में योगदान वर्ष 2014-15 के 24.3% से बढ़कर वर्ष 2020-21 में 30.1% हो गया। भारत में दुग्ध सबसे बड़ा एकल कृषि उत्पाद है। इसका राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में 5% का योगदान है और यह 80 मिलियन डेयरी
बागवानी फसलें एवं सब्जी - (April 2023)
कृषि मंत्रालय के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, भारत की बागवानी फसल का उत्पादन 2020-21 में रिकॉर्ड 334.6 मिलियन टन था। 2020-21 के अंतिम अनुमान के अनुसार 200.4 मिलियन टन की तुलना में 2021-22 में सब्जी उत्पादन 2.1% बढ़कर 204.8 मिलियन टन होने का अनुमान है। बागवानी फसलों का क्षेत्रफल 2020-21 के 27.4 मिलियन हेक्टेयर की तुलना में 2021-22 में 28 मिलियन हेक्टेयर
प्रमुख नकदी फसलें - (April 2023)
भारत खाद्यान्न के उत्पादन के साथ प्रमुख मात्रा में नकदी फसलों का भी उत्पादन किया जाता है, जिनमे गन्ना, कपास, जूट, चाय, कॉफ़ी आदि प्रमुख है। गन्ना: गन्ना उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों की फसल है। रेनफेड परिस्थितियों में, इसकी खेती उप-आर्द्र और आर्द्र जलवायु में की जाती है। लेकिन यह भारत में काफी हद तक एक सिंचित फसल है। सतलुज-गंगा के मैदान में, इसकी
प्रमुख खाद्यान्न फसलें - (April 2023)
वर्तमान में भारत खाद्यान्न के मामले में आत्मनिर्भर देश है। यहां अनेक प्रकार की फसलें उत्पादित की जाती है, जिसमे से प्रमुख खाद्यान्न फसलें निम्नलिखित है; चावल: देश में खरीफ और रबी दोनों मौसमों में धान की फसल उगाई जाती है। चालू कृषि वर्ष 2022-23 के लिए खरीफ सीजन में चावल का उत्पादन 104.99 मिलियन टन अनुमानित है। भारत में चावल के
भारत में कृषि - (April 2023)
विश्व में गेहूं, चावल और कपास का सबसे बड़ा क्षेत्र भारत में है तथा भारत, विश्व में दूध, दालों और मसालों का सबसे बड़ा उत्पादक देश भी है। भारत फल, सब्जियां, चाय, मछली, कपास, गन्ना, गेहूं, चावल और चीनी का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है। वर्तमान में भारत की लगभग दो तिहाई जनसँख्या अपनी आजीविका प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग - (March 2023)
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (National Human Rights Commission) एक वैधानिक निकाय है, जिसकी स्थापना 1993 में हुई थी। आयोग देश में मानवाधिकारों का प्रहरी है। आयोग का गठन पेरिस सिद्धांतों के अनुरूप किया गया है। यह संविधान द्वारा गारंटीकृत व्यक्ति के जीवन, स्वतंत्रता, समानता और सम्मान के अधिकार की रक्षा करने के लिए काम करता है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में क्रमशः
भारत का नियंत्रक-महालेखापरीक्षक (CAG) - (March 2023)
संविधान के अनुच्छेद 148 के अनुसार भारत का एक नियंत्रक-महालेखापरीक्षक होगा, जिसकेा राष्ट्रपति अपने हस्ताक्षर और मुद्रा सहित अधिपत्र द्वारा नियुक्त करेगा। इसका कार्यकाल 6 वर्ष या 65 वर्ष की आयु तक होता है (दोनों में से जो भी पहले हो)। उसे उसके पद से केवल उसी रीति से और उन्ही आधारों पर हटाया जाएगा जिस रीति से और जिन
वित्त आयोग - (March 2023)
वित्त आयोग (Finance Commission) एक संवैधानिक निकाय है, जो राजकोषीय संघवाद की धुरी है, जिसका गठन संविधान के अनुछेद 280 के तहत किया जाता है। इसका मुख्य दायित्व संघ व राज्यों की वित्तीय स्थितियों का मूल्यांकन करना, उनके बीच करों के बटवारे की संस्तुति करना तथा राज्यों के बीच इन करों के वितरण हेतु सिद्धांतो का निर्धारण करना है।ये संविधान
भारतीय निर्वाचन आयोग - (March 2023)
भारत निर्वाचन आयोग एक स्वायत्त एवं अर्ध-न्यायिक संस्थान है, जिसका गठन भारत में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष रूप से विभिन्न से भारत के प्रातिनिधिक संस्थानों में प्रतिनिधि चुनने के लिए किया गया था। भारतीय चुनाव आयोग की स्थापना 25 जनवरी 1950 को की गयी थी। संविधान के भाग-15 के अनुच्छेद-324 से 329 में निर्वाचन से संबंधित उपबंध का उल्लेख किया गया
अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र - (March 2023)
एक अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (International Financial Services Center) घरेलू अर्थव्यवस्था के अधिकार क्षेत्र से बाहर के ग्राहकों को सेवा प्रदान करता है। ऐसे केंद्र अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के पार वित्त, वित्तीय उत्पादों और सेवाओं के प्रवाह से निपटते हैं।लंदन, न्यूयॉर्क और सिंगापुर को वैश्विक वित्तीय केंद्रों के रूप में गिना जा सकता है। ये निम्नलिखित सेवाएं प्रदान करता है;व्यक्तियों,
राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग - (March 2023)
राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग अधिनियम 1993 के अधीन इस आयोग का गठन एक सांविधिक निकाय के रूप में किया गया था, किंतु 102वें संविधान संशोधन द्वारा अनु 338(B) के तहत इसे संवैधानिक दर्जा दिया गया। 102वें संविधान संशोधन अधिनियम द्वारा भारतीय संविधान में दो नए अनुच्छेदों 338B और 342A को जोड़ा गया। यह संशोधन अनुच्छेद 366 में भी कुछ परिवर्तन
राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग - (March 2023)
राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग एक संवैधानिक निकाय है जो भारत में अनुसूचित जातियों के हितों की रक्षा हेतु कार्य करता है। 89वें संशोधन अधिनियम, 2003 द्वारा राष्ट्रीय अनुसूचित जाति एवं जनजाति आयोग से अलग करके संविधान के अनुच्छेद 338 के तहत अनुसूचित जनजाति आयोग की स्थापना 2004 में की गई। इसके प्रथम अध्यक्ष सूरजभान थे। आयोग ने अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और
राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग - (March 2023)
राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग की स्थापना अनुच्छेद 338 में 89वें संवैधानिक संशोधन अधिनियम, 2003 के माध्यम से संविधान में एक नया अनुच्छेद 338क अंतःस्थापित करके की गयी थी। अतः यह एक संवैधानिक निकाय है। पहला राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग मार्च, 2004 में गठित हुआ था। इस संशोधन द्वारा तत्कालीन राष्ट्रीय अनुसूचित जाति एवं राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग को 19 फरवरी,
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग - (March 2023)
प्रतिस्पर्धा अधिनियम, 2002 के माध्यम से भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (Competition Commission of India) का गठन केन्द्र सरकार द्वारा अक्टूबर, 2003 को किया गया था। आयोग एक अर्ध-न्यायिक निकाय है। यह वैधानिक निकायों को सलाह भी प्रदान करता है। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग में केन्द्र सरकार द्वारा नियुक्त 1 अध्यक्ष तथा 6 सदस्य शामिल होते हैं। अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति केंद्र सरकार द्वारा की
विधि आयोग - (March 2023)
विधि आयोग (law commission) प्रति 3 साल में भारत सरकार द्वारा गठित एक गैर-सांविधिक निकाय है। इसे भारत सरकार की एक अधिसूचना द्वारा कानून के क्षेत्र में अनुसंधान करने के लिए एक निश्चित समय सीमा के साथ गठित किया गया है। 1833 के चार्टर अधिनियम द्वारा 1834 में ब्रिटिश काल के दौरान प्रथम विधि आयोग की स्थापना की गई
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग - (March 2023)
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (National Commission for Protection of Child Rights) बाल अधिकारों और अन्य संबंधित मामलों की रक्षा के लिए बाल अधिकार संरक्षण आयोग अधिनियम, 2005 की धारा 3 के तहत देश में गठित एक वैधानिक निकाय है। यह महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में काम करता है। ये बच्चों के अधिकारों को बनाए रखने
केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) - (March 2023)
इसकी की स्थापना भ्रष्टाचार निवारण से संबंधित के- संथानम समिति की सिफारिशों के आधार पर भारत सरकार द्वारा अप्रैल, 1963 को की गई थी। सीबीआई का अधीक्षण भ्रष्टाचार के मामलों में केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) द्वारा और अन्य मामलों में कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के द्वारा किया जाता है। वर्तमान में सीबीआई डीओपीटी के तहत एक संलग्न कार्यालय के रूप
प्रवर्तन निदेशालय (ED) - (March 2023)
प्रवर्तन निदेशालय (ED) एक कानून प्रवर्तन एजेंसी तथा आर्थिक खुफिया एजेंसी है जो भारत में आर्थिक कानूनों को लागू करने और आर्थिक अपराध से लड़ने के लिए जिम्मेदार है। यह वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग के अंतर्गत कार्य करता है। इस निदेशालय की स्थापना 1956 को हुई, जब विदेशी मुद्रा विनियमन अधिनियम, 1947 के तहत विनिमय नियंत्रण कानूनों के उल्लंघन से निपटने
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) - (March 2023)
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (National Investigation Agency) भारत की केंद्रीय आतंक रोधी कानून प्रवर्तन एजेंसी है, जो भारत की संप्रभुता, सुरक्षा और अखंडता को प्रभावित करने वाले सभी अपराधों की जांच करने के लिये अनिवार्य है। इसका गठन राष्ट्रीय जांच एजेंसी अधिनियम, 2008 के तहत किया गया था। इसका मुख्यालयः नई दिल्ली में स्थित है। एजेंसी को गृह मंत्रालय से लिखित उद्घोषणा के
वनवासियों के अधिकार (Rights of Forest dwellers) - (March 2023)
अनुसूचित जनजाति और अन्य पारंपरिक वनवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2006, जिसे वन अधिकार अधिनियम, 2006 के रूप में भी जाना जाता है, वनवासियों के अधिकार के संबंध में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस अधिनियम का उद्देश्य वनों में रहने वाली अनुसूचित जनजातियों तथा अन्य परम्परागत वनवासियों की भूमि पट्टेदारी, आजीविका एवं खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना।स्थायी उपयोग, जैव विविधता
अवैध अप्रवासी - (March 2023)
वैध यात्रा दस्तावेजों के बिना देश में प्रवेश करने वाले विदेशी नागरिकों को अवैध अप्रवासी (Illegal Migrants) माना जाता है। वर्तमान में भारत किसी भी प्रकार के अवैध प्रवासन का समर्थन नहीं करता है। पूर्वी सीमाओं से, बांग्लादेशी अवैध आप्रवासन ने पूर्वोत्तर विशेषकर असम की जनसांख्यिकी को बदल दिया है। उत्तरी सीमाओं से, मुख्य रूप से पाकिस्तान और अफगानिस्तान से
धर्मांतरण विरोधी कानून - (March 2023)
भारत में धार्मिक रूपांतरणों को प्रतिबंधित या विनियमित करने वाला कोई केंद्रीय कानून नहीं है। वर्ष 1954 के बाद से कई मौकों पर धार्मिक रूपांतरणों को विनियमित करने हेतु संसद में निजी विधेयक पेश किये गए थे; लेकिन ये विधेयक कभी संसद में पारित नहीं हो सके। अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, झारखंड और उत्तराखंड जैसे
समान नागरिक संहिता - (March 2023)
समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) की अवधारणा पूरे देश के लिए एक कानून का प्रावधान करती है, जोकि सभी धार्मिक समुदायों पर उनके व्यक्तिगत मामलों जैसे विवाह, तलाक, विरासत, गोद लेने आदि में लागू होगी। समान नागरिक संहिता का प्रावधान राज्य के नीति के निर्देशक सिद्धांतों के अनुच्छेद 44 के अंतर्गत शामिल है, जिसमे कहा गया है कि राज्य भारत
स्वायत्त जिला परिषद - (March 2023)
भारत के संविधान की 6ठी अनुसूची स्वायत्त जिला परिषदों (autonomous district council) के गठन का प्रावधान करता है, जिन्हें उनके संबंधित राज्यों के भीतर स्वायत्तता प्रदान की गई है। इन स्वायत्त जिला परिषदों में से अधिकांश जिला परिषद उत्तर पूर्व भारत में स्थित हैं। प्रत्येक स्वायत्त जिले के लिए एक जिला परिषद होगी, जिसमें 30 से अधिक सदस्य नहीं होंगे, जिनमें से
पेसा कानून - (March 2023)
दिलीप सिंह भूरिया समिति की रिपोर्ट के आधार पर पंचायत (अनुसूचित क्षेत्रों का विस्तार) अधिनियम, 1996 या पेसा अधिनियम, अनुसूचित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए ग्राम सभाओं के माध्यम से स्व-शासन सुनिश्चित करने के लिए केंद्र द्वारा अधिनियमित किया गया एक अधिनियम है। अनुसूचित क्षेत्र, भारतीय संविधान के 73वें संविधान संशोधन या पंचायती राज अधिनियम के अंतर्गत कवर नहीं
क्लिनिकल ट्रायल - (March 2023)
क्लिनिकल परिक्षण (Clinical trial) ऐसे शोध को कहते हैं, जिनका उद्देश्य यह पता लगाना होता है कि कोई चिकित्सकीय प्रणाली, दवा या कोई चिकित्सकीय उपकरण मनुष्य के लिये सुरक्षित और प्रभावी है या नहीं। इनका उद्देश्य अनुसंधान है। पशु पर क्लिनिकल परीक्षण का उद्देश्य यह जानना होता है कि कोई दवा या चिकित्सा पद्धति जीवित शरीर पर क्या प्रभाव छोड़ती
वैवाहिक बलात्कार - (March 2023)
वैवाहिक बलात्कार (Marital Rape) एक पुरुष द्वारा अपनी पत्नी पर बल, शारीरिक हिंसा या सहमति देने में असमर्थ होने पर प्राप्त अवांछित संभोग को संदर्भित करता है। इस प्रकार के कृत्य विवाहित महिलाओं को भारतीय संविधान द्वारा गारंटीकृत कानूनों की समान सुरक्षा से वंचित करते हैं। भारतीय महिलाएं अनुच्छेद 14 के तहत समान व्यवहार की पात्र हैं और किसी व्यक्ति
सरोगेसी - (March 2023)
सरोगेसी (Surrogacy) एक ऐसी व्यवस्था है, जिसमें एक महिला (सरोगेट) किसी अन्य व्यक्ति या जोड़े (इच्छित माता-पिता) की ओर से बच्चे को जन्म देने के लिये सहमत होती है। इसमें इच्छुक दंपत्ति के लिए कोई अन्य महिला बच्चे को जन्म देती है तथा जन्म के पश्चात बच्चा दंपत्ति को सौंप दिया जाता है। सरोगेसी को महिलाओं के प्रजनन अधिकार के
क्रीमी लेयर - (March 2023)
क्रीमी लेयर (Creamy Layer) एक अवधारणा है, जो एक सीमा निर्धारित करती है, जिसके भीतर ओबीसी आरक्षण लाभ लागू होते हैं। ये सिद्धांत समानता के मौलिक अधिकार पर आधारित था। सरकारी नौकरियों और उच्च शिक्षण संस्थानों में ओबीसी के लिए 27% कोटा है, क्रीमी लेयर के अंतर्गत आने वालों को इस कोटे का लाभ नहीं मिल सकता है।द्वितीय पिछड़ा वर्ग
पदोन्नति में आरक्षण - (March 2023)
1950 के दशक से केंद्र और राज्य सरकारें एससी और एसटी समुदायों के पक्ष में पदोन्नति में आरक्षण की नीति का पालन कर रही हैं, क्योंकि सार्वजनिक सेवाओं में निर्णय निर्माण प्रक्रिया के स्तर पर उनका पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं है। हाल ही में केंद्र सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय को सूचित किया है कि सरकारी नौकरियों में अनुसूचित जाति और अनुसूचित
जाति आधारित जनगणना - (March 2023)
जनगणना में किसी व्यक्ति की जाति से संबंधित सूचना का समावेश करना जातीय जनगणना (Caste Census) कहलाता है। जातिगत जनगणना के माध्यम से पिछड़ेपन का शिकार हुई जाति को आरक्षण का लाभ देकर उनकी स्थिति मजबूत किया जा सकता है। स्वतंत्र भारत में 1951 से 2011 तक प्रत्येक जनगणना में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों पर आंकड़े प्रकाशित किए गए
निजी क्षेत्र में स्थानीय आरक्षण - (March 2023)
भारतीय संविधान सभी नागरिकों के लिये अवसर की समानता सुनिश्चित करने पर बल देता है और साथ ही यह भी कहता है कि सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़ों वर्गों को वरीयता देनी चाहिये। अतः संविधान के मौलिक सिद्धांत को ध्यान में रखते हुए निजी क्षेत्र में आरक्षण उचित नजर आता है। निजी क्षेत्र की नौकरियों में स्थानीय लोगों को
आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) कोटा - (March 2023)
जनवरी 2019 में संसद ने 103वां संशोधन अधिनियम, 2019 पारित किया था, जिसमें आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (EWS) के लिए नौकरियों और शिक्षा में 10% सीटों के आरक्षण का विशेष प्रावधान किया गया है। इस संशोधन में संविधान के अनुच्छेद 15 (6) (सरकारी नौकरियों में आरक्षण) और 16 (6) (शिक्षण संस्थानों में आरक्षण) में बदलाव किया गया है, जिसमें
पुलिस क्रूरता - (March 2023)
पुलिस क्रूरता (Police brutality) एक व्यक्ति या एक समूह के खिलाफ कानून प्रवर्तन द्वारा बल का अत्यधिक और अनुचित उपयोग है। ये एक पुलिस अधिकारी द्वारा बल के अनावश्यक उपयोग को संदर्भित करता है।पुलिस की क्रूरता से स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन, अवैध पुलिस हिरासत, शारीरिक और मानसिक शोषण, यातना के खिलाफ कानूनी सुरक्षा का उल्लंघन होता है। पुलिस
ऑनर किलिंग - (March 2023)
ऑनर किलिंग (Honor killing) एक व्यक्ति की हत्या है, जो अपनी इच्छा के अनुसार अपने वैवाहिक जीवन का चयन करती या करता है। ये मूल रूप से परिवार के सदस्यों द्वारा की जाती है। भारत एक लोकतांत्रिक देश है, जहां हर नागरिक को समानता का अधिकार और जीवन का अधिकार भी है। लेकिन जाति, समाज और लोगों की संकीर्ण सोच
आत्महत्या का गैर-आपराधीकरण - (March 2023)
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, भारत में दक्षिण पूर्व एशियाई क्षेत्र में आत्महत्या की दर सबसे अधिक है। राष्ट्रीय आत्महत्या रोकथाम रणनीति पर स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा तैयार की गई नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार 2020 में देश में आत्महत्या की कुल संख्या में लगभग 71% पुरुष और 29% महिला थी। केन्या, मलावी, नाइजीरिया, भारत, पाकिस्तान, मलेशिया आदि देशों ने आत्महत्या के
संगठित अपराध - (March 2023)
संगठित अपराध (Organized crime) पैसे के लिए अवैध गतिविधियों को अंजाम देने के लिए अपराधियों द्वारा चलाए जा रहे केंद्रीयकृत संगठनों का एक स्थानीय, राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय समूह है। संगठित अपराध को आतंकवादी समूहों, विद्रोही ताकतों और अलगाववादियों के अलावा राजनीतिक एजेंडे से भी प्रेरित किया जा सकता है। वैश्वीकरण के कारण आवाजाही और अंतरराष्ट्रीय यात्रा ने अंतरराष्ट्रीय संगठित आपराधिक समूहों को
मानसिक रोग - (March 2023)
मानसिक रोग (Mental illness) जैविक, सामाजिक, मनोवैज्ञानिक, वंशानुगत और पर्यावरणीय तनावों का एक संयोजन है, भावनाओं, सोच या व्यवहार में परिवर्तन शामिल होता है। मानसिक रोग संकट या सामाजिक, कार्य या पारिवारिक गतिविधियों में कार्य करने की समस्याओं से जुड़ी हो सकती हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार, कोविड-19 महामारी के कारण पहले वर्ष में मानसिक
मृत्यु दंड - (March 2023)
मृत्यु दंड (Capital Punishment) सजा का सबसे गंभीर रूप है। यह वह सजा है, जो मानवता के खिलाफ सबसे जघन्य अपराधों के लिए दी जाती है। कैपिटल पनिशमेंट मानवता के खिलाफ सबसे जघन्य, गंभीर और घृणित अपराधों के लिए सजा के रूप में कार्य करता है। मृत्युदंड, उस व्यक्ति के खिलाफ न्यायालय द्वारा दिया गया एक कानूनी दंड है, जिसने
दया मृत्यु (मर्सी किलिंग) - (March 2023)
मर्सी किलिंग (Mercy killing) के अंतर्गत किसी भी व्यक्ति को दर्द रहित मौत प्रदान करने के लिए चिकित्सकीय परामर्श के अनुसार उसकी चिकित्सा सुविधाओं को हटाना शामिल किया जाता है। भारतीय संविधान का अनुच्छेद 21 जीवन के अधिकार से संबंधित है। महाराष्ट्र राज्य बनाम मारुति श्रीपति दुबल के मामले में मुंबई हाई कोर्ट द्वारा पहली बार जीवन के अधिकार
बच्चों को गोद लेना (Child Adoption) - (March 2023)
फरवरी 2022 में प्रकाशित लैंसेट नामक साइंटिफिक जर्नल के अध्ययन के अनुसार भारत में 1 मार्च, 2020 से 31 अक्टूबर, 2021 के बीच देश में अनाथ हुए बच्चों का आंकड़ा 19-15 लाख था। भारत में बच्चे को गोद लेने हेतु सर्वप्रथम भावी माता-पिता को सेंट्रल एडॉप्शन रिसोर्स अथॉरिटी (CARA) के चाइल्ड एडॉप्शन रिसोर्स इंफॉर्मेशन एंड गाइडेंस सिस्टम में अपना पंजीकरण कराना
बाल शोषण - (March 2023)
बच्चों के साथ शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक स्तर पर किया जाने वाला दुर्व्यवहार बाल शोषण (Child abuse) कहलाता है। बाल शोषण के अंतर्गत बच्चों को इरादतन यौनिक कृत्य दिखाना, अनुचित कामुक बातें करना, गलत तरीके से छूना, जबरन यौन कृत्य के लिये मजबूर करना आदि का प्रलोभन देना चाइल्ड पोर्नोग्राफी बनाना आदि शामिल होते हैं। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार,
मानव तस्करी - (March 2023)
मानव तस्करी (Human Trafficking) वर्तमान समय की दासता का रूप है, जिसमें श्रम, यौन शोषण के उद्देश्य से बल या धोखे से व्यक्तियों का अवैध परिवहन शामिल है। अमेरिकी विदेश विभाग द्वारा जारी मानव तस्करी रिपोर्ट, 2021 के अनुसार, कोविड-19 महामारी के कारण मानव तस्करी के प्रति संवेदनशीलता में वृद्धि हुई है और मौजूदा तस्करी-रोधी प्रयासों में बाधा उत्पन्न हुई
विचाराधीन कैदियों के लिए मतदान का अधिकार - (March 2023)
कैदियों को भी संविधान के अनुच्छेद 326 के तहत मतदान का अधिकार दिया गया है। जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 62(5) के अनुसार कोई भी व्यक्ति किसी भी चुनाव में मतदान नहीं करेगा, यदि वह जेल में बंद है, चाहे कारावास या परिवहन की सजा के तहत या अन्यथा या पुलिस की वैध हिरासत में है। बशर्ते कि इस उपधारा
दल-बदल विरोधी कानून - (March 2023)
52वें संविधान संशोधन 1985 के माध्यम से संविधान में 10वीं अनुसूची शामिल की गई थी, इसे ही सामान्यतः दल-बदल विरोधी कानून (Anti Defection Law) के नाम से जाना जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य राजनीतिक लाभ और पद के लालच में दल-बदल करने वाले जन-प्रतिनिधियों को अयोग्य करार देना है, ताकि संसद या राज्य विधानमंडल की स्थिरता बनी रहे। इस कानून
गैर-मान्यता प्राप्त पार्टियां - (March 2023)
सितंबर 2022 में पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त (Unrecognized Parties) राजनीतिक दलों द्वारा उचित अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए अपनी कार्रवाई के हिस्से के रूप में भारत के चुनाव आयोग ने 86 गैर-मौजूद राजनीतिक दलों को गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों की सूची से बाहर कर दिया है और अन्य 253 को ‘निष्क्रिय गैर-मान्यता प्राप्त पार्टियां’ घोषित कर दिया है। गैर-मान्यता प्राप्त पार्टियां
रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (RVM) - (March 2023)
हाल ही में भारत के चुनाव आयोग ने घरेलू प्रवासियों के लिए एक नई मतदान प्रणाली रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (Remote Electronic Voting Machine) का प्रस्ताव दिया है। इसके तहत लोगों को वोट डालने के लिए अपने गृह राज्य या जिले की यात्रा करने की आवश्यकता नहीं है। रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन एक रिमोट पोलिंग बूथ से 72 निर्वाचन
फ्रीबीज - (March 2023)
