सामाजिक प्रभाव

अगर बाल लिंगानुपात अगले 20-30 वर्षों तक ऐसे ही बढ़ता रहा तो शादी के लिए लड़कियाें का मिलना मुश्किल हो जाएगा। दुल्हनों को खरीदने की नौबत भी आ सकती है। दुल्हन खरीदने का काम पंजाब तथा हरियाणा में देखा जा सकता है। इन राज्यों में बिहार, झारखंड तथा पूर्वाेत्तर राज्यों से लड़कियों को शादी के लिए खरीदा जा रहा है। बहुपतित्व (Polyandry) भी बढ़ेगा। महिलाओं के विरुद्ध हिंसा और बढ़ेगी।

शर्म का विषय

सबसे पहले उस देश के लिए शर्म की बात है जहां बाल लिंगानुपात में तेजी से अंतर आ रहा है। यह हमारी ढ़ोंग को प्रदर्शित करता है कि हम स्त्रियों को देवी के रूप में मानते हैं किंतु वास्तविकता में नहीं। प्रधानमंत्री ने ठीक ही कहा था कि कन्या भ्रूण हत्या ‘मानसिक बिमारी' की पहचान है।