फ्रीबीज या मुफ्त उपहार (freebies) ऐसे लोक कल्याणकारी या लोक लुभावन उपाय होते हैं, जो सरकार द्वारा वस्तुओं या सेवाओं के रूप में मुफ्त में दिए जाते हैं। मुफ्त बिजली, मुफ्त सार्वजनिक परिवहन, मुफ्त पानी और लंबित बिलों एवं ऋणों को माफ करके राजनीतिक दलों द्वारा किए गए वादों की एकशृंखला के प्रावधान को अक्सर फ्रीबीज माना जाता है।विभिन्न राज्यों
चुनावी याचिका - (March 2023)
चुनाव याचिका (Election Petition) संसदीय या स्थानीय सरकार के चुनावों के चुनाव परिणामों की वैधता की जांच करने की एक उपकरण है। यह संसदीय, विधानसभा या स्थानीय चुनाव में उम्मीदवार के चुनाव को चुनौती देने के लिए कानून के तहत एक साधन है। चुनाव परिणामों की घोषणा के पश्चात् यदि कोई उम्मीदवार मानता है कि चुनाव प्रक्रिया के दौरान भ्रष्टाचार
चुनावी बांड - (March 2023)
चुनाबी बॉन्ड (Electoral Bonds) राजनीतिक दलों को चंदा देने का एक वित्तीय साधन है। इलेक्टोरल बॉन्ड एक प्रॉमिसरी नोट (Promissory Note) की तरह होता है, जिसे कोई भी भारतीय नागरिक भारतीय स्टेट बैंक की चुनिंदा शाखाओं से खरीद सकता है। एक व्यक्ति या तो अकेले या अन्य व्यक्तियों के साथ संयुक्त रूप से एक व्यक्ति होने के नाते चुनावी बांड
चुनाव चिन्ह - (March 2023)
लोकतंत्र में राजनीतिक पार्टियां अपने चुनाव चिन्ह के आधार पर चुनाव लड़ती हैं। यह चुनाव चिन्ह पार्टियों की रीति-नीतियों को भी प्रदर्शित करता है। भारतीय निर्वाचन आयोग ने 5 अक्टूबर, 2021 को चिराग पासवान वाले गुट के लिए ‘लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास)’ नाम तथा हेलीकॉप्टर का चुनाव चिह्न आवंटित किया। जबकि केंद्रीय मंत्री पशुपति नाथ पारस के नेतृत्व वाले
आदर्श आचार संहिता - (March 2023)
आदर्श आचार संहिता (Model Code of Conduct) राजनैतिक दलों और उम्मीदवारों के मार्गदर्शन के लिए निर्धारित किए गए मानकों का एक ऐसा समूह है, जिसे राजनैतिक दलों की सहमति से तैयार किया जाता है। उक्त संहिता में सन्निहित सिद्धांतों का पालन करने और साथ ही उनको मानने और उसका अनुपालन करने के लिए राज्यों द्वारा सहमति दी जाती है। आदर्श
राष्ट्रपति बनाम राज्यपाल की क्षमादान शक्ति - (March 2023)
राष्ट्रपति और राज्यपाल के पास उन व्यक्तियों को क्षमादान देने का अधिकार है, जिन पर मुकदमा चलाया गया है और सभी मामलों में किसी भी अपराध के लिए दोषी ठहराया गया है। संविधान के अनुच्छेद 72 (1) के अनुसार राष्ट्रपति को, किसी अपराध के लिए दोषी ठहराए गए किसी व्यक्ति के दंड को क्षमा, उसका प्रविलंबन, विराम या परिहार करने की
न्यायिक समीक्षा से कानूनों को बाहर करना - (March 2023)
11 नवंबर, 2022 को झारखंड विधानसभा द्वारा ‘स्थानीय निवासियों’ की अधिवास स्थिति के निर्धारण तथा सरकारी पदों में आरक्षण की सीमा बढ़ाने से संबंधित दो विधेयकों को मंजूरी दी गई। हालांकि, ये दोनों विधेयक एक प्रतिवाद (caveat) के साथ आए हैं। इनमें कहा गया है कि केंद्र द्वारा इन्हें संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए संशोधन किए जाने
राजभाषा (Official Language) - (March 2023)
संविधान सभा में हिंदी को राजभाषा बनाने की मांग की गई थी, परन्तु संविधान सभा इसे लेकर एकमत नहीं थी। इसीलिए ‘मुंशी-आयंगर’ सूत्र नामक एक समझौता विकसित किया गया। मुंशी-आयंगर फॉर्मूले को भाग 17, अध्याय प् के तहत भारतीय संविधान में शामिल किया गया। इसने देवनागरी लिपि में हिंदी को संघ (केंद्र सरकार) की आधिकारिक भाषा के रूप में स्थापित किया। इसी
नागरिक चार्टर - (March 2023)
नागरिक चार्टर (Citizen's Charter) एक ऐसा सार्वजनिक उपकरण है, जो अपने नागरिकों को निर्धारित मानकों को बनाए रखते हुए उच्च स्तर की सेवाएं प्रदान करता है। नागरिक चार्टर की अवधारणा सेवा प्रदाताओं और इसके उपयोगकर्ताओं के बीच विश्वास को सुनिश्चित करती है। 1992 में, यूके सरकार द्वारा सार्वजनिक सेवा वितरण में उत्कृष्टता को पहचानने के लिए चार्टर मार्क अवार्ड स्कीम
डिजिटल शासन (Digital Governance) - (March 2023)
डिजिटल शासन से तात्पर्य शासन संबंधी प्रक्रियाओं में सूचना व संचार प्रौद्योगिकी तथा डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के अनुप्रयोग से है, जिसके माध्यम से सरकार के विभिन्न घटकों के बीच, सरकार एवं व्यवसायों के बीच तथा सरकार एवं नागरिकों के बीच संचार तथा लेन-देन की दक्षता में सुधार किया जा सके। इसका उद्देश्य सरकार की जवाबदेही बढ़ाकर तथा भ्रष्टाचार में कमी करके
लोकतांत्रिक विकेंद्रीकरण - (March 2023)
लोकतांत्रिक विकेन्द्रीकरण (Democratic Decentralization) केंद्र से राज्य के कार्यों और संसाधनों को निचले स्तरों पर निर्वाचित प्रतिनिधियों को हस्तांतरित करने की प्रक्रिया है, ताकि शासन में नागरिकों की प्रत्यक्ष भागीदारी को सुविधाजनक बनाया जा सके। इसका उद्देश्य प्राधिकरण और विशेषज्ञता के क्षेत्र का विस्तार करना और लोगों को राजनीति और प्रशासनिक मामलों में अधिक से अधिक भागीदारी करने में सक्षम
सर्वोच्च न्यायालय एवं उच्च न्यायालय में प्रमुख अंतर - (March 2023)
सर्वोच्च न्यायालय उच्च न्यायालय भारत का सर्वोच्च न्यायालय देश का सर्वोच्च न्यायालय और अपील का अंतिम न्यायालय भी है। राज्य या केंद्र शासित प्रदेश का मुख्य न्यायिक निकाय उच्च न्यायालय है। संविधान के भाग V के तहत अध्याय IV संघ न्यायपालिका से संबंधित है।
किशोर न्याय प्रणाली - (March 2023)
किशोर न्याय प्रणाली (Juvenile Justice System) सामाजिक कल्याण और बच्चे के अधिकारों के सिद्धांत पर आधारित है। किशोर न्याय प्रणाली का मुख्य फोकस सुधार और पुनर्वास है। किशोर न्याय प्रणाली आपराधिक कानून की एक शाखा है, जो नाबालिगों से जुड़े मामलों में न्याय प्रदान करती है। भारत में किशोर न्याय प्रणाली की उत्पत्ति ब्रिटिश शासन के दौरान हुई थी। भारत
न्यायिक अवसंरचना - (March 2023)
न्यायिक बुनियादी ढांचे (Judicial Infrastructure) में अदालतों, न्यायाधिकरणों, वकीलों के कक्षों आदि के भौतिक परिसर शामिल होते हैं। इसमें सभी संसाधनों की उपलब्धता सहित डिजिटल और मानव संसाधन अवसंरचना भी शामिल है। पर्याप्त और गुणवत्तापूर्ण न्यायिक अवसंरचना न्यायिक अधिकारियों के लिए न्याय प्रदान करते हुए अपनी जिम्मेदारियों को कुशलतापूर्वक निभाने के लिए बुनियादी पूर्व-आवश्यकता है। न्यायालयों में लंबित मामलों में
न्यायिक उत्तरदायित्व - (March 2023)
न्यायिक उत्तरदायित्व (Judicial Liability) का अर्थ है कि न्यायाधीश उन निर्णयों के लिए जिम्मेदार होते हैं, जो वे स्वयं करते हैं। निर्णय लेने की प्रक्रिया में पारदर्शिता ही जवाबदेही लाने में मदद करती है। न्यायपालिका, उसके कार्यों के प्रति जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए; लेकिन न्यायपालिका सरकार की कार्यकारी या विधायी शाखाओं के समान जवाबदेही के अधीन नहीं है। न्यायपालिका को
कॉलेजियम प्रणाली - (March 2023)
न्यायिक प्रणाली में लोकतंत्र सुनिश्चित करने के लिये वर्ष 1993 में कॉलेजियम प्रणाली (Collegium System) का एक नया तंत्र स्थापित किया गया था। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि भारत के मुख्य न्यायाधीश की राय उनकी व्यक्तिगत राय नहीं है, बल्कि न्यायपालिका में सर्वोच्च सत्यनिष्ठा वाले न्यायाधीशों के एक निकाय द्वारा सामूहिक रूप से बनाई गई राय है। कॉलेजियम
न्यायिक समीक्षा/सक्रियता/अतिरेक/संयम - (March 2023)
न्यायिक समीक्षा (Judicial Review) विधायी अधिनियमों तथा कार्यपालिका के आदेशों की संवैधानिकता की जांच करने हेतु न्यायपालिका की शक्ति है, जो केंद्र एवं राज्य सरकारों पर लागू होती है। न्यायिक समीक्षा एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसके तहत कार्यपालिका और विधायी कार्य न्यायपालिका द्वारा समीक्षा के अधीन हैं।न्यायिक समीक्षा शक्ति वाला एक न्यायालय उन कानूनों और निर्णयों को अमान्य कर सकता
न्यायिक हिरासत बनाम पुलिस हिरासत - (March 2023)
सामान्यतया हिरासत का अर्थ एक व्यक्ति पर नियंत्रण या निगाह रखना है। इसका तात्पर्य किसी व्यक्ति के अपनी इच्छा के मुताबिक कहीं आने-जाने पर प्रतिबंध से है। हिरासत भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत व्यक्तिगत आजादी के अधिकार पर सीधा हमला है।इसलिए यह सुनिश्चित करने के लिए कानून में एक विस्तृत प्रक्रिया निर्धारित की गई है कि किसी व्यक्ति
आपराधिक न्याय प्रणाली - (March 2023)
आपराधिक न्याय प्रणाली (Criminal Justice System) के अंतर्गत जेल प्रशासन, पुलिस प्रशासन तथा न्याय व्यवस्था तीनों को ही शामिल किया जाता है। आपराधिक न्याय प्रणाली में सुधार से आशय इसके तीनों घटकों- न्याय व्यवस्था, जेल प्रशासन व पुलिस में सुधार से है। सम्पूर्ण आपराधिक न्याय प्रणाली में समग्र सुधार के लिए इसके तीनों घटकों में सुधार आवश्यक है। आर्थिक सर्वेक्षण 2018-19 के
न्यायालय की अवमानना - (March 2023)
अदालत की अवमानना (Contempt of Court) का तात्पर्य ऐसी किसी भी कार्रवाई से है, जो किसी अदालत के अधिकार की निंदा करे, उसका अपमान करे या अदालत के अपने कार्य करने की क्षमता में बाधा डाले। इस सन्दर्भ में न्यायालयों को प्राप्त अवमानना के क्षेत्रधिकार का उद्देश्य कानून की महिमा और गरिमा को कायम रखना है। अवमानना के प्रकार सिविल अवमानना, न्यायालय के
निवारक निरोध - (March 2023)
निवारक निरोध (Preventive Detention) का तात्पर्य ऐसे व्यक्ति को हिरासत में लेने से है, जिसने अभी तक कोई अपराध नहीं किया है, लेकिन अधिकारी उसे कानून और व्यवस्था के लिए संभावित खतरा मानते हैं। संभावित अपराध को रोकने के उद्देश्य से राज्य किसी व्यक्ति को ‘निवारक निरोध’ के तहत हिरासत में ले सकता है।इस प्रकार निवारक निरोध, संदेह के आधार
अग्रिम जमानत - (March 2023)
अग्रिम जमानत (Anticipatory Bail) न्यायालय द्वारा दिया गया एक निर्देश है, जिसमें किसी व्यक्ति को उसके गिरफ्तार होने के पहले ही जमानत दे दी जाती है, अर्थात् आरोपित व्यक्ति को इस मामले में गिरफ्तार नहीं किया जाता है। भारत के आपराधिक कानून के अंतर्गत गैर-जमानती अपराध के आरोप में गिरफ्तार होने की आशंका पर कोई भी व्यक्ति अग्रिम जमानत के
जनहित याचिका - (March 2023)
जनहित याचिका (PIL) को किसी कानून या किसी अधिनियम में परिभाषित नहीं किया गया है। बड़े पैमाने पर जनता याचिकायों पर विचार करने के लिए न्यायाधीशों द्वारा इसकी व्याख्या की गई है। जनहित याचिका न्यायिक सक्रियता के माध्यम से अदालतों द्वारा जनता को दी गई शक्ति है। हालांकि, इस तरह के मुकदमों का मुख्य और एकमात्र फोकस केवल जनहित
रिट याचिकाएं (Writ Petitions) - (March 2023)
ये भारत के नागरिक या विदेशी लोगों के मौलिक अधिकारों को बनाए रखने के लिए सर्वोच्च न्यायालय या उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए आदेश हैं। इसलिए रिट को न्यायालय द्वारा जारी एक औपचारिक आदेश के रूप में समझा जा सकता है। एक रिट याचिका किसी भी व्यक्ति द्वारा दायर की जा सकती है, जिसके मौलिक अधिकारों का उल्लघन हुआ है। संविधान, भाग 3
कानून की उचित प्रक्रिया - (March 2023)
संविधान के अनुच्छेद 21 के अनुसार किसी भी व्यक्ति को उसके प्राण या दैहिक स्वतंत्रता से विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया के अनुसार ही वंचित किया जाएगा, अन्यथा नहीं। भारतीय संविधान में कानून की उचित प्रक्रिया शब्द का प्रयोग सीधे तौर पर नहीं किया गया है। न्यायिक व्याख्याओं के अनुसार, अनुच्छेद 21 के संदर्भ में ‘कानून द्वारा स्थापित प्रक्रिया’ (Procedure Established
प्राकृतिक न्याय का सिद्धांत - (March 2023)
प्राकृतिक न्याय का अर्थ है, वह न्यूनतम मानक एवं सिद्धांत है, जिनका प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा अनुसरण या पालन किया जाना चाहिए, जब वे उन मसलों पर फैसला कर रहे हों, जो जनता से जुड़े हों। प्राकृतिक न्याय का सिद्धांत (Principles of Natural Justice) रोमन कानून के ‘जस नेचुरल’ शब्द से लिया गया है और यह सामान्य कानून और नैतिक सिद्धांतों
विधि का शासन - (March 2023)
विधि का शासन (Rule of law) के सिद्धांत की उत्पत्ति इंग्लैंड में हुई है और यह ब्रिटिश संवैधानिक प्रणाली की मूलभूत विशेषताओं में से एक है। विधि के शासन का अभिप्राय देश में कानूनी समानता का होना है।विधि के शासन के अनुसार किसी व्यक्ति को कानून के उल्लंघन के लिए दंडित किया जा सकता है, अन्य किसी बात के लिए
अप्रचलित कानून - (March 2023)
अप्रचलित कानून (Obsolete Laws) से तात्पर्य ऐसे कानून से है, जिनका वर्तमान में आम लोगों के सामान्य जीवन में कोई महत्व एवं इसकी प्रासंगिकता नहीं है और न ही कानून की किताबों में बने रहने के लायक हैं। वर्तमान में अपनी प्रासंगिकता और उपयोगिता खोने के बावजूद बड़ी संख्या में अप्रचलित अधिनियम कानून की किताबों में विद्यमान है। इस प्रकार
लाभ का पद - (March 2023)
सरकार के अधीन ऐसा पद धारण करना, जिससे कोई वेतन, उपलब्धि अथवा कोई भत्ता जुड़ा हुआ हो, लाभ का पद (Ofiice of Profit) कहलाता है। लाभ के पद, वह पद होता है जिस पर रहते हुए कोई व्यक्ति सरकार की ओर से किसी भी तरह की सुविधा लेने का अधिकारी हो। लाभ के पद के आधार पर योग्य अथवा अयोग्य
संसदीय उत्पादकता में गिरावट - (March 2023)
हाल के समय में संसदीय कार्यवाही में गतिरोध, व्यक्तिगत मुद्दों को लेकर असहमति, ससंद सदस्यों की उपस्थिति को लेकर उदासीनता तथा विभिन्न विधेयकों को तीव्रता से पारित करने की प्रवृत्ति आदि कारणों से संसदीय कार्यप्रणाली की उत्पादकता का क्षरण हुआ है। पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च रिकॉर्ड के अनुसार, 15वीं लोकसभा (2009-14) की अवधि के दौरान संसदीय कार्यवाही में बार-बार अवरोधों के
स्थायी समिति - (March 2023)
स्थायी समितियों (Standing Committee) का गठन वार्षिक रूप से किया जाता है। वित्तीय समितियां, विभागीय समितियां आदि स्थायी समितियों के कुछ प्रमुख उदाहरण हैं। मंत्री किसी स्थायी समिति के सदस्य के रूप में मनोनीत होने के लिये पात्र नहीं होता है। प्रत्येक स्थायी समिति का कार्यालय उसके गठन की तिथि से एक वर्ष के लिये होता है। भारत के
संयुक्त संसदीय समिति - (March 2023)
संसदीय समिति सांसदों का एक पैनल है, जिसे सदन द्वारा नियुक्त या निर्वाचित किया जाता है या लोक सभा अध्यक्ष एवं राज्य सभा के सभापति द्वारा नामित किया जाता है। संयुक्त संसदीय समिति (Joint Parliamentary Committee) का गठन संसद के समक्ष प्रस्तुत किसी विशेष विधेयक की जांच करने के लिए या किसी सरकारी गतिविधि में वित्तीय अनियमितताओं के मामलों की
संसद का संयुक्त अधिवेशन - (March 2023)
कई बार कुछ मुद्दों एवं विधेयक को लेकर संसद में गतिरोध उत्पन्न हो जाता है और किसी सदन में जाकर विधेयक अटक जाता है। ऐसी स्थिति में संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक (Joint Session of Parliament) बुलायी जा सकती है। गतिरोध की स्थिति में विधेयक पर चर्चा और उसे पास कराने के लिए संविधान के अनुच्छेद 108 के
राज्य सभा की शक्तियां - (March 2023)
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 80 में राज्य सभा का प्रावधान किया गया है।राज्य की शक्तियां निम्नलिखित हैं: विधायी शक्तियां: गैर-वित्तीय विधेयकों के मामलों में राज्यसभा को भी लोकसभा के समान शक्तियां प्राप्त हैं। ऐसे विधेयक दोनों सदनों की सहमति के बाद ही कानून बनते हैं।धन विधेयक के मामले में राज्यसभा को लोकसभा की तुलना में सीमित शक्ति प्राप्त है। इस
विधान परिषद एवं राज्यसभा के मध्य तुलना - (March 2023)
भारत में केंद्र और कुछ राज्यों में विधानमंडलों की द्विसदनीय प्रणाली है। राज्य स्तर पर, लोकसभा के समकक्ष विधानसभा है और राज्यसभा के समकक्ष विधान परिषद है। वर्तमान समय में 6 राज्यों में विधान परिषद अस्तित्व में है। ये राज्य हैं: उत्तर प्रदेश, बिहार, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र। अनुच्छेद 169 राज्यों में विधान परिषदों के निर्माण और
संसद और राज्य विधानमंडल की तुलना - (March 2023)
भारत में केंद्र और कुछ राज्यों में विधानमंडलों की द्विसदनीय प्रणाली के साथ सरकार की संसदीय प्रणाली है। हालांकि केंद्र में विद्यमान संसद और राज्यों में विद्यमान विधानमंडलों के मध्य कतिपय आधारों पर भिन्नता पाई जाती है, जो निम्नलिखित हैं: संसद विधानमंडल संसद में लोक सभा, राज्य सभा और भारतीय राष्ट्रपति
लोकसभा के उपाध्यक्ष - (March 2023)
लोकसभा का उपाध्यक्ष संसदीय लोकतंत्र का प्रतीक हैं। भारत के संविधान के अनुच्छेद 93 में लोक सभा के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष दोनों के चुनाव का प्रावधान है। लोकसभा का उपाध्यक्ष लोकसभा के अध्यक्ष के अधीनस्थ नहीं होता है, बल्कि वह लोकसभा के लिए जिम्मेदार होता है और अध्यक्ष के बाद लोकसभा का दूसरा सबसे महत्वपूर्ण विधायी अधिकारी होता है। जिस
संसद के प्रति कार्यपालिका का सामूहिक उत्तरदायित्व - (March 2023)
सामूहिक जिम्मेदारी सरकार की संसदीय प्रणाली के कामकाज में अंतर्निहित मूलभूत सिद्धांत है। संविधान के अनुच्छेद 75(3) के अनुसार, सभी मंत्री अपने सभी कार्यों के लिए लोकसभा के प्रति संयुक्त उत्तरदायित्व रखते हैं। वे एक टीम के रूप में काम करते हैं। इस प्रकार, यदि लोकसभा अविश्वास प्रस्ताव पारित करती है तो मंत्रिपरिषद को इस्तीफा देना पड़ता है। वैकल्पिक
संसदीय कार्यवाही - (March 2023)
भारतीय लोकतंत्र में संसद जनता की सर्वोच्च प्रतिनिधि संस्था है। संसद ही इस बात का प्रमाण है कि हमारी राजनीतिक व्यवस्था में जनता सबसे ऊपर है, अर्थात जनमत सर्वोपरि है। संसद अपनी कार्यवाहियों को विभिन्न माध्यमों से पूर्ण करता है। प्रश्नकाल (Question Hour): प्रत्येक संसदीय बैठक के पहले घंटे को प्रश्नकाल कहा जाता है। इसका उल्लेख सदन की प्रक्रिया संबंधी
संसदीय विशेषाधिकार - (March 2023)
देश में विधानसभा, विधानपरिषद और संसद के सदस्यों के पास कुछ विशेष अधिकार होते हैं, ताकि वे प्रभावी ढंग से अपने कर्तव्यों को पूरा कर सकें, इन्हें ही संसदीय विशेषाधिकार (Parliamentary Privileges) कहते हैं। संविधान के अनुच्छेद 105 में संसद के दोनों सदनों की तथा उनके सदस्यों और समितियों एवं अनुच्छेद 194 में राज्य विधानमंडल के सदस्यों एवं समितियों की शक्तियों
अध्यादेश जारी करने की शक्ति - (March 2023)
अध्यादेश अस्थायी कानून होते हैं, जो संसद और विधान सभा के सत्र में नहीं होने पर राष्ट्रपति एवं राज्यपाल द्वारा जारी किए जा सकते हैं। राष्ट्रपति को संविधान के अनुच्छेद 123 के तहत केंद्र सरकार की सलाह के आधार पर अध्यादेश जारी करने का अधिकार दिया गया है। इसी तरह, किसी राज्य का राज्यपाल संविधान के अनुच्छेद 213 के
मौलिक कर्तव्यों का प्रवर्तन - (March 2023)
फरवरी 2022 में सुप्रीम कोर्ट ने संविधान में निहित नागरिकों के मौलिक कर्तव्यों को लागू करने (Enforcement of Fundamental Duties) की मांग वाली एक याचिका के संबंध में केंद्र और राज्य सरकारों को नोटिस जारी किया था। याचिका में तर्क दिया गया था कि नागरिक के मौलिक कर्तव्यों का पालन न करने का संविधान के अनुच्छेद 14, 19 और 21 के
अपराध पीड़ितों के अधिकार - (March 2023)
अपराध और शक्ति के दुरुपयोग के पीड़ितों के लिए न्याय के बुनियादी सिद्धांतों की घोषणा को 29 नवंबर, 1985 को महासभा द्वारा अपनाया गया था, जिसे पीड़ितों के लिए मैग्ना कार्टा माना जाता है। अनुच्छेद 21 प्रत्येक व्यक्ति के मानवाधिकारों से संबंधित है और इस प्रकार ये अनुच्छेद अभियुक्त के साथ-साथ एक अपराध के दोषी व्यक्ति के संरक्षण के लिए
निवारक निरोध बनाम मूल अधिकार - (March 2023)
संभावित अपराध को रोकने के उद्देश्य से राज्य किसी व्यक्ति को ‘निवारक निरोध’ (Preventive Detention) के तहत हिरासत में ले सकता है। इस प्रकार निवारक निरोध, संदेह के आधार पर तथा यह मानकर की गई कार्रवाई है कि संबंधित व्यक्ति द्वारा कुछ गलत कार्य किया जा सकता है। निवारक निरोध का प्रयोग राज्य की सुरक्षा, सार्वजनिक व्यवस्था का रख-रखाव, विदेशी
डिजिटल अधिकार - (March 2023)
डिजिटल अधिकार (Digital Rights) वे मानवाधिकार और कानूनी अधिकार हैं, जो व्यक्तियों को डिजिटल मीडिया तक पहुंचने, उपयोग करने, कंप्यूटर या अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और दूरसंचार नेटवर्क तक पहुंचने और उपयोग करने की अनुमति देते हैं। इन अधिकारों का उद्देश्य अपने सभी सदस्य देशों को सस्ती डिजिटल कनेक्टिविटी प्रदान करना और स्पीड को तीव्र करना है। डिजिटल अधिकार निजता
राजद्रोह कानून (Sedition Law) - (March 2023)
भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए के तहत राजद्रोह को ऐसी किसी भी कार्रवाई के रूप में परिभाषित किया गया है, जो भारत सरकार के प्रति घृणा या अवमानना लाने का प्रयास करता है। इस धारा के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति बोले गए या लिखित शब्दों, संकेतों या दृश्य प्रतिनिधित्व द्वारा या किसी और तरह से भारत में विधि द्वारा
फ्री स्पीच बनाम हेट स्पीच - (March 2023)
भारत का संविधान अनुच्छेद 19(1)(A) के माध्यम से सभी नागरिकों को भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की गारंटी देता है। इसका तात्पर्य यह है कि सभी नागरिकों को अपने विचार और राय स्वतंत्र रूप से व्यक्त करने का अधिकार है।इसमें न केवल मुंह से बोलना शामिल है, बल्कि लेखन, चित्र, फिल्म, बैनर आदि के माध्यम से भाषण भी शामिल है।
पशुओं के अधिकार (Animal Rights) - (March 2023)
हाल ही में आवारा कुत्तों की बढ़ती घटनाओं के आलोक में, भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने मानव सुरक्षा और पशु अधिकारों के बीच संतुलन बनाये जाने संबंधी निर्देश दिए हैं। 2014 के भारतीय पशु कल्याण बोर्ड बनाम नागराज और अन्य के मामले में, सर्वोच्च न्यायलय ने निर्देश दिया कि जानवरों में भी सम्मान और प्रतिष्ठा होता है और इन विशेषताओं
कैदियों का अधिकार (Rights of Prisoners) - (March 2023)
कैदियों के बुनियादी कानूनी अधिकार होते हैं, जिनमें भोजन और पानी का अधिकार, स्वयं का बचाव करने के लिए एक वकील रखने का अधिकार, यातना, हिंसा और नस्लीय उत्पीड़न से सुरक्षा आदि शामिल होते हैं। भारत के संविधान का अनुच्छेद 39A ऐसे आरोपी कैदियों को जेल और बाहर दोनों जगह मुफ्त कानूनी सहायता प्रदान करने के राज्य के दायित्व से
निःशुल्क विधिक सहायता - (March 2023)
निःशुल्क कानूनी सहायता (Free Legal Aid) समाज के गरीब और कमजोर वर्गों को मुफ्त कानूनी सहायता है, जिसका उद्देश्य उन्हें कानून द्वारा दिए गए अधिकारों का प्रयोग करने में सक्षम बनाना है। संविधान के अनुच्छेद 21 के अनुसार किसी भी व्यक्ति को उसके जीवन या दैहिक स्वतंत्रता से कानून द्वारा स्थापित प्रक्रिया के अनुसार ही वंचित किया जाएगा, अन्यथा नहीं।इसलिए
यात्रा करने का अधिकार (Right to Travel) - (March 2023)
संविधान के अनुच्छेद 19(1)(D) नागरिकों को भारत के राज्य-क्षेत्र में सर्वत्र अबाध संचरण के अधिकार की गारंटी देता है। वह एक राज्य से दूसरे राज्य में या राज्य के भीतर एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्वतंत्र रूप से आ जा सकता है।हालांकि राज्य आम जनता के हित तथा किसी अनुसूचित जनजाति के हितों की सुरक्षा के आधारों पर उचित
अनौपचारिक मीडिया का प्रसारण अधिकार - (March 2023)
मास मीडिया और संचार के क्षेत्र में तकनीकी क्रांति की प्रगति ने लाखों लोगों को लिखित, मौखिक और दृश्य मीडिया के माध्यम से सूचना के प्रसार की सुविधा प्रदान की है। भारत में प्रेस का अधिकार संविधान के अनुच्छेद 19(1)(A) के तहत भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में शामिल हैं। इस प्रेस के अधिकार के अंतर्गत अनौपचारिक मीडिया (Informal media)
निद्रा का अधिकार (Right to Sleep) - (March 2023)
नींद स्वस्थ मानव अस्तित्व और कल्याण के लिए एक आवश्यक घटक है। किसी व्यक्ति को नींद से वंचित करना उसके स्वस्थ वातावरण में रहने के अधिकार का उल्लंघन है। अन्य सभी अधिकारों की तरह, नींद का अधिकार भी कानून द्वारा स्थापित प्रक्रिया के तहत उचित प्रतिबंध के अधीन है। मेनका गांधी बनाम भारत संघ के एक ऐतिहासिक मामले में अनुच्छेद
भुलाए जाने का अधिकार - (March 2023)
किसी व्यक्ति की व्यक्तिगत जानकारी सार्वजनिक रूप से इंटरनेट, वेबसाइट या किसी अन्य सार्वजनिक प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध हो और इस जानकारी को वह व्यक्ति इन प्लेटफॉर्म से हटाना चाहता हो तो जिस अधिकार से वह व्यक्ति इन जानकारियों को हटवाना चाहता है, उसे ही भुलाए जाने का अधिकार (Right to be Forgotten) कहते हैं। हाल ही दिल्ली हाईकोर्ट में एक
उपासना का अधिकार - (March 2023)
भारत का संविधान न केवल व्यक्तियों को, बल्कि धार्मिक समूहों को भी धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार के तहत उपासना के अधिकार (Right of Worship) की गारंटी प्रदान करता है। संविधान के अनुच्छेद 25 से लेकर 28 तक धार्मिक स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार के संबंध में उल्लेख किया गया है।अनुच्छेद 25 भारत के सभी लोगों को अंतःकरण एवं धर्म को मानने,
विवाह का अधिकार - (March 2023)
भारतीय संविधान में महिला और पुरुष दोनों को विवाह का समरूप अधिकार प्रदान किया है। किसी भी महिला और पुरुष दम्पत्ति का चुनाव तथा अपनी स्वंतत्र और पूर्ण सहमति से विवाह करने का अधिकार है। विवाह का अधिकार (Right to Marry) भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत जीवन के अधिकार का एक हिस्सा माना जाता है। विवाह करने का
अजन्मे बच्चे (Unborn Child) का अधिकार - (March 2023)
संविधान अनुच्छेद 21 में कहा गया है कि कानून द्वारा स्थापित प्रक्रिया के अलावा किसी भी व्यक्ति को उसके जीवन या व्यक्तिगत स्वतंत्रता से वंचित नहीं किया जाएगा। निश्चितता की कमी के कारण अजन्मे बच्चे को एक सामान्य व्यक्ति माना जाए या नहीं, यह अत्यधिक बहस का विषय बना हुआ है। हाल ही में दिल्ली उच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया
गर्भपात का अधिकार - (March 2023)
हाल ही में देश की सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसले में कहा कि मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी एक्ट, 1971 के तहत जो गर्भपात करने का अधिकार विवाहित महिलाओं को मिल रहा है, वह अधिकार अविवाहित महिलाओं को भी प्राप्त होगा।एमटीपी अधिनियम की धारा 3 (2) (बी) का उद्देश्य महिला को 20-24 सप्ताह के बाद गर्भपात कराने की अनुमति देता
स्वास्थ्य का अधिकार - (March 2023)
स्वास्थ्य का अधिकार (Right to Health) का तात्पर्य प्रत्येक व्यक्ति को अपने स्वयं के स्वास्थ्य और शरीर को नियंत्रित करने के अधिकार से है, जिसमें हिंसा एवं भेदभाव से मुक्त यौन और प्रजनन संबंधी जानकारी तथा सेवाओं तक पहुंच शामिल होती है। स्वास्थ्य का अधिकार संविधान के अनुच्छेद-21 के तहत जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार में निहित है। हालंकि
राइट टू प्रोटेस्ट - (March 2023)
विरोध का अधिकार (Right to Protest) मौलिक अधिकारों के तहत एक स्पष्ट अधिकार नहीं है, इसे अनुच्छेद 19 के तहत वाक् और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार के अंतर्गत शामिल किया जा सकता है। अनुच्छेद 19(1)( a) के अंतर्गत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार सरकार की नीतियों पर स्वतंत्र रूप से अपनी राय व्यक्त करने का अधिकार देता है।अनुच्छेद 19(1)(
सातवीं अनुसूची में सुधार - (March 2023)
भारतीय संविधान में सातवीं अनुसूची केंद्र और राज्यों के बीच शक्तियों और जिम्मेदारियों के वितरण को निर्दिष्ट करती है। संविधान के अनुच्छेद 246 में सातवीं अनुसूची में तीन सूचियों- संघ, राज्य और समवर्ती सूचियों का उल्लेख है। केंद्र संघ सूची में निर्दिष्ट विषयों पर कानून बना सकता है, जबकि राज्य सूची में निर्दिष्ट विषयों पर राज्य सरकार कानून बना सकती
अंतर-राज्यीय नदी जल विवाद - (March 2023)
अंतर-राज्यीय नदी जल विवाद से निपटने हेतु भारतीय संविधान के अनुच्छेद 262 में प्रावधान किया गया है। इस अनुच्छेद के तहत संसद किसी भी अंतर-राज्यीय नदी और नदी घाटी के जल उपयोग, वितरण एवं नियंत्रण के संबंध में किसी भी विवाद या शिकायत के न्यायनिर्णयन का प्रावधान कर सकती है। संसद ने अंतर-राज्यीय नदी जल विवाद से निपटने के लिए
अंतर-राज्य परिषद - (March 2023)
केंद्र सरकार द्वारा गठित सरकारिया आयोग ने संविधान के अनुच्छेद 263 में एक स्वतंत्र राष्ट्रीय फोरम के रूप में अंतर-राज्य परिषद (Inter-State Council) स्थापित किये जाने की महत्त्वपूर्ण सिफारिश की थी। राष्ट्रपति द्वारा अंतर-राज्य परिषद की स्थापना संविधान के अनुच्छेद 263 के तहत की जाती है। सरकारिया की सिफारिश के अनुसरण में राष्ट्रपति द्वारा वर्ष 1990 में अंतर-राज्य परिषद का गठन किया
राज्यों को विशेष श्रेणी का दर्जा - (March 2023)
विशेष श्रेणी के राज्य का दर्जा उन राज्यों के विकास में सहायता के लिये केंद्र द्वारा किया गया वर्गीकरण है, जो भौगोलिक और सामाजिक-आर्थिक पिछड़ेपन का सामना कर रहे हैं। यह वर्गीकरण गाडगिल फार्मूले (1969) पर आधारित है, जिसमें विशेष श्रेणी के राज्य के दर्जे के लिये निम्नलिखित आधार निर्धारित किये गए हैः पहाड़ी इलाका और दुर्गम क्षेत्र; कम जनसंख्या घनत्व और जनजातीय
शक्तियों का पृथक्करण - (March 2023)
भारत का संविधान अन्तर्निहित स्वरूप में शक्तियों के पृथक्करण (Separation of Powers) के विचार को स्वीकार करता है। शक्तियों के पृथक्करण के सिद्धांत को निरपेक्ष रूप से मान्यता देने वाले कोई भी संवैधानिक प्रावधान न होने के बावजूद, भारत का संविधान सरकार के तीन अंगों के बीच कार्यों और शक्तियों के उचित पृथक्करण के प्रावधान करता है।शक्तियों के पृथक्करण का
राज्यपाल बनाम राज्य सरकार - (March 2023)
राज्यपाल केंद्र और राज्यों के बीच सेतु का काम करता है। इसे सहकारी शासन का एक प्रमुख स्तम्भ माना जाता है। भारतीय राजनीतिक व्यवस्था में राज्यपाल राज्य के संवैधानिक प्रमुख और केंद्र सरकार के प्रतिनिधि के रूप में ‘दोहरी भूमिका’ के रूप में कार्य करता है। हाल के समय में तमिलनाडु सरकार और राज्यपाल के बीच राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET)
संघीय व्यवस्था में राज्य सभा की भूमिका - (March 2023)
वर्ष 1918 के मोंटेग्यू-चेम्सफोर्ड रिपोर्ट को राज्यसभा या दूसरे सदन की उत्पत्ति के स्रोत के रूप में देखा जाता है। मोंटेग्यू-चेम्सफोर्ड रिपोर्ट ने एक द्विसदनीय विधायिका, निचले सदन (केंद्रीय विधान सभा) और उच्च सदन (राज्य परिषद) की शुरुआत की।राज्यसभा को संसद का स्थायी सदन कहा जाता है। भारतीय संविधान की IV अनुसूची राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को राज्यसभा
प्रतिस्पर्धात्मक संघवाद - (March 2023)
प्रतिस्पर्धात्मक संघवाद (Competitive federalism) एक ऐसी अवधारणा है, जिसमें केंद्र एवं राज्यों तथा राज्यों के बीच विकास, न्याय, कानून एवं प्रशासन जैसे लोगों के जीवन से जुड़े महत्वपूर्ण विषयों पर प्रतिस्पर्धा की परिकल्पना की जाती है। केंद्र तथा राज्यों के बीच प्रतिस्पर्धा को ऊर्ध्वाधर प्रतिस्पर्धा तथा राज्यों के बीच आपसी प्रतिस्पर्धा को क्षैतिज प्रतिस्पर्धा कहते हैं। नीति आयोग राज्यों/केंद्र शासित
सहकारी संघवाद - (March 2023)
सहकारी संघवाद (Cooperative Federalism) में केंद्र व राज्य एक-दूसरे के साथ क्षैतिज संबंध स्थापित करते हुए एक-दूसरे के सहयोग से अपनी समस्याओं को हल करने का प्रयास करते हैं। सहकारी संघवाद की अवधारणा के अनुसार केंद्र और राज्य में से कोई भी किसी से श्रेष्ठ नहीं होती है। यह राष्ट्रीय नीतियों के निर्माण और कार्यान्वयन में राज्यों की भागीदारी सुनिश्चित
राज्यों का संघ - (March 2023)
भारत, एक समाजवादी, पंथनिरपेक्ष एवं लोकतंत्रत्मक गणराज्य है, जिसका संघीय स्वरूप अविभाज्य प्रकृति का है। संविधान के अनुच्छेद 1 में भारत को ‘राज्यों के संघ’ (Union of States) के रूप में वर्णित किया गया है। संविधान की पहली अनुसूची में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के नामों के साथ-साथ उनकी क्षेत्रीय सीमा का उल्लेख किया गया है।संविधान सभा ने मूल
सामाजिक लोकतंत्र - (March 2023)
सामाजिक लोकतंत्र (Social Democracy) एक राजनीतिक दर्शन है, जिसका उद्देश्य उदार लोकतांत्रिक संस्थानों का उपयोग करके उत्तरोत्तर समाजवादी वैकल्पिक अर्थव्यवस्था का निर्माण करना है। डॉ. बी. आर. अम्बेडकर ने सामाजिक लोकतंत्र को जीवन के एक ऐसे तरीके के रूप में परिभाषित किया था, जो स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व को मान्यता देता है। यह सामाजिक न्याय को सुनिश्चित करती है। इसमें
संवैधानिक सरकार - (March 2023)
संवैधानिक सरकार (Constitutional Government) का तात्पर्य एक ऐसी सरकार से है, जो संविधान की व्यवस्थाओं के अनुसार गठित, नियंत्रित व सीमित हो तथा व्यक्ति विशेष की इच्छाओं के स्थान पर विधि के अनुरूप ही संचालित होती हो। संवैधानिक सरकार उन नियमों और सिद्धांतों के अनुसार संचालित की जाती है, जो सभी राजनीतिक पार्टियों पर बाध्यकारी होते हैं। संवैधानिक सरकार का
उदार लोकतंत्र - (March 2023)
उदार लोकतंत्र (Liberal Democracy) को सरकार की एक प्रणाली के रूप में जाना जाता है, जिसमें लोग अपनी सरकार से सहमत होते हैं और बदले में सरकार व्यक्तिगत अधिकारों का सम्मान करने के लिए संवैधानिक रूप से विवश होती हैं। जैसेः यूरोपीय संघ, जापान, संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, भारत, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड उदार लोकतंत्र के उदहारण माने जाते हैं। उदार
संसदीय संप्रभुता - (March 2023)
संसदीय संप्रभुता (Parliamentary Sovereignty) का तात्पर्य कार्यकारी और न्यायिक निकायों सहित अन्य सभी सरकारी संस्थानों पर संसद की सर्वोच्चता से है। संसदीय संप्रभुता का सिद्धांत ब्रिटिश संसद से जुड़ा है। संप्रभु विधायिका किसी भी कानून को बदल सकती है या निरस्त कर सकती है और संविधान जैसे किसी लिखित कानून से बाध्य नहीं होती है। भारत में संसदीय संप्रभुता
संसदीय लोकतंत्र - (March 2023)
संसदीय लोकतंत्र (Parliamentary Democracy) शासन का एक लोकतांत्रिक रूप है तथा इसमें सरकार का नेता प्रधानमंत्री को बनाया जाता है। इस प्रणाली में कोई एक दल अथवा कुछ दलों का गठबंधन संसद या विधायिका में सर्वाधिक प्रतिनिधित्व की सहायता से सरकार बनाती है। एक संसदीय लोकतंत्र में, सरकार को सदैव संसद का विश्वास बनाए रखना अति आवश्यक होता है।
प्रमुख साहित्यिक कृतियां एवं समाचार पत्र - (February 2023)
समाचार पत्र एवं साहित्यिक कृतियां रचनाकार महाभाष्य पतंजलि मुद्राराक्षस विशाखदत्त मालविकाग्निमित्रम्, अभिज्ञानशाकुन्तलम, विक्रमोर्यवशियम्र एवं रघुवंशम कालिदास राजतरंगणी कल्हण कथासरित्सागर सोमदेव कामसूत्र
प्रमुख युद्ध एवं संधि - (February 2023)
महत्वपूर्ण युद्ध विवरण कलिंग का युद्ध (261 ईसा पूर्व) अशोक ने अपने साम्राज्य में विस्तार एवं दक्षिण-पूर्वी देशों से सम्बन्ध बनाने हेतु कलिंग का युद्ध किया था। यह 261 ईसा पूर्व में अशोक के शासन के 8वें वर्ष में लड़ी गई पहली और अंतिम लड़ाई थी। कलिंग
समिति, आयोग एवं प्रस्ताव - (February 2023)
समिति, आयोग एवं प्रस्ताव महत्वपूर्ण विवरण लॉटरी समिति (1817) इसने कलकत्ता में नगर नियोजन के कार्य में सरकार की सहायता की। इस समिति ने सार्वजनिक लॉटरी के माध्यम से शहर में सुधार के लिए धन जुटाया था। लॉटरी समिति ने कलकत्ता को एक व्यापक तस्वीर प्रदान करने के लिए एक नए शहर के नक्शे का निर्माण किया। मैकाले समिति ये समिति सिविल सेवाओं से संबंधित थी, जिसने
गवर्नर जनरल एवं वायसराय तथा उनके कार्य - (February 2023)
गवर्नर जनरल एवं वायसराय महत्वपूर्ण कार्य एवं कार्यकाल के दौरान महत्वपूर्ण गतिविधियां वॉरेन हेस्टिंग्स (1773-1785) यह बंगाल के प्रथम गवर्नर जनरल था। इसके समय में रेग्युलेटिंग एक्ट के तहत 1774 में कलकत्ता में उच्च न्यायालय की स्थापना की गयी। इसके कार्यकाल में पिट्स इंडिया एक्ट, 1784, 1774 का रोहिला
कांग्रेस के महत्वपूर्ण अधिवेशन - (February 2023)
सत्र वर्ष, स्थान और अध्यक्ष महत्वपूर्ण विवरण 1 1885 बॉम्बे, डब्ल्यू. सी. बनर्जी गोकुलदास तेजपाल संस्कृत कॉलेज में कांग्रेस का प्रथम अधिवेशन आयोजित हुआ था। इसमें कांग्रेस ने 9 प्रस्ताव पारित किये, जिनमें ब्रिटिश नीतियों में बदलाव और प्रशासन में सुधार की मांग की गयी।
आधुनिक भारत में विभिन्न संगठन एवं उनके नेता - (February 2023)
प्रमुख संगठन महत्वपूर्ण विवरण लैंडहोल्डर्स सोसायटी इसे जमींदारी एसोसिएशन के नाम से भी जाना जाता है, जिसे आधुनिक भारत का पहला राजनीतिक संघ माना जाता है। इसे औपचारिक रूप से मार्च 1838 में कलकत्ता में शुरू किया गया था। इसकी स्थापना बिहार बंगाल तथा उड़ीसा के जमींदारों के हितों की रक्षा के लिए की गई थी। इन्होंने अपनी शिकायतों के निवारण के लिये संवैधानिक प्रतिरोध
1947 का भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम - (February 2023)
इस अधिनियम ने भारत को एक स्वतंत्र और संप्रभु राज्य घोषित किया। वायसराय भारत और प्रांतीय राज्यपालों को संवैधानिक के रूप में नामित किया गया। इसने संविधान सभा को दोहरे कार्य (संविधान और विधायी) सौंपे और इस डोमिनियन विधायिका को एक संप्रभु निकाय घोषित
1935 का भारत सरकार अधिनियम - (February 2023)
इसमें प्रांतों और रियासतों को इकाइयों के रूप में शामिल करके एक अखिल भारतीय संघ की स्थापना के लिए प्रावधान किया गया था, हालांकि यह संघ कभी अस्तित्व में नहीं आया। इसमें संघीय सूची, प्रांतीय सूची और समवर्ती सूची बनाई गई। अवशिष्ट शक्तियां गवर्नर-जनरल में निहित थीं। अधिनियम ने प्रांतों में द्वैध शासन को समाप्त कर दिया और ‘प्रांतीय स्वायत्तता’
1919 का भारत सरकार अधिनियम - (February 2023)
इसे मांटेग्यू-चेम्सफोर्ड सुधार के नाम से भी जाना जाता है। इसके माध्यम से केंद्रीय विषयों का सीमांकन किया गया और उन्हें प्रांतीय विषयों से अलग किया गया। प्रांतीय विषयों में द्वैध शासन की योजना और ‘द्वैध शासन’ की शुरुआत की गई थी। आरक्षित विषयों पर राज्यपाल विधान परिषद के प्रति उत्तरदायी नहीं था। इस अधिनियम ने पहली बार केंद्र में
1909 का भारतीय परिषद अधिनियम - (February 2023)
इसे मॉर्ले-मिंटो सुधार के रूप में भी जाना जाता है। इसने विधान परिषदों के लिए प्रत्यक्ष चुनाव की शुरुआत की। इसने सेंट्रल लेजिस्लेटिव काउंसिल का नाम बदलकर इम्पीरियल लेजिस्लेटिव काउंसिल कर दिया। केंद्रीय विधान परिषद के सदस्यों की संख्या 16 से बढ़ाकर 60 कर दी गई। ‘पृथक निर्वाचक मंडल’ की अवधारणा को स्वीकार कर मुसलमानों के लिए सांप्रदायिक प्रतिनिधित्व की
1892 का भारत परिषद अधिनियम - (February 2023)
इसके माध्यम से अप्रत्यक्ष चुनाव की शुरुआत की गई और विधान परिषदों का आकार बढ़ाया गया। विधान परिषदों के कार्यों का विस्तार किया और उन्हें बजट पर चर्चा करने तथा कार्यपालिका से प्रश्नों को संबोधित करने की शक्ति प्रदान की
1861 का भारतीय परिषद अधिनियम - (February 2023)
इसने वायसराय की कार्यकारी और विधायी परिषद जैसी संस्थाओं में पहली बार भारतीय प्रतिनिधित्व की शुरुआत की, जिसके माध्यम से 3 भारतीयों ने विधान परिषद में प्रवेश किया। केंद्र और प्रांतों में विधान परिषदों की स्थापना की गई। वायसराय की कार्यकारी परिषद में विधायी कार्यों का संचालन करते समय गैर-आधिकारिक सदस्यों के रूप में कुछ भारतीय होने चाहिए। इसने पोर्टफोलियो
1858 का भारत सरकार अधिनियम - (February 2023)
इसके माध्यम से कंपनी के शासन को भारत में क्राउन के शासन द्वारा प्रतिस्थापित किया गया था। इसके तहत भारत में बोर्ड ऑफ कंट्रोल और कोर्ट ऑफ डायरेक्टर को समाप्त कर दिया गया। अतः द्वैध शासन समाप्त हो गया। ब्रिटिश साम्राज्ञी की ओर से भारतीय प्रशासन का संचालन राज्य सचिव द्वारा किया जाना था, जिसकी सहायता के लिए 15 सदस्यीय
1853 का चार्टर अधिनियम - (February 2023)
इसके माध्यम से गवर्नर-जनरल की परिषद के विधायी और कार्यकारी कार्यों को अलग कर दिया गया। इस अधिनयम के अंतर्गत पहली बार भारतीय केंद्रीय विधान परिषद् में स्थानीय प्रतिनिधित्व प्रारंभ किया गया था। केंद्रीय विधान परिषद में 6 सदस्य को शामिल किया गया। छः में से चार सदस्य मद्रास, बंबई, बंगाल और आगरा की अस्थायी सरकारों द्वारा नियुक्त किए
1833 का चार्टर अधिनियम - (February 2023)
इसके माध्यम से बंगाल के गवर्नर-जनरल को भारत का गवर्नर-जनरल कहा जाने लगा। भारत के प्रथम गवर्नर जनरल लॉर्ड विलियम बेंटिक बने। यह अधिनियम ब्रिटिश भारत में केंद्रीकरण की दिशा में अंतिम कदम था। अधिनियम के रूप में भारत के लिए एक केंद्रीय विधायिका की शुरुआत ने बंबई और मद्रास प्रांतों की विधायी शक्तियों को भी छीन लिया। इस अधिनियम
1813 का चार्टर अधिनियम - (February 2023)
इसके माध्यम से कंपनी का भारतीय व्यापार पर एकाधिकार समाप्त कर दिया गया। ईसाई धर्म प्रचारकों को भारत में धर्म प्रचार करने की अनुमति प्रदान की गई। सभी ब्रिटिश व्यापारियों को भारत से व्यापार करने की छूट प्रदान कर दी गई। कंपनी की आय से भारतीयों की शिक्षा के लिए प्रतिवर्ष 1 लाख रुपये व्यय करने का प्रावधान
1784 का पिट्स इंडिया एक्ट - (February 2023)
इस एक्ट के अंतर्गत भारत में कंपनी के अधीन क्षेत्र को पहली बार ब्रिटिश आधिपत्य का क्षेत्र कहा गया। इस अधिनियम के माध्यम से ब्रिटिश सरकार का कंपनी के कार्यों और प्रशासन पर पूर्ण नियंत्रण हो गया। इसके द्वारा बोर्ड ऑफ कण्ट्रोल की स्थापना की गयी, जिसके माध्यम से ब्रिटिश सरकार भारत में कंपनी के नागरिक, सैन्य और राजस्व
1773 का रेग्युलेटिंग एक्ट - (February 2023)
इस अधिनियम के माध्यम से ब्रिटिश सरकार द्वारा ईस्ट इंडिया कंपनी के कार्यों को नियमित और नियंत्रित करने की दिशा में प्रथम प्रयास किया गया था। इसके द्वारा बंगाल के गवर्नर को बंगाल का गवर्नर जनरल बना दिया गया। मद्रास तथा बम्बई के गवर्नर बंगाल के गवर्नर के अधीन रखा गया था। अधिनयम के तहत प्रथम गवर्नर जनरल वारेन हेस्टिंग्स बनाए
स्वतंत्रता संघर्ष की क्रांतिकारी गतिविधियां - (February 2023)
क्रांतिकारी आंदोलन का जन्म महाराष्ट्र में हुआ था, लेकिन कालांतर में इसका प्रधान केन्द्र बंगाल बन गया। भारत के अन्य प्रांतों तथा विदेशों में भी भारतीय क्रांतिकारी सक्रिय थे। बंगाल में क्रांतिकारी आन्दोलन बंगाल के क्रांतिकारी नेता बरीन्द्र कुमार घोष और भूपेन्द्र नाथ दत्त थे। इन दोनों ने युगांतर तथा संध्या नामक क्रांतिकारी पत्रों द्वारा क्रांतिकारी विचारधारा का प्रचार किया। अनुशीलन समितिः
प्रमुख राष्ट्रीय आंदोलन - (February 2023)
स्वदेशी आन्दोलन बंगाल विभाजनः 20 जुलाई, 1905 को तत्कालीन वाइसराय लार्ड कर्जन के द्वारा बंगाल विभाजन का आज्ञापत्र जारी किया गया था। यह अंग्रेजों की ‘फूट डालो और शासन करो’ वाली नीति का ही एक अंग था। एक मुस्लिम बहुल प्रान्त का सृजन करने के उद्देश्य से ही भारत के बंगाल को दो भागों में बांट दिये जाने का निर्णय लिया
जनजातीय आंदोलन - (February 2023)
कोल विद्रोह (1831-32) यह विद्रोह 1831 में छोटानागपुर में हुआ था। इस विद्रोह का प्रमुख कारण कोल आदिवासियों की जमीन गैर-आदिवासियों को दे देना था। इस आंदोलन के प्रमुख नेता बुद्धो भगत थे। इस विद्रोह का स्वरूप आर्थिक व राजनैतिक था। यह विद्रोह मुख्य रूप से रांची, हजारीबाग, पलामू, मानभूम और सिंह भूमि क्षेत्र में फैला गया था। ब्रिटिश प्रशासन ने कुछ प्रशासनिक सुधार
किसान आंदोलन - (February 2023)
ब्रिटिश की औपनिवेशिक नीति के तहत विभिन्न आर्थिक, सामाजिक एवं प्रशासनिक नीतियों ने भारत में किसान समूह को व्यापक तौर पर प्रभावित किया। इसके परिणामस्वरूप कृषकों ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ आन्दोलन किया। किसानों पर होने वाले अत्याचार, अवैध करारोपण, अवैतनिक श्रम, उच्च लगान, मनमानी बेदखली एवं भू-राजस्व आदि के कारण ब्रिटिश काल में किसान आंदोलन की शुरुआत हुई थी। नील विद्रोह
ब्रिटिश कालीन रूढ़िगत प्रथा उन्मूलक कानून - (February 2023)
बंगाल सती विनियमन, 1829 इसे गवर्नर-जनरल की काउंसिल द्वारा पारित किया गया था। यह ब्रिटिश भारत में सती प्रथा पर रोक लगाने से सम्बंधित प्रथम विनियम था। पारित करने में योगदानः इस विनियम को पारित करने में तत्कालीन गवर्नर-जनरल लॉर्ड विलियम बेंटिक एवं राजा राममोहन राय का विशेष योगदान है। प्रावधानः सती प्रथा या हिन्दू विधवाओं को जिन्दा जलाना या दफन करना
धार्मिक सुधार आंदोलन - (February 2023)
आर्य समाज एवं शुद्धि आंदोलन आर्य समाजः 1875 में दयानंद सरस्वती ने बंबई में आर्य समाज की स्थापना की थी। इसका उद्देश्य देश में व्याप्त धार्मिक और सामाजिक बुराइयों को दूर कर वैदिक धर्म की पुनः स्थापना करना था। दयानंद सरस्वती एक ईश्वर में विश्वास करते थे तथा इनके द्वारा ‘वेदों की ओर लौटो’ का नारा दिया गया था। इन्होंने जाति व्यवस्था, बाल विवाह,
प्रमुख समाज सुधारक एवं उनके कार्य - (February 2023)
19वीं शताब्दी के पूर्वार्द्ध में भारतीय समाज कठोर जातिगत बंधनों में जकड़ा हुआ था। ईस्ट इण्डिया कम्पनी की पाश्चात्य शिक्षा पद्धति से आधुनिक तत्कालीन युवा मन चिन्तनशील हो उठा तथा सभी लोग इस विषय पर सोचने के लिए मजबूर हुए। पाश्चात्य शिक्षा से प्रभावित लोगों ने हिन्दू सामाजिक रचना, धर्म, रीति-रिवाज व परम्पराओं को तर्क की कसौटी पर कसना आरम्भ कर
पारंपरिक चिकित्सा - (February 2023)
पारम्परिक चिकित्सा मानव पीढ़ियों द्वारा विकसित वे ज्ञान प्रणालियां होती हैं, जिनका प्रयोग आधुनिक चिकित्सा प्रणाली से भिन्न तरीके से शारीरिक व मानसिक रोगों की पहचान, रोकथाम, निवारण और इलाज करने के लिए किया जाता है। भारत में इसे अक्सर प्रथाओं और उपचारों जैसे कि योग, आयुर्वेद, सिद्ध के रूप में परिभाषित किया जाता है। पारम्परिक चिकित्सा ऐतिहासिक रूप
खगोल विज्ञान - (February 2023)
भारतीय खगोल विज्ञान का इतिहास चार हजार साल से अधिक पुराना है। भारतीय खगोल विज्ञान की शुरुआती जड़ें सिंधु घाटी सभ्यता या उससे पहले की अवधि की हो सकती है। वैदिक युग में खगोल विज्ञान भारतीय खगोल विज्ञान के इतिहास के कुछ शुरुआती संदर्भ ‘ऋग्वेद’ में पाए जा सकते हैं। प्राचीन भारतीय खगोलविदों ने ज्योतिषीय चार्ट बनाने और संकेतों को पढ़ने के
गणित एवं ज्यामिति - (February 2023)
ज्यामिति ज्यामिति के बारे में सर्वप्रथम जानकारी भीमबेटका की गुफाओं से प्राप्त चित्रों से होता है। यहां से प्राप्त रेखांकित मानवाकृति तत्कालीन समय में ज्यामिति के उपयोग को दर्शाती है। हड़प्पा सभ्यताः ज्यामिति का ज्ञान हडप्पाकालीन संस्कृति के लोगों को भी था। हड़प्पा काल की नगर योजना से पता चलता है कि उस समय के लोगों को माप और रेखा गणित का अच्छा
प्राचीन काल में शल्य चिकित्सा एवं आयुर्वेद - (February 2023)
भारतीय चिकित्सा पद्धति के विषय में सर्वप्रथम लिखित ज्ञान ‘अथर्ववेद’ में मिलता है। आयुर्वेद में धन्वंतरि संप्रदाय और सुश्रुत संप्रदाय शल्य चिकित्सा के प्रतीक माने जाते हैं। वैदिक काल वैदिक काल में वैदिक पुजारी पूजा-पाठ के साथ-साथ आयुर्वेद चिकित्सा के माध्यम से वैद्य का काम भी किया करते थे। उस काल से ही चिकित्सक सर्जन स्वास्थ्य को आध्यात्मिक जीवन का भी
अभिलेख-शिलालेख-स्तंभलेख - (February 2023)
अशोक के अभिलेख अपने शासनकाल में चट्टानों और पत्थर के स्तंभों पर अशोक ने कई नैतिक, धार्मिक और राजकीय शिक्षा देते हुए लेख खुदवाए थे, जिन्हें अशोक के अभिलेख या अशोक के शिलालेख कहा जाता है। जेम्स प्रिसेंप ने प्रथम बार ब्राह्मी लिपि को सफलतापूर्वक पढ़ा। टील पेंथर ने अशोक का पहला अभिलेख खोजा था। अशोक का नामः मास्की एवं गुर्जरा
मुगल कालीन स्थापत्य - (February 2023)
उत्तर भारत में दिल्ली सल्तनत के पश्चात मुगलों ने शासन किया था। मुगल काल को ‘द्वितीय क्लासिकल युग’ कहा जाता है। इस काल में पहली बार आकार एवं अलंकरण की विविधता का प्रयोग निर्माण के लिए पत्थर के लावा प्लास्टर एवं पच्चीकारी या पित्रडड्ढूरा का प्रयेाग किया गया। मुगलकालीन स्थापत्य कला में गुंबदों एवं बुर्जों को कलश से सजाया जाता
दिल्ली सल्तनतकालीन स्थापत्य - (February 2023)
सल्तनत काल में स्थापत्य कला के क्षेत्र में जिस शैली का विकास हुआ, वह भारतीय तथा इस्लामी शैलियों का सम्मिश्रण थी। इसलिए इस शैली को ‘इण्डो इस्लामिक’ शैली कहा गया। कुछ विद्वानों ने इसे ‘इण्डो-सरसेनिक’ शैली कहा है। फर्ग्यूसन महोदय ने इसे पठान शैली कहा है, किन्तु यह वास्तव में भारतीय एवं इस्लामी शैलियों का मिश्रण थी। सल्तनत काल में कला
पल्लव, चालुक्य एवं चोल स्थापत्य - (February 2023)
पल्लवपल्लवों ने वास्तुकला को कन्दरा कला तथा काष्ठकला से मुक्त किया। चट्टानों को काटकर मंदिर बनाने की प्रक्रिया पल्लवों के काल में आरम्भ हुई। पल्लव कला को चार भागों में बांटा गया है- महेंद्र वर्मन शैलीः इस शैली में मंदिर मंडप आकार के होते थे, जिनके बरामदे स्तम्भ युक्त हैं। इन्हीं के समय वास्तुकला में ‘मंडप’ निर्माण प्रारंभ हुआ। मामल्ल शैली या नरशिंहवर्मन शैलीः
मंदिर निर्माण शैली - (February 2023)
भारत में मंदिर निर्माण की प्रक्रिया का आरंभ मौर्य काल से ही शुरू हो गया था, किंतु आगे चलकर उसमें सुधार हुआ और गुप्त काल में मंदिरों की विशेषताओं में वृद्धि देखी जाती है। भारत में मंदिरों का निर्माण मुख्यतः तीन शैलियों में किया जाता था, जो निम्नलिखित हैं- नागर शैली यह शैली हिमालय से लेकर विंध्य पर्वत तक के क्षेत्रों में प्रचलित
चैत्य, विहार एवं स्तूप - (February 2023)
बौद्ध और जैन दोनों ही धर्मों में पूजा-अर्चना के लिए चैत्य, विहारों एवं स्तूप का निर्माण किया जाता था। चैत्य एक प्रकार का पूजा कक्ष होता था, विहार निवास कक्ष और स्तूप बौद्ध प्रार्थना स्थल होता था। शवदाह के पश्चात् बचे हुए अवशेषों को भूमि में दबाकर उनके ऊपर जो समाधियां बनाई जाती थी, उन्हीं को प्रारम्भ में चैत्य कहा गया। स्तूप
गुहा स्थापत्य - (February 2023)
भारत की गुहा कला शैली अभूतपूर्व समृद्धि तथा विविधता से परिपूर्ण है। भारत में सर्वप्रथम मानव निर्मित गुफाओं का निर्माण दूसरी शताब्दी ई.पू. के आसपास हुआ माना जाता था। एक ओर भीमबेटका जैसी गुफाओं की विशेषता दैनिक जीवन के विषयों पर आधारित चित्रकारियां हैं; वहीं दूसरी ओर मौर्योत्तरकालीन गुहा स्थापत्य कला रीति-रिवाजों और परम्पराओं के चित्रण के साथ धार्मिक महत्व को भी
रंगमंच (Theater) - (February 2023)
रंगमंच का विकास सर्वप्रथम भारत में ही हुआ। ऋग्वेद के कतिपय सूत्रों में यम और यमी, पुरुरवा एवं उर्वशी आदि के कुछ संवाद हैं। भरत मुनि कृत नाट्यशास्त्र भारतीय रंगमंच पर प्रकाश डालने वाला सर्वप्रथम कृति है। नाट्यशास्त्र में मंडप कोटि की नाट्य शालाओं का उल्लेख मिलता है। अन्य संस्कृत ग्रंथों में रंगमंच, प्रेक्षकों के बैठने के स्थान आदि के विविध प्रकारों
भारत की प्रमुख स्थानीय युद्ध कलाएं - (February 2023)
भारत की विभिन्न संस्कृतियों में प्राचीन समय से ही युद्ध कलाएं प्रचलित रही हैं। भारत में विद्यमान कुछ महत्वपूर्ण युद्व कलाएं निम्नलिखित हैः कलारीपयट्टू ऐसा माना जाता है कि इसकी उत्पत्ति तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व से दूसरी शताब्दी ईस्वी के दौरान केरल में हुई थी। वर्तमान में यह केरल और तमिलनाडु के कुछ हिस्सों में प्रचलित है। इसका अभ्यास मुख्य रूप से
नृत्य कला - (February 2023)
ऋगवेद के अनेक श्लोकों में नृत्या शब्द का प्रयोग हुआ है। यजुर्वेद में भी नृत्य संबंधी सामग्री प्रचुर मात्र में उपलब्ध है। नृत्य को उस युग में व्यायाम के रूप में माना गया था। शरीर को अरोग्य रखने के लिये नृत्यकला का प्रयोग किया जाता था। पुराणों में भी नृत्य संबंधी घटनाओं का उल्लेख है। श्रीमद्भागवत महापुराण, शिव पुराण तथा कूर्म
संगीत कला - (February 2023)
भारत में प्रागैतिहासिक काल से ही संगीत की समृद्ध परम्परा रही है। सिंधु घाटी की सभ्यता में संगीत माना जाता है कि संगीत का प्रारम्भ सिंधु घाटी की सभ्यता के काल में हुआ, जिसका साक्ष्य हमे नृत्य बाला की मुद्रा में कांस्य मूर्ति एवं नृत्य, नाटक और संगीत के देवता की पूजा का प्रचलन के देखा में जा सकता है। सिंधु घाटी
चित्रकला - (February 2023)
भारत में चित्रकला का इतिहास बहुत पुराना रहा है। पाषाण काल में ही मानव ने गुफा चित्रण करना शुरू कर दिया था। पाषाण कालीन चित्रकला भीमबेटका क्षेत्रों में कंदराओं और गुफाओं में मानव चित्रण के प्रमाण मिले हैं। इन चित्रों में शिकार, शिकार करते मानव समूहों, स्त्रियों तथा पशु-पक्षियों आदि को दीवारों पर उकेरा गया है। आखेटकों के पास नोंकदार भाले, ढाल और
मूर्तिकला - (February 2023)
भारतीय मूर्तिकला आरम्भ से ही यथार्थ रूप लिए हुए हैं। भारतीय मूर्तियों में पेड़-पौधों और जीव-जन्तुओं से लेकर असंख्य देवी देवताओं को चित्रित किया गया है। पाषाण काल में भी मनुष्य अपने पाषाण उपकरणों को कुशलतापूर्वक काट-छांटकर या दबाव तकनीक द्वारा आकार देता था, परंतु भारत में मूर्तिकला अपने वास्तविक रूप में हड़प्पा सभ्यता के दौरान ही अस्तित्व में आई। सिंधु घाटी
भित्ति चित्र - (February 2023)
भित्ति चित्र का अर्थ है, ऐसा चित्र जो दीवार पर बनाया गया हो। इनकी शुरुआत नव-प्रस्तर मानव के उन प्रयासों के साथ हुई, जब उसने गुफाओं की दीवारों पर प्राकृतिक रंगों से अपने जीवन से जुड़े चित्र बनाए। भारतीय भित्ति-चित्रों का इतिहास 2वीं शताब्दी ईसा पूर्व से 8 वीं-10वीं शताब्दी ईस्वी पूर्व और प्रारंभिक मध्ययुगीन काल तक है। भारत में इस
प्राचीन भारत में मृदभांड - (February 2023)
भारत में चौपानीमांडो से संसार में मृदभांड के प्रयोग के प्राचीनतम साक्ष्य प्राप्त हुए हैं। हड़प्पा काल के मृदभांड भारत में मृदभांड हड़प्पा काल से ही प्राप्त होने शुरू हो जाते हैं। इस काल में मिले मृदभांड को दो भागों में वर्गीकृत किया जा सकता है- सादे मृदभांड और चित्रित मृदभांड। चित्रित मृदभांड को लाल व काले मृदभांडों के रूप में
प्रमुख बंदरगाह - (February 2023)
सिन्धु घाटी सभ्यताः इस काल के लोथल, रंगपुर, प्रभास पाटन (सोमनाथ), बालाकोट, सुत्कागेंडोर एवं सुरकाकोह महत्वपूर्ण बन्दरगाह थे। लोथल एक ज्वारीय बन्दरगाह था। मेसोपोटामिया के प्रवेश के लिए प्रमुख बंदरगाह ‘उर’ था। मौर्य कालः इस युग के प्रमुख तटीय बंदरगाह भड़ौच, काठियावाड़, सोपारा और ताम्रलिप्ति आदि थे। विदेशी व्यापार के लिए इस काल में ताम्रलिप्ति पूर्वी तट का महत्वपूर्ण बंदरगाह था, जहां से
व्यापार मार्ग - (February 2023)
सिन्धु घाटी सभ्यताः इस काल में व्यापार जल एवं स्थल दोनों मार्गों से होता था।हड़प्पा तथा मोहनजोदड़ो व्यापार के भी प्रसिद्ध केन्द्र थे। दोनों नगर परस्पर व्यापारिक मार्गों द्वारा जुड़े हुए थे। यहां के व्यापारी मुख्यतः जलीय मार्ग से ही व्यापार किया करते थे। यद्यपि स्थलीय मार्ग अज्ञात नहीं थे। देश के भीतरी भागों जैसे बलूचिस्तान, राजस्थान तथा गुजरात में
मुद्रद्रा एवं सिक्का - (February 2023)
मुद्रा एवं सिक्कों में अपने समय का सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक इतिहास छिपा रहता है। भारत में सिक्कों का इतिहास लगभग 2,700 वर्ष पुराना है। हड़प्पा काल एवं वैदिक काल में सिक्कों का कोई स्पष्ट प्रमाण नहीं प्राप्त होता है। हड़प्पा काल के लोग व्यापार में धातु सिक्कों का प्रयोग नहीं करते थे तथा वे वस्तु विनिमय द्वारा व्यापार करते थे। भारत में मुद्रा
घरेलू एवं विदेशी व्यापार - (February 2023)
सिन्धु घाटी सभ्यताः यहां के लोगों ने व्यापार में भी गहरी रुचि ली। उनका आन्तरिक एवं बाह्य व्यापार दोनों ही समुन्नत दशा में था।वस्तुतः बड़े पैमाने पर व्यापार के बिना सैंधव नगरों का विकास सम्भव ही नहीं था। हड़प्पा तथा मोहनजोदड़ो व्यापार के भी प्रसिद्ध केन्द्र थे। दोनों नगर परस्पर व्यापारिक मार्गों द्वारा जुड़े हुए थे। सिंधुवासियों के भारतीय प्रदेशों
औद्योगिक विकास - (February 2023)
सिंधु घाटी सभ्यताः इस काल के लोग उद्योग एवं व्यापार में भी रुचि लेते थे। इस सभ्यता में अनेक प्रकार के उद्योगों का विकास हो गया था, जो इनके विज्ञान एवं तकनीकी की उन्नति को दर्शाता है। सुक्कुर एवं रोजदी में पत्थर के उपकरण बनाने के कारखाने के साक्ष्य मिले हैं।उत्खनन से प्राप्त कताई-बुनाई के उपकरणों (तकली, सुई) से विदित
आधुनिक भारत में कृषि का व्यावसायीकरण - (February 2023)
भारतीय कृषि का व्यावसायीकरण 1813 के बाद शुरू हुआ, जब इंग्लैंड में औद्योगिक क्रांति का तेजी से प्रसार हो रहा था। कृषि के व्यावसायीकरण से केवल उन कृषि उत्पादों का उत्पादन हुआ, जिनकी या तो ब्रिटिश उद्योगों को आवश्यकता थी या यूरोपीय या अमेरिकी बाजार में अंग्रेजों को नकद वाणिज्यिक लाभ प्राप्त हो सकता था। नगदी फसलों को बढ़ावाः अंग्रेजों के आगमन
कृषि का विकास - (February 2023)
नवपाषाण काल नवपाषाण युग के मानव ने कृषि कर्म का ज्ञान प्राप्त किया था। कृषि हल की सहायता से होती थी अथवा नहीं, इस विषय में कुछ निश्चित रूप से कुछ नहीं कहा जा सकता है। यह सम्भव है कि काष्ठ-निर्मित होने के कारण तत्कालीन हल नष्ट हो गये हों और अब उनके अस्तित्व का प्रमाण न उपलब्ध हों। परन्तु अनाज
लोक सेवा का विकास - (February 2023)
लोक सेवा और लोक सेवा प्रणाली की भारत में शुरुआत पहली बार ब्रिटिश शासकों द्वारा ईस्ट इंडिया के शासनकाल 17वीं शताब्दी के दौरान हुई थी। जैसे-जैसे कंपनी के नियंत्रण क्षेत्र का विस्तार हुआ, इसके साथ ही प्रशासनिक कार्य के लिए लोक सेवा का भी विकास होता गया। लॉर्ड वारेन हैस्टिंग्स और लार्ड कार्नवालिस के प्रयासों के फलस्वरूप लोक सेवा
भूमि मापन प्रणाली - (February 2023)
मौर्य कालः चंद्रगुप्त मौर्य काल में भी माप तथा नापतौल के लिए अच्छी प्रकार से परिभाषित पद्धति का प्रयोग किया जाता था।राज्य के द्वारा माप के भारों (बाटों) एवं तुला (तराजू) की सत्यता सत्यापित करने की परम्परा थी। उस काल की प्रणाली के अनुसार भार की सबसे छोटी इकाई एक परमाणु तथा लंबाई की सबसे छोटी इकाई अंगुल थी। लम्बी
भू-राजस्व प्रणाली - (February 2023)
भारतीय इतिहास में भू-राजस्व तथा कर प्रणाली का व्यवस्थित रूप मौर्य साम्राज्य की स्थापना से अस्तित्व में आता है। इससे पहले हड़प्पा और वैदिक काल में व्यवस्थित भू-राजस्व और कर प्रणाली का पता नहीं चलता है। सैद्धांतिक रूप से प्रारंभ में जंगल साफ करके उसे कृषि योग्य बनाने वाला ही भू-खण्ड का मालिक समझा जाता था। वैदिक कालः ऋग्वैदिक काल में भूमि निजी
गुप्तचर व्यवस्था - (February 2023)
वैदिक कालः ऋगवेद में गुप्तचर के बारे में विस्तार से बताया गया है। अथर्ववेद में जल के देवता वरुण को सहस्रनेत्र कहा गया है, अर्थात वरुण के सहस्रों (हजारों) गुप्तचर थे। गुप्तचर ही राजा के नेत्र होते थे। स्त्री गुप्तचरों की परंपरा वैदिक काल में ही आरंभ हो गई थी। मनु ने चर-व्यवस्था में ‘रक्षाधिकृत’ गुप्तचर (पुलिस) उल्लेख है।
विभिन्न कालों में मुख्य अधिकारी - (February 2023)
ऋग्वैदिक कालीन प्रमुख अधिकारी स्पशः गुप्तचर कुलपतिः परिवार का मुखिया विशपतिः विश का प्रधान ब्राजपतिः चारागाह का अधिकारी सेनानीः सेना का नेतृत्व करने वाला ग्रामिणीः ग्राम का प्रधान/युद्ध में ग्राम का नेतृत्व करने वाला उत्तरवैदिक कालीन अधिकारी सूतः राजा का सारथी प्रतिहारीः द्वारपाल संग्रहित्रीः कोषाध्यक्ष भागदुधः कर संग्रहकर्त्ता अक्षवापः पासे के खेल में राजा का सहयोगी पालागलः राजा का मित्र/संदेशवाहक गोविकर्तनः शिकार में राजा का सहयोगी महाजनपद प्रमुख अधिकारी बलिसाधकः बलि वसूलने वाला अधिकारी रज्जुग्राहकः भूमि की
न्यायिक व्यवस्था - (February 2023)
वैदिक कालः इस काल में अदालतों को सभा कहा जाता था। वे एक या एक से अधिक गांवों के विवादों का निपटारा अपने स्तर पर कर देती थीं। राजधानी में दो तरह की अदालतें होती थीं। राजा की अदालत सबसे बड़ी होती थी।राजा के नीचे भी एक न्यायालय होता था, जिसमें एक न्यायाधीश तथा आम नागरिकों के बीच से लिए
नगरीय प्रशासन - (February 2023)
भारत में प्रशासनिक प्रणाली का विकास हड़प्पा सभ्यता से आरंभ होता है। आरंभिक मानव केवल खाद्य संग्राहक ही था। इस समय स्थाई जीवन का विकास नहीं हुआ था। नवपाषाण काल में स्थाई जीवन आरंभ हुआ, फिर भी इस काल में प्रशासनिक तत्व अनुपस्थित था। सिन्धु घाटी सभ्यताः सिन्धु घाटी सभ्यता में सर्वप्रथम नगरों का उद्भव हुआ। इस समय नगर उत्कृष्ट अवस्था में
स्थानीय प्रशासन - (February 2023)
ऋग्वैदिक कालः इस काल में सभा, समिति और गण तथा विदथ जैसी परिषदों का उल्लेख मिलता है, जिसका मुख्य कार्य सैनिक एवं धार्मिक था। सभा श्रेष्ठ एवं अभिजात लोगों की संस्था थी तथा समिति सामान्य जन की प्रतिनिधि सभा थी, जिसे राजा की नियुक्ति और पद्च्युति का अधिकार था। विदथ आर्यों की प्राचीनतम संस्था थी। स्त्रियों को सभा और विदथ में भाग लेने
सफ़ूी आन्दोलन - (February 2023)
यह इस्लाम का उदारवादी एवं सुधारवादी आन्दोलन था। इसका मानना है कि परमात्मा तथा खलक जीव दोनों एक ही हैं। सूफीवाद एक ऐसा दर्शन है, जो एक ईश्वर में विश्वास करता है और सभी को अपने हिस्से के रूप में देखता है। 12वीं शताब्दी में कई सूफी संत भारत में आए तथा वे कई सिलसिलों में विभाजित हो गए, जिनमें भारत में
भक्ति आंदोलन - (February 2023)
भक्ति आंदोलन का आरंभ दक्षिण भारत में सातवीं से 12वीं शताब्दी के मध्य हुआ, जिसके प्रथम प्रचारक शंकराचार्य को माना जाता है। भक्ति आंदोलन के कई संतों ने हिंदू-मुस्लिम एकता पर बल दिया, जिससे इन समुदायों में सहिष्णुता और सद्भाव की स्थापना हुई। भक्ति आंदोलन के प्रमुख संत रामानुजः ये विशिष्टाद्वैत के प्रतिपादक तथा प्रसिद्ध वैष्णव संत थे। इन्होंने कांची में अपने विचारों
धार्मिक व्यवस्था - (February 2023)
हड़प्पा कालीन धार्मिक व्यवस्था हड़प्पा सभ्यता मुख्यतः लौकिक सभ्यता थी, जिसमें धार्मिक तत्व उपस्थित था, परंतु उसका वर्चस्व नहीं था। इस सभ्यता से मंदिर के साक्ष्य प्राप्त नहीं होते हैं, परन्तु जल पूजा प्रचलित थी। मोहनजोदड़ो से वृहद स्नानागार तथा पुरोहित आवास के साक्ष्य प्राप्त हुए हैं। इससे स्नान के महत्व का पता चलता है। इस सभ्यता में मातृदेवी की पूजा
प्राचीन भारतीय दर्शन - (February 2023)
प्राचीन भारतीय दर्शन का आरम्भ वेदों से होता है। वेद भारतीय धर्म, दर्शन, संस्कृति, साहित्य आदि सभी के मूल स्रोत हैं। वर्तमान में भी धार्मिक एवं सांस्कृतिक कृत्यों के अवसर पर वेद-मंत्रों का गायन होता है। अनेक दर्शन-संप्रदाय वेदों को अपना आधार और प्रमाण मानते हैं। उत्तर वैदिक काल में रचित उपनिषदों की रचना के साथ ही भारतीय दर्शन ने जन्म
प्रेस का विकास - (February 2023)
16वीं शताब्दी के पश्चात भारत में प्रेस का विकास शुरू होता है। पुर्तगाली भारत में प्रेस मशीन की स्थापना करने वाले पहले यूरोपीयन थे। अंग्रेजों ने 1684 में भारत में प्रिंटिंग प्रेस की स्थापना की। जेम्स ऑगस्ट्स हिक्की ने 1980 को द बंगाल गजट नाम से भारत का पहला अखबार शुरू किया। इसके पश्चात 1780 में ‘इंडियन गजट’, 1784 में
शिक्षा का विकास - (February 2023)
भारत की प्राचीन शिक्षा पद्धति में अनौपचारिक तथा औपचारिक दोनों प्रकार के शैक्षणिक केन्द्रों का उल्लेख प्राप्त होता है। औपचारिक शिक्षा मन्दिर, आश्रमों और गुरुकुलों के माध्यम से दी जाती थी, जो उच्च शिक्षा के केन्द्र भी थे। जबकि परिवार, पुरोहित, पण्डित, संन्यासी और त्यौहार प्रसंग आदि के माध्यम से अनौपचारिक शिक्षा प्राप्त होती थी। शिक्षण पद्धति का आरम्भ
दास प्रथा - (February 2023)
हड़प्पा सभ्यताः इस सभ्यता के कुछ पुरातात्त्विक प्रमाणों की सहायता से विद्वानों ने विचार प्रकट किया है कि उस समय भी दास प्रथा प्रचलित थी। मोहनजोदड़ो में मिले दो-दो कोठरियों में सोलह मकान, जो तत्कालीन लोगों के निम्न जीवन स्तर के प्रमाण हैं, जिन्हें ‘पिगट’ महोदय ने ‘मजदूरों के मकान’ कहा है। वैदिक कालः भारत के प्राचीन ग्रंथ मनुस्मृति में भी
जन्म-मृत्यु संस्कार - (February 2023)
नवपाषाणकालः इस काल में अंत्येष्ठि संस्कार प्रचलित था। अस्थियों के साथ औजार एवं आभूषण भी रखे जाते थे। समाधि में एक से अधिक व्यक्तियों की अस्थियां रखी जा सकती थीं। ब्रह्मगिरि से इस प्रकार के साक्ष्य प्राप्त होते हैं। बुर्जहोम में मृतकों के साथ-साथ कुत्तों को भी दफनाए जाने के प्रमाण मिलते हैं। सिंधु सभ्यताः इस सभ्यता में अंत्येष्ठि संस्कार के रूप में
महिलाओं की स्थिति - (February 2023)
सिन्धु घाटी सभ्यताः नारी की अतिसंख्यक मूर्तियों की प्राप्ति से आभास मिलता है कि सिंधु समाज मातृ प्रधान था। मातृ-प्रधान परिवार में नारी को सर्वोच्च स्थान प्राप्त था। मातृ देवी प्रमुख उपास्य थीं। उत्खनन में जितनी मानव आकृतियों के चित्रों की उपलब्धि हुई है, उनमें स्त्रियों के चित्र बहुसंख्यक हैं।अतः इससे प्रमाणित होता है कि जीवन के सभी क्षेत्रों में
विवाह प्रणाली - (February 2023)
वैदिक कालः मनु समेत अन्य स्मृतिकारों ने तथा गृह्यसूत्रों व पुराणों में 8 प्रकार की विवाह पद्धतियों का उल्लेख है- विवाह के 8 प्रकारों में से प्रथम चार प्रकार (ब्रह्म विवाह, दैव विवाह, आर्ष विवाह व प्रजापत्य विवाह) के विवाह उत्तम कोटि के विवाह माने जाते थे तथा बाद के चार प्रकार (गंधर्व विवाह, असुर विवाह, राक्षस विवाह, पैशाच विवाह) के
वेश-भूषा - (February 2023)
पाषाणकालः मध्यपाषाण युग की गुफा चित्रकारियों में कमर परिधानों को दर्शाने वाले उदाहरण प्राप्त हुए हैं।पूर्व पाषाणकालीन मनुष्य अपने शरीर को वृक्षों के पत्तों और छालों तथा पशुओं के चर्म से ढकता था, परन्तु उत्तरकालीन मनुष्य ने वस्त्र निर्माण करना भी सीख लिया था। उसने पौधों के रेशों तथा पशुओं के बालों को वस्त्र के रूप में बुनना प्रारम्भ कर
खान पान - (February 2023)
पुरापाषाणकालीन जीवनः इस काल में मानव पूर्णतया प्रकृतिजीवी था। कृषि कार्यों से अपरिचित होने के कारण वह सहज रूप से उत्पन्न होने वाले फल-फूल और कन्द-मूल, आखेट में मारे गये पशुओं तथा नदियों और झीलों के तटों पर पकड़ी गई मछलियों से ही अपना पेट भरता था। मध्यपाषाणकालः इस काल में मनुष्य का प्रमुख उद्यम आखेट था। आखेट में मारे गये पशु-पक्षियों के
सामाजिक संरचना - (February 2023)
नव पाषाणकालीन जीवनःइस काल में हुए आविष्कारों और परिवर्तनों ने मानव सभ्यता की प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान दिया। कृषि कार्य, पशुपालन, गृह निर्माण आदि से मनुष्य को अन्य मनुष्यों के सहयोग की भी आवश्यकता पड़ती थी। इस तरह ‘समाज’ का अंकुरण हुआ। कार्य विभाजन एवं आर्थिक कारणों ने समाज को वर्गों और परिवारों में विभक्त कर दिया। वर्ग के संचालन हेतु नेता’
महाजनपद काल - (February 2023)
छठी शताब्दी ईसापूर्व में लोहे के प्रयोग ने गंगा-घाटी में आर्थिक परिवर्तनों को जन्म दिया तथा कई महाजनपदों का उदय हुआ। प्राचीन भारत के इतिहास में 6ठी शताब्दी ई.पू. को एक महत्वपूर्ण परिवर्तनकारी काल माना जाता है। इस काल को प्रायः आरंभिक राज्यों, नगरों, लोहे के बढ़ते प्रयोग और सिक्कों के विकास के साथ जोड़ा जाता है। इसी काल में सिन्धु सभ्यता
वैदिक सभ्यता - (February 2023)
सिंधु घाटी सभ्यता के पश्चात जिस नवीन सभ्यता का विकास हुआ, उसे ही आर्य सभ्यता अथवा वैदिक सभ्यता के नाम से जाना जाता है। यह मुख्यतः पशुचारण सभ्यता थी, जिसमें कृषि गौण व्यवसाय था। वैदिक संस्कृति को दो भागों में बांटा गया है ऋग्वैदिक संस्कृति (1500 ई.पू.-1000 ई.पू.) उत्तर वैदिक संस्कृति (1000 ई.पू.-600 ई.पू.) ऋग्वैदिक काल इस काल की सर्वप्रमुख नदी सिन्धु थी तथा दूसरी सर्वाधिक
ताम्र-पाषाणिक सभ्यता - (February 2023)
सिन्धु सभ्यता के नगरीय जीवन के बाद उत्तर भारत के कतिपय क्षेत्रों में पुनः ग्रामीण संस्कृतियां परिलक्षित होती हैं। इन ग्रामीण संस्कृतियों में पाषाण उपकरणों के साथ तांबे के उपकरणों का भी प्रयोग किया गया है। अतः पुरातत्त्वविद् इस संस्कृति को ‘ताम्र-पाषाणिक संस्कृति के नाम से अभिहित करते हैं। ताम्रपाषाण संस्कृतियों ने कांस्य युग की हड़प्पा संस्कृति का अनुसरण किया। यह लगभग
सिंधु घाटी सभ्यता - (February 2023)
सिंधु घाटी सभ्यता लगभग 2500 ईस्वी पूर्व दक्षिण एशिया के पश्चिमी भाग में फैली हुई थी, जो कि वर्तमान में पाकिस्तान तथा पश्चिमी भारत के नाम से जाना जाता है। सिंधु घाटी सभ्यता मिस्र, मेसोपोटामिया, भारत और चीन की चार सबसे बड़ी प्राचीन नगरीय सभ्यताओं से भी अधिक उन्नत थी। भारतीय पुरातत्त्व विभाग के तत्कालीन डायरेक्टर जनरल जॉन मार्शल ने 1924 में
पाषाण काल - (February 2023)
पुरा पाषाण काल पुरातत्वविदों ने आरंभिक काल को पुरा पाषण काल कहा है, यह नाम पुरास्थलों से प्राप्त पत्थर के औजारों के महत्व को दर्शाता है। पुरा पाषाण काल को निम्न पुरापाषाण काल, मध्य पुरापाषाण काल तथा उच्च पुरापाषाण काल में विभाजित किया गया है। गंगा, यमुना एवं सिन्धु के कछारी मैदानों में पुरापाषाणकालिक स्थल नहीं प्राप्त होते हैं। इस काल की प्रमुख विशेषता
संपादक की कलम से - (February 2023)
प्रिय पाठक,क्रॉनिकल प्रकाशन समूह पिछले 30 वर्षों से सिविल सेवा के उम्मीदवारों को मार्गदर्शन प्रदान कर रहा है। इन तीन दशकों के दौरान, हमारा निरंतर यह प्रयास रहा है कि हम आपको व्यापक, प्रासंगिक और अद्यतन सामग्री प्रदान करें। हमारा एकमात्र उद्देश्य परीक्षा को उत्तीर्ण करने और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में आपकी सहायता करना है। यूपीएससी सिविल सेवा प्रारंभिक
इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स - (January 2023)
इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) सामान्य रूप से इंटरनेट का एक नेटवर्क है, जो उन उपकरणों को आपस में जोड़ता है, जो डेटा को संग्रहित और परिवर्तित करने में सक्षम होते हैं। यह वैश्विक स्तर पर सर्वाधिक तीव्र गति से उभरती प्रौद्योगिकियों में से एक है, जिसमें समाज, उद्योग तथा उपभोक्ताओं को व्यापक स्तर पर लाभान्वित करने की क्षमता है। यह अनुमान
लाइट फि़डेलिटी (Lifi) तकनीक - (January 2023)
लाई-फाई एक विजीबल लाइट कम्युनिकेशंस (Visible Light Communications-VLC) प्रणाली है। यह एक वायरलेस तकनीक है, जो रेडियो तरंगों के स्थान पर दृश्यमान प्रकाश का उपयोग करके प्रति सेकंड की गति पर डेटा का प्रसारण करती है। इस प्रौद्योगिकी के अंतर्गत एलईडी बल्ब और हल्के स्पेक्ट्रम का उपयोग करके प्रति 1 किमी. के दायरे में 10 जीबी प्रति सेकंड की रफ्तार से
5जी प्रौद्योगिकी - (January 2023)
5जी अथवा इंटरनेट की पांचवीं पीढ़ी दीर्घकालिक विकास (Long-Term Evolution-LTE) मोबाइल ब्रॉडबैंड नेटवर्क का नवीनतम उन्नयन है। यह एक एकीकृत मंच (Unified Platform) है, जो अधिक क्षमता, कम विलंबता, तीव्र डेटा वितरण दर तथा स्पेक्ट्रम के बेहतर उपयोग के साथ पिछली मोबाइल सेवाओं की तुलना में कहीं अधिक सक्षम है। 5G तकनीक पर नियुक्त एक सरकारी पैनल की रिपोर्ट के अनुसार
जैव प्रौद्योगिकी - (January 2023)
जैव प्रौद्योगिकी एक ऐसी तकनीक है, जिसमें विभिन्न उत्पादों का विकास व निर्माण करने के लिए जैविक प्रणालियों, जीवित जीवों अथवा इनके कुछ हिस्सों का उपयोग किया जाता है। यह तकनीक आनुवंशिक रूप से संशोधित रोगाणुओं, कवक, पौधों तथा जीवों का उपयोग करके बायोफार्मास्यूटिकल्स एवं अन्य जैविक उत्पादों के औद्योगिक पैमाने के उत्पादन से संबंधित है। वैश्विक जैव प्रौद्योगिकी उद्योग में भारत
क्वांटम कंप्यूटिंग - (January 2023)
क्वांटम कंप्यूटिंग (Quantum computing) एक तेजी से उभरती हुई तकनीक है, इसमें कंप्यूटरों के माध्यम से अत्यंत जटिल समस्याओं को हल करने हेतु क्वांटम यांत्रिकी (Quantum Mechanics) के नियमों का उपयोग किया जाता है। क्वांटम यांत्रिकी (Quantum Mechanics) भौतिकी की एक उप-शाखा है, जो क्वांटम के व्यवहार (जैसे- परमाणु, इलेक्ट्रॉन, फोटॉन, आणविक एवं उप-आणविक क्षेत्र) का वर्णन करती है। प्रमुख पहलें क्वांटम
क्वांटम की डिस्ट्रीब्यूशन प्रौद्योगिकी - (January 2023)
फरवरी, 2022 में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) एवं भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) दिल्ली के वैज्ञानिकों की एक संयुक्त टीम द्वारा देश में पहली बार उत्तर प्रदेश के प्रयागराज और विंध्याचल के मध्य 100 किलोमीटर से अधिक की दूरी पर ‘क्वांटम की’ वितरण लिंक (Quantum Key Distribution link-QKD) का सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया गया। इसका अर्थ है कि भारत ने सैन्य-ग्रेड
ट्राइबोइलेक्ट्रिक नैनोजेनरेटर - (January 2023)
जून 2021 में भारतीय वैज्ञानिकों की एक टीम द्वारा एक पारदर्शी ट्राइबोइलेक्ट्रिक नैनोजेनरेटर डिवाइस (Triboelectric Nanogenerator Device-TENG) विकसित किया गया। ट्राइबोइलेक्ट्रिक नैनोजेनरेटर (TENG) एक स्व-संचालित उपकरण है। यह बिजली उत्पन्न करने के लिए कंपन के रूप में यांत्रिक ऊर्जा का उपयोग करता है, जो विभिन्न रूपों में प्रत्येक स्थान पर उपलब्ध है। विशेषताएं इस डिवाइस को ट्राइबो लेयर्स के रूप में पॉलीइथाइलीन टेरेफ्थेलेट
इन्फ्लेटेबल एरोडायनामिक डिसेलेरेटर - (January 2023)
सितंबर 2022 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (Indian Space Research Organisation-ISRO) ने इन्फ्रलेटेबल एरोडायनामिक डिसेलेरेटर (Inflatable Aerodynamic Decelerator-IAD) तकनीक का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। इसके माध्यम से स्पेंट स्टेज रिकवरी (Spent stage recovery) में आने वाली लागत को प्रभावी रूप से कम किया जा सकता है। विशेषताएं IAD के डिजाइन, विकास तथा परीक्षण का कार्य ISRO के विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (Vikram Sarabhai
जीन एडिटिंग - (January 2023)
जीन एडिटिंग अथवा जीनोम एडिटिंग प्रौद्योगिकियों का एक ऐसा समुच्चय है, जिससे वैज्ञानिकों को किसी जीव के डीएनए (DNA) में परिवर्तन करने की क्षमता प्राप्त होती है। सामान्य रूप से इन प्रौद्योगिकियों के माध्यम से जीनोम में विशेष स्थानों पर आनुवंशिक सामग्री को जोड़ा, हटाया अथवा परिवर्तित किया जा सकता है। जीन एडिटिंग की प्रक्रिया एडिटिंग की प्रक्रिया में एक एंजाइम DNA
वायु प्रदूषण - (January 2023)
आर्थिक क्षतिः लैंसेट के एक अध्ययन में अनुमान लगाया गया है कि वर्ष 2019 में भारत में वायु प्रदूषण के कारण 1.7 मिलियन अकाल मृत्यु हुई। समय से पहले होने वाली मौतों और रुग्णता से होने वाला आर्थिक क्षति भारत के सकल घरेलू उत्पाद का 1.36 प्रतिशत तक होता है। प्रदूषित राजधानी शहरः स्विस संगठन आईक्यू एयर द्वारा जारी विश्व वायु
पर्यावरण अनुकूल जीवन-शैली - (January 2023)
कार्बन उत्सर्जनः संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम के अनुसार, यदि 8 अरब के करीब की वैश्विक आबादी में से 1 अरब लोग अपने दैनिक जीवन में पर्यावरण के अनुकूल व्यवहार अपनाते हैं, तो वैश्विक कार्बन उत्सर्जन में लगभग 20 प्रतिशत की कमी आ सकती है। चुनौतियां: बदलते परिवेश के कारण वैश्विक स्तर पर लगभग 3 बिलियन लोग जल की पुरानी कमी का
मैंग्रोव प्रबंधन - (January 2023)
मैंग्रोव कवरः इंडिया स्टेट ऑफ फॉरेस्ट रिपोर्ट 2021 के अनुसार, मैंग्रोव वन के तहत क्षेत्र में 17 वर्ग किमी की वृद्धि हुई है, जिससे भारत का कुल मैंग्रोव कवर 4,992 वर्ग किमी हो गया है। सर्वाधिक वृद्धिः इंडिया स्टेट ऑफ फॉरेस्ट रिपोर्ट 2021 के अनुसार, मैंग्रोव कवर में सर्वाधिक वृद्धि ओडिशा (8 वर्ग किमी), महाराष्ट्र (4 वर्ग किमी) और कर्नाटक (3
हिंद महासागर के जलस्तर में वृद्धि - (January 2023)
समुद्र के स्तर में वृद्धिः नासा के अनुसार ग्लोबल वार्मिंग के कारण अगले दो से तीन दशकों में भारतीय तटीय क्षेत्रों में समुद्र के स्तर में 0.1 मीटर से 0.3 मीटर की वृद्धि हो सकती है, जो निचले इलाकों को जलमग्न कर सकता है। तापमान में भिन्नताः अगले दो से तीन दशकों के दौरान समुद्र के स्तर में वृद्धि और इसका
ग्रीन हाइड्रोजन - (January 2023)
संभावनाः टेरी (TERI) के अनुसार भारत में हाइड्रोजन के उपयोग की काफी संभावना है, जो वर्ष 2050 तक 3 से 10 गुना बढ़ सकती है। बाजार का आकारः वर्ष 2050 तक भारत में हाइड्रोजन की मांग चार गुना से अधिक बढ़ सकती है, जो वैश्विक मांग का लगभग 10 प्रतिशत है। भारत में ग्रीन हाइड्रोजन बाजार का आकार 2030 तक 8
वन्यजीव तस्करी - (January 2023)
रैंकिंगः जंगली जीवों और वनस्पतियों की लुप्तप्राय प्रजातियों में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर सम्मेलन (CITES) का एक मेंबर होने के बावजूद, भारत वर्तमान में वन्यजीव तस्करी के लिए शीर्ष 20 देशों में से एक है। वन्यजीव तस्करी के लिए एयरलाइन क्षेत्र का उपयोग करने के मामले में भारत शीर्ष दस देशों में शामिल है। मूल्यः वर्ल्ड वाइल्डलाइफ फंड के अनुसार, प्रतिवर्ष अनुमानित
बायोमास ऊर्जा - (January 2023)
बायोमास ऊर्जा लक्ष्यः नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने 2022 तक 10 गीगावॉट स्थापित बायोमास ऊर्जा हासिल करने का राष्ट्रीय लक्ष्य निर्धारित किया है। क्षमताः वर्तमान में भारत नवीकरणीय ऊर्जा का दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक है, इसकी स्थापित बिजली क्षमता का 40% गैर-जीवाश्म ईंधन स्रोतों से आता है। भारत में बायोमास ऊर्जा क्षमता 2021 में लगभग 10.6 गीगावाट थी,
बायो-एनर्जी - (January 2023)
ऊर्जा आपूर्तिः आधुनिक बायो-एनर्जी विश्व स्तर पर नवीकरणीय ऊर्जा का सबसे बड़ा स्रोत है, जो नवीकरणीय ऊर्जा का 55% और वैश्विक ऊर्जा आपूर्ति का 6% से अधिक के लिए जिम्मेदार है। उपयोगः 2010 और 2021 के बीच आधुनिक बायो-एनर्जी का उपयोग औसतन लगभग 7% प्रतिवर्ष बढ़ा है, और यह वर्तमान में भी बढ़ रहा है। प्रमुख पहलें जैव ईंधन पर राष्ट्रीय नीतिः
भूमि क्षरण - (January 2023)
भौगोलिक क्षेत्रः सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट द्वारा जारी ‘भारत का पर्यावरण 2022’ की रिपोर्ट के अनुसार भारत का लगभग 30% भौगोलिक क्षेत्र क्षरण के अधीन है। भारत में 46% कृषि भूमि और 22% वन भूमि का क्षरण हो रहा है। मृदा कटावः राष्ट्रीय कृषि विज्ञान अकादमी के अनुसार देश की खेती योग्य भूमि में मृदा के कटाव की सीमा 92.4
ठोस अपशिष्ट - (January 2023)
उत्पादनः भारत में प्रतिदिन लगभग 1-43 लाख टन नगरपालिका ठोस अपशिष्ट उत्पन्न होता है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार एक दिन में इकट्टखा होने वाले कचरे का 47% वैज्ञानिक रूप से उपचारित किया जाता है। एकत्रितः भारत हर साल 62 मिलियन टन कचरा पैदा करता है। लगभग 43 मिलियन टन (70%) एकत्र किया जाता है, जिसमें से लगभग
ई-वेस्ट - (January 2023)
उत्पादनः ग्लोबल ई-वेस्ट मॉनिटर-2017 के अनुसार, भारत सालाना लगभग 2 मिलियन टन ई-कचरा या ई-अपशिष्ट उत्पन्न करता है तथा ई-अपशिष्ट उत्पादन में अमेरिका, चीन, जापान और जर्मनी के बाद 5वें स्थान पर है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के 2020 के एक अध्ययन के अनुसार, भारत ने वित्तीय वर्ष 2019-20 में 10,14,961 टन ई-कचरा उत्पन्न किया। यह वित्तीय वर्ष 2018-19 से 32%
प्लास्टिक प्रदूषण - (January 2023)
खपतः भारत में प्रति व्यक्ति प्लास्टिक की खपत 11 किलोग्राम प्रतिवर्ष है, जो अमेरिका एवं पश्चिमी देशों सहित अन्य विकसित देशों के मुकाबले अभी भी काफी कम है। भारत में सर्वाधिक प्लास्टिक प्रदूषण एकल उपयोग प्लास्टिक के माध्यम से होता है। प्लास्टिक कचराः भारत सालाना लगभग 3.5 मिलियन टन प्लास्टिक कचरा पैदा कर रहा है। भारत में कुल प्लास्टिक कचरे का
नदी प्रदूषण - (January 2023)
प्रदूषित नदीः वर्ष 2018 में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने भारत में 351 प्रदूषित नदी क्षेत्रों की पहचान की थी। लगभग 60% प्रदूषित नदी महाराष्ट्र, असम, मध्य प्रदेश, केरल, गुजरात, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और कर्नाटक राज्यों में मौजूद हैं। सीवेज उत्पादनः केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार देश में शहरी क्षेत्रों से सीवेज उत्पादन 72,368 मिलियन लीटर प्रतिदिन
आर्द्रभूमि - (January 2023)
कुल भौगोलिक क्षेत्रः भारत में, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन द्वारा संकलित राष्ट्रीय आर्द्रभूमि सूची और आंकलन के अनुसार, भारत में आर्द्रभूमि 1,52,600 वर्ग किलोमीटर में फैली हुई है, जो देश के कुल भौगोलिक क्षेत्र का लगभग 4.63% है। कुल रामसर स्थलः भारत में अगस्त 2022 को 11 और आर्द्रभूमि को शामिल किया गया। इससे भारत में कुल रामसर स्थलों की संख्या
जलवायु वित्त (Climate Finance) - (January 2023)
वित्त की आवश्यकताः पेरिस समझौते के तहत भारत के राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान को प्राप्त करने के लिए, भारत को 2015 से 2030 तक लगभग 162.5 लाख करोड़ या 11 लाख करोड़ प्रति वर्ष की आवश्यकता है। बजटीय व्ययः सरकारी बजटीय व्यय कुल हरित वित्त का लगभग 19%है और इक्विटी निवेश कुल ग्रीन फाइनेंस का 26% है। प्रमुख पहलें राष्ट्रीय स्वच्छ ऊर्जा
मौसम पूर्वानुमान - (January 2023)
विज्ञान तथा तकनीक की सहायता से तापमान, वर्षा तथा वायु की दिशा एवं वेग की भविष्यवाणी करना मौसम पूर्वानुमान (Weather Forecast) कहलाता है। भारत में यह कार्य भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (मुख्यालय दिल्ली) द्वारा किया जाता है। मौसम पूर्वानुमान के प्रकार लघु अवधि पूर्वानुमान (Short Range Forecasting): 1-2 दिनों के लिए। मध्यम अवधि पूर्वानुमान (Medium Range Forecasting): 3-4 दिन से 2 सप्ताह
नगरीय ऊष्मा द्वीप - (January 2023)
स्थानीय एवं अस्थायी घटना के रूप में जब किसी नगरीय क्षेत्र का तापमान अपने आसपास के क्षेत्रों की तुलना में अधिक हो जाता है तो यह घटना ‘नगरीय ऊष्मा द्वीप’ (Urban Heat Island) कहलाती है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-खड़गपुर (IIT, Kharagpur) द्वारा वर्ष 2020 में ‘भारत में नगरीय ऊष्मा द्वीपों के विस्तार में मानवजनित कारक’ (Anthropogenic factors in the expansion of urban
हिन्द महासागर द्विध्रुव - (January 2023)
पश्चिमी तथा पूर्वी हिंद महासागर का बारी-बारी से गर्म एवं ठंडा होना हिंद महासागर द्विध्रुव (Indian Ocean Dipole-IOD) कहलाता है। IOD के सकारात्मक चरण में अत्यधिक वृद्धि हो जाती है, जबकि IOD के नकारात्मक चरण में तापमान में कमी दिखाई देती है। ऑस्ट्रेलियाई मौसम विज्ञान ब्यूरो (Australian Bureau of Meteorology) के अनुसार वर्ष 1960 के बाद से अब तक IOD की
वनाग्नि - (January 2023)
प्राकृतिक अथवा मानव निर्मित कारकों के कारण जंगली क्षेत्रों में झाड़ियों में अप्रत्याशित रूप से लगने वाली आग को वनाग्नि के रूप में जाना जाता है। लंबे समय का शुष्क एवं गर्म मौसम, आकाशीय बिजली का गिरना तथा मानवीय गतिविधियां वनाग्नि के लिए उत्तरदाई कारकों में प्रमुख हैं। भारतीय वन सर्वेक्षण के अनुसार 30 मार्च, 2022 तक भारत में कुल 381
भूस्खलन - (January 2023)
भूस्खलन को सामान्य रूप से अपक्षय की प्रक्रिया तथा गुरुत्वाकर्षण बल के कारण किसी ढाल से शैल (Rock), मलबा (Debris) अथवा मिट्टी (Soil) के बृहत संचलन (Mass Movement) के रूप में परिभाषित किया जाता है। भूस्खलन के प्रकारों में सामान्य रूप से गिरना (Fall), लटकना (Topple), फिसलना (Slide), प्रसार (Spread) तथा प्रवाह (Flow) को शामिल किया जाता है। भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI)
समुद्री जल स्तर में वृद्धि - (January 2023)
सितंबर 2021 में प्रकाशित इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज (IPCC) असेसमेंट रिपोर्ट- ‘क्लाइमेट चेंज 2021: द फिजिकल साइंस बेसिस’ (Climate Change 2021: The Physical Science Basis) ने वैश्विक स्तर पर तापमान में वृद्धि तथा परिणाम स्वरूप ग्लेशियर के पिघलने से समुद्री जल स्तर में होने वाली वृद्धि पर चिंता व्यक्त की है। रिपोर्ट के अनुसार अगले कुछ दशकों में भारत के
मेघ प्रस्फ़ुटन - (January 2023)
एक सीमित क्षेत्र में छोटी अवधि के दौरान भारी वर्षा की घटना को ‘बादल का फटना’ (Cloudburst) कहा जाता है। लगभग 10 किमी × 10 किमी के क्षेत्र में एक घंटे में 10 सेमी या उससे अधिक की वर्षा को बादल फटने की घटना के रूप में वर्गीकृत किया जाता है। इस प्रकार, परिभाषा के अनुसार किसी क्षेत्र में आधे घंटे
चक्रवात - (January 2023)
अत्यधिक कम दबाव वाले क्षेत्र में जब वायु किसी केंद्र के चतुर्दिक घूर्णन करते हुए आगे बढ़ती है तो ऐसी प्राकृतिक दशा को चक्रवात कहा जाता है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) द्वारा चक्रवातों को उनकी ‘अधिकतम निरंतर सतह पर प्रवाहित वायु की गति’ (Maximum Sustained Surface Wind Speed-MSW) की गति के आधार पर चार समूहों (गंभीर (48-63 समुद्री मील का
बाढ़ आपदा - (January 2023)
मानव अथवा प्राकृतिक कारणों से जल का प्रवाह बाढ़ कहलाता है। इससे एक सीमित समय में कोई भी स्थलीय भाग जलमग्न हो जाता है। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) के अनुसार भारत बाढ़ के प्रति अत्यधिक संवेदनशील है। भारत के संपूर्ण भौगोलिक क्षेत्र में से लगभग 40 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र बाढ़ से प्रभावित है। सरकारी अनुमानों के अनुसार देश में प्रत्येक वर्ष
महत्वपूर्ण खनिज - (January 2023)
महत्वपूर्ण खनिजों (Critical Minerals) में ऐसे धात्विक एवं गैर धात्विक तत्वों को शामिल किया जाता है, जो आधुनिक तकनीकों, अर्थव्यवस्थाओं तथा राष्ट्रीय सुरक्षा हेतु आवश्यक माने जाते हैं। सीमित तथा स्थान विशिष्ट उपलब्धता के कारण इनकी आपूर्ति श्रृंखला के बाधित होने का जोखिम बने रहने के कारण भी इन्हें महत्वपूर्ण माना जाता है। ग्रेफाइट, लिथियम और कोबाल्ट तथा निकेल जैसे तत्व
मरुस्थलीकरण - (January 2023)
मरुस्थलीकरण एक प्रक्रिया है, जिसमें प्राकृतिक अथवा मानव निर्मित कारकों के कारण भूमि की शुष्कता में वृद्धि होती है, शुष्क एवं अर्द्ध-शुष्क भूमि का विस्तार होता है तथा मृदा जैविक उत्पादकता में कमी आती है। मरुस्थलीकरण की अधिक व्यापकता के कारण अंततः रेगिस्तान का निर्माण होता है। संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन टू कॉम्बैट डेजर्टिफिकेशन (UNCCD) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार पिछले एक
भूमिगत जल - (January 2023)
जुलाई 2022 में केंद्रीय भूजल बोर्ड (CGWB) द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार भारत में निष्कासित समस्त भूजल का लगभग 89% भाग का उपयोग सिंचाई गतिविधियों में किया जाता है। भारत में कृषि भूमि की सिंचाई हेतु प्रतिवर्ष लगभग 230 बिलियन मीटर क्यूबिक भूजल का निष्कासन किया जाता है। सिंचाई के पश्चात भूजल का सर्वाधिक उपयोग घरेलू कार्यों (9%) तथा औद्योगिक
साइबर सुरक्षा - (January 2023)
साइबर-भौतिक प्रणालियों (Cyber-Physical Systems) और महत्त्वपूर्ण सूचना अवसंरचना के उपयोग की एक ऐसी प्रक्रिया, जिसमें विभिन्न तकनीकों के माध्यम से कंप्यूटर, नेटवर्क, प्रोग्राम और डेटा को अनधिकृत पहुंच या हमलों से बचाया जाता है, साइबर सुरक्षा कहलाती है। सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 के अंतर्गत ‘महत्त्वपूर्ण सूचना अवसंरचना’ (Critical Information Infrastructure) को एक कंप्यूटर संसाधन (Computer Resources) के रूप में परिभाषित किया
क्रिप्टोकरेंसी - (January 2023)
क्रिप्टोकरेंसी एक प्रकार की डिजिटल करेंसी (मुद्रा) होती है, जिसमें लेन-देन संबंधी सभी जानकारियों को कूटबद्ध (Encrypt) तरीके से विकेंद्रित डेटाबेस (Decentrelised Database) में सुरक्षित रखा जाता है। वर्तमान में विश्व भर में 1500 से अधिक क्रिप्टोकरेंसी प्रचलित हैं। लिब्रा, बिटकॉइन, एथरियम (Ethereum) आदि क्रिप्टोकरेंसी के कुछ उदाहरण हैं। क्रिप्टोकरेंसी तथा भारत केंद्रीय बजट 2022-23 में सरकार ने एक डिजिटल मुद्रा पेश
रक्षा स्वदेशीकरण - (January 2023)
रक्षा स्वदेशीकरण (Defense Indigenization) एक प्रक्रिया है, जिसके अंतर्गत रक्षा उपकरणों की आयात निर्भरता को कम करने के साथ-साथ देश के अंदर ही रक्षा उपकरणों का विकास एवं निर्माण करके आत्मनिर्भरता प्राप्त करने का प्रयास किया जाता है। स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीटड्ढूट (SIPRI) द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार हथियार उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के दृष्टिकोण से
आयरन डोम एयर डिफ़ेंस सिस्टम (ADS) - (January 2023)
आयरन डोम एयर डिफेंस सिस्टम (Iron Dome Air Defence System-ADS) एक छोटी दूरी का एयर डिफेंस सिस्टम हैं, जो जमीन से हवा में मार करता है। इसे राफेल एडवांस्ड डिफेंस सिस्टम (Rafael Advanced Defense System-RADS) और इजरायल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज (Israel Aerospace Industries-IAI) द्वारा विकसित किया गया है तथा इसे सर्वप्रथम वर्ष 2011 में तैनात किया गया था। इजरायली सैन्य राजनयिक आंकड़ों
स्मार्ट एंटी एयरफ़ील्ड वेपन - (January 2023)
जनवरी 2021 में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा स्वदेशी रूप से निर्मित स्मार्ट एंटी एयरफील्ड वेपन (Smart Anti-Airfield Weapon- SAAW) का सफल ‘कैप्टिव एंड रिलीज’ (Captive and Release) उड़ान परीक्षण किया गया। यह परीक्षण हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के हॉक- I विमान के जरिये किया गया था। इस हथियार प्रणाली का संबंध ग्लाइड बम श्रेणी (Glide Bomb Range) से
हाइपरसोनिक मिसाइल - (January 2023)
हाइपरसोनिक मिसाइल एक ऐसी हथियार प्रणाली है, जो मैक 5 (Mach 5) अथवा इससे अधिक की गति से उड़ान भरती है। ध्वनि की गति मैक 1 होती है, इससे ऊपर की गति वाली मिसाइल को सुपरसोनिक मिसाइल कहते हैं, जबकि मैक 5 (ध्वनि की गति से 5 गुना) से ऊपर की गति वाली मिसाइल हाइपरसोनिक कहलाती हैं। संबंधित देशः अमेरिका, रूस
कुल प्रजनन दर - (January 2023)
कुल प्रजनन दर (TFR) का तात्पर्य उन बच्चों की कुल संख्या से है, जो किसी महिला के अपने जीवनकाल में जन्म लेते हैं अथवा जन्म लेने की संभावना होती है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS 2019-21) के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार भारत में कुल प्रजनन दर वर्ष 2015-16 की (2.2) तुलना में कम होकर 2.0 तक पहुंच गई है। कुल प्रजनन दर
भारत में मातृ मृत्यु दर - (January 2023)
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार गर्भवती होने पर अथवा गर्भावस्था की समाप्ति के 42 दिनों के भीतर आने वाली महिलाओं की मृत्यु को मातृ मृत्यु में शामिल किया जाता है। रजिस्ट्रार जनरल के सैंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (SRS) के कार्यालय के अनुसार भारत में मातृ मृत्यु दर में वर्ष 2016-17 की (113) तुलना में वर्ष 2017-18 में (103) 8.8% की गिरावट देखने
शिशु मृत्यु दर - (January 2023)
नमूना पंजीकरण प्रणाली (SRS) सांख्यिकीय रिपोर्ट-2020 के अनुसार भारत में वर्ष 2014 के बाद से ‘शिशु मृत्यु दर (IMR), 5 वर्ष से कम बच्चों की मृत्यु दर (U5MR) तथा नवजात मृत्यु दर (NMR) में में कमी आई है। IMR वर्ष 2019 (30 प्रति 1000 जीवित जन्म) से घटकर वर्ष 2020 में 28 प्रति 1000 जीवित जन्म हो गई है। U5MR बालिकाओं (31)
सेरोगेसी - (January 2023)
सरोगेसी को एक ऐसी प्रथा के रूप में परिभाषित किया जाता है जिसमें इच्छुक दंपत्ति के लिए कोई अन्य महिला बच्चे को जन्म देती है तथा जन्म के पश्चात बच्चा दंपत्ति को सौंप दिया जाता है। भारत अंतरराष्ट्रीय सरोगेसी के लिए सबसे लोकप्रिय स्थल के रूप में उभरा है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2018 में भारत में जन्म लेने वाले
स्वच्छता - (January 2023)
जल शक्ति मंत्रालय द्वारा 2 अक्टूबर, 2022 को ‘स्वच्छ भारत दिवस’ का आयोजन किया गया। ध्यान रहे कि 2 अक्टूबर 2014 स्वच्छ भारत मिशन आरंभ किया गया था। इसके तहत 2 अक्टूबर, 2019 तक स्वच्छ भारत की परिकल्पना को साकार करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। वर्ष 2014 में ‘स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण’ की शुरुआत के बाद से 11 करोड़ से
भुखमरी - (January 2023)
विटामिन, पोषक तत्वों और ऊर्जा अंतर्ग्रहण की गंभीर कमी को भुखमरी कहते हैं। इसे कुपोषण का सर्वाधिक चरम रूप माना जाता है। खाद्य और कृषि रिपोर्ट, 2018 के अनुसार विश्व के कुल भुखमरी के शिकार लोगों में से 24% लोग भारत में रहते हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य सर्वेक्षण, 2017 में यह पाया गया कि देश में लगभग 19 करोड़ लोग प्रत्येक रात
कुपोषण - (January 2023)
कुपोषण के अंतर्गत अल्पपोषण (वेस्टिंग, स्टंटिंग, कम वजन), अपर्याप्त विटामिन या खनिज, अधिक वजन, मोटापा तथा परिणामस्वरूप आहार संबंधी गैर-संचारी रोगों को शामिल किया जाता है। द स्टेट ऑफ फूड सिक्योरिटी एंड न्यूट्रिशन इन द वर्ल्ड 2020 रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2016 में भारत में प्रजनन आयु की लगभग 51.4 प्रतिशत महिलाएं एनीमिया से पीड़ित पाई गई। लगभग 60 मिलियन बच्चों (भारत
रोगाणुरोधी प्रतिरोधा - (January 2023)
WHO के अनुसार AMR वैश्विक स्तर पर प्रतिवर्ष लगभग 7,00,000 मौतों के लिए उत्तरदायी है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के अनुमान बताते हैं कि भारत में प्रतिवर्ष 60,000 नवजात शिशुओं की एंटीबायोटिक-प्रतिरोधी संक्रमणों के कारण मृत्यु हो जाती है। जब किसी भी सूक्ष्मजीव (बैक्टीरिया, वायरस, कवक, परजीवी, आदि) द्वारा एंटीमाइक्रोबियल दवाओं (एंटीबायोटिक्स, एंटीफंगल, एंटीवायरल, एंटीमाइरियल और एंटीहेलमिंटिक्स) जिनका उपयोग संक्रमण के
गेमिंग डिसऑर्डर - (January 2023)
डब्ल्यूएचओ के अनुसार गेमिंग डिसऑर्डर, गेमिंग व्यवहार (डिजिटल-गेमिंग या वीडियो-गेमिंग) का एक प्रतिरूप है। इसके अंतर्गत अन्य क्रियाकलापों की तुलना में किसी भी गेम खेलने की प्राथमिकता इस सीमा तक बढ़ जाती है कि यह दैनिक दिनचर्या से अधिक वरीयता ग्रहण कर लेता है। ऑल इंडिया गेमिंग फेडरेशन के अनुसार, भारत का ऑनलाइन गेमिंग उद्योग 2023 तक 15,500 करोड़ रुपये का
उपेक्षित उष्णकटिबंधाीय रोग - (January 2023)
उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोग (NTD) संक्रमण के एक ऐसे समूह को कहा जाता है, जो उष्णकटिबंधीय देशों विशेषकर अफ्रीका, एशिया और अमेरिका के विकासशील क्षेत्रों में हाशिये पर रहने वाले समुदायों को सामान्य रूप से प्रभावित करता है। वैश्विक स्तर पर लगभग 20 NTD की पहचान की गई है, जो दुनिया भर में 1-7 बिलियन से अधिक लोगों को प्रभावित करते हैं।
सार्वभौमिक टीकाकरण - (January 2023)
सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम का विस्तार करते हुए टीकाकरण कवरेज में तेजी लाने के लिये वर्ष 2014 में ‘मिशन इंद्रधनुष’ की परिकल्पना की गई थी। अप्रैल 2021 तक मिशन इंद्रधनुष के विभिन्न चरणों के दौरान कुल 3.86 करोड़ बच्चों और 96.8 लाख गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण किया जा चुका है। 12.23 महीने की उम्र के बच्चों का पूर्ण टीकाकरण कवरेज 62% (NFHS-4)
बीसीजी (बैसिलस चाल्मेट-गुएरिन) टीका - (January 2023)
बैसिलस कैलमेट-गुएरिन (BCG) टीका मुख्य रूप से तपेदिक (TB) के खिलाफ इस्तेमाल किया जाने वाला टीका है। इसे सर्वप्रथम 18 जुलाई, 1921 को अपनाया गया था। वर्तमान में बीसीजी वैक्सीन टीबी की रोकथाम के लिए उपलब्ध एकमात्र लाइसेंस प्राप्त टीका है। डब्ल्यूएचओ की ग्लोबल टीबी रिपोर्ट के अनुसार, 2019 में 10 मिलियन लोगों में टीबी के मामले दर्ज किए गए। इनमें से
न्यूमोकोकल कॉन्जुगेट वैक्सीन - (January 2023)
स्ट्रेप्टोकोकस न्यूमोनिया (Streptococcus Pneumoniae) अथवा न्यूमोकोकस बैक्टीरिया के कारण होने वाले संक्रमण न्यूमोकोकल रोग कहलाते हैं। वर्ष 2017: न्यूमोकोकल कंजुगेट वैक्सीन भारत के सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम (UIP) में शामिल। दिसंबर 2020: भारत की पहली स्वदेशी रूप से विकसित ‘न्यूमोकोकल कॉन्जुगेट वैक्सीन’ (Pneumococcal Conjugate Vaccine) ‘न्यूमोसिल’ (Peumosil) लॉन्च की गई। न्यूमोकोकल बैक्टीरिया से होने वाले संक्रमण निमोनिया, कान के संक्रमण, साइनस संक्रमण, मेनिनजाइटिस (मस्तिष्क और रीढ़
आत्महत्या से होने वाली मृत्यु - (January 2023)
वर्ष 2021 में प्रकाशित ‘भारत में राष्ट्रीय आत्महत्या रोकथाम रणनीतिः संदर्भ और तत्काल कार्रवाई के लिए विचार’ (The national suicide prevention strategy in India: Context and considerations for urgent action) नामक लैंसेट की एक रिपोर्ट में यह पाया गया कि वैश्विक स्तर पर सर्वाधिक आत्महत्याएं भारत में हो रही हैं। इस रिपोर्ट के अनुसार पिछले एक दशक में गिरावट आने के
आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग हेतु आरक्षण - (January 2023)
9 जनवरी, 2019 को संसद द्वारा 103वां संविधान संशोधन अधिनियम 2019 पारित किया गया। यह अधिनियम अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) तथा सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्गों (SEBC) के लिये 50% आरक्षण नीति के तहत कवर नहीं किये गए गरीबों के कल्याण को बढ़ावा देने हेतु (10% आरक्षण) अधिनियमित किया गया है। आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के
मानव संसाधान प्रबंधान - (January 2023)
मानव संसाधन प्रबंधन एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसके अंतर्गत भर्ती, चयन तथा प्रशिक्षण की उपयुक्त विधियों के माध्यम से लोगों को सही समय तथा उचित स्थान पर नियोजित किया जाता है। आर्थिक सर्वेक्षण 2018-19 के अनुसार भारत का जनसांख्यिकीय लाभांश वर्ष 2041 के आसपास चरम पर होगा, जब जनसंख्या में कामकाजी उम्र का हिस्सा (अर्थात 20-59 साल) के 59% तक पहुंचने
शहरी गरीबी - (January 2023)
ग्रामीण-शहरी प्रवास से उत्पन्न अनियंत्रित शहरीकरण के कारण भारत में शहरी जनसंख्या में तीव्र गति से वृद्धि हो रही है। 2011 की जनगणना के अनुसार भारत की जनसंख्या का लगभग 31.16% भाग शहरी क्षेत्रों में निवास करता है। संयुक्त राष्ट्र विश्व जनसंख्या स्थिति रिपोर्ट (2007) के अनुसार वर्ष 2030 तक भारत की 40.76 प्रतिशत आबादी शहरी क्षेत्रों में निवास करेगी। वर्ष
मैनुअल स्कैवेंजिंग - (January 2023)
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा जुलाई, 2019 में जानकारी दी गई कि देश के 18 राज्यों के 170 जिलों में हाथ से मैला सफाई के 54,130 मामले दर्ज किए गए हैं। सामाजिक आर्थिक जाति जनगणना, 2011 के तहत देशभर में लगभग 1.8 लाख परिवार अपनी आजीविका हेतु हाथ से मैला ढोने की प्रथा में संलग्न पाए गए। जनगणना, 2011 में हाथ
बेघर आबादी - (January 2023)
वर्ष 2011 की जनगणना के अंतर्गत बेघर लोगों के संबंध में प्रस्तुत किये गए आंकड़ों में उन लोगों को शामिल किया गया है, जो कि ऐसे स्थानों में रहते हैं, जहां छत नहीं है। राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण के 76वें दौर (जुलाई-दिसंबर 2018) की पेयजल, स्वच्छता, स्वच्छता और आवास की स्थिति (Report of drinking water, Sanitation, Hygiene and Housing Condition) सर्वेक्षण रिपोर्ट
ड्रग अब्युसिंग और ट्रैफि़किंग - (January 2023)
वर्ष 2019 में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) द्वारा जारी रिपोर्ट ‘मैग्नीटड्ढूड ऑफ सब्सटेंस यूज इन इंडिया’ (Magnitude of Substance Use in India) के अनुसार- भारत में शराब सबसे अधिक उपयोग किया जाने वाला नशीला पदार्थ है। लगभग 5 करोड़ भारतीय भांग और ओपिओइड (Cannabis and Opioids) का उपयोग करते हैं। लगभग 8.5 लाख लोग ड्रग्स का इंजेक्शन (Drug Injection) लेते हैं।
मानव तस्करी - (January 2023)
ड्रग्स और अपराध पर संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (UNODC) के अनुसार ‘शोषण, जबरन श्रम, वेश्यावृत्ति एवं स्वार्थपूर्ण लाभ हेतु किसी भी व्यक्ति की बल अथवा धोखाधड़ी के माध्यम से भर्ती, परिवहन, शरण एवं स्थानांतरण की प्रक्रिया मानव तस्करी कहलाती है। NCRB के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2018 (5,788) एवं 2017 (5,900) की तुलना में वर्ष 2019 में देश में कुल 6,616 मानव
ट्रांसजेंडर - (January 2023)
ऐसे व्यक्ति जिनका लिंग जन्म के समय नियत लिंग (पुरुष एवं महिला) से मेल नहीं खाता है, ट्रांसजेंडर व्यक्ति कहलाते हैं। इनमें ट्रांस-मेन (परा-पुरुष) और ट्रांस-वूमेन (परा-स्त्री), इंटरसेक्स भिन्नताओं और जेंडर क्वीर (Queer) जैसे लोगों को शामिल किया जाता है। 2011 की जनगणना के अनुसार देश में ट्रांसजेंडर व्यक्तियों की कुल जनसंख्या 4.88 लाख है। यह संख्या उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक
वृद्ध व्यक्ति - (January 2023)
राष्ट्रीय बुजुर्ग नीति (National Elderly Policy) के अनुसार 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के प्रत्येक व्यक्ति को बुजुर्ग माना जाता है। प्रधान मंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (EAC-PM) द्वारा जारी किए गए ‘बुजुर्गों के लिए जीवन की गुणवत्ता सूचकांक-2021’ (Quality of Life for Elderly Index) के अनुसार देश की जनसंख्या में वरिष्ठ नागरिकों का अनुपात के 2001 में 7.5% से
दिव्यांगजन - (January 2023)
दिव्यांगता एक अंब्रेला शब्द है, जिसमें शारीरिक अक्षमता के कारण भागीदारी तथा अन्य गतिविधियों में विभिन्न प्रकार के प्रतिबंधों का सामना करने वाले व्यक्तियों को शामिल किया जाता है। वर्ष 2011 की जनगणना में देश की 121 करोड़ की कुल जनसंख्या में से लगभग 2-68 करोड़ व्यक्ति (कुल जनसंख्या का 2-21%) ‘दिव्यांग’ पाए गए। 2-68 करोड़ दिव्यांग लोगों में से 1-5
दत्तक ग्रहण - (January 2023)
भारत में, एक भारतीय नागरिक अथवा एक अनिवासी भारतीय (NRI) ‘हिंदू दत्तक ग्रहण और रख-रखाव अधिनियम-1956’ तथा अभिभावक और वार्ड अधिनियम-1890 के तहत एक बच्चे को गोद ले सकते हैं। संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) के अनुसार, भारत में 2-96 करोड़ बच्चे अनाथ अथवा परित्यक्त हैं। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की वार्षिक रिपोर्ट-2020-21 में कहा कि देश में 7,164 बाल देखभाल
घरेलू हिंसा - (January 2023)
कोई भी ऐसा कार्य जो किसी महिला एवं बच्चे के स्वास्थ्य, सुरक्षा, आर्थिक क्षति, अपमान एवं जीवन के समक्ष संकट उत्पन्न करे, घरेलू हिंसा कहलाता है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 के अनुसार महिलाओं के विरुद्ध घरेलू हिंसा के मामलों में कर्नाटक (48%) सर्वोच्च, जबकि बिहार दूसरे स्थान पर है। इस संदर्भ में लक्षद्वीप की महिलाओं (2.1%) द्वारा घरेलू हिंसा के सबसे
बाल श्रम - (January 2023)
अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) के अनुसार ऐसी स्थिति जिसमें बच्चों को उनके बचपन तथा गरिमा से वंचित करते हुए विभिन्न कार्यों में नियोजित किया जाता है, बाल श्रम कहलाता है। बाल श्रम के कारण बच्चों का शारीरिक एवं मानसिक विकास बाधित होता है। 2011 की जनगणना के अनुसार, 5-14 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों की कुल संख्या 259.6 मिलियन थी,
बाल विवाह - (January 2023)
वैधानिक उम्र (भारत में 18 वर्ष लड़कियों के लिए तथा 21 वर्ष लड़कों के लिए) से पूर्व बच्चों के विवाह की स्थिति को बाल विवाह कहा जाता है। NFHS-5: 18 से 29 वर्ष आयु की लगभग 25% महिलाओं का विवाह 18 वर्ष की कानूनी आयु से पहले हो जाता है। बाल विवाह का सर्वाधिक प्रसार पश्चिम बंगाल (42%) में है, इसके बाद
आंतरिक प्रवासन - (January 2023)
प्रवासन के लिए अंतर्राष्ट्रीय संगठन-संयुक्त राष्ट्र प्रवासन एजेंसी (UNMA) द्वारा एक प्रवासी को किसी भी ऐसे व्यक्ति के रूप में परिभाषित किया जाता है, जो अपने निवास स्थान से दूर किसी अंतरराष्ट्रीय सीमा अथवा राज्य के भीतर स्थानांतरित होता है। ‘भारत में प्रवासन रिपोर्ट 2020-21’ (सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय-MoSPI) के अनुसार देश में जुलाई-जून 2020-21 में अखिल भारतीय प्रवासन दर
लैंगिक असमानता - (January 2023)
लैंगिक असमानता को महिलाओं एवं पुरुषों के मध्य सामाजिक, राजनीतिक, बौद्धिक, सांस्कृतिक अथवा राजनीतिक उपलब्धियों में व्याप्त अंतर के रूप में जाना जाता है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा जुलाई 2020 से जून 2021 के लिए जारी किए गए आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण में यह पाया गया कि ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं (2.1%) की तुलना में पुरुषों के लिए बेरोजगारी दर (3.9%)
बहुआयामी गरीबी - (January 2023)
वैश्विक बहुआयामी गरीबी सूचकांक-2022 के अनुसार विश्व में सर्वाधिक बहुआयामी गरीब जनसंख्या भारत (228.9 मिलियन) में रहती है। ‘ऑक्सफोर्ड पॉवर्टी एंड ह्यूमन डवलपमेंट इनीशिएटिव’ (Oxford Poverty and Human Development Initiative-OPHI) के अनुसार बहुआयामी गरीबी के निर्धारण में लोगों द्वारा दैनिक जीवन में अनुभव किये जाने वाले सभी अभावों/कमियों को समाहित किया जाता है। नीति आयोग द्वारा नवंबर, 2021 में जारी किए
बंदरगाह विकास - (January 2023)
अंतरराष्ट्रीय समुद्री व्यापार मार्गः भारत के पास 7,500 किमी लंबी तटरेखा, 14,500 किमी संभावित नौगम्य जलमार्ग और प्रमुख अंतरराष्ट्रीय समुद्री व्यापार मार्ग विद्यमान है। देश में 12 प्रमुख बंदरगाह और 200 छोटे बंदरगाह हैं। समुद्री परिवहनः मात्रा के हिसाब से भारत का लगभग 95% व्यापार और मूल्य के हिसाब से 65% बंदरगाहों द्वारा सुगम समुद्री परिवहन के माध्यम से किया जाता
एयरपोर्ट अवसंरचना - (January 2023)
वृद्धि एवं लक्ष्यः भारत में नागरिक उîóयन उद्योग पिछले 3 वर्षों के दौरान देश में सबसे तेजी से बढ़ते उद्योगों में से एक के रूप में उभरा है। भारत का लक्ष्य 2024 तक विश्व स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा विमानन बाजार बनना है। कुल संख्याः भारत में 464 हवाई अîóे और हवाई पट्टियां हैं, जिनमें से 125 हवाई अîóों का स्वामित्व
अंतर्देशीय जलमार्ग - (January 2023)
नेटवर्कः भारत में नदियों, नहरों, बैकवाटर और खाड़ियों के रूप में अंतर्देशीय जलमार्गों का एक व्यापक नेटवर्क है। कुल लम्बाईः कुल नौगम्य लंबाई 14,500 किमी है, जिसमें से लगभग 5,200 किमी नदी और 4,000 किमी नहर जलमार्ग का उपयोग यंत्रीकृत नौकाओं द्वारा किया जा सकता है। अंतर्देशीय जलमार्ग देश के परिवहन में लगभग 1% का ही योगदान करते हैं। प्रमुख पहलें अंतर्देशीय पोत
धार्मिक सर्किट - (January 2023)
केंद्र सरकार 2047 तक पर्यटन क्षेत्र के माध्यम से 1 ट्रिलियन डॉलर प्राप्त करने का लक्ष्य रखती है। इसी के कारण भारत सरकार धार्मिक सर्किट के जरिए सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा देना चाहती है। प्रमुख पहलें बौद्ध सर्किटः इसकी शुरुवात 2016 में की गई थी। बौद्ध सर्किट एक मार्ग है, जो बुद्ध के जीवन संबंधी स्थानों को शामिल करता है। इन स्थानों में
लॉजिस्टिक्स - (January 2023)
सकल घरेलू उत्पादः भारतीय रसद क्षेत्र का मूल्य 150 बिलियन अमेरिकी डॉलर है, जो देश के सकल घरेलू उत्पाद में 14.4% का योगदान देता है। रोजगारः 22 मिलियन से अधिक लोग अपनी आय के लिए लॉजिस्टिक्स क्षेत्र पर निर्भर हैं। व्ययः लॉजिस्टिक्स क्षेत्र 15% की दर से बढ़ रहा है। भारत अपने सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 14.4% लॉजिस्टिक्स पर खर्च करता
रेलवे अवसंरचना - (January 2023)
जीडीपी में योगदानः भारत में रेलवे क्षेत्र का लक्ष्य अर्थव्यवस्था के मॉडल माल ढुलाई के 45% का समर्थन करने के लिए बुनियादी ढांचे का निर्माण करके देश के सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 1.5% योगदान देता है। क्षमताः भारतीय रेलवे दुनिया के सबसे बड़े रेल नेटवर्क में से एक है। भारतीय रेल मार्ग की लंबाई का नेटवर्क लगभग 1,23,236 किमी में
घरेलू व्यवस्थित रूप से महत्वपूर्ण बैंक - (January 2023)
घरेलू व्यवस्थित रूप से महत्वपूर्ण बैंक (Domestic Systemically Important Banks) ऐसे बैंक होते हैं ‘टू बिग टू फेल’ की अवधारणा पर आधारित हैं। भारतीय रिजर्व बैंक ‘घरेलू व्यवस्थित रूप से महत्वपूर्ण बैंकों’ (DSIB) को आकार, जटिलता, प्रतिस्थापन की कमी और बैंकों की परस्पर संबद्धता, राज्य की रिपोर्ट जैसे कारकों पर विचार करने के बाद अंतिम रूप देता है। प्रमुख पहलें फ्रेमवर्कः भारतीय रिजर्व
सरकारी प्रतिभूतियां - (January 2023)
रिजर्व बैंक के अनुसार 30 सितंबर, 2021 को 15,000 करोड़ रुपए की कुल राशि के लिए जी-सेक अधिग्रहण कार्यक्रम (G-sec Acquisition Programme 2.0) के तहत सरकारी प्रतिभूतियों की खुले बाजार में खरीदारी करेगा। प्रमुख पहलें भारतीय रिजर्व बैंक की घोषणाः 31 अगस्त, 2021 को आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास द्वारा घोषणा की गई कि केंद्रीय बैंक भारत की सरकारी प्रतिभूतियों में लेन-देन
इनसाइडर ट्रेडिंग - (January 2023)
इनसाइडर ट्रेडिंग, एक कंपनी के अंदरूनी सूत्रों द्वारा इक्विटी और बॉन्ड जैसी प्रतिभूतियों को बेचने या खरीदने का कदाचार है। इनसाइडर ट्रेडिंग बाजार में मौजूद सबसे गंभीर कदाचारों में से एक है। प्रमुख पहलें परामर्श पत्रः भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने एक परामर्श पत्र में, इनसाइडर ट्रेडिंग नियमों के तहत म्यूचुअल फंड इकाइयों में लेनदेन को शामिल करने का प्रस्ताव
सीमांत स्थायी सुविधा - (January 2023)
30 सितंबर, 2022 को मौद्रिक नीति समिति द्वारा चलनिधि समायोजन सुविधा (Liquidity Adjustment Facility) के तहत पॉलिसी रेपो दर को 50 आधार अंकों से बढ़ाकर 5.40 प्रतिशत से 5.90 प्रतिशत करने का निर्णय लिया गया है। नतीजतन, स्थायी जमा सुविधा दर और सीमांत स्थायी सुविधा दर तत्काल प्रभाव से क्रमशः 5.65 प्रतिशत और 6.15 प्रतिशत पर समायोजित हो गई। प्रमुख पहलें बेहतर तरलता
तरलता समायोजन सुविधाखा - (January 2023)
5 अगस्त, 2022 को मौद्रिक नीति समिति ने अपनी बैठक में तरलता समायोजन सुविधा (Liquidity Adjustment Facility) के तहत पॉलिसी रेपो दर को तत्काल प्रभाव से 50 आधार अंक बढ़ाकर 5.40% कर दिया है। प्रमुख पहलें क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के लिए बेहतर तरलता प्रबंधन की सुविधाः दिसंबर 2020 में भारतीय रिजर्व बैंक ने क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को बेहतर तरलता प्रबंधन की सुविधा
सोशल स्टॉक एक्सचेंज - (January 2023)
भारत 2 मिलियन से अधिक सामाजिक उद्यमों का घर है, इसलिए सामाजिक स्टॉक एक्सचेंज पर गैर-लाभकारी संगठनों की सूची के बारे में सिफारिशों के लिए योजना बनाने की आवश्यकता है। प्रमुख पहलें विशेषज्ञ समितिः हाल ही में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड द्वारा सोशल स्टॉक एक्सचेंज पर समिति हर्ष कुमार भनवाला की अध्यक्षता में गठित विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट को सार्वजनिक किया
ग्रीन बॉन्ड - (January 2023)
ग्रीन बॉन्ड की कुल राशिः नाइट फ्रैंक की रिपोर्ट के अनुसार 2021 में जारी किए गए ग्रीन बॉन्ड की कुल राशि के मामले में भारत एशिया-प्रशांत क्षेत्र में छठा सबसे बड़ा देश बनकर उभरा है। भारत से ग्रीन बॉन्ड जारी करना 2020 के मुकाबले 523% बढ़कर 2021 में 6.8 बिलियन डॉलर हो गया। धनराशिः भारतीय कंपनियों ने 2021 में ईएसजी (पर्यावरण, सामाजिक
ब्लू बॉन्ड - (January 2023)
उत्प्रेरकः भारत में 7,500 किलोमीटर लंबी समुद्र तट और 14,500 किलोमीटर का नौगम्य अंतर्देशीय जलमार्ग है, जो नीली अर्थव्यवस्था के विकास हेतु उत्प्रेरक के रूप में काम कर सकता है। नीली अर्थव्यवस्थाः सेबी के अनुसार वर्तमान में नीली अर्थव्यवस्था में भारत की अर्थव्यवस्था का 4.1 प्रतिशत शामिल है। प्रमुख पहलें सेबी का प्रस्तावः हाल ही में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड ने ‘धारणीय
ई-रूपी - (January 2023)
फरवरी 2022 को भारतीय रिजर्व बैंक ने सरकार द्वारा जारी किए गए ई-रूपी वाउचर की सीमा 10,000 रुपए से बढ़ाकर 1 लाख रुपए प्रति वाउचर कर दी है। ई-रूपी वाउचर कैप को 1 लाख रुपए तक बढ़ाने से ऑफलाइन मोड में डिजिटल भुगतान को बढ़ावा मिलेगा और बिना बैंक खाता के सीधे लाभ हस्तांतरण की अनुमति होगी। प्रमुख पहलें ई-रूपीः 2 अगस्त, 2021
माइक्राफ़ेाइनेंस - (January 2023)
सकल ऋण पोर्टफोलियोः 15 जून, 2022 को उद्योग संघ माइक्रोफाइनेंस इंस्टीटड्ढूशंस नेटवर्क द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, भारत के माइक्रोफाइनेंस उद्योग का सकल ऋण पोर्टफोलियो 2021-22 में 10% बढ़कर 2.85 ट्रिलियन रुपए हो गया। वृद्धिः पिछले कुछ दशकों में माइक्रोफाइनेंस क्षेत्र तेजी से बढ़ा है और वर्तमान में इनके पास भारत की गरीब आबादी के लगभग 102 मिलियन खाते (बैंकों और
मुद्रास्फ़ीति - (January 2023)
खुदरा मुद्रास्फीतिः राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के अनुसार भारत की खुदरा मुद्रास्फीति अगस्त में 7% से बढ़कर सितंबर में 7.41% हो गई, जबकि खाद्य मूल्य मुद्रास्फीति अगस्त में 7.62% से बढ़कर सितंबर में 8.6% हो गई। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक-कृषि मजदूरः उपभोक्ता मूल्य सूचकांक-कृषि मजदूर (CPI-AL) और उपभोक्ता मूल्य सूचकांक-ग्रामीण मजदूर (CPI-RL) पर आधारित मुद्रास्फीति की बिंदु दर अक्टूबर, 2022 में 7.22% और
विदेशी मुद्रा भंडार - (January 2023)
विदेशी मुद्रा भंडारः भारतीय रिजर्व बैंक का विदेशी मुद्रा भंडार 4 नवंबर, 2022 तक 1.1 बिलियन डॉलर घटकर 529.99 बिलियन डॉलर हो गया। विदेशी मुद्रा भंडार में नवीनतम गिरावट मुख्य रूप से आरबीआई के सोने के भंडार में गिरावट के कारण थी। विदेशी मुद्रा संपत्तिः कुल विदेशी मुद्रा भंडार में से, विदेशी मुद्रा संपत्ति 470.727 अरब डॉलर थी, जबकि सोने में
गैर-निष्पादित परिसंपत्ति - (January 2023)
जोखिम भारित संपत्ति अनुपातः अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों का जोखिम भारित संपत्ति अनुपात 16-7 प्रतिशत के नए उच्च स्तर पर पहुंच गया, जबकि मार्च 2022 तक उनका सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्ति अनुपात 6 साल के निचले स्तर 5-9 प्रतिशत पर आ गया। सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्तिः आरबीआई के अनुसार मार्च 2023 तक खराब ऋणों में 5-3% तक सुधार का अनुमान लगाया है। हालांकि, मध्यम/गंभीर
ऋण-जीडीपी अनुपात - (January 2023)
वृद्धिः कोविड-19 महामारी के दौरान भारत का ऋण-जीडीपी अनुपात 74% से बढ़कर 90% हो गया। कर्ज और जीडीपी का अनुपातः एन.के. सिंह समिति के अनुसार वित्त वर्ष 2022-23 तक केंद्र सरकार के लिए कर्ज और जीडीपी का अनुपात 38.7% और राज्य सरकारों के लिए 20% होना चाहिए। राजकोषीय घाटाः सितम्बर 2022 को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा
वित्तीय समावेशन - (January 2023)
सूचकांकः 31 मार्च, 2022 को समाप्त वर्ष के लिए भारत का वित्तीय समावेशन सूचकांक वर्ष 2021 के 53.9 से बढ़कर 56.4 हो गया था। बैंक जमा खाताः प्रधान मंत्री जन धन योजना के तहत खोले गए बुनियादी बचत बैंक जमा खाता मार्च 2021 में 63.84 करोड़ से बढ़कर मार्च 2022 में 66.31 करोड़ हो गए। बैंकिंग आउटलेटः मोबाइल और इंटरनेट बैंकिंग लेनदेन
राजकोषीय घाटा - (January 2023)
सकल घरेलू उत्पादः 2022-23 में राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के 6.4% पर लक्षित है, जो 2021-22 में जीडीपी के 6.9% के संशोधित अनुमान से कम है। राजस्व और व्यय के मध्य अंतरः हाल ही में महानियंत्रक द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार अप्रैल-सितंबर की अवधि के दौरान सरकार के राजस्व और व्यय के बीच 6.19 ट्रिलियन रुपए का अंतर है,
बेरोजगारी - (January 2023)
बेरोजगारी दरः सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी के आंकड़ों के अनुसार अगस्त, 2022 में बेरोजगारी दर में 8.3 प्रतिशत की रिकॉर्ड वृद्धि के बाद, सितंबर 2022 में यह घटकर 6.43 प्रतिशत हो गई। ग्रामीण क्षेत्रों में, बेरोजगारी दर अगस्त में 7.68 प्रतिशत से घटकर सितंबर में 5.84 प्रतिशत हो गई, जबकि शहरी क्षेत्रों में 9.57 प्रतिशत से गिरकर 7.70 प्रतिशत हो
कौशल विकास - (January 2023)
औपचारिक कौशलः कौशल विकास और उद्यमिता पर राष्ट्रीय नीति पर 2015 की रिपोर्ट का अनुमान है कि जापान में 80% और दक्षिण कोरिया में 96% की तुलना में भारत में कुल कार्यबल के केवल 4.7% ने औपचारिक कौशल प्रशिक्षण प्राप्त किया था। लक्ष्यः सरकारी अनुमानों के अनुसार, देश में कुल कार्यबल के केवल 2.3 प्रतिशत ने ही औपचारिक कौशल प्रशिक्षण प्राप्त
विनिर्माण - (January 2023)
सकल मूल्य वर्द्धितः भारत में वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनने की क्षमता है। वित्त वर्ष 2022 की तीसरी तिमाहीं में मौजूदा कीमतों पर विनिर्माण सकल मूल्य वर्द्धित 77.47 बिलियन अमेरिकी डॉलर होने का अनुमान लगाया गया है। देश की जीडीपी में विनिर्माण की हिस्सेदारी लगभग 15 प्रतिशत है। रोजगारः आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार, भारत में विनिर्माण क्षेत्र में अनुमानित रोजगार 2017-18
चिकित्सा पर्यटन - (January 2023)
चिकित्सा पर्यटन उद्योगः 2022 में भारतीय चिकित्सा पर्यटन उद्योग का मूल्य 7,417 मिलियन अमेरिकी डॉलर होने का अनुमान है और 2032 तक इसके 42,237-47 मिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक होने का अनुमान है। योगदानः भारत में चिकित्सा पर्यटन उद्योग में अगले पांच वर्षों में देश के सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 25 प्रतिशत योगदान देने की क्षमता है। मूल्यः भारत में चिकित्सा
महिला श्रम बल - (January 2023)
कामकाजी उम्र की महिलाओं का अनुपातः विश्व बैंक के अनुसार, भुगतान कार्य में भाग लेने वाली कामकाजी उम्र की महिलाओं का अनुपात 2006 में 30.7% से घटकर 2021 में 19.2% हो गया। आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (PLFS) 2020 के अनुसार, भारत में केवल 18.6% कामकाजी उम्र की महिलाएं श्रम बल में भाग लेती हैं। रैंकिंगः वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के ग्लोबल जेंडर गैप
खनन क्षेत्र - (January 2023)
खानों की संख्याः वित्तीय वर्ष 2022 तक, भारत में रिपोर्टिंग खानों की संख्या 1,425 अनुमानित की गई थी, जिनमें से धातु खनिजों के लिए खानों का अनुमान 525 और गैर-धात्विक खनिजों का अनुमान 720 था। निज उत्पादनः 18 जुलाई, 2022 को खान मंत्रालय द्वारा जारी नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, भारत में खनिज उत्पादन मई 2022 में प्रतिवर्ष 10.9 प्रतिशत बढ़ा है। कच्चा
टेक्सटाइल - (January 2023)
वार्षिक वृद्धि दरः भारतीय कपड़ा और परिधान उद्योग 2019-20 से 10% चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) से बढ़कर 2025-26 तक 190 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। निर्यातः वित्त वर्ष 2022 में भारत का कपड़ा और परिधान निर्यात (हस्तशिल्प सहित) 44.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर था। सकल घरेलू उत्पादः भारत में घरेलू परिधान और कपड़ा उद्योग सकल घरेलू उत्पाद में
इलेक्ट्रॉनिक्स - (January 2023)
इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादनः भारत में वर्ष 2026 तक 300 बिलियन अमेरिकी डॉलर का इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन हासिल करने की संभावना है। भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन वर्ष 2015-16 के 37.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर वर्ष 2020-21 में 67.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया है। जीडीपी में योगदानः यह क्षेत्र वर्तमान में सकल घरेलू उत्पाद में 3.4 प्रतिशत का योगदान करता है, जो अगले
ई-कॉमर्स - (January 2023)
वृद्धि दरः वर्तमान में, भारतीय ई-कॉमर्स क्षेत्र में 2022 के अंत तक 21.5% की वृद्धि के साथ 74.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। ई-कॉमर्स बाजार का आकारः भारतीय ई-कॉमर्स बाजार 2020 में लगभग 46-2 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 2025 तक 188 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। इसके अलावा, 2030 तक इसके 350 बिलियन अमेरिकी
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम - (January 2023)
सकल घरेलू उत्पादः सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME), देश के कुल विनिर्माण उत्पादन का लगभग 45 प्रतिशत, निर्यात का 40 प्रतिशत और राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 30 प्रतिशत योगदान करता है। रोजगारः यह भारत में लगभग 120 मिलियन लोगों को रोजगार प्रदान करता है। सरकार ने 2025 तक सकल घरेलू उत्पाद में इसके योगदान को 50% तक बढ़ाने
फि़नटेक - (January 2023)
फिनटेक उद्योगः फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) के सहयोग से बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (Boston Consulting Group) द्वारा किए गए एक अध्ययन में कहा गया है कि भारत का फिनटेक उद्योग 2025 तक 150-160 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच सकता है। डिजिटल बाजारः वैश्विक औसत 64% के मुकाबले 87% की फिनटेक अपनाने की दर के साथ, भारत दुनिया
स्टार्ट-अप - (January 2023)
कार्यरत लोगों की संख्याः वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, स्टार्ट-अप इंडिया पहल के तहत कवर किए गए स्टार्ट-अप में कार्यरत लोगों की संख्या 2021 में लगभग 1-74 लाख थी। रैंकिंगः भारत के पास अमेरिका और चीन के बाद दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम है। यूनिकॉर्नः 2021 में 44 भारतीय स्टार्ट-अप्स ने यूनिकॉर्न का दर्जा हासिल किया है,
गिग इकॉनमी - (January 2023)
गिग कार्यबल संख्याः नीति आयोग द्वारा जून 2022 में जारी ‘भारत की उभरती गिग और प्लेटफार्म अर्थव्यवस्था’ के अनुसार भारत का गिग कार्यबल वर्तमान समय में 77 लाख (2020-21) है। वर्ष 2029-30 तक इसके बढ़कर 2.35 करोड़ होने की संभावना है। वर्ष 2029-30 तक, भारत के कुल कार्यबल में गिग वर्कर्स की हिस्सेदारी 4.1% होगी, जो 2020-21 में 1.5% थी। वर्तमान
सामाजिक वानिकी - (January 2023)
सामाजिक वानिकी को ‘लोगों का, लोगों द्वारा और लोगों के लिए वानिकी’ के रूप में वर्णित किया जाता है। सामाजिक वानिकी का तात्पर्य पर्यावरण, सामाजिक और ग्रामीण विकास में मदद करने के उद्देश्य से वनों के प्रबंधन एवं संरक्षण के साथ-साथ बंजर भूमि का वनीकरण करना है। सामाजिक वानिकी सामुदायिक विकास के लिए वानिकी है। प्रमुख पहलें नगर वन योजनाः वर्ष 2020
जैव-अर्थव्यवस्था - (January 2023)
जैव-अर्थव्यवस्था का आकारः हाल ही में बायोटेक्नोलॉजी इंडस्ट्री रिसर्च असिस्टेंस काउंसिल द्वारा इंडिया बायो-इकोनॉमी रिपोर्ट (India Bio economy Report), 2022 के अनुसार भारत की जैव-अर्थव्यवस्था का आकार वर्ष 2025 में 150 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक होने की संभावना है। सकल घरेलू उत्पादः वर्ष 2021 में भारत के सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 2.6 प्रतिशत हिस्सा जैव-अर्थव्यवस्था का था। जैव-अर्थव्यवस्था में योगदानः वर्ष
खाद्य सुरक्षा - (January 2023)
खाद्य असुरक्षा से पीड़ित जनसंख्याः विश्व में खाद्य सुरक्षा और पोषण की नवीनतम स्थिति रिपोर्ट के अनुसार भारत में लगभग 40.6% आबादी 2019-21 में मध्यम या गंभीर खाद्य असुरक्षा से पीड़ित हैं। वैश्विक भुखमरी सूचकांकः 2022 के इस सूचकांक में भारत 121 देशों में 6 पायदान नीचे गिरकर 107वें स्थान पर आ गया है। कुपोषित जनसंख्याः यूएन-इंडिया के अनुसार, भारत में
उर्वरक - (January 2023)
खपतः भारत ने पिछले 10 वर्षों में प्रतिवर्ष लगभग 500 एलएमटी उर्वरक की खपत की है। सब्सिडी बिलः वित्त वर्ष 2021 में केंद्र की उर्वरक सब्सिडी बिल बजटीय राशि से 62% बढ़कर 1.3 लाख करोड़ रुपये हो गई। आयातः 2018-19 और 2020-21 के मध्य, भारत का उर्वरक आयात 18.84 मिलियन टन से लगभग 8% बढ़कर 20.33 मिलियन टन हो गया। वित्तीय वर्ष
प्राकृतिक कृषि - (January 2023)
कुल जैविक उत्पादकः रिसर्च इंस्टीटड्ढूट ऑफ ऑर्गेनिक एग्रीकल्चर सर्वे 2021 के अनुसार भारत जैविक कृषि का अभ्यास करने वाले 187 देशों में एक अद्वितीय स्थान रखता है। विश्व के कुल जैविक उत्पादकों में से 30% भारत में स्थित हैं। पुनर्योजी कृषिः नीति आयोग के अनुसार भारत में लगभग 2.5 मिलियन किसान पुनर्योजी कृषि का अभ्यास कर रहे हैं। अगले 5 वर्षों
मत्स्यन - (January 2023)
उत्पादन एवं निर्यातः भारत विश्व में तीसरा सबसे बड़ा मछली उत्पादक देश है और मछली एवं मत्स्य उत्पादों का चौथा सबसे बड़ा निर्यातक बन गया है। मत्स्य पालन क्षेत्रः भारत दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा जलीय कृषि मछली उत्पादक देश है। भारत में मत्स्य पालन क्षेत्र वैश्विक मछली उत्पादन का लगभग 7.7% है। वर्ष 2021-22 के दौरान 161.87 लाख टन (अनंतिम)
लिक्विड नैनो यूरिया - (January 2023)
उत्पादन और प्रेषणः केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया के अनुसार, 1 अप्रैल, 2022 से 10 अगस्त, 2022 की अवधि के दौरान नैनो यूरिया का उत्पादन और प्रेषण लगभग 1.23 करोड़ बोतलें हुई थीं। नैनो यूरिया की मौजूदा इकाई की उत्पादन क्षमता 1.5 लाख बोतल प्रतिदिन है। उत्पादनः वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान नैनो यूरिया की लगभग 6.0 करोड़
ड्रिप सिंचाई - (January 2023)
वर्षा पर आधारितः भारत का सिंचित क्षेत्र कुल कृषि भूमि का लगभग 49% है। शेष 51% कृषि भूमि वर्षा पर आधारित है। सूक्ष्म सिंचाई के तहत कवरः फरवरी 2022 तक भारत में 137.80 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को सूक्ष्म सिंचाई के तहत कवर किया गया है। वित्तीय सहायता/सब्सिडीः सरकार छोटे और सीमांत किसानों को सांकेतिक इकाई लागत के 55% की दर से वित्तीय
जीएम फ़सलें - (January 2023)
क्षेत्रफलः वर्ष 2017 में 11.4 मिलियन हेक्टेयर के साथ भारत में आनुवंशिक रूप से संशोधित (GM) फसलों के तहत दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा खेती वाला क्षेत्र था। इसमें संयुक्त राज्य अमेरिका प्रथम स्थान पर था। उत्पादनः बीटी कॉटन जेनेटिक इंजीनियरिंग मूल्यांकन समिति द्वारा अनुमोदित पहली और एकमात्र ट्रांसजेनिक फसल है। बीटी कॉटन की खेती शुरू होने के बाद से कपास
अति महत्वपूर्ण संक्षिप्त नोट्स - समिति तथा आयोग - (December 2022)
वर्ष 2021-22 में गठित की गई या चर्चा में रही समितियों एवं आयोगों का परीक्षोपयोगी संग्रह सामाजिक समावेशनओबीसी उप-वर्गीकरण आयोग (रोहिणी आयोग) चर्चा में: जुलाई 2022 में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने रोहिणी आयोग को अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के उप-वर्गीकरण की जांच करने और 31 जनवरी, 2023 तक अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिये 13वां विस्तार दिया है। आयोग की रिपोर्ट प्रस्तुत करने की
अति महत्वपूर्ण संक्षिप्त नोट्स - रिपोर्ट एवं सूचकांक - (December 2022)
वर्ष 2021-22 में राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय संगठनों द्वारा जारी रिपोर्ट्स का परीक्षोपयोगी संग्रह गरीबी एवं असमानताराष्ट्रीय बहुआयामी गरीबी सूचकांक, 2021 जारी किया गयाः नवंबर, 2021 संस्थाः नीति आयोग ¹स्थापना- 2015; मुख्यालय-नई दिल्लीह् उद्देश्यः गरीबी के विविध आयामों का मापन करना। सूचकांक का आधारः राष्ट्रीय बहुआयामी गरीबी सूचकांक की यह आधारभूत रिपोर्ट राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस) की 2015-16 की संदर्भ अवधि पर आधारित
अति महत्वपूर्ण संक्षिप्त नोट्स - सर्वोच्च न्यायालय के प्रमुख न्यायिक निर्णय - (December 2022)
वर्ष 2021-22 में शीर्ष न्यायपालिका द्वारा दिये गए संवैधानिक महत्व के महत्वपूर्ण न्यायिक निर्णयों का परीक्षोपयोगी संग्रह सामाजिक मुद्देअविवाहित महिलाओं को गर्भपात कराने की अनुमति सितंबर, 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने अविवाहित महिलाओं को, जिनकी गर्भधारण 20 से 24 सप्ताह के बीच है, विवाहित महिलाओं के समान सुरक्षित और कानूनी गर्भपात देखभाल की अनुमति दी। मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी एक्ट 1971 के
अति महत्वपूर्ण संक्षिप्त नोट्स - विधेयक, अधिनियम एवं संशोधन - (December 2022)
वर्ष 2021-22 में संसद द्वारा पारित एवं सदन में प्रस्तुत किये गए अधिनियम एवं विधेयकों का परीक्षोपयोगी संग्रह समाज एवं सामाजिक न्यायबाल विवाह प्रतिषेध (संशोधन) विधेयक, 2021प्रस्तावितः 21 दिसंबर, 2021 में लोक सभा में पेश किया गया। मंत्रालयः महिला एवं बाल विकास चर्चा में क्यों? राज्यसभा सभापति ने बाल विवाह प्रतिषेध (संशोधन) विधेयक, 2021 की जांच करने वाली स्थायी समिति को तीन महीने
महत्वपूर्ण संवैधानिक एवं सांविधिक निकाय - (November 2022)
संवैधानिक, सांविधिक, अर्द्ध-न्यायिक एवं अन्य निकायों से सिविल सेवा की प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा में कई प्रश्न पूछे जाते है। यह मुख्यतः इन निकायों की स्थापना, नियुक्ति, कार्य एवं उद्देश्यों से संबंधित होते हैं। अभ्यर्थियों की सुविधा के लिए इन निकायों का बिन्दुवार प्रस्तुतीकरण किया गया है। यह सामग्री आगामी सभी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकती
सार्वजनिक नीति एवं कल्याणकारी योजना-विभिन्न राज्यों की प्रमुख योजनाएं - (November 2022)
उत्तर प्रदेशरक्षा एवं एयरोस्पेस इकाई और रोजगार संवर्द्धन नीति-2022 16 अगस्त, 2022 को, उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने ‘उत्तर प्रदेश रक्षा और एयरोस्पेस इकाई और रोजगार संवर्द्धन नीति-2022’ को मंजूरी दी। इसने 2018 की नीति में संशोधन किया है। इस नीति के तहत उन निवेशकों को उच्च प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा, जो राज्य में रक्षा और एयरोस्पेस विनिर्माण क्षेत्र में अपनी इकाइयां
सार्वजनिक नीति एवं कल्याणकारी योजना-पर्यावरण संरक्षण संबंधी पहलें - (November 2022)
पारिस्थितिकी एवं पर्यावरण नगर वन योजना जून, 2022 में सरकार द्वारा ‘नगर वन योजना’ के कार्यान्वयन की घोषणा की गई। नोडल मंत्रालयः पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय उद्देश्यः अगले पांच वर्षों में देश भर में 200 शहरी वन विकसित करना। मुख्य बिन्दु यह योजना नगर निकायों, गैर सरकारी संगठनों तथा स्थानीय नागरिकों के बीच भागीदारी और सहयोग पर आधारित है। इससे राज्यों को शहरी
सार्वजनिक नीति एवं कल्याणकारी योजना-प्रौद्योगिकी विकास संबंधी पहलें - (November 2022)
नवाचार प्रौद्योगिकी अटल इनोवेशन मिशन मई 2022 में अटल इनोवेशन मिशन के तहत ‘अटल न्यू इंडिया चैलेंज’ (ANIC2.0) के दूसरे संस्करण का शुभारंभ किया गया। ध्यान रहे कि ANIC1-0 को वर्ष 2018 में नवाचारों और प्रौद्योगिकियों को लोगों हेतु प्रासंगिक बनाने के आ“वान के लिये लॉन्च किया गया था। अटल इनोवेशन मिशन (AIM) के संदर्भ में देश में नवाचार पारितंत्र (Innovation Ecosystem) को पर्याप्त
सार्वजनिक नीति एवं कल्याणकारी योजना-आर्थिक क्षेत्र की पहलें - (November 2022)
कृषि, मत्स्य एवं पशुपालन प्रधानमंत्री फ़सल बीमा योजना 13 जनवरी, 2021 को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के 5 साल पूरे हो गए। ज्ञात हो कि केंद्र सरकार द्वारा इस योजना को 13 जनवरी, 2016 को लागू किया गया था। नोडल मंत्रालयः कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय योजना के उद्देश्य प्राकृतिक आपदाओं, कीट और रोगों के परिणामस्वरूप अधिसूचित फसलों में से किसी की विफलता
सार्वजनिक नीति एवं कल्याणकारी योजना- सामाजिक क्षेत्र की पहलें - (November 2022)
शिक्षा से संबंधित पहलें पीएम-युवा योजना 29 मई, 2021 को नई शिक्षा नीति-2020 के दिशा-निर्देशों के तहत सरकार द्वारा युवा लेखकों के लिए पीएम-युवा योजना (PM-YUVA Scheme) प्रारंभ की गई थी। नोडल मंत्रालयः शिक्षा मंत्रालय के तहत उच्च शिक्षा विभाग द्वारा आरम्भ। नेशनल बुक ट्रस्ट को भारत मेंटरशिप के सुपरिभाषित चरणों के तहत इस योजना के चरण-वार निष्पादन की जिम्मेदारी दी गई है। उद्देश्यः इसका
बीपीएससी प्रा.परीक्षा बिहार विशेष : कला एवं संस्कृति - (July 2022)
प्राचीन काल से बिहार भारत में शिक्षा और संस्कृति का केंद्र बिंदु रहा है। यहाँ स्थापत्य एवं वास्तुकला, मूर्तिकला, चित्रकला, लोकगीत, नृत्य आदि का व्यापक विकास हुआ है जो भारतीय कला एवं संस्कृति का अभिन्न अंग है। 67वीं बीपीएससी सहित बिहार में आयोजित होने वाली आगामी सभी परीक्षाओं में राज्य की कला एवं संस्कृति से अक्सर प्रश्न पूछे जाते हैं,
एमपीपीसीएस प्रारंभिकी विशेष मध्य प्रदेश विशेष करेंट अफ़ेयर्स - (June 2022)
एमपीपीसीएस प्रारंभिक परीक्षा में मध्य प्रदेश से संबंधित समसामयिक प्रश्नों की प्रवृत्ति निरंतर बढ़ती जा रही है। इस संदर्भ में राज्य लोक सेवा प्रारंभिक परीक्षा, 2021 हेतु छात्रों के हितों को ध्यान में रखते हुए इस खंड में प्रदेश में पिछले एक वर्ष में घटित विभिन्न घटनाओं, समारोहों, नियुक्ति, विभिन्न पहलों व पुरस्कारों का समावेश किया गया है, जो छात्रों
यूपीपीसीएस प्रा. विशेष भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन बिंदुवार तथ्यावलोकन - (June 2022)
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित यूपीपीसीएस प्रारंभिक परीक्षा में आधुनिक भारत के इतिहास से पूछे जाने वाले प्रश्नों का सूक्ष्म अवलोकन यह दर्शाता है कि इस खंड में अधिकांश प्रश्न राष्ट्रीय आंदोलन से पूछे जाते हैं। इस संदर्भ में हमारे द्वारा राष्ट्रीय आंदोलन के आरंभ से स्वतंत्रता प्राप्ति तक की समस्त घटनाओं को कालक्रमानुसार व्यवस्थित तरीके से प्रस्तुत
करेंट अफेयर्स रिमाइंडर 2021-22 - (June 2022)
करेंट अफेयर्स रिमाइंडर 2021-22 में पिछले एक वर्ष में घटित महत्वपूर्ण सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक, पर्यावरणीय तथा प्रौद्योगिकी से संबंधित घटनाक्रमों का UPSC के नवीनतम पैटर्न के अनुरूप बिन्दुवार और सिलसिलेवार रूप में प्रस्तुतीकरण किया गया है| करेंट अफेयर्स रिमाइंडर 2021-22 में नवीनता और समग्रता के साथ उन्ही महत्वपूर्ण घटनाओं का संकलन किया गया है, जिनकी आगामी UPSC की प्रारंभिक
एमपीपीसीएस विशेष संवैधानिक एवं सांविधिक संस्थाएं - (May 2022)
इस खंड में मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित की जाने वाली राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा के पाठड्ढक्रम में शामिल विभिन्न संवैधानिक व सांविधिक संस्थाओं से संबंधित परीक्षोपयोगी सभी महत्वपूर्ण प्रावधानों तथा उससे संबंधित विभिन्न तथ्यों को प्रस्तुत किया गया है, जो आगामी प्रारंभिक परीक्षा 2021 के दृष्टिकोण से परीक्षार्थियों के लिए उपयोगी साबित हो सकते हैं। संवैधानिक निकायनिर्वाचन आयोग यह
शासन एवं राजव्यवस्था - संविधान की अनुसूचियां - (May 2022)
संसद द्वारा नौवीं अनुसूची में एक विशेष कानून रखना 9वीं अनुसूची में केंद्र और राज्य कानूनों की एक ऐसी सूची है, जिन्हें न्यायालय के समक्ष चुनौती नहीं दी जा सकती। वर्तमान में संविधान की 9वीं अनुसूची में कुल 284 कानून शामिल हैं, जिन्हें न्यायिक समीक्षा से संरक्षण प्राप्त है अर्थात इन्हें अदालत में चुनौती नहीं दी जा सकती। 9वीं अनुसूची को
शासन एवं राजव्यवस्था - चुनाव प्रणाली - (May 2022)
भारतीय निर्वाचन आयोग 13 अप्रैल, 2021 को सुशील चन्द्रा ने भारत के 24वें मुख्य निर्वाचन आयुक्त (Chief Election Commissioner of India) के रूप में अपना कार्यभार संभाल लिया। उन्होंने सुनील अरोड़ा का स्थान लिया है। भारतीय निर्वाचन आयोग एक संवैधानिक निकाय है, जो संविधान में उल्लििखत नियमों और विनियमों के अनुसार भारत में चुनाव कराने के लिए जिम्मेदार है। यह आयोग
शासन एवं राजव्यवस्था - स्थानीय स्वशासन - (May 2022)
भारत में स्थानीय स्वशासन का विकास स्थानीय स्वशासन की अवधारणा ब्रिटिश कालीन है। सर्वप्रथम वर्ष 1982 को तत्कालीन वायसराय लॉर्ड रिपन ने निर्वाचित स्थानीय सरकारी निकाय के गठन की पहल की, जिन्हें स्थानीय बोर्ड (Local Board) कहा जाता था। संविधान निर्माण के पश्चात स्थानीय सरकार के विषय को राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांतों के प्रावधानों में भी शामिल किया गया तथा
शासन एवं राजव्यवस्था - न्यायपालिका - (May 2022)
कॉलेजियम प्रणाली भारत के प्रधान न्यायाधीश एन वी रमना की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने हाल ही में केंद्र सरकार से मद्रास उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मुनीश्वर नाथ भंडारी को राज्य उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त करने की सिफारिश की। कॉलेजियम व्यवस्था क्या है? कॉलेजियम व्यवस्था का संविधान में उल्लेख नहीं है। यह सर्वाेच्च न्यायालय द्वारा विकसित की गई
शासन एवं राजव्यवस्था - केंद्र-राज्य तथा अंतरराज्यीय संबंध - (May 2022)
विशेष श्रेणी का दर्जा नवंबर, 2021 को आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने एक याचिका पर सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार से यह स्पष्ट करने के लिए कहा कि आंध्र प्रदेश को विशेष श्रेणी का दर्जा [Special Category Status (SCS)], प्रदान क्यों नहीं किया गया, जबकि अन्य राज्यों को यह दर्जा दिया गया है। विशेष श्रेणी का दर्जा (SCS) क्या है? भारतीय संविधान में
शासन एवं राजव्यवस्था - संघ और राज्य कार्यकारिणी - (May 2022)
सरकार का कैबिनेट स्वरूप भारतीय संविधान में मंत्रिपरिषद के गठन, मंत्रियों की नियुक्ति, कार्यकाल, उत्तरदायित्व, शपथ, योग्यता तथा उनके वेतन भत्ते से संबंधित प्रावधान शामिल किए गए हैं। मंत्रिपरिषद में मंत्रियों की तीन श्रेणियां होती हैं तथा इन सभी मंत्रियों में शीर्ष स्थान पर प्रधानमंत्री होता है। कैबिनेट मंत्रीः ये केंद्र सरकार के महत्त्वपूर्ण मंत्रलयों जैसे-गृह, रक्षा, वित्त, विदेश मामलों आदि के
शासन एवं राजव्यवस्था - संसद और राज्य विधानमंडल - (May 2022)
संसदीय लोकतंत्र संसदीय प्रणाली (Parliamentary System) लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था की वह प्रणाली है जिसमें कार्यपालिका अपनी लोकतांत्रिक वैधता विधायिका के माध्यम से प्राप्त करती है और विधायिका के प्रति उत्तरदायी होती है। भारत की संसदीय व्यवस्था भारतीय संविधान में शासन की संसदीय प्रणाली का चयन किया गया है। संविधान के अनुच्छेद 74 और 75 के अंतर्गत केंद्र में तथा अनुच्छेद 163 और
शासन एवं राजव्यवस्था - राज्य नीति के निदेशक सिद्धांत - (May 2022)
भारत में DPSP की अवधारणा आयरिश संविधान के अनुच्छेद 45 से ली गई है। इन सिद्धांतों का उद्देश्य लोगों के लिये सामाजिक-आर्थिक न्याय सुनिश्चित करना और भारत को एक कल्याणकारी राज्य के रूप में स्थापित करना है। नीति निदेशक सिद्धांतों की सूची अनुच्छेद 36: परिभाषा अनुच्छेद 37: इस भाग (भाग 4) में अंतर्विष्ट तत्वों का लागू होना। अनुच्छेद 38: राज्य सामाजिक, आर्थिक
शासन एवं राजव्यवस्था - अधिकार और कर्तव्य - (May 2022)
मौलिक अधिाकार संविधान के भाग III (अनुच्छेद 12-35 तक) में मौलिक अधिकारों का विवरण है। संविधान के इस भाग को ‘भारत का मैग्नाकार्टा’ की संज्ञा दी गई है। समानता का अधिकार (अनुच्छेद 14-18) विधि के समक्ष समताः अनुच्छेद 14 में कहा गया है कि भारत के राज्य क्षेत्र में किसी व्यक्ति को विधि के समक्ष समता या विधियों के समान संरक्षण से
शासन एवं राजव्यवस्था -नागरिकता - (May 2022)
नागरिकता से संबंधित विभिन्न प्रावधान गृह मंत्रलय ने हाल ही में जारी एक दिशानिर्देश के माध्यम से नागरिकता त्यागने संबंधी नई प्रकिया के तहत आवेदकों के लिए ऑनलाइन दस्तावेज अपलोड करने का प्रावधान किया है। भारतीय नागरिकता का अर्जन भारतीय नागरिकता प्राप्त करने के चार तरीके हैं: जन्म, वंश, पंजीकरण और देशीयकरण। इससे संबंधित प्रावधान नागरिकता अधिनियम, 1955 के तहत सूचीबद्ध हैं। जन्म से
शासन एवं राजव्यवस्था - संवैधानिक रूपरेखा - (May 2022)
संविधान निर्माण 26 जनवरी, 2022 को नई दिल्ली के राजपथ पर प्रतिष्ठित परेड के साथ भारत ने अपना 73वां गणतंत्र दिवस (73rd Republic Day) मनाया। भारत का गणतंत्र दिवस गणतंत्र दिवस, उस दिन का प्रतीक है जिस दिन वर्ष 1950 में भारत का संविधान लागू हुआ था। जबकि, भारत के संविधान को अंगीकृत करने के उपलक्ष्य में हर साल 26 नवंबर को भारत
भारतीय अर्थव्यवस्था -प्रमुख वित्तीय संस्थान व निकाय - (May 2022)
वित्तीय स्थिरता एवं विकास परिषद स्थापना वित्तीय स्थिरता एवं विकास परिषद (Financial stability and development council) की स्थापना की सिफारिश रघुराम राजन समिति ने 2008 में वित्तीय क्षेत्र में सुधारों को लेकर की थी। 2010 में भारत सरकार ने एक कार्यकारी आदेश (Executive Order) द्वारा इस परिषद की स्थापना की गई। संगठन भारत सरकार की वित्त मंत्री इस परिषद की अध्यक्ष होते हैं। सभी वित्तीय
भारतीय अर्थव्यवस्था - महत्वपूर्ण समसामयिक टर्मिनोलॉजी - (May 2022)
नॉन-फ़ंजिबल टोकन (NFT) कोई भी वस्तु जिसे डिजिटल रूप में परिवर्तित किया जा सकता है, वह NFT के रूप में परिभाषित की जा सकती है। ड्रॉइंग, फोटो, वीडियो, जीआईएफ (GIF-Graphics Interchange Format), संगीत, इन-गेम आइटम (In-Game Items), सेल्फी और यहाँ तक कि एक ट्वीट सभी को NFT में परिवर्तित किया जा सकता है। NFT की खरीद और बिक्री हेतु एक क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट
भारतीय अर्थव्यवस्था -वित्तीय समावेशन: प्रमुख पहलें - (May 2022)
वित्तीय समावेशन तेजी गति से आर्थिक विकास और गरीबी उन्मूलन में सहायक माना जाता है। वित्तीय समावेशन से औपचारिक वित्त तक पहुंच में बढ़त होती है जो रोजगार सृजन को बढ़ावा देता है। यह आर्थिक उतार-चढ़ाव की संवेदनशीलता को कम करने के साथ ही मानव पूंजी में निवेश बढ़ा सकता है। यह समाज के अधिकार विहीन वर्गों को मुख्य धारा
भारतीय अर्थव्यवस्था- प्रमुख आर्थिक चुनौतियां: कारण एवं उपाय - (May 2022)
भारतीय अर्थव्यवस्था के समक्ष रुपये का मूल्यह्रास, मुद्रास्फीति, तनावग्रस्त संपत्ति या एनपीए जैसी विविध प्रकार की चुनौतियां विद्यमान है। इन चुनौतियों का समग्र प्रभाव देश के आर्थिक विकास औद्योगिक उत्पादन, निवेश, उपभोग और कारोबारी माहौल पर पड़ाता है। मुद्रा मूल्यह्रास जब एक मुद्रा का मूल्य बाजार की शक्तियों के माध्यम (विदेशी मुद्रा की मांग और आपूर्ति) से अन्य मुद्राओं के मुकाबले कमजोर
भारतीय अर्थव्यवस्था - कराधान एवं बजटिंग - (May 2022)
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 264 से 293 में केंन्द्र एवं राज्य सरकार के मध्य वित्तीय संबंधों की विस्तृत व्याख्या की गई है। संविधान की 7वीं अनुसूची में विषयों के आधार पर केंद्र एवं राज्यों के बीच वित्तीय स्रोतों का विभाजन किया गया है। 7वीं अनुसूची की प्रथम सूची में उन करों का वर्णन है, जो पूर्णतया केंद्र सरकार द्वारा लगाए
भारतीय अर्थव्यवस्था - राष्ट्रीय आय - (May 2022)
किसी अर्थव्यवस्था में एक वर्ष के दौरान उत्पादित सभी अंतिम वस्तुओं एवं सेवाओं का कुल मौद्रिक मूल्य ही राष्ट्रीय आय है। साइमन कुजनेट्स (Simon Kuznets) राष्ट्रीय आय (national income) को वस्तुओं एवं सेवाओं के शुद्ध उत्पादन के रूप में परिभाषित करते है जो देश की उत्पादक प्रणाली (productive system) से अंतिम उपभोक्ताओं के हाथों में किसी निश्चित वर्ष के दौरान
भारतीय अर्थव्यवस्था - मौद्रिक नीति - (May 2022)
किसी देश की मौद्रिक नीति उसकी समष्टि अर्थव्यवस्था को संचालित करने से संबंधित होती है। यह मुख्य रूप से आर्थिक प्रणाली में मुद्रा की तरलता को विनियमित करने के उद्देश्य से संचालित की जाती है। आरबीआई को भारत में मुद्रास्फीति को लक्षित करने की वैधानिक जिम्मेदारी दी गई है। किसी देश के मौद्रिक नीति नियामक द्वारा विभिन्न प्रकार की मौद्रिक
भारतीय अर्थव्यवस्था - व्यापार एवं निवेश - (May 2022)
भारत ने 1994 में विदेशी पोर्टफोलियो निवेश/विदेशी संस्थागत निवेश (FPI/FII) के लिए अपना पूंजी बाजार खोला था। अत्यधिक विकसित प्राथमिक और द्वितीयक बाजारों ने देश में एफआईआई/एफपीआई को आकर्षित किया है। उनके निवेश को सेबी द्वारा नियंत्रित किया जाता है जबकि इस तरह के निवेश पर उच्चतम सीमा आरबीआई द्वारा निर्धारित की जाती है। वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था की तेज
भारतीय अर्थव्यवस्था - कृषि एवं खाद्य प्रबंधन - (May 2022)
कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था का सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्र है और देश की एक बड़ी आबादी अपनी आजीविका के लिए इस पर निर्भर है। वर्ष 2021-22 के दौरान इसका देश के सकल मूल्य वर्धन में योगदान 18.8 प्रतिशत है। वित्तीय वर्ष 1950-51 में कृषि का सकल घरेलू उत्पाद में 55.4 प्रतिशत हिस्सा था। भारत में कृषि विपणन प्रणाली कृषि विपणन के अंतर्गत उन सभी
मध्य प्रदेश का सांस्कृतिक परिदृश्य - (April 2022)
मध्य प्रदेश में पर्यटन खुजराहो यह छतरपुर जिले में स्थित है,जो चंदेल राजाओं द्वारा निर्मित मंदिरों के लिए प्रसिद्द है|यहां के मंदिरों का संबंध शैव, वैष्णव तथा जैन संप्रदाय से है| खजुराहो के मंदिरों को तीन भागों में बांटा गया है- पश्चिमी समूह के मंदिर, पूर्वी भाग केमंदिर तथा दक्षिणी समूह के मंदिर| इन मंदिरों को यूनेस्को के विश्व विरासत स्थल का दर्जा
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी- प्रौद्योगिकी विकास से जुड़ी पहलें - (April 2022)
प्रौद्योगिकी मिशन एवं योजना महासागर सेवाएं, मॉडलिंग, अनुप्रयोग, संसाधन और प्रौद्योगिकी: ओ-स्मार्ट केंद्र सरकार द्वारा 2021-26 की अवधि के लिए ‘महासागर सेवाएं, मॉडलिंग, अनुप्रयोग, संसाधन और प्रौद्योगिकी’ (Ocean Services, Modelling, Application, Resources and Technology- O-SMART) नामक योजना को जारी रखने को मंजूरी दी गई है। संबंधित तथ्य ओ-स्मार्ट (O-SMART) योजना 29 अगस्त, 2018 को प्रारंभ की गई थी, जिसे समुद्र अनुसंधान को बढ़ावा देने
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी- अनुप्रयोग आधारित प्रौद्योगिकी - (April 2022)
भू-अवलोकन एवं सर्वेक्षण अनुप्रयोग लाइट डिटेक्शन और रेंजिंग सर्वेक्षण तकनीक नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा प्रस्तावित दिल्ली-वाराणसी हाई स्पीड रेल कॉरिडोर पर विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने में लाइट डिटेक्शन और रेंजिंग सर्वेक्षण (LiDAR) नामक तक तकनीक का उपयोग किया जाएगा। इसमें हेलीकॉप्टर पर स्थापित लेजर उपकरण के माध्यम से जमीन का सर्वेक्षण किया जाएगा। लिडार तकनीक लिडार (Light Detection and Ranging Survey-LiDAR)
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी- अंतरिक्ष एवं रक्षा प्रौद्योगिकी - (April 2022)
अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष मिशन आर्टेमिस कार्यक्रम हाल ही में नासा द्वारा आर्टेमिस कार्यक्रम (Artemis Program) की घोषणा की गई है| आर्टेमिस कार्यक्रम के तहत मानव रहित एवं मानव मिशन संचालित किए जाएंगे। वर्तमान में इस कार्यक्रम के तहत 5 प्रक्षेपण भी प्रस्तावित है। आर्टेमिस मिशन आर्टेमिस का अर्थ है ‘सूर्य के साथ चंद्रमा की पारस्परिक क्रिया का त्वरण, पुनर्संयोजन, विक्षोभ एवं उसकी विद्युतगतिकी’ (Acceleration, Reconnection,
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी- नैनो प्रौद्योगिकी - (April 2022)
नैनो पदार्थ नैनो कण से बनी फूड पैकेजिंग सामग्री राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (NIT), आंध्र प्रदेश एवं मिजोरम यूनिवर्सिटी द्वारा संयुक्त रूप से किये गए एक शोध के अनुसार, नैनो कण से बनी फूड पैकेजिंग सामग्री खाद्य उत्पादों की शेल्फ-लाइफ बढ़ाने, खाद्य पदार्थों का स्वाद, रंग और गुणवत्ता बनाए रखने में प्रभावी भूमिका निभा सकती है। यह तापमान बनाए रखने, पैक किए हुए खाद्य
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी- जैव प्रौद्योगिकी - (April 2022)
जेनेटिक इंजीनियरिंग मच्छरों की वृद्धि पर नियंत्रण हेतु नवीन तकनीक 10 सितंबर, 2021 को कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने जेनेटिक इंजीनियरिंग का प्रयोग कर एक ऐसी प्रणाली (system) बनाई है जो मच्छरों की आबादी को रोकती है| शोधकर्ताओं ने जेनेटिक इंजीनियरिंग की सीआरआईएसपीआर (CRISPR) आधारित तकनीक का प्रयोग किया है| प्रिसीजन गाइडेड स्टेराइल इन्सेक्ट तकनीक (precision-guided sterile insect technique- pgSIT) का प्रयोग कर
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी- नवीन उभरती प्रौद्योगिकी - (April 2022)
क्वांटम प्रौद्योगिकी आईआईटी दिल्ली का क्वांटम प्रौद्योगिकी केंद्र हाल ही में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) दिल्ली में ‘क्वांटम प्रौद्योगिकी उत्कृष्टता केंद्र’की स्थापना की गई| यह देश में क्वांटम प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अनुसंधान गतिविधियों का संचालन करने वाला सर्वोत्तम केंद्र होगा। यह उत्कृष्टता केंद्र क्वांटम कंप्यूटिंग, क्वांटम कम्युनिकेशन, क्वांटम सेंसिंग और मेट्रोलॉजी तथा क्वांटम मैटेरियल्स एंड डिवाइसेस का डिजाइन और विकास का
पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी-पारिस्थितिक तंत्र - (April 2022)
महत्वपूर्ण टर्मिनोलॉजी व अवधारणाएं निकेत (Niche) : एक पारिस्थितिकी तंत्र के भीतर किसी जीव की भूमिका और कार्यात्मक स्थिति को निकेत कहा जाता है। निकेत प्रजाति विशिष्ट होता है। कोई भी दो प्रजाति एक निकेत में नहीं रह सकती । जबकि एक आवास में कई निकेत हो सकते हैं। बायोमास : किसी भी पारिस्थितिक तंत्र में प्रति इकाई समय एवं प्रति इकाई
पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी-नवीकरणीय ऊर्जा एवं सतत विकास - (April 2022)
नवीकरणीय ऊर्जा : समसामयिक पहलें शून्य अभियान नीति आयोग, रॉकी माउंटेन इंस्टीट्यूट(आरएमआई) और आरएमआई इंडिया द्वारा शून्य अभियान शुरू किया गया है। उद्देश्य: शहरी क्षेत्र में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को अपनाने में तेजी लाना और शून्य-प्रदूषण से होने वाले लाभों के बारे में उपभोक्ताओं के बीच जागरूकता पैदा करना। ग्रीन टर्म अहेड मार्केट प्लेटफॉर्म हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा भारतीय अल्पकालिक बिजली बाजार को
पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी-पर्यावरणीय अवनयन व प्रदूषण - (April 2022)
चर्चित टर्मिनोलॉजी व अवधारणाएं पॉलिमर शीट भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) के शोधकर्ताओं ने ‘सिंगल-यूज प्लास्टिक’ (Single-Use Plastics) के विकल्प के रूप में ‘ पॉलिमर शीट’का विकास किया है। अखाद्य तेलों और कृषि अपशिष्ट से निकाले गए सेल्यूलोज को मिलाकर, शोधकर्ताओं द्वारा एक जैव-अपघट्य ‘ पॉलिमर शीट’ तैयार की गयी है। विकसित किया गया पॉलिमर शीट एकल-उपयोग प्लास्टिक का विकल्प बन सकती है, जो
पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी-जलवायु परिवर्तन - (April 2022)
चर्चित टर्मिनोलॉजी व अवधारणाएं शुद्ध-शून्य उत्सर्जन शुद्ध-शून्य उत्सर्जन (Net Zero Emissions) एक ऐसी दशा को व्यक्त करता है जिसमें किसी देश द्वारा किए जाने वाले उत्सर्जन की भरपाई पर्यावरण से ग्रीनहाउस गैसों के अवशोषण और निष्कासन द्वारा की जाती है। भारत ने 2070 तक शुद्ध-शून्य उत्सर्जन का लक्ष्य रखा है।वहीँ न्यूजीलैंड ने वर्ष 2050 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन के लिए वर्ष
पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी-जैव विविधता एवं वन्यजीव संरक्षण - (April 2022)
प्रमुख चर्चित सुभेद्य व संकटग्रस्त प्रजातियां ईस्टर्न स्वैम्प डियर हाल ही में काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान और टाइगर रिजर्व में पशुओं एवं पक्षियों की गणना की गई। इस गणना के अनुसार, इस क्षेत्र में ईस्टर्न स्वैम्प डियर (Eastern Swamp deer) की आबादी काफी कम हो गई है। ईस्टर्न स्वैम्प डियर की आबादी दक्षिण एशिया के अन्य देशों में विलुप्त हो चुकी है। भारतीय उपमहाद्वीप
कृषि एवं खनिज उत्पादन भारत एवं विश्व - (March 2022)
भारत एवं विश्व में फसल एवं खनिज उत्पादन से संबंधित आंकड़े विभिन्न राज्य सिविल सेवा परीक्षाओं की प्रारंभिक परीक्षाओं में पूछे जाने वाले सर्वाधिक महत्वपूर्ण विषयों में से एक है। आशा है कि यूपीपीसीएस, एमपीपीसीएस एवं बीपीएससी की आगामी प्रारंभिक परीक्षाओं के लिए यह पाठ्य सामग्री उपयोगी साबित होगी। कृषि उत्पादन-भारत कृषि का भारतीय अर्थव्यवस्था में व्यापक है। प्राचीन काल से ही
स्वतंत्रता संघर्ष के विभिन्न चरण - (March 2022)
भारत में ब्रिटिश शासन की औपनिवेशिक नीतियों ने समाज के सभी वर्गों को प्रभावित किया था। जिसने परिणामस्वरूप सभी वर्गों में ब्रिटिश शासन के प्रति असंतोष विद्यमान था। इस भारतीय अंसतोष को जाग्रत करने में कई कारकों, जैसे 19वीं सदी में आरंभ हुए सामाजिक व धार्मिक सुधार आंदोलन, विभिन्न संस्थाओं व पत्र-पत्रिकाओं तथा पाश्चात्य विचारों ने अहम् भूमिका निभाई। आरंभिक चरण भारत
कृषक एवं जनजातीय आंदोलन - (March 2022)
ब्रिटिश की औपनिवेशिक नीति के तहत विभिन्न आर्थिक, सामाजिक एवं प्रशासनिक नीतियों ने भारत में विभिन्न वर्गों को प्रभावित किया इसमें किसान व विभिन्न जनजातीय समूह भी शामिल थे। ब्रिटिश शोषणकारी नीतियों ने अंततः कृषकों व जनजातियों को भी विद्रोह करने पर मजबूर कर दिया। जनजातीय आंदोलनजनजातीय असंतोष के कारण जनजातियों के खुंटकट्टी के अधिकार (सामूहिक संपत्ति की अवधारणा) को समाप्त करना।
सामाजिक-धार्मिक सुधाार आंदोलन - (March 2022)
19वीं शताब्दी के पूर्वार्ध में पाश्चात्य शिक्षा से प्रभावित लोगों ने भारतीय सामाजिक रचना, धर्म, रीति-रिवाज व परम्पराओं को तर्क की कसौटी पर कसना आरम्भ कर दिया। भारत में समाज अभिन्न रूप से धर्म से जुड़ा हुआ था। इसलिए भारत की सामाजिक बुराइयां धर्मसम्मत थी जिससे सामाजिक सुधार हेतु धार्मिक रूढि़यों पर चोट करना आवश्यक था। इस काल में सामाजिक
ब्रिटिशकालीन आर्थिक, प्रशासनिक एवं संवैधानिक इतिहास - (March 2022)
ब्रिटिश साम्राज्य की स्थापना के क्रम में अंग्रेजों ने साम्राज्यवादी हितों के अनुकूल नीतियों का निर्माण किया, इसका उद्देश्य भारतीय संसाधनों का अधिकतम दोहन सुनिश्चित करना था। इस हित से परिचालित होकर ब्रिटिश ने आर्थिक, प्रशासनिक व संवैधानिक सुधारों की प्रक्रिया विकसित की। ब्रिटिश काल में अर्थव्यवस्था बक्सर के युद्ध के पश्चात भारत की आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे औपनिवेशिक अर्थव्यवस्था में तब्दील होती
भारत का उपनिवेशीकरण - (March 2022)
युरोप में हुए धर्म सुधार आन्दोलन तथा पुनर्जागरण ने यूरोपियों में खोजी व अन्वेषण प्रवृत्ति का विकास किया। जिसकी परिणति अंततः विश्व में औपनिवेशीकरण के रूप में हुई। इसी संदर्भ में 1498 ई. में वास्कोडिगामा द्वारा भारत की खोज की गई। जिसने यूरोपीयों का परिचय भारतीय मसालों से कराया। जिससे प्रभावित होकर विभिन्न यूरोपीय देश भारत की ओर उन्मुख हुए।
भारत का धार्मिक इतिहास - (March 2022)
प्राचीन भारतीय समाज में प्रस्तर युग में किसी व्यवस्थित धार्मिक व्यवस्था के प्रमाण नहीं मिलते हैं। भारतीय इतिहास में धर्म का व्यवस्थित विका हड़प्पा काल में देखने को मिलता है। हड़प्पा काल से गुप्तोत्तर काल तकहड़प्पा कालीन धार्मिक व्यवस्थाहड़प्पा काल के कुछ नगरों में कई बड़ी इमारतों को पूजा स्थल समझा जाता है क्योंकि अधिकतर पत्थर की मूर्तियाँ इन्हीं इमारतों से मिली
प्राचीन एवं मध्यकालीन भारत की आर्थिक प्रणालियां - (March 2022)
आर्थिक प्रणाली के तहत पशुपालन, कृषि व्यवस्था, भू-राजस्व, वाणिज्य तथा व्यापार के क्रमबद्ध विकास का अध्ययन किया जाता है। इस संदर्भ में भारत में प्राचीन काल से ही अर्थव्यवस्था के विभिन्न रूपों का समुचित विकास हुआ। हड़प्पा काल से लेकर मध्यकाल तक भारतीय अर्थव्यवस्था की मुख्य विशेषता यह रही कि यह अपने स्वरुप में स्वाबलंबी रही तथा व्यापार संतुलन हमेशा
प्राचीन एवं मधयकालीन भारत की प्रशासनिक प्रणालियां - (March 2022)
भारत में प्रशासनिक प्रणाली का विकास हड़प्पा सभ्यता से आरंभ होता है। आरंभिक मानव केवल खाद्य संग्राहक ही था। इस समय स्थाई जीवन का विकास नहीं हुआ था। नवपाषाण काल में स्थाई जीवन आरंभ हुआ फि़र भी इस काल में प्रशासनिक तत्व अनुपस्थित था। हड़प्पा लिपि को आज तक पढ़ा नहीं जा सका है। इसलिए हड़प्पा सभ्यता के राजनीतिक संरचना
भारत का सांस्कृतिक इतिहास - (March 2022)
प्राचीन से मध्यकालीन भारत तक संस्कृति किसी भी राष्ट्र की अक्षुण्णता का आधार होती है। इसके द्वारा लोगों का अपने क्षेत्र व राष्ट्र से लगाव दृढ़ होता है। भारत सांस्कृतिक दृष्टि से समृद्ध रहा है। यह भारत की सांस्कृतिक समृद्धता ही थी कि प्राचीन काल से ही विभिन्न विदेशी आक्रमणों के बावजूद एक राष्ट्र के रूप में भारत अक्षुण्ण बना रहा।
केन्द्रीय बजट 2022-23 - (March 2022)
केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी, 2022 को वर्ष 2022-23 के लिए वार्षिक बजट पेश किया। उन्होंने बताया कि, भारत की आर्थिक विकास दर चालू वित्त वर्ष में 9.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो दुनिया की समस्त बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सर्वाधिक है। 2022-23 के लिए बजट प्रस्तुत करते समय वित्त मंत्री ने कहा कि
आर्थिक सर्वेक्षण 2021-22 - (March 2022)
केंद्रीय वित्त और कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने 31 जनवरी, 2022 को संसद में आर्थिक सर्वेक्षण 2021-22 पेश किया। इस वर्ष के आर्थिक सर्वेक्षण का मूल विषय “त्वरित दृष्टिकोण” है, जिसे कोविड-19 महामारी की स्थिति में भारत के आर्थिक क्रियाकलाप के माध्यम से कार्यान्वित किया गया है। इसके अलावा, आर्थिक सर्वेक्षण की प्रस्तावना यह बताती है कि यह “समग्र
विश्व मानचित्र - (February 2022)
विश्व के चर्चित स्थल सेनकाकू द्वीप सेनकाकू द्वीप पूर्वी चीन सागर में ताइवान के उत्तर-पूर्व में स्थित हैं। इस द्वीपसमूह को जापान में सेनकाकू द्वीपसमूह, चीन में दियाओयू द्वीपसमूह और हॉन्गकॉन्ग में तियायुतई द्वीपसमूह के नाम से जाना जाता है। जापान और चीन दोनों इन द्वीपों पर स्वामित्व का दावा करते हैं। यह द्वीप रणनीतिक रूप से महत्त्वपूर्ण शिपिंग लेनों के काफी करीब
भारत का भूगोल - (February 2022)
भारत की भौगोलिक स्थिति भारत विश्व में सांस्कृतिक रूप से सर्वाधिक समृद्ध तथा धर्मनिरपेक्ष राष्ट्रों में से एक है। इसे भारत के साथ हिंदुस्तान तथा भारतीय गणराज्य के रूप में भी जाना जाता है। आकार के दृष्टिकोण से भारत का विश्व में 7वां स्थान है। एक अद्वितीय भौगोलिक इकाई के साथ देश अपने बुनियादी सिद्धांतों के रूप में लोकतंत्र, समानता, बंधुत्व
भौतिक भूगोल - (February 2022)
पृथ्वी की उत्पत्ति पृथ्वी की उत्पत्ति एवं निर्माण से संबंधित संकल्पनाएं प्राचीन काल से प्रचलित रही हैं। पृथ्वी की आयु की गणना करने के लिए कुछ प्रमुख आधार प्रस्तुत किए जाते हैं: गोलीय साक्ष्यः यह साक्ष्य इस तथ्य पर आधारित है कि सूर्य एवं अन्य प्रकाशवान ग्रह (तारे) अपनी ऊर्जा हाइड्रोजन के हिलियम में परिवर्तित होने की प्रक्रिया द्वारा प्राप्त करते हैं